शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

सैकड़ों अपराधियों को किया गिरफ्तार

अश्वनी उपाध्याय 


गाजियाबाद। जनपद की पुलिस द्वारा गुरुवार रात को वांटेड और फरार चल रहे अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया। ऑपरेशन अभियान नाम के इस अभियान में विभिन्न थानों में पिछले लंबे समय से फार चल रहे 66 अपराधियों को पकड़कर जेल भेजा गया।  इसके अलावा 34 वारंटी अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया गया।


एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि गुरुवार को धारा -151  CrPC के तहत 71 अन्य अपराधियों को भी  गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इनके संबंध में संबंधित थानों पर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि गुरुवार रात को चले सघन वाहन चैकिंग अभियान के दौरान विभिन्न थानों के अंतर्गत यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले कुल 127 वाहन सीज किए गए हैं। एसएसपी ने आश्वस्त किया कि आने वाले दिनों में ऐसे ही विशेष अभियान चलाकर गाज़ियाबाद को अपराध मुक्त करने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे।               


182 पुलिसकर्मियों ने कोरोना को हराया

हैदराबाद। हाल ही में शहर के उत्तरी क्षेत्र के 182 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वायरस की लड़ाई जीतकर लौटे हैं। सभी गुरुवार को फिर से लोगों की सेवा के लिए आए हैं। इस दौरान प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिकंदराबाद के एक समारोह हॉल में उनके सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया था। वहीं इस आयोजन में शहर के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। इसके साथ ही, अंजनी कुमार ने कहा कि इस समय के दौरान, 'हैदराबाद पुलिस कर्फ्यू, लॉकडाउन और अब अनलॉक के दौरान जनता की सेवा में व्यस्त है।'


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि 'ज्यादातर हैदराबाद पुलिस कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए क्योंकि प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों में ले जाया गया और भीड़ भरे बाजारों में तैनात किया गया। यह बहुत अच्छी खबर है कि संक्रमितों में से 182 पुलिस कर्मी फिर से लोगों की सेवा के लिए आए हैं। इसके अलावा, नगर निगम आयुक्त ने कहा कि 'हैदराबाद पुलिस देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस में से एक है। जनता के लिए सेवा और सुरक्षा प्रदान करना पुलिस के लिए सर्वोपरि है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि आने वाले 7 वर्षों में 30 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी।


इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात में यह भी कहा - 'शहर में कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए, सभी को कोविद -19 के नियमों का पालन करना चाहिए। मुख्य रूप से बुजुर्गों और बच्चों को अधिक सावधानी से रहना चाहिए। आपको बता दें कि आयोजित कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्र के पुलिस आयुक्त कमलेश्वर, अतिरिक्त उपायुक्त श्रीनिवास और अधिकारियों ने भाग लिया।           


नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, नए भारत की नींंव

नई दिल्ली। पीएम मोदी आज देश की नई शिक्षा नीति को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है। इस कॉन्क्लेव के माध्यम से, भारत के शिक्षा विश्व को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। अधिक जानकारी स्पष्ट है, फिर आसान इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन होगा। 3-4 वर्षों के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे विचार-मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरे देश में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। विभिन्न क्षेत्रों के लोग, विभिन्न विचारधाराओं के लोग अपने विचार दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समीक्षा कर रहे हैं। यह एक स्वस्थ बहस है, यह जितना अधिक है, देश की शिक्षा प्रणाली को उतना अधिक लाभ मिलेगा। यह भी प्रसन्नता का विषय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद, यह देश के किसी भी क्षेत्र से नहीं निकला है, किसी भी तबके से, जिसके पास किसी भी प्रकार का पूर्वाग्रह है, या एक तरफ झुक रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21 वीं सदी के भारत, नए भारत की नींव रखने जा रही है।


उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए इस सवाल पर आना स्वाभाविक है कि इतना बड़ा सुधार कागज पर किया गया था, लेकिन इसे जमीन पर कैसे रखा जाएगा। यानी सभी की नजरें इसके क्रियान्वयन की ओर हैं। आप सभी सीधे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन से जुड़े हैं और इसलिए आपकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। जहां तक ​​राजनीतिक इच्छाशक्ति का सवाल है, मैं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं, मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं।             


श्रीलंकाः कमल वाली पार्टी ने चुनाव जीता

रामकुमार भट्ट


कोलंबो। भारत के बाद श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य कमलमय हुआ है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की कमल फूल निशान वाली पार्टी एसएलपीपी ने 225 सीटों वाले संसद में दोतिहाई से ज्यादा सीटों पर काबिज हुई है। चुनाव में विपक्ष के बड़े-बड़े नेता धराशाई हो गए हैं।


राजपक्षे के पार्टी की सुनामी इतनी जबरदस्त थी कि लंका के सबसे पुराने राजनीतिक दल यूएनपी के नेता 1977 में राजनीति में कदम रखने के बाद से कभी भी अपनी कोलंबों की सीट नहीं हारने वाले पूर्व प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को भी अपनी सीट गंवानी पड़ी। यही नहीं चुनाव में लंका की विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के कप्तान और यूएनपी के प्रत्याशी अर्जुना रणतुंगे भी गुम्पाहा सीट से पराजित हो गए। वहीं यूएनपी से अलग होकर सत्ता के लिए संघर्ष कर रही पार्टी एसजेबी के नेता और पूर्व प्रधानंत्री रमसिंघे प्रेमदासा के पुत्र सजिथ प्रेमदासा अपनी सीट बचाने में सफल रहे। पार्टी को द्वीप के अन्य हिस्सों में भी कुछ सफलता हासिल हुई है। चुनाव में जहां महिंदा राजपक्षे कुरुनेगाला सीट और उनके बेटे नमल परिवार की परंपरागत सीट हंबनटोटा से जीत हासिल की। अब लंका के राष्ट्रपति के तौर पर छोटे भाई गोटाबाया राजपक्षे के साथ प्रधानमंत्री राजपक्षे आने वाले पांच सालों तक बिना किसी बाधा के लंका पर शासन करेंगे। अबकी बार लंका की राजनीति में महिंदा के बेटे नमल की भी शक्तिशाली कैबिनेट मंत्री के तौर पर अहम भूमिका होने वाली है।


बिहारः बाढ़ ने 21 लोगों की जान ली

अविनाश श्रीवास्तव


पटना। बिहार की सभी प्रमुख नदियों में उफान जारी है। इस बीच बाढ़ के कारण राज्य के 16 जिलों की 69 लाख की आबादी प्रभावित हो चुकी है। बाढ़ के कारण अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इधर, राज्य सरकार भी बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में 6000 रुपये पहुंचाकर आर्थिक मदद देने में जुटी हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, राज्य के 16 जिलों के कुल 124 प्रखंडों की 1,185 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 69 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 8 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,402 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन करीब दस लाख लोग भोजन कर रहे हैं।


उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान अलग-अलग इलाकों में हुईं विभिन्न घटनाओं में 21 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे अधिक सात लोगों की मौत दरभंगा जिले में तथा छह लोगों की मौत मुजफ्फरपुर जिले में हुई है। इस बीच 23 पालतू पशु की भी मौत हो गई है।उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 4,81,939 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रुपये की राशि दी जा रही है। अभी तक 4,50,129 परिवारों के बैंक खाते में कुल 270़80 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।


बिहार राज्य जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। गुरुवार की शाम इसके जलस्तर में वृद्धि हुई थी, लेकिन शुक्रवार को फिर इसकी प्रवृत्ति कमी की दिख रही है। वीरपुर बैराज के पास शुक्रवार को सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1.85 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1.83 लाख क्यूसेक हो गया।


इधर, गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह छह बजे 1.61 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे बढ़कर 1.63 लाख क्यूसेक पहुंच गया है। इस बीच, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती जहां ढेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वहीं बूढ़ी गंडक सिकंदरापुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसड़ा रेल पुल और खगड़िया में लाल निशान के ऊपर है। इधर, कमला बलान जयनगर व झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर है। गंगा नदी कहलगांव में लाल निशान के ऊपर है, जबकि घाघरा और अधवारा भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले चार-पांच दिनों तक पूरे बिहार में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जिसको देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है।             


बिहार चुनाव की लड़ाई में हुई देरीः गांधी

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भले ही बिहार विधानसभा चुनाव कुछ महीने दूर हैं, लेकिन राज्य कांग्रेस के नेताओं ने एक ऑनलाइन पार्टी बैठक के दौरान राहुल गांधी से कहा कि संगठनात्मक ढांचे के अभाव में बिहार में चुनावी लड़ाई की तैयारी में बहुत देर हो चुकी है। पार्टी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राहुल गांधी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य इकाई के नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर उन नेताओं में से थे जिन्होंने कहा कि अप्रैल-मई 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को तैयारियां करनी शुरू कर देनी चाहिए थी।


सूत्रों ने कहा कि पार्टी के नेताओं ने बताया कि राज्य में कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा कमजोर है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य के नेताओं ने कहा, “बहुत देर हो चुकी है।” भले ही राहुल गांधी ने कहा है कि पार्टी समय पर महागठंबधन भागीदारों के साथ अपने सीट-बंटवारे समझौते को अंतिम रूप देगी। कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि ब्लॉक स्तर तक के 1,000 पार्टी कैडर बैठक में शामिल हुए, जो बाद में एक वर्चुअल रैली में बदल गया क्योंकि एक लाख से अधिक लोग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से शामिल हुए। राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य के लोगों को सुशासन प्रदान करने के ‘सकारात्मक एजेंडे’ के साथ बिहार चुनाव लड़ने के लिए कहा था।           


बैराज में हाथ बंधे युवक-युवती के शव

विकास जाटव


नानकमत्ता। नानकसागर बैराज में युवक और युवती के शव मिलने से सनसनी फैल गई। दोनों के एक एक हाथ आपस में बंधे हुए हैं। उनकी शिनाख्त बरेली निवासी किशन लाल कश्श्यप व राजकुमारी के रूप में हुई है। पुलिस ने शवों को बैराज के पानी से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। दोनों 3 अगस्त से अपने अपने घर से लापता थे और उनके परिजनों ने बरेली थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी।


मिल रही जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह नानकसागर बैराज से तकरीबन एक हजार आगे पूरब दिशा में ग्रामीणों ने बैराज के पानी में उतराती देखीं। इस घटना की जानकारी पुलिस चौकी नानकसागर को दी गई। इस पर चौकी प्रभारी राजेंद्र पंत पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने शवों को पानी से बाहर निकलवाया। युवक का बायां हाथ और युवती का दाहिना हाथ आपस में चुनरी से बंधा था। युवक के शव की तलाशी के दौरान एक आधार कार्ड, 810 रुपये की नकदी बरामद कीं।


छानबीन में पुलिस को पता चला कि मृतक युवक किशनलाल कश्यप है। 25 वर्षीय यह युवक गंगापुर कालोनी बरेली का रहने वाला था। जबकि युवति का नाम राजकुमारी है और 21 वर्षीय यह युवती रामगंगा कालोनीे थाना बिहारी कैंप की रहने वाली थी। पुलिस को यह भी पता चला कि मृतका की हाल ही में शादी भी हो चुकी थी। दोनों तीन अगस्त से अपने अपने घरों से लापता थे। जिनकी स्थानीय थानों में गुमशुदगी दर्ज है। पुलिस ने दोनों के परिजनों को फोन पर शव मिलने के बाबत अवगत करा दिया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी महेश चंद्र विंजौला तथा थाना प्रभारी कमलेश भट्ट ने भी मौके पर पहुंच कर मामले की जानकारी ली।            


बरेली पहुंचे योगी, स्थिति का जायजा लिया

बरेली। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे बरेली पहुंचे। वहां पर उन्हें त्रिशूल एयरवेज से कड़े सुरक्षा घेरे में कमिश्नरी तक ले जाया गया। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने सर्किट हाउस से लेकर चौकी चौराहा तक के इलाके को सेफ जोन में तब्दील कर दिया। दोनों ओर से वाहनों के प्रवेश को रोक दिया गया। बरेली पहुंचते ही मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करके शहर की स्थितियों का जायजा लिया। इसके बाद सीएम कोविड-19 को लेकर मंडलीय बैठक करेंगे, जिसमें बरेली में बढ़ रहे संक्रमितों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश देंगे।               


250 मुस्लिमों ने 'सनातन' धर्म अपनाया

राणा ओबरॉय


जयपुर / चंडीगढ़। अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के दिन से देश के कई राज्यों में मुस्लिम परिवारों ने अपने मूल धर्म की ओर लौटना शुरू कर दिया है। मुस्लिम परिवारों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने मुगलकाल में भय और डर से मुस्लिम धर्म अपनाया था। वास्तव में वे हिन्दू थे। इसलिए वे अब अपने मूल हिन्दू सनातन धर्म में वापसी कर रहे है। राजस्थान और हरियाणा में सैकड़ों मुस्लिम परिवारों ने हिन्दू समुदाय में लौट कर ख़ुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वे बगैर किसी दबाव और लालच के हिन्दू धर्म अपना रहे है। राजस्थान के बाड़मेर जिले की पायला कला पंचायत समिति के मोतीसरा गांव में निवासरत 50 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपना लिया है। इन लोगों का कहना है कि उन पर किसी भी तरीके का कोई दबाव नहीं था।


उनके मुताबिक पिछले कई सालों से वे अपने मूल धर्म में वापसी के लिए प्रयासरत थे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुभ तिथि के बाद उन्होंने मुस्लिम धर्म को त्यागने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि वे हिंदू धर्म अपना रहे हैं और हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से ही अपनी जिंदगी को जी रहे हैं। 50 परिवारों ने अपने पूरे सदस्यों के साथ हिंदू धर्म में वापसी की। इस दौरान उनके घर पर हवन यज्ञ करके जनेऊ पहन कर इन परिवार के ढाई सौ लोगों को फिर से हिंदू धर्म की दीक्षा दी गई। इस दौरान पुरोहित ने अनुष्ठान कराया। इस मौके पर बाड़मेर जिले सहित आसपास के अन्य दर्जनों हिंदू संतों को खासतौर से बुलाया गया था। उनके सानिध्य में ही इन लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी हुई है।


इस मामले में हिंदू धर्म अपनाने वाले बुजुर्ग सुभनराम ने बताया कि मुगल काल में मुस्लिमों ने हमारे पूर्वजों को डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया था। उनका परिवार हिंदू धर्म से ताल्लुक रखता था। उन्होंने आगे बताया कि इतिहास की जानकारी होने के बाद हमने इस तथ्य पर गौर किया। बुजुर्गों से राय ली कि मुस्लिम बने रहे या वापस हिंदू धर्म में लौटे। उन्होंने बताया कि हमारे रीति रिवाज पूरे हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं। इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई। उनके मुताबिक घर पर हवन यज्ञ कराकर जनेऊ पहनकर खानदान के सभी 250 सदस्यों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी कर ली। गांव के हरजीराम के मुताबिक, कंचन ढाढ़ी जाति से ताल्लुक रखने वाला मुस्लिम परिवार पिछले कई सालों से अपने मूल धर्म में वापसी की राह तक रहा था। बुधवार को राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के शिलान्यास के समारोह पर सभी ने हवन पूजा पाठ का प्रोग्राम रखा एवं हिंदू संस्कृति का पालन करते हुए अपनी स्वेच्छा से मूल धर्म में घर वापसी की है। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर कोई दबाव वगैरह नहीं है। वहीं, गांव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी ने बताया कि ढाढ़ी जाति के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। उनके मुताबिक संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है। इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं, बल्कि पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है।


इधर राजस्थान से सटे हरियाणा के दर्जनों गांव में भी मुगलकाल में मुस्लिम धर्म अपना चुके कई परिवारों ने हिन्दू धर्म की दीक्षा ली है। इन इलाकों में पिछले 3 दिनों से मूल धर्म वापसी कार्यक्रम चल रहा है। मुस्लिम समुदाय के ये लोग बगैर किसी लोभ लालच के हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे है।


साइकिल चालकों में 3 गुना इजाफा हुआ

नई दिल्ली। भारतीय प्राद्योगिकी संस्थान-दिल्ली और रुड़की के पूर्व छात्रों द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि लॉकडाउन के कारण दिल्ली में साइकिल उपयोग में लाने वालों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई लेकिन इंफ्रास्टक्च र की कमी के कारण काम और फिटनेस के लिए साइकिल उपयोग में लाने वालों के लिए कई तरह की दुश्वारियां बनी हुई हैं। सर्वे 'लाइवलीहुड साइकिलिस्ट इन दिल्ली' नाम के इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि दिल्ली में 11 लाख साइकिल सवार हैं लेकिन यहां मात्र 100 किमी साइकिल ट्रैक है। ऐसे में अलग-अलग उद्देश्यों के लिए साइकिल का उपयोग करने वालों को रोजाना अनचाहे खतरों का भय सताता रहता है।


इस सर्वे में लगभग 1400 लोगों के शामिल किया गया, जिनमें से 97 प्रतिशत ने रोजाना के आवागमन के माध्यम के रूप में साइकिल का उपयोग करने की इच्छा जतायी लेकिन साथ ही वे कई चीजों को लेकर डरे हुए भी दिखे। इसमें सबसे प्रमुख उनकी सुरक्षा है। इस 'परसेप्शन स्टडी' में यह खुलासा हुआ कि सुरक्षित और सुविधाजनक साइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्च र का अभाव, डेडिकेटेड साइक्लिंग लाइंस का न होना, दूषित वायु और अनियंत्रित ट्रैफिक के चलते दिल्ली के अधिक लोग साइकिल की सवारी नहीं कर पा रहे हैं। इसी कारण कई सामाजिक दिल्ली सरकार के सामने इन मुद्दों को रखने के लिए आगे आई हैं। इन संस्थाओं की मांग है कि दिल्ली सरकार जनता के लिए सुरक्षित साइक्लिंग ढांचा और स्थायी रूप से डेडिकेटेड साइकिल लेन्स स्थानपित करे।


इसके लिए हैशटैगदिल्लीधड़कनेदो कैंपेन शुरू किया गया है। यह दिल्ली में स्वच्छ वायु समाधानों और बेहतर एवं टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन साधन विशेषकर साइक्लिंग को लेकर काम कर रहे नागरिक समाज संगठनों का सामूहिक प्रयास है। यह मुहिम दिल्ली को भारत का पहला साइक्लिंग-फ्रेंड्ली शहर बनाने में सहायता करने के लिए चलाया गया है। इसके तहत दिल्ली सरकार के पास एक याचिका दिया जाना है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट पॉलिसी लाई जाये, जिसमें दो पहलुओं को प्राथमिकता मिले। पहला- साइकिल के लिए लेन बनाने को प्राथमिकता दिया जाना और दूसरा-परिवहन के कोविड-प्रूफ साधन के रूप में हर किसी को साइकिल के उपयोग की अनुमति देना।


दिल्ली में लम्बे समय से पर्यावरण, शिक्षा, सामाजिक उत्थान और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए काम कर रही अग्रणी गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) 'स्वच्छा' के कार्यकारी निदेशक और प्रमुख विमलेंदु झा ने कहा, ''दिल्ली में साइकिलों के माध्यम से आजीविका चलाने वाले 91 प्रतिशत लोग हर रोज साइकिल चलाकर अलग-अलग जगहों पर जाते हैं, लेकिन क्या हमारी सड़कें सुरक्षित तरीके से पैदल और साइकिल से चलने के लिए डिजाइन की गयी हैं? इसका उत्तर है, नहीं। दिल्ली के लगभग 11 लाख साइकिल चालकों के लिए मात्र 100 किमी साइकिल ट्रैक है। यही नहीं, दिल्ली कई वर्षों से वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है। दिल्ली के वायु प्रदूषण की समस्या को परंपरागत साधनों जैसे कि साइकिल इंफ्रास्ट्रक्च र से हल नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसके लिए शहर के कोने-कोने तक कनेक्टिविटी भी बेहद जरूरी है। इसलिए, पैदल चलने वालों की सुरक्षा और दिल्लीं में पैदल व साइकिल से चलने के उनके अधिकार की रक्षा हेतु मजबूत नीतियों की सख्त आवश्यमकता है।''


दिल्ली सरकार के आंकड़े बताते हैं कि शहर में लगभग 11 लाख नियमित साइकिल उपयोगकर्ता हैं। यह आंकड़ा कोविड-19 महामारी से पहले से है और रुझानों से संकेत मिलता है कि संख्या केवल बढ़ेगी। आईआईटी- दिल्ली और रुड़की के पूर्व छात्रों द्वारा किए गए अध्ययन से यह साफ है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में साइकिल चलानों की संख्या चार फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो गई है। दिल्ली में राहगिरी डे की सह-संस्थापक सारिका पांडा मानती हैं कि दिल्ली में अभी भी गतिशीलता के संकट से निपटना जरूरी है और शहर को पैदल चलने और साइकिल चलाने की योजनाओं के कार्यान्वयन की आवश्यकता है।           


बेटी की हत्या कर, अंतिम संस्कार किया

गोपीचंद सैनी


मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक पिता ने अपनी 17 वर्षीय बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी औऱ शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। वहीं, मामला पुलिस के संज्ञाने में आने पर मामले की जांच पड़ताल के बाद पिता योगेश गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पुलिस ने श्मशान घाट से अस्थियों को कब्जे में लिया है, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।


मामला मेरठ जिले के दौराला थाना क्षेत्र के मछली गांव की है। मिली जानकारी के मुताबिक, ज्योति का गांव के ही दीपक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जुलाई में ज्योति और दीपक अपने घर से भाग गए थे। ज्योति के परिजनों ने दीपक के खिलाफ उसे भगा कर ले जाने का केस दर्ज कराया था। दो दिन बाद ज्योति को दिल्ली स्टेशन पर जीआरपी ने बरामद कर परिजनों को सूचना दी थी। दौराला पुलिस ज्योति को ले आई,


जहां पुलिस और कोर्ट के सामने ज्योति ने दीपक पर भगा ले जाने के आरोप झूठे बताते हुए अपनी मर्जी से जाने के बयान दिए थे। जिसके बाद वह केस खत्म हो चुका था और दीपक को बेगुनाह माना था। वहीं, कोर्ट ने ज्योति को उसके परिजनों को सौंपा दिया था। बताया जाता है कि परिजन ज्योति को लगातार समझा रहे थे, मगर वह प्रेमी संग ही रहने की जिद कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, बुधवार रात पिता योगेश ने ज्योति का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और गांव के पास ही श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया।


गुरुवार दोपहर बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस गांव में पहुंची और ज्योति के परिजनों से पूछताछ की। ज्योति के पिता योगेश पहले तो ना-नुकर करता रहा, मगर पुलिस ने सख्ती से पूछा तो वह टूट गया और पूरा प्रकरण बताते हुए हत्या करने की बात स्वीकार की। पुलिस ने आरोपित पिता योगेश को गिरफ्तार कर श्मशान घाट से अवशेष बरामद किए हैं। थानाध्यक्ष करतार सिंह का कहना है कि ऑनर किलिंग में आरोपित पिता योगेश को गिरफ्तार कर लिया है। अभी और पूछताछ की जा रही है।                


रामदेव पर 10 लाख का जुर्माना लगाया

चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा राम देव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य मंदिर योग ट्रस्ट के खिलाफ 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह जुर्माना पतंजलि के उस दावे के लिए लगाया गया है, जिसमें कहा गया था कि उनका आयुर्वेदिक सूत्रीकरण कोरोनिल कोरोना वायरस को ठीक कर सकता है। बता दें इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के उपचार को लेकर पेश की गई कोरोनिल दवा के ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी।


जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की याचिका पर 30 जुलाई तक के लिए यह अंतरिम आदेश जारी किया था। अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने दावा किया था कि सन 1993 से उसके पास 'कोरोनिल' ट्रेडमार्क है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, साल 1993 में ‘कोरोनिल-213 एसपीएल' और ‘कोरोनिल-92 बी' का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। वह तब से उसका रिन्युअल करा रही है।




             



'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...