मंगलवार, 8 जून 2021
14 दिन की बच्ची को ब्लैक फंगस, पहला मामला
पाक: परिवार के 4 लोगों की मौत पर प्रतिक्रिया दी
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी लोगों के प्रति दूसरे देशों में नफरत किस कदर बढती जा रही है। जब शाम को टहलने निकले एक पाकिस्तानी परिवार पर एक कनाडाई नागरिक ने अपना ट्रक चढा दिया। इस घटना में पाकिस्तानी परिवार के चार लोगों की मौत हो गयी है। घटना पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सहित अन्य नेताओ ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है। घटना रविवार की शाम की है, जब पाकिस्तानी मूल का एक परिवार अपने पांच सदस्यों के साथ टहलने निकला था। उसी समय एक 20 वर्षीय कनाडाई यूवक ने इस परिवार पर अपना पिकअप ट्रक चढा दिया।
बताया जाता है। इस घटना मे परिवार के पांच मे से चार सदस्यों की मौत हो गयी। हालाकिं घटना के बाद कुछ ही दूरी पर पुलिस ने हमलावर को गिरफतार कर लिया है। घटना पर पुलिस का मानना है कि घटना पूर्व नियोजित थी पाकिस्तानी परिवार को उसके धार्मिंक आस्था के कारण मारा गया है। वही कनाडा के राष्ट्पति ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस घटना से बहुत दुख है। उन्होनें कहा कि हम लंदन तथा देश के अन्य हिस्सो मे रहने वाले मुस्लिमों के साथ खडे हैं। इस तरह की घटनाओं की हमारे देश में कोई जगह नही है। इसे रूकना ही होगा।
पीएम आवास योजना के तहत शहरों में बन रहें मकान
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में जिस रफ्तार से मकान बन रहे हैं। उनसे निर्धारित अवधि में 1.12 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। देश के गरीब, अल्प व मध्यम आय वर्ग के लोगों की आवास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना का ऐलान किया था। इसके तहत देश 31 मार्च, 2022 तक 2 करोड़ किफायती मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन बाद में शहरों और गांवों की अलग-अलग आवश्यकताओं को देखते हुए स्कीम को पीएमएवाइ-शहरी और पीएमएवाइ-ग्रामीण दो भागों में बांट दिया गया।
पीएमएवाइ-शहरी के तहत 1.12 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। स्कीम की समीक्षा से पता चलता है कि शुरुआत के दो साल तो योजना की तैयारी में ही निकल गए थे। जबकि अंतिम दो सालों में कोरोना ने गड़बड़ कर दी। नतीजन अभी तक केवल लगभग 42 लाख मकान ही बन पाए हैं। जबकि 70 लाख में निर्माण कार्य शुरू हुआ है। हालांकि सरकार का पोर्टल इससे ज्यादा आंकड़े दिखा रहा है। लेकिन उसमें पुरानी एनआरयूएम स्कीम के आंकड़े जोड़ दिए गए हैं। लेकिन स्कीम की वास्तविक प्रगति का अंदाजा पोर्टल में ही दिए गए वित्तीय आंकड़ों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।
दूसरी लहर कमजोर, अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 0.44 प्रतिशत की संक्रमण दर के साथ कोविड-19 के 316 नए मामले सामने आए और 41 मौतें हुईं। मंगलवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या और संक्रमण दर में सोमवार के आंकड़ों से थोड़ी वृद्धि देखी गई। कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर होने के बाद दिल्ली सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की। जिसमें मॉल के साथ ही सोमवार से सम-विषम आधार पर बाजारों को खोलने की अनुमति दी गई।
सोमवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में कल कोविड-19 संक्रमण के 231 मामले आए थे, जो दो मार्च के बाद से सबसे कम है। जब संक्रमण दर 0.36 प्रतिशत थी। 36 मौतें हुई थी। नवीनतम बुलेटिन में कहा गया है कि एक दिन में 41 और लोगों की संक्रमण से मौत हुई जिससे यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 24,668 हो गई। रविवार को दिल्ली में 34 मौतें हुई थी, जो लगभग दो महीनों में सबसे कम थी और 0.5 प्रतिशत की संक्रमण दर के साथ 381 मामले आए थे।
लोगों ने 'ऑक्सीजन' की बुरी तरह किल्लत झेली हैं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को पीएम द्वारा देश के नाम दिए गए संबोधन में लोगों को भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया है। कोरोना काल में लोगों ने ऑक्सीजन की बुरी तरह किल्लत झेली है। जबकि पीएम अब उस समय देश में ऑक्सीजन की कमी होने से अभी तक भी इंकार कर रहे है।
मंगलवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर जिम्मेदार कौन अभियान की अगली कड़ी की पोस्ट में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि सोमवार को पीएम ने अपने संबोधन में कहा है कि मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। उधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी। प्रदेश सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि मरीजों को जरूरतभर ही ऑक्सीजन दे।
ज्यादा ऑक्सीजन ने दें। दूससी आगरा के अस्पताल में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के कहर के दौरान ऑक्सीजन खत्म थी और 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की गई। आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है की कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की भयावह होती स्थिति के दौरान देश के लोगों ने ऑक्सीजन की कमी झेली है और ऑक्सीजन के अभाव में अपनों को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देखा है। इसके बावजूद देश के पीएम और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी लोगों को भ्रामक जानकारी देते हुए अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
15 गाड़ियों को भेजकर आग बुझाने के काम में लगाया
विजय भाटी
गौतमबुद्ध नगर। सूरजपुर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में एक केमिकल फैक्ट्री में लगी आग ने थोड़ी ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। आग इतनी जबरदस्त थी कि देखते ही देखते उसने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। जानकारी मिलते ही दमकल की दर्जनभर से भी अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंची। घंटों तक पानी बरसाने के बाद आग पर पाया काबू पाया जा सका। अभी तक किसी के आग की चपेट में आकर घायल होने या हताहत होने की सूचना नहीं है। गलवार की सवेरे ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई।
जिसने देखते ही देखते भीषण रूप धारण करते हुए समूची फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। आसमान में उठते हुए धुंए के बादलों व आग की लपटों को देखकर आसपास के लोगों में दहशत पसर गई। औद्योगिक क्षेत्र की अन्य फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोग भी बाहर आ गए। मामले की जानकारी तुरंत ही दमकल विभाग को दी गई। दमकल विभाग ने 15 गाड़ियों को मौके पर भेजकर आग बुझाने के काम में लगाया। गौतमबुद्धनगर के सीएफओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आज सवेरे औद्योगिक क्षेत्र की साइट सी में आग लगने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने देखा कि आग केमिकल फैक्ट्री में लगी हुई है। दमकल विभाग की 15 गाड़ियों ने भीषण लपटों के बीच कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है। इस हादसे में किसी की जनहानि नहीं हुई है। आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि आग लगने की वजह शार्ट सर्किट हो सकती है।
परीक्षा शुल्क वापस न किए जाने का कोई कारण नहीं
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश सिंह ने उप-मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि बोर्ड परीक्षा को निरस्त कर दिए जाने के बाद परीक्षार्थियों का परीक्षा शुल्क वापस न किए जाने का कोई कारण नहीं दिखाई देता। जब परीक्षाओ के आयोजन पर होने वाले अधिकांश व्यय बच गये हों तो निश्चित रूप से परीक्षार्थियों का शुल्क उनके बैंक खातों में बोर्ड द्वारा अंतरित किया जाना चाहिए।
मंगलवार को प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ क कार्यकारी अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि परीक्षा शुल्क किसी भी दशा में एकमुश्त विद्यालयों को न दिया जाये। क्योंकि इससे उस धनराशि के दुरुपयोग होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। चूंकि छात्रवृत्ति हेतु अधिकांश परीक्षार्थियों के बैंक खाते खुले हुए हैं। जिसका पूरा लेखा-जोखा न केवल विद्यालय बल्कि विभाग के पास उपलब्ध है। इसलिए सम्बन्धित परीक्षार्थियों के खातों में शुल्क वापस करने में कोई कठिनाई भी नहीं है।
जिन परीक्षार्थियों के बैंक खाते उपलब्ध न हों, सम्बन्धित विद्यालयों के माध्यम से उनका बैंक खाता खुलवाते हुए उनका परीक्षा शुल्क वापस करने की व्यवस्था की जाय।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का यह स्पष्ट मानना है कि बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन हेतु की गयी तैयारियों पर हो चुके छोटे-मोटे व्यय काटकर शेष परीक्षा शुल्क वापस पाना परीक्षार्थियों का मौलिक अधिकार है और बोर्ड द्वारा उन्हें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। यदि परीक्षा शुल्क वापस करने में किसी तरह की आनाकानी बोर्ड या विभाग द्वारा की जाती है तो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ सड़क से लेकर न्यायालय तक इस लड़ाई को लड़ने के लिए विवश होगा जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व बोर्डध् विभाग एवं सरकार पर होगा।
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