गुरुवार, 13 अगस्त 2020

बिना जांच के हत्या को बताया 'नेचुरल डेथ'

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली/बुढ़ाना। फुगाना पुलिस का कारनामा देखिए कि उसने बिना जांच किए वृद्ध की हत्या को घटनास्थल पर ही सामान्य मौत बताते हुए हत्यारों को क्लीन चिट देकर मृतक के पुत्र को हत्यारों के खिलाफ तहरीर देने के बहाने से थाने में बुला बंधक बनाकर उससे मनचाहा ब्यान लिखवा लिया। दूसरी और हत्यारे देवेंद्र ने मृतक वृद्ध से विगत दिवस डेढ़ लाख रुपए उधार लिए थे। वृद्ध अपने रुपयों की मांग कर रहा था तो हत्यारे ने वृद्ध की ही हत्या कर दी। हत्यारा सत्ताधारी पार्टी भाजपा से जुड़ा हुआ है। पीड़ित न्याय पाने को फुगाना थाने के चक्कर काट रहा है तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही। अब मामले की जांच एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा फुगाना सीओ को सोंपी गई है। बुढ़ाना तहसील क्षेत्र के गांव हबीबपुर सीकरी निवासी वृद्ध पूरण से गांव के देवेंद्र ने डेढ़ लाख रुपया उधार लिया था। वृद्ध देवेंद्र से अपने रुपयों की मांग कर रहा था। तब देवेंद्र ने वृद्ध को रुपये मांगने पर हत्या की धमकी दी थी। इस बात की शिकायत वृद्ध पूरण के पुत्र मोहन‌ने थाने में की थी। मामले की जांच तत्कालीन एसआई बीएस यादव ने की थी। जिसमें एसआई श्री यादव ने आरोपी देवेंद्र से सांठ गांठ कर पीड़ित मोहन पर ही इल्जाम लगाया था कि देवेंद्र तुम्हारे यहां मजदूरी करता है। तुम्हीं ने उसकी मजदूरी के 48 हजार रुपए रख रखे हैं। जबकि देवेंद्र भाजपा नेता हैं और उसने कभी भी मजदूरी का काम मोहन के यहां तो दूर की बात किसी के यहां भी नहीं किया। तब पीड़ित मोहन ने एसआई की शिकायत पीएम, सीएम, एसएसपी व डीएम को की तो जांच में एसआई श्री यादव की बात झूठी पाई गई। जिसमें एसआई को यहां से हटा दिया गया था। जांच तत्कालीन फुगाना सीओ कालू सिंह को सौंपी गई थी तो देवेंद्र उसमें आरोपी पाया गया था। सीओ ने फुगाना पुलिस को आरोपी देवेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए थे लेकिन फुगाना पुलिस ने भाजपा नेताओ के दबाव में आकर मोहन की रिपोर्ट देवेंद्र के खिलाफ दर्ज नहीं की थी। अब घटना बीती 26 जुलाई सन् 2020 की है। जिसमें पीड़ित मोहन के वृद्ध पिता पूरण सुबह के समय अपने खेतों में गये थे। डेढ़ बजे पूरण का पुत्र मोहन‌ जब पिता का खाना लेकर खेतों पर गया तो 4 लोग उसको देखकर भागे। जिनमें से मोहन ने गांव के देवेंद्र पुत्र पीरु को पहचान लिया। अन्य 3 को उसने नहीं पहचाना। जब मोहन टयूबवैल पर आया तो उसके पिता निर्वस्त्र मृत अवस्था में मिले। घटनास्थल पर और काफी दूर तक खून बिखरा था। मृतक के कुछ कपड़े ईंख के खेत में मिले। घटना की सूचना फुगाना पुलिस को दी तो मौके पर एक घंटे बाद पुलिस पहुंची। पुलिस ने मृत पूरण को देखकर बताया कि ये मर्डर नहीं है स्वाभाविक मौत है। तब ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया था। मृतक के पुत्र ने बताया था कि उसके पिता की हत्या देवेंद्र व उसके साथ आये 3 बदमाशों ने की है लेकिन पुलिस ने मृतक के पुत्र की एक नहीं सुनी। पुलिस ने शव उठाना चाहा तो पुलिस के रवैए से खफा लोगों ने शव‌ उठने नहीं दिया। काफी जद्दोजहद के बाद तय हुआ कि मोहन थाने जाकर अपने पिता के हत्यारों के खिलाफ तहरीर देगा। जिस पर ग्रामीण मान गये और पुलिस ने शव को पीएम के लिए भिजवाकर मृतक के पुत्र को थाने बुलवा लिया और उसको थाने में बंधक बनाकर लिखवाया कि वह ये लिखे कि उसके पिता की मौत खून की उल्टियां होने से हुई है। मृतक पुत्र ने अपनी जान बचाने के उद्देश्य से यही लिख दिया। जबकि सच ये है कि देवेंद्र ने ही वृद्ध की हत्या की है। पीड़ित को आज 19 दिन हो गए लेकिन अब तक उसको कोई न्याय नहीं मिला। पीड़ित के पास आज तक पुलिस भी नही आई और न ही उसके पिता की रिपोर्ट दर्ज की। इस मामले में पीड़ित एसएसपी के पास पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने सीओ को जांच सोंप दी।            


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