रविवार, 20 सितंबर 2020

दूध के साथ ना करें इन चीजों का सेवन

आयुर्वेद के अनुसार भूलकर भी न करें इन 7 चीजों के साथ दूध का सेवन।


दूध एक ऐसी चीज है जिसे हर कोई पीना पसंद करता है। आखिर पौषक तत्वों से भरपूर दूध का सेवन करने से कैल्शियम, प्रोटीन सभी जरूरत तत्व मिलने के साथ शरीर का बेहतर तरीके से विकास होने में मदद मिलती है। मगर बहुत कम लोग इस बात से परिचित होंगे कि दूध का सेवन हर चीज के साथ नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, 7 ऐसी चीजें हैं जिनके साथ दूध का सेवन करने से शरीर का विकास होने की जगह नुकसान होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नमक और दूध का एक साथ सेवन करना खुदकुशी करने के बराबर माना जाता है। इससे लीवर गलने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। असल में, दूध में प्रोटीन और नमक में आयोडीन की मात्रा अधिक होने से इनका एक साथ सेवन लीवर को खराब करने का कोई करता है।
जिन लोगों को अपना वजन बढऩा हो उन्हें रोजाना दूध में केले मिक्स कर बनाना शेक बनाकर पीने से लाभ मिलता है। मगर कफ से परेशान लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
दूध पीने से पहले या तुरंत बाद कच्चा प्याज खाने से स्किन इंफैक्शन होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में दाद व खुजली की परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं।
मछली खाने के बाद भूल से भी दूध या इससे बनी किसी चीज को खाने से बचना चाहिए। नहीं तो स्किन पर सफेद दाग पड़ सकते हैं।
मसालेदार भोजन के साथ या तुरंत बाद दूध पीने से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इससे खाना पचाने में दिक्कतों का सामना करने के साथ पेट दर्द, जलन, गैस आदि की समस्याएं होने लगती है।
अक्सर लोग रात को उड़द दाल का सेवन करने के बाद दूध पी लेते हैं। मगर ऐसा करने से इन्हें पचाने में दिक्कतें आती है। साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
दूध पीने के तुरंत बाद दही, नींबू या कोई खट्टी चीजें खाने से बदहजमी होने का सामना करना पड़ सकता है। असल में, इससे पेट में जाकर दूध फट जाने से एसिडिटी, उल्टी या मतली आदि का खतरा बढ़ता है।             


अनलॉक-4 के बाद भी बढ़ती बेरोजगारी

देश मे अनलॉक -4 के बाद भी बढ़ती बेरोजगारी से युवा वर्ग निराश अधर मे लटका दिख रहा भविष्य।
रिपोर्ट-वीरेन्द्र सिंह नेगी


उत्तरकाशी। कोरोना काल मे बढ़ती बेरोजगारी से युवक व युवतियां अधर मे लटके दिख रहे है। उन्हे अपने परिवार का  किस तरह जीवन यापन करना है। आज ये एक सोचने का विषय बन  गय़ा है।जंहा भारत सरकार नए नए दावे करती दिख रही है।बेरोजगारी युवा को मुह चिढ़ा रही है।
जंहा पूरे देश अनलॉक 4 मे प्रवेश कर चुका है। वही रोजगार से बेरोजगार हुए युवाओ  को भारत सरकार आगे बढ़ने का मौका प्रदान नहीं कर पा रही है।जो युवा वर्ग स्वयं पर निर्भर थे,वो आज के समय दर दर भटकने को विवश हो चुके है।
कोरोना काल मे सबसे बड़ी मार प्राइवेट सेक्टर के युवा वर्ग को पड़ा,जिससे युवा वर्ग अपने परिवार  को चलाने मे सक्षम नही हो पा रहे है।बेरोजगारी कि मार इस तरह बढ़ रही है,जिसमे युवा वर्ग आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
युवाओ का यह आरोप भी है,जंहा केन्द्र सरकार जो कार्य पेश कर रही है,वही राज्य सरकार इसका गलत उपयोग कर रही है।जिससे बेरोजगार युवाओ तक कुछ भी नही पहुंच पा रहा है।
इसका दुरुपयोग। अस्पताल बेंक स्कूल व आदि जगह पर दिख रहा है।इसमे संलिप्त नेता अधिकारी व अन्य सेक्टरों के मालिको पर साफ दिख रहा है।             


शोषणः पायल ने कश्यप पर लगाया आरोप

पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर लगाया यौन शोषण का आरोप।


मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री पायल घोष ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। पायल ने शनिवार की शाम कश्यप के खिलाफ अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया और इस ट्वीट में भारत के प्रधानमंत्री के कार्यालय को भी टैग किया।
पायल ने ट्वीट किया।अनुराग कश्यप ने मेरे साथ जबरदस्ती की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आप कृपया इस पर कार्रवाई करें और देश को इस रचनात्मक आदमी के पीछे छुपे राक्षस को देखने दें। मैं जानती हूं कि इससे मुझे नुकसान हो सकता है। मेरी सुरक्षा खतरे में है। कृपया मेरी मदद करें।”
पायल के समर्थन में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत सामने आईं और उन्होंने कश्यप की गिरफ्तारी की मांग करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा।हर आवाज मायने रखती है। हैशटैग मीटू हैशटैग अरेस्टअनुरागकश्यप।साथ ही उन्होंने पायल की पोस्ट को भी रीट्वीट किया। अनुराग कश्यप ने अभी तक पायल घोष द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब नहीं दिया है।


भारत को बर्बाद करने पर तुला 'अमेरिका'

अफ्रीका को बर्बाद करने के बाद भारत बर्बाद करने पर तुला अमेरिकाःकिसानों पर कब्ज़े की साज़िश।


नई दिल्ली। अमेरिकी कारपोरेट आने वाले दिनो में भारत के किसानों को हर तरह से अपने कब्जे में रखने की प्लानिंग कर चुका है। इसके तहत मोदी सरकार से एक स्कीम बनाई गई है जिसे स्वामित्व योजना कहा जा रहा है।
इसके तहत ड्रोन की मदद से गावों का डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा और उन गांवों में डिजिटल मैप तैयार हो जाने के बाद रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के मालिकों को राज्य सरकारों की तरफ से एक संपत्ति कार्ड दिया जाएगा और उस संपत्ति कार्ड के आधार पर लोग बैंक से उस संपत्ति पर लोन ले पाएँगे लेकिन इससे यह प्रॉपर्टी संपत्ति टैक्स के दायरे में भी आएगी। जिसे हर साल भरना होगा।
अभी तक खेती की जमीन का रिकॉर्ड खसरा—खतौनी में होता है। लेकिन गांवों की आवासीय संपत्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है। ऐसे में ‘स्वामित्व स्कीम’ के जरिए हर आवासीय संपत्ति की पैमाइश कर मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाएगा। अब इस स्कीम ड्रोन से सर्वेक्षण कर गांव की सीमा में आने वाली प्रत्येक संपत्ति का डिजिटल नक्शा बनाया जाएगाा। इससे प्रत्येक राजस्व खंड की सीमाएं भी तय की जाएंगी।
साफ है कि अमेरिकी कारपोरेट की नीतियों के तहत अब कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है,अब किसान भूमि का मालिक नही रह जाएगा अब वह अपने ही खेत मे एक गुलाम की भाँति कार्य करेगा।
कारपोरेट दबाव के फलस्वरूप ऐसी ही नीतियां अफ्रीका में लागू की गई है,अब भारत का नम्बर है।लेकिन अब सरकार कृषि क्षेत्र के लिए मूल्य वर्धन के लिए किसानो की आवासीय संपत्ति को दांव पर लगा उसे गिरवी रखवाने की योजना बना रही है अब कांट्रेक्ट फार्मिंग में कम्पनियाँ खुद खेती कर सकेंगी।
आमतौर पर अनुबंध खेती का मतलब है कि बुआई के समय ही बिक्री का सौदा हो जाता है ताकि किसान को भाव की चिंता न रहे। लेकिन मोदी सरकार द्वारा पारित वर्तमान कानून में अनुबन्ध की परिभाषा को बिक्री तक सीमित न करके, उसमें सभी किस्म के कृषि कार्यों को शामिल किया गया है।
सबसे खास बात यह है कि अध्यादेश के अनुसार कम्पनी किसान को, किसान द्वारा की गयी सेवाओं के लिए भुगतान करेगी यानी किसान अपनी उपज की बिक्री न करके अपनी ज़मीन (या अपने श्रम) का भुगतान पायेगा।
एक से एक खतरनाक कानून पिछले दिनों पास किये गए हैं।
फॉर्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) ऑर्डिनेंस लाया गया है जिसमे वन नेशन, वन मार्केट की बात कही जा रही है। लेकिन इसका असल मकसद मंडी का खात्मा है।इस कानून की सबसे बड़ी खामी यह बताई जा रही है कि इसमें व्यापारी या कंपनी और किसान के बीच विवाद होने पर पहले एसडीएम और बाद में जिलाधिकारी मामले को सुलझाएंगे। इसमें कोर्ट जाने की व्यवस्था नहीं है।
इन सब क़ानूनों ओर स्वामित्व योजना जैसे तथाकथित सुधारो को लागू करने के लिए बहुत होशियारी के साथ कोरोना काल का चुनाव किया गया है,ताकि देश मे किसी भी किस्म का प्रतिरोध खड़ा न होने पाए सही ढंग से चर्चा तक न होने पाए इसके तहत संसद से प्रश्नकाल को भी हटा दिया गया है ताकि कोई इन अध्यादेशों पर सवाल न खड़ा कर पाए कोई चर्चा न हो।            


बेमतलब अभिनेताओं से सवाल ना करें

अभिनेताओं से वो सवाल न करें, जो उनसे संबंधित नहीं।मनोज बाजपेयी


नई दिल्ली। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज बाजपेयी का कहना है।कि बॉलीवुड सेलिब्रिटीज से आजकल हर चीज के बारे में राय मांगी जाती है, चाहे वह उनसे संबंधित हो या न हो। बाजपेयी ने कहा।हम अभिनेता हैं और आप हमसे ऐसी चीजों के बारे में राय मांगते हैं।जिनके बारे में हम ज्यादा नहीं जानते हैं। आप अर्थव्यवस्था के बारे में पूछते हैं। भारत-चीन सीमा के तनाव के बारे में पूछते हैं या और भी बहुत कुछ। ऐसे में हम इन सभी सवालों के संतुष्टीदायक जबाव कैसे दे सकते हैं।उन्होंने आगे कहा, “हर मुद्दे पर बाइट देने के लिए बोलना उसे प्रताड़ित करना ठीक नहीं है। उन्हें एक्टर ही रहने दें और अपना काम करने दें। यदि वे कुछ गलत या अवैध करें तो जरूर उनकी खिंचाई करें लेकिन ऐसा कुछ न पूछें जो उनसे संबंधित ही न हो।मशहूर अभिनेता के तौर पर वे चीजों को कैसे डील करते हैं।इस पर उन्होंने कहा मैं ग्लैमर और फैन फॉलोइंग के बारे में बहुत परवाह नहीं करता हूं। मैं अपना काम करता हूं और घर चला जाता हूं। मैं ग्रॉसरी लेने सब्जी लेने जाता हूं क्योंकि मैं वाकई किसी चीज की परवाह नहीं करता हूं।सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर उन्होंने कहा अगर मैं कुछ पोस्ट कर रहा हूं, तो साफ तौर पर मैं व्यावसायिक कारणों से पोस्ट कर रहा हूं और कभी-कभी बहुत ही व्यक्तिगत कारणों से पोस्ट करता हूं। वरना इंस्टाग्राम, ट्विटर या फेसबुक का उपयोग करना मानसिक या भावनात्मक मजबूरी बिल्कुल भी नहीं है।बता दें कि इन दिनों मनोज बंबई में का बा।नाम के एक रैप के कारण छाए हुए हैं। जो प्रवासी श्रमिकों की व्यथा और दुर्दशा बतलाता है।           


हैरानीः झूठ बोलकर किया पांचवा निकाह

झूठ बोलकर किया पांचवां निकाह, फिर पत्नी से बोला रुपये कमाने को देह व्यापार करते हैं। मना किया कि तो कर दिया यह हाल, पुलिस भी हैरान।


रुद्रपुर। एक युवक ने पांचवी शादी की। शादी के बाद पत्नी से अपने घर से दहेज लाने के लिए दबाव बनाया। पत्नी ने इनकार किया तो मारपीट शुरू कर दी। पति ने पैसे की जरूरत पूरी करने के लिए देह व्यापार शुरू करने का दबाव बना दिया। काफी दिनों से आहत महिला पुलिस में जा पहुंची। महिला की पीड़ा सुन पुलिस भी सन्न रह गई और तत्काल महिला के पति पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित महिला रेशमबाड़ी की निवासी है। महिला ने बताया कि तीन साल पहले जुनैद खां पुत्र अनीश खां ने उससे निकाह किया। निकाह के बाद बीच-बीच में कई-कई दिनों तक युवक गायब हो जाता था। पूछने पर सही जवाब नहीं मिलता था। जब उसने पति की गतिविधियों को जाना तो होश उड़ गए। पता चला कि युवक उससे पहले चार निकाह और कर चुका है। इस बारे में जब पति जुनैद से पूछा तो वह मारपीट करने लगा। साथ पैसे की तंगी बताकर घर से मदद मांगने की बात करता था। दहेज के लिए उसका उत्पीड़न बढ़ता चला गया। महिला का आरोप है कि पैसे के लालची पति ने उसे देह व्यापार करने का दबाव भी बनाया। उसके इंकार करने पर पति ने उसको कमरे में बंद कर दिया और कई दिनों तक पीटा। जैसे-तैसे छुटकारा मिलते ही वह भागकर पुलिस के पास पहुंची। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कोतवाल कैलाश चंद्र भटट ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।             


विधेयक को रोकने में 'गैर-भाजपा' एक

किसानों से जुड़े विधयेक को पारित होने से रोकने में गैर-भाजपा दल एक हों: केजरीवाल।


नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को सभी गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पार्टियों से किसानों से जुड़े विधेयकों को पारित नहीं होने देने के लिए एकजुट होने की अपील की है। लोकसभा इन विधायकों को पारित कर चुकी है और अब इन्हें राज्यसभा में पेश किया गया है।
विधेयकों का विरोध करते हुए भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी और नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल अकाली दल प्रतिनिधि हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस भी विधेयकों को किसान विरोधी बता कर विरोध कर रही है।
केजरीवाल ने आज ट्वीट किया, “आज पूरे देश के किसानों की नज़र राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी गैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हराएं, यही देश का किसान चाहता है।
आप पार्टी के राज्यसभा में तीन सांसद हैं। इससे पहले भी शुक्रवार को केजरीवाल ने कहा था, “केंद्र के तीनों विधेयक किसानों को बड़ी कंपनियों के हाथों शोषण के लिए छोड़ देंगे मेरी सभी गैर भाजपा पार्टियों से विनती है कि राज्यसभा में एकजुट होकर इन विधेयकों का विरोध करें, सुनिश्चित करें कि आपके सभी सांसद मौजूद हों और वॉकआउट का ड्रामा ना करें। पूरे देश के किसान आपको देख रहे हैं।                       


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...