बुधवार, 5 मई 2021

सीएम बनते ही लोकल ट्रेनों का संचालन बंद किया

 मीनाक्षी लोधी   

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी मर्तबा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए राज्य में मिनी लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने का ऐलान कर दिया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को रोकने के लिए सरकार की ओर से लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है। दुकानें भी कुछ घंटों के लिए ही खोली जा सकेंगे। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच बंगाल में हुई चुनावी रैलियों को लेकर राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। 

बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना संक्रमण की वजह से पाबंदियां लगाने का ऐलान करते हुए कहा कि कोविड-19 के हालातों को देखते हुए हमें कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में मास्क पहनना अनिवार्य है। राज्य सरकार के दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी ही अपने काम पर मौजूद रहेंगे। निजी क्षेत्र को भी ूवर्क फ्रोम होम करने को कहा गया है। निजी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम पर रह सकते हैं। राज्य के भीतर तमाम शॉपिंग कांप्लेक्स, जिम, सिनेमा हॉल्स और ब्यूटी पार्लर बंद रहेंगे। सामाजिक और राजनीतिक तौर पर भी लोगों की भीड़ नहीं जुटाई जा सकेगी। सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि ज्वेलरी की दुकानें दोपहर 12.00 बजे से लेकर 3.00 बजे तक की खुलेंगी। मिनी लॉकडाउन के तहत होम डिलीवरी को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्यभर में बैंक सवेरे 10.00 बजे से लेकर अपरान्ह 2.00 बजे तक ही खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी बाजार व खुदरा दुकानें सवेरे 7.00 बजे से लेकर 10.00 बजे तक और फिर शाम को 5.00 बजे से 7.00 बजे तक खुलेगी। राज्य में 6 मई से लोकल ट्रेनों की आवाजाही बंद रहेगी। मेट्रो रेल गाड़ियों में क्षमता से 50 फीसदी लोग ही यात्रा कर सकेंगे। 7 मई से राज्य के एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्रियों को पिछले 72 घंटे की आरटीपीसीआर जी जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। जो लोग जांच के बाद पॉजिटिव पाए जाएंग,े उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाईन किया जाएगा। बस अड्डों पर यात्रियोेेें की रैंडम जांच की जाएगी। यही नियम ट्रेन यात्रियों पर भी लागू रहेगा।

24 घंटों के भीतर 18 विमान सेवाएं रद्द कर दी गई

संदीप मिश्र   

वाराणसी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से यात्रियों की संख्या कम होने से रेलगाड़ियों को रद्द किए जाने के बाद विमान सेवाएं भी कैंसिल की जाने लगी हैं। बुधवार को देश के अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाली लगभग आधा दर्जन से भी अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। मंगलवार को भी तीन विमान उत्तर प्रदेश नहीं आ सके थे। बंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, भुवनेश्वर और वाराणसी से आने वाली उड़ानों को ऑपरेशनल कारण बताते हुए निरस्त कर दिया गया है। रद्द की गई सेवाओं के तहत विमानों को बाबतपुर हवाई अड्डे से अलग-अलग राज्यों के लिए उड़ान भरनी थी। इस तरह 24 घंटों के भीतर 18 विमान सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। विमानों के नहीं आने से वह सेवाएं भी रद्द ही रही। देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की महामारी का प्रकोप तेजी के साथ चारों तरफ अपने पांव पसार रहा है।

अप्रैल माह के अंतिम हफ्ते से कोरोना संक्रमण की महामारी का असर रेलगाड़ियों पर दिखाई दे रहा था। अब विमान कंपनियों पर भी कोरोना संक्रमण का असर पड़ना शुरू हो गया है। महामारी की विकरालता को देखते हुए लोग यात्रा से परहेज करने लगे हैं। इसी को देखते हुए विमान कंपनियों ने अपनी उड़ानों को निरस्त करना शुरू कर दिया है। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से अन्य शहरों के लिए 25 विमानों का आवागमन हो रहा है। अन्य शहरों से आने जाने वाले विमान यात्रियों की संख्या में एयरपोर्ट पर काफी कमी देखने को मिल रही है। विमान यात्रियों की संख्या में कमी को देखते हुए विमानन कंपनियां अपने विमानों को ऑपरेशनल कारणों से रद्द कर रही हैं।

15.43 करोड़ संक्रमित, 32.27 लाख की मौत हुईं

अकांशु उपाध्याय   
वाशिंगटन/रियो डि जेनेरो/नई दिल्ली। विश्व भर में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के फिर तेजी से फैलने के बीच संक्रमितों की संख्या 15.43 करोड़ से अधिक हो गई और 32.27 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15 करोड़ 43 लाख 66 हजार 761 हो गयी है, जबकि 32 लाख 27 हजार 887 लोगों की मौत हो चुकी है।
राहत की बात यह है कि अब तक नौ करोड़ नौ लाख 46 हजार 819 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है तथा यहां संक्रमितों की संख्या तीन करोड़ 25 लाख 12 हजार 934 हो गयी है। जबकि 5,78,499 मरीजों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। दुनिया में कोरोना संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर और मृतकों के मामले में चौथे स्थान पर है।पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 3,82,315 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ 06 लाख 65 हजार 148 हो गया। सक्रिय मामलों में लगातार बढ़ोतरी से इनकी संख्या 34,87,229 हो गयी है । दूसरी तरफ रिकाॅर्ड 3,38,439 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर अब तक एक करोड़ 69 लाख 731 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। इसी अवधि में 3780 मरीज अपनी जान गंवा बैठे और इस बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 2,26,188 हो गया है।

ब्राजील संक्रमितों के मामले में अब तीसरे स्थान पर है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और अभी तक इससे 1.48 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 4,11,588 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील कोरोना से मौतों के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है। संक्रमण के मामले में फ्रांस चौथे स्थान पर है जहां कोरोना वायरस से अब तक करीब 57.41 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 1,05,548 मरीजों की मौत हो चुकी है।

पूर्व क्रिकेटर के अपहरण केस में 4 लोग गिरफ्तार

सिडनी। आस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर स्टुअर्ट मैकगिल का पिछले महीने सिडनी में उनके घर से अपहरण किया गया था लेकिन एक घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। देश की मीडिया ने पुलिस के हवाले से कहा कि छापे के बाद इस कथित अपहरण के मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।

यह घटना 14 अप्रैल को हुई जब सिडनी के उत्तरी हिस्से में सड़क पर एक व्यक्ति ने मैकगिल को रोका और फिर इसके बाद दो और व्यक्ति आए और उन्होंने जबरन इस पूर्व क्रिकेटर को कार में डाल दिया। मैकगिल को कथित तौर पर सिडनी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में ले जाया गया और कथित तौर पर मारपीट के बाद उन्हें दूसरी जगह ले जाया गया और फिर बाद में छोड़ दिया गया। 

इस दौरान उन्हें हथियार दिखाकर डराया भी गया।न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अधीक्षक एंथोनी होल्टन के हवाले से स्थानीय मीडिया ने कहा कि मुझे पता है कि उन्हें सिर्फ एक घंटे के लिए बंधक बनाया गया लेकिन यह बेहद डरावना एक घंटा रहा होगा। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने विज्ञप्ति में कहा कि उन्हें 20 अप्रैल को एक घटना की जानकारी दी गई थी।

पुलिस ने बयान में कहा कि लूट और गंभीर अपराध विभाग ने इसके बाद जांच की और चार व्यक्तियों को बुधवार सुबह स्थानीय समयानुसार छह बजे गिरफ्तार किया गया जिनकी उम्र 27, 29, 42 और 46 बरस है। पुलिस ने कहा कि अपहरण फिरौती के लिए किया गया था।

उन्होंने कहा कि उसे ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा गया जिससे वे पैसा हासिल कर सकते थे लेकिन उन्हें छोड़े जाने से पहले पैसे का भुगतान नहीं किया गया। पूर्व लेग स्पिनर मैकगिल ने आस्ट्रेलिया की ओर से 1998 से 2008 के बीच 44 टेस्ट खेले और इस दौरान 208 विकेट चटकाए।

अमेरिका: भारत से यात्रियों के आने पर प्रतिबंध लगा

वाशिंगटन। कोरोना वायरस के बेतहाशा बढ़ते मामलों के मद्देनजर अमेरिका ने भारत से यात्रियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे कई परिवार अपने सदस्यों से बिछड़ गए हैं और भारत में फंस गए हैं। वे अपने प्रियजनों के अंतिम समय में उनसे मिलने तथा उनके अंतिम संस्कार में शिरकत करने के लिए भारत गए थे। कुछ मामलों में देखा गया है कि परिवार का कमाने वाला सदस्य ही भारत में फंस गया है और उनके अमेरिका में अपने परिवार से जल्द मिलने की संभावना नहीं लगती है, क्योंकि भारत में दूतावास और महावाणिज्य दूतावास बंद हैं। बाइडन प्रशासन का यह प्रतिबंध चार मई से अमल में आ गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, इस प्रतिबंध से छात्रों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और कुछ व्यक्तियों को छूट दी गई है। भारत में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को देखते हुए यह प्रतिबंध बेमियादी अवधि के लिए लगाया गया है।अमेरिका में ‘स्कील्ड इम्मिग्रैंट्स’ की सह संस्थापक नेहा महाजन ने कहा, “मेरे पति के पास 2008 से एच-1बी वीज़ा है और उन्हें अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए 17 अप्रैल को भारत जाना पड़ा। तब से, भारत में अमेरिकी दूतावास बंद है। उनके पास स्वीकृत एच-1बी वीजा है लेकिन उन्हें अपने पासपोर्ट पर मुहर लगवाने और दिल्ली में अमेरिकी मिशन में व्यक्तिगत रूप से साक्षात्कार के लिए जाना होगा।”

उन्होंने कहा, “ मैं यहां अपनी दो बेटियों के साथ हूं जो इस मुश्किल वक्त में अपने पिता को याद करती हैं। ” नाश्विल में रहने वाली पायल राज ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम की वह कब और कैसे भारत से वापस आकर अपने नौ वर्षीय बच्चे से मिलेंगी। उन्होंने कहा, “प्रतिबंध में, खासकर गैर आप्रवासियों और उनके परिवारों को निशाना बनाया गया है। अन्य देशों पर प्रतिबंध का इतिहास देंखें तो पता चलता है कि यह महीनों या एक साल तक रह सकता है।”

उन्होंने कहा “हज़ारों लोग अपने माता-पिता के अंतिम वक्त में उनके साथ रहने के लिए भारत आए हैं लेकिन वह इस प्रतिबंध की वजह से यहीं फंस गए हैं और अपने बच्चों तथा पति या पत्नी से नहीं मिल पा रहे हैं। ” मुंबई में अभिनव अमरेश फंस गए हैं, क्योंकि मुंबई में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास बंद कर दिया गया है जिस वजह से वह अपने एच-1बी वीजा पर मुहर नहीं लगवा सके हैं। जबतक उनके वीजा पर मुहर नहीं लगेगी वह अमेरिका नहीं लौट सकते हैं। ऐसे कई अन्य हैं जो वीजा पर मुहर नहीं लगने की वजह से भारत में फंस गए हैं। भारत में पिछले एक हफ्ते से रोजाना कोरोना वायरस के तीन लाख से अधिक मामले आ रहे हैं।

यूपी की भाजपा सरकार को सही आईना दिखाया

अकांशु उपाध्याय                   

नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही मौतों के मामले पर प्रयागराज हाई कोर्ट द्वारा लोगों की मौत को नरसंहार की तरह करार दिए जाने के बाद बुधवार को कहा है कि उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को सही आईना दिखाया है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही मौतों पर अब सरकार की जवाबदेही तय होनी चाहिए। बुधवार को अपनी फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि प्रयागराज हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को ऑक्सीजन की कमी से मौतों के मामले पर फटकार लगाते हुए सही आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ऑक्सीजन की कमी की बात को लगातार झुठलाती रही है। जबकि सच्चाई यही है कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से लगातार लोगों की मौतें हुई हैं। अब इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी होने का हवाला देते हुए दावा किया है कि सरकार कहती है कि राज्य में ऑक्सीजन का कोई अभाव नहीं है। लेकिन जमीनी हकीकत में लोग सरकार के इस बयान की सच्चाई बता रहे हैं। चारों तरफ ऑक्सीजन व अन्य दवाओं का अभाव है। कृत्रिम अभाव के चलते ब्लैक बाजी करने वाले लोग आपदा में अवसर तलाश रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में सरकार का दूर तक भी कोई अता पता नहीं है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी से हुई कोविड-19 मरीजों की मौत से जुड़ी खबरों पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह कोरोना संक्रमित लोगों की मौत की 48 घंटों के भीतर तथ्यात्मक जांच करें। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने राज्य में संक्रमण के प्रसार और पृथक-वास केन्द्र की स्थिति संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोविड-19 मरीजों की जान जा रही है। यह एक आपराधिक कृत्य है और यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं है। जिन्हें तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की सतत खरीद एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।

एससी ने मराठा आरक्षण पर चलाईं कैंची, खारिज

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्य में दिए गए मराठा आरक्षण पर कैंची चलाते हुए उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को समाप्त करते हुए कहा कि यह पहले से ही निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा आरक्षण मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही न्यायालय की पीठ ने वर्ष 1992 के इंदिरा साहनी मामले में दिए गए फैसले की समीक्षा करने से भी इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर अपनी कैंची चलाते हुए कहा है कि यह 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा कि यह समानता के अधिकार का हनन है। इसके साथ ही अदालत ने वर्ष 2018 के राज्य सरकार के कानून को भी खारिज कर दिया है। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 50 प्रतिशत की सीमा से बाहर जाते हुए आरक्षण दिए जाने का ऐलान किया था। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2018 में लिए गए इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में दायर की गई थी। जिस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने अपना यह फैसला सुनाया है। निर्णय सुनाते हुए जस्टिस भूषण ने कहा कि वह इंदिरा साहनी केस पर दोबारा विचार करने का कोई कारण नहीं समझते हैं। न्यायालय ने मराठा आरक्षण पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकारों की ओर से आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को नहीं तोड़ा जा सकता है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि मराठा आरक्षण देने वाला कानून 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को तोड़ता है और यह समानता के खिलाफ है। इसके अलावा न्यायालय ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार यह बताने में नाकाम रही है कि कैसे मराठा समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर बिछड़ा हुआ है। इसके साथ ही इंदिरा साहनी केस में वर्ष 1992 के शीर्ष अदालत के फैसले की समीक्षा से भी न्यायालय ने इंकार कर दिया है।

ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर एचसी की टिप्पणी

बृजेश केसरवानी         
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुये कहा कि यह न केवल आपराधिक कृत्य है। बल्कि ऐसा करना नरसंहार से कम नही हैं। ऐसी मौतों की जवाबदेही आक्सीजन आपूर्ति करने वालो की है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा " मेडिकल साइंस इतना आगे है कि हम हार्ट ट्रांसप्लांट कर रह है। ब्रेन आपरेट कर रहे और दूसरी तरफ आक्सीजन की कमी से मौत हो जा रही है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सामान्यत: कोर्ट सोशल मीडिया की खबरों पर ध्यान नहीं देती, मगर इस खबर का समर्थन वकीलो ने भी किया है कि प्रदेश में कई जिलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति न हो सकने के चलते मौतें हुईं हैं। कोर्ट ने कहा कि इसके सुधार के लिये तुरंत कदम उठाये जाएं।
उन्होने लखनऊ व मेरठ के जिलाधिकारी को ऑक्सीजनन की कमी से मौत की खबरो की 48 घंटे मे जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने तथा जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि केस की सुनवाई के दौरान दोनों जिलों के डीएम वर्चुअल सुनवाई के समय उपस्थित रहेंगे। न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के पंचायत चुनाव मतगणना सीसीटीवी के साये मे करने और कोविड 19 गाइडलाइंस के पालन के निर्देश पर राज्य चुनाव आयोग को आठ जिलों की मतगणना का सीसीटीवी फुटेज पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी,गोरखपुर, गाजियाबाद मेरठ,गौतमबुद्धनगर, व आगरा जिले की पंचायत चुनाव के मतगणना के दौरान की सीसीटीवी फुटेज सात मई को पेश किया जाएं।
खंडपीठ ने हाईकोर्ट के कार्यरत जज की लखनऊ के एसजीपीजीआई में हुई मौत का भी संज्ञान लिया है और उनके इलाज की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि जस्टिस वी के श्रीवास्तव 23 अप्रैल को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हुए। शाम 7:30 बजे तक उनकी ठीक से देखभाल नहीं की गयी। बाद में उन्हें लखनऊ एसजीपीजीआई में शिफ्ट किया गया, जहाँ उनकी मौत हो गयी। कोर्ट ने जस्टिस श्रीवास्तव के इलाज से सम्बन्धित रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस जनहित याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट अब 7 मई को करेगी।
केस की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा और कहा कि सरकार इस कोरोना महामारी सक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सप्ताहांत दो दिन के लाकडाउन की अवधि को और बढ़ा दिया है। उन्होने बताया कि मरीजों की अधिक से अधिक टेस्टिंग की जा रही है। उन्हें इलाज की समुचित व्यवस्था कराने के शासन के आदेश का हर जिलों में अनुपालन कराया जा रहा है।
कोर्ट ने कहा कि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट चार दिन बाद क्यों मिल रही है। जबकि जाँच रिपोर्ट जल्दी मिल जानी चाहिए।

रावण का रोल अदा करने वाले अभिनेता का निधन

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। देशभर में चारों तरफ अपने पांव पसारते हुए तेजी के साथ चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अनेक बुरी खबरें सुनने और देखने को मिल रही है। ऐसे हालातों के बीच कई सेलिब्रिटी के निधन की अफवाहें भी सामने आ रही हैं। पहले फिल्मी पर्दे की अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्री और लकी अली के बाद विख्यात रामायण सीरियल में रावण का रोल अदा करने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी के निधन की खबर सोशल मीडिया पर पूरी तरह से उड़ रही है। इस खबर का खंडन रामायण सीरियल में लक्ष्मण बने सुनील लहरी ने किया है। उन्होंने लोगों से गुजारिश की है कि कृपया कोरोना वायरस के संक्रमण की महामारी के बीच इस प्रकार की अफवाहें ना उड़ायें। सुनील लहरी ने अभिनेता अरविंद त्रिवेदी की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए मैसेज में लिखा है कि आजकल कोरोना संक्रमण की वजह से कोई ना कोई बुरी खबर सुनने को मिल रही है। ऊपर से रामायण के रावण अरविंद त्रिवेदी की झूठी खबर फैलाने से लोगों के दिलों को ठेस पहुंच रही है।
उन्होंने कहा है कि मेरी सभी से प्रार्थना है कि कृपया झूठी अफवाह ना फैलाएं। परमपिता परमेश्वर की दया से अभिनेता अरविंद त्रिवेदी पूरी तरह से ठीक है और मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उन्हें सदैव स्वस्थ और प्रसन्नचित्त रखें। उल्लेखनीय है कि बीते साल भी रामायण सीरियल के रावण अरविंद त्रिवेदी के निधन की खबर तेजी के साथ उड़ी थी। उस समय उनके भतीजे ने ट्विटर पर सफाई देते हुए कहा था कि अरविंद त्रिवेदी बिल्कुल ठीक हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण की पहली लहर की रोकथाम की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान रामायण और महाभारत सीरियलों का प्रसारण हुआ था। दर्शको ने इन दोनों धारावाहिकों को खूब पसंद किया था।

बिना मंत्रिमंडल के अकेले ही सीएम की शपथ ली

मोनिका लोधी   
कोलकाता। विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आज ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की तीसरी बार शपथ ली। यानी एक बार फिर बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बन गई है। कोरोना संकट काल और उसकी गाइडलाइन्स की वजह से शपथ ग्रहण समारोह छोटा ही रखा गया है। ममता बनर्जी ने अकेले ही शपथ ली है। उनके साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली है। इस दौरान मंच पर ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ही नजर आए।
ममता बनर्जी ने बुधवार सुबह 10:50 बजे तीसरी बार बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण में चौंकाने वाली बात रही, राज्यपाल की हिदायत और उस पर बंगाल की सीएम का रिएक्शन। शपथग्रहण के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता को समझाते हुए कहा कि राज्य में जारी हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए। इसके बाद ममता ने कहा कि अभी राज्य की व्यवस्था चुनाव आयोग के पास थी, अब मैं नई व्यवस्था शुरू करूंगी।
बंगाल में जारी हिंसा का मुद्दे पर सीएम और राज्यपाल, दोनों बोले
ममता ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि अभी प्राथमिकता कोविड के खिलाफ लड़ाई को जीतना है। उन्होंने बंगाल में चल रही हिंसा को लेकर कहा कि बंगाली जनता हिंसा पसंद नहीं करती है। हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आज के बाद हिंसा की घटना नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी कहा- उम्मीद है ममता बनर्जी संविधान का पालन करेंगी। हम चाहते हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था का राज हो और ये हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए।

प्रदेश में चल रहे मिनी लॉकडाउन का दायरा बढ़ाया

संदीप मिश्र   
लखनऊ। यूपी में निरंतर बढ़ते जा रहे कोविड-19 केसों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश में चल रहे मिनी लॉक डाउन (तालाबन्दी) का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। इस बीच यूपी वासियों को लॉक डाउन (तालाबन्दी) के नियमों के बीच महत्वपूर्ण सामानों की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए घर से बाहर निकलने में बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, किंतु अब प्रदेश सरकार की ओर से इमरजेंसी में घर से बाहर निकलने वालों के लिए ई-पास जारी करने का फैसला लिया गया है। 
जारी हुई वेबसाइट

अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सोमवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को लेटर भेज कर बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी लॉक डाउन (तालाबन्दी) की अवधि के दौरान आवश्यक सामानों की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं हेतु आवागमन करने वालों के लिए ई-पास जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से rahat.up.nic.in/epass वेबसाइट भी जारी की गई है, जिसके माध्यम से कोई भी संस्थान या व्यक्ति अपना विवरण देकर ई-पास के लिए आवेदन कर सकता है। इसके साथ ही इस बार संस्थागत पास का भी प्रावधान रखा गया है। जिसमें एक संस्था अपने आवेदक समेत अधिकतम पांच कर्मियों के लिए आवेदन कर सकती है।

दूसरी लहर के मुकाबले कम रहेगा संक्रमण: कोरोना

हरिओम उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित देश के अग्रणी चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया लगातार कोविड-19 को लेकर नई सलाह और सुझाव जारी करते रहते हैं। मंगलवार को डॉ. गुलेरिया ने भारत में तीसरी लहर की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि अगर वायरस आगे चलकर उत्परिवर्तन करता है और इम्यून से बचने का तंत्र विकसित कर लेता है तो देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है।

वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू बेअसर

रणदीप गुलेरिया ने राज्यों के द्वारा नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन लगाए जाने के फैसले को वायरस को रोकने के लिए अक्षम बताते हुए कहा है कि इसका सफल होना बहुत मुश्किल है।

यह पूछे जाने पर कि देश में ऐसे कोविड संकट के चलते जिसमें अस्पतालों में मरीज का भर्ती हो पाना मुश्किल बना हुआ है और ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है क्यां राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की एकमात्र विकल्प बचा हुआ है, रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायरस संक्रमण में विस्तार को कम करने के लिए एक अवधि तक लॉकडाउन की आवश्यकता है।

बात करते हुए एम्स निदेशक ने कहा, "तीन चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पहला अस्पताल का बुनियादी ढांचा है। दूसरा मामलों की संख्या में आक्रामक तरीके से कमी लाना और तीसरा टीकाकरण करना।" गुलेरिया ने कहा संक्रमण की शृंखला को तोड़ना होगा। यदि हम लोगों के बीच संपर्क को तोड़ने में सफल होते है तो वायरस संक्रमण में भी कमी आएगी।

गुलेरिया ने कहा "हम इसे लॉकडाउन

कह सकते हैं या फिर एक क्षेत्रीय लॉकडाउन जैसा कि ब्रिटेन में किया गया था। यह राज्य स्तर पर होगा या फिर बड़े स्तर पर होगा यह तय किया जा सकता है। यह कुछ ऐसा है जिसे नीति निर्माताओं को तय करना है क्योंकि यह जीवन और आजीविका के संदर्भ में सब कुछ व्यवस्थित करने की भी बात है। साथ ही यहां आवश्यक सेवाओं को चालू करना भी जरूरी है क्योंकि इसमें बहुत सारे लोग ऐसे भी प्रभावित होते हैं जो दैनिक मजदूर वाले हैं।' हालांकि उन्होंने लॉकडाउन के सख्त और आक्रामक करने की बात कही है।

एम्स निदेशक ने आगे कहा कि हमारा फोकस केवल हॉस्पिटल के बुनियादे ढांचे पर ही नहीं रखा जा सकता जब तक कि इसमें कोविड-19 संक्रमण की संख्या को कम करने पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता है। गुलेरिया ने कहा कि वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं है। लॉकडाउन तब काम करेगा जब इसे पर्याप्त समय के लिए लगाया जाए। उन्होंने कहा कि यह समयावधि कम से कम दो सप्ताह की होनी चाहिए।

वायरस के उत्परिवर्तन को देखना जरूरी

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर वायरस में उत्परिवर्तन जारी रहता है तो भारत में कोरोनोवायरस महामारी की तीसरी लहर की संभावना बनी हुई है। "हमें कुछ चीजों के समझना होगा। हम कितनी जल्दी लोगों को टीका देकर उन्हें प्रतिरक्षा प्रदान कर सकते हैं? और दूसरा यह है कि वायरस कैसे बदलता है? यदि वायरस आगे विकसित होता है और यह एक प्रतिरक्षा बचाव तंत्र विकसित करता है यानि लोगों द्वारा विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में हम महामारी की तीसरी लहर को देख सकते हैं।

उन्होंने कहा हम संभवतः एक और लहर देखेंगे लेकिन मुझे उम्मीद है कि उस समय तक बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाया जा चुका होगा जिसके चलते यह कोरोवायरस की वर्तमान लहर जितनी बड़ी नहीं हो सकती है और इसे प्रबंधित करना आसान होगा।

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