शुक्रवार, 28 मई 2021

लक्षद्वीप: जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड का समूह

अकांशु उपाध्याय  

लक्षद्वीप। भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है। भारत के मालदीव के तौर पर विख्यात लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड हैं। लक्षद्वीप को अपने सुंदर, मनोहारी और सूरज को चूमते हुए समुद्री तटों और हरे भरे प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है। लेकिन इन दिनों देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक लक्षद्वीप के समंदर में सियासी ज्वार आया हुआ।

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल द्वारा मसौदा नियमों के रूप में पेश किए गए प्रशासनिक उपायों के खिलाफ लक्षद्वीप द्वीपसमूह में विरोध बढ़ रहा है। इसने यहां के साथ-साथ देश की राजनीति में भी उबाल ला दिया है। यह बवाल है यहां विकास के एजेंडे को लेकर लाए जा रहे सुधार कानूनों को दमनात्मक बताया जा रहा है।हालांकि, प्रशासन इसे विकास से जोड़ते हुए प्राकृतिक संरक्षण का हवाला देते हुए सुधारवादी बताया है। लेकिन पक्ष और विपक्ष यानी भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी आदि दलों के राजनेता भी इन नियमों और आदेशों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से

क्या है लक्षद्वीप का नया मसौदा?

  • पूर्व में गुजरात के गृह राज्य मंत्री रहे एवं वर्तमान में लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ापटेल द्वारा पेश मसौदे में ये प्रमुख नियम हैं …
  • लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 (LDAR) का मसौदा पेश किया, जो प्रशासक को विकास के उद्देश्य से किसी भी संपत्ति को जब्त करने और उसके मालिकों को स्थानांतरित करने या हटाने की अनुमति देता है।
  • असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टीविटीज (PASA) एक्ट भी पेश किया है, जो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से गिरफ्तारी का खुलासा किए बिना सरकार द्वारा एक साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
  • इसके अलावा, मसौदा पंचायत चुनाव अधिसूचना भी है जो किसी ऐसे व्यक्ति को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकती है जिसके दो से अधिक बच्चे हैं।
  • लक्षद्वीप पशु संरक्षण विनियमन भी है जो स्कूलों में मांसाहारी भोजन परोसने पर प्रतिबंध के साथ-साथ गोमांस की बिक्री, खरीद या खपत पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है।
  • साथ ही प्रशासक की ओर से प्रस्तावित नए मसौदा कानून के तहत लक्षद्वीप में शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है।

लक्षद्वीप के मसौदे पर विवाद क्यों है?

  • पक्ष और विपक्ष यानी लक्षद्वीप से एनसीपी सांसद समेत भाजपा और कांग्रेस के आदि दलों के राजनेता भी इन नियमों और आदेशों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। प्रशासक द्वारा क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान नष्ट करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  • द्वीपसमूह की 60,000 से अधिक आबादी के साथ अच्छी तरह से नीचे नहीं गया है, जिनमें से 90% मुस्लिम हैं और लगभग 95% अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत हैं।
  • इसके अतिरिक्त, कोविड -19 महामारी के मद्देनजर द्वीपों में किसी भी आगंतुक के लिए 14 दिनों के अनिवार्य संगरोध को हटाने के परिणामस्वरूप कोरोना के 6,800 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि क्षेत्र पिछले साल काफी हद तक कोविड-मुक्त था।
  • राजनेताओं का यह भी आरोप है कि यह सब, नए दमनकारी कानून एक ऐसे क्षेत्र में लागू किए जा रहे हैं, जहां 2019 तक हत्या और बलात्कार के मामले लगभग शून्य थे। हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, महिलाओं पर हमले के पांच मामले थे।

लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति

  • केरल के तटीय शहर कोच्चि से करीब 220 से 440 किमी दूर, पन्ना अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप एक जिला संघ राज्य क्षेत्र है और इसमें 12 एटोल, तीन रीफ, पांच जलमग्न बैंक और 10 बसे हुए द्वीप यानी आइलैंड हैं।
  • यह सभी द्वीप 32 वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र में फैले हुए हैं। लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती है और यह यहां का प्रमुख शहर भी है। यह भारत की सबसे शांतिपूर्ण जगह मानी जाती है।
  • लक्षद्वीप समूह के सभी द्वीप प्राकृतिक परिदृश्य, रेतीले समुद्र तट, वनस्पतियों और जीवों की बहुतायत और एक आरामदायक जीवन शैली के साथ लक्षद्वीप की शोभा और आकर्षण को बढ़ाती है।
  • हालांकि, लक्षद्वीप में प्रवेश सीमित है। यहां जाने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन से यात्रा के लिए परमिट यानी पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।
  • कोच्चि से संचालित जहाजों और उड़ानों द्वारा लक्षद्वीप तक पहुंचा जा सकता है। सभी पर्यटकों के लिए कोच्चि ही लक्षद्वीप का गेट-वे है।

एक नजर में लक्षद्वीप समूह

  • लक्षद्वीप समूह में 36 द्वीप हैं और यहां का कुल क्षेत्रफल 32.69 वर्ग किलोमीटर है।
  • लक्षद्वीप की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 64,473 है।
  • लक्षद्वीप की साक्षरता दर 91.82% है।
  • प्रशासनिक आधार पर लक्षद्वीप को एक जिला माना जाता है।
  • लक्षद्वीप में पहले चार तहसील थी, लेकिन अब 10 राजस्व उपखंड यानी रेवेन्यू सब डिवीजन बनाए गए हैं।
  • लक्षद्वीप में निवास योग्य 10 द्वीप ग्राम पंचायत हैं।

दूध में उबालकर पिए तुलसी, अधिक लाभ होगा

तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि कई तरह के गंभीर रोगों से भी छुटकारा मिलता है। कोरोना महामारी के समय लोग तुलसी की पत्तियों से बना काढ़ा पीकर अपने इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बना रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि तुलसी की पत्तियों को दूध में उबालकर पीने से यह और अधिक लाभकारी हो जाता है और बहुत से रोगों से आपको दूर रखता है। आइए आपको बताते हैं कि तुलसी मिलक पीने से आप किन बीमारियों से बच सकते हैं और इसे बनाने का सही तरीका और पीने का सही समय क्या है।

कैसे करें तुलसी मिल्क का सेवन-तुलसी मिल्क बनाने के लिए आपको सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध को उबालना है। दूध के उबलने पर इसमें 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उसे और थोड़ी देर उबालना है। जब दूध लगभग एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें। दूध के हल्का गुनगुना होने पर इसका सेवन करें। याद रखें इस दूध का नियमित सेवन करने से ही आपकी इम्यूनिटी स्टॉग बनेगी और आप कई तरह के रोगों से दूर रहेंगे।
तुलसी मिल्क किन रोगों से लड़ने में करता है मदद

माइग्रेन से राहत-दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से सिर दर्द या माइग्रेन जैसी बीमारियों में आराम मिलता है। अगर आप लंबे समय से इस समस्या से परेशान हैं हैं तो आप चाय की जगह रोजाना दूध में तुलसी के पत्ते डालकर पी सकते हैं।

तनाव व स्ट्रेस होता है दूर-तुलसी के पत्तों में न सिर्फ औषधीय गुण मौजूद होते हैं बल्कि इन पत्तियों में हीलिंग गुण भी शामिल होते हैं। यदि आप भी अपने ऑफिस के काम को लेकर टेंशन में हैं या फिर परिवार की कलह की वजह से डिप्रेशन जैसी समस्या से घिरे हुए हैं तो दूध में तुलसी की पत्तियों को उबालकर पिएं। ऐसा करने से डिप्रेशन की समस्या से उबरने में मदद मिलती है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद-कोरोना महामारी के दौर में हर व्यक्ति अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने की तरफ ध्यान दे रहा है। कोई भी रोग आपको तभी घेर सकता है जब आपकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में तुलसी के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुण सर्दी, खांसी और जुकाम से भी दूर रखते हैं।

दिल का रखता है ख्याल-दूध में तुलसी के पत्तों को उबालकर पीने से दिल भी स्वस्थ रहता है। रोजाना खाली पेट तुलसी मिल्क पीने से ह्रदय रोगियों को काफी फायदा मिलता है।

अस्थमा में लाभ-अगर आप सांस संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो तुलसी मिल्क जरूर पिएं। बदलते मौसम से होनी वाली परेशानियों से यह घरेलू नुस्खा दूर रखता है।

चक्रवात ‘यास’ से हुए नुकसान की समीक्षा की: पीएम

भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से राज्य के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। राज्यपाल गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। ज्ञात हो कि चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। ‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है। प्रधानमंत्री ओडिशा के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले में चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय के साथ मुख्यमंत्री ने हिंगलगंज, हसनाबाद, संदेशखली, पिनाखा और जिले के अन्य इलाकों में चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया। ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने देखा है कि अधिकतर क्षेत्र जलमग्न हैं। मकान और खेतों के बड़े भू-भाग जलमग्न हैं। इस संबंध में फील्ड सर्वेक्षण भी किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और खंड विकास पदाधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक भी की। पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना जिलों में कई इलाके चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित हैं। चक्रवात ‘यास’ बुधवार सुबह पड़ोसी ओडिशा के तट से टकराया था। इसके चलते इन जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश हुई और तेज चक्रवाती तूफान आये। बनर्जी बाद में दक्षिण 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित इलाकों और पूर्वी मेदिनीपुर में नतटीय शहर दीघा का भी दौरा करेंगी।

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए बंगाल के 2 मंत्री

मिनाक्षी लोढी                

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों- सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इन सभी को अंतरिम जमानत देते हुये कई शर्तें लगायीं हैं। पीठ ने चारों आरोपी नेताओं को दो-दो लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने का निर्देश दिया है। ये सभी नजरबंद हैं। पीठ ने उनसे मामले के संबंध में मीडिया में या सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया है कि जांच अधिकारियों द्वारा बुलाये जाने पर वे डिजिटल माध्यम से उनसे मुलाकात करें। कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश पर नारद स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही सीबीआई ने चारों नेताओं को 17 मई की सुबह को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को 17 मई को अंतरिम जमानत दी थी लेकिन उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंड पीठ ने बाद में फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इन नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। पांच न्यायाधीशों की पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश जिंदल और न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल थे।

कोरोना टीकाकरण को लेकर पीएम पर साधा निशाना

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से ‘नौटंकी’ की और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, उस कारण कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर ‘झूठ बोलने’ की बजाय सच्चाई देश को बतानी चाहिए तथा विपक्ष के सुझावों को सुनना चाहिए कि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है।

राहुल गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”कोरोना संकट को लेकर हमने एक के एक बाद सरकार को सलाह दी, लेकिन सरकार ने हमारा मजाक बनाया है। प्रधानमंत्री ने समय से पहले यह घोषित कर दिया कि कोरोना को हरा दिया गया है। सच्चाई यह है कि सरकार और प्रधानमंत्री को कोरोना समझ नहीं आया है और आज तक समझ नहीं आया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ”कोरोना एक बदलती हुई बीमारी है। इस वायरस को जितना समय आप देंगे, जितनी जगह देंगे यह उतना ही खतरनाक बनता जाएगा। मैंने पिछले साल कहा था कि कोरोना को समय और जगह मत दीजिए।”

लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया को शुरू करेंगा दिल्ली

अकांशु उपाध्याय                  

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली ने कुछ हद तक कोविड-19 की दूसरी लहर पर नियंत्रण पा लिया है और दिल्ली अब धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया को शुरू करेेंगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ जंग अभी समाप्त नहीं हुई है। 

मुख्यमंत्री ने कहा ”दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शुक्रवार को हुए एक बैठक में यह फैसला लिया गया कि लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाया जाएगा। इस प्रक्रिया में हमें निचले वर्ग – दिहाड़ी मजदूर, श्रमिकों, प्रवासी कामगारों का सबसे पहले ध्यान रखना होगा।” केजरीवाल ने कहा कि फैसला किया गया है कि कारखानों को खोला जाएगा और निर्माण गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।

अलीगढ़: जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौंत

हरिओम उपाध्याय             

अलीगढ़। यूपी में आबकारी विभाग और क्षेत्रिय पुलिस की लापरवाही के चलते जहरीली शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यही कारण है, हर दर्जनों के मौतों के बाद सिस्टम सोया रहता है। ताजा मामला यूपी के अलीगढ़ का है। जहां जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गयी हैं। वहीं इस घटना की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ​डीएम व आबकारी विभाग समेत गृह विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकर लगाते हुए रिपोर्ट तलब की है। 

गौरतलब है कि अलीगढ़ लोधा थाना क्षेत्र के गांव करसुआ में शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही दस से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। इन सभी ने गरुवार को शराब खरीदी थी। देर शाम इन सभी ने शराब का सेवन किया। इसके बाद से इनकी हालत बिगडऩे लगी। पुलिस ने शराब ठेका अपने कब्जे में ले लिया है। जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि शराब के सेवन के बाद जान गंवाने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मृतकों में दो करसुआ में एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...