शनिवार, 8 मई 2021

विमानवाहक पोत पर आग लगने की मामूली घटना

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। भारत के इकलौते विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर शनिवार को तड़के आग लगने की मामूली घटना हुई। लेकिन करवार में ड्यूटी पर तैनात क्रू की त्वरित कार्रवाई से उस पर काबू पा लिया गया। जहाज पर तैनात सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। नौसेना ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। नौसेना प्रवक्ता के अनुसार इस वक्त कारवार बंदरगाह पर तैनात आईएनएस विक्रमादित्य के सेलर एकामडेशन कंपार्टमेंट में आज तड़के अचानक आग लग गई। ड्यूटी स्टाफ ने उठ रही आग और धुएं को देखने के बाद फायर फाइटिंग ऑपरेशन लांच किया। तत्काल की गई इस कार्रवाई के बाद आग पर काबू पा लिया गया। 
 नौसेना के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में बताया कि आग बुझा दी गई है और पोत में सवार सभी कर्मी सुरक्षित हैं। बयान में कहा गया है कि जहाज में नौसैनिकों के रहने वाले हिस्से से धुआं उठते देख पोत के ड्यूटी कर्मियों ने आग को बुझाने के लिए तत्काल कार्रवाई की। पोत में सवार सभी कर्मियों की गिनती की गई और कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है। 
 आईएनएस विक्रमादित्य का पुराना नाम एडमिरल गोर्शकोव है। कीव क्लास के इस विमान वाहक पोत को रूस से भारत ने 2.33 अरब डॉलर के सौदे के तहत खरीदा था। इसने 1996 तक सोवियत और रूसी नौसेना में अपनी सेवाएं दी हैं। खास बात है कि तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर इस पोत पर कुल 22 डेक हैं और इसमें 1600 कर्मी रह सकते हैं। इस इकलौते विमानवाहक युद्धपोत को 16 नवम्बर, 2013 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। 
 भारतीय ​नौसेना​ को अमेरिका से मिलने वाले सभी 24 ​​एमएच-60 ​रोमियो ​​​हेलीकॉप्टर​​ इसी विमान वाहक पोत से संचालित होंगे​​।​ इन्हें 2023 या अंत तक ​नौसेना के बेड़े में ​शामिल किया जाएगा। नौसेना का दूसरा विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। इसके 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में इसके नौसेना के परिवार का हिस्सा बनने की उम्मीद है। 

महामारी: देश के लोगों को सरकार ने विफल किया

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड​​-19 स्थिति पर मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भारत राजनीतिक नेतृत्व आज एक अपंग है।जिसमें लोगों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है। मोदी सरकार ने हमारे देश के लोगों को विफल कर दिया है। इस संकट से निपटने के लिए सक्षम, शांत और दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है। मोदी सरकार की उदासीनता और अक्षमता के कारण राष्ट्र डूब रहा है। उन्होंने संकट के इस दौर में सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की एक वर्चुअल बैठक में पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वायरस के खिलाफ लड़ाई ने राजनीतिक मतभेदों को जन्म दिया और कांग्रेस पार्टी ने दृढ़ता से माना कि कोविड से लड़ाई सरकार से लड़ाई नहीं बल्कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई है। उन्होंने कहा कि हमें स्पष्ट रूप से बताएं – सिस्टम विफल नहीं हुआ है। मोदी सरकार रचनात्मक रूप से भारत की कई शक्तियों और संसाधनों को कोरोना लड़ाई में उपयोग करने में असमर्थ रही है।  मैं यह स्पष्ट रूप से कहती हूं। इसके पहले अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में सोनिया गांधी ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को निराशाजनक और अप्रत्याशित करार देते हुए कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इसकी समीक्षा होगी।

कल के हालात को रोकना हमारे वश में नहीं: पीएम

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर के बारे में तो कल्पना करने से डर लगता है। लेकिन हालात को रोकना अब हमारे वश में नहीं है। इस बात पर भी बहस करना व्यर्थ है कि ऐसे हालात हमने क्यों आने दिये। अब तो जो भी और जैसे भी हालात हैं, उनका सामना करना होगा। उनसे मुकाबले की तैयारी करनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना के हालात पर 6 मई को एक बड़ी बैठक की। पीएम मोदी को इस बैठक में देश के हरेक राज्य में कोविड-19 की स्थिति की जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में दवाइयों की कमी और टीकाकरण को लेकर निर्देश भी दिए।
पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि सभी राज्य कोरोना टीकाकरण की गति में कमी नहीं आने दें। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी। पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री के समक्ष विभिन्न राज्यों में कोविड प्रकोप की एक विस्तृत तस्वीर प्रस्तुत गई। उन्हें 12 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामलों की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही हाई केस लोड वाले जिलों के बारे में पीएम को अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि पीएम को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के बारे में बताया गया। पीएम ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए जरूरी पहलुओं के बारे में राज्यों को सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी की इस अहम बैठक में कोरोना की रोकथाम के लिए त्वरित और समग्र उपायों को सुनिश्चित करने के उपायों पर भी चर्चा की गई है। यह बात काफी महत्वपूर्ण है। इस समय कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने और वैक्सीन लगवाने की जहां त्वरित जरूरत है, वहीं कोरोना संक्रमितों को जरूरी दवाएं और जरूरत के अनुसार आक्सीजन उपलब्ध कराना भी समग्र उपायों में शामिल करना होगा। इसके साथ ही हमें अभी से तैयारी करनी होगी ताकि कोरोना की तीसरी लहर के समय इस तरह की आपाधापी न मचे जैसी दूसरी लहर के समय मची है। हमारी प्रायोरिटी इस समय स्वास्थ्य होना चाहिए, ठीक उसी तरह जैसे हमने देश की आजादी को प्राथमिकता तय किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना को नियंत्रित करने के त्वरित और समग्र उपायों के बारे में बताया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां केस पॉजिटिविटी 10 फीसदी या उससे अधिक है और ऑक्सीजन सपोर्टेड या आईसीयू बेड 60प्रतिशत से ज्यादा भरे हुए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच जरूरी मदद हर स्घ्थान तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। कोरोना हमले के पहले चरण में वैक्सीन नहीं थी। अब दूसरे चरण में हमारे ही देश में दो वैक्सीन बन गयीं और सफलतापूर्वक लगायी जा रही हैं। इसबीच वैक्सीन की कमी महसूस की गयी क्योंकि वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को कच्चे माल की आपूर्ति रोक दी गयी थी। इस बात को लेकर अमेरिका में सांसदों ने राष्ट्पति जो बाइडन की आलोचना की। अमेरिका ने न केवल कच्चे माल की आपूर्ति बहाल कर दी बल्कि कोरोना का इंजेक्शन् स ऑक्सीजन न वेंटीलेटर भी भारत के लिए भेजे। इसी प्रकार अन्य देशों ने भी मदद पहुंचाई है। अब जरूरत है इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने की। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने जानकारी दी है कि वो पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन ऑक्सीजन और अन्य जरूरी संसाधन जल्द और सुरक्षित रूप में पहुंचाने का कार्य सुचारू रूप से कर रही है ताकि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से लड़ा जा सके। अपनी सह कंपनी एएआई कार्गो लोजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (एएआईसीएलएएस) के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन की डोज, ऑक्सीजन कंटेनर और अन्य मेडिकल उपकरण को पूरे देश में सुरक्षित और जल्घ्द पहुंचाने में जुटी है ताकि अस्पतालों तक यह समय पर पहुंच सकें और टीकाकरण अभियान चलता रहे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एएआई के कार्गो टर्मिनल का इस्तेमाल कोरोना वैक्सीन और अन्य जरूरी सामान को रखने, प्रोसेज करने और उन्हें भेजने के लिए किया जा रहा है। एएआई के अनुसार अब तक उसके द्वारा करीब 9.5 करोड़ वैक्घ्सीन डोज भेजी जा चुकी है। एएआईसीएलएएस के साथ मिलकर भारतीय वायुसेना और ब्यूरों ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी (बीसीएएस) से विचार विमर्श करने के बाद वैक्सीन को पूरे देश में पहुंचाया जा रहा है। एएआई ने जानकारी दी है कि अब तक 2,81,000 किलोग्राम वजनी कोरोना वायरस वैक्सीन को घरेलू एयरलाइंस की 400 उड़ानों के जरिये 40 एयरपोर्ट पर भेजा गया है।
देश में कोरोना की रफ्तार पूरी तरह से बेकाबू हो गई है। लगातार दूसरे दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्घ्या ने 4 लाख के आंकड़े को पार किया है, जबकि अब तक देश में तीन बार ऐसा हुआ है जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्घ्या 4 लाख से अधिक हुई है। पिछले 24 घंटे के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश में कोरोना के 4 लाख 14 हजार 182 मामले सामने आए हैं जबकि इस दौरान 3,920 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। गत 5 मई की बात करें तो देश में कोरोना के 4 लाख 12 हजार 262 पॉजिटिव केस सामने आए थे, जबकि 3,980 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। सभी राज्यों में इसका प्रकोप अभी बढ ही रहा है। महाराष्ट् में एक बार फिर कोरोना का ग्राफ ऊपर चढ़ने लगा है। बीती 6 मई को कोविड-19 के 62,194 नए मामले सामने आए जबकि 853 मरीजों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नए मामले सामने आने के बाद अब तक 73,515 मरीजों की जान चली गई है जबकि संक्रमितों की कुल संख्या 49,42,736 हो गई है। एक दिन पहले की तुलना में कोविड-19 के 4554 अधिक नए मामले सामने आए जबकि 67 कम मरीजों ने जान गंवाई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 6 मई को बताया कि नए मामले सामने आने के बाद कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 2,14,91, 592 हो गए हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से होने वाली मौत के बाद देश में कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 2,34,088 से अधिक हो गई है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इस महामारी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में 3 लाख 28 हजार 141 कोरोना मरीजों ने कोरोना की जंग जीत ली है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार तेजी पर विराम

अंकाशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जारी तेजी पर विराम लग गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने तेल की कीमत में शनिवार को कोई बदलाव नहीं किया है। विधानसभा चुनाव के बाद लगातार चार दिनों तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से पेट्रोल 90 पैसे और डीजल एक रुपया प्रति लीटर तक महंगा हो चुका है। 
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश  के चारो महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 91.27 रुपये 97.61 रुपये, 93.15 रुपये और 91.41 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, इन महानगरों में डीजल के दाम भी इस बढ़ोतरी के साथ क्रमश: 81.73 रुपये, 88.82 रुपये, 86.65 रुपये और 84.57 रुपये प्रति लीटर हो गया है। 
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में तेजी बने रहने के संकेत हैं। एक दिन पहले अमेरिकी बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.19 डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 68.28 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 0.18 डॉलर की तेजी के साथ 64.90 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था।

10 मई को क्रांति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय

अश्वनी उपाध्याय                     
गाजियाबाद। नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 10 मई को क्रांति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए आंदोलन स्थल पर 24 घंटे भोजन की व्यवस्था किए जाने की घोषणा भी मोर्चा की तरफ से की गई है।
कोविड-19 पॉजिटिव कार्यकर्ता की तरफ बढ़ाया राकेश शर्मा ने मदद का हाथ।
केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी के गाजीपुर, टीकरी और सिंधु बॉर्डर पर चलाए जा रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि देश में वर्ष 1857 में अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति पाने के लिये आजादी के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की शुरुआत 10 मई को हुई थी। इसलिए नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान 10 मई को क्रांति दिवस के रूप में मनाएंगे। किसान मोर्चा का कहना है कि इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना-19 की गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए किसानों से अपने अपने स्तर से क्रांति दिवस मनाने की अपील की गई है। संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि आगामी 10 मई को क्रांति दिवस के मौके पर सजाये मंच से अमर शहीद मंगल पांडे समेत अन्य शहीदों को याद करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इस दौरान किसान आंदोलन को सफलता के मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प भी किसान नेताओं व किसानों द्वारा दोहराया जाएगा। किसान मोर्चा की ओर से घोषणा की गई है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लगाये गये लॉकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों व गरीबों के लिए सवेरे 7.00 बजे से लेकर 9.00 बजे तक जलपान तथा सवेरे 9.00 बजे से लेकर रात 9.00 बजे तक भोजन की आंदोलन स्थल पर व्यवस्था रहेगी। इस दौरान किसी भी समय आने वाले जरूरतमंदों को भी भोजन मुहैया कराया जाएगा। आंदोलन स्थल के आसपास कोई भी व्यक्ति रोटी के अभाव में भूखा ना सोए इसकी जिम्मेदारी किसान आंदोलन चला रहे स्वयंसेवकों को सौंपी गई है। बैठक में डी.पी. सिंह, बलजिंदर सिंह मान, धर्मपाल सिंह सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे।

जवाबी हमलें में 25 तालिबान आतंकियों की मौंत

काबुल। अफगानिस्तान के बघलान प्रांत में शुक्रवार की रात सेना के जवाबी हमले में कम से कम 25 तालिबान आतंकवादियों की मौत हो गयी और 12 अन्य घायल हो गये। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
बयान के मुताबिक अफगानी वायुसेना के सहयोग से चलाये गये अभियान के दौरान आतंकवादियों के एक वाहन, कुछ हथियारों और विस्फोटक उपकरणों को भी नष्ट कर दिया गया। तालिबान समूह ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इससे पहले हाल में तालिबान के सैंकड़ों लड़ाकों ने बघलान प्रांत पर कब्जा करने का प्रयास किया था।तेजी से बदलती दुनिया के इस दौर में इंटरनेट क्रान्ति ने अपनी शक्ति से सबको चकित कर दिया है। इस ताकत की वजह से मीडिया संसार में एक ज़बरदस्त बदलाव की बयार बह रही है। कहने का मतलब मीडिया का एक नया स्वरूप उभर कर सामने आया है। हमने भी अपनी ‘खोजी न्यूज’ वेबसाइट लॉन्च कर दी है।

'कम्युनिटी किचन' के संचालन की फिर एक नई पहल

हरिओम उपाध्याय                 
लखनऊ। वैश्विक महामारी के चुनौतीपूर्ण दौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समूचे उत्तर प्रदेश में सामुदायिक भोजनालय (कम्युनिटी किचन) के संचालन की फिर एक नई पहल कर दी है। सरकार की इस पहल से प्रदेश में आंशिक कर्फ्यू के दौरान अब गरीबों को मुफ्त भोजन मिलने जा रहा है। लखनऊ, प्रयागराज और कानपुर में इस तरह के कम्युनिटी किचन की सेवाओं की शुरुआत हो रही है। अन्य जनपदों में भी इसके संचालन का काम तीव्र गति से किया जा रहा है। 
 राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार राज्य में सामुदायिक भोजनालय के संचालन की जरूरत पर शुरुआत से जोर दे रही है। मुख्यमंत्री निर्देश दे चुके हैं कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे और भूखा न सोए। कहीं भी किसी श्रमिक, ठेला, रेहड़ी व्यवसायी, दिहाड़ी मजदूर को भोजन की समस्या न हो। उनके इस आदेश के बाद कम्युनिटी किचन के संचालन का काम शुरु किया गया है। कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिये सरकार लगातार जरूरी कदम उठा रही है। इस कड़ी में कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से कम्युनिटी किचन के संचालन की जिम्मेदारी संभाली जा रही है। औद्योगिक इकाइयों में भोजन के आवश्कतानुसार प्रबंध किये जा रहे हैं। काई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में परेशान न हो, इसे सुनिश्चित किये जाने के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। 

अस्पतालों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी: एचसी

बृजेश केसरवानी                 
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से ऑक्सीजन की कमी बताकर मरीजों को लौटाने वाले लखनऊ के दो अस्पतालों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि लखनऊ के हर्ष हास्पिटल और सन हास्पिटल में ऑक्सीजन होने के बावजूद मरीजों को ऑक्सीजन नहीं होने का बहाना बनाकर क्यों लौटाया गया। इस पर सरकार ने दोनों अस्पतालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है। कोर्ट ने देश में टीके की कमी पर केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पूछा है कि रूसी टीके स्पूतनिक के आयात की क्या स्थिति है। 
 अदालत ने सुझाव दिया है कि यदि देश में टीके की कमी है तो इसे विदेशों से आयात किया जाए। स्वतः प्रेरित जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने मेरठ के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से पांच मरीजों की मौत को लेकर डीएम मेरठ के हलफनामे को असंतोषजनक माना। कोर्ट ने डीएम को बेहतर जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं केंद्र और राज्य सरकार से कोराना संक्रमण से पैदा हुए हालात पर आगे की कार्यवाही की जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव मतगणना की सीसीटीवी फुटेज कोर्ट में पेश की। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर और आगरा में मतगणना की सीसीटीवी फुटेज पेश करने का निर्देश दिया था। 
 इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस वीके श्रीवास्तव की कोविड से मौत मामले में अदालत ने राज्य सरकार से उनके इलाज का ब्यौरा मांगा है। जस्टिस श्रीवास्तव पहले राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे। जहां इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है। बाद में उनको एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। 
हाईकोर्ट के निर्देश पर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने प्रदेश सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश की थी जिसमें पूरे इलाज का ब्यौरा नहीं था। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने वकीलों के टीकाकरण के लिए अलग काउंटर बनाने की मांग की। याचिका की अगली सुनवाई 11 मई को होगी।

18 से 44 वर्ष आयु के लोगों को नहीं लगेंगीं वैक्सीन

मेरठ। उत्तर प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के बाहरी राज्यों के लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगेगी। अब केवल उत्तर प्रदेश के निवासियों को ही प्रदेश के सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए लोगों को अब उत्तर प्रदेश का ही आधार कार्ड दिखाना होगा। 
 जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ. प्रवीण गौतम ने बताया कि 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए शासन ने नियमों में बदलाव कर दिया है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अर्पणा उपाध्याय ने नियमों में हुए बदलाव का आदेश जारी किया है। दूसरे प्रदेश के लोगों द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण कराकर उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगवाने का मामला जब शासन तक पहुंचा तो इस पर मंथन के बाद नियमों में बदलाव किया गया। यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खरीदी जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा खरीदी गई वैक्सीन से केवल उत्तर प्रदेश के निवासियों का ही टीकाकरण किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में शुरू होगा टीकाकरण। मिशन निदेशक अर्पणा उपाध्याय ने अपने आदेश में कहा है कि अभी प्रदेश के मेरठ, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, कानपुर और वाराणसी में ही 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं। जल्दी ही इसका विस्तार प्रदेश के सभी जिलों में किया जाएगा। 

वायु सेना-नौसेना ने अपने प्रयासों को और तेज किया

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। वायु सेना और नौसेना ने मौजूदा कोविड संकट से निपटने में नागरिक प्रशासन की सहायता करने के अपने प्रयासों को और तेज कर दिया है। इसके साथ ही दोनों सेनाएं विदेशों से ऑक्सीजन कंटेनरों और चिकित्सा उपकरणों को लाने में जुटी हैं। वायुसेना के सी-17 विमानों ने अब तक 400 उड़ानें भरी हैं। 351 घरेलू उड़ानों में वायुसेना ने 4,904 मीट्रिक टन की क्षमता के 252 ऑक्सीजन टैंकर देश के भीतर प्रमुख और जरूरतमंद शहरों तक पहुंचाए हैं। 
 रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने 1,233 मीट्रिक टन क्षमता के 72 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन भंडारण कंटेनर और 1,252 खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लाने के लिए अब तक कुल 59 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरी हैं। यह कंटेनर और सिलेंडर सिंगापुर, दुबई, बैंकॉक, यूके, जर्मनी, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया से लाये गए हैं। इसके अलावा सी-17 और आईएल-76 विमानों को इज़राइल और सिंगापुर से क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर, ऑक्सीजन जनरेटर और वेंटिलेटर एयरलिफ्ट करने का काम सौंपा गया है। विदेशों से लाये गए ऑक्सीजन क्रायोजेनिक कंटेनर और सिलेंडरों को देश के भीतर जामनगर, भोपाल, चंडीगढ़, पनागर, इंदौर, रांची, आगरा, जोधपुर, बेगमपेट, भुवनेश्वर, पुणे, सूरत, रायपुर, उदयपुर, मुंबई, लखनऊ, नागपुर, ग्वालियर, विजयवाड़ा, बड़ौदा, दीमापुर और हिंडन तक पहुंचाया गया है।  
 इसी तरह भारतीय नौसेना ने कोविड संकट के दौरान ऑपरेशन समुद्र सेतु-II लॉन्च करके 09 जहाजों को तैनात किया है। इसमें आईएनएस तलवार, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस ऐरावत, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस तबर, आईएनएस त्रिकंद, आईएनएस जलाश्व और आईएनएस शार्दुल को ऑक्सीजन कंटेनर, सिलेंडर, कॉन्सेंट्रेटर्स और संबंधित उपकरण विदेशी मित्र देशों से लाने के लिए तैनात किया गया है। भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस कोलकाता 40 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन, 215 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और 2600 ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर 9 मई को कुवैत से भारत लौट आएगा। इसके अलावा बहरीन, दोहा, क़तर, सिंगापुर से नौसेना के जहाज चिकित्सा सामग्री ला रहे हैं।

एचसी ने कैबिनेट मंत्री इमरान को नोटिस जारी किया

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी कर कल यानि आठ मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इमरान हुसैन पर कथित तौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी कर उन्हें बंटवाने का आरोप है। याचिका वेदांश आनंद ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमित तिवारी ने बल्लीमारन से विधायक और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन पर मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी करने का आरोप लगाया। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने पिछले 5 मई को आम आदमी पार्टी के दिल्ली के पेज पर देखा कि दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन लोगों को अपने पार्टी दफ्तर पर मुफ्त में ऑक्सीजन की सप्लाई करेंगे। अगर किसी को जरूरत हो तो वो मंत्री के दफ्तर पर आकर ऑक्सीजन ले सकता है। याचिका में कहा गया है कि जब पूरा देश ऑक्सीजन के संकट से गुजर रहा है। ऐसे में दिल्ली सरकार के एक मंत्री द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इमरान हुसैन को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो। याचिका में दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

बॉलीवुड वर्कस को 1500 रूपये की आर्थिक सहायता

कविता गर्ग                 

मुंबई। बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान कोरोना महामारी संकट के समय 25 हजार बॉलीवुड वर्कस को 1500 रूपये की आर्थिक सहायता करने जा रहे हैं। कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या को देखने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में लॉकडाउन लगाया हुआ है।लॉकडाउन लगने की वजह से फिल्मों और टीवी शोज की शूटिंग रोक दी गई है। शूटिंग रुकने की वजह से इंडस्ट्री के वर्कर्स आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। सलमान खान लोगों की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। सलमान खान फिल्म इंडस्ट्री के वर्कर्स, तकनीशियनों से लेकर स्टंटमैन, स्पॉटबॉय और मेकअप कलाकारों को आर्थिक मदद मुहैया कराएंगे। सलमान 25 हजार वर्कर्स को 1500 रुपये दान करेंगे।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...