गुरुवार, 29 जुलाई 2021

सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्‍त तेजी आईं, उछाल

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। बुलियन मार्केट में सोने-चांदी की कीमतों में गुरुवार को जबरदस्‍त तेजी देखी गई। ग्‍लोबल मार्केट में कीमतों में उछाल का असर घरेलू सराफा बाजार में देखा गया। 29 जुलाई को 24 कैरेट शुद्ध सोने का हाजिर भाव 382 रुपये उछलकर 46,992 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। सोने के साथ-साथ चांदी ने भी चमक बिखेरी। चांदी का बुलियन मार्केट में भाव 1,280 रुपये की जोरदार उछाल के साथ 66,274 रुपये प्रति किलो के स्‍तर पर पहुंच गया। हाजिर भाव के अलावा, सोने-चांदी के वायदा भाव में भी उछाल रहा। एमसीएक्स पर सोना 48,100 रुपये और चांदी 67,800 के स्‍तर को पार कर गए।

इससे पिछले ट्रेडिंग सेशन में बुलियन मार्केट में सोना 46,610 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 64,994 रुपये प्रति किलो के स्‍तर पर थी। एचडीएफसी सिक्‍युरिटीज के सीनियर एनॉलिस्‍ट (कमोडिटीज) तपन पटेल का कहना है कि कॉमेक्‍स (न्‍यू यार्क कमोडिटी एक्‍सचेंज) में दाम बढ़ने का असर दिल्‍ली सराफा बाजार पर देखा गया। यहां 24 कैरेट गोल्‍ड 382 रुपये प्रति दस ग्राम उछल गया।

बाघ दिवस के अवसर पर 'टीएस' मान्यता प्रदान की

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। केंद्र ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर देश के 14 बाघ रिजर्व को ‘सीए-टीएस’ मान्यता प्रदान की। सीए-टीएस या संरक्षण आश्वासित-बाघ मानक, वैश्विक रूप से स्वीकृत व्यवस्था है। जो बाघों के प्रबंधन के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवहार एवं मानदंड स्थापित करता है तथा मानक प्रगति के लिए आकलन को प्रोत्साहित करता है। देश के जिन 14 बाघ रिजर्व को यह मान्यता दी गई है। उनमें मानस टाइगर रिजर्व, काजीरंगा टाइगर रिजर्व और ओरांग टाइगर रिजर्व (तीनों असम में) , मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, कान्हा टाइगर रिजर्व और पन्ना टाइगर रिजर्व शामिल है।

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ”बाघों की आबादी एक बखूबी संतुलित पारिस्थितिकी का संकेतक है। बाघ दिवस के अवसर पर, हम ना सिर्फ अपने बाघों को बचा रहे हैं बल्कि पारिस्थितिकी और अपने वनों की भी रक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”इन 14 टाइगर रिजर्व के अलावा तीन अन्य भी हैं जिनके लिए हम सीए-टीएस मान्यता हासिल करना चाहते हैं। हम अपने सभी 51 टाइगर रिजर्व के लिए यह मान्यता और उन्हें संरक्षित बनाए रखना चाहते हें।” गैर सरकारी संस्था वर्ल्ड वाइड फंड, इंडिया के मुताबिक सीए-टीएस को बाघों की आबादी वाले सात देशों में 125 स्थानों पर क्रियान्वित किया जा रहा है।

भारत में ढाई लाख गुर्दा प्रत्यारोपण की जरूरत हैं

राणा ओबरॉय               

चंडीगढ़। भारत में सालाना लगभग ढाई लाख गुर्दा प्रत्यारोपण की जरूरत है। लेकिन जागरूकता की कमी और गुर्दा अनुपलब्धता के कारण इस समय केवल लगभग छह हजार ही ऐसे प्रत्यारोपण हो पा रहे हैं। ग्रेशियन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के गुर्दा रोग से जुड़े विशेषज्ञों ने यह जानकारी देते हुये बताया कि देश में गुर्दा रोगों और इनके प्रत्यारोपण को लेकर जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।

अस्पताल के गुर्दा प्रत्यारोपण विशेषज्ञ सुमीत देवगन ने कहा कि लाइव डोनर से गुर्दा प्रत्यारोपण करने में भारत का दुनिया में दूसरा स्थान है। क्योंकि यहां लगभग 95 प्रतिशत प्रत्यारोपण जीवित डोनर से होता है। जबकि केवल पांव प्रतिशत कैडवर (मृतक) से हो रहा है। कम से कम पांच लाख से अधिक भारतीय हर साल अपने मुख्य कार्य अंगों के विफल होने के कारण मर रहे हैं। लाइव और कैडेवर डोनर के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इससे मानवांगों की जरूरत और आपूर्ति के बीच भारी असमानता को भी दूर किया जा सकता है। इसके अलावा हर वर्ष दुर्घटनाओं में मरने वाले लगभग चार लाख लोगों के अंग प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध हों तो अनेक लोगों की जान बचाई जा सकती है।

राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित की

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। राज्यसभा ने विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच आज फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक 2021 संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। इससे पहले भी हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही पहले बारह बजे और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी।
दो बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई उप सभापति हरिवंश ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह विधेयक पेश करने को कहा। वित्त मंत्री के खड़े होते ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। वाम दलों तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी जगह पर खड़े थे। हरिवंश ने सदस्यों से अपनी जगह पर जाने की अपील की लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
इस बीच सीतारमण ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि इस विधेयक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिये अतिरिक्त रास्ते सुलभ कराने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में यूके सिन्हा समिति की सिफारिशों के आधार पर तीन संशोधन लाये गए हैं। विधेयक को गत सितम्बर में स्थायी समिति को भेजा गया था और सरकार ने समिति की सभी सिफारिशों तथा सुझावों को इस विधेयक में शामिल किया है।
राज्यसभा में वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग को इससे लाभ मिलेगा। विधेयक में संशोधनों से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों की प्रत्यय सुविधा प्राप्त करने के लिये और रास्ते उपलब्ध कराकर खासतौर पर व्यापार से प्राप्त होने वाली आय के माध्यम से सहायता प्रदान करने की बात कही गई है।
विधेयक में कहा गया है कि कार्यशील पूंजी की उपलब्धता में वृद्धि से सूक्ष्म, लधु और मध्यम उपक्रमों से जुड़े क्षेत्र के कारोबार में वृद्धि और देश में रोजगार को बढ़ावा मिल सकेगा। इसमें फेक्टर कारोबार और प्राप्तव्यों की परिभाषा में संशोधन करने की बात कही गई है ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की परिभाषा के अनुरूप लाया जा सके।
विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
पेगासस जासूसी कांड, महंगाई और कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के चलते गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तीसरी बार पीठासीन अधिकारी किरीट प्रेमजी भाई सोलंकी ने सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू की कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों समेत कई विपक्षी दलों के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए आसान के इर्द गिर्द जमा हो गए। विपक्षी दलों के शोर शराबे के बीच ही बिना चर्चा के भारतीय विमानपत्‍तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण संशोधन अधिनियम 2021 और अंतर्देशीय पोत विधेयक-2021 को लोकसभा से पारित करवाया गया।
इस बीच हंगामा कर रहे सदस्यों ने कार्यवाही में रुकावट पैदा करने की कोशिश की। सदन में हंगामा बढ़ता देख पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाया और विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज से जुड़े महत्वपूर्ण कागज़ात सभा पटल पर रखवाए। बाद में सदन में शोर शराबा बढ़ता देख कार्यवाही को सवा बारह बजे से दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया।
पूर्वाह्न सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पेगासस जासूसी कांड, महंगाई और कृषि कानूनों के मुद्दे पर हंगामे के दौरान कल आसन की तरफ़ कागज़ फेंकने की घटना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोंकझोंक हुई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को हुई घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि इस प्रकार की घटना संसदीय लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है।
उन्होंने सदस्यों से सदन की गरिमा बनाने की अपील करते हुए कहा, “आसन की अवमानना करना हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है, हम संसद की गरिमा का ध्यान नहीं रखेंगे तो हमारा लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा। मेरी कोशिश होती है कि सभी सदस्यों को अपने विषय रखने का पर्याप्त समय और अवसर दूं और उनको यथोचित सम्मान भी दूं, उनका सम्मान भी रहे यह मेरी जिम्मेदारी है। क्या आप कल की घटना को संसदीय गरिमा के अनुरूप मानते हैं, क्या इसे न्यायोजित मानते हैं।
हम इसे लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं और हम सबका विश्वास रहता है कि आसन सबके साथ न्याय करेगा। अगर कभी आसन पर कोई प्रश्न हो तो आप चेंबर में आकर कहें, मैं कोशिश करूंगा कि आसन की गरिमा को बनाने के लिए आपके सुझाव मानूं। लेकिन हम सबको सामूहिक रूप से निर्णय करना होगा कि कैसे लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ा सकते हैं।”
बिरला ने कहा, “आप एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था हैं और लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, आपसे आग्रह है कि अगर आप उचित समझते हैं तो किस तरह मिलकर इस सदन की गरिमा को बढ़ा सकते हैं इसका सामूहिक प्रयास करना चाहिए। लगातार कई सदस्य घटनाओं की पुनरावृति कर रहे हैं, मैं ऐसे सदस्यों से आग्रह करता हूं कि ऐसी घटनाओं ना दोहराएं जो संसद की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। अगर ऐसी घटनाएं दोहराई जाएंगी तो संसद की मर्यादा को बनाए रखने के लिए ऐसे सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी।”
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आसन की गरिमा को बनाए रखने के लिए सारे विपक्षी दल शुरू के दिन से सहयोग कर रहे हैं। इसी के बदौलत संसद की कामकाज की उत्पादकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सदन में सरकार हमें अपनी बात नहीं रखने दे रही है। इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए कल की घटना पर बोलें। कल की घटना पर माफ़ी माँगनी चाहिए। आसन पर और मेरे ऊपर काग़ज़ फेंकना क्या यह सही है।
इस बात पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोंकझोंक होने लगी जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही साढ़े ग्यारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी। गौरतलब है कि पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों समेत अन्य मुद्दों को लेकर लोकसभा में कल विपक्ष ने हंगामा किया और इस दौरान पीठासीन सभापति के आसन की तरफ काग़ज़ फेंके गए।

बांग्ला: बारिश ने शिविरों को बुरी तरह प्रभावित किया

ढाका। दक्षिणी बांग्लादेश में कई दिनों तक हुई भारी बारिश ने रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और हजारों लोगों को अपने रिश्तेदारों के यहां या सामुदायिक शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बताया कि बांग्लादेश में महज बुधवार तक पिछले 24 घंटों में कॉक्स बाजार जिले में 30 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश हुई, जहां शिविरों में 80,000 से ज्यादा रोहिंग्या रह रहे थे। जुलाई में होने वाली औसतन बारिश की करीब आधे से ज्यादा के बराबर बारिश एक दिन में हुई जबकि अगले कुछ दिनों और भारी बारिश होने तथा मॉनसून के अगले तीन महीनों तक जारी रहने का अनुमान है।
एजेंसी ने कहा, “स्थिति कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण और बिगड़ गई है। देश में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर फिलहाल सख्त राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू है।” एजेंसी ने कहा कि वह इस हफ्ते की शुरुआत में शिविरों में छह लोगों की, बारिश के कारण हुए भूस्खलन में पांच लोगों की मौत होने और बाढ़ के पानी में एक बच्चे के बह जाने से दुखी है।
एजेंसी ने एक बयान में बताया कि शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने शुरुआती रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 12,000 से ज्यादा शरणार्थी भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं जबकि 2,500 शिविरों के क्षतिग्रस्त होने या तबाह होने के अनुमान हैं। 5,000 से ज्यादा शरणार्थियों को सगे संबंधियों के आश्रय स्थलों पर या सामुदायिक केंद्रों में भेज दिया गया है। शरणार्थियों को खाने या ठीक से पानी पीने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

वकील के अभिवेदन के बाद याचिका वापस, अनुमति

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने 5G वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी के खिलाफ उनका मुकदमा खारिज करने के संबंध में उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका बृहस्पतिवार को वापस ले ली। न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने चावला के वकील दीपक खोसला के अभिवेदन के बाद याचिका वापस लेने की अनुमति दी। अदालत ने कहा, ”वादी (चावला) के वकील अपीली न्‍यायालय में समाधान प्राप्‍त करने की स्‍वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेना चाहते हैं। याचिका वापस लेने की इजाजत देते हुए इसे खारिज किया जाता है।
अभिनेत्री ने इस अनुरोध के साथ याचिका दायर की थी कि 5जी के खिलाफ उनके मुकदमे को ”खारिज” घोषित किए जाने के बजाय ”अस्वीकार्य” घोषित किया जाए। चावला के वकील ने दलील दी कि वाद “मुकदमे के स्तर तक कभी नहीं पहुंचा ” और उसे केवल दीवानी प्रक्रिया संहिता के तहत अस्वीकार या वापस किया जा सकता है, लेकिन खारिज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने चावला पर 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी को चुनौती देने के मामले में कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था और उन पर 20 लाख का जुर्माना भी लगाया था। जुर्माने की राशि जमा करने के लिए उन्हें एक सप्ताह का समय दिया था।चावला ने अदालती फीस की वापसी की याचिका भी वापस ले ली थी। अदालत ने जून में, चावला और दो अन्य लोगों द्वारा 5G लाने के खिलाफ दायर मुकदमे को “दोषपूर्ण”, “कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग” बताया था और कहा था कि इसे “प्रचार हासिल करने” के लिए दायर किया गया था। न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने कहा था कि जिस वाद में 5जी प्रौद्योगिकी के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल उठाए गए हैं, वह “सुनवाई योग्य नहीं है” और यह “अनावश्यक चौंका देने वाले , तुच्छ और परेशान करने वाले बयानों से भरा हुआ है” जो खारिज किए जाने योग्य हैं।

वकील के अभिवेदन के बाद याचिका वापस, अनुमति

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने 5G वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी के खिलाफ उनका मुकदमा खारिज करने के संबंध में उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका बृहस्पतिवार को वापस ले ली। न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने चावला के वकील दीपक खोसला के अभिवेदन के बाद याचिका वापस लेने की अनुमति दी। अदालत ने कहा, ”वादी (चावला) के वकील अपीली न्‍यायालय में समाधान प्राप्‍त करने की स्‍वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेना चाहते हैं। याचिका वापस लेने की इजाजत देते हुए इसे खारिज किया जाता है।
अभिनेत्री ने इस अनुरोध के साथ याचिका दायर की थी कि 5जी के खिलाफ उनके मुकदमे को ”खारिज” घोषित किए जाने के बजाय ”अस्वीकार्य” घोषित किया जाए। चावला के वकील ने दलील दी कि वाद “मुकदमे के स्तर तक कभी नहीं पहुंचा ” और उसे केवल दीवानी प्रक्रिया संहिता के तहत अस्वीकार या वापस किया जा सकता है, लेकिन खारिज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने चावला पर 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी को चुनौती देने के मामले में कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था और उन पर 20 लाख का जुर्माना भी लगाया था। जुर्माने की राशि जमा करने के लिए उन्हें एक सप्ताह का समय दिया था।चावला ने अदालती फीस की वापसी की याचिका भी वापस ले ली थी। अदालत ने जून में, चावला और दो अन्य लोगों द्वारा 5G लाने के खिलाफ दायर मुकदमे को “दोषपूर्ण”, “कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग” बताया था और कहा था कि इसे “प्रचार हासिल करने” के लिए दायर किया गया था। न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने कहा था कि जिस वाद में 5जी प्रौद्योगिकी के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल उठाए गए हैं, वह “सुनवाई योग्य नहीं है” और यह “अनावश्यक चौंका देने वाले , तुच्छ और परेशान करने वाले बयानों से भरा हुआ है” जो खारिज किए जाने योग्य हैं।

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