बुधवार, 9 दिसंबर 2020

प्रेस से सांसद मोइत्रा ने माफी की मांग की

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मीडिया बिरादरी ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की उस टिप्पणी को लेकर नाराजगी जाहिर की है जिसमें उन्होंने प्रेस को कथित तौर पर 'दो पैसे वाली' मीडिया बोला था। कोलकाता प्रेस क्लब ने मोइत्रा से माफी की मांग की है। वहीं सांसद ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि यह एक बंद कमरे की बैठक थी इसलिए उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि यहां प्रेस को क्यों बुलाया गया है?मोइत्रा ने इस संबंध में ट्विटर पर एक तरफ माफी मांगी और दूसरी तरफ खुद को सही बताया। अपनी सफाई में मोइत्रा ने कहा कि रिपोर्टर को जिला यूनिट के एक धड़े ने बंद कमरे की बैठक में बुलाया था। यह धड़ा पार्टी में हालिया संगठनात्मक बदलाव से नाखुश था। मैंने पार्टी कार्यकर्ताओं से नाराज होते हुए कहा था कि पत्रकार को यहां क्यों बुलाया गया है।               


दिल्ली ट्रेफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, ये बॉर्डर रहेंगे पूरी तरह बंद


नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज 14वें दिन भी जारी है। प्रदर्शन की वजह से कई रास्ते बंद है। कुछ जगहों पर ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया है। आइए जानते हैं, कि दिल्ली के एंट्री प्वाइंट्स पर वाहनों की आवाजाही कैसी है।
एनएच-44 भी दोनों तरफ से बंद
किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के मुताबिक आज सिंघु बार्डर, औचंदी बॉर्डर, पियाओ मनियारी बॉर्डर और मंगेश बॉर्डर यातायात के लिए पूरी तरह बंद है। एनएच-44 भी दोनों तरफ से बंद रहेगा। जो लोग इन इलाकों से गुजरने वाले हैं। इन्हें वैकल्पिक रास्तों से आने जाने की सलाह दी गई है।
इसके साथ ही पुलिस ने कोरोना वायरस नियमों का पालन करने की भी अपील की है। पुलिस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर पेज से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने औऱ हाथों को सैनेटाइज करने को कहा है।
बेनतीजा रही 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात 
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और इसका देशव्यापी असर देखने को मिला। मंगलवार देर रात 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बेनतीजा रही। अचानक हुई बैठक में किसी हल की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि कानून वापस नहीं होंगे।             


क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान

नई दिल्ली। भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान कर दिया है। 35 वर्षीय इस क्रिकेटर को लंबे समय से भारतीय टीम में वापसी का इंतजार थे। साल 2002 में इंग्लैंड दौरे पर महज 17 साल की उम्र में पार्थिव पटेल ने टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। पार्थिव पटेल इस साल आईपीएल में आरसीबी का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया। पार्थिव पटेल ने ट्विटर के जरिए क्रिकेट को अलिवदा कहने का एलान किया है।  पटेल ने लिखा, ''मैं आज अपने 18 साल लंबे क्रिकेट करियर को अलविदा कह रहा हूं। बीसीसीआई ने मुझ पर भरोसा जताते हुए 17 साल की उम्र में ही टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका दिया।  बीसीसीआई ने जिस तरह से मेरा साथ दिया है उसके लिए मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा।           


उत्तराखंडः 12 आईपीएस के तबादले किए













पी वी के प्रसाद बने अपर पुलिस महानिदेशक को अतिरिक्त प्रभार ,अमित सिन्हा से हटा पुलिस महा निरीक्षक फायर सर्विस का प्रभार,


अमित सिन्हा को बनाया गया पुलिस महानिदेशक दूरसंचार अतिरिक्त प्रभार,


संजय गुंज्याल से हटा पुलिस महानिरीक्षक पीएसी एसडीआरएफ का प्रभार,


एपी अंशुमन बने पुलिस महा निरीक्षक साइबर अपराध और एसटीएफ,


एपी अंशुमन को पुलिस महा निरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था का अतिरिक्त प्रभार मिला,


पूरण सिंह रावत बने पुलिस महा निरीक्षक प्रशिक्षण,


रिद्धिम अग्रवाल को मिला पुलिस उपमहानिरीक्षक निदेशक दूरसंचार,


नीरू गर्ग को पुलिस उपमहानिरीक्षक सतर्कता का मिला प्रभार,


मुख्तार मोहसिन बने पुलिस उपमहानिरीक्षक फायर सर्विस,


नीलेश आनंद भरणे को मिला पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्मिक,


नारायण सिंह बने उप पुलिस उपमहानिरीक्षक सी आई डी,


राजीव स्वरूप बने पुलिस उपमहानिरीक्षक ट्रेनिंग कम निदेशक पीटीसी नरेंद्र नगर,


अजय सिंह बने पुलिस अधीक्षक एसटीएफ                          







महोबा: सड़क हादसे में 6 की मौत, 3 लापता

महोबा। उत्तर प्रदेश के महोबा  जनपद में उस वक्त एक दर्दनाक हादसा हो गया। जब बारातियों से भरी बोलेरे कार एक कुएं में जा गिरी। इस हादसे में चालक समेत 6 लोगों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य अभी भी लापता है। हादसा मध्यप्रदेश के दीवान जी पुरवा गांव में हुआ। महोबा के स्वासा गांव से मध्यप्रदेश के दीवान जी पुरवा गांव गई थी। सभी मृतक चरखारी कोतवाली क्षेत्र के स्वासा गांव के रहने वाले हैं। हादसे के बाद मृतक कोहराम मचा है।


किताबों का बोझ काफी कम करेगी सरकार

पालूराम


नई दिल्ली। छोटे-छोटे स्कूली छात्रों के भारी बैग को लेकर अक्सर विवाद होता रहा है। इस विवाद को अब केंद्र सरकार (Central Govt) ने खत्म करने की कोशिश की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल बैग पर अपनी नई नीति में दूसरी कक्षा तक गृह कार्य नहीं देने, स्कूलों में वजन करने वाली डिजिटल मशीनें रखने और परिसर में पेय जल उपलब्ध कराने जैसी सिफारिश की हैं। सरकार स्कूल जाने वाले बच्चों के बैग (School bag) को लेकर स्कूल बैग पॉलिसी लाई है। इस पॉलिसी के मुताबिक बच्चों के बस्ते का वजन उनके वजन के दस फीसदी से ज्यादा नहीं होगा।


इस पॉलिसी के तहत पहली कक्षा में पढ़ने वाले छा6ों के बस्का का वजन औसतन 1.6 से 2.2 किलीग्राम वहीं 12वीं में पढ़ने लाले छात्रों के बस्ते का वजन अब औसतन 3.5 से 5 किलीग्राम के बीच में रखना तय किया गया है। इसके साथ ही प्री प्राइमरी में पढ़ने वाले बच्चों के पास अब कोई बैग नहीं होगा।


क्या होगा बस्ते में किताबों और टिफ्फिन का वजन
इस पॉलिसी के तहत बस्ते में किताबों का वजन 500 ग्राम से 3.5 किलोग्राम होना चाहिए, वहीं कॉपियों का वजन 200 ग्राम से 2.5 किलोग्राम होना चाहिए। इसके अलावा टिफ्फिन का वजन 200 ग्राम से 1 किलो और पानी की बोतल का वजन भी 200 ग्राम से 1 किलो के बीच रहेगा।


केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस नीति पर नए शैक्षणिक सत्र से अमल किया जाए। स्कूल बैग पॉलिसी का पालन सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से एक तौल मीशन भी रखी जाएगी। वहीं प्रकाशकों के लिए भी इस पॉलिसी में नियम बनाया गाय है।


प्रकाशकों के लिए बना ये नियम
अब प्रकाशकों के किताबों के पीछे उसका वजन भी छापना होगा। पहली कक्षा के लिए कुल तीन किताबें होंगी, जिनका वजन 1 किलो से कुछ अधिक होगा। वहीं 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए 6 किताबों की अनुमति होगी जिनका वजन 4,182 किलो होगा।


इसके अलावा इस पॉलिसी में बच्चों की पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाने के लिए भी कहा गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक सर्वे करवाया गया, और एक उच्च स्तरीय कमेटी बनवाई गई। जिसके विस्तृत अध्ययन के बाद इस पॉलिसी को लाया गया है।                               


हथियारों के लिए अमेरिका पर निर्भर भारत

वाशिंगटन। भारत द्वारा अमेरिका से खरीदे जाने वाले हथियारों में ट्रंप प्रशासन के अंतिम साल में जोरदार बढ़ोतरी हुई और आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यह आंकड़ा 2020 में 62 करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 3.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन एजेंसी डीएससीए) के अनुसार भारत को अमेरिकी हथियारों की बिक्री में उछाल ऐसे समय में आया है, जबकि अमेरिका से दूसरे देशों को हथियारों की कुल बिक्री 2020 में घटकर 50.8 अरब डॉलर रह गई।


अमेरिका ने दूसरे देशों को 2019 में 55.7 अरब डॉलर के हथियार बेचे थे, जबकि 2017 में यह आंकड़ा 41.9 अरब डॉलर था। आंकड़ों के मुताबिक 2020 में अमेरिकी हथियारों के प्रमुख खरीदार भारत 2019 के 62 करोड़ डॉलर के मुकाबले 2020 में 3.4 अरब डॉलर), मोरक्को 1.24 करोड़ डॉलर से बढ़कर 4.5 अरब डॉलर), पोलैंड 67.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर 4.7 अरब डॉलर), सिंगापुर 13.7 करोड़ डॉलर से बढ़कर 1.3 अरब डॉलर), ताइवान 87.6 करोड़ डॉलर से बढ़कर 11.8 अरब डॉलर) और यूएई 1.1 अरब डॉलर से बढ़कर 3.6 अरब डॉलर) थे।


हालांकि, इस दौरान कई देशों द्वारा अमेरिका से हथियारों की खरीद में कमी हुई, जिसमें सउदी अरब, अफगानिस्तान, बेल्जियम, इराक और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। अमेरिका के हिस्टोरिकल सेल्स बुक के 2020 संस्करण के अनुसार भारत ने 2017 में 75.44 करोड़ डॉलर, 2018 में 28.2 करोड़ डॉलर के हथियार खरीदे थे।


आंकड़ों के मुताबिक 1950 और 2020 के बीच अमेरिका ने विदेशी सैन्य बिक्री एफएमएस) के तहत भारत को 12.8 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार बेचे। आंकड़ों के मुताबिक ट्रंप प्रशासन द्वारा पाकिस्तान को किसी भी तरह की सैन्य और सुरक्षा सहायता में रोक लगाने के बावजूद उसे एफएमएस के तहत हथियार बेचे गए। पाकिस्तान ने 2020 में अमेरिका से 14.6 करोड़ डॉलर के हथियार खरीदे।                             


सरकार लिखित आश्वासन देने को तैयार

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हो रही कैबिनेट की बैठक से किसान आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। सरकार किसानों के आंदोलन के आगे झुकती नजर आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार किसानों को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने को तैयार हो गई है। विवाद के निपटारे के लिए भी एसडीएम के अलावा कोर्ट जाने की इजाजत भी लिखित में देने को तैयार है।


इसके साथ ही एपीएमसी क़ानून के तहत आने वाली मंडियों को और सशक्त करने पर सरकार तैयार है। किसान चाहते हैं कि जिन व्यापारियों को प्राइवेट मंडियों में व्यापार करने की इजाज़त मिले उनका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। जबकि क़ानून में केवल पैन कार्ड होना अनिवार्य बनाया गया है। सरकार किसानों की यह मांग भी मांगने को तैयार नजर आ रही है।


सरकार के प्रस्ताव के बाद आगे की रणनीति बताएंगे किसान
सरकार की ओर से लिखित प्रस्तताव मिलने के बाद दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक होगी। किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा है कि कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा और बीच का कोई रास्ता नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा- केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। आज होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई है। ड्राफ्ट पर चर्चा होगी और आगे फैसला तय किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि शाम चार पांच बजे तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।


अमित शाह से रात में बैठक, कोई हल नहीं निकला
मंगलवार देर रात 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बेनतीजा रही। अचानक हुई बैठक में किसी हल की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि कानून वापस नहीं होंगे। सरकार किसानों की मांग को देखते हुए कानून में संशोधन करने को तैयार है।


किसानों के प्रदर्शन का 14वां दिन
राजधानी दिल्ली में हजारों की संख्या में हरियाणा-पंजाब और देश के अन्य राज्यों से आए किसानों का आज 14वां दिन हैं। सरकार और किसानों के बीच अब कुल छह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इन बैठकों में दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान डटे हुए हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार आंदोलन को खत्म करने कोशिश की जा रही है। लेकिन किसान संगठन अपनी जिद पर अड़े हुए है कि सरकार इन तीनों ही कानूनों को वापस ले।


क्या है विरोध
गौरतलब है कि सितंबर महीने में मॉनसून सत्र के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से पास कराए गए तीन नए कानून- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है। किसानों को डर है कि इससे एमसीपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सरकार उन्हें प्राइवेट कॉर्पोरेट के आगे छोड़ देगाी। हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार ये कहा जा रहा है कि देश में मंडी व्यवस्था बनी रहेगी। लेकिन, किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।                                


किसानों के बाद डॉक्टर भी करेंगे हड़ताल

पालूराम


नई दिल्ली। निजी एलोपैथी डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए आयुर्वेद डॉक्टरों की अनुमति का विरोध किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 8 दिसंबर को सांकेतिक विरोध और 11 दिसंबर को निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद करने की घोषणा की है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गैर-आवश्यक गैर-Covid सेवाओं को छोड़कर, 11 दिसंबर को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सार्वजनिक प्रदर्शन की घोषणा की है, हालांकि इस अवधि के दौरान आपातकालीन सेवाओं को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान ओपीडी सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी और ऐच्छिक सर्जरी भी पोस्ट नहीं की जाएगी।


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुष डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है। एलोपैथ चिकित्सकों ने आयुष मंत्रालय के फैसले के खिलाफ 11 दिसंबर को हड़ताल का आह्वान किया है।


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार आयुष डॉक्टरों को दी गई सर्जरी का अधिकार वापस नहीं लेती है, तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। दूसरी ओर, आयुर्वेद के डॉक्टरों के विभिन्न संगठन सर्जरी के अधिकार का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि सर्जरी आयुर्वेद का हिस्सा है। आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर देश भर में 10 हजार से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।                              


आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द किया

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के कराड में संकटग्रस्‍त ‘कराड जनता सहकारी बैंक’ का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की है। बता दें कि इससे पहले नवंबर 2017 से ही कराड जनता सहकारी बैंक पर रिजर्व बैंक ने कुछ पाबंदियां लगाई हुई थीं। आरबीआई ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने के बाद अब बैंक पूरी तरह से बंद हो जाएगा।


इस नियम के तहत रद्द किया गया बैंक का लाइसेंस
रिजर्व बैंक ने बैंक का लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश भी दिया था। आरबीआई के मुताबिक, सेक्शन-22 के नियमों के मुताबिक बैंक के पास अब पूंजी और कमाई की कोई गुंजाइश नहीं है। कराड बैंक बैंकिंग रेगुलेशन, 1949 के सेक्शन-56 के पैमानों पर खरा नहीं उतरा। अब बैंक को चालू रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं है। मौजूदा स्थिति में बैंक अपने डिपॉजिटर्स को पूरा पैसा नहीं दे पाएगा। इसी वजह से उसका लाइसेंस रद्द किया गया है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने साफ कर दिया है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद भी 99 फीसदी जमाकर्ताओं को उनकी पूंजी वापस मिल जाएगी।


डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 (DICGC Act 1961) के तहत डिपॉजिटर्स को बैंक के लिक्विडेशन पर 5 लाख तक की रकम वापस मिल जाएगी। इसलिए 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को बैंक में जमा अपनी पूरी पूंजी वापस मिल जाएगी। आरबीआई ने कहा है कि बैंक के लाइसेंस को रद्द करने और लिक्विडेशन की कार्यवाही शुरू करने के साथ ही जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने का काम शुरू हो जाएगा। बता दें कि लाइसेंस रद्द करने का फैसला 7 दिसंबर के कामकाज के बाद प्रभावी हो गया है। इसके प्रभावी होने के साथ बैंक अब बैंकिंग से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं कर सकता है।                               


नशे में धुत्त पति ने पत्नी की जुबान काटी

लखनऊ। लखनऊ में एक शख्स ने पति-पत्नी के रिश्ते को तार-तार कर दिया।  पति जब शराब के नशे में घर पहुंचा तो पत्नी से उसकी बहस हो गई। इसके बाद आरोपी ने पहले तो गला दबाकर पत्नी की हत्या करने की कोशिश लेकिन जब इसमें सफल नहीं हुआ तो उसकी जुबान ही काट दी। रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ की तहसील के भट्टा गांव में रचित रावत नाम का व्यक्ति नशे की हालत में घर पहुंचा तो पत्नी से बहस होने के बाद उसे जमकर पीटा और गला दबाने की कोशिश करने लगा। गला दबाने के बाद जब पत्नी की जुबान मुंह से बाहर निकली तो उसे अपनी दांतों से काटकर अलग कर दिया।               


फोर्ब्सः दुनिया की ताकतवर महिलाएं

वाशिंगटन डीसी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अमेरिका की नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ और एचसीएल एंटरप्राइजेज की सीईओ रोशनी नडार मल्होत्रा दुनिया की सर्वाधिक 100 शक्तिशाली महिलाओं की फोर्ब्स की सूची में शुमार की गई हैं। इस सूची में लगातार दसवें साल जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल शीर्ष पर हैं। कमला हैरिस इस सूची में तीसरे स्थान पर और निर्मला सीतारमण इस सूची में 41वें स्थान पर हैं। 17वीं वार्षिक 'फोर्ब्स पावर लिस्ट' में 30 देशों की महिलाएं शामिल हैं।           


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...