रविवार, 20 सितंबर 2020

पूंंजीपतियों का गुलाम बना रहेंं हैं पीएम

किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं मोदी: राहुल।


नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूकते हैं और रविवार को उन्होंने किसान संबंधी विधेयकों को लेकर कहा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को पूंजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।
कांग्रेस कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर हमलावर बनी हुई है। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुके हैं और इन्हें रविवार को राज्यसभा में पेश किया गया है।
वायनाड से सांसद कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले क़ानून’ से किसानों को कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी)किसान मार्केट खत्म होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी) कैसे मिलेगा और एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं।मोदी किसानों को पूंजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।             


बदमाशों ने दिनदहाड़े मां-बेटी की हत्या की

गोरखपुर में बदमाशों ने दिनदहाड़े मां-बेटी को मारी गोली महिला की मौत युवती की हालत गंभीर।


अश्वनी उपाध्याय


गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में दिनदहाड़े बदमाशों ने मां-बेटी को गोली मार दी। गोली लगने से महिला की मौत हो गई।जबकि युवती गंभीर रुप से घायल हो गई। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 
शाहपुर इलाके के बसारतपुर में रविवार दोपहर बाइक सवार बदमाशों ने एक महिला और उसकी बेटी को गोली मार दी। परिजनों व स्थानीय लोगों की मदद से गंभीर रुप से घायल मां-बेटी को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने मां को मृत घोषित कर दिया वहीं बेटी की हालत नाजुक बनी हुई है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बाइक सवार बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है।जानकारी के मुताबिक बशारतपुर की रहने वाली निर्मला अन्द्रियास (60) रविवार की दोपहर बेटी डेलफीन (18) के साथ स्कूटी से अपने मायके से ससुराल जा रही थीं। घर से कुछ दूर आगे बढ़ने पर राजीवनगर में आशियाना मोड़ पर बाइक सवार दो बदमाशों ने उन्हें घेरकर फायरिंग शुरू कर दी।गोली लगने के बाद मां-बेटी सड़क पर गिर गईं। शोर सुनकर आसपास के लोगों की भीड़ पहुंची तो बदमाश फायरिंग करते हुए फरार हो गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची शाहपुर पुलिस परिवार वालों के साथ मां- बेटी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंची। जहां डॉक्टर ने निर्मला को मृत घोषित कर दिया। पुलिस छानबीन में जुटी है। 


विरोधः युवा कांग्रेस ने शुरू किया आंदोलन

किसान विरोधी ऑर्डिनेंस के खिलाफ भारतीय युवा कांग्रेस का सड़कों पर आंदोलन हुआ शुरू


रोशन कुमार प्रजापति


नई दिल्ली। किसान विरोधी ऑर्डिनेंस पास होने के बाद देश में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन होना शुरू हो गया है | मोदी सरकार ने इन किसान विरोधी बिलों के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बावजूद, लोक सभा में प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स और प्राइस एश्योरेंस और फार्म सर्विसेज बिल पारित किए।सरकार द्वारा लाए गए ये कानून हरित क्रांति के उद्देश्य को पराजित करते हैं और खेती के भविष्य के लिए एक मौत की घंटी होगी और मोदी सरकार किसान को नष्ट करने के लिए नरक में लेकर जा रही है और मुट्ठी भर पूंजीपतियों के लिए किसानों पर वार कर रही है।  मंडी प्रणाली को समाप्त करने से लाखों मजदूरों, कमीशन एजेंटों, मुनीम, लोडर, ट्रांसपोर्टर्स, विक्रेताओं आदि की रोटी और जीविका के साधन छिन जाएंगे। अनाज मंडी-सब्जी मंडी यानी एपीएमसी की व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाएगा।  कृषि उपज खरीद प्रणाली।  ऐसे परिदृश्य में, किसानों को बाजार मूल्य के अनुसार न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और न ही उनकी फसल का मूल्य। दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अनिल कुमार मीणा ने  बताया कि भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास के नेतृत्व में युवा कांग्रेस द्वारा देश के कोने कोने में किसान विरोधी बिल का विरोध करने के लिए मोर्चा खोल दिया है |   नरेंद्र मोदी  लच्छेदार भाषणों से देश के लोगों को लोक लुभावनी बातों में  उलझा कर रखता है लेकिन जमीनी धरातल पर देखे तो उनकी सरकारी नीतियों में समाज का शोषण छुपा हुआ है| इससे पहले भी किसानों को अनेक तरीके वादे किए गए लेकिन आज उन तमाम नीतियों में शोषण व्यवस्था बलवती होने के कारण किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया | मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए संसद में जो वादा किया था वो पूरा कर दे तो किसान इस कृषि बिल का समर्थन कर देंगे| जैसे 2022 तक किसानों की आय दुगनी कर देने के लिए कहा था लेकिन 2014 मे किसानों की आय 6500₹ महीना थी, आज 1400₹ महीना | इन्फ्लेशन जोड़ देंगे तो 2022 तक ये आय 1000₹ महीने से नीचे रहेगी |  वादे में उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में किसी भी किसान को आत्महत्या नहीं करने दूंगा ऐसी व्यवस्था स्थापित कर दूंगा लेकिन किसानों की आत्महत्या बढ़ गई इस पर सरकार का कोई जवाब नहीं है| चुनावी रैलियों में उन्होंने कहा था कि खाद, बीज, पानी, बिजली वगैरह किसानों को मुफ्त दूंगा| 6 साल में क्या किया? किसानी में लागत बढ़ गई | भाषणों में कहा था कि कृषि में 25 लाख करोड़ का सरकारी निवेश होगा| किसानों के लिए यह वादे पूरे होते तो आज भी आत्महत्या करने के लिए मजबूर नहीं होते | फिलहाल मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी ऑर्डिनेंस संसद में पास कर दिया है | जिसमें कृषि बिल में मूलभूत मुद्दों पर एक शब्द भी नही है | भारत मे किसानों की समस्या पर सरकार को जानकारी होने के बावजूद भी वह गैर जिम्मेदाराना सौतेला व्यवहार कर रही है | 62 करोड़ किसान और खेतिहर मजदूर भारत भर में आंदोलन कर रहे हैं | 250 से अधिक किसान संगठन भूख हड़ताल पर हैं | इस देशव्यापी बिल के खिलाफ भारत के किसान एकता के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं | लेकिन सरकार ने संसद और संसद के अंदर किसानों की आवाज बंद करने का काम किया। भाजपा शासित राज्यों में प्रदर्शनकारी कृषक समुदाय बेरहमी से पिट रहे हैं। डॉ अनिल मीणा ने कहा कि   सरकार अपने पूंजीपति उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के चक्कर में देश के  अन्नदाता ऊपर पुलिस प्रशासन के माध्यम से लाठीचार्ज करवा कर दमन कर रही है| देश का पालन पोषण करने वाला किसान मोदी सरकार की दमनकारी नीतियों से डरने वाला नहीं है| भारतीय युवा कांग्रेस किसान विरोधी ऑर्डिनेंस का विरोध करने के लिए किसानों के संघर्ष के साथ भागीदार बना रहेगा जब तक सरकार  इस बिल को वापस नहीं ले लेती |               


ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगाएगा 'अमेरिका'

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका एक बार फिर से ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वो संयुक्त राष्ट्र के भरोसे चुप नहीं बैठेगा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अगस्त में एक बयान में कहा था कि ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत सभी प्रतिबंधों को दोबारा लागू करने के लिए 30 दिन लंबी प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है और ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि वह क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखने में असफल रहा है।ईरान और वेनेजुएला मामलों के अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि इलियॉट अब्राहम ने बुधवार को इन प्रतिबंधों को दोबारा लागू करने की योजना की पुष्टि की थी।          


क्यों पहले पल्ला झाड़ रहा है 'रूस' ?

नई दिल्ली/ बीजिंग/ मास्को। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर रूस ने एकदम से पैंतरा बदला है। अब वो दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने वाले मध्यस्थ की भूमिका में दिखाई दे रहा है। बता दें कि इससे पहले वो लगातार ये कहता रहा कि ये तनाव भारत और चीन का आपसी मामला है और वो इसमें दखल नहीं देगा। अब शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान दोनों देशों की बीच शांति वार्ता होने पर रूस ने कहा कि उसने ही दो एशियाई ताकतों को मंच दिया ताकि वे सुलह कर सकें। जानिए, एकाएक ऐसा क्या बदला जो रूस संत के चोले में आ गया।


अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को भेजा गया जहर

वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी जोरों पर हैं। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के नाम जहर भरा एक पार्सल भेजा गया, जो कि पुलिस के हाथ लगा है। खास बात ये है कि ये पार्सल ट्रंप के नाम पर ही है। इस पैकेज में रिसिन नाम का जहर होने का संदेह है जिसकी पुष्टि के लिए दो-दो जांच की जा चुकी है। दरअसल, इस खबर की जानकारी अमेरिका के एक न्यूज चैनल ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन वाइट हाउस को भेजी गई हर चिट्ठी या पार्सल की छंटनी कर जांच की जाती है। जांच में कोई संदेह नहीं रहने पर ही उसे आगे वाइट हाउस तक भेजा जाता है।


कनाडा से भेजा गया है पार्सल 


अमेरिका की कानून प्रवर्तन एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि पैकेज संभवतः कनाडा से भेजा गया है। इसकी पुष्टि के लिए जांच जारी है। 'द फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन' (FBI) और सीक्रेट सर्विस मामले की जांच कर रही है। एफबीआई के अधिकारी ने एक न्यूज चैनल को बताया कि 'एफबीआई और हमारी सीक्रेट सर्विस और अमेरिकी पोस्टल इंस्पेक्शन सर्विस मिलकर मामले की जांच कर रहे हैं। फिलहाल, आम लोगों के लिए किसी तरह के खतरे का कोई संदेह नहीं है।'


आतंकवादी हमले के लिए किया जाता है इस जहर का इस्तेमाल 


रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि रिसिन बेहद घातक तत्व होता है। इसे कास्टर बीन्स से निकाला जाता है। इसका इस्तेमाल आतंकवादी हमलों में किया जा चुका है। इसे पाउडर, मिस्ट, पेलेट या एसिड के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। रिसिन जहर खा लेने पर व्यक्ति को उल्टियां आती हैं, पेट और आंतों के अंदर से खून का रिसाव होने लगता है, लीवर, स्प्लीन और किडनी फेल होने लगते हैं और आखिर में इंसान का पूरा सर्कुलेटरी सिस्टम ही ठप्प पड़ जाता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है।           


रूस ने भी अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई

मॉस्‍को। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और चीन की दिलचस्‍पी के बाद रूस ने भी अपनी गहरी दिलचस्‍पी दिखाई है। रूस ने सुदूर पर्व में अपनी सैन्‍य उपस्थिति बढ़ाई है। रूसी रक्षा मंत्री शोइगू ने रविवार को कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर सुदूर पूर्व में मॉस्‍को अपने सैन्‍य उपस्थिति को और मजबूत करेगा। रूसी सेना द्वारा इस क्षेत्र में किया गया अभ्‍यास क्षेत्र में तनाव को बढाएगा। रूस के इस कदम से  बेलारूस, क्रीमिया और मध्‍य एशिया के बाद सुदूर पूर्व में भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। इस क्षेत्र में रूसी सैन्‍य हलचल से एक बार फ‍िर दुनिया में शीत युद्ध का खतरा बढ़ गया है।


पूर्वी सीरिया में आमने-सामने रूस और अमेरिका 


उधर, पूर्वी सीरिया में गश्त करने वाले अमेरिकी और रूसी सेनाओं के बीच इस साल भिड़ंत की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले महीने दोनों सेनाओं के बीच सबसे गंभीर संघर्ष त‍ब हुआ, जब रूसी वाहनों ने एक हल्के बख्तरबंद अमेरिकी सैन्य वाहन पर हमला किया। इस हमले में चार अमेरिकी घायल हो गए थे। इसके बाद अमेरिका ने शनिवार को पूर्वी सीरिया में रूसी बलों का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया है। अमेरिका ने अपना रडार सिस्टम भी भेजा है। इसके साथ अमेरिकी और गठबंधन सेना की बेहतर सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र में फाइटर जेट गश्त को बढ़ा दिया गया है।           


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...