गुरुवार, 2 जुलाई 2020

पाकिस्तान में 50 करोड़ का कृष्ण मंदिर

 















पकिस्तान में 50 करोड़ की लागत से बनेगा कृष्णा मंदिर, इमरान ख़ान ने प्रथम चरण में किया 10 करोड़ देने का एलान।


नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रह रहें लगभग 80 लाख हिंदू अल्पसंख्यकों में तब खुशी की लहर दौड़ गई जब पाक सरकार ने 20 हज़ार स्क्वायर फ़ीट ज़मीन और 10 करोड़ रूपये मंदिर बनााने के लिए दिये जाने का एलान किया। हिंदूओं की ये मांग कई वर्षों से जारी थी। 
पाक समामार सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहली बार किसी हिंदू मंदिर निर्माण हेतु पाक सरकार ने 20 हज़ार स्क्वायर फ़ीट ज़मीन और 10 करोड़ रूपये दिये जाने का एलान किया है। राजधानी इस्लामाबाद में हिंदूओं की संख्या लगभग 3000 बताई जाती है। कुछ दिनों पहले ही इस्लामाबाद कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने मंदिर के लिए ज़मीन दी है। मंदिर निर्माण और निगरानी के लिए के लिए संसदीय सचिव लाल चंद माल्ही को नियुक्त किया गया था। पाकिस्तान सरकार ने यह ज़मीन इस्लामाबाद की हिंदू पंचायत को सौंपते हुए मंदिर निर्माण के प्रथम चरण में 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की है। मंदिर निर्माण के मामले में लाल चंद माल्ही का कहना है कि सरकार के एलान के बाद हिंदू समुदाय के दिए चंदे से कृष्ण मंदिर की चारदीवारी बनाई जाने लगी थी क्योंकि सरकार द्वारा ऐलान की गई राशि अभी मिलनी बाकी है। यह जानकारी 23 जून को दोपहर में माल्ही ने ट्वीट के जरीए साझा की। 


समाचार सूत्रों के अनुसार माल्ही ने यह भी कहा कि हिंदू पंचायत इस ज़मीन पर विशाल परिसर बनाना चाहती है जिसमें मंदिर, श्मशान, लंगरखाना, सामुदायिक भवन और रहने के लिए धर्मशाला होगी। शुरुआती अनुमान के अनुसार मंदिर निर्माण में कम से कम 50 करोड़ रुपये का ख़र्च होने की संभावना है। इसके पीछे हमारा मक़सद अंतरधार्मिक सद्भाव बढ़ाना और क़ायदे आज़म मुहम्मद अली जिन्ना के सपनों का समावेशी पाकिस्तान बनाना है।
हांलाकि पाकिस्तान में मज़हबी शिक्षा देने वाली संस्था जामिया अशर्फ़िया मदरसा के एक मुफ़्ती ने इसके ख़िलाफ़ फ़तवा जारी किया है और मंदिर का निर्माण रोकने के लिए मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। मंदिर निर्माण के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी करने वाली संस्था लाहौर की देवबंदी इस्लामिक संस्था है। सूत्रों के अनुसार इस फ़तवे में मुहम्मद ज़कारिया ने कहा है कि इस्लाम में अल्पसंख्यकों के धर्मस्थलों की देखभाल करना और उन्हें चलाना तो ठीक है लेकिन नए मंदिरों और नए धर्मस्थलों के निर्माण की इजाज़त इस्लाम में नहीं है। राजधानी इस्लामाबाद में नए मंदिर का निर्माण न सिर्फ़ इस्लामी भावना के ख़िलाफ़ है बल्कि पैगंबर मोहम्मद के बनाए मदीना शहर का भी अपमान है।


ज़कारिया ने अपने फ़तवे में कहा है कि उन्होंने लोगों के सवालों के बाद ये फ़तवा जारी किया है। कहा कि हम कुरान और सुन्ना के ज़रिए लोगों का मार्गदर्शन करने की कोशिश करते हैं। हम अपने मन से कुछ भी नहीं बोलते। मेरी समझ है कि एक इस्लामी देश में नए मंदिर या अन्य धर्मस्थल बनाना ग़ैर-इस्लामी है। हम सरकार को सिर्फ़ धर्म के आधार पर उसे समझाने की कोशिश कर सकते हैं और हमने अपना काम कर दिया है।
वहीं दुसरी ओर इस्लामाबाद के एक वकील ने कृष्ण मंदिर निर्माण रुकवाने के लिए हाईकोर्ट में आपत्ति दर्ज की है। 
हालांकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर मंदिर निर्माण पर स्टे देने से मना कर दिया है। अदालत ने कहा है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को भी धार्मिक आज़ादी का उतना ही अधिकार है जितना कि बहुसंख्यकों को। वहीं अदालत ने कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष और अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को नोटिस भी भेजा है और कहा है कि याचिकाकर्ता वकील के सवालों का जवाब देकर यह स्पष्ट किया जाए कि मंदिर बनाने में नियमों का उल्लंघन नहीं हो रहा है। वहीं दुसरी ओर पाक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए 26 फरवरी 2020 को अपने ट्वीट में कहा था कि मैं लोगों को चेताना चाहता हूं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों या उनके धर्मस्थलों को निशाना बनाने वालों से सख़्ती से निबटा जाएगा। हमारे अल्पसंख्यक इस देश में बराबरी के नागरिक हैं।



 

 



 



 















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50 हजार से कम कीमत की बाइक्स

 















कविता गर्ग


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के इस संकट भरे समय में सुरक्षा के लिहाज से लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहनों से ही चलना ज्यादा बढ़िया समझ रहे हैं। इसे देखते हुए टू-व्हीलर कंपनियों ने भी कम कीमत की बाइक्स बाजार में उतारी हैं, ताकि कम बजट वाले लोग भी बाइक खरीद सकें। अब ज्यादातर टू-व्हीलर कंपनियों ने अपनी बाइक्स के सभी मॉडल् को BS6 कम्प्लायंट बना दिया है। इससे इनकी कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन अभी भी कुछ मॉडल्स ऐसे हैं, जो आम आदमी के बजट में आ सकते हैं। मार्केट में 50 हजार रुपए से कम की कीमत की कई बाइक एवेलेबल है। इनमें हीरो मोटोकॉर्प और बजाज के 4 मॉडल मौजूद हैं।


हीरो एचएफ डीलक्स BSVI
इस बााइक की एक्स शोरूम कीमत 46,800 रुपए से लेकर 58 हजार रुपए तक है। इसमें 97.2cc एयरकूल्ड सिंगल सिलिंडर इंजन है। यह 7.94hp पावर और 8.05Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इसमें 4 स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है।


बजाज CT 100
यह बाइक दो वेरियंट में एवेलेबल है। एक ES ALLOY और  दूसरा KS ALLOY।  केएस अलॉय वेरियंट की कीमत 42,790 रुपए है, वहीं ईएस अलॉय वेरियंट की कीमत 50,470 रुपए है। इन बाइक्स में 102cc,4 स्ट्रोक, सिंगल सिलिंडर इंजन है। यह 8.6hp पावर और 9.8Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसमें 4 स्पीड गियरबॉक्स है।


बजाज प्लाटिना
बजाज PLATINA 100 बाइक केएस अलॉय और ईएस अलॉय, दो वेरियंट में आती है। केएस अलॉय वेरियंट की कीमत 49261 रुपए है, वहीं ईएस अलॉय वेरियंट की कीमत 55546 रुपए है। प्लाटिना 100 में 102cc, 4 स्ट्रोक सिंगल सिलिंडर इंजन है। यह 7.9hp पावर और 8.34Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसमें 4 स्पीड गियरबॉक्स है। इस बाइक की अधिकतम स्पीड 90 kmph है।



 

 



 



 















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चीन के साथ भारत को तगड़ा झटका








































कविता गर्ग

नई दिल्ली। भारत ने चीन को तगड़ा जवाब देते हुए डिजिटल स्ट्राइक की है। चीन के 59 एप्प को भारत में बैन कर दिया है। हम आपको टॉप 5 एप बता रहे हैं जिनके जरिए लोगों को पहचान मिली है, जो लोगों के कमाई का जिरिया है। आइये जानते हैं कौन से हैं वो 5 ऐप
1- टिकटॉक 
टिकटॉक भारत में लाखों लोगों के कमाई का जरिया बन चुका है। भारत में 11 करोड़ 9 लाख लोग टिकटॉक का इस्तेमाल करते हैं। बहुत से लोगों को टिक टॉक से पहचान मिली है।
2- लाइकी 
भारत में लाइकी के कुल 11.5 करोड़ यूजर हैं। ये ऐप टॉप-7 ऐप्स में से है, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं।
3- यूसी ब्राउजर 
चीन को छोड़ दें तो दुनिया में यूसी ब्राउज के करीब 1.1 अरब यूजर हैं। जिसमें से भारत में करीब 50 करोड़ यूजर्स यूसी ब्राउजर को इस्तेमाल करते हैं।
4- MI ऐप 
श्याओमी भारत में नंबर-1 पर है। श्याओमी ने एक चौथाई से भी अधिक बाजार पर कब्जा किया हुआ है। शाओमी यूजर्स अब मी कम्युनिटी और मी विडियो कॉल-शाओमी जैसे ऐप्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
5- हेलो 
भारत में हेलो ऐप के करीब 5 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स हैं। चीन का ये ऐप भारत के शेयरचैट ऐप को टक्कर देता है। इसके बैन होने से शेयरचैट को लोगों का अटेंशन मिलेगा।

 

 



 



 















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मोदी की बड़ी दाढ़ी के अलग मायनेंं






अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दाढ़ी की चर्चा देशभर में हो रही है | एक समय उनकी दाढ़ी बड़ी सलीके से बनी नज़र आती थी | लगता था दाढ़ी बनाने वाले ने बड़े संजीदा हो कर उसे सेट किया है | ट्रिमिंग ऐसी की पीएम की दाढ़ी देखते ही बनती थी | लोगों को उनका यह लुक जबरदस्त नज़र आता था | मार्च के आखरी हफ्ते में जब वे जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन की घोषणा करने के लिए टीवी पर नजर आए तो उनकी दाढ़ी करीने से कटी हुई थी | लेकिन इस घटना के बाद जब भी नज़र आये तो उनके चेहरे का अंदाज कुछ बदला हुआ नज़र आ रहा है | उनकी दाढ़ी काफी बढ़ी हुई है, ऐसा लग रहा है जैसे कि उन्होंने कई दिनों से अपनी दाढ़ी नहीं कटवाई है | लिहाजा राजनैतिक गलियारों से लेकर आम लोगों के बीच प्रधानमंत्री की लंबी दाढ़ी को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है |


कई लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन -1 के दौरान से ही अपनी दाढ़ी नहीं कटवाई है | कुछ लोगों का मानना है कि दाढ़ी नहीं कटवाने के पीछे यही लग रहा है कि वे आम जनता को कोई संदेश देना चाहते है | इसी लिए उन्होंने अपनी दाढ़ी नहीं कटवाने पर जोर दिया है | ऐसे लोगों की दलील है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने उन्ही की मंशानुरूप नाई की दुकानों, सैलून और पार्लर को लेकर कड़ाई बरती थी | इस दौरान देश के कई हिस्सों से यह खबर आई थी कि नाई की दुकान में हज़ामत बनाने गए कई लोग कोरोना संक्रमित पाए गए | लिहाजा पीएम मोदी ने इसकी संवेदनशीलता समझते हुए खुद भी दाढ़ी नहीं बनवाई | ताकि लोग स्वयं अंदाजा लगा सके कि जब पीएम मोदी खुद दाढ़ी के लंबे बालों से परहेज नहीं कर रहे है, तो वे किस खेत की मूली है | उधर कुछ लोगों की राय है कि राष्ट्र व्यापी लॉकडाउन का पालन आपके चेहरे पर भी दिखाई दे, इसके चलते उन्होंने दाढ़ी को जस का तस बढ़ने दिया | इन लोगों के मुताबिक पीएम की लंबी दाढ़ी से साफ़ संकेत है, इससे दाहिर होता है कि प्रधानमंत्री ने भी लंबे समय से अपने हेयर ड्रेसर से दूरियां बनाई हुई है | उनके मुताबिक हेयर ड्रेसर से दूरियां बनाने का कारण ये नहीं है कि पीएम नरेंद्र मोदी के आधिकारिक निवास 7, लोक कल्याण मार्ग में हेयर ड्रेसर या नाई की लॉकडाउन के दौरान छुट्टी कर दी गई थी | उसकी उपलब्धता के बावजूद पीएम ने दाढ़ी कटवाने में कोई रूचि नहीं दिखाई | कुछ लोगों का यह भी मानना है कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी व्यस्त नज़र आ रहे है | वे दिन रात बैठकों में शामिल हो रहे है | जिस महामारी के संक्रमण से देश गुजर रहा है, उसके मद्देनज़र वे अपना पूरा समय इसकी रोकथाम और अन्य दूसरी गतिविधियों को संचालित करने में बिता रहे है | इस दौरान प्रधानमंत्री के रूप में उनके लिए लगातार वर्चुअल मीटिंग करना और अधिकारियों से मिलना दाढ़ी बनवाने में समय बिताने से ज्यादा आवश्यक है | वे दाढ़ी बनवाने में लगने वाले समय का भी सदुपयोग कर रहे है | शायद इसी वजह से वो कई दिनों से अपने हेयर ड्रेसर से नहीं मिले हैं |


फ़िलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लंबी और सफेद दाढ़ी वाला चेहरा भी लोकप्रिय नज़र आने लगा है | लोगों ने इस चेहरे को जबरदस्त रिस्पॉन्स दिया है | नौजवानों से लेकर बड़े बूढ़े तक उसी तर्ज पर अपनी दाढ़ी बड़ा रहे है | उन्होंने ने भी नाई और सैलून, पार्लर वालों से दूरियां बना ली है | दिलचस्प बात यह है कि जो लोग अपनी सफ़ेद दाढ़ी की रंगाई पुताई कर उसे काला या अन्य रंगों में रंगने में रूचि दिखते थे उन्होंने जब उसे कलर करवाना बंद कर दिया है | ताकि मोदी की तर्ज पर सफ़ेद दाढ़ी रख वे उन्हें अपना समर्थन दे सके | मोदी दाढ़ी भी अब देश में फैशन बनते जा रहा है | अनलॉक के दौरान जब नाई की दुकाने, सैलून और पार्लर खुले तो कई ग्राहकों ने मोदी स्टाइल में दाढ़ी का शेप बनाने पर जोर दिया |



 

 



 



एमपी में 28 मंत्रियों को दिलाई शपथ








































भौपाल। सत्ता में आने के करीब 100 दिन बाद आज गुरुवार को शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार (Shivraj Cabinet Expansion) हो गया है। एमपी की प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (In-charge Governor Anandi Ben Patel) सिंधिया समर्थकों और भाजपा नेताओं को मंत्रीपद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। सबसे भाजपा के वरिष्ठ विधायक  गोपाल भार्गव ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली और फिर विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह एंदल सिंह कंसाना और बृजेंद्र प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर और अरविंद सिंह भदौरिया ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। वही भरत सिंह कुशवाह ,इंदर सिंह परमार ,रामखिलावन पटेल , रामकिशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव , गिरिराज डिंडौतिया, सुरेश धाकड़ और ओपी भदौरिया ने राज्यमंत्री की शपथ ली। इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह समाप्त हुआ। कुल 28मंत्रियों को शपथ दिलाई और पांच मंत्री पहले ही कैबिनेट में शामिल है, ऐसे मेंकुल मंत्रियों की संख्या अब 33 हो गई है । शपथ के बाद मंत्रियों में एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरु हो गया है।अब इन 28 मंत्रियों में विभागों का बंटवारा किया जाएगा।इसमें देखना दिलचस्प होगा की सिंधिया समर्थकों और भाजपा के मंत्रियों को कौन कौन सा विभाग मिलता है।खास बात ये है कि देशभर की निगाहें इस मंत्रिमंडल पर टिकी हुई थी और विभागों के बंटवारे को लेकर सबको इंतजार है।
कार्यक्रम से पहले शिवराज ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्रियों की लिस्ट सौंपी। बताया जा रहा है कि पुराने चेहरों में पारस जैन, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल और सुरेंद्र पटवा को लेकर सहमति नहीं बनी। लिहाजा इनके नामों पर देर रात तक असमंजस बरकरार रहा।देर रात तक चले मान मनौव्वल के दौर में प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे ने पार्टी के सीनियर विधायकों से वन टू वन चर्चा की और फोन पर बात कर मनाने और समझाने की कोशिश की।
बताया जा रहा है कि पार्टी सीनियर विधायकों को घर बैठाने में सफल साबित हुई है। मंत्रिमंडल में अब नए चेहरों और खासतौर से सिंधिया समर्थकों को मौका दिया जा रहा है।पुराने चेहरों में पारस जैन, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल और सुरेंद्र पटवा को लेकर सहमति नहीं बनी। लिहाजा इनके नामों पर देर रात तक असमंजस बरकरार रहा।
इन विधायकों के बंगलों पर पसरा सन्नाटा
इधर बीजेपी में पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन और रामपाल सिंह को अंतिम क्षणों तक मंत्री पद को लेकर उम्मीद कायम थी। किंतु अचानक से कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाने पर उनके अंदर हताशा और निराशा छा गई है। जहां एक तरफ नवनियुक्त मंत्रियों के घर पर भीड़ इकट्ठा दिखाई दे रही है। वही दूसरी तरफ पूर्व मंत्रियों के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। हालांकि उनका कहना है कि वह पार्टी के साथ हैं लेकिन यह स्पष्ट है कि चीज है जिस तरह दिखाई दे रही है, उस तरह नहीं है।

कैबिनेट मंत्री

– गोपाल भार्गव

– विजय शाह

– जगदीश देवड़ा

– बिसाहू लाल सिंह

– यशोधरा राजे सिंधिया

– भूपेंद्र सिंह

– एदल सिंह कंषाना

– बृजेंद्र प्रताप सिंह

– विश्वास सारंग

– इमरती देवी

– प्रभुराम चौधरी

– महेंद्र सिंह सिसौदिया(संजू भैया)

– प्रद्युमन सिंह तोमर

– प्रेम सिंह पटेल

– ओमप्रकाश सकलेचा

– उषा ठाकुर

– अरविंद भदौरिया

– डॉ. मोहन यादव

– हरदीप सिंह डंग

– राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव

राज्यमंत्री

– भरत सिंह कुशवाह

– इंदर सिंह परमार

– रामलेखावन पटेल

– राम किशोर कांवरे

– बृजेंद्र सिंह यादव

– गिर्राज दंडौतिया

 

 



 



 















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नेपाली पीएम ले सकते हैं बड़ा फैसला





















काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली आज देश को संबोधित कर सकते है। देश को संबोधित करने से पहले राष्ट्रपति से मिलेंगे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली। मुलाकात के दौरान कोई बड़ा फैसला हो सकता है। हाल ही में कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ सहित वरिष्ठ नेताओं ने ओली से इस्तीफा मांगा था। नेपाली प्रधानमंत्री ओली पर चीन के इशारे पर चलने और अपने देश में भारत विरोधी भावनाओं को हवा देने का भी आरोप लगा है। स्टैंडिंग कमिटी के एक सदस्य के मुताबिक, दहल, माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल और बामदेव गौतम ने मंगलवार को ओली सरकार को नाकाम करार दिया और पद छोड़ने की मांग की। इतना ही नहीं ओली से प्रधानमंत्री के साथ-साथ पार्टी अध्यक्ष का पद भी छोड़ने को कह दिया गया है। गौरतलब है कि केपी शर्मा ओली की सरकार विवादों में घिर रही है।कुशासन, भ्रष्टाचार और अब कोविड-19 को लेकर नाकामी को लेकर ओली जनता और विपक्ष के साथ ही पार्टी के दूसरे नेताओं के निशाने पर रहे हैं।ओली ने भारतीय इलाकों को शामिल करते हुए देश का नया नक्शा जारी किया। उन्होंने राष्ट्रवाद के सहारे अपने खिलाफ उठती आवाजों को दबाने का प्रयास किया, लेकिन माना जा रहा है कि वह अपनी कुर्सी नहीं बचा पाएंगे।



















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यूजीसी जारी कर सकता है गाइडलाइन

 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अंतिम वर्ष की परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर के बारे में जल्द ही जारी कर सकता हैं संशोधित दिशा-निर्देश। समाचार एजेंसी पीटीआई ने 24 जून को बताया था कि उच्च शिक्षा नियामक द्वारा एक सप्ताह के अंदर ही संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की जा सकती है।

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अंतिम वर्ष की परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर के बारे में जल्द ही संशोधित दिशानिर्देशों को जारी कर सकता है। दरअसल, समाचार एजेंसी पीटीआई ने 24 जून को बताया था कि उच्च शिक्षा नियामक द्वारा एक सप्ताह के अंदर ही संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की जा सकती है। रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा जो जुलाई में आयोजित की जानी थी, उन्हें COVID-19 मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए रद्द करने और नए सत्र को अक्टूबर तक टालने की संभावना है।

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से अप्रैल में जारी की गई यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम और अकेडमिक कैलेंडर पर अपने दिशानिर्देशों को संशोधित करने के लिए कहा था। मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा था, "मैंने UGC को इंटरमीडिएट और टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के लिए पहले जारी हो चुकी गाइडलाइन्स को फिर से जारी करने की सलाह दी है।

संशोधित गाइडलाइन्स की नींव छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई जाएंगी। वहीं, इस बीच महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने सभी विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। इन राज्यों में छात्रों को उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर पास किया जाएगा। अधिकारी ने ये भी जानकारी दी थी कि पिछले प्रदर्शन के आधार पर मिले अंकों से जो छात्र संतुष्ट नहीं होंगे, तो उन्हें बाद में स्थिति सामान्य होने के बाद परीक्षा में बैठकर अपने स्कोर को बेहतर करने का मौका दिया जाएगा। अधिकारी ने मिली जानकारी के मुताबिक, "इसी तरह नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत, जो पहले से रजिस्टर स्टूडेंट्स के लिए अगस्त में और फ्रेशर्स के लिए सितंबर के महीने में होने वाली थी, उसके अब अक्टूबर तक स्थगित होने की संभावना है। इस मामले पर विचार-विमर्श जारी है और अंतिम दिशा-निर्देश जल्द ही घोषित किए जाएंगे. हालांकि, दिशानिर्देश को कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के आधार पर जारी किया जाएगा। "बता दें कि देशभर में कोरोनावायरस महामारी के चलते सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान मार्च के महीने से ही बंद हैं। वहीं, हाल ही में गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हुई अनलॉक 2 की गाइडलाइन्स में सभी स्कूल, क़ॉलेज और संस्थान को 31 जुलाई तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

434 लोगों की मौत, 19,148 संक्रमित

 नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। भारत भी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस महामारी का संकट भारत में हर दिन बढ़ता जा रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के 19,148 नये मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,04,641 हो गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान इस संक्रमण से 434 लोगों की मौत हुई है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 17,834 हो गई है। इसी अवधि में 11,881 रोगी संक्रमणमुक्त हुए हैं, जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 3,59,860 मरीज रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 2,26,947 सक्रिय मामले हैं।


गूगल का सर्वर डाउन, हुई दिक्कत

नई दिल्ली। गूगल का सर्वर डाउन होने से भारत के करोड़ों यूजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यूजर्स ने इसके लिए बकायदा हैशटैग चलाकर अपनी दिक्कत साझा की।



भारत में Google की कई सर्विसेज के सर्वर डाउन होने से भारतीय यूजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। Google सर्वर डाउन होने के बाद यूजर्स ने #Gmaildown हैशटैग चलाकर अपनी दिक्कत पोस्ट की। गूगल यूजर्स का ये हैशटैग देखते ही देखते सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर टाप ट्रेंड करने लगा। यूजर्स के मुताबिक गूगल की कई सर्विसेज जैसे जीमेल, प्ले स्टोर और गूगल क्लाउड को एक्सेस करने में यूजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।



यूजर्स के मुताबिक जो भी लोग एयरटेल ब्राडबैंड इस्तेमाल कर रहे थे उनको गूगल सर्वर ने खूब रुलाया। जानकारी के मुताबिक भारत के साथ साथ कई अन्य देशों में भी गूगल सर्वर डाउन रहा। इसके चलते कई देशों के यूजर्स घंटो परेशान रहे। हालांकि, गूगल की तरफ से अभी तक सर्वर डाउन होने की वजह को लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है।


सैनिकों की मौत छिपाई, चीन में गुस्सा

खतरे में जिनपिंग सरकार? सैनिकों की मौत छिपाने से चीन में गुस्सा, सेना में बगावत मुमकिन



लद्दाख। गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ उलझना चीन की कम्युनिस्ट सरकार के लिए बहुत भारी पड़ रहा है। जिनपिंग सरकार ने गलवान में 40 से ज्यादा सैनिकों की मौत को छिपाया जिससे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्व दिग्गजों और मौजूदा जवानों के बीच इस कदर नाराजगी बढ़ती जा रही है कि वो कभी भी सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह कर सकते हैं। वाशिंगटन पोस्ट के ओपिनियन में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के एक पूर्व नेता के पुत्र और चीन के लिए सिटीजन पावर इनिशिएटिव के अध्यक्ष जियानली यांग ने इसका खुलासा किया। जियानली ने लिखा कि लंबे समय से पीएलए चीन की सत्ता का मुख्य हिस्सा रहा है। अगर देश की सेवा में कार्यरत पीएलए कैडर की भावनाएं आहत होती हैं तो ये रिटायर सैनिकों के साथ मिलकर देश की सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करेगा।


वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि बीजिंग को डर है कि अगर वह यह मान लेता है कि भारत से ज्यादा उसके अपने सैनिक मारे गए थे तो देश में अशांति फैल सकती है और सीसीपी की सत्ता भी दांव पर लग सकती है। यांग ने लिखा है, ‘सीसीपी की सरकार के लिए पीएलए ने अब तक एक मजबूत स्तंभ की तरह काम किया है। अगर पीएलए के मौजूदा सैनिकों की भावनाएं आहत होती हैं और वे लाखों दिग्गजों (इनमें पीएलए के वो सदस्य शामिल हैं जो शी से नाराज हैं..जिनमें पीएलए को व्यवसायिक गतिविधियों से अलग करने की शी की मुहिम के विरोधी हैं) के साथ आ जाते हैं तो शी के नेतृत्व को मजबूती के साथ चुनौती दे सकते हैं।’


उन्होंने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से जब पूछा गया कि इस झड़प में कितने सैनिक मारे गए तो उन्होंने साफ कह दिया कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी ही नहीं ही। अगले दिन जब उनसे भारतीय मीडिया की खबरों का हवाला दिया, जिसमें चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात थी तो उन्होंने इसे गलत सूचना करार दे दिया।


फारुख खान



सड़क जैसी सुविधा से वंचित लोग

हमीरपुर। वर्तमान समय में भी ऐसे क्षेत्र हैं जो अब भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। इनमें से एक ऐसी ही बस्ती है पुखरू। जो कि रक्कड़ तहसील की ग्राम पंचायत कुड़ना-सलेटी के अंतर्गत आती है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो उनकी बस्ती को आज तक सड़क सुविधा नसीब नहीं हो पाई है।
गौरतलब है कि सड़क मार्ग बनने से पुखरू बस्ती मुख्य सड़क सुविधा से जुड़ जायेगी और इससे सभी स्थानीय निवासी लाभान्वित होंगे। वहीं जानकारी के मुताबिक उक्त बस्ती के लिए जहां से सड़क का निर्माण किया जाना है, वहां वन विभाग की भूमि भी है। हालांकि ग्रामीणों की मानें तो ग्रामसभा में सड़क निर्माण सम्बंधी प्रस्ताव भी डाला गया और माननीय प्रदेश उद्योगमंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर को भी उक्त समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन उक्त सड़क का निर्माण कार्य कागजों में ही सिमट कर रह गया। हालात यह हैं कि स्थानीय निवासियों को आज भी पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब कोई बीमार होता है या फिर मकान इत्यादि बनाने का सामान लाना पड़ता है। बहरहाल, स्थानीय निवासियों में विनोद कुमार, मुकेश राणा, जुल्फी राम, सुखदेव सिंह, नरेश कुमार, रणजीत सिंह, बलदेव सिंह, कमलेश कुमारी, रसालो देवी, माया देवी, सुनीता व प्रियंका आदि ने प्रशासन व प्रदेश सरकार से उनके गांव को सड़क सुविधा उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई है।


क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि-
इस बारे कुड़ना-सलेटी पंचायत के प्रधान पूर्ण चन्द ने बताया कि उक्त बस्ती के लिए सड़क निर्माण सम्बंधी ग्रामसभा में प्रस्ताव डाला गया था, लेकिन अभी तक मार्ग को स्वीकृति नहीं मिल पाई है, वहीं उन्होंने कहा कि पुखरू बस्ती के लिए सड़क का निर्माण किया जाना आवश्यक है, क्योंकि सड़क सुविधा न होने से स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।


मनोज सिंह ठाकुर


अगस्त में देश को समर्पित होगी सुरंग

मंडी। हिमाचल प्रदेश के सीएम जय रामठाकुर आज अपने गृह जिला मंड़ी में पहुंचे हुए है। इस दौराना उन्होंने विपाशा सदन मंडी में जिले के अधिकारियों से बैठक कर विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके बाद उनके अन्य कार्यक्रम भी हैं। सीएम दोपहर बाद मनाली का दौरा करेंगे।मनाली में बीआरओ अधिकारियों के साथ महत्‍वपूर्ण बैठक भी करेंगे, इसमें रोहतांग सुरंग के कार्य को लेकर चर्चा की जाएगी। अगस्त में सुरंग देश को समर्पित करने की तैयारी है।


75 वर्षीय बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म

नाहन। संगड़ाह उपमंडल के नौहराधार इलाके में 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म (Rape) का मामला सामने आया है। मामला 30 जून की रात का है। इस मामले में पीड़िता की बहू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पीड़िता की बहू (Daughter-in-law) के अनुसार रात उसे करीब 12 बजे सास के चीखने की आवाज सुनाई दी। उसने अपने पति को जगाया और बाहर आए तो देखा कि सास के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था और आरोपी मौके से फरार हो चुका था। जब उन्होंने दरवाजा खोलकर अंदर जाकर देखा तो बुजुर्ग महिला डरी हुई थी और उसके कपड़े फटे हुए थे। वह कुछ बोल नहीं पा रही थे।.वारदात से सहमी पीड़िता ने सिर्फ इतना बताया कि मनीष ने उसके साथ गलत काम किया है। इसके बाद महिला का मेडिकल कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट जांच के लिए भेजी जा रही है। संगड़ाह पुलिस थाना प्रभारी जीतराम भारद्वाज ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है।


राकेश शर्मा


दलालों के सामने शासन-प्रशासन लाचार

 गाजीपुर। जनपद लखीमपुर-खीरी में तीन ठग अपनी दलाली की दुकान चलाने के लिए एक महिला पत्रकार का मनोबल तोड़ने के लिए अपनी नामर्दी का सुबूत दे रहे हैं। जिसमें एक व्यक्ति अपने नाम के आगे डाक्टर लिखता है। खोजी पत्रकार लिखता है जो डाक्टर के नाम का दुरूपयोग कर घर पर झोला छाप डाक्टरी कर एक दो मरीज भी देख लेता है। दोषी को फौरन सजा दी जाए गिरफ्तार कर जेल तत्काल भेजा जाय। सच में उस दरिन्दा को महिलाओं के व्यक्तिगत जिंदगी में घुसकर उनकी जान जोखिम में डालने के लिए समाज में उन्हें कहीं का ना, रखने के लिए पोस्टर वायरल कराता है। घटिया काम करने वाला अपने नाम के आगे वरिष्ठ पत्रकार लिखता है। नाम है अखलाक अहमद खां,जो न वरिष्ठ है न खोजी हैं न डॉक्टर हैं न ही पत्रकार हैं सूचना विभाग में कोई जानता तक नहीं इनको जो भड़काने में लगे हैं। इनके चेले सियाराम गौड़ जो राइटर लिखते हैं। जिन्हें दूसरो की बहन बेटी की व्यक्तिगत जिंदगी पर गंदी गंदी बातें लिखना अपमानित करना महिलाओं को झुकाना समाज में कहीं का ना रखना इतना गंदा लिखना कि कोई इनकी ओछी मानसिकता से पता लगा सकता है कि ये लोग बहन बेटीयो का सौदा करने वाले हैं इतना गंदा लिखने के बाद इन्हें शर्म नहीं आती है। अपने नाम के आगे राइटर लिखते हैं। उल्टा सीधा लिखना दाम पैदा करना और इनके बारे में अगर कोई सच लिखें तो बौखला जाते है। तीसरे महाश्य हैं। सुनील पांडे वह हर खबर को झूठी पोस्ट वायरल करना, फोन वार्ता पर पत्रकार को अनपढ़ निर्दोष लोगों को फंसाना, आप चाहे तो तीनों फर्जी पत्रकार से पत्रकारिता का सबूत मांगे, अगर नहीं हैं तो सोशल मीडिया पर न्यूज़ ग्रुपों में अपनी व्यक्तिगत भड़ास निकालने के लिए किसी महिला पत्रकार के चरित्र पर उंगली उठा कर ग्रुप में अभद्र चीजे वायरल करना ग्रुप में व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए इस तरह का कुकृत्य करना ग्रुप एडमिनओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए। फिर वही कहना पड़ता है अगर यह मर्द होते तो किसी मर्द पर इस तरह से लगातार अपमान करते तो, वह मिनट में इनको गिरा गिरा कर पीट पीटकर कुत्ता बना देता, क्योंकि नारी कमजोर होती है जिसका फायदा उठाकर यह तथाकथित पत्रकार के नाम पर दलाली करने वाले सिर्फ विरोधियों से मिलते हैं इनका बस चले तो यह अपनी बेटी का सौदा करते, दाम के खातिर जबकि इनके विरुद्ध आईटी एक्ट में मुकदमा 0705/2020 धारा 506,67 दिनांक 19.06.2020 दर्ज है। उसके बाद ग्रुप में खबर वायरल करना इनकी हिम्मत की दाद देनी होगी लोग कहते हैं इंसान से लड़ सकते हो नीच से नहीं। इन लोगों ने नीचता की सारी हदें पार कर ली है। जो एक नारी के व्यक्तिगत जीवन पर कटाक्ष कर उसके जीवन को अंधेरे में ढकेले उससे बड़ा कोई गंदा काम नहीं है। लगातार महिला से अभद्रता प्रकरण पर खबरें प्रकाशित हो रही हैं। सरेआम पत्रकार का  अपमान होता है। सूत्र बताते है पर सूबे की योगी सरकार व जिला प्रशासन महिला पत्रकार पर हो रहे जुर्म को देख और जानकर अनजान बना हुआ है। जिससे साफ जाहिर होता है कि इन तीनो दलालो के आगे सरकार क्यो बेबस नजर आ रही है। जिससे अखलाक अहमद खां, सियाराम गौड़, सुनील पांडे के हौसले बुलंद है। जब एक महिला पत्रकार इस जिले में भ्रष्टाचार की आवाज़ उठाएं तो उसके स्वर दबाने के लिए यह तीन दलाल लगा दिए जाते हैं। तो अन्य पीड़ितों का क्या होगा जो पत्रकारों के पास न्याय मांगने आते हैं।


3 महीने से नहीं मिला वेतन, हलकान

मार्च से जून तक का वेतन नहीं मिलने से निगम-कर्मचारी हलकान

नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हालात और बदतर हो गए हैं। कर्मचारियों का चार महीने का वेतन नहीं मिल पाने की वजह से कर्मियों में आंदोलन का मूड जोर पकड़ता जा रहा है। शिक्षकों और पेंशनर्स के मामले में कोर्ट से फटकार पड़ने के बाद भी निगम अधिकारियों ने कोई प्रयास शुरू नहीं किये हैं। अब हालात यह हैं कि डॉक्टर्स की सेलरी नहीं मिलने की वजह से नगर निगम के आला अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सी एवं डी श्रेणी के कर्मचारियों और डॉक्टर्स को मार्च तक का ही वेतन दिया गया है। इसके चलते निगम के डॉक्टर्स की तीन महीने की सेलरी बकाया है। जबकि बाकी ए व बी श्रेणी के अधिकारियों को पिछले 4 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। खास बात है कि सेलरी मिलने में हो रही देरी हर महीने और ज्यादा बढ़ती जा रही है। वेतन मिलने में हो रही लगातार देरी की वजह से निगमकर्मी आंदोलन के मूड में आ गए हैं। कर्मचारियों की अलग अलग एसोसिएशनें विरोध-प्रदर्शन की भूमिका बनाने में जुट गई हैं। बुधवार को निगम कर्मियों के कुछ संगठनों से जुड़े कर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर महापौर जय प्रकाश से मुलाकात की। हालांकि जय प्रकाश ने भरोसा दिलाया है कि जल्दी ही समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। कानूनी कार्रवाई की तैयारी में एमसीडीए
 सेलरी न मिलने से परेशान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टर्स की एसोसिएशन भी आक्रामक मुद्रा में आ गई है। म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमसीडीए) ने मामले के कानूनी पहलुओं पर विचार करना शुरू कर दिया है। मोदी सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है। इसमें डॉक्टर्स को लेकर कुछ विशेष दिशानिर्देश जारी किये गए हैं। इनमें सबसे बड़ी बात डॉक्टर्स को समय पर सेलरी देने की है। एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि जल्दी ही हम इस मामले में कानूनी कदम उठाएंगे।
केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों की अवहेलना पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही गई है। ऐसे में यदि सेलरी का मामला ज्यादा लंबा खिंचता है तो निगम का स्वास्थ्य विभाग संभालने वाले अतिरिक्त आयुक्त भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
कोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार
कोर्ट ने नगर निगम के टीचर्स और पेंशनर्स को लेकर पहले ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम को लताड़ लगाई है। निगम की ओर से कोर्ट में पेश वकील ने कहा था कि कोरोना की ड्यूटी पर लगे 5 हजार टीचर्स को सेलरी दे दी गई है। तब कोर्ट ने कहा था कि बाकी के टीचर्स ने क्या गुनाह किया है कि उन्हें सेलरी नहीं दी गई? बता दें के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करीब 9 हजार टीचर्स और करीब 24 हजार पेंशनर्स की सेलरी का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था।
फिलहाल अतिरिक्त आयुक्त का कार्यभार रश्मि सिंह के पास है।


सीएमओ को गुलदस्ता देकर किया सम्मान

डॉक्टर दिवस पर स्वच्छ भारत मिशन की जिला कोर्डिनेटर जसलीन कौर ने चिकित्साधिकारी डॉ बीएस सोढी को गुलदस्ता देकर किया सम्मान...

चिकित्सकों ने कोरोना पीड़ितो को दिया जीवनदान-जसलीन कौर...

सहारनपुर। नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर बुधवार को चिकित्साधिकारी डॉ बीएस सोढ़ी को स्वच्छ भारत मिशन की जिला कोर्डिनेटर जसलीन कौर ने गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। चिकित्सकों के प्रति आभार जताते हुए जसलीन कौर ने कहा कि अपने सुख-चैन का त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करने वाले चिकित्सकों के जज्बे को सलाम है। वर्तमान में ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि चिकित्सकों का हमारे जीवन में काफी महत्व है। कि हमें स्वस्थ रखने में डॉक्टरों की बड़ी भूमिका होती है। अपने सुख-चैन को त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं। आज कोरोना संकट में हमारे लिए अपनी जान की परवाह किये बिना जिस तरह वो अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, वो समाज के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

जसलीन कौर ने आमजन को सन्देश देते हुए कहा कि डॉक्टरों का सम्मान करें ओर आपने आसपास साफ सफाई का ध्यान रखे गन्दगी को ना फैलने दे।

 

रिपोर्ट: ज़िक्रिया खान/औरंगजेब खान/अरशद अंसारी

पुलिस ने चलाया सघन चेकिंग अभियान

तीतरो पुलिस ने चलाया चेकिंग अभियान,उलंघन करने वाले बिना मास्क,लाइसेंस, हेलमेट,ट्रीपल सवारी करने वाले लोगों पर हुई कार्रवाई...

सहारनपुर। एसएसपी डॉ एस चन्नपा व एसपी देहात अशोक कुमार मीणा व गंगोह क्षेत्राधिकारी के आदेशानुसार 

थानाध्यक्ष सत्येंद्र राय ने एसआई  मुकेश दिनकर व एसआई बलवान सिंह के साथ  बुधवार की शाम को तीतरो सालियर चौक पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया।

चेकिंग अभियान से लोगो मे मचा रहा हड़कम्प। चेकिंग अभियान में टू व्हीलर,फ़ॉर व्हीलर पर बिना मास्क,हेलमेट,लाइंसेंस वाले लोगों का चालान किया गया है। कुछ को सख्त हिदायत देकर छोड़ा गया।

थानाध्यक्ष सत्येंद्र राय* ने बताया कि ये लोग बिना मास्क लगाए सड़क पर बिना मास्क,ट्रिपल सवारी व संदिग्ध व्यक्तियो का चैकिंग अभियान चलाया जा रहा। ओर लोगो से मास्क व सोशेल डिस्टेंसीग का भी पालन कराया जा रहा है।

 

रिपोर्ट: ज़िक्रिया खान/औरंगजेब खान/अरशद अंसारी

पत्रकार संघ की बैठक, लिए कई निर्णय

छग श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ कटघोरा-पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक इकाई की बैठक में प्रदेश पदाधिकारी हुए शामिल, पत्रकार हित में लिए गए निर्णय

कोरबा(कटघोरा)। छग श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ कटघोरा-पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक इकाई द्वारा बीते 28 जून को कसनिया स्थित काके भोजनालय में आवश्यक बैठक आहूत किया गया।जिसमें संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष देवदत्त तिवारी, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष आर डी गुप्ता, संभागीय उपाध्यक्ष संदीप गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार बिलासपुर तपन गोस्वामी एवं उमाकांत मिश्रा मुख्य रूप से शामिल हुए। बैठक में ब्लाक पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा अपनी-अपनी समस्याएं सामने रखी गई।जिसका प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा सर्वसम्मति एवं शांतिपूर्ण तरीके से निराकरण किया गया।साथ ही पत्रकार हित में निर्णय लेते हुए एकजुटता एवं आपसी सहमति बनाए रखने के साथ सदस्यता बढ़ाने के विषय पर चर्चा किया गया।

इस दौरान उपस्थित पूर्व प्रदेशाध्यक्ष देवदत्त तिवारी द्वारा उपस्थित पत्रकारों से संबोधन में कहा गया कि संघ की ताकत एक से नही एकता से है।अतः संघ में एकजुटता हमेशा बनाए रखें ताकि पत्रकार पर आए किसी भी संकट या समस्या का सामना एकजुट होकर किया जा सके।क्योंकि जिस प्रकार एक लकड़ी को कोई भी आसानी से तोड़ मरोड़ सकता है।लेकिन यदि चार लकड़ी एक साथ मिला दिया जाए तो उसे तोड़ पाना काफी मुश्किल होता है।संघ की ताकत कुछ ऐसी ही है।वहीँ आर डी गुप्ता द्वारा कहा गया कि आज ग्रामीण पत्रकारों को सहयोग की अधिक आवश्यकता है।क्योंकि वहीँ ग्रामीण पत्रकार कहें या प्रेस प्रतिनिधि अपने आसपास के साथ अपने क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं, ज्वलंत मुद्दों को खबर के रूप में सामने लाकर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराता है।लेकिन इस दौरान कई बार वे पत्रकार किसी भी प्रकार के संकट से घिर जाते है और उन्हें मदद की नितांत आवश्यकता होती है।ऐसे ग्रामीण पत्रकारों को संघ से जोड़कर एकजुटता का परिचय देते हुए उनके कार्यक्षेत्र में हौसला बढ़ाने की जरूरत है।ताकि वे अपने अधिकारों का निष्पक्ष प्रयोग कर सके।इस प्रकार बैठक में पत्रकार हित को लेकर एकजुटता एवं आपसी सामंजस्य बनाकर कार्य करने की बातें कही गई।बैठक में मुख्य रूप से कटघोरा-पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक इकाई के संरक्षक प्रदीप जायसवाल, राजेश श्रीवास, फिरत दास अध्यक्ष महेश कुरे, उपाध्यक्ष भोला गोस्वामी, सचिव प्रमोद दीवान, सह सचिव राजेश जायसवाल, सदस्य उपेश्वर नायक, गौरव सिंह, विजय कुमार, यशपाल राज, हीरादास, रितेश कुमार, तखत राम, नरेश चौहान, प्रवीण रात्रे, बृजकिशोर गुप्ता, देवेंद्र नेटी, प्रकाश महंत, प्रियेश महंत के अलावा पाली ब्लाक अध्यक्ष कमल महंत, उपाध्यक्ष गणेश महंत, सहसचिव ओम जायसवाल, सदस्य आशीष (बजरंग) जायसवाल उपस्थित रहे

मेरठः घर-घर होगी कोरोना की स्क्रीनिंग

मेरठ मंडल में आज से घर-घर शुरू होगी कोरोना की स्क्रीनिंग, 31 जुलाई तक चलेगा विशेष अभियान

मेरठ। कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग गुरुवार से मेरठ मंडल में स्पेशल सर्विलास की शुरुआत करने जा रहा है। इसके तहत मेडिकल की टीमें घर-घर जाकर कोरोना की संदिग्ध मरीजों की जांच करेंगी। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमित मिलने पर उसे तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा। पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर शुरू हो रहे स्क्रीनिंग अभियान के तहत हर घर की मार्किंग भी की जाएगी।

1400 टीमें लगाई गईं...

आज से शुरू हो रहे इस महाभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की 1400 टीमें घर-घर जाएंगी। मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उसका पल्स औक्सिमीटर और रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे तत्काल हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा। इस मेगा स्क्रीनिंग अभियान का मुख्य उद्देश्य कम्युनिटी खतरे को कम करना व जांच में तेजी लाना है। ताकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाया जा सके। मेरठ मंडल के बाद सभी 17 मंडलों में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग शुरू की जाएगी।

यूपी के हर घर की स्क्रीनिंग...

गौरतलब है कि गत रविवार को यूपी के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था के लिए रणनीति तैयार की जाये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर मेडिकल स्क्रीनिंग के समय घरों की मार्किंग भी की जाए। मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उसका पल्स औक्सिमीटर और रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाए जाएं। संक्रमित होने की दशा में उन्हें तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती करवाया जाए। अब इसकी शुरुआत मेरठ मंडल से हो रही है।  जानकारी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दी।

मास्टरबेट करने वाला थाना अध्यक्ष अरेस्ट

महिलाओं के सामने मास्‍टरबेट करने वाला दरोगा गिरफ्तार, नौकरी से बर्खास्त

लखनऊ/देवरिया। महिलाओं के सामने गंदी व अश्लील हरकत करने वाले देवरिया के भटनी थाने के पूर्व थानाध्यक्ष भीष्मपाल सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त एक्शन लेते हुए आरोपी दरोगा को पुलिस सेवा से बर्खास्त भी कर दिया है। बता दें कि युवती की तहरीर पर मुकदमा कायम होने के बाद से ही इंस्पेक्टर भीष्मपाल सिंह यादव फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। बुधवार को एसओजी टीम द्वारा हरैया जनपद बस्ती के पास से अभियुक्त भीष्मपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया।गौरतलब है कि महिलाओं के सामने थाने में मस्टरबेट करने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही युवती की तहरीर पर थाना भटनी में आईपीसी की धारा 354(क)/509/166 मुकदमा पंजीकृत किया गया है। उसके बाद से ही निलम्बित निरीक्षक भीष्मपाल सिंह के फरार हो गया था। जिसके बाद उसके ऊपर 25,000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। साथ ही इस निलम्बित निरीक्षक को पुलिस उपमहानिरीक्षक, गोरखपुर परिक्षेत्र द्वारा तत्काल प्रभाव से पुलिस सेवा से बर्खास्‍त कर दिया गया है।

पौने तीन मिनट का है वीडियो..

पौने तीन मिनट के वायरल वीडियो में दिख रहा है कि दो महिलाएं शिकायत लेकर थाने पहुंची हैं। एक महिला इंस्पेक्टर के बायीं तरफ बैठी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह पूर्व की परिचित रही होगी। वहीं, एक महिला सामने बैठी है। वायरल वीडियो में इंस्पेक्टर भीष्म पाल यादव बायीं तरफ बैठी महिला को अश्लील इशारे करते हुए देखा जा सकता है।

युवती ने कही ये बात

पीड़ित युवती की तहरीर पर भटनी थाने में भीष्मपाल सिंह यादव के खिलाफ धारा 354(क)/509/166 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। युवती की तहरीर के मुताबिक, वह 22 जून को दोपहर में अपनी मां के साथ भूमि विवाद के एक मामले में थाने गई थी। उस वक्त प्रभारी निरीक्षक भटनी भीष्मपाल सिंह यादव अपने कार्यालय में बैठे थे। वह और उसकी मां भूमि विवाद के बारे में प्रभारी निरीक्षक को बता रही थीं। जिसके बाद भीष्मपाल सिंह यादव के द्वारा बैठने के लिए कहने पर दोनों वहां रखी कुर्सी पर बैठ गईं। युवती का आरोप है कि भूमि विवाद के संबंध में बात करते-करते प्रभारी निरीक्षक अश्लील हरकत करने लगे, इस दौरान युवती ने इसका वीडियो बना लिया और अपने परिवार के अन्य सदस्यों को दिखाया। जिसके बाद पड़ोस के रहने वाले एक व्यक्ति ने वीडियो को फारवर्ड कर दिया और वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

कटे पंजे को दोबारा कलाई से जोड़ा

7 घंटे लंबे ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने कटे पंजे को दुबारा कलाई से जोड़ा

नोएडा। गौतम बुद्ध नगर के सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल के डॉक्टरों को बड़ी सफलता हाथ लगी। यहां डॉक्टरों (Doctor) ने सात घंटे लंबे चले ऑपरेशन के बाद एक युवक के कटे पंजे को उसकी कलाई से जोड़ने में सफलता प्राप्त की। जेपी अस्पताल के डॉ आशीष राय ने बताया कि पूरा ऑपरेशन सात घंटे तक चला। जिसके बाद पंजे को कलाई से जोड़ने में सफलता मिली। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन काफी जटिल था। अगर मरीज को पहुंचने में थोड़ी सी भी देर होती तो पंजे को कलाई से जोड़ना मुश्किल होता। लेकिन डॉक्टरों की टीम ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।

मकान के विवाद में काटा गया था पंजा

बता दें कि दो दिन पूर्व दो पक्षों में मकान को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद में एक व्यक्ति पर धारदार हथियार से वार कर उसके पंजे को काट दिया गया था। आनन-फानन में परिजनों एन व्यक्ति को जेपी स्थित अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉ आशीष राय की टीम ने ऑपरेशन कर फिर से पंजे को जोड़ दिया। डॉ राय ने बताया कि मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि कटे हुए अंग को 6 घंटे के भीतर लगाना होता है। इसमें देर होने पर मशल्स के नष्ट होने का खतरा रहता है। नसों की पहचान पहचान करके अलग-अलग करना बहुत बड़ी चुनौती थी। कटे हुए पंजे की सभी आर्टरी, नसें, और टेंडन एक-एक करके स्टंप से जोड़ा गया ताकि वह अपने स्थान पर जुड़ जाएं।

चार आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। साथ ही आरोपियों के पास बंदूक और हमले में प्रयुक्त व फरसा भी बरामद कर लिया।

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

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