सोमवार, 31 अगस्त 2020

2 बच्चों के मानक पर कर रहे हैंं विचार

उप्र में पंचायत चुनाव में दो बच्चों के मानक पर विचार कर रही योगी सरकार।


लखनऊ। योगी सरकार राज्य में पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए दो बच्चों का मानक और न्यूनतम शिक्षा आधार को शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। पंचायती राज के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रस्ताव पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है और जल्द ही यह औपचारिक रूप ले सकता है।                             


तेज रफ्तार ने छीनी 5 जिंदगी, 11 घायल

रफ्तार के कहर ने छीनी पांच जिंदगी, 11 घायल।


बहराइच। रफ्तार का कहर किसी न किसी के लिए काल बन कर सामने आता है। उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में सोमवार तड़के तेज रफ्तार ट्रैवलर गाड़ी पीछे से ट्रक में जा घुसी। ट्रैवलर गाड़ी की रफ्तार इतनी तेज थी कि उसमें बैठे 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि इस हादसे में 11 लोग घायल हो गयी।  आपको बता दें कि घायल लोगों में से छह की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। सभी को आनन-फानन में जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया है।
आपको बता दें कि ट्रैवलर वैन HR37D4630 बिहार से 15 सवारियों को लेकर अंबाला जा रही थी। सोमवार की भोर गोंडा बहराइच मार्ग पर पयागपुर थाना क्षेत्र के सुकाई पुरवा चौराहे के पास सड़क किनारे खड़े ट्रक में पीछे से भिड़ंत हो गई। हादसे में ट्रैवलर के परखच्चे उड़ गए ट्रैवलर पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 13 लोग बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को पहले पुलिस ने सीएससी पयागपुर पहुंचाया लेकिन यहां तीन और लोगों की मौत हो गई। भीषण सड़क हादसे में दूसरे ड्राइवर की मौत हो गई जबकि मुख्य ड्राइवर मौके से रफूचक्कर हो गया। आपको बता दें कि
इस हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है। नाजुक हालत को देखते हुए घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। 11 लोग घायल है।             


मामा ने अपनी 13 दिन की भांजी को दी मौत

महाराष्ट्र। महाभारत के कंस की याद दिलाने वाला एक मामला आया सामने, एक निर्दयी मामा ने अपनी 13 दिन की भांजी को मौत के घाट उतार दिया। मौत के पीछे की वजह जानकर आप भी चौक जाएंगे दरअसल 13 दिन की भांजी का गुनाह केवल इतना था कि उसे खूब रोना आ रहा था। भांजी का लगातार रोने से मामा को इतना नागवार गुजरा कि उसने उसके रोने से किसी तरह छुटकारा मिल जाए इस उद्देश्य से उसने अपनी भांजी को पानी के बैरल में डूबाकर बेरहमी से मार डाला। बता दें यह मामला महाराष्ट्र के लातूर का हैं जहां चाकुर तहसील के बद्रुक गांव में मामा ने वारदात को अंजाम दिया आरोपी मामा का नाम कृष्णा अंकुश शिंदे है उसकी बहन डिलिवरी के लिए अपने मायके आई हुई थी और उसने मायके में 13 दिन पहले एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया था। पुलिस के पूछताछ क दौरान हत्यारे मामा ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल किया।       


मुहर्रम पर सभी को पीएम ने दिया संदेश

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। मोहर्रम पर पीएम का संदेश, ‘शक्ति देती है इमाम हुसैन की समानता और निष्पक्षता’नरेंद्र मोदी ने इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए ट्वीट किया है।
इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम होता है। इस महीने की 10वीं तारीख को अशुरा का दिन कहते हैं।इसी दिन पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके 71 साथी शहीद हुए थे। इन शहीदों में सबसे छोटा शहीद 6 महीने के इमाम हुसैन के बेटे अली असगर थे. इस सभी को सिर्फ हक, इंसानियत और सच के रास्ते पर चलने की वजह से यजीद नाम के एक शासक द्वारा मार दिया गया था।इस वजह से मोहर्रम का पूरा महीना गम का महीना माना जाता है।
इमाम हुसैन की इस शहादत को आजतक कोई नहीं भुला पाया है।पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ''हम इमाम हुसैन (एएस) के बलिदान को याद करते हैं। उनके लिए, सच्चाई और न्याय के मूल्यों से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं था।समानता और निष्पक्षता पर उनका जोर उल्लेखनीय है और बहुतों को शक्ति देता है.''
गौरतलब है कि शिया और सुन्नी दोनों ही समुदाय मोहर्रम के गम में शामिल होते हैं। हालांकि, दोनों के बीच के मतभेदों की वजह से दोनों का इस गम में शामिल होने का तरीका भी काफी अलग है।शिया मुसलमान इस दिन जुलूस में हिस्सा लेते हैं और इमाम हुसैन के लिए ताजिया ले जाते हैं। शिया मुसलमानों में ये सिलसिला पूरे 2 महीने 8 दिनों तक चलता है।मुहर्रम का चांद दिखाई देने के बाद शिया महिलाएं और लड़कियां अपनी चूड़ियां तोड़ देती हैं. साथ ही वो श्रंगार की चीजों से भी 2 महीने 8 दिन के लिए दूरी बना लेती हैं।साथ ही 2 महीने 8 दिनों के लिए शिया मुसलमान किसी तरह की खुशी नहीं मनाते और न ही किसी दूसरे की खुशी में शामिल होते हैं।             


पूर्व राष्ट्रपति की हालत बिगड़ी, संक्रमण

प्रणब मुखर्जी की हालत बिगड़ी, फेफड़ों में संक्रमण के कारण हुआ सेप्टिक शॉक।


नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत रविवार के बाद से बिगड़ी है और वह अभी भी बेहोशी की हालत में वेंटीलेटर पर हैं। अस्पताल की ओर से बताया गया है कि उनके फेफड़ों में संक्रमण की वजह से वह सेप्टिक शॉक में हैं। मुखर्जी को गत 10 अगस्त को सेना के रिसर्च एंड रैफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल ने आज जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा, “श्री मुखर्जी की हालत में रविवार के बाद से गिरावट दर्ज की गयी है। फेफड़े में संक्रमण के कारण उनके कुछ अन्य अंगों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनकी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है। वह लगातार गहरी बेहोशी में और वेंटीलेटर पर हैं। ” पूर्व राष्ट्रपति के मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए पिछले दिनों उनका ऑपरेशन किया गया था।               


बिहार में बाढ़ के कारण पूरी फसलें बर्बाद

बिहार में बाढ़ से खेतों में लगी पूरी फसल 105 प्रखंडों में बर्बाद , सरकारी मदद की आस किसानों को


पटना। बिहार में बाढ़ क्या आई, आधे दर्जन जिले के लोगों के रोज का निवाला ही छीन ले गई। 33 प्रतिशत फसल नुकसान वाले प्रखंडों की संख्या भले 234 प्रखंड हो, लेकिन 105 प्रखंड ऐसे हैं जहां किसानों को अनाज के लिए अब अगली फसल का ही इंतजार करना होगा। उनकी पूरी फसल बाढ़ में डूब गई है। ऐसे किसानों की निगाहें, अब सरकारी सहायता पर ही टिकी है। 
कुल खेती का 22 प्रतिशत फसल चौपट राज्य में इस बार खरीफ मौसम में 36.76 लाख हेक्टयर में खेती हुई है। धान की खेती 32.78 लाख हेक्टेयर और मक्के की 3.98 लाख हेक्टेयर में हुई। बाढ़ ने जिन फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान किया है उसका रकबा 7.53 लाख हेक्टेयर है। यानि कुल रकबे का लगभग 22 प्रतिशत भाग बाढ़ से प्रभावित हुआ। लेकिन, अगर प्रखंडों में हुई खेती के अनुसार गणना करें तो सौ से अधिक ऐसे प्रखंड है जहां की खेती पूरी तरह चौपट हो गई। 
कई जिलों में 90 प्रतिशत तक नुकसान आधा दर्जन जिले ऐसे हैं जहां जितनी खेती हुई उसकी 70 से 90 प्रतिशत तक फसल चौपट हो गई। दरभंगा जिले में जितने रकबे में धान और मक्का की खेती हुई, उसका 90 प्रतिशत भाग चौपट हो गया। मुजफ्फरपुर में 81 प्रतिशत तो खगड़िया में 74 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई। इसके अलावा सहरसा, पूर्वी चम्पारण और पश्चिमी चम्पारण जिलों में भी नुकसान का प्रतिशत 60 से ऊपर है। 
लंबे समय तक टिकी बाढ़ 
राज्य में इस बार बाढ़ की अवधि काफी लंबी रही। धान की रोपनी खत्म होते ही आर्द्रा नक्षत्र से बाढ़ शुरू हो गई। अगस्त तक फसल खेतों में डूबी रही। ऐसे में पौधे भी छोटे थे और पानी भी ज्यादा दिन टिका, लिहाजा फसल को बचाना कठिन हो गया। 
खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी 
इस बार खरीफ की रोपनी समय पर हो गई थी। समय पर मानसून के आने के कारण किसानों ने खूब मेहनत की और धान के साथ मक्के की खेती भी बढ़े उत्साह से की। लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिकी। अभी पूरी तरह धान की रोपनी हुई भी नहीं हुई कि बाढ़ ने दस्तक दे दी।   
बाढ़ प्रभावित जिले 
वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी,  समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, कटिहार, शिवहर, भागलपुर, सीतामढ़ी, मधेपुरा, सहरसा, अररिया और पूर्णिया। 
आपदा प्रबंधन का प्रावधान
68 सौ रुपए प्रति हेक्टेयर असिंचित क्षेत्र में फसल नष्ट होने पर13 हजार 500 प्रति हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में फसल नष्ट होने पर 18 हजार प्रति हेक्टेयर पेरेनियल (सलाना) फसल में 
12 हजार 200 रुपए प्रति हेक्टेयर तीन फीट बालू जमा होने पर 39 हजार प्रति हेक्टेयर जमीन की व्यापक क्षति होने पर।               


गाजियाबाद में फिर पत्रकार पर हमला

गाजियाबाद मे एक बार फिर हुआ के टीवी न्यूज़ चैनल के पत्रकार पर हमला, दी जान से मारने की धमकी।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद में एक बार फिर के टीवी न्यूज़ चैनल के पत्रकार पर हुआ हमला गांव की बदहाली को कवरेज करने गए पत्रकार के साथ ग्राम प्रधान के बेटे ने मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। आपको बता दें के न्यूज़ चैनल के संवाददाता जयवीर मावी का आरोप है कि चैनल ने गांव की बदहाली को लेकर खबर कवरेज करने के लिए कहा था। जिसके बाद वो खबर कवरेज करने के लिए लोनी टीला शाहबाजपुर गांव पहुंचा, उसी दौरान वहां पर ग्राम प्रधान के बेटे के साथ उसके कुछ साथी पहुंचे और पत्रकार जयवीर मावी के साथ मारपीट करने लगे और जान से मारने की धमकी दे डाली। आपको बता दे कि इससे पहले भी खुद ग्राम प्रधान पत्रकार जयवीर मावी को फोन पर धमकी दे चुका है। अब पत्रकार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। वहीं इस तरह की लगातार घटनाएं सामने आने पर सवाल उठना लाजिमी हैं कि अभी कुछ दिन पहले ही पत्रकार विक्रम जोशी की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रशासन पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बदमाशों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करता हैं या फिर ऐसे ही एक के बाद एक पत्रकारों पर हमला होता रहेगा और उनकी जान जाती रहेगी।             


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...