गुरुवार, 25 मार्च 2021

जिले ग्राम प्रधान पद पर 690 आपत्तियां दाखिल हुई

संदीप मिश्र
बस्ती। उत्तर-प्रदेश के बस्ती में जिले ग्राम प्रधान पद पर 690 आपत्तियां दाखिल हुई है। जिसके निस्तारण के लिए टीम गठित की गयी है। बुधवार को यहां यह जानकारी देते हुए आधिकारिक सूत्रों ने बताया है। कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची पर आपत्ति पर ग्राम प्रधान के पद पर 690 आपत्तियां दाखिल हुई है। वहीं जिला पंचायत सदस्य पद पर 53 आपत्ति तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर 78 अपत्तियां आयी है। जिसके निस्तारण के लिए टीम द्वारा विचार किया जायेगा।

आनंदीबेन ने केंद्रों पर वितरित की खेल सामग्री

हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज मोहनलालगंज के शेरपुर आंगनवाड़ी केंद्रों पर खेल और पोषण सामग्री वितरित किया। मोहनलालगंज के शेरपुर में राज्यपाल ने खेल एवं पोषण सामग्री वितरण के पश्चात कहा कि ये बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। इन्हें कुपोषण एवं क्षय रोग से मुक्त कराना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने संभ्रान्त लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं, अधिकारियों का आह्वान किया कि वे अभियान चलाकर क्षय रोग एवं कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल करें ताकि देश को 2025 तक कुपोषण मुक्त किया जा सके। उन्होंने जन सामान्य से भी अपील की कि वे भी अपने राष्ट्र धर्म का पालने करें तथा यदि कहीं पर भी कुपोषित एवं क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को देखे तो तत्काल सूचना दें ताकि उन्हे गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल हो सके। राज्यपाल ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम संस्कार, शिक्षा एवं आरोग्य के लिए समर्पित है। सरकार के द्वारा भी जो गोद भराई के कार्यक्रम कराये जाते हैं। उनका एकमात्र यही उद्देश्य होता कि किसी भी दशा में कुपोषित बच्चा पैदा न हो। उन्होंने जनसमुदाय से अपील की कि गर्भवती महिलाओं के पोषण हेतु जो सरकारी 5,000 की सहायता मिलती है। उसका उपयोग पोषण के लिए ही करें। इसके साथ ही गर्भावास्था के समय से ही अच्छी शिक्षा एवं संस्कार दें। इस अवसर पर उन्होंने महाभारत के चक्रव्यूह तोड़ने के प्रसंग पर चर्चा के दौरान बताया कि अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने की शिक्षा सीख ली थी। इसलिए यदि हम बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहते हैं। तो हमें बचपन से बच्चों को कच्चे घड़े की तरह आकार देना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्रों का मैपिंग करने का निर्देश दिया ताकि उनमें सभी प्रकार की सूचनाएं दर्ज हो जायें। राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में तो सभी स्तर की सुविधाएं होती हैं। लेकिन निचले स्तर पर ऐसा नहीं है। हमें यह खाई पाटनी होगी और हमें अपने आंगनवाड़ी केन्द्रों को रूचिकर एवं बच्चों के लिए सुविधा सम्पन्न बनाना होगा।

'सेक्स एडिक्शन' टर्म पर दुनिया में फिर छिड़ी बहस

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के अटलांटा क्षेत्र में स्पा सेंटर में गोलीबारी करने वाले युवक की गिफ्तारी के बाद 'सेक्स एडिक्शन' टर्म एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल, इस युवक ने अपने बचाव में कहा था। कि इस घटना के पीछे की वजह उसका सेक्स एडिक्शन है। युवक ने कहा कि स्पा सेंटर को देखकर उसका एडिक्शन बढ़ जाता था। और स्पा सेंटर से नफरत की वजह से इस हमले को अंजाम दिया। आरोपी ने बताया कि उसके सेक्स एडिक्शन की वजह से उसे उसके परिवार से बाहर निकाल दिया गया था। वह अपने घर पर घंटों पॉर्न देखता था। इसके बाद से ही ये सवाल उठने लगे हैं। कि क्या सेक्स की लत कोई बीमारी है। जिसकी वजह से व्यक्ति किसी की जान भी ले सकता है। सेक्स की लत की वजह से हिंसात्मक हो जाने पर एक्सपर्ट और मनोवैज्ञानिक एकमत नहीं हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं कि सेक्स एडिक्शन क्या है और इसके क्या लक्षण हैं ? सेक्स एडिक्शन के लक्षण- किसी भी लत की तरह सेक्स की लत भी व्यक्ति के दिमाग पर हावी हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट सेक्स को सेहत के लिए हेल्दी मानते हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा ये शारीरिक और मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचाता है। सेक्स एडिक्शन होने पर व्यक्ति हर समय सिर्फ सेक्स के बारे में ही सोचता है। ऐसे लोग इसके गंभीर नतीजे जानने के बाद भी हमेशा किसी ना किस सेक्सुअल एक्टिविटी में लगे रहते हैं। ये लोग सेक्स की लत की वजह से अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों खराब कर लेते हैं। जिन लोगों को सेक्स की लत होती है। उनके एक साथ कई लोगों से संबंध होते हैं। ये लोग अपने पार्टनर से किसी तरह का भावनात्मक लगाव नहीं रखते हैं। कई सेक्स एडिक्टेड नियमित रूप से सेक्स वर्कर्स के पास भी जाते हैं। अपने रोजमर्रा के काम के साथ ये साइबर सेक्स, पोर्नोग्राफी में भी लिप्त रहते हैं। सेक्स एडिक्शन वाले लोग अनसेफ सेक्स का भी खतरा मोल लेते हैं। ऐसे लोगों को यौन संबंध से भावनात्मक संतुष्टि नहीं मिलती है। और सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद कई बार ये अपराधबोध महसूस करते हैं। सेक्स एडिक्शन के कारण- सेक्स की लत कैसे लग जाती है। इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है। लेकिन कई तरह की मानसिक स्थितियां इसके पीछे जिम्मेदार मानी जाती है। जैसे कि डिप्रेशन, अकेलापन या फिर एक तरह की उदासी कई लोगों को सेक्सुअल बिहेवियर की तरफ ले जाती है। ऐसे लोगों में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने का खतरा ज्यादा होता है। विशेषज्ञों की राय- विश्व स्वास्थ संगठन के इंटरनेशनल स्टैस्टिकल क्लासीफिकेशन ऑफ डिसीज (सीबीआई10) और अमेरिकन साइकेट्रिस्ट एसोसिएशन, कंपल्सिव सेक्शुअल बिहेवियर को कोई बीमारी नहीं मानता है। इसका कारण ये बताया गया है कि हर व्यक्ति की सेक्स ड्राइव अलग-अलग होती है. मई 2019 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में एक प्रेजेंटेशन में कहा गया था कि ऐसे लोगों को कई बार सेक्स में कम या फिर बिल्कुल भी संतुष्टि नहीं मिलती है। हालांकि, 2022 में आने वाले डब्ल्यूएचओ के इंटरनेशनल स्टैस्टिकल क्लासीफिकेशन ऑफ डिसीज ओईसीडी11 में इस विषय पर कई तरह के बदलाव किए जाने हैं। ओईसीडी11 में सेक्स एडिक्शन की नई व्याख्या की गई है। ओईसीडी11 में कहा गया है, 'कंपलसिव सेक्सुअल बिहेवियर एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है। जो एक पैटर्न पर चलता है। इसमें लोग अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं. ये बिहेवियर 6 महीने या फिर इससे ज्यादा समय में बढ़ जाता है। इसका बुरा असर व्यक्ति के निजी, पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक, व्यावसायिक या अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर पड़ता है। हालांकि, सेक्स एडिक्शन को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मनोचिकित्सक प्रोफेसर डॉक्टर जिव कोहेन का कहना है। जब भी हम किसी लत के बारे में सोचते हैं। तो हमें कुछ खास गतिविधियों में लिप्त रहने का ख्याल आता है। जो दिमाग से संकेत मिलने पर अचानक प्रतिक्रिया देता है। यह नशे की लत का न्यूरोबायोलॉजिकल सबूत है। जो शोधकर्ताओं ने ऐसे लोगों में देखा है। जो ड्रग्स, अल्कोहल का सेवन करते हैं। या फिर जुआ खेलते हैं। आमतौर पर ये सेक्स या पोर्न की लत वालों में नहीं देखा गया है.' अधिकतर शोधकर्ताओं का मानना है। कि सेक्स एडिक्शन कोई मानसिक बीमारी नहीं है। कोंलबिया यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर पॉल एपेलबाउम ने सीएनएन को बताया लत का मतलब सिर्फ व्यवहार पर नियंत्रण खो देना, सामाजिक दुर्बलता और खुद को नुकसान पहुंचाने वाला जोखिम लेना है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जिव कोहेन ने कहा, कई लोग ऐसे हैं। जो अपनी सामान्य सेक्सुअलिटी को लेकर ही अपराधबोध महसूस करते हैं। अगर सेक्स एडिक्शन जैसे टर्म को मान्यता दी गई तो एक चिंता ये भी है। कि तमाम लोग अपनी सेक्सुअलिटी को लेकर सवाल करने लग सकते हैं। कई लोगों को लग सकता है कि वे स्वस्थ नहीं हैं। उन्होंने कहा, सेक्स को लेकर कोई लाइन खींचना बहुत मुश्किल है। अगर किसी की सेक्सुअलिटी से दूसरों के अधिकार प्रभावित होते हैं। तो इसे भले बीमारी माना जा सकता है। लेकिन कुछ लोगों की सेक्स ड्राइव ज्यादा है। तो उन्हें इसमें शामिल करना ठीक नहीं होगा। मनोवैज्ञानिक और 'द मिथ ऑफ सेक्स एडिक्शन' के लेखक डेविड जे ले ने 'द वॉशिंगटन पोस्ट' को बताया ऐसा माना जाता है। कि कुछ लोग जब बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाते है तो वो खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। लेकिन शोध के अनुसार सेक्स की लत वाले लोग ऐसी स्थितियों में भी खुद पर नियंत्रण रख सकते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है, कि अपराधी सेक्स एडिक्शन शब्द का इस्तेमाल अपना गुनाह छिपाने के लिए करते हैं।

तेजस्वी ने 26 को बिहार बंद करनें का किया ऐलान

अविनाश श्रीवास्तव  
 पटना। नीतीश सरकार के बिहार विशेष सशस्त्र के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि किसी भी हाल में बिहार सरकार को इस काला कानून को वापस करना पड़ेगा या इसमें संसोधन करना पड़ेगा। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने26 मार्च को बिहार बंद का ऐलान किया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सदन में विधायकों के साथ हुए अत्याचार को लेकर 26 मार्च को महागठबंधन ने बिहार बंद का एलान किया है और पार्टी इस दिन काला दिवस मनाएगी।तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष के बाहर धरना देने की परंपरा पहले भी रही है। उस वक्त नीतीश कुमार जी भी सदन के सदस्य थे और कर्पूरी ठाकुर जी तीन दिन तक धरना पर बैठे रहे थे। लेकिन विधानसभा में हुई घटना पर नीतीश जी सदन में खेद प्रकट करने की जगह अधिकारियों को क्लीन चिट देने में जुटे हैं।

लॉ आर्डर पर सीएम नीतीश ने की हाई लेवल मीटिंग

अविनाश श्रीवास्तव           
पटना। बिहार में बढ़ती अपराधिक घटनाओं और होली को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज लॉ एंड आर्डर पर रिव्यु मीटिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बिहार के डीजीपी के साथ-साथ मुख्य सचिव और अन्य वरीय अधिकारियों के साथ लॉ एंड ऑर्डर को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं। नेक संवाद में सीएम आवास पर वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया है। आपको बता दें कि होली के मद्देनजर मुख्यमंत्री की इस लॉ एंड आर्डर पर रिव्यु मीटिंग को अहम माना जा रहा है। इस बैठक के बाद होली को लेकर कई तरह के गाइडलाइन्स जारी किये जा सकते हैं। साथ ही त्यौहार के समय विधि व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल की भी तैनाती की जा सकती है। 

मुख्यमंत्री के साथ हो रही इस बैठक में डीजीपी एसके सिंघल के साथ-साथ सभी जिले के डीएम और एसपी भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए हैं।

सरकारी स्कूल में नर्सरी की पढ़ाई करेंगे तेजस्वी

अविनाश श्रीवास्तव       
पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी अधूरी पढ़ाई फिर से शुरू करेंगे। जिसके लिए बकाएदा एक सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन भी दिया गया है। इस आवेदन में कहा गया है कि बिहार में प्रवेशोत्सव का कार्यक्रम चल रहा है। इसी कार्यक्रम के तहत तेजस्वी यादव को भी नामांकन कराया जाए। जिस स्कूल में यह आवेदन दिया गया है। उस स्कूल के प्रधानाचार्य ने इसकी पुष्टि की है। दरअसल, तेजस्वी यादव की पढ़ाई की जिम्मेदारी उनके परिवार या राजद ने नहीं, बल्कि जदयू के कार्यकर्ताओं ने ली है। गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का एडमिशन कराने के लिए जदयू के कुछ लोग इसे पूरा राजकीय मध्य विद्यालय में पहुंचे।

तहसीलदार के घर पर रेड, जला दिये 20 लाख रुपये

नरेश राघानी    
सिरोही। राजस्थान के सिरोही जिले के पिंडवाड़ा तहसील में तहसीलदार ने पहले तो जम के भ्रष्टाचारी में अपने हाथ धोये और फिर जब उसका भ्रष्टाचार सबके सामने आ गया तो उसने ऐसा कदम उठा डाला, जिसने सबकों चौंका दिया।दरअसल भ्रष्टाचार के आरोपी तहसीलदार के यहां छापेमारी वाली टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी। लेकिन तहसीलदार ने अपना अलग ही खेल खेल डाला। पूरे घर को लॉक करके लाखों रूपए आग के हवाले कर दिए। तहसीलदार ने घर पर गैस चुल्हे पर करीब 20 लाख रूपए जला दिए।

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...