बुधवार, 30 सितंबर 2020

सर्दी में ज्यादा खतरनाक हो सकता है कोरोना

सर्दियों में ज्यादा खतरनाक हो सकता है कोरोना वायरस


नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अब रोजाना का आंकड़ा 80 हजार के पार पहुंच गया है। जिस वजह से संक्रमित मरीजों की भी संख्या 62 लाख से ज्यादा है। धीरे-धीरे गर्मी खत्म हो रही है। और सर्दियों का सीजन शुरू हो रहा ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल बना हुआ है। कि क्या कोरोना इस बार सर्दियों में ज्यादा खतरनाक हो जाएगा या फिर मौजूदा स्थिति बनी रहेगी। कोविड-19 की ब्रीफिंग के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि महामारी को लेकर अगले दो-तीन महीने काफी अहम हैं। सभी को मास्क सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए। उनके मुताबिक सर्दियों में सांस से संबंधित वायरस ज्यादा खतरनाक होते हैं। ऐसे में हमें मामलों में गिरावट लाने की कोशिश करनी चाहिए।               


आपने उठाया है लाभ, लौटानी पड़ेगी पाई-पाई

किसान बनकर अगर आप भी ले रहे हैं 6000 रुपये ? अब लौटाने पड़ेंगी पाई-पाई।


आनंद भोई


महासमुंद। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 2020 योजना के तहत मोदी सरकार हर साल किसानों के खाते में 6000 रुपये भेजती है। लेकिन, कुछ लोग किसान बनकर इस योजना का गलत फायदा उठा रहे हैं। अब ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई के मूड में है। दरअसल, तमिलनाडु में पीएम किसान योजना से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसमें योजना के पात्र नहीं होने के बावजूद गलत तरीके से पैसे ले रहे थे। पाई-पाई वसूलेगी सरकार।
गड़बड़ी सामने आने पर सरकार भी सतर्क हो गई है। जिन लोगों ने गलत तरीके से पैसे लिए थे, उनसे पैसा भी वसूला गया है। अब अगर कोई व्यक्ति इस योजना के नियमों के तहत लाभार्थी की कैटेगरी में नहीं आता, मगर उसने फायदा उठाया है तो सरकार उससे लिया गया पैसा वसूल सकती है। सरकार ने अब तक 61 करोड़ रुपये वसूले हैं। तमिलनाडु में 5.95 लाख लाभार्थियों के खातों की जांच की गई है, जिसमें से 5.38 लाख फर्जी निकले।
अधिकारियों को निर्देश।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने लापरवाही बरती उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि आगे ऐसे मामलों को रोकने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसके लिए काम शुरू हो चुका है।
किसे मिलता हैं लाभ।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने के लिए आपके पास किसान के नाम खेती की जमीन होनी चाहिए। अगर कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेती की जमीन उसके नाम नहीं है तो वो योजना के लिए पात्र नहीं होगा।               


अमिताभ ने किया ऑर्गन डोनर बनने का ऐलान

अमिताभ बच्चन ने किया ऑर्गन डोनर बनने का ऐलान… ट्वीट कर दी जानकारी।


मुंबई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। सोशल मीडिया पर वह अक्सर वह अपनी तस्वीरों के साथ फैंस के लिए अपने पिता की पंक्तियों को भी शेयर करते रहते हैं।
कोरोनावायरस  के कारण हुए लॉकडाउन में उन्होंने महाराष्ट्र में फंसे यूपी के प्रभावी मजदूरों को हवाई सेवा और बस सेवा द्वारा सुरक्षित उनके घर पहुंचाया। अब बिग बी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने ऑर्गन डोनेट करने की घोषणा की है। सोशल मीडिया पर उन्होंने इस बात की जानकारी दी।
अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट किया। अपनी एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें उनके कोट पर एक छोटा सा ग्रीन कलर का रिबन भी है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए अमिताभ ने उन्होंने लिखा, ‘मैं एक शपथ ले चुका ऑर्गन डोनर हूं।मैंने ये ग्रीन रिबन इसकी पवित्रता के लिए पहना हुआ है।                                             


न्यायालय परिसर को किया गया सैनिटाइज

न्यायालय में एक व्यक्ति कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने पर जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में न्यायालय परिसर को किया गया सेनिटाईज।


चंद्रिका कुशवाहा 
सूरजपुर। सूरजपुर जिले में दिन पर दिन कोरोना संक्रमित की संख्या में वृद्धि हो रही है, वहीं प्रषासनिक क्रियान्वयन भी अपनी चुस्ती फुर्ती के साथ किया जा रहा है। जिला सेनानी दमकल टीम के द्वारा लगातार संक्रमण क्षेत्रों व स्थानों को सेनिटाईजेशन का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में न्यायालय सूरजपुर में एक व्यक्ति के कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने के कारण जिला न्यायाधीष श्री हेमंत सराफ के द्वारा स्वयं अपनी उपस्थिति में एहतीयातन सुरक्षा के लिए संपूर्ण न्यायालय परिसर को दमकल वाहन से सेनिटाईज कराया गया। जिसमें दमकल प्रभारी विकास शुक्ला एवं उनकी टीम ने सेनिटाईजेशन का कार्य किया है। इसी कड़ी में सखी वन स्टाॅप सेन्टर सूरजपुर में भी पाॅजीटिव मरीज की पुष्टि होने पर जिला अग्निषमन अधिकारी श्री व्ही.के.लकड़ा के निर्देष पर कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सेनिटाईजेशन कार्य किया गया। इस दौरान दमकल टीम में छक्केलाल, रामध्यान किन्डो, राहुल, छत्रपाल सिंह, सोमारसाय, सुखलराम मौजूद रहे।               


49 आरोपियों में से 17 का हुआ निधन

बाबरी मस्जिद विध्वंस पर फैसला- आडवाणी, उमा और जोशी अगर दोषी तो कितनी बड़ी सजा?


नई दिल्ली। बाबरी विध्वंस केस में कुल 49 आरोपी थे लेकिन 17 आरोपियों की सुनवाई के दौरान निधन हो गया। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरने के बाद फैजाबाद में दो एफआईआर कराई गई थी। एफआईआर 198 लाखों कार सेवकों के खिलाफ थी जबकि एफआईआर 198 संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत आडवाणी, जोशी, तत्कालीन शिवसेना नेता बाल ठाकरे, उमा भारती आदि के खिलाफ थी।
तो आडवाणी, जोशी और उमा को होगी 5 साल की सजा?
बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के यादव अगर इस मामले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी रितंभरा को दोषी ठहराते हैं तो उनको अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है।
दोषी साबित होने पर कल्याण को अधिकतम 3 साल की सजा
अगर कोर्ट यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, साक्षी महाराज और फिरोजाबाद के तत्कालीन डीएम आरएम श्रीवास्तव को दोषी ठहराएगी तो उन्हें अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है। महंत नृत्य गोपाल, चंपत राय को कितनी सजा?
बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी महंत नृत्य गोपाल दास, राम विलास वेदांती, राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय, सतीश प्रधान, धरम दास अगर विध्वंस में मामले में दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है।
इन्हें हो सकती है उम्रकैद।
बीजेपी सांसद ब्रजभूषण सिंह, पूर्व विधायक पवन कुमार पांडेय, जय भगवान गोयल और ओम प्रकाश पांडेय को अगर अदालत दोषी ठहराती है तो उन्हें अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। सांसद लल्लू सिंह का क्या होगा?
बाबरी विध्वंस केस के आरोपी फिरोजाबाद के सांसद लल्लू सिंह, मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, आचार्य धर्मेंद्र देव, रामजी गुप्ता, प्रकाश शर्मा, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर और कारसेवकों रामचंद्र खत्री, सुखबीर कक्कर, अमन नाथ गोयल, संतोष दुबे, विनय कुमार राय, कमलेश त्रिपाठी, गांधी यादव, विजय बहादुर सिंह, नवीन भाई शुक्ला को अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।             


सीटिंग जॉब में कम करें हार्ट अटैक का खतरा

आप सीटिंग जॉब में हैं? तो ऐसे कम करें हार्ट अटैक का खतरा।


हृदय रोग से बचाव जैसे, हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरों को कम करने और कार्डियोवस्कुलर डिजीज से सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने हृदय की जरूरतों के प्रति जागरूक रहें। इस बात की जरूरत सबसे अधिक उन लोगों को होती है जो सिटिंग जॉब में होते हैं। क्योंकि लगातार कई घंटे एक ही जगह पर बैठे रहने से दिल की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है। इस समय कोविड-19 के दौर में दिल को स्वस्थ रखना और भी जरूरी हो गया है। क्योंकि दिल अगर जरा-सा कमजोर हुआ तो कोरोना वायरस को आपके शरीर पर हावी होने का अवसर मिल जाएगा। यहां जानें, सिटिंग जॉब के साथ आप अपने हार्ट को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं।
युवाओं में बढ़ रहा है हार्ट अटैक
आपको यह बात हैरान कर सकती है कि एक समय 55 प्लस की उम्र में होनेवाली कार्डियोवस्कुलर डिजीज आजकर 25 साल के युवाओं को भी अपनी चपेट में लेने लगी हैं। इतना ही नहीं हमारे देश में हार्ट अटैक के कुल मामलों में आधी संख्या उन लोगों की है, जिनकी उम्र 50 से कम है। इस आधी संख्या में भी 25 प्रतिशत लोग वो हैं जिनकी उम्र 40 साल से भी कम है। इन आंकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल की बीमारियां कितनी तेजी से हमारे समाज को बीमार बना रही हैं। खासतौर पर हमारे युवाओं को।
सिटिंग जॉब वाले कैसे बचें हार्ट अटैक से।
अपने दैनिक जीवन में कुछ चुनिंदा बातों का ध्यान रखकर कई घंटों तक एक ही स्थान पर बैठकर काम करनेवाले लोग हार्ट को हेल्दी रख सकते हैं। इसके लिए आपको जो चीजें जानने की जरूरत है, उनके बारे में यहां बताया जा रहा है।
कार्डियोवस्कुलर रोगों को हराने के लिए वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के कैंपेन यूूूज हार्ट से जुड़ी ऑफिसर अंजलि मल्होत्रा कुछ खास तरीके बता रही हैं, जो बेहद आसान भी हैं।
सूक्ष्म व्यायाम करें।
घंटों की सिटिंग जॉब और लॉकडाउन के कारण डेली रूटीन में फिजिकल ऐक्टिविटीज करना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आप उन सूक्ष्म व्यायाम के बारे में अपनी जानकारी बढ़ाएं, जिन्हें आप काम के दौरान ही 2 से 3 मिनट का समय निकालकर बीच-बीच में कर सकें।
ये सूक्ष्म व्यायाम आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन का सही स्तर बनाए रखने में सहायता करते हैं। इससे आपके हृदय की पंपिंग प्रक्रिया बाधित नहीं होती है और पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से बना रहता है।
भोजन में जरूरी हैं कुछ बदलाव
सीटिंग जॉब वालों को अपनी डायट में कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे, कम मसालों का सेवन करें
यानी आपका भोजन बहुत अधिक स्पाइसी नहीं होना चाहिए। भोजन में डीप फ्राइड चीजों का उपयोग कम करें इनके स्थान पर फ्रूट सलाद, सब्जियों की सलाद, ड्राई फ्रूट्स और उबली हुई सब्जियों को शामिल करें।
-डिब्बाबंद फूड और पैक्ड रेडी टु ईट फूड्स से जितना हो सके दूर रहें। क्योंकि इनमें प्रिजर्वेटिव्स की भारी मात्रा होती है, साथ ही फैट भी अधिक होता है।
पर्याप्त नींद लें। नींद लेना हमारी आंखों की सेहत के लिए ही नहीं बल्कि हमारे ब्रेन, हार्ट और पूरे शरीर की सेहत के लिए जरूरी है। क्योंकि जब हम सो रहे होते हैं तो हमारा शरीर डैमेज हुई सेल्स की रिपेयरिंग कर रहा होता है।
ऐसे में जो लोग 7 से 8 घंटे की पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनके शरीर में आंतरिक कमजोरी और बीमारियां पनपने की आशंका अधिक रहती है।
खुश रहना है जरूरी
खुश रहने के लिए जरूरी है कि आप तनाव मुक्त रहें। क्योंकि हमारे दिल और दिमाग की ज्यादातर बीमारियों की वजह तनाव होता है। जिन परिस्थितियों को आप अपने अनुसार ढाल नहीं पा रहे हैं, बेहतर होगा कि आप उनके अनुसार खुद ढल जाएं। शांति और खुशहाली से जीवन जीने की यह एक कुंजी है। वैसे भी बेहतर है कि हम सभी एक स्वस्थ जिंदगी जी पाएं, जो खुशियों से भरी हो। क्योंकि तनावपूर्ण जिंदगी कितनी भी लंबी क्यों ना हो बोझिल ही होती है और कोई खुशी नहीं देती।             


साथी की खुशबू से मिलता है मानसिक सुख

क्या आप जानते हैं लवर की शर्ट सूंघने से मिलता हैं ये गजब का फायदा, नहीं तो आज ही ट्राई करें।


क्या आप शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह पस्त हैं? तो फिर अपने रोमांटिक साथी की शर्ट को सूंघें, इससे आपका तनाव कम होगा। ऐसा एक शोध में कहा गया है। शोध से पता चलता है कि महिलाएं तब आराम महसूस करती हैं, जब वे अपने पुरुष साथी की गंध को सूंघती हैं।
तनाव कम करना हैं।
कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की ग्रेजुएट छात्रा और शोध की प्रमुख लेखक मार्लिस होफर ने बताया कि कई लोग अपने साथी की शर्ट पहनते हैं या फिर जब साथी दूर होता है तो वे बिस्तर के उस तरफ सोते हैं, जिधर उनका साथी सोता है, लेकिन वे इस व्यवहार का कारण महसूस नहीं करते कि क्यों वे ऐसा करते हैं।
होफर ने कहा कि हमारे शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि केवल साथी की गंध, जबकि वह आपके आसपास मौजूद न हो, तनाव घटाने में एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है।
इसके विपरीत, किसी अजनबी की गंध विपरीत प्रभाव पैदा करती है और तनाव वाले हार्मोन- कॉर्टिसोल के स्तर को बढ़ा देती है, संभवत: ऐसा विकासवादी कारकों के कारण होता है।
कम उम्र से ही, मनुष्यों में अजनबियों का डर होता है, खासतौर से अजनबी पुरुषों का, तो यह संभव है कि अजनबी पुरुष की गंध लड़ो या भागो प्रतिक्रिया को प्रेरित करती है, जिससे कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। यह बिना हमारी जानकारी के होता है।               


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...