गुरुवार, 3 सितंबर 2020

डीएम की जांच में 19 कर्मचारी गायब मिलें

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय इन दिनों जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अचानक पहुँच कर वहाँ के काम काज के साथ-साथ विभागों में कोविड संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तैयारियों का भी निरीक्षण कर रहे हैं।


इस क्रम में डीएम ने आज पीडब्ल्यूडी विभाग का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी को विभाग में व्यवस्था दुरूस्त मिली लेकिन 19 कर्मचारी अपनी ड्यूटी से नदारद मिले। डीएम ने सभी गैरहाजिर कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए हैं। पीडबल्यूडी विभाग में डीएम को कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्था उन्हें दुरूस्त मिली। दस्तावेज और फाइलों का रखरखाव भी उन्हें सही मिला। लेकिन जब उन्होंने अधिकारी व कर्मचारियों की उपस्थिति का रजिस्टर चेक किया तो पता चला कि 19 कर्मचारी अभी तक ड्यूटी पर नहीं आए हैं, ना ही कर्मचारियों के लेट आने का कारण उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज मिला।


इस लापरवाही पर कड़ी नाराजग़ी जताते हुए डीएम ने सभी नदारद १९ कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए हैं। डीएम के इन औचक निरीक्षण से सरकारी विभागों में खलबली मची हुई है, बावजूद इसके लापरवाह अधिकारी व कर्मचारी अभी भी बाज नहीं आ रहे हैं।               


गाजियाबादः कंटेनमेंट जोन की लिस्ट जारी

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद जिला प्रशासन ने आखिरकार अपनी हठधर्मिता तोड़ते हुए जिले के कोरोना प्रभावित क्षेत्रों की लिस्ट जारी कर दी है।  इस लिस्ट के मुताबिक जिले में कुल 336 हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट ज़ोन हैं। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय द्वारा यह लिस्ट कल देर रात यह लिस्ट जिले के पोर्टल (Ghaziabad.nic.in) पर जारी की। 



अंतिम बार 18 जून को हुई थी लिस्ट अपडेट


आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार हर जिलाधिकारी का कर्तव्य है कि वह हर दिन कंटमेंट ज़ोन ली लिस्ट अपडेट कर जिले के पोर्टल पर उसका प्रकाशन सुनिश्चित करे। गाज़ियाबाद जिले में यह लिस्ट अंतिम बार 18 जून 2020 को जिलाधिकारी के ट्विटर अकाउंट द्वारा शेयर की गई थी। वहीं पड़ोसी जिले में यह लिस्ट हर दिन अपलोड की जाती है। 


खबर का असर


गाज़ियाबाद 365 पिछले 3 महीनों से लगातार जिला प्रशासन से लिस्ट जारी करने की मांग कर रहा है।  जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने जनहित में लिस्ट जारी करने के बजाए हमारे नंबरों को ही ब्लॉक कर दिया।  आज गाज़ियाबाद के वरिष्ठ पत्रकार पीयूष खंडेलवाल ने इस विषय में हिंदुस्तान टाइम्स में एक विस्तृत लेख छापा।  पिछले तीन दिनों से गाज़ियाबाद 365 लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से एक आंदोलन चला कर जिलाधिकारी को उनकी जिम्मेदारियाँ याद दिला रहा था।  आखिरकार जिला प्रशासन ने 3 सितंबर को लिस्ट जारी कर ही दी है। अब देखना यह होगा कि यह लिस्ट कितने दिन बाद अपडेट होती है।                     


आतंक के 5 आरोपियों की चार्जशीट दाखिल

एनआईए ने आतंकी संगठन आईएसकेपी


केस में पांच आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट।


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल किया। ये आरोप पत्र दिल्ली में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में दाखिल किए गए। इस आरोप पत्र में पांचों आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस/आईएसकेपी से ताल्लुक रखने का आरोप लगा है।
यह भी आरोप है कि इन लोगों ने भारत सरकार के खिलाफ साजिश रची। इन पर हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने और धार्मिक समूहों में आपसी वैमनस्य को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा है। आईपीसी की धारा 120बी, 124ए, 153ए और 201 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इसके अलावा यूएपीए के तहत धारा 13,17, 18, 38, 39 और 40 के तहत भी आरोप पत्र दर्ज किया गया है।
आरोप पत्र में आरोपित की बात करें तो, पहला आरोपी जहांजेब (36) है जो जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर का रहने वाला है लेकिन उसका मौजूदा ठिकाना ओखला विहार, जामिया नगर, दिल्ली बताया गया है। दूसरे आरोपी का नाम हिना बशीर बेग (39) है जो श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) की रहने वाली है लेकिन उसका पता भी ओखला विहार, जामिया नगर, दिल्ली है. तीसरे आरोपी का नाम अब्दुल्ला बासित (26) है जो हैदराबाद स्थित गुलशन इकबाल कॉलोनी, चंद्रायनगुट्टा का रहने वाला है। यरवडा, पुणे की रहने वाली सादिया अनवर शेख (20) भी आरोपी है। पांचवें आरोपी का नाम नबील सिद्दीक खत्री (27) है जो कोंडवा, पुणे (महाराष्ट्र) का रहने वाला है।
शुरू में यह केस दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इसी साल 8 मार्च को दर्ज की थी। कश्मीरी दंपति जहांजेब सामी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेग की गिरफ्तारी के बाद यह मामला दर्ज किया गया था। दोनों को दिल्ली में जामिया नगर स्थित ओखला विहार से पकड़ा गया था। बाद में एनआईए ने इस केस को अपने हाथ में लिया और 20 मार्च को मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच में पाया गया कि सोशल मीडिया पर आईएसआईएस से जुड़ी बातें पढ़ कर हिना बशीर चरमपंथ के रास्ते पर उतर गई। सोशल मीडिया पर आईएसआईएस को लेकर चल रही बातों का बशीर पर ऐसा असर हुआ कि चरमपंथ के रास्ता अपनाया। उसकी शिक्षा की बात करें तो उसने पुणे से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की है। बशीर और जहांजेब की शादी 2017 में हुई और दोनों ने आईएसआईएस की विचारधारा का समर्थन किया। जहांजेब, हिना बशीर, अब्दुल्ला बासित और सदिया खुरासान और सीरिया में बैठे आईएसआईएस गुर्गों के संपर्क में थे।
आईएसकेपी प्रमुख अबु उस्मान अल कश्मीरी से निर्देश पाकर आरोपी जहांजेब और बासित ने वॉइस ऑफ हिंद नाम की एक पत्रिका शूरू की। पत्रिका में मुस्लिमों को गैर-मुस्लिमों के खिलाफ भड़काया गया और उन्हें भारत सरकार के खिलाफ खड़े होने के लिए और आईएसआईएस से जुड़ने के लिए उकसाया गया।                  


बिना एंट्री के होटल में 13 युगल मिलें

नीरज राजपूत

कानपुर। इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानपुर पुलिस अपने उत्कृष्ट कार्यों के माध्यम से बीते कुछ महीनों में अपनी धूमिल होती छवि को सवारने के सार्थक प्रयासों में लगी हुई है। इसी कड़ी में इन दिनों कानपुर पुलिस का ध्यान शहर के प्रतिष्ठित क्षेत्रों में बने उन होटलों पर भी जा रहा है जहां पर व्यभिचार के काले कारोबार की आड़ में होटल संचालक हर दिन के साथ काली कमाई को बटोर रहे हैं।

थाना हरबंस मोहाल क्षेत्र स्थित होटल सनराइज और होटल नारायणी पैलेस में बीते दिनों पड़े छापों से एक बात तो तय हो गई थी कि इस क्षेत्र के होटल संचालक कहीं ना कहीं अपनी गाढ़ी कमाई के लालच में क्षेत्रीय युगलों को कमरे की सेवा मुहैया करा रहे हैं। इतना ही नहीं कल यश होटल पर एसपी पूर्वी के नेतृत्व में पड़े छापे के दौरान भी 13 युगल कमरों में पाए गए जिनकी होटल के रजिस्टर पर ना तो कोई एंट्री थी और ना ही किसी प्रकार से कोई आईडी प्रूफ लिए गए थे जिसके बाद से होटल संचालक ज्ञानू शुक्ला पर देह व्यापार को बढ़ावा देने का आरोप एक बार फिर से लग रहा है। आपको बताते चलें कि इससे पहले भी होटल संचालक ज्ञानू शुक्ला देह व्यापार के काले कारोबार के चलते सुर्खियों में रह चुके हैं।

इन सबके बीच बड़ी बात यह है कि यही थाना हरबंस मोहाल लगातार रूप से साक्ष्यों को प्रस्तुत कराने के बावजूद भी सिलसिलेवार तरीके से कई होटलों पर बिना आईडी प्रूफ के क्षेत्रीय युगलों को कमरा मुहैया कराने के आरोपों से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लेता है कि उसके द्वारा लगातार रूप से क्षेत्र के सभी होटलों की जांच की जाती हैं। ऐसे में हमारा सीधा सवाल है कि यदि होटलों की सुरक्षा व्यवस्था में लगे सीसीटीवी कैमरे के बीते एक माह के घटनाक्रम पर नजर डालें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।                     

संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत जीता

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को एक बार फिर भारत जीता, पाकिस्तान हारा
राणा ओबरॉय


नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत दो भारतीय नागरिकों को आतंकवादी के रूप में नामित करने के इस्लामाबाद के प्रयासों को खारिज कर दिया। दरअसल, पाकिस्तान की कोशिश खुद की तरह भारत को भी दागदार करने की थी, लेकिन भारतीय नागरिकों को आंतकी साबित करने के लिए वह कोई सबूत पेश नहीं कर पाया। पाकिस्तान के इस कदम को जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को 1267 समिति द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने में भारत की सफलता के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान ने जिन चार भारतीय नागरिकों को प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के लिए नामित किया था, उसमें अंगारा अप्पाजी, गोबिंद पटनायक, अजय मिस्री और वेणुमाधव डोंगरा के नाम शामिल थे। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि ये सभी अफगानिस्तान-आधारित समूह का हिस्सा थे, जिसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और जमात-उल-अहरार द्वारा आतंकवादी हमलों को संगठित करने में मदद की। पाक पीएम इमरान खान (फाइल फोटो)वहीं, पाकिस्तान के इस प्रयास को अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम द्वारा ‘टेक्निकल होल्ड’ के माध्यम से अवरुद्ध किया गया था। इन देशों की पाकिस्तान से मांग थी कि वह इस मामले में सबूत पेश करे। सूत्रों ने बताया कि मिस्री और डोंगरा के नाम वाले पाकिस्तान के दावे को जून/जुलाई में ही रोक दिया गया था और बुधवार को बाकी दो व्यक्तियों को भी आतंकवादी मानने से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चार व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने के लिए पाकिस्तान द्वारा मामले में कोई सबूत नहीं दिया गया।संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर कहा, धार्मिक रंग देकर 1267 विशेष प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने की पाकिस्तान की घिनौनी कोशिश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नाकाम कर दिया है। हम उन सभी परिषद सदस्यों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने पाकिस्तान की मंशा को विफल कर दिया। UN में पाकिस्तान को जबरदस्त झटका, 2 भारतीयों को आतंकी साबित करने की कोशिश नाकामगौरतलब है कि पिछले महीने भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध सूची में भारतीय नागरिकों के बारे में पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किया था। पाकिस्तान की टिप्पणी के जवाब में भारत ने कहा था कि प्रतिबंध सूची सार्वजनिक है और दुनिया देख सकती है कि इसमें कोई भी भारतीय नागरिक शामिल नहीं है। पाकिस्तान की तरफ से हमेशा से ही ये दावे किए जाते रहे हैं कि भारत अपनी धरती पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा हो रही है। हालांकि, आज तक इस्लामाबाद नई दिल्ली के खिलाफ इस मुद्दे पर कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है।                    


थाना प्रभारी खामोश, जिस्मफरोशी जारी

नीरज राजपूत 

कानपुर। बीते काफी लंबे समय से कानपुर शहर में एक के बाद एक विवादों की साथी बनी पुलिस पर एक बार फिर गंभीर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। यह प्रश्न इस बार शहर में चल रहे कई प्रतिष्ठित होटलों में कमरा उपलब्ध कराने की आड़ में जारी वेश्यावृत्ति के काले कारनामे की वजह से खड़े हो रहे हैं। कई लोगों का तो यह भी मानना है कि पुलिस वहीं पर कार्यवाही करती है जहां पर उसकी सेटिंग नहीं होती। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या होटल अपोलो के आलीशान एसी कमरों की चाभी क्षेत्रीय पुलिस के हाथों में है और क्या यही कारण है कि इन कमरों में चल रही काली करतूतों पर थाना हरबंस मोहाल खामोश है। पहले तो हमें लगा कि इस पूरे मामले से हरबंस मोहाल थाना प्रभारी अनभिज्ञ हैं लेकिन हमारी इस गलतफहमी से भी पर्दा तब उठ गया जब ट्विटर के माध्यम से एडीजी जोन कानपुर, आईजी रेंज कानपुर समेत शहर के कप्तान द्वारा हरबंस मोहाल थाना प्रभारी को प्रकरण पर कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही से अवगत कराए जाने की बात कही गई जिसके बावजूद भी थाना प्रभारी द्वारा अब तक कोई कार्यवाही फिलहाल नहीं की गई है। जिसका परिणाम ये है कि आज भी क्षेत्रीय पुलिस के संरक्षण में मां-बाप की मासूम सी परियों को बहला-फुसलाकर शातिर दरिंदे इन आलीशान कमरों में अपना शिकार बना रहे हैं जिसकी आज की ताजा तस्वीर आपके सामने हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस खबर के प्रकाशित होने के बाद संबंधित थाना प्रभारी एक बार फिर से इस पूरे मामले को नजरअंदाज कर देते हैं या फिर कोई कठोर कार्यवाही करते हुए प्रदेश में गिरते हुए कानपुर पुलिस के कद को उठाने की ओर एक कदम आगे करते है।               

विवाद के बाद मजदूरों को ट्रक से रोदां

बस्ती। लखनऊ हाईवे पर हर्रैया थाने के बिहरा चौराहे के पास गुरुवार तड़के बेकाबू ट्रक ने पैदल जा रहे पांच मजदूरों को कुचल दिया। जिसमें तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। दो अन्य मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने घायलों को सीएससी कप्तानगंज भेजा। जहां से चिकित्सक ने दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जानकारी के मुताबिक, कप्तानगंज थाना क्षेत्र के धर्मसिंहपुर महराजगंज कस्बे के कुछ मजदूर पल्लेदारी करते हैं।


बुधवार रात में पैकोलिया के हसीनाबाद ट्रक से दाल उतारने गए थे। काम निपटाने के बाद ट्रक पर सवार होकर संसारीपुर के पास एक ढाबे पर पहुंचे। जहां ट्रक चालक से विवाद हो गया। विवाद के बाद सभी मजदूर पैदल ही गांव के लिए चल पड़े। महाराजगंज के करीब पहुंचने ही वाले थे, कि तभी अनियंत्रित ट्रक ने पांचों मजदूरों को रौंद दिया।


जिसमें तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष सर्वेश राय मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को सीएससी कप्तानगंज भेजा। मृतकों की पहचान लल्लन (26) पुत्र तुलसीराम, गुड्डू (28) पुत्र जनक राम, कनिक राम (27) पुत्र छोटई के रूप में हुई। घायल विकास (26) पुत्र राजू व जंग बहादुर (28) पुत्र बिफई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।                  



 


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...