शुक्रवार, 18 जून 2021

6 आईएएस और 2 पीसीएस अधिकारियों के तबादले

पंकज कपूर                   
देहरादून। राज्य में अधिकारियों के तबादलों का सिलसिला जारी है। आज उत्तराखंड शासन ने 6 आईएएस और 2 पीसीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए है। आईएएस आशीष कुमार चौहान से प्रबंध निदेशक और उत्तराखंड परिवहन निगम का जिम्मा हटा लिया गया है। आईएएस अभिषेक रोहिल्ला को प्रबंध निदेशक और उत्तराखंड परिवहन निगम का जिम्मा सौंपा गया है। आईएएस नरेंद्र सिंह भंडारी से मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल का जिम्मा हटा प्रबंध निदेशक कुमाऊँ मंडल विकास निगम तथा उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 
आईएएस वरुण चौधरी से डिप्टी कलेक्टर देहरादून वापस लिया गया है और मुख्य विकास अधिकारी चमोली का पदभार दिया गया है। आईएएस संदीप तिवारी से डिप्टी कलेक्टर टिहरी लिया गया है और मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल का जिम्मा सौंपा गया है। आईएएस अंशुल सिंह से डिप्टी कलेक्टर उधम सिंह नगर का चार्ज हटाया गया है। पीसीएस ललित मोहन रयाल से आयुक्त गन्ना एवं चीनी काशीपुर का अतिरिक्त प्रभार हटा लिया है। पीसीएस हंसादत्त पांडे से मुख्य विकास अधिकारी चमोली का पदभार लिया गया और आयुक्त गन्ना एवं चीनी काशीपुर दिया गया है।

जमानत पाने वाले 3 छात्र कार्यकर्ताओं को नोटिस

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए को इस तरह से सीमित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसके पूरे भारत पर असर हो सकते हैं। इसी के साथ न्यायालय ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत पाने वाले तीन छात्र कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किये। न्यायालय ने जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि तीन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने वाले उच्च न्यायालय के फैसलों को मिसाल के तौर पर दूसरे मामलों में ऐसी ही राहत के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की अवकाशकालीन पीठ ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि अभी के लिए इन छात्र कार्यकर्ताओं को मिली जमानत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह दलील दी कि उच्च न्यायालय ने तीन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देते हुए पूरे आतंकवादी रोधी कानून यूएपीए को पलट दिया है। इस पर गौर करते हुए पीठ ने कहा कि हमारी परेशानी यह है कि उच्च न्यायालय ने जमानत के फैसले में पूरे यूएपीए पर चर्चा करते हुए ही 100 पृष्ठ लिखे हैं।उच्च न्यायालय ने 15 जून को जेएनयू छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कालिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दी थी। उच्च न्यायालय ने तीन अलग-अलग फैसलों में छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने से इनकार करने वाले निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था।

सेहत को दुरुस्त रखने के लिए करी पत्तें का जूस

सांभर, कढ़ी और चटनी जैसी चीजों का स्वाद बढ़ाने के लिए आपने करी पत्ते का छौंक तो कई बार लगाया होगा। खास कर दक्षिण भारतीय खाना तो इसके बगैर अधूरा-सा ही लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए करी पत्ते या इसके जूस का सेवन किया है ? दरअसल करी पत्ता केवल स्वाद के लिए ही इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ये सेहत को भी कई तरह से फायदे पहुंचाता है। इसमें मौजूद आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम, विटामिन ‘ए’ और  ‘बी’, अमीनो एसिड, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व सेहत को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।आइए मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जानते हैं कि करी पत्ते का जूस किस तरह से तैयार किया जाता है और ये सेहत को क्या-क्या फायदे पहुंचाता है।
करी पत्ते का जूस तैयार करने के लिए पंद्रह-बीस करी पत्तों को धोकर साफ़ कर लें। इनको मिक्सर में डालकर साथ में दो चम्मच पानी डालकर बारीक पीस लें। जब ये पेस्ट की तरह से बन जाये तो इसको मिक्सर जार में ही रहने दें और इसमें एक गिलास पानी डालकर फिर से मिक्सर चला दें। अब इसको चाय की छन्नी से गिलास में छान लें और इसका सेवन करें। करी पत्ते का जूस बनाने के लिए पंद्रह-बीस करी पत्तों को साफ पानी से धोकर एक गिलास पानी में तेज गैस पर उबलने रख दें। पांच मिनट तक उबालने के बाद इसको छन्नी से छान लें। अब इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और ठंडा या गर्म जैसे भी चाहें इसका सेवन करें।
करी पत्ते के जूस का सेवन करने से एनीमिया की दिक्कत दूर होती है। 
इसमें काफी मात्रा में आयरन और फोलिक एसिड होता है। जो एनीमिया को दूर करने में मदद करता है।
शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालकर बॉडी को डिटॉक्स करने का काम भी करी पत्ते का जूस बखूबी करता है। इसके साथ ही ये एक्स्ट्रा चर्बी को हटाने में भी काफी मदद करता है। वजन कम करने में करी पत्ते का जूस काफी मदद करता है। जो लोग जूस पीना पसंद नहीं करते हैं वो इसके पत्तों का सेवन भी खाने के साथ कर सकते हैं। ये चर्बी को घटाता है और इसमें मौजूद फाइबर बॉडी से टॉक्सिन बाहर करता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी करी पत्ते का जूस मदद करता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट इसमें मददगार साबित होते हैं। साथ ही ये मोतियाबिंद जैसी दिक्कत भी जल्दी नहीं होने देते हैं। आप चाहें तो जूस की जगह पत्तों का सेवन भी कर सकते हैं।
करी पत्ते के जूस का सेवन करने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही पेट में गैस, अपच जैसी दिक्कत को दूर करने में भी ये अच्छी भूमिका निभाता है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके डाइबिटीज के पेशेंट को राहत देता है। इसमें एंटी-डायबिटिक एंजेट की मौजूदगी शरीर में इंसुलिन की एक्टिविटी पर असर डालती है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है। साथ ही साथ करी पत्ते में मौजूद फाइबर भी डायबिटीज पेशेंट को फायदा पहुंचाता है। इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। इनकी पुष्टि नहीं करता है।इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

उज्जैन: बैठक में दर्शन को लेकर नई गाइडलाइन जारी

उज्जैन। कोरोना काल में बंद महाकाल मंदिर के पट 28 जून से खुलने जा रहे हैं। इसी को लेकर गुरूवार को कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंध समिति की बैठक की गई। इस बैठक में दर्शन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के मुताबिक अब श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी। इसके साथ ही दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या 24 से 48 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है। वहीं मंदिर में प्रवेश कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दिया जाएगा।
गाइडलाइन के अनुसार श्रद्धालुओं को दर्शन 7 स्लॉट में करवाए जाएंगे। यह स्लॉट सुबह 6 से लेकर रात 8 बजे तक चलेंगे। इसके अलावा मंदिर में फोटो या सेल्फी लेने पर भी प्रतिबंध रहेगा। भस्म और शयन आरती में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। नि:शुल्क अन्नक्षेत्र को आधी क्षमता के साथ जल्द शुरू किया जाएगा। गर्भगृह, नंदी हॉल में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंधित रहेगा। वहीं इस बैठक में इस साल होने वाले श्रावण महोत्सव को भी स्थगित करने का फैसला किया गया है। जानकारी के मुताबिक बैठक में प्रबंध समिति के सदस्य विनीत गिरि महाराज, नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, प्रदीप गुरु समेत कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

न्यूजीलैंड के बीच साउथंप्टन में शुरू होगीं टक्कर

 
अकांशु उपाध्याय                                
नई दिल्ली। जिसका दुनिया भर के करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों को इंतजार था, वह घड़ी आ गयी है। पिछले दो साल पहले शुरू हुई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप अपने आखिरी पड़ाव में है। और फाइनल के रूप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच आखिरी महा टक्कर अब से कुछ ही देर बाद इंग्लैंड के साउथंप्टन में शुरू होगी। हालांकि, मैच के पहले दिन फिलहाल साउथंप्टन में हल्की बारिश हो रही है, लेकिन इस मेगाफाइनल को लेकर दुनिया भर के खासकर भारतीय प्रशंसकों में गजब का उत्साह है और इसका सबूत साफ तौर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है। फैंस और पूर्व क्रिकेटर अपने-अपने  पसंदीदा टीम और खिलाड़ियों को लेकर सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। 
विचार-विमर्श पूरे जोश के साथ चल रहा है और इनके ट्वीट और वीडियो वायरल हो रहे हैं। बता दें कि टॉस भारतीय समयानुसार 2:30 पर होगा। जहां तक कोहली का सवाल है तो भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होने के बावजूद वह कोई खिताब अपने नाम नहीं कर पाये हैं। बतौर कप्तान उन्होंने अपना लोहा मनवाया है हालांकि महेंद्र सिंह धोनी से तुलना उनके लिये आसान नहीं रही है।  कोहली को एक अदद खिताब की जरूरत है। हर कप्तान को होती है लेकिन भारतीय कप्तान को सबसे ज्यादा है। भारत में सफलता का पैमाना खिताब माना जाता है और विश्व कप दिलाकर जिस तरह का सम्मान और प्यार धोनी को मिला, उसकी कमी कोहली को जरूर खल रही होगी। वह इस फाइनल के जरिये उस कमी को दूर करना चाहेंगे। दूसरी ओर विलियमसन के पास प्रतिभाशाली और दुनिया भर में क्रिकेटप्रेमियों के लाड़ले खिलाड़ियों की फौज है। भले ही वे भारत के खिलाफ खेल रहे हैं लेकिन विलियमसन के कवर ड्राइव, डेवोन कोंवे की आक्रामक बल्लेबाजी, ट्रेंट बोल्ट की गेंदबाजी को सराहने वालों की यहां कमी नहीं है। वे क्रिकेट के ‘भद्रजन’हैं। 
जो अपने खेल और आचरण से दिल जीतते आये हैं। विश्व कप फाइनल के बाद तो शायद ही कोई क्रिकेटप्रेमी होगा जो उनका मुरीद नहीं हो। भारतीय टीम की चुनौती उनके लिये आसान नहीं होगी। जीतने वाली टीम को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप गदा के साथ 16 लाख डॉलर इनामी राशि के तौर पर मिलेंगे। ऐसे कई क्रिकेटर हैं जो विश्व कप नहीं जीत सके और उनके लिये यह फाइनल विश्व कप से कम नहीं होगा। चेतेश्वर पुजारा अपने शरीर पर नील वेगनेर की शॉर्ट गेंदों को झेलने के लिये तैयार होंगे, आस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला के बाद अजिंक्य रहाणे का कद बढा है और वह इस लय को कायम रखना चाहेंगे। भारत ने जहां मैच के लिए अपनी फाइनल इलेवन का ऐलान कर दिया है, तो न्यूजीलैंड की अंतिम एकादश टॉस के बाद ही साफ हो पाएगी।

सबसे अधिक स्वीकार्य नेता हैं पीएम मोदी, लोकप्रियता

अकांंशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और वह दुनिया में सबसे अधिक स्वीकार्य नेता हैं। अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, स्वीकार्यता के मामले में नरेंद्र मोदी अब भी अन्य वैश्विक नेताओं की तुलना में आगे चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग 66 फीसदी है। डेटा के मुताबिक, कोरोना काल में भी वह पीएम मोदी अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, फ्रांस और जर्मनी सहित 13 देशों के अन्य नेताओं से बेहतर बने हुए हैं।
अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर में उनकी लोकप्रियता अथवा अप्रूवल रेटिंग में गिरावट देखी गई है, बावजूद इसके वह दुनिया में टॉप पर चल रहे हैं और अन्य वैश्विक नेताओं की तुनला में उनका प्रदर्शन बेहतर है। इस अप्रूवल रेटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी का नंबर आता है, जिनकी अप्रूवल रेटिंग 65 फीसदी है। वहीं तीसरी नंबर मैक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर हैं, जिनकी रेटिंग 63 फीसदी है।’ 
मॉर्निंग कंसल्ट’ नियमित रूप से विश्व के नेताओं की अप्रूवल रेटिंग को ट्रैक करता है। इसके मुताबिक, पीएम मोदी के बाद दूसरा स्थान अटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी (65%) ने हासिल किया, इसके बाद मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर (63%), ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (54%), जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल (53%), अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (53%), कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (48%), ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (44%), दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन (37%), स्पेनिश स्पेन पेड्रो सांचेज़ (36%), ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (35%), फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन (35%) और जापानी प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा (29%) हैं।
भारत में 2,126 वयस्कों के सैंपल साइज के साथ मॉर्निंग कंसल्ट ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए 66 प्रतिशत अप्रूवल दिखाया, जबकि 28 प्रतिशत ने उन्हें अस्वीकृत कर दिया। इस ट्रैकर को आखिरी बार 17 जून को अपडेट किया गया था। बता दें कि हर देश का अलग-अलग सैंपल साइज है। 

केंद्र और सरकार को नोटिस जारी किया: हाईकोर्ट

अकांंशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं होने और बाजारों में बिना मास्क पहने लोगों के घूमने के मामलों पर स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे। कोर्ट ने कहा कि बाजारों में दुकानदारों और वेंडर को इस मामले में जागरूक करने की जरूरत है। हाई कोर्ट ने एम्स अस्पताल के डॉक्टरों की ओर से व्हाट्सऐप पर भेजी गई तस्वीरों पर गौर करने के बाद इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...