शनिवार, 11 जुलाई 2020

अनचाही चर्बी घटाएं, योग आजमाएं

मनोज सिंह ठाकुर


शरीर में खोई हुई एनर्जी को वापस पाने और पेट व जांघों के फैट को कम करने के लिए उष्ट्रासन या कैमल पोज को करने की विधि और उसके फायदे बता रहे हैं। अगर आप हमेशा सुस्त महसूस करते हैं और आपको लगता है जैसे कि शरीर में एनर्जी ही नहीं है तो इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने की जरूरत है। थकान बहुत-सी शारीरिक परिस्थियों जैसे तनाव, खराब खान-पान, आलस और ठीक से नींद न आने की वजह से होती है।


तो इसमें योग आसन उष्ट्रासन या कैमल पोज आदि के जरिए हम एनर्जी को बढ़ा सकते हैं, स्पाइन में लचीलापन बेहतर कर सकते हैं, स्ट्रेस को कम कर सकते हैं, पाचन क्रिया को बेहतर कर सकते हैं और पेट व जांघों को टोन कर सकते हैं। उष्ट्रासन पूरी फ्रंट बॉडी को खोलता है जो कि पूरे शरीर के लिए बहुत ज्यादा ताकतवर साबित होता है। अगर आप थकान महसूस करते हैं तो इस योग आसन का रोजाना अभ्यास करके एनर्जी को वापस पा सकते हैं और पूरे जीवन को अच्छे से जी सकते हैं।
उष्ट्रासन कैसे करें:



  • अपने योग मैट पर अपने घुटने टेक कर बैठें।

  • हाथों को अपने कूल्हों पर रखें।

  • यह ध्यान रहे कि आपके घुटने आपके कंधों की कतार में होने चाहिए।

  • पीछे की ओर झुक जाएं और अपने हाथों को पीछे ले जाकर अपनी एड़ी को पकड़ लीजिए।

  • इसी के साथ, अपनी गर्दन को झुकाएं और अपनी कमर के हिस्से को धक्का देने के लिए अपनी गर्दन और सिर को पीछे ले जाएं।

  • कुछ सांस लेने तक इसी आसन में बने रहिए।

  • सांस छोडि़ए, धीरे-धीरे अपने हाथों को एडिय़ों से अलग कीजिए और उन्हें कूल्हों की ओर वापस ले जाएं और वापस शुरुआती मुद्रा में आ जाएं।

  • कुछ देर रुकिए और फिर से उसी प्रक्रिया को दोहराइए। जब तक आपको आराम मिलता है तो आप इसे कई बार कर सकते हैं।
    उष्ट्रासन करने के फायदे:

  • यह शरीर को पूरा खोलता है और स्ट्रेच करता है।

  • यह पेट को टोन करता है और फैट कम करने में मदद करता है।

  • यह पाचन में सुधार करता है और कब्ज खत्म करता है।

  • यह थायराइड हेल्थ में सुधार करता है और अंत:स्रावी ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।

  • इससे कमर और कंधा मजबूत होता है और कमर के निचले हिस्से में दर्द खत्म होता है।

  • इससे आर्म्स मजबूत होती हैं और जांघों से फैट खत्म होता है।

  • इससे स्पाइन को आराम मिलता है, जिससे स्ट्रेस और घबराहट खत्म होती है।

  • इससे स्पाइन में लचीलापन आता है और मुद्रा ठीक होती है।

  • इससे कशेरुक ढीला होता है।

  • यह पूरे स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन योग आसान है।

  • अपने शरीर में एनर्जी को बेहतर करने के लिए, फिटनेस और पूरे स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए इस योग को अपनी जीवन शैली में शामिल कर सकते हैं।
    सावधानी: अगर आपको हाई या लो ब्लड प्रेशर, गर्दन या कमर की चोट आदि परेशानी हैं तो इसे करने से बचिए। इस योग आसन को किसी प्रशिक्षित योग गुरु की देखरेख में करना बेहतर है।             


सोनिया ने अध्यक्षों की वर्चुअल बैठक की

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के लिए शनिवार को पार्टी के लोकसभा सदस्यों की बैठक बुलाई है। कांग्रेस Congress)  सूत्रों न बताया कि चीन सीमा के ताजा हालात और कोरोना के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था बैठक के मुद्दे हो सकते हैं। इन मुद्दों को लेकर सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है।


यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग की जांच के लिए अंतर-मंत्रालयी जांच समिति गठित की है। पार्टी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और आरोपों का खंडन किया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा, “क्या मोदी सरकार इसकी जांच कराएगी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को विदेशी स्रोतों सहित किन-किन स्रोतों, लोगों, संगठनों और सरकारों से चंदा मिले हैं?”              


डिजिटल संभल को एससी ने मान्यता दी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Covid-19) संक्रमण के बीच अब कोर्ट के नोटिस और समन वॉट्सऐप, ई-मेल, फैक्स और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के जरिए भेजे जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने शुक्रवार को इसकी मंजूरी दे दी है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमारे ध्यान में लाया गया कि नोटिस, समन आदि के लिए पोस्ट ऑफिस जाना संभव नहीं है। इन्हें वॉट्सऐप, ई-मेल, फैक्स और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के जरिए भी भेजा जा सकता है।


जस्टिस एएस बोपन्ना और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि दो ब्लू टिक का मतलब ये मान लिया जाएगा कि रिसीवर ने नोटिस देख लिया है। ये आदेश कोविड-19 की वजह से हाईकोर्ट और ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दायर करने की समय-सीमा बढ़ाए जाने के मामले की सुनवाई के दौरान आया। मई में सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को कोर्ट के समय के बाद भी ई-फाइलिंग की अनुमति दी थी। नई तकनीकि की जरूरत को बताते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने तब कहा था कि हमें वर्तमान स्थित को समझते हुए अपने मानसिकता को बदलना होगा। हमें नई और पुरानी व्यवस्थाओं में सामंजस्य बनाना होगा।


चीफ जस्टिस ने ये भी कहा था कि आने वाले समय में महत्वपूर्ण मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का रोल काफी अहम हो सकता है। अगर एआई का उपयोग किया जाता, तो अयोध्या मामले का फैसला बिना देरी के किया जा सकता था। सुप्रीम कोर्ट के जज लॉकडाउन के दौरान अपने घरों से ही वाडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रहे थे। मई से कोर्ट रूम में दोबारा सुनवाई शुरू हुई।               


प्रारंभ हुआ शिव का मधुश्रावणी व्रत

रायपुर। मिथिला संस्कृति का पर्व मधुश्रावणी व्रत शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है। मैथिल संस्कृति के अनुसार शादी के पहले साल के सावन माह में नवविवाहिताएं मधुश्रावणी का व्रत करती हैं। मैथिल समाज की नवविवाहितों के घर यह पर्व विधि-विधान से होता है। पर्व के दौरान महिलाएं सुबह गंगा में स्नान करने के बाद पूजन आरंभ करती है। इस पर्व में मिट्टी की मूर्तियां, विषहरा, शिव-पार्वती बनाया जाता है। नवविवाहिताएं बिना नमक के 14 दिन भोजन ग्रहण करती है। यह पूजा लगातार 14 दिनों तक चलते हुए श्रावण मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को विशेष पूजा-अर्चना के साथ व्रत की समाप्ति होती है। इन दिनों नवविवाहिता व्रत रखकर गणेश, चनाई, मिट्टी और गोबर से बने विषहारा एवं गौरी-शंकर का विशेष पूजा कर महिला पुरोहिताईन से कथा सुनती है। इस व्रत में माैना, पंचमी, गौरी, पृथ्वी, महादेव, गंगा कथा, बिहुला कथा सहित 14 कथा का श्रवण किया जाता है। प्रतिदिन संध्या काल में महिलाएं आरती सुहाग के गीत, कोहबर गीत, गाकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न की जाती है।


माता पार्वती ने किया था मधुश्रावणी का व्रत :


ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती सबसे प्रथम मधुश्रावणी का व्रत किया था। इसलिए पार्वती व शिव की कथा सुनी जाती है। वहीं ससुराल से आए पूजन सामग्री दूध, लावा व अन्य सामग्री के साथ नाग देवता व विषहरी की भी पूजा की जाती है। शादी के प्रथम वर्ष इस त्याेहार का अपने-आप में विशेष महत्व है, जिसकी अनुभूति नवविवाहिता कर सकती हैं।            


भारत में 2,83,407 सक्रिय संक्रमित

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। भारत भी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस महामारी का संकट भारत में हर दिन बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 27,114 नए मामले सामने आए हैं और 519 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 8,20,916 हो गई है, जिनमें से 2,83,407 सक्रिय मामले हैं, 5,15,386 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 22,123 लोगों की मौत हो चुकी है।               


घुसपैठ करते आतंकियों को मार गिराया















 









कश्मीर। भारतीय सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों और घुसपैठियों के खिलाफ अभियान तेज कर रखा है। इसी कड़ी में सेना ने पाक घुसपैठियों की भारत के सीमा में दाखिल होने की एक और कोशिश को आज नाकाम कर दिया। साथ ही दो पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया गया है। सेना ने कश्मीर के नौगाम सेक्टर में शनिवार सुबह एलओसी पर संदिग्ध मूवमेंट देखी। जिसके बाद सेना तेजी से हरकत में आई और बारामुला के नौगाम सेक्टर के एलओसी पर आतंकियों के लिए घात लगाकर बैठ गई। पाकिस्तानी आतंकी जैसे ही भारतीय सीमा में दाखिल हुए तो सेना की कार्रवाई में दोनों आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों के पास से दो एके-47 और लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले गोला बारूद बरामद हुए हैं। सेना के सतर्कता की वजह से पाकिस्तानी आतंकियों के नापाक मंसूबे कामयाब नही हो पाए।


इससे पहले, एक जुलाई को जम्मू कश्मीर के राजौरी के केरी इलाके में सुरक्षाबलों को घुसपैठ की खबर मिली थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकी को मार गिराया गया। यह आतंकी सुबह तकरीबन 5.55 पर घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। जानकारी है कि आतंकी 400 मीटर एलओसी के भारतीय इलाके में आ गया था, तभी सेना ने उसपर फायर किया था।
















सैनिटाइजर का अधिक उपयोग खतरनाक

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के इस दौर में फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर हमारी नॉर्मल जिंदगी के हिस्से बन गए हैं। डॉक्टर्स लोगों को सलाह देते हैं कि जितना हो सके आप साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं। अगर आपके पास हाथ धोने की कोई सुविधा नहीं हो, उसी हालात में आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सैनिटाइजर का उपयोग पिछले छह महीनों से हमारी जिंदगी में बढ़ गया है, इसलिए हमें इस बात से सावधान रहने की आवश्यकता है कि हम क्या उपयोग कर रहे हैं, ताकि यह हमारे लिए हानिकारक न हो। हम आपको बताते हैं कि कैसे हैंड सैनिटाइजर आपके स्वास्थ्य को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है। सैनिटाइजर में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल का होना जरूरी है, लेकिन कुछ सैनिटाइज़र ऐसे हैं, जिनमें अल्कोहल नहीं, बल्कि ट्रिक्लोसन होता है। ट्रिक्लोसन एक शक्तिशाली जीवाणुरोधी पदार्थ है, जिसका उपयोग कीटनाशकों में किया जाता है। इसे आपकी स्किन आसानी से ऑब्जर्व कर लेती है। ये आपके थायरॉयड फंगशन, लीवर और मसल्स को प्रभावित कर सकता है।


खाने से पहले हाथों पर सैनिटाइजर काइस्तेमाल नहीं करें हममें से कई लोग ऐसे भी हैं, जो कुछ भी खाने से पहले सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं। आपको पता हैं हैंड सैनिटाइज़र में बहुत सारे रसायन होते हैं जिनका सेवन करने से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। खासकर छोटे बच्चों के इम्यून पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


खुशबू वाला हैंड सैनिटाइजर न खरीदें


 जिन सैनिटाइजर में सेंट का इस्तेमाल किया जाता है, वो उतने ही अधिक विषाक्त पदार्थों और रसायनों से भरे होते हैं। सिंथेटिक सुगंध में हानिकारक तत्व होते हैं, जो अंतःस्रावी अवरोधक होते हैं और आनुवंशिक विकास को बदल सकते हैं।


आग लगा सकता है सैनिटाइजर


हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से कई जलने की घटनाएं सामने आई हैं। हैंड सैनिटाइज़र में मौजूद अल्कोहल इसे अधिक ज्वलनशील बनाता है। यदि आप अपने हाथों पर सैनिटाइज़र लगाते हैं और आग के पास जाते हैं, तो यह जलने का कारण हो सकता है।


अपने मास्क को हैंड सैनिटाइजर से साफ न करें


हममें से कई लोग यही सोचते हैं कि मास्क को सैनिटाइजर से साफ करने से कीटाणुरहित हो जाएगा तो वो गलत सोचते है। ऐसा करने से मास्क में सैनिटाइज़र का वाष्प फंस सकता है और जब आप मास्क पहनते हैं तो ये मितली और उल्टी का कारण बन सकते हैं।             


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...