शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

मध्यप्रदेश में करंट लगने से 3 की हुई मौत

शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिला मुख्यालय पर आज तड़के करंट लगने के कारण एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मृत्यु हो गयी। पुलिस सूत्रों के अनुसार स्थानीय लोहारपुरा मोहल्ला स्थित एक घर में बिजली का प्लग निकालते समय यह हादसा हुआ। एक के बाद एक परिवार के तीन सदस्य एक दूसरे को बचाने के लिए बिजली के करंट की चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। सूत्रों के मुताबिक मृतकों में कमलाबाई (55), उनकी पुत्री नीतू (30) और नीतू का पति मनोज (35) शामिल हैं। बिजली कंपनी के सेवानिवृत कर्मचारी काशीराम ओझा का मकान लोहारपुरा में है, जहां उनकी पुत्री नीतू और दामाद मनोज उनके साथ रह रहे।               


पत्रकार सिद्दीक मामले में तेजी क्यों नहीं ?


पत्रकार, सरकार की बदले की कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट और आज़ादी का मौलिक अधिकार


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से ये शब्द मीडिया में छाए हुए हैं। हाल ही में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में रिपब्लिक न्यूज़ चैनल के मालिक और पत्रकार अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिली है। आम लोगों में इस सवाल पर चर्चा हो रही है कि क्या देश की सर्वोच्च अदालत का रवैया और रूख़ सभी पत्रकारों के मामले में समान है या नहीं। केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। आज उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया है। पत्रकार कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने तब गिरफ्तार कर लिया था जब वह एक दलित महिला के साथ बलात्कार और हत्या मामले की कवरेज के लिए हाथरस जा रहे थें।




अब घर में होगी सीएम 'योगी' की परीक्षा

हरिओम उपाध्याय


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी हाल में बिहार में विधानसभा चुनावों के दौरान स्टार प्रचारक के रूप में चुनाव सभाएं की थी और भाजपा को वहां रिकार्ड सीटें भी मिली हैं। अब उनके अपने प्रदेश में पंचायत के चुनाव होने हैं। हालांकि इससे पूर्व प्रदेश में 7 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हुए और भाजपा को 6 पर सफलता मिली। इससे भी पता चला कि योगी की सरकार पर जनता पूरी तरह भरोसा कर रही है। योगी सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर उंगली उठाई जा रही थी लेकिन कानपुर के विकास दुबे काण्ड से ही प्रदेश के बड़े माफियाओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। सरकार के निशाने पर राज्य के बाहुबली सफेद पोश भी हैं- खासकर विधायक मुख्तार अंसारी माफिया डान और पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ कार्रवाई की गयी। इनके अलावा गैंगस्टर अनिल दुजाना और सुंदर भाटी के नाम भी योगी की सूची में शामिल हैं। इस प्रकार जनता का भरोसा बढ़ा है।               


यूपी चुनाव में बदलेगा पंचायतों का आरक्षण

लखनऊ। यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां अब धीरे-धीरे जोर पकड़ते नजर आ रहा है। इधर, प्रशासनिक स्तर के साथ ही चुनाव लड़ने के दावेदार भी मैदान भी कूद पड़े हैं। वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की घोषणा होने के बाद अब गांवों में इस बात पर चर्चा हो रही है कि कौन सा गांव आरक्षित होगा और कौन सा नहीं। सबसे पहला गुणाभाग इस बात के लिए लगाया जा रहा है कि इस बार जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है या अनारक्षित है, अब इस बार के चुनाव के लिए वह सीट किस वर्ग के लिए तय होगी। अभी दावेदार पूरा माहौल इस लिए भी नहीं बना पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह नहीं मालूम कि इस वक्त जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित या अनारक्षित है। आगामी चुनाव में वह सीट किस वर्ग के लिए तय होगी। वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था। यह मानकर नए सिरे से आरक्षण हुआ कि 2010 के चुनाव में आरक्षण पूरा हो चुका है, इसलिए अब नए सिरे से आरक्षण किया जाना चाहिए। जानकारों का मानना है कि वर्ष 2015 के चुनाव के बाद इस बार अब चक्रानुक्रम आरक्षण का यह दूसरा चक्र होगा। चक्रानुक्रम आरक्षण का अर्थ यह है कि आज जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, वो अगले चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी। चक्रानुक्रम के आरक्षण के वरीयता क्रम में पहला नम्बर आएगा एसटी महिला। एसटी की कुल आरक्षित सीटों में से एक तिहाई पद इस वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। फिर बाकी बची एसटी की सीटों में एसटी महिला या पुरुष दोनों के लिए सीटें आरक्षित होंगी। इसी तरह एससी के 21 प्रतिशत आरक्षण में से एक तिहाई सीटे एससी महिला के लिए आरक्षित होंगी और फिर एससी महिला या पुरुष दोनों के लिए होगा। इसके बाद ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण में एक तिहाई सीटें ओबीसी महिला के लिए तय होंगी, फिर ओबीसी के लिए आरक्षित बाकी सीटें ओबीसी महिला या पुरुष दोनों के लिए अनारक्षित होगा।                     


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 नवंबर 21, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-96 (साल-02)
2. शनिवार, नवंबर 21, 2020
3. शक-1980, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. प्रातः 06:49, सूर्यास्त 05:17।


5. न्‍यूनतम तापमान 11+ डी.सै., अधिकतम-23+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


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गुरुवार, 19 नवंबर 2020

पीएम बोरिस की क्रांति के लिए प्रतिज्ञा

लंदन। एक वैश्विक घटनाक्रम में यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक हरित औद्योगिक क्रांति के लिए प्रतिज्ञा ली है। उनके नेतृत्व में ली गयी इस प्रतिज्ञा का दावा है कि यूके में न सिर्फ़ ऊर्जा, परिवहन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 250,000 नौकरियों का सृजन होगा बल्कि 2030 तक वहां नयी डीजल और पेट्रोल करों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लग जायेगा।
साथ ही, उसके बाद अगले पाँच सालों में सभी नए निवेश, कारोबार, हीटिंग सिस्टम, और कारों को शून्य कार्बन उत्सर्जन के अनुरूप होना पड़ेगा। यहीं नहीं, 2021 तक ट्रेजरी को सभी निवेश निर्णयों की समीक्षा करनी होगी और ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी निवेश शुद्ध शून्य कार्बन के अनुसार हों। और सरकार की जलवायु अनुकूलन टीमों की सभी योजनाएं, विश्व तापमान वर्ष 2100 तक 4c  को ध्यान मैं रखकर बनाना शुरू कर देना चाहिए। इसी क्रम में यह फ़ैसला भी लिया गया कि सभी तरह के व्यवसायों को 'नेट शून्य कार्बन के अनुसार निगरानी और सत्यापन' के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। इस बात की भी उम्मीद है कि यूके नए एनडीसी कंट्रीब्यूशन को दिसंबर 2020/जनवरी 2021 तक  प्रस्तुत करेगा।
इस पूरे घटनाक्रम का आधार बनी यूके क्लाइमेट असेम्बली की एक जांच रिपोर्ट जो कहती है कि कोविड के बाद सरकार को सभी भागीदारों (चीन, अमेरिका सहित) के साथ काम करना चाहिए, यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज जलवायु-अनुकूल हों ।
इस जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि:
* कुल 93% विधानसभा सदस्य पूरी तरह से सहमत थे कि नियोक्ताओं और अन्य लोगों को लॉकडाउन आसान करने के इस तरह के कदम उठाने चाहिए जिससे जीवन शैली में ऐसे बदलाव आएं कि वह नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के अनुरूप हो सकें।
* 79% सदस्यों को लगता था कि नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन को प्राप्त करने में मदद के लिए सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए उठाए गए कदम ठीक हैं लेकिन 9% सदस्य इस बात से असहमत थे ।
इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट (IIED) की वरिष्ठ फेलो डॉ कमिला तौल्मिन कहती हैं, “महामारी के कारण जलवायु सम्बन्धी वार्ताएं लगभग एक वर्ष पीछे चली गई हैं, COP26 के राष्ट्रपति के रूप में हम वर्ष 2020 में जलवायु कार्रवाई में मंदी या देरी को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हैं। ब्रिटेन में और दुनिया भर में जलवायु का प्रभाव बार बार और लगातार महसूस किया जा रहा है। कई अफ्रीकी देश जलवायु प्रभावों और महामारी की दोहरी मार की वजह से एक गंभीर ऋण संकट का सामना कर रहे हैं । जलवायु संकट थम नहीं रहा है।”
यह रिपोर्ट और प्रधान मंत्री जॉनसन के फ़ैसले दर्शाते हैं कि युके रिकवरी पैकेज पेश करके अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है जिससे आने वाले वक्त में अर्थव्यवस्था, नौकरियों और जलवायु के अनुरूप कम कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा मिलेगा।
आगे, इंस्टीट्यूट फॉर न्यू इकोनॉमिक थिंकिंग (INET) के सीनियर फेलो, एडिअर टर्नर ने कहा, “समिति उन नीतियों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने पर जोर देती है जिससे दोनों दिशाओं में प्रगति होगी एक ओर आर्थिक सुधार और दूसरी ओर शून्य कार्बन उत्सर्जन, जो बिल्कुल सही भी है। 
वो आगे कहते हैं, “ब्याज की गिरती हुई दरों को देखते हुए, अब अक्षय ऊर्जा और हरित बुनियादी ढांचे के अन्य रूपों में निवेश करने का समय है;  रोजगार को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है इसलिए सरकार की नीतियां हरित रोजगार बनाने पर केंद्रित होनी चाहिए और उन फर्मों को सरकारी समर्थन मिलना चाहिए जो  उत्सर्जन में कटौती के लिए ज़्यादा से ज़्यादा प्रतिबद्ध हैं, पुरानी तकनीक पर निर्भर और संभावित रूप से फंसी हुई परीसंपत्तियों का समर्थन करने से बचना चाहिए।”               


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...