गुरुवार, 5 अगस्त 2021

यूके: 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा

पंकज कपूर              
देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार में 2010 में हुए पुस्तकालय घोटाले के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निगम से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि, वर्ष 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक ने विधायक निधि से करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए पैसा आवंटित किया था।
पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन तक का फाइनल पेमेंट कर दिया गया। लेकिन आजतक धरातल पर किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि, विधायक निधि के नाम पर विधायक ने तत्कालीन जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी समेत ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया गया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि, पुस्तकालय निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण सर्विसेस को दिया गया और विभाग के अधिशासी अभियंता के फाइनल निरीक्षण और सी.डी.ओ.की संस्तुति के बाद काम की फाइनल पेमेंट होती है, तो ऐसे में विभाग के अधिशासी अभियंता और सीडीओ. के द्वारा बिना पुस्तकालय निर्माण के ही अपनी फाइनल रिपोर्ट लगाकर पेमेंट कर दिया गया।
इससे स्पष्ट होता है कि, अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला हुआ है, लिहाजा पुस्तकालय के नाम पर हुए इस घोटाले की सी.बी.आई.जांच करवाई जाए।

मखाना भेल की रेसिपी को बनाने का जानिए तरीका

सावन का महीना हो, बरसात का मौसम हो चटपटा खाने का मन ना करे ये तो हो ही नहीं सकता। लेकिन ऐसे मौसम में ज्यादातर लोग बाहर का खाना अवॉयड कर घर पर ही तरह तरह की जायकेदार चीज़ें ट्राई करते हैं।ऐसे में हम भी आपके लिए एक बड़ी ही मजेदार रेसिपी लेकर आए हैं, जो न सिर्फ स्वाद में भरपूर है। बल्कि सेहत के नजरिये से भी लाजवाब है। इस मौसम में अगर आपको कुछ तीखा, चटाकेदार हेल्दी खाने का मन हो रहा है, तो आप घर पर मखाना भेल बना सकते है। टेस्ट के साथ साथ इसका नाम हेल्दी रेसिपीज में शुमार है।मखाना भेल की रेसिपी को बनाना काफी आसान है, तो चलिए जानते हैं इसे बनाने का तरीका।
घर पर ही आसानी से बनाएं ये डिटॉक्स ड्रिंक, फेफड़ों को रखती है बीमारियों से दूर।

मखाना भेल बनाने के लिए जरूरी सामग्री
1. भुनी हुआ मखाना - 200 ग्राम
2. मुरमुरे - 5 चम्मच
3. मूंगफली - 20 ग्राम भुनी हुई
4. प्याज - 1 कटा हुआ
5. बादाम काजू - 20 ग्राम भुने हुए
6. हरी मिर्च - 2 कटी हुई
7. टमाटर - 1 कटा हुआ
8. काला नमक - स्वाद के अनुसार
9. हरा धनिया - 1 चम्मच कटा हुआ
10. नींबू - 1
11. देसी घी - पैन ग्रीस करने के लिए
12. काली मिर्च - 1 चम्मच

Food Tips: लहसुन वाले आलू खाकर उंगलियां चाटते रह जाएंगे आप, जानिये मसालेदार रेसेपी

खट्टी मीठी चटनी बनाने के लिए जरूरी सामग्री
1. इमली - 10 ग्राम
2. गुड़ - 10 ग्राम
3. भुना जीरा पाउडर - 2 चम्मच
4. पानी - 500 मिली

20 करोड़ लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुईं: डब्ल्यूएचओ

वाशिंगटन डीसी। दुनियाभर में अब तक कुल 20 करोड़ लोगों में कोविड संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। अब संक्रमण के मामलों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताते हुए कहा है कि लोग अभी भी लॉन्ग कोविड यानी पोस्ट कोविड समसयाओं से पीड़ित हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस के संक्रमण के बाद की परेशानियों से जूझ रहे लोगों से (जो कोविड से उबर चुके हैं। उसके बावजूद) चिकित्सा सहायता लेने का अनुरोध किया है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि लॉन्ग कोविड महामारी के सबसे रहस्यमय पहलुओं में से एक है। इस स्वास्थ्य एजेंसी की कोविड -19 तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा, "कोविड के बाद का यह सिंड्रोम, या लॉन्ग कोविड, एक ऐसी चीज है, जिसके बारे में डब्ल्यूएचओ गंभीर रूप से चिंतित है।" उन्होंने कहा, "डब्ल्यूएचओ यह सुनिश्चित कर रहा था कि इसकी मान्यता है, क्योंकि यह वास्तविक है।"

तीसरी लहर की आशंका, सरकार ने तैयारी तेज की

नरेश राघानी                     
जयपुर। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए राजस्थान सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों व बच्चों के हाॅस्पिटल में चिकित्सा व्यवस्था मजबूत की जा रही है। आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। इसी बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव निरंजन आर्य को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि तीसरी लहर से बचना है तो मुहर्रम, ओणम, गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी, दुर्गापूजा सहित अन्य त्योहारों पर भीड़ रोकनी होगी। टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ानी हागी। केंद्रीय स्वस्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने पत्र में कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।

सीएम ने दिशा-निर्देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए

तिरुवनंतपुरम। केरल के लोगों पर कर्नाटक द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर यात्रा प्रतिबंध लगाने के कुछ दिन बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र के दिशा-निर्देशों के खिलाफ जा कर ताजा प्रतिबंध लगाए गए हैं। विजयन ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, राज्यों को अपनी सीमाओं को बंद कर यात्रा प्रतिबंध नहीं लगाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा, “कर्नाटक सरकार की ओर से लगाए गए नए प्रतिबंध केंद्र सरकार के निर्देश के खिलाफ हैं।” आईयूएमएल के विधायक एम के एम अशरफ के एक अभिवेदन का जवाब देते हुए विजयन ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं कि विभिन्न उद्देश्यों से पड़ोसी राज्य की यात्रा करने वाले केरल के लोगों को प्रतिबंधों के कारण कोई कठिनाई न हो।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल कांत ने कर्नाटक में अपने समकक्ष से संपर्क किया है। पड़ोसी राज्य द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का विवरण देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने केरल के लोगों को पड़ोसी राज्य में प्रवेश करने के लिए आरटी-पीसीआर पद्धति से कराई गई जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी कर दी है, जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी न हो।

कृषि कानूनों को निरस्त कर सम्मान लौटाना होगा

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर देश की खाद्यान सुरक्षा को बनाए रखना है तो तीनों नए केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करके किसानों का सम्मान लौटाना होगा। उन्होंने ट्वीट किया, ”किसान फसल उगाता है। महामारी में भी अन्न कम नहीं होने देता। लेकिन धन्यवाद मोदी को ? मोदी जी तो काले कृषि कानून लाए हैं। जिससे देश की खाद्यान्न शक्ति को ही खतरा है।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ट्वीट किया, ”यदि देश की खाद्यान्न सुरक्षा बनाए रखना है तो इन कृषि कानूनों को रद्द करके किसानों का सम्मान वापस लौटाना होगा।” प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना उस वक्त साधा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक वृहद अभियान की शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर वाराणसी कुशीनगर झांसी सुल्तानपुर और सहारनपुर के निवासी कुछ लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेस के जरिए बातचीत की।

देश में 645 बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश भर में 645 बच्चों ने कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो दिया। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा दी की गई जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2021 से 28 मई 2021 तक कुल 645 बच्चों ने कोविड महामारी में अपने माता-पिता को खो दिया।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे बच्चों की सहायता के लिए ‘पीएम केयर्स’ बाल योजना की घोषणा की है। 
जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण अपने दोनों माता-पिता या कानूनी अभिभावक खो दिए हैं। इस योजना में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए सहायता का प्रावधान है और यह प्रत्येक बच्चे के लिए दस लाख रुपए के कोष का निर्माण करेगी जब उनकी आयु 18 साल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की संख्या आंध्र प्रदेश में 119 व गुजरात में 45 है। जबकि मध्य प्रदेश में 73, महाराष्ट्र में 83 और उत्तर प्रदेश में 158 है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...