शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

फैसला: कर्नाटक में अब नहीं लगेगा नाइट कर्फ्यू

बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने क्रिसमस से पहले बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य में आज से शुरू होने वाले नाइट कर्फ्यू का आदेश वापस ले लिया है। ये फैसला टेक्निकल कमेटी के रिव्यू के आधार पर लिया गया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पब्लिक की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। इसके अलावा बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि क्रिसमस के चलते मध्यरात्रि में भीड़ के जमा होने को मंजूरी दी जा सकती है। देश के 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में से 20 में कोरोना से हुई मौत की दर नेशनल एवरेज 1.4% से भी कम हो गई है। 3.2% के साथ पंजाब टॉप पर है। 2.6% के साथ महाराष्ट्र दूसरी पायदान पर है। लक्षद्वीप इकलौता ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है। जहां कोई केस नहीं आया है। देश में 24 हजार 236 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई, 29 हजार 364 मरीज ठीक हो गए, जबकि 302 की मौत हो गई। इस तरह एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 5450 की कमी आई। अब तक कुल 1 करोड़ 1 लाख 23 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 96.92 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, 1.46 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 2.81 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर रिकवरी

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर रिकवरी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2021 के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को रिवाइज कर दिया है। इंडिया रेटिंग्स ने पहले इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को -11.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन अब इसे बढ़ाकर -7.8 फीसदी कर दिया है।
लेकिन इस बीच अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा सवाल है कि यह ग्रोथ कितनी देर तक जारी रहती है। कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था की चाल पहली तिमाही में ऐतिहासिक .23.90 फीसदी तक लुढ़क चुकी थी। दूसरी तिमाही में यह .7.5 फीसदी पर रही थी। हालांकि, इंडिया रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि महामारी के तुरंत खत्म होने की संभावना कम है और आर्थिक गतिविधियों को फिलहाल इसी के साथ रहना होगा। इस आधार पर इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में GDP की ग्रोथ -0.8 फीसदी रहेगी और चौथी तिमाही में यह 0.3 फीसदी रह सकती है। इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में ही ग्रोथ सकारात्म हो सकती है। इंडिया रेटिंग्स द्वारा इस अनुमान के रिवाइज से ठीक एक दिन पहले भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी बुलेटिन में कहा है कि तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था पॉजिटिव दायरे मे आ सकती है। इस बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्षक से एक आर्टिकल में यह बात कहा है। इस बुलेटिन में कहा गया है कि ऐसे कई उदाहरण हैंए जिनसे इस बात के संकेत मिलते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 की मार से तेजी से उबर रही है। महंगाई काबू करने की जरूरत

हालांकि आरबीआई की इस बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि कई एजेंसियों द्वारा लगाए गए अनुमानों को भी रिवाइज किया जा रहा है और यही मोमेंटम जारी रहता है तो अंतिम तिमाही में आर्थिक वृद्धि और भी जबरदस्त हो सकती है। यह भी कहा गया कि वर्तमान में महंगाई को काबू में करने की जरूरत है नहीं तो इससे आर्थिक ग्रोथ को नुकसान पहुंच सकता है।

दिल्ली: सोना खरीदने का सबसे बेहतर मौका

नई दिल्ली। अगर आप सस्ता सोना खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए बेहतर मौका है। अगली सीरीज के सरकारी गोल्ड बॉन्ड के लिए इशू प्राइस 5,000 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘गोल्ड बॉन्ड का मूल्य 5,000 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है।’सरकारी गोल्ड बॉन्ड योजना 2020-21 सीरीज नौ अभिदान के लिए 28 दिसंबर, 2020 को खुलेगा और 1 जनवरी, 2021 को बंद होगा।बॉन्ड का मूल्य इंडियन बुनियन एंड जूलर्स एसोसएिशन लि. द्वारा प्रकाशित सरल औसत बंद मूल्य पर आधारित है। इसमें मूल्य तय करने के लिए 999 शुद्धता वाले सोने के अभिदान यानी आवेदन अवधि के पिछले सप्ताह के तीन कारोबारी दिवस के औसत मूल्य को लिया जाता है। इस मसले पर कारोबारी दिवस 22 से 24 दिसंबर है। आरबीआई के मुताबिक, सरकार ने केंद्रीय बैंक के साथ विचार-विमर्श कर ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने पर निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का फैसला किया है।

कब तक के लिए निवेश

केंद्रीय बैंक सरकारी गोल्ड बॉन्ड 2020-21 भारत सरकार की तरफ से जारी करता है। बॉन्ड में निवेशक एक ग्राम के गुणक में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश की अवधि आठ साल है। पाचवें साल से योजना से ब्याज भुगतान की तिथि से बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध है। सीरीज आठ के गोल्ड बॉन्ड का निर्गम मूल्य 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था। यह आवेदन के लिये नौ नवंबर को खुला था और 13 नवंबर को बंद हुआ था।

किसे है निवेश की छूट

स्वर्ण बांड की बिक्री बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, मनोनीत डाकघरों और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (बीएसई और एनएसई) के जरिये की जाएगी। बॉन्ड की बिक्री व्यक्तिगत रूप से यहां के निवासियों, हिंदू अविभाजित परिवार, न्यास, विश्विविद्यालय और परमार्थ संस्थानों को ही की जाएगी। इसमें व्यक्तिगत रूप से और हिंदू अविभाजित परिवार प्रति वित्त वर्ष न्यूनतम एक ग्राम सोने और अधिकतम चार किलो सोने के लिए निवेश कर सकते हैं। जबकि न्यास और इस प्रकार की अन्य इकाइयां प्रति वर्ष 20 किलो सोने में निवेश कर सकते है।

उत्तराखंड में 5 पॉजिटिव ने तोड़ा दम, नए मामले

पंकज कपूर
देहरादून। आज 468 नए मामले दर्ज किए गए जबकि 5 कोरोना पाजिटिव लोगों की मौते भी हुई है। आज 271 लोगों को स्वास्थ्य लाभ के बाद घर भी भेजा गया है। इस प्रकार प्रदेश में अब तक कुल 88844 लोग कोरोना के संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। फिलहाल 5510 लोग प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में कोरोना का इलाज करवा रहे हैं। आज तक कोरोना 1463 लोगों की जान भी जा चुकी हैं।देहरादून में आज 160, नैनीताल में 110, हरिद्वार में 26, अल्मोड़ा में 2, पिथौरागढ़ में 52, पौड़ी में 21, यूएस नगर में 23, उत्तरकाशी में 24, टिहरी में 23, चमोली में 10, रूद्रप्रयाग में 12, बागेश्वर में 5 और चंपावत में आज एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला।आज एम्स ऋशिकेश में तीन, दून मेडिकल कॉलेज में एक, जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में एक मरीज ने दम तोड़ा।

60 बिलियन की प्रतिबद्धता से पीछे हट रहा चीन

इस्लामाबाद। एशिया टाइम्स ने बताया कि ग्लोबल बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के लिए पाकिस्तान की USD 60 बिलियन की प्रतिबद्धता से बीजिंग पीछे हट रहा है। एफएम शकील ने अपने लेख में CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान तेजी से ऋण संकट की ओर बढ़ रहा है। जीडीपी अनुपात में पाकिस्तान का कर्ज अब सकल घरेलू उत्पाद के 107% के उच्च स्तर पर है। सुधार और कमजोर राजकोषीय प्रबंधन लाने में सरकार की विफलता के कारण पाकिस्तान कर्ज के जाल में फंस गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा संकलित आंकड़ों का हवाला देते हुए हाल की मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि राज्य समर्थित चीन विकास बैंक और चीन के निर्यात-आयात बैंक द्वारा समग्र रूप से उधार देने का आंकड़ा जो 2016 में 75 बिलियन USD था वो पिछले साल घटकर केवल 4 मिलियन अमरीकी डॉलर रह गए। 2020 के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में लगभग 3 बिलियन अमरीकी डालर की राशि तक रह गई। एक तो लोन बढ़ रहा है और अब अधिक लोन भी नहीं मिल रहा है। एफ़एम शकील ने एशिया टाइम्स के लिए लिखा, उन्होंने चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (CPEC) में धन के खराब होने के पीछे CPEC में शामिल चीनी कंपनियों द्वारा अमेरिका के साथ बीजिंग के व्यापार युद्ध और भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया। BRI से संबंधित कई परियोजनाएं अब बंद हो गई हैं या वित्तपोषण की कमी के कारण अनुसूची के पीछे चल रही हैं। घोषित किए गए CPEC प्रोजेक्ट्स में से केवल 32 इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के रूप में पूरे हुए हैं। लेखक ने उल्लेख किया कि चीन द्वारा CPEC प्रतिबद्धताओं के अनुसार, उसे पाकिस्तान के चार प्रांतों में आठ विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) का निर्माण करना था।

मरीजों के साथ डिस्चार्ज का भी आंकड़ा घटा

नरेश राघानी 

जोधपुर। शहर में कोरोना में घटते पॉजिटिव मरीजों के साथ डिस्चार्ज का आंकड़ा भी घटने लगाा है। बुधवार को दो संक्रमितों की मौत, 78 पॉजिटिव और 70 डिस्चार्ज हुए। लगातार तीसरे दिन डिस्चार्ज का आंकड़ा पॉजिटिव मरीजों के आंकड़े से कम है। जबकि दिसंबर माह में 20 दिनों तक लगातार डिस्चार्ज का आंकड़ा पाॅजिटिव आ रहे मरीजों से अधिक था। दिसंबर के 23 दिनों में कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 3858, डिस्चार्ज 8213 और मौत 83 हो गई। जबकि अभी तक कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 58693, डिस्चार्ज का आंकड़ा 53044 और मौत 833 हो गई है। कोरोना खात्मे के लिए 2021 रहेगा खास, वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां जारी,एम्स में हुई दोनों की मौत .बुधवार को दो संक्रमितों की मौत एम्स में हुई। मिल्कमैन कॉलोनी गली नंबर 4 निवासी बदामी देवी (79) की मौत सुबह करीब 5:30 बजे हुई वहीं दूसरी मौत महावीर नगर महामंदिर निवासी श्याम सुंदर लोहिया (63) की मौत 10:45 बजे हुई। मरीज को डायबिटीज और हाइपर टेंशन की बीमारी थी।

मुठभेड़: सेना ने अधिकारियों के खिलाफ जुटाएं सबूत

श्रीनगर। सेना ने शोपियां फर्जी मुठभेड़ में शामिल अपने अधिकारियों के खिलाफ सुबूत एकत्र करने का काम पूरा कर लिया है। इस मुठभेड़ में राजौरी जिले के तीन नागरिकों की मौत हो गयी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फर्जी मुठभेड़ में शामिल जवानों की पहचान उजागर नहीं की गयी है। जांच संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सेना के दो अधिकारियों के कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू हो सकती है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सुबूत एकत्र करने के कार्य की रिकार्डिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी सलाहकारों की मदद ली जा रही है। कर्नल कालिया ने कहा कि भारतीय सेना अभियानों की नैतिकता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सेना के कानून के मुताबिक इस कार्रवाई की जानकारी उचित समय पर दी जायेगी। दरअसल सेना ने 18 जुलाई 2020 को शोपियां के अमशीपोरा में एक मुठभेड़ में तीन अज्ञात आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था। सोशल मीडिया पर मारे गए आतंकवादियों की तस्वीरें आने के बाद उनके परिजनों ने इसका खंडन किया था। परिजनों के मुताबिक तीनों युवकों का आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं था और वे शोपियां में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे। इसके बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग जांच के निर्देश दिए थे। अगस्त में इस मामले में जांच शुरू हुई थी। कोर्ट ऑफ इनक्वायरी ने सितंबर महीने में ही इसकी जांच पूरी कर ली थी और प्राथमिक जांच में सेना के अधिकारियों की भूमिका को लेकर संदेह व्यक्त किया था। इसके बाद सेना अधिनियम के तहत इन पर कार्रवाई शुरू हुई थी। पुलिस की एक टीम ने 13 अगस्त को राजौरी जाकर मारे गए युवकों के परिजनों के डीएनए नमूने लिए थे। यह डीएनए नमूने मुठभेड़ में मारे गए युवकों के नमूनों से मेल खाये, जिसके बाद अबरार अहमद, इम्तियाज अहमद और मोहम्मद इबरार नामक युवकों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिए गए और अक्टूबर में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

सुरजेवाला का मोदी पर पलटवार, सरकार दुश्मन है

नई दिल्ली। कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन की पृष्ठभूमि में विपक्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र सरकार अन्नदाताओं को ‘थका दो, भगा दो’ की नीति पर काम कर रही है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि ”बहाने और ‘इवेंटबाजी बंद” करके मोदी सरकार को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और तीनों ‘काले कानून’ वापस लेने चाहिए। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध के लिए इसकी आड़ में राजनीतिक हित साधने वाले लोगों को दोषी ठहराया।

देश में वायरस के टीकाकरण की तैयारियां तेज की

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। सरकार ने देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की तैयारियां तेज कर दी हैं। भारत सरकार के मुताबिक लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने पहले इसका ड्राई रन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ड्राई रन के लिए चार राज्यों पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात को चुना है। इन राज्यों में अगले हफ्ते कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया जाएगा। यहां ट्रायल के तौर पर कोरोना टीकाकरण शुरू करने के लिए निर्धारित तरीकों की जांच की जाएगी। पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो जिलों में वैक्सीन का ड्राई रन ट्रायल किया जाएगा। कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन की मदद से सरकार वैक्सीन आने पर तैयारियों को परखने का काम करना चाहती है। इस ड्राई रन के दौरान किसी भी व्यक्ति को कोई वैक्सीन नहीं दी जाएगी लेकिन वैक्सीनेशन(टीकाकरण) की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। देश में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए सरकार कमर कस रही है। भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि आज तक सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 7000 से अधिक जिला स्तरीय प्रशिक्षुओं की भागीदारी के साथ कोरोना टीकाकरण का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण पूरा हुआ है। लक्षद्वीप में यह प्रशिक्षण अब तक नहीं हो पाया है, जो 29 वें दिसंबर को जल्द ही आयोजित होंगे।

क्या है ड्राई रन, ये कैसे काम करेगा ?

कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन उसी तरह होगा जिस तरह वैक्सीन आने पर वैक्सीनेशन को लेकर प्लान किया गया है या जैसे वैक्सीन को लगाया जाना है। इस ड्राई रन में लोगों को सचमुच में वैक्सीन नहीं दी जाएगी बल्कि सिर्फ लोगों का डाटा लिया जाएगा। इसे सरकार की ओर से cowin ऐप पर अपलोड किया जाएगा।

पहले चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को मिलेगी वैक्सीन

देश में अब तक कोई वैक्सीन तो नहीं आई है लेकिन इसको लेकर केंद्र सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। सरकार ने कहा है कि देश में जब भी वैक्सीन आएगी वह पहले चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को टीका देगी। किसको सबसे पहले टीका दिया जाएगा ये भी निर्धारित किया जा चुका है। इसमें सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है।

पीएम मोदी ने ममता सरकार पर साधा निशाना

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ की किस्त जारी कर दी है। पीएम मोदी ने किसानों के साथ बातचीत के दौरान दौरान ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बंगाल के किसानों को केंद्र की योजनाओं के लाभ से वंचित रखा गया है। बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जो योजनाओं का लाभ किसानों तक नहीं पहुंचने दे रहा है। ममता बनर्जी की विचारधारा ने बंगाल को बर्बाद कर दिया है। किसानों के खिलाफ उनके रवैये ने मुझे बहुत आहत किया है। विपक्ष इस पर चुप क्यों है? पीएम मोदी ने इस दौरान ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। बंगाल की सरकार के राजनीतिक कारणों से उनके राज्यों के किसानों को पैसे नहीं मिल रहे हैं। पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा।ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी- बूटी खोज रहे हैं। मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हैं, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो एपीएमसी चालू कराएं । पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है।’ पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ राजनीतिक दल नए कृषि कानूनों का विरोध करके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ नेता किसानों के विरोध के नाम पर अपनी राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘किसानों के जीवन में खुशी, हम सभी की खुशी बढ़ा देती है। सभी देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि क्रिसमस का ये त्योहार विश्व में प्रेम, शांति और सद्भाव का प्रसार करे।’ पीएम नरेंद्र मोदी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज, 18,हजार करोड़ रुपये से अधिक रुपये सीधे किसानों के खातों में जमा किए गए हैं; न कोई बिचौलिए था न कोई कमीशन लिया गया। पीएम मोदी से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश के धार के किसान मनोज पाटीदार ने कहा, ‘ अब तक, मुझे पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10,000 रुपये मिले हैं। नए कृषि कानूनों के तहत, अब हम किसी भी निजी व्यवसाय / संगठन को कृषि उपज बेच सकते हैं। इस साल, मैंने आईटीसी को 85 क्विंटल सोयाबीन बेचा।’ हरियाणा के फतेहाबाद के किसान हरि सिंह बिश्नोई ने कहा, ‘पहले मैं चावल की खेती करता था, लेकिन मुझे बागवानी में भी दिलचस्पी है। मैंने तीन एकड़ में नींबू और सात एकड़ में अमरूद लगाए हैं। हम उन्हें स्थानीय मंडियों में बेचते हैं और इसके लिए अच्छी रकम मिलती है। अरुणाचल प्रदेश के किसान गगन पेरिंग से पीएम मोदी ने सबसे पहले बात की। पेरिंग ने कहा कि उन्हें किसान निधि के तहत छह हजार रुपये मिले हैं। इसका इस्तेमाल उन्होंने ऑर्गेनिक खाद और दवा खरीदने में किया। उनके साथ 446 किसान ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं। पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि आप छोटे किसानों को प्राइवेट कंपनी के साथ जोड़ते हैं। क्या उन्होंने सिर्फ प्रोडक्ट खरीदे या अपकी जमीन भी ले ली? इस पर गगन ने कहा कि हाल ही में एक कंपनी से एग्रीमेंट हुआ है, जितना प्रोडेक्ट है उसे ही ले जाने का बात हुई है जमीन का नहीं। हमारी जमीन सुरक्षित है। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी। इतना झूठ बोल रहे हैं। पीएम मोदी के साथ बातचीत के दौरान ओडिशा के किसान नवीन ने कहा, ‘मैंने 2019 में किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त किया। मुझे बिचौलियों से 20 प्रतिशत की तुलना में मात्र 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंक से 27,000 रुपये की राशि का ऋण मिला। पीएम मोदी ने ओडिशा के एक किसान से कहा, ‘मैं आपसे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड और इसके विभिन्न लाभों के बारे में बताने का आग्रह करता हूं, जिसमें कम ब्याज दर पर ऋण की उपलब्धता शामिल है।’ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘पंजाब सहित थोड़े से कुछ किसान भाई-बहनों के मन में नए कानूनों को लेकर भ्रम पैदा हुआ है। मैं उनको आग्रह करता हूं कि वो इस आंदोलन को त्याग कर सरकार के वार्ता के निमंत्रण पर आएं। मुझे आशा है कि किसान नए कानून के मर्म और महत्व को समझेंगे और हम समाधान की ओर अग्रसर होंगे।’ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘मैं प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करता हूं कि वे अपना विरोध खत्म करें और सरकार से बातचीत करें। मुझे उम्मीद है कि वे नए कृषि कानूनों के महत्व को समझेंगे, और इस मुद्दे को जल्द ही हल किया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जल्द ही 9 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 18,000 करोड़ रुपये जारी करेंगे। आज, हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि पूरी राशि सीधे किसानों के खातों में पहुंच जाएगी।

किसान अनुभव साझा करेंगे

प्रधानमंत्री के साथ संवाद के दौरान किसान पीएम-किसान और केंद्र सरकार की अन्य कृषि कल्याण की योजनाओं को लेकर अपने अनुभव साझा करेंगे। गौरतलब है कि पीएम-किसान योजना के तहत हर साल तीन किस्तों में दो हजार रुपये की राशि सीधे किसान के बैंक खातों में भेजी जाती है।

किसानों का प्रदर्शन

यह कार्यक्रम ऐसे समय हो रहा है जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं। वह बातचीत के माध्यम से विवाद निपटाना चाहती है। दोनों के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई है, लेकिन कोई नतीजा नहींं निकला है। सरकार बातचीत के रास्ते बंद नहीं करना चाहती है। इसीलिए सरकार की ओर से गुरुवार को फिर किसान संगठनों को वार्ता के लिए बुलावा भेजा गया।

संबोधन में हिस्सा लेंगे भाजपा नेता

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों से कहा है कि वे 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के दिए जाने वाले संबोधन में हिस्सा लें। इस संबंध में पार्टी के सभी जन प्रतिनिधियों और पार्टी संगठन के सभी प्रदेश अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को पत्र भेजा गया है।

गौशाला में मौजूद हैं शाह

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज के किशनगढ़ स्थित गौशाला में मौजूद हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी असम के सिलचर में किसानों के साथ पीएम की बातचीत सुनेंगे, जबकि केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल, उत्तर प्रदेश के हापुड़ में होंगे। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में होंगी पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा के जगतसिंहपुर में होंगे। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के जैसलमेर में होने की उम्मीद है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना से कार्यक्रम सुनेंगे। केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह अपने संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में होंगे।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर की मां का हुआ निधन

अविनाश श्रीवास्तव 
पटना। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद की मां बिमला प्रसाद का यहां निधन हो गया। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए मां को बेहद धार्मिक और दृढ संकल्प वाली महिला के तौर पर याद किया। प्रसाद ने ट्वीट कर कहा ” मेरी मां बिमाल प्रसाद कल रात स्वर्ग सिधार गयीं। वह कुछ समय से बीमार थीं। मेरी मां बेहद धार्मिक और दृढ़ संकल्प वाली महिला थीं। वह शुरुआत से ही पार्टी की समर्थक रहीं। उन्होंने महिला स्वयंसेवक के तौर पर बिहार में जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया था।”  प्रसाद ने मां के साथ अपनी तस्वीरें भी साझा की।

दुनिया में अपना दबदबा बढ़ाने में जुटा चीन

बीजिंग। दुनिया में अपना दबदबा बढ़ाने में जुटा चीन अब भारत-अमेरिका ही नहीं बल्कि सभी देशों में जासूसी नेटवर्क को विस्तार दे रहा है। उसके पड़ोसी देश अफगानिस्तान में भी अब चीन के जासूसी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। काबुल पुलिस ने छापा मारकर देश में खुफिया सूचनाएं इकट्ठी कर रहे चीन के 10 जासूसों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी लोग चीन की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे। इनमें से 2 लोग आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के संपर्क में थे। हक्कानी नेटवर्क को तालिबान का खूंखार चेहरा माना जाता रहा है। उधर जासूसी नेटवर्क का खुलासा होने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की निगरानी का जिम्मा प्रथम उपराष्ट्रपति अमरुलाह सलेह को सौंप दिया है। अमरुलाह सलेह ने काबुल में तैनात चीनी राजदूत Wang Yu से मुलाकात कर उन्हें चीनी नागरिकों के हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक अमरुलाह सलेह ने चीनी राजदूत से कहा कि यदि चीन इस मामले में माफी मांग लेता है तो वह उसके नागरिकों को क्षमादान दे सकता है। ऐसा न करने पर उनका देश आरोपियों के खिलाफ आपराधिक जांच की कार्रवाई करेगा।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...