बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

सऊदी ने 20 देशों से विमान सेवाओं पर लगाई रोक

रियाद। सऊदी अरब ने अपने यहां पर कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से पाकिस्‍तान समेत 20 देशों से हवाई यातायात को फिलहाल स्‍थगित कर दिया है। अब केवल वही लोग सऊदी अरब में प्रवेश कर सकेंगे जो वहां के नागरिक हैं, डिप्‍लोमेट हैं और डॉक्‍टर या उनके परिजन हैं। ये आदेश 3 फरवरी से लागू कर दिया गया है। जिन देशों से आने वाले लोगों पर सऊदी अरब ने बैन लगाया है। उनमें संयुक्‍त अरब अमीरात, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, मिस्र, लेबनान,  अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, ब्राजील, पुर्तगाल, तुर्की, स्‍वीडन, स्विटजरलैंड, जापान और भारत और भारत का भी नाम शामिल है। सऊदी अरब की स्‍टेट न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक सऊदी अरब ने 21 दिसंबर 2020 को विदेश से आने और जाने वाली विमान सेवाओं को रोक दिया था। 28 दिसंबर को इसको फिर बढ़ा दिया गया था। ये सब कुछ कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन के कई देशों में पाए जाने के बाद किया गया था। इसके बाद 4 जनवरी को अपनी सीमा खोली थी। सऊदी अरब ने जिन देशों के यात्रियों पर अपने यहां आने अस्‍थायी तौर पर रोक लगाई उनमें अधिकतर वही देश शामिल हैं जहां पर कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन के मामले सामने आए हैं। आपको बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस स्‍ट्रेन को पहले सामने आए प्रकारों से अधिक घातक बता चुके हैं। यही वजह है कि पूरी दुनिया इस नए खतरे को देखते हुए सभी एहतियाती उपाय कर रही हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि सऊदी अरब द्वारा जिन देशों के यात्रियों पर बैन लगाया गया है उनमें से कुछ को भारत कोविड-19 वैक्‍सीन की सप्‍लाई कर रहा है। इतना ही नहीं सऊदी अरब का भी नाम उन देशों में शामिल है जहां पर भारत अपनी वैक्‍सीन को उपलब्‍ध करवा रहा है। आपको बता दें कि सऊदी अरब में कोरोना वायरस के अब तक 368,639 मामले सामने आए हैं जिनमें से 6,383 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि 360,110 मरीज ठीक भी हुए हैं। वहीं पाकिस्‍तान की बात करें तो वहां पर अब तक कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्‍या 547,648 पहुंच गई है और 11,746 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि 495,863 ठीक भी हुए हैं। पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए सरकार ने टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में इसकी शुरुआत 2 फरवरी को हुई और इसका पहला टीका इस्‍लामाबाद के अस्‍पताल प्रमुख को लगाया गया। पाकिस्‍तान ने चीन से सिनोफार्म की कोरोना वैक्‍सीन मिलने के बाद इसकी शुरुआत की है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस आपूर्ति के लिए चीन का धन्‍यवाद भी किया है।

आंदोलन: अंतरराष्ट्रीय हस्तियों को सरकार की सलाह

किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय हस्तियों को सरकार की सलाह- पहले तथ्यों को जान लेना चाहिए
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारत ने अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा भारत के किसान आंदोलन की लेकर की गयीं। टिप्पणियों को गैरजिम्मेदाराना करार दिया है और उन्हें सलाह दी है, कि ऐसे आंदोलन भारत की लोकतांत्रिक राजनीति के संदर्भ में देखे जाने चाहिए और कोई भी टिप्पणी करने से पहले तथ्यों को अच्छे से समझना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने आज यहां एक बयान में कहा कि भारत की संसद ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने वाले वाले कानून बहस एवं परिचर्चा के बाद बनाये हैं। ये सुधार किसानों के लिए अधिक विकल्प और बाजार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करते हैं। और इससे आर्थिक रूप से लाभकारी कृषि का भी मार्ग प्रशस्त होता है।
बयान में कहा कि भारत के कुछ हिस्सों में किसानों के एक छोटे से वर्ग को इन सुधारों पर कुछ आपत्तियां हैं। प्रदर्शनकारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने उनके प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें कीं। केन्द्रीय मंत्री बातचीत में शामिल हैं। और अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार ने कानूनों को लंबित रखने का भी प्रस्ताव किया है। और यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री की ओर से आया है।
बयान के अनुसार इन सबके बावजूद यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कि कुछ तुच्छ स्वार्थी समूह अपना एजेंडा आंदोलनकारियों पर थोपने और आंदोलन को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह चीज़ 26 जनवरी को देश के गणतंत्र दिवस को दिखायी दी।
भारत के संविधान के लागू होने की वर्षगांठ पर देश की राजधानी में हिंसा एवं तोड़फोड़ की गयी। इन्हीं स्वार्थी समूहों में से कुछ भारत के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इन्हीं तत्वों के उकसावे पर विश्व के कई हिस्सों में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को अपवित्र किया गया। यह भारत और विश्व के समस्त सभ्य समाज के लिए बहुत ही दुखद स्थिति है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के पुलिस बल ने बहुत ही संयम से इन प्रदर्शनों का सामना किया। पुलिस में काम करने वाले सैकड़ों पुरुषों एवं महिलाओं पर शारीरिक हमले किये गये और कुछ मामलों में उन्हें धारदार हथियारों से जख्मी किया गया। हम बताना चाहते हैं। कि इन आंदोलनों एवं प्रदर्शनों को भारत की लोकतांत्रिक राजनीति एवं मूल्यों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए तथा सरकार एवं संबंधित किसान समूह इस गतिरोध को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
हम अपील करते हैं। कि ऐसे मामलों में टिप्पणी करने से पहले तथ्यों को जान लेना चाहिए और मुद्दे को अच्छी तरह से समझना चाहिए। सोशल मीडिया में सनसनीखेज टिप्पणियों से सार्वजनिक जीवन में ख्यातिप्राप्त हस्तियों को प्रभावित होना ना तो उचित है। और ना ही जिम्मेदाराना।

मेक इन इंडिया के तहत हुआ सबसे बड़ा सौदा

मेक इन इंडिया के तहत हुआ अब तक का सबसे बड़ा सौदा, एचएएल बनाएगा तेजस विमान
बेंगलुरू। देश में रक्षा क्षेत्र के बडे सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को वायु सेना के लिए 83 तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू विमान बनाने का आर्डर आज विधिवत रूप से मिल गया। बुधवार को यहां शुरू हुए एशिया के सबसे बडे एयर शो एयरो इंडिया के उदघाटन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी मे रक्षा मंत्रालय में महानिदेशक रक्षा खरीद ने एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन को इस अनुबंध से संबंधित दस्तावेज प्रदान किये।
इसके तहत एच ए एल वायु सेना के लिए 83 मार्क 1 ए लड़ाकू विमान बनायेगा और इन पर करीब 48 हजार करोड रूपये की लागत आयेगी। यह मेक इन इंडिया के तहत अब तक का सबसे बडा सौदा हैं। एचएएल इन विमानों के दो संस्करण बनायेगी जिनमें 73 तेजस मार्क 1 ए होंगे और 10 तेजस मार्क 1 होंगे। माधवन ने एक दिन पहले ही संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा था। कि पहले तेजस विमान की आपूर्ति वायु सेना को 36 महीने में की जायेगी और 9 सालों की अवधि में सभी विमान वायु सेना को सौंप दिये जायेंगे। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि आने वाले समय में तेजस वायु सेना के लडाकू विमानों के बेड़े की रीढ़ साबित होगा। उन्होंने कहा कि एचएएल रक्षा क्षेत्र में देश की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मालदीव और श्रीलंका जैसे मित्र देशों ने तेजस की खरीद में दिलचस्पी दिखायी है। तेजस परियोजना 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय शुरू हुयी थी। तेजस विमान ने अब तक विभिन्न आयोजनों और मौकों पर अपने करतब तथा जौहर दिखाये हैं। और यह विमान 6000 सफल उड़ान भर चुका है। एयरो इंडिया के उदधाटन के बाद रक्षा मंत्री ने इंडिया पैवेलियन का भी उदघाटन किया।

सांसदों को मिलेंगी 24 घंटे संसदीय सूचनाएं, सुविधा

सांसदों को मिलेंगी 24 घंटे संसदीय सूचनाएं, ओम बिरला ने आरंभ की ये सुविधा
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर लोकसभा सचिवालय ने सांसदों को चौबीसों घंटों शोध एवं सूचना की सुविधा मुहैया कराने के लिए सदस्यों को संसदीय शोध एवं सूचना समर्थन (प्रिज़्म)  सुविधा आरंभ की है। लोकसभा सचिवालय के अनुसार इनमें समर्पित अधिकारियों की एक टीम लगायी गयी है। सदस्य किसी भी वक्त प्रिज़्म में फोन करके कम से कम समय में आवश्यक सूचनाएं या सहयोग प्राप्त कर सकेंगे।
इसके लिए दो विशेष टेलीफोन लाइनें 011-23034654 और 011-23794236 तथा विशेष मोबाइल नंबर 9711623767 होगा जिन पर सदस्य कॉल करके या मैसेज करके कोई भी सूचना प्राप्त कर सकेंगे। लोकसभा को कागज रहित संस्था बनाने के अभियान के तहत सदस्यों को सभी सूचनाएं डिजीटल माध्यम से उपलब्ध करायीं जाएंगी।
बिरला का मानना है। कि लोकसभा सचिवालय को सदस्यों को नीतिगत विषयों पर शोधपरक आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए सक्रियता से काम करना चाहिए ताकि सदस्य संसदीय दायित्वों का प्रभावी ढंग से निर्वाह कर सकें। इससे ज्ञान आधारित समाज बनाने में सहायता मिलेगी।

भारत में किसान आंदोलन के प्रति एकजुट: थनबर्ग

युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग बोले- हम भारत में किसान आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। मशहूर पॉपसिंगर रिहाना और युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर पिछले वर्ष 26 नवम्बर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया है।
किसानों के आंदोलन वाले बहुत से स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दिये जाने की सरकार की कार्रवाई पर प्रकाश डालते एक समाचार आलेख की साझेदारी करते हुए रिहाना ने ट्वीट किया हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में किसान आंदोलन को हैशटैग भी किया। रिहाना की इस टिप्पणी के बाद थनबर्ग भी किसान आंदोलन को समर्थन में सामने आ गयी। थनबर्ग ने अपने ट्वीट में कहा हम भारत में किसान आंदोलन केज प्रति एकजुट हैं। इस बीच किसान आंदोलन को लेकर रिहाना की टिप्पणी के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने इसके लिए उनकी यह कहते हुए आलोचना की कि प्रदर्शनकारी किसान नहीं है।
कंगना ने ट्वीट कर कहा, कोई भी इसलिए बात नहीं कर रहा है। क्योंकि ये किसान नहीं आतंकवादी हैं। जो भारत को बांटना चाहते हैं। ताकि चीन हमारे देश पर कब्जा कर ले और यूएसए जैसी चाइनीज कॉलोनी बना दे। शांति से बैठो बेवकूफ। हम तुम्हारे जैसे मूर्ख नहीं है। जो अपने देश को बेच दें।
उल्लेखनीय है। कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद सरकार ने ऐहतियात के तौर पर सिंघु, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर किसान आंदोलन वाले इलाकों में शनिवार को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी। और बाद में निलंबन अवधि मंगलवार तक बढ़ा दी गयी।
हरियाणा सरकार ने भी कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के 17 जिलों में 31 जनवरी की शाम तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी। और बाद में इसकी अवधि तीन फरवरी तक बढ़ा दी गयी है।

जर्मन कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा डोर्टमंड

जर्मन कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा डोर्टमंड, उलटफेर का शिकार बना लीवरकुसेन

बर्लिन। बोरुसिया डोर्टमंड ने सेकेंड डिवीजन की टीम पैडरबोर्न को अतिरिक्त समय तक चले मैच में 3-2 से हराकर जर्मन कप फुटबॉल टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन बायेर लिवरकुसेन चौथी श्रेणी की टीम रोट वीज इसेन से हारकर बाहर हो गया। इर्लिंग हालैंड ने अतिरिक्त समय में गोल करके डोर्टमंड को जीत दिलायी। डोर्टमंड को लग रहा था, कि उसने निर्धारित समय में ही 3-1 से जीत दर्ज कर ली है। लेकिन रेफरी टोबियास स्टीलर ने फेलिक्स पासलैक के पैडरबोर्न के कप्तान सेबेस्टियन शोनलाउ के खिलाफ संभावित फाउल के लिये वीडियो रीप्ले का सहारा लिया। स्टीलर ने वीडियो रीप्ले के बाद गोल निरस्त करके पैडरबोर्न को पेनल्टी दे दी थी। इंजुरी टाइम के सातवें मिनट में प्रिस ओसी ओवुसु ने पेनल्टी पर गोल करके पैडरबोर्न को बराबरी दिलायी थी। इससे पहले डोर्टमंड ने एमरे कैन (छठे) और जादोन सांचो (16वें मिनट) के गोल से शुरू में बढ़त हासिल कर ली थी। पैडरबोर्न के लिये पहला गोल जुलियन जस्टवान ने 79वें मिनट में किया था।
एक अन्य मैच में रोट वीज एसेन ने अतिरिक्त समय में दो गोल करके लिवरकुसेन को 2-1 से हराया। दोनों टीमें निर्धारित समय तक गोलरहित बराबरी पर थी। लिवरकुसेन के लिये लियोन बैली ने 105वें मिनट में गोल किया लेकिन एसेन की टीम ओजुहान केलकिर (108वें मिनट) और सिमोन इंगेलमैन (117वें मिनट) के गोल से उलटफेर करने में सफल रही।

निर्दोष किसानों को निशाना न बनाए सरकार: आजाद

राज्यसभा में कांग्रेस ने कहा- निर्दोष किसानों को निशाना न बनाए सरकार, कृषि कानून वापस हों
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले में हुयी हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। किंतु निर्दोष किसानों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग भी मांग भी की
राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता आजाद ने किसानों को देश की सबसे बड़ी ताकत करार देते हुए कहा कि किसान अंग्रेजों के जमाने से संघर्ष करते रहे हैं। और हर बार उन्होंने शासन को झुकने के लिए मजबूर किया। आजाद ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर सदन में हुयी चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि किसान हमेशा से संषर्ष करते रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने विभिन्न किसान आंदोलनों का भी विस्तार से जिक्र किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। आजाद ने जब यह बात कही, प्रधानमंत्री मोदी उस समय सदन में मौजूद थे।
आजाद ने कहा कि किसानों की ताकत देश की सबसे बड़ी ताकत है। और उनसे लड़ाई कर हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते। उन्होंने 1900 के दशक में पंजाब में हुए किसान आंदोलनों के दौरान लोकप्रिय गीत पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी संभाल की कुछ पंक्तियों को भी उद्धृत किया और कहा कि किसानों ने अंग्रेज सरकार को भी अपने कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था। इससे पहले भाजपा सांसद भुवनेश्वर कालिता ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने प्रस्ताव किया राष्ट्रपति ने 29 जनवरी, 2021 को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में जो अभिभाषण दिया है। उसके लिए राज्यसभा के वर्तमान सत्र में उपस्थित सदस्य राष्ट्रपति के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। भाजपा के विजयपाल सिंह तोमर ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
चर्चा में भाग लेते हुए आजाद ने जय जवान, जय किसान नारे का जिक्र करते हुए कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा में लगे सैनिक अत्यंत प्रतिकूल स्थिति में रहते हैं। जहां तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। उन्होंने पिछले साल गलवान घाटी में शहीद हुए देश के 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले ढाई महीने से चल रहे आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों को भी श्रद्धांजलि दी। आजाद ने 26 जनवरी को हुयी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बेहद निंदनीय है। और उस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन इस क्रम में निर्दोष किसानों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने 26 जनवरी के दिन गुम हुए लोगों की तलाश किए जाने की भी मांग की।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि जो व्यक्ति देश का पूर्व विदेश राज्य मंत्री रह चुका हो तथा विश्व में देश का नेतृत्व कर चुका हो, जिसे लोगों ने लोकसभा के लिए चुना हो।वह व्यक्ति देशद्रोही कैसे हो सकता है। श्रीलंका की नौसेना के हाथों चार मछुआरों के मारे जाने का उठा मुद्दा। सरकार ने कहा कि जनवरी माह में श्रीलंका की नौसेना के हाथों तमिलनाडु के चार मछुआरों के मारे जाने का मुद्दा पड़ोसी देश के समक्ष उठाया गया है। और स्पष्ट शब्दों में कहा गया है। कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि इस बारे में पड़ोसी देश से बात की जा चुकी है। उन्होंने कहा श्रीलंका की सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया और स्पष्ट शब्दों में कहा गया है। कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस ने बीमा कंपनियों पर लगाया किसानों के साथ धोखा करने का आरोप...
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू होने के पांच साल बाद भी किसानों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाने का दावा करते हुए राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस के एक सदस्य ने बीमा कंपनियों पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग की। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के राजामणि पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 में शुरू की गई थी। उन्होंने कहा लेकिन कई किसानों को प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल खराब होने के तीन चार साल बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया है। बीमा कंपनियां किसानों को धोखा दे रही हैं। किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि किसानों के साथ धोखा करने वाली बीमा कंपनियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
नायडू ने मोबाइल फोन पर सदन की कार्यवाही रिकॉर्डिंग करने पर चेताया...
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के सदस्यों को सदन की कार्यवाही की मोबाइल फोन से रिकॉर्डिंग करने पर आगाह करते हुए कहा कि ऐसी अनधिकृत रिकॉर्डिंग और सोशल मीडिया पर उसका प्रसार संसदीय विशेषाधिकरों का हनन और सदन की अवमानना हो सकता है। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति नायडू ने कहा कि संसदीय नियमों के मुताबिक राज्यसभा कक्ष में सैल्यूलर फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सदस्यों को कक्ष में ऐसी अवांछित गतिविधियों से बचना चाहिए। ज्ञात हो कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को कृषि विधेयकों को लेकर सदन में हो रहे हंगामे को अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा भी किया। कुछ चैनलों ने इन्हें प्रसारित भी किया।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...