गुरुवार, 24 जून 2021

किसान नेता टिकैत ने केन्द्र सरकार पर कसा तंज

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत ने केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि 7 माह से किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है। क्या सरकार को यह सुनकर शर्म नहीं आती। इससे पूर्व ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए राकेश टिकैत ने कहा था कि 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं है और 25 लाख किसान भी यहीं हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि ये 4 लाख ट्रैक्टर और 25 लाख लोग यहां हैं। ये ट्रैक्टर इसी देश के हैं और अफगानिस्तान से नहीं आए हैं। हम पिछले 7 महीनों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, क्या सरकार को यह सुनकर शर्म नहीं आती कि किसानों का क्या कहना है। यह लोकतंत्र में काम नहीं करता। राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया इससे पहले तंज कसते हुए कहा था कि चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं और 25 लाख किसान भी यहीं हैं। उन्होंने यह ट्वीट करते हुए बिल वापसी ही घर वापसी का हैशटेग का यूज करते हुए लिखा था कि 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं है।

दिल्ली के ढब को खड़े-खड़े घे करें वे। वो 25 लाख किसान भी यही हैं औश्र 26 तारीख भी हर महीने आती है। ये सरकार याद रख लें। कुछ दिनों पहले राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से कोलकाता में किसानों से जुड़े मामलों पर वार्ता की थी। ममता ने इस बैठक में किसान नेताओं को नये कृषि कानूनों के विरूद्ध आंदोलन के समर्थन करने का आश्वासन दिया था। इसके साथ-साथ ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्यों को निशाना बनाना संघीय ढांचे के लिये अच्छी बात नहीं है।

अबदुल्ला ने मीटिंग से पहले पीएम मोदी से वार्ता की

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दिल्ली में जम्मू कश्मीर के मसले को लेकर बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंच गये है। उन्होंने इस मीटिंग से पहले पीएम मोदी से वार्ता की है। बैठक में जम्मू कश्मीर के सभी दलों के नेताओं से पीएम मोदी बात करेंगे। इस मीटिंग में फारूक अब्दुल्ला शामिल होने के लिये दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा है कि हमें पाकिस्तान के बारे में वार्ता नहीं करनी है। हमें अपने वतन को लेकर गुफ्तुगू करनी है। उन्होंने कहा है कि जो भी हमारी मीटिंग में वार्ता होगी। इसकी जानकारी हम मीडिया को देंगे।

फारूक अब्दुल्ला ने एक निजी चैनल को बातचीत के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से बुलाई गई बैठक जाने का भी वेलकम किया है। उन्होंने कहा है कि यह देर से आने लेकिन दुरूस्त आने जैसा है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि हम उम्मीद करेंगे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हम लोगों की बात को शांति से सुनकर कोई ऐसा समाधान निकाले कि जिससे प्रदेश में शांति कायम हो सके। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि बैठक के बाद हम मीडिया को इस बारे में जानकारी देंगे कि हमने क्या प्रस्ताव रखें और क्या वार्ता हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि हम चाहते तो आसमान हैं लेकिन अभी पीएम मोदी से बात करेंगे ताकि सूबे में अमनक कायम हो सके।

गौरतलब है कि इसी हफ्ते गुपकार अलायंस की बैठक के पश्चात मुफ्ती महबूबा ने कहा था कि कश्मीर के मामले पर केन्द्र सरकार को पाक से भी वार्ता करनी चाहिए। इस दौरान महबूबा ने कहा था कि यदि सरकार अफगानिस्तान में तालिबान से बात कर सकी है तो कश्मीर के मसले पर पाक से वार्ता क्यों नहीं कर सकमी। जम्मू कश्मीर मुफ्ती महबूबा की इस बयान पर विरोध कर रहा है। इतना ही नहीं बल्कि डोगरा फ्रंट संगठन से जुडे लोग सड़कों पर उतरकर महबूबा को कारागार भेजने की मांग कर रहे हैं।

मौतों के आंकड़ों पर राजनीति करने का आरोप लगाया

हरिओम उपाध्याय           

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्षी पर कोविड से हुई मौतों के आंकड़ों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी कर कुछ असामाजिक तत्व सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लग गए हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के बाद तथ्यों और आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जिसके बाद से सोशल मीडिया पर यह मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पहले वैक्सीन और अब मौत के आंकड़ों की राजनीति करना शुरु कर दिया है। बौखलाया विपक्ष उत्तर प्रदेश की जनता के बीच सिर्फ भ्रम की स्थिती पैदा कोशिश कर रहा है। विभाग की ओर से जारी आकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया पर आंकड़ों का हेरफेर कर यूपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही

काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि एक तथाकथित एक्टिविस्ट ने आरटीआई में सरकार से पूछा कि जुलाई 2019-मार्च 2020 और जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक उत्तर प्रदेश में कुल कितनी मौतें हुई है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इन आंकड़ों को कोरोना से जोड़ुने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में कुल 103000, फरवरी 2021 में 99100, मार्च 2021 में 70797 मौतें हुई हैं। वहीं अप्रैल 2021 में 61986 मौतें हुई है। गौर करने वाली बात है कि जिन आंकड़ों को कोविड के साथ जोड़ा जा रहा है वो गलत है क्योंकि कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक ही थी, वहीं दूसरी लहर की बात की जाए तो अप्रैल 2021 से कोविड के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन लोगों के आंकड़ों में हेराफेरी की है, उन्हें अप्रैल का आंकड़ा भी उजागर करना चाहिए था।

विभाग की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 में मौतें ज्यादा हुई लेकिन वो कोरोना से नहीं हुई। क्योंकि कोविड की दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आनी शुरु हुई थी और अप्रैल की आंकड़े इस महीनों से काफी कम है। उत्तर प्रदेश सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने कोविड को लेकर समय रहते अस्पतालों में बेड्स की संख्या और टेस्टिंग की क्षमता को तेजी से बढ़ाया है।

आबादी में जागरूकता फैलाने के लिए सहयोग मांगा

हरिओम उपाध्याय     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त ग्राम प्रधानो से कोरोना वैक्सीनेशन और संक्रामक बीमारियों के प्रति ग्रामीण आबादी में जागरूकता फैलाने के लिये सहयोग मांगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी ग्राम प्रधानो को पत्र लिख कर अपील की है कि वे ' मेरा गांव-कोरोना मुक्त गांव' के ध्येय को साकार करने के लिये सक्रिय योगदान करें। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर को गांव में नियंत्रित करने के लिये निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 

अब संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिये टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान निगरानी समितियों से समन्वय स्थापित कर न सिर्फ कोरोना बल्कि जेई और एईएस समेत अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिये गांवों में विशेष सफाई,स्वच्छता एवं फागिंग अभियान को अपने निर्देशन में आयोजित करेंं और शुद्ध पेयजल की जरूरत के संबंध में लोगों को जागरूक करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्राम प्रधान कोरोना से बचाव के लिये जरूरी टीकाकरण के संबंध में जन सामान्य को प्रेरित करें और उनकी शंकाओं का समाधान करें। 

27 जून से निगरानी समितियों के माध्यम से कोरोना के लक्षणयुक्त बच्चों की पहचान कर विशेष कोरोना मेडिसिन किट का वितरण करें। ग्राम प्रधान वृक्षारोपण के महा अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें और गांव की हर उपयुक्त एवं खाली जमीन पर वृक्षारोपण की प्रक्रिया को आगे बढायें।

चैंपियनशिप मुकाबले में भारत को 8 विकेट से हराया

साउथम्पटन। न्यूजीलैंड ने साउथैंप्टन के द रोज बाउल में खेले गए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भारत को आठ विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही न्यूजीलैंड विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गई। भारत ने दूसरी पारी में न्यूजीलैंड को जीत के लिए 139 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे उसने दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।
न्यूजीलैंड के लिए कप्तान केन विलियमसन ने 89 गेंदो में आठ चौको की मदद से नाबाद 52 रन बनाए। वहीं रॉस टेलर ने 100 गेंदो में छह चौको के साथ नाबाद 47 रनों की पारी खेली। इससे पहले गेंदबाजी में टिम साउथी ने चार और ट्रेंट बोल्ट ने तीन विकेट लिए, और भारत को महज़ 170 रनों पर ऑलआउट कर दिया।

पहली पारी में 32 रनों से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 170 रनों पर सिमट गई थी। दूसरी पारी में भारत के लिए ऋषभ पंत ने सबसे ज्यादा 41 रन बनाए। उन्होंने 88 गेंदो की अपनी पारी में छह चौके लगाए। इसके अलावा रोहित ने 30, शुभमन गिल ने आठ, कोहली ने 15, पुजारा ने 13, रविंद्र जडेजा ने 16, अश्विन ने सात और शमी ने 13 रन बनाए। वहीं इशांत शर्मा एक रन बनाकर नाबाद रहे। न्यूजीलैंड के लिए दूसरी पारी में टिम साउथी ने 48 रन देकर चार और ट्रेंट बोल्ट ने 39 रन देकर तीन विकेट लिए। इसके अलावा काइल जैमीसन को दो और नील वैगनर को एक विकेट मिला।

वकील के मुकदमें खास जज के सामने न लगाये जाएं

बृजेश केसरवानी              
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चीफ जस्टिस मास्टर आफ रोस्टर है। उन्ही के प्राधिकार से मुकद्दमों की सूची निबंधक कार्यालय तैयार करता है। यह चीफ जस्टिस का अधिकार है कि कौन-सा मुकद्दमा किस जज के समक्ष सुनवाई के लिए लगाया जाएंं। हाईकोर्ट अपनी रजिस्ट्री को यह आदेश नहीं दे सकता कि किसी खास वकील के मुकदमें खास जज के सामने न लगाये जाए। 
कोर्ट ने याचिका को दिग्भ्रमित मानते हुए 20 हजार हर्जाने के साथ खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति ए के ओझा की खंडपीठ ने अधिवक्ता अरूण मिश्र की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि ऐसी मांग को लेकर हाईकोर्ट को पक्षकार बनाकर याचिका दाखिल की गयी है। याची का कहना था कि हाईकोर्ट के एक विशेष महिला जज के खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रपति को शिकायत की है। इसलिए उनके दाखिल मुकदमे उस जज की अदालत में  सुनवाई के लिए न लगाये जाए।

विदेशी खिलौनों की अत्याधिक मांग पर चिंता जताईं

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में विदेशी खिलौनों की अत्याधिक मांग पर चिंता जताते हुए कहा कि 100 अरब डॉलर के वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1.5 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि हम 80 प्रतिशत खिलौनों का आयात करते हैं। खिलौनों पर देश का करोड़ों रुपया बाहर जा रहा है। इस स्थिति को बदलने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से देश के पहले टॉयकैथॉन-2021 के समापन समारोह में प्रतिभागियों से संवाद कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इसमें उपस्थित थे।  22 जून को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और संजय धोत्रे ने इस तीन दिवसीय टॉयकैथॉन का उद्घाटन किया था। हिंसा केंद्रित ऑनलाइन गेम्स पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स आज मार्केट में उपलब्ध हैं, उनमें से अधिकतर का कॉन्सेप्ट भारतीय नहीं है। आप भी जानते हैं कि इसमें अनेक गेम्स के कॉन्सेप्ट या तो हिंसा को प्रमोट करते हैं या फिर मानसिक तनाव का कारण बनते हैं।

खिलौनों को लेकर गंभीर चर्चा को फिजूल बताने वालों को जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि बच्चे की पहली पाठशाला परिवार होता है। इस दौरान उनकी पहली किताब और पहले दोस्त ये खिलौने ही होते हैं। समाज के साथ बच्चे का पहला संवाद इन्हीं खिलौनों के माध्यम से होता है। मोदी ने कहा कि बीते 5-6 वर्षों में हैकाथॉन को देश की समस्याओं के समाधान का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार समय-समय पर कई हैकाथॉन आयोजित कर चुका है। इसमें कई छात्र समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हैं। यह पहला मौक है। जब खिलौना क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए टॉयकैथॉन आयोजित किया गया।

प्रधानमंत्री ने टॉय और गेमिंग उद्योग का आह्वान करते हुए कहा कि भारत के वर्तमान सामर्थ्य, कला-संस्कृति और समाज को आज दुनिया ज्यादा बेहतर तरीके से समझना चाहती है। इसमें हमारी टॉय और गेमिंग उद्योग बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते है। इस मौके पर शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत के खिलौना व्यापार को सभी आयु वर्गों के इनोवेटर और रिसर्चर के साथ जोड़कर एक नई दिशा प्रदान की जाए। टॉयकैथॉन के माध्यम से हमारा प्रयास है कि भारतीय परमपरा, इतिहास, संस्कृति और स्थानीय शहरों के अनुरूप खिलौनों का विकास हो सके।

उन्होंने बताया कि पहले टॉयकैथॉन में 14,130 टीमों ने पंजीकरण किया है और 17,770 विचार प्रस्तुत किये गये। छटनी के बाद 1567 टीमें ग्रैंड फिनाले में भाग ले रही हैं। विजेता टीम की घोषणा 26 जून को की जाएगी। विजेताओं को लगभग 60 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। टॉयकैथॉन का आयोजन शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से पांच अन्य मंत्रालयों के समन्वय से किया गया। इसमें महिला और बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), कपड़ा मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय शामिल हैं।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...