गुरुवार, 13 अगस्त 2020

हरियाणा-पंजाब में चलेगी 150 निजी ट्रेन

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। देश के साथ- साथ पंजाब- हरियाणा में जल्दी ही व्यापक स्तर पर कई प्राइवेट ट्रेंने चलाई जाएंगी। इन खास ट्रेनों को भारतीय रेल की तरफ से 109 रूटों पर चलने वाली 150 प्राइवेट ट्रेनों का रूट तैयार करके देश भर के अधिकारियों से सुझाव मांगे गए हैं। रेल मंत्रालय की तरफ से प्राइवेट ट्रेनों के संचालन, संरक्षा, वाशिंग और जिन रूटों पर ट्रेनें दौड़ेंगी, वहां, पहले और उसी समय कौन-कौनसी ट्रेनें चल रही हैं, इसकी टाइमिंग को लेकर भी सुझाव मांगे गए हैं। हरियाण पंजाब के हिस्से में इनमें से 14 प्राइवेट आने की संभावना है। जो कि तेजी के साथ फर्राटा भरेगी। इतना ही नहीं ये ट्रैन दिल्ली से चंडीगढ़ की दूरी महज तीन घंटे और दिल्ली से अमृतसर की दूरी साढ़े पांच घंटे में पार करेगी। ये तेजी से चलने वाली इन ट्रेनों का भी सपना साकार होने वाला है।


अगर इन ट्रेनों के चलने पर मुहर लग जाती है, तो इससे मौजूदा चल रही ट्रेनों के टाइम टेबल में बदलाव किया जाएगा। हरियाणा और पंजाब से भी 14 रूटों पर ये ट्रेनें दौड़ेंगी। इनमें दैनिक और साप्ताहिक ट्रेन भी शामिल हैं। मौजूदा समय में नई दिल्ली से चंडीगढ़ का सफर 4 घंटे 10 मिनट का है, जबकि नई दिल्ली से अमृतसर तक का सफर 6:20 मिनट का है। इन 14 ट्रेनों में 12 ट्रेनें प्रतिदिन दौड़ेंगी, जबकि अन्य दो ट्रेनें सप्ताह में तीन-तीन दिन अप-डाउन करेंगी। इन ट्रेनों की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। हरियाणा व पंजाब से चलने वाली ट्रेनें उत्तर भारत ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के नागपुर तक का सफर तय करेंगी।


पंजाब-हरियाणा से इन राज्यों के लिए 18 रूटों पर दौड़ेंगी ट्रेन



  • नई दिल्ली से अमृतसर दो ट्रेन

  • नई दिल्ली से चंडीगढ़ तीन ट्रेन

  • लखनऊ से कटरा के लिए दो ट्रेन

  • अमृतसर से फरीदाबाद दो ट्रेन

  • वाराणसी से बठिंडा दो ट्रेन

  • नागपुर से चंडीगढ़ दो ट्रेन

  • भोपाल से मुंबई दो ट्रेन

  • भोपाल से पूना दो ट्रेन शामिल

  • नई दिल्ली से ऋषिकेश दो ट्रेन

  • इंदौर से दिल्ली दो ट्रेन

  • नई दिल्ली से वाराणसी दो ट्रेन

  • आनंद विहार से दरभंगा दो ट्रेन

  • आनंद विहार से बडगाम तक दो ट्रेन

  • लखनऊ से दिल्ली दो ट्रेन आदि शामिल हैं।


क्या है अब तक की तैयारी ?



  • इन 150 ट्रेनों से देश के सभी प्रमुख स्टेशनों को जोड़ दिया गया है।

  • इन ट्रेनों की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी।

  • हर सात हजार किलोमीटर पर इन ट्रेनों की संरक्षा को देखते हुए जांच की जाएगी।

  • प्रत्येक ट्रेन में 16 डिब्बे या इससे अधिक होंगे ताकि यात्रियों को टिकट कंफर्म मिल सके।

  • उधर, रेलवे ने प्राइवेट ट्रेनों के लिए रूट प्रस्तावित कर दिए हैं और ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को आमंत्रित किया जा चुका है। इन सभी ट्रेनों के डिब्बे मेक इन इंडिया की नीतियों के तहत ही बनाए जाएंगे। इन ट्रेनों को दौड़ाने की जिम्मेदारी रेलवे के चालक की होगी।


हरियाणाः नालायक और सांडों की सरकार


राणा ओबराय


नालायक तथा सांडो की सरकारः पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव




रेवाड़ी। हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने डीसी को ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा हरियाणा की सरकार भाजपा की सरकार सिर्फ नालायक और सांडों की सरकार है। क्योंकि देश और प्रदेश में यह सरकारी संस्थानों को बेचने पर लगे हुए हैं। अजय यादव ने कहा सड़कों पर आवारा सांड घूम रहे हैं और सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा आवारा सांड रोज किसी न किसी को घायल करके मृत्यु की ओर धकेल रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा यह हरियाणा की निकम्मी और नालायक सरकार है। इस सरकार ने रजिस्ट्री घोटाला शराबबंदी घोटाला के सिवा कोई और कार्य नहीं किया है। अजय यादव ने चेतावनी भरे लहजे में कहा सरकार आज चुनाव करा ले तो इनको अपनी औकात का पता लग जाएगा। सरकार कितनी लोकप्रिय है।



गाजियाबादः 31 अगस्त तक बढ़ी धारा 144

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने आज एक आदेश जारी कर धारा 144 की अवधि को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। आदेश के अनुसार गणेश चतुर्थी और मोहर्रम के अवसर पर किसी प्रकार के सार्वजनिक आयोजन या जुलूस आदि की अनुमति भी नहीं होगी।


आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पिछले कई महीनों से गाज़ियाबाद में धारा 144 लगी हुई है।  इसके अलावा जिले को सैनिटाइज़ करने के उद्देश्य से हर सप्ताहांत पर 55 घंटों का मिनी लॉकडाउन भी लगाया जाता है। मिनी लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेकों को छोड़ कर सभी बाज़ार बंद रहते हैं।


मिनी लॉकडाउन से बढ़ा व्यापारियों में रोष


हर शनिवार रात 10 बजे से लगने वाले इस मिनी लॉकडाउन से व्यापारियों और दैनिक वेतन भोगी मजदूरों में काफी रोष फैला हुआ है।  व्यापारियों का कहना है कि गाज़ियाबाद में ज़्यादातर वेतनभोगी परिवार रहते हैं। शनिवार और रविवार व्यापार के प्रमुख दिन होते हैं। ऐसे में दो दिन की साप्ताहिक बंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी है।  व्यापारियों के प्रतिनिधि मण्डल ने इस बारे में कई बार जिलाधिकारी से भेंट की है लेकिन वे किसी की बात को सुनने के लिए राजी नहीं है।


अभी हाल ही में एसोसिएशन ऑफ फूड ऑपरेटर्स  के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने भी मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को पत्र लिख हलवाइयों, बेकरी शॉप्स और रेस्टोरेंट्स को इस साप्ताहिक बंदी से छूट देने की मांग की थी लेकिन अन्य शिकायतों की तरह शायद उनकी शिकायत भी किसी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।


बढ़ रहा है पुलिस शोषण


गाज़ियाबाद के खुदरा किराना व्यापारियों का कहना है कि पुलिसवाले सप्ताहांत में वाले उन पर दुकानें बंद करने का दबाव बनाते हैं।  हालांकि आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत आने वाली वस्तुएँ जैसे दूध, अंडा और ब्रेड आदि बेचने की अनुमति है लेकिन पुलिसकर्मी इनकी दुकानें भी बंद करा देते हैं। बहुत से व्यापारियों ने दबी जुबान में बताया कि सुविधा शुल्क या मुफ्त राशन देने पर आधा शटर डाल कर दुकान खोलने कि अनुमति मिल जाती है लेकिन मंदी के आलम में मुफ्त राशन या सुविधा शुल्क देना गली मोहल्ले में दुकान लगाने वाले छोटे-मोटे दुकानदारों के बस से बाहर की बात है।


ऐन वक्त पर टला गाजियाबाद लैब उद्घाटन

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गुरुवार को होने वाला लैब का उद्घाटन ऐन वक्त पर टाल दिया गया। उद्घाटन के लिए जरूरी सारी तैयारियां हो चुकी थीं लेकिन, मशीन की किट नहीं आने से कार्यक्रम टालना पड़ा। जिले की पहली आरटी- पीसीआर (रीयल टाइम रिवर्स टांसक्रिप्सन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन) लैब का उद्घाटन आज होना था। बुधवार देर शाम को लैब के गेट पर उद्घाटन से जुड़ा शिलापट भी लगा दिया गया था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का नाम भी अंकित किया गया है।


एमएमजी अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. सुनील कात्याल ने बताया कि लैब का उद्घाटन फिलहाल टाल दिया गया है। उनके मुताबिक लैब की मशीनें लग गई हैं, लेकिन किट नहीं आई है। लैब के संचालन के लिए दो महिला वैज्ञानिकों को तैनात किया गया है। वैज्ञानिक सुरभि दीक्षित की देखरेख में लैब की मशीनों को चालू करवा दिया गया है। लैब संचालन के लिए आइसीएमआर से अनुमति के साथ ही पोर्टल का पंजीकरण भी एमएमजी अस्पताल को मिल गया है। लैब शुरू होने के साथ ही नोएडा भेजे जाने वाले सैंपलों की जांच यहीं पर हो सकेगी।            


जन स्वास्थ्य से खिलवाड़, प्रशासन उदार

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद के लोनी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों पर जिला स्वास्थ्य प्रशासन मेहरबान है। झोलाछाप डॉक्टर द्वारा दुकान में ही अस्पताल चलाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कार्रवाई के नाम पर अवैध वसूली की जाती है। इन डॉक्टरों पर अग्निशमन एवं प्रदूषण विभाग से भी कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है। 'नीम हकीम खतरे में जान' ताजा मामला लोनी बॉर्डर क्षेत्र के पाइपलाइन रोड एक क्लीनिक का है जहां पर 22 वर्षीय महिला की गलत इंजेक्शन या गलत जगह इंजेक्शन लगाने पर जान जाते-जाते बच गई महिला की तबीयत अभी खराब है। महिला को पीड़ा होने पर झोलाछाप डॉक्टर ने इंजेक्शन लगा दिया इंजेक्शन लगाते ही महिला के दोनों पैर अकड़ गए चलना बंद हो गया महिला को लेकर परिजन कई अस्पतालों में गए एमआरआई कराई गई सभी टेस्ट कराए गए कारण गलत इंजेक्शन लगाना बताया गया डॉक्टर अपने यहां सरकार के दिशा निर्देश लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन भी करता है। मास्क का प्रयोग नहीं करता है कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं है। जिले के डिप्टी सीएमओ से मिलकर शिकायत की जाएगी एवं जांच की मांग की जाएगी।


सुदीक्षा को न्याय के लिए उग्र आंदोलन करेंगे

 जल्दी नहीं हुई गिरफ्तारी तो गुर्जर समाज उग्र आंदोलन करेगा 


 आत्मा की शांति के लिए सभी लोग अपने घरों पर आज दिए या मोमबत्ती जलाएं 


 न्याय दिलाने के लिए अखिल भारतीय गुर्जर महासभा आंदोलन करेगी 


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा युवा प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने बताया की सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी का दर्द असहनीय और अवर्णित है। सुदीक्षा की असमय मौत से न केवल इस परिवार को, क्षेत्र को या गुर्जर समाज को बल्कि पूरे देश को क्षति हुई है। 3 करोड़ 80 लाख की स्कॉलरशिप पर अमेरिका की बॉबसन यूनिवर्सिटी में पढ़ रही सुदीक्षा देश की प्रतिभा थी और वह बहुत आगे तक जाती। बहुत ऊंचाइयों को छूती। इस परिवार को कहां से कहां ले जाती।इसकी कल्पना की जा सकती है।
सुदीक्षा की मौत कोई सामान्य सड़क दुर्घटना नहीं है। यह एक तरह से हत्या है। मनचले काफी दूर से सुदीक्षा की बाइक का पीछा कर रहे थे। बार-बार अपनी बुलेट को कभी आगे कभी पीछे करते हुए फब्तियां कस रहे थे। फिर अचानक इनकी बाइक के आगे बुलेट लगा दी। जिससे ब्रेक लगाने पर इनकी बाइक गिर गई। सुदीक्षा का सिर सड़क में लगा और उसकी मौत हो गई। क्या इस मौत के लिए सीधे-सीधे वह मनचले जिम्मेदार नहीं है ? और इसे हत्या नहीं कहा जाएगा ? समझ से बाहर है कि बुलंदशहर पुलिस क्यों दोषियों को बचाने का षड्यंत्र कर रही है। पुलिस ने जितनी जल्दी इस मामले में बयानबाजी की और सोशल मीडिया पर सफाई दी किसी केस में पुलिस इतनी जल्दी सफाई नहीं देती है। सुदीक्षा की मृत्यु के लिए जिम्मेदार शोहदों को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार कर कानून के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए। और सुदीक्षा जैसी प्रतिभा के असमय अंत से उसके परिवार को पहुंची क्षति की कुछ भरपाई करने की कोशिश भी सरकार को करनी चाहिए। हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुदीक्षा के परिवार को  एक करोड़ रुपए का मुआवजा, एक सरकारी नौकरी और ग्रेटर नोएडा में एक मकान दे। सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी की इच्छा है कि उसकी बेटी के नाम से लड़कियों की शिक्षा के लिए कोई शिक्षण संस्थान अथवा सरकारी योजना शुरू की जानी चाहिए। क्योंकि उसकी बेटी एनजीओ के माध्यम से इस दिशा में कार्य कर रही थी और उसकी ऐसी इच्छा थी।
क्षेत्र से और दूर-दूर से भी काफी संख्या में लोग वहां आ रहे थे। और सभी इन मांगों पर सहमत थे। लोगों की यह भी मांग है कि घटना की निष्पक्ष जांच के लिए इसकी जांच हाई कोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में बनी एसआईटी से कराई जाय। एक बात मैं अपनी ओर से सभी नौजवानों से कहना चाहता हूं। कृपया दुपहिया पर बिना हेलमेट के सफर ना करें। यदि सुदीक्षा ने हेलमेट पहना होता तो शायद आज वह हमारे बीच होती।             


पुलिसः 20 लाख फिरौती की गुत्थी सुलझाई

प्रदीप धनखड़


झज्जर। इलाके के एक होलसेल दवा विक्रेता से 20 लाख रूपए की फिरौती मांगे जाने की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले में झज्जर पुलिस ने स्थानीय निजी कॉलेज के फार्मेसी में पढऩे वाले दो छात्रों समेत चार युवकों को गिरफ्तार किया है,जिन्होंने अपना कर्ज उतारने के लिए दवा विक्रेता से बीस लाख रूपए की फिरौती मांगी।


फिरौती मांगने के लिए मामले में पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों में विक्रम गांव खेड़ी जट्ट व नीरज गांव खुंगाई जिला झज्जर के रहने वाले है और दोनों ही झज्जर के एसडी कॉलेज के फार्मेसी के छाaत्र है। पुलिस की माने तो इन दोनों छात्रों को दवा विक्रेता से फिरौती मांगने के लिए उकसाने का मुख्य सूत्रधार यहां जहांआरा बाग स्टेडियम के पास ही एक कैमिस्ट शॉप पर नौकरी करने वाला चिराग निवासी सीताराम गेट झज्जर नाम का युवक था। उसने ही फिरौती मांगने वाले इस मामले में मुखबिर का काम किया। इसके अलावा पुलिस ने जींद जिले के गांव पेगा के रहने वाले संजय नामक युवक को भी गिरफ्तार किया है। इन सभी ने योजनाबद्ध तरीके से फिरौती मांगने की इस घटना कोअंजाम दिया। पुलिस के अनुसार फिरौती के इस मामले में दिल्ली का एक युवक अभी पुलिस पकड़ से बाहर है। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


चार अगस्त को झज्जर के दवा विक्रेता से बीस लाख की फिरौती मांगी गई थी। इस घटना को झज्जर के एक निजी कॉलेज में पढऩे वाले दो छात्रों ने अपना कर्ज उतारने के लिए अंजाम दिया था। विक्रम और नीरज नामक इन दो कॉलेज छात्रों को मुखबिरी झज्जर के ही एक कैमिस्ट शॉप पर काम करने वाले नीरज ने दी थी। इनके साथ जींद जिले के एक गांव का संजय भी शामिल था। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना में किसी गैंग का कोई हाथ नहीं था।              


बिना जांच के हत्या को बताया 'नेचुरल डेथ'

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली/बुढ़ाना। फुगाना पुलिस का कारनामा देखिए कि उसने बिना जांच किए वृद्ध की हत्या को घटनास्थल पर ही सामान्य मौत बताते हुए हत्यारों को क्लीन चिट देकर मृतक के पुत्र को हत्यारों के खिलाफ तहरीर देने के बहाने से थाने में बुला बंधक बनाकर उससे मनचाहा ब्यान लिखवा लिया। दूसरी और हत्यारे देवेंद्र ने मृतक वृद्ध से विगत दिवस डेढ़ लाख रुपए उधार लिए थे। वृद्ध अपने रुपयों की मांग कर रहा था तो हत्यारे ने वृद्ध की ही हत्या कर दी। हत्यारा सत्ताधारी पार्टी भाजपा से जुड़ा हुआ है। पीड़ित न्याय पाने को फुगाना थाने के चक्कर काट रहा है तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही। अब मामले की जांच एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा फुगाना सीओ को सोंपी गई है। बुढ़ाना तहसील क्षेत्र के गांव हबीबपुर सीकरी निवासी वृद्ध पूरण से गांव के देवेंद्र ने डेढ़ लाख रुपया उधार लिया था। वृद्ध देवेंद्र से अपने रुपयों की मांग कर रहा था। तब देवेंद्र ने वृद्ध को रुपये मांगने पर हत्या की धमकी दी थी। इस बात की शिकायत वृद्ध पूरण के पुत्र मोहन‌ने थाने में की थी। मामले की जांच तत्कालीन एसआई बीएस यादव ने की थी। जिसमें एसआई श्री यादव ने आरोपी देवेंद्र से सांठ गांठ कर पीड़ित मोहन पर ही इल्जाम लगाया था कि देवेंद्र तुम्हारे यहां मजदूरी करता है। तुम्हीं ने उसकी मजदूरी के 48 हजार रुपए रख रखे हैं। जबकि देवेंद्र भाजपा नेता हैं और उसने कभी भी मजदूरी का काम मोहन के यहां तो दूर की बात किसी के यहां भी नहीं किया। तब पीड़ित मोहन ने एसआई की शिकायत पीएम, सीएम, एसएसपी व डीएम को की तो जांच में एसआई श्री यादव की बात झूठी पाई गई। जिसमें एसआई को यहां से हटा दिया गया था। जांच तत्कालीन फुगाना सीओ कालू सिंह को सौंपी गई थी तो देवेंद्र उसमें आरोपी पाया गया था। सीओ ने फुगाना पुलिस को आरोपी देवेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए थे लेकिन फुगाना पुलिस ने भाजपा नेताओ के दबाव में आकर मोहन की रिपोर्ट देवेंद्र के खिलाफ दर्ज नहीं की थी। अब घटना बीती 26 जुलाई सन् 2020 की है। जिसमें पीड़ित मोहन के वृद्ध पिता पूरण सुबह के समय अपने खेतों में गये थे। डेढ़ बजे पूरण का पुत्र मोहन‌ जब पिता का खाना लेकर खेतों पर गया तो 4 लोग उसको देखकर भागे। जिनमें से मोहन ने गांव के देवेंद्र पुत्र पीरु को पहचान लिया। अन्य 3 को उसने नहीं पहचाना। जब मोहन टयूबवैल पर आया तो उसके पिता निर्वस्त्र मृत अवस्था में मिले। घटनास्थल पर और काफी दूर तक खून बिखरा था। मृतक के कुछ कपड़े ईंख के खेत में मिले। घटना की सूचना फुगाना पुलिस को दी तो मौके पर एक घंटे बाद पुलिस पहुंची। पुलिस ने मृत पूरण को देखकर बताया कि ये मर्डर नहीं है स्वाभाविक मौत है। तब ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया था। मृतक के पुत्र ने बताया था कि उसके पिता की हत्या देवेंद्र व उसके साथ आये 3 बदमाशों ने की है लेकिन पुलिस ने मृतक के पुत्र की एक नहीं सुनी। पुलिस ने शव उठाना चाहा तो पुलिस के रवैए से खफा लोगों ने शव‌ उठने नहीं दिया। काफी जद्दोजहद के बाद तय हुआ कि मोहन थाने जाकर अपने पिता के हत्यारों के खिलाफ तहरीर देगा। जिस पर ग्रामीण मान गये और पुलिस ने शव को पीएम के लिए भिजवाकर मृतक के पुत्र को थाने बुलवा लिया और उसको थाने में बंधक बनाकर लिखवाया कि वह ये लिखे कि उसके पिता की मौत खून की उल्टियां होने से हुई है। मृतक पुत्र ने अपनी जान बचाने के उद्देश्य से यही लिख दिया। जबकि सच ये है कि देवेंद्र ने ही वृद्ध की हत्या की है। पीड़ित को आज 19 दिन हो गए लेकिन अब तक उसको कोई न्याय नहीं मिला। पीड़ित के पास आज तक पुलिस भी नही आई और न ही उसके पिता की रिपोर्ट दर्ज की। इस मामले में पीड़ित एसएसपी के पास पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने सीओ को जांच सोंप दी।            


31 अगस्त तक धर्मस्थल रहेंगे बंदः डीएम

रिपोर्ट आलोक कुमार


मैनपुरी। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने विभिन्न समुदाय के धर्मगुरुओं, सम्भ्रान्त नागरिकों के साथ आयोजित बैठक में कहा कि लॉकडाउन से लेकर अब तक सभी जनपदवासियों ने जिला प्रशासन का सहयोग किया है, सभी धर्मों के लोगों ने समाज के हितों को ध्यान में रखकर सर्वसम्मति से निर्णय लिए हैं, सभी ने महत्वपूर्ण त्योहारों पर निर्धारित नियमों का पालन करते हुये घरों में ही पूजा-अर्चना, इबादत की है, अभी कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है, इसलिए सभी लोग आगे भी इसी प्रकार अपने दायित्वों का निर्वहन करें, घरों में ही जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, मोहर्रम आदि त्योहार मनाएं, कोई भी ऐसा कृत्य न करें, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़े, घरों में ही परम्परागत तरीके से त्योहार मनाएं, यथा संभव घरों में ही रहें, बहुत आवश्यक हो तभी घरों से निकले, मास्क, गमछे, सामाजिक दूरी का पालन करें, एक समय पर एक स्थान पर 05 से अधिक व्यक्ति एकत्र न हों, मंदिर-मस्जिद, चर्च-गुरुद्वारा में भी एक समय पर 05 व्यक्ति ही मौजूद रहकर इबादत करें।
बैठक में धर्मगुरुओं, सम्भ्रान्त व्यक्तियों ने समाज के हितों, विश्वव्यापी महामारी को दृष्टिगत रख सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए कहा कि 31 अगस्त तक पूर्व की भांति ही इबादत, पूजा-अर्चना की जाएगी, श्री कृष्ण जन्मोत्सव, गणेश चतुर्दशी, मोहर्रम के त्योहार सभी लोग परम्परागत ढंग से अपने-अपने घरों में मनाएगें, कहीं भी भीड़ एकत्र नहीं होगी, किसी प्रकार के जुलूस का आयोजन भी नहीं किया जायेगा। कोराना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु सभी समुदाय के धर्मगुरुओं ने एक स्वर से यह फैसला लिया है।
जिलाधिकारी ने धर्मगुरुओं, सम्भ्रान्त नागरिकों द्वारा लिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किसी भी स्थान पर भीड़ को एकत्र न होने दें, अभी संक्रमण का खतरा बना हुआ है यदि संक्रमित व्यक्ति मंदिर, मस्जिद,, गुरुद्वारा, चर्च पहुंचा तो संक्रमण फैलने का खतरा तेजी से बढ़ेगा इसलिए सभी इस बात का पूरा ध्यान रखें कि कोई भी बाहरी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल में प्रवेश न करें। उन्होने कहा कि एक समय पर किसी भी धार्मिक स्थल में 05 से अधिक व्यक्ति एकत्र न हांे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का मकसद किसी के विरुद्ध कार्यवाही करना नहीं बल्कि सभी के सहयोग से महामारी के संक्रमण को रोककर सभी को सुरक्षित करना है। उन्होने धर्मगुरूओं का आव्हान करते हुये कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में अपने-अपने समुदाय के लोगों को जागरूक करें, अनावश्यक घरों से बाहर न निकलने, मुंह, नाक को अच्छी तरह मास्क से ढकने, सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित करें ताकि कोरोना संक्रमण को रोका जा सके।
बैठक में विभिन्न समुदाय के धर्मगुरु, सम्भ्रान्त व्यक्तियों के अलावा अपर जिलाधिकारी बी.राम, अपर पुलिस अधीक्षक मधुबन कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी किशनी, सदर, भोगांव, करहल, कुरावली, घिरोर ऋषिराज, रजनीकांत, सुधीर कुमार, रतन वर्मा, अनूप कुमार, अनिल कटियार, क्षेत्राधिकारी सदर, भोगांव, करहल, कुरावली, अभय राय, अमर सिंह, अशोक कुमार, दद्दन प्रसाद आदि उपस्थित रहे।             


जन्माष्टमी पर एसएसपी का विशेष इंतजाम

बस्ती। कप्तानगंज बस्ती थानाध्यक्ष हरे कृष्ण उपाध्याय द्वारा जन्माष्टमी के पावन पर्व पर पूरे पूरे थाना क्षेत्र में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। मुलाकात के दौरान थाना अध्यक्ष ने बताया कि कहीं पर भी सार्वजनिक अर्थात भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं है तथा किसी प्रकार का कोई जुलूस आदि नहीं निकाला जा सकता है। परिवार के लोग इस पर्व को आपस में हर्षोल्लास के साथ मना सकते हैं। साथ ही क्षेत्र में बढ़ते हुए करोना केस के मद्देनजर उन्होंने जनता से अपील की है कि जब काफी आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। तथा मास्क का प्रयोग करें समय-समय पर अपने हाथों को साबुन से धूलते रहें भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सोशल डिस्टेंस बनाए रखें। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ विनोद कुमार ने भी बताया कि जब काफी आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों सुझावों का बेहतर ढंग से पालन करें और इस महामारी से पूरी तरह से बचें। जांच पड़ताल में पूरी तरह सहयोग करें। डरें नहीं खुद जांच कराएं और अपने पड़ोसियों को भी जांच हेतु प्रेरित करें ।               


दरोगा ने भाजपा 'विधायक' की पिटाई की

गोंडा। थाने में एक कार्यकर्ता की पैरवी करने जाना एक विधायक को काफी भारी पड़ी। वहां ने विधायक जी की जमकर खातरदारी की। मामला अलीगढ़ जिले की इगलास सीट के बीजेपी विधायक राजकुमार सहयोगी ने पुलिस पर उन्‍हें पीटने का आरोप लगाया है। विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके कपड़े तक फाड़ डाले।यह पूरा मामला गोंडा थाने में हुआ। जब विधायक एक मामले की पैरवी करने थाने गए थे। तभी कहा सुनी हुई और 3-3 दरोगा उनकी उन्हें पीटने लगे। जबकि पुलिस का कहना है कि विधायक और उनके सहयोगियों ने पुलिस को अपशब्‍द कहे और पुलिसकर्मी को चांटा मारा।
विधायक राजकुमार सहयोगी की थाने में पुलिस द्वारा कथित पिटाई की खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता घटना के विरोध में थाने पर एकत्र हो गए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने स्थिति को संभाला। स्थिति तनावपूर्ण है और गोंडा थाने पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है और आसपास की मार्केट बंद करा दी गई।               


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...