शुक्रवार, 5 जून 2020

डॉक्टर भर्ती घोटाले में सीएमओ सस्पेंड

राणा ओबराय
एमएलए मिड्डा की शिकायत पर डॉक्टर भर्ती घोटाले में जींद के सीएमओ डॉ जयभगवान जाटान सस्पेंड
जींद। जींद के भर्ती घोटाले में दोषी पाएंगे डॉ जयभगवान तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। जयभगवान पर नौकरी पर गड़बड़ी किए जाने के संगीन आरोप लगे थे। जिसके बाद मामला स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचा। जब मामले की जांच करवाई गई, तो तथ्यों के आधार पर डॉक्टर को निलंबित करने के आदेश जारी हुए। बता दें कि इस पूरे मामले में जींद प्रशासन की तरफ से पूरी जांच करवाई गई थी, मुख्यालय से एक अफसर भी जांच करने पहुंचा था। लेकिन कार्रवाई न होने पर जींद के विधायक कृष्ण मिड्ढा ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलकर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद विज ने बयान दिया कि इस पूरे मामले में सभी आरोप सही पाए गए हैं।


क्या था पूरा मामला-दरअसल, पीड़ित महिला प्रीति के पति संजय ने आरोप लगाया था कि AMO भर्ती में गड़बड़ी हुई है। संजय ने शिकायत करते हुए बताया था कि प्रीति के स्थानीय होने, बेसिक क्वालिफिकेशन और अनुभव तक के अंक नहीं लगाए गए थे। मिड्डा की शिकायत को सही मानते हुए सरकार ने जींद के सीएमओ को निलंबित करने के आदेश कर दिए।


महज 5 घंटे में मुक्त कराया बालक

चंदौली। सैयदराजा थाना क्षेत्र अंतर्गत कल्याणपुर ग्राम पंचायत निवासी संतोष तिवारी के 9 वर्षीय मासूम पुत्र की गुरुवार की शाम करीब चार बजे अपहरण की घटना से क्षेत्र में सनसनी मच गई। लाचार-परेशान पिता संतोष ने तत्काल मामले की सूचना सैयदराजा पुलिस को दी और बताया कि अपहरणकर्ताओं द्वारा आठ लाख की फिरौती मांगी जा रही है।


पुलिस महकमें में दिनदहाड़े इस बड़ी घटना से हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रेमचन्द, सदर सीओ कुंवर प्रभात सिंह के नेतृत्व में गठित स्वाट टीम एवं सैयदराजा पुलिस ने सघन अभियान चलाकर महज कुछ घंटो के अंदर ही मामले का निपटारा करते हुए मासूम के अपहरण में शामिल तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। मामले का खुलासा पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में एसपी हेमंत कुटियाल ने करते हुए बताया कि पीड़ित पिता की सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए गठित टीम द्वारा शुक्रवार की सुबह 9 बजे मामले का अनावरण कर दिया गया।


 चंदौली पुलिस द्वारा यह सराहनीय कार्य रहा। बताया कि सूचना मिली थी कि गुरुवार की दोपहर 12 बजे तक घर के बाहर खेल रहे मासूम बालक के लापता होने पर परिजन परेशान होकर इधर-उधर खोज रहे थे कि शाम चार बजे के करीब पिता संतोष को अपहरणकर्ताओं द्वारा फोनकर बताया गया कि उसका पुत्र उनके कब्जे में है और 8 लाख की फिरौती देने पर उसके पुत्र को वापस दिया जाएगा। पिता की सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए अपहरण को अंजाम देने वाले तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर मासूम की सकुशल वापसी कर ली गई। घटना में शामिल अभियुक्तों में गुल्जार अंसारी निवासी दुधारी, थाना सैयदराजा जनपद चंदौली, रोशन अली निवासी फेसुंडा सैयदराजा एवं सत्येन्द्र कुमार राय निवासी फेसूंडा सैयदराजा को मासूम के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। अपहरण के पश्चात बालक को रोशन एवं सत्येन्द्र के घर छुपाकर रखा गया था। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ 78/20 धारा 364A/506/34 भादवी के तहत मामला दर्ज कर आगे कार्रवाई की जा रही है, एवं मासूम को उनके परिजनों को सकुशल सौंप दिया गया है।


 ओपी श्रीवास्तव


दिल्ली के नाले में मिला युवक का शव

नई दिल्ली।(प्रदीप सिंह उज्जैन) मुखर्जी नगर थाना इलाके में निरंकारी आश्रम के पास नाले में एक युवक का शव मिला है। शव मिलने के बाद आसपास के इलाके के लोगों में दहशत फैली हुई है। स्थानीय लोगों ने दिल्ली पुलिस को सूचना दी कि निरंकारी के पास नाले में तैरता दिख रहा है मुखर्जी नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुटी।


जिस युवक का शव नाले में तैर रहा था उसकी उम्र करीब 28 साल के आसपास बताई जा रही है उसने ब्लैक कलर की जींस और रेड कलर और ग्रीन कलर की लाइनिंग की शर्ट पहन रखी है।


आतंकियों से मुठभेड़, एक मार गिराया

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। राजौरी के कालाकोट के नियारी इलाके में एनकाउंटर हुआ है और एक आतंकी को मार गिराया गया है। पूरे इलाके को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। आतंकी के पास से गोला बारूद बरामद किया गया है।


अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाक


दुनिया भले ही कोरोना से जूझ रही हो पर पाकिस्तान अब भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की नापाक हरकत से जुड़ी एक और बड़ी खबर है। पुंछ के किरनी सेक्टर में पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है। रात करीब 10 बजकर 45 मिनट पर पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग की गई। लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाकिस्तान ने मोर्टार दागे हैं।


किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों ने ध्वस्त किया आतंकियों का ठिकाना


इससे पहले गुरुवार को कश्मीर घाटी में सक्रिय अलग-अलग आतंकी संगठनों द्वारा जम्मू के किश्तवाड़ जिले में आतंक को फिर से जिंदा करने की कोशिशों को झटका देते हुए सुरक्षाबलों ने इलाके में एक आतंकी ठिकाने को ध्वस्त कर दिया। इस आतंकी ठिकाने से सुरक्षाबलों को बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिला है। बीते कुछ समय से ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जम्मू के किश्तवाड़ जिले में आतंक को फिर से जिंदा करने की कोशिशों में लगे हैं। सुरक्षाबलों ने हाल ही में किश्तवाड़ जिले में चलाए गए कई आतंकी विरोधी अभियानों में कई आतंकियों और उनके मददगारों को मार गिराया है।


क्वॉरेंटाइन सेंटर-किचन का किया निरीक्षण

जिलाधिकारी ने क्वारंटाइन सेंटर व सामुदायिक रसोई का किया निरीक्षण

निगरानी समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर आने वाले प्रवासी श्रमिकों को लेकर किया प्रशिक्षित

 कछौना(हरदोई)। जिले में कोविड-19 का संक्रमण दिन पर दिन तेजी से बढ़ रहा है जिसे रोकने के लिए जिलाधिकारी पुलकित खरे मंगलवार को विकासखंड कछौना मौके पर पहुंच कर जमीनी हकीकत से रूबरू हुए। उन्होंने कोरोना योद्धाओं की हौसला अफजाई की और निगरानी समिति को प्रशिक्षण देकर उनको ज्यादा से ज्यादा जागरूक कर उनकी जिम्मेदारी को तय किया। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने जानकी प्रसाद इंटर कॉलेज पतसेनी में स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर का स्थलीय निरीक्षण किया जिसमें प्रवासी श्रमिकों की संख्या की जानकारी ली। नोडल अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों का पूरा ब्यौरा रखें जिससे उनको ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं व रोजगार से जोड़ा जा सके। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों से पूरी जानकारी ली और प्रत्येक कमरे में पेयजल के लिए पानी का घड़ा रखवाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी को स्वच्छता व भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया। इसके बाद जूनियर हाई स्कूल प्रांगण में संचालित सामुदायिक रसोई का निरीक्षण किया, वहां पर मौजूद लिपिक जय बहादुर सिंह से प्रतिदिन भोजन करने वालों की संख्या की जानकारी ली। उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि भोजन की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता ना करें।

       इसके बाद ब्लॉक संसाधन केंद्र व ब्लॉक सभागार में संयुक्त रूप से अलग-अलग निगरानी समिति के प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने निगरानी समितियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में आप सभी को ज्यादा अलर्ट रहना है। प्रवासी लोगों पर कड़ी निगरानी रखनी है, उन्हें प्रत्येक दशा में 21 दिन होम क्वॉरेंटाइन रहना है, जिनकी आप लोगों को समय-समय पर घर जाकर निगरानी करनी है। उनके घरों पर पोस्टर चस्पा करें जिसमें होम क्वॉरेंटाइन की तिथि अवश्य अंकित करें। कोरोना कॉल कोई सामान्य समय नहीं है। यह नए तरीके की महामारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा आप लोग सजग रहें। कोरोना ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी है। भारत में कोरोना वायरस ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच चुका है। इसलिए स्वयं व समाज को वर्तमान समय में बचाना है। हम सब मिलकर ठोस कदम उठाते हुए अपनी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करें व सरकार की जो गाइडलाइन है कि आपस मे 2 गज की दूरी रखना, समय-समय पर हाथों को साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक धोना, घर से बाहर निकलने पर मॉस्क का सदैव प्रयोग करना या अन्य कपड़े से चेहरे को ढकना, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना आदि का ईमानदारी से पालन करना है। यह अदृश्य दुश्मन के रूप में हमारे सामने खड़ा है। कोरोना संक्रमण का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है इसलिए सभी को सजग रहना बेहद जरूरी है। सभी के सामूहिक प्रयास से ही इस जंग में जीत संभव है। निगरानी समिति को सजग रहकर समाज में कोरोना संक्रमण को फैलने से बचाना है।

       इस अवसर पर उपजिलाधिकारी सण्डीला मनोज कुमार श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी क्वारंटाइन, राजस्व लेखपाल अशोक कुमार राजवंशी, कानूनगो राघवेंद्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी विकास सिंह एलटी, अधिशाषी अधिकारी डॉ प्रकाश गोपालन, लिपिक जय बहादुर सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, नगर पंचायत कछौना के प्रतिनिधि विकास विश्वकर्मा उर्फ गोल्डी, सभासद जमील अहमद, सभासद रंजीत राव, सभासद अरविंद वर्मा"कुक्कू", इरफान, प्रदीप कुमार, राजकुमार, मुकेश सिंह, सभासद अनुराधा, नवनीत कुमार, खंड विकास अधिकारी रोहिताश्व सिंह, एडीओ पंचायत मेवालाल, बाल विकास परियोजना अधिकारी विजय तिवारी, प्रभारी निरीक्षक आर. बी. सिंह सहित कई आलाधिकारी मौजूद रहे।

नाबालिग ने कर दी मां-बहन की हत्या

देवघर। झारखंड के देवघर जिले में मां और बेटी की हत्या कर दी गई। दोहरे हत्याकांड से जिले में सनसनी फैल गई। पुलिस की तत्परता से महज 10 घंटे में ही हत्या की गुत्थी सुलझ गई हैं। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि महिला का नाबालिग बेटा निकला। घटना को अंजाम देने का अभी पुलिस की ओर से खुलासा नही हुआ है। जानकारी के अनुसार बुधवार देर रात देवघर जिले में गोपाल प्रसाद के कचहरी रोड स्थित घर में 46 वर्षीय पत्नी सुनीता देवी और 22 वर्षीय बेटी भारती कुमारी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि दोनों मां-बेटी की खून से सनी लाशें फर्श पर पड़ी थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी। घटना के बाद से ही गोपाल प्रसाद का नाबालिग बेटा घर से फरार था। शक की सुई उसकी ओर घूमी। पुलिस को सूचना मिली कि वह जसीडीह में छिपा है। देवघर एसपी पीयूष पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया। नाबालिग युवक को पकड़ने के लिए टीम जसीडीह पहुंची। उसे निरूद्ध किया गया। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो वह घबराकर रोने लगा। उसने कबूला कि मां और बहन का कत्ल उसी ने किया है। आरोपी ने बताया कि आर्थिंक तंगी और घर में होने वाले क्लेश के चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।


अवैध दबिश पर तीन पुलिसकर्मी निलंबित


















  
 
 


सहारनपुर। इंस्पेक्टर व अन्य अधिकारियों को सूचना दिए दूसरे थाना क्षेत्र में दबिश देना तीन पुलिसकर्मियों को भारी पड़ गया है। सादी वर्दी में दबिश देने के लिए गए पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने बदमाश समझकर बंधक बना लिया । सीओ की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने आरोपी तीनो सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। घटनाक्रम के तहत थाना चिलकाना क्षेत्र के 3 सिपाही कोतवाली गंगो क्षेत्र के ग्राम बढ़ी माजरा में बदमाशों को पकड़ने के लिए गए थे। सादी वर्दी में पहुंचे पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने बदमाश समझकर पकड़  बंधक बना लिया इस संबंध में जानकारी मिलने पर कोतवाली गंगोह के प्रभारी निरीक्षक मौके पर पहुंचे और पूछताछ की जानकारी में पता चला कि सिपाही चिलकाना थाना क्षेत्र के और किसी आरोपी को पकड़ने के लिए कोतवाली गंगोह क्षेत्र पहुंचे थे। इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि  चिलकाना थाना क्षेत्र के तीन  सिपाही किसी  आरोपी को पकड़ने के लिए गंगोह कोतवाली क्षेत्र के बढ़ी माजरा गए थे। सिपाहियों द्वारा इस संबंध में थाना प्रभारी, सीओ सदर अथवा एसपी सिटी को कोई सूचना नही दी गई थी। एसएसपी ने कहा कि सिपाहियों ने अनुशासनहीनता का परिचय दिया है। इसके चलते उन पर कार्रवाई की गई है सीओ गंगोह की रिपोर्ट के आधार पर तीनों आरोपी सिपाही  को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।




6 जुलाई से होगा विद्यालय संचालन

शशांक तिवारी की रिपोर्ट


लखनऊ। कोरोना संकट पर सरकार नियंत्रण का तेजी से प्रयास कर रही है। लिहाजा लागू देशव्यापी लॉकडाउन के पांचवे चरण के साथ ही अनलॉक 1 की भी शुरूआत हो गई है। इसी क्रम में जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में छह जुलाई से पढ़ाई शुरू हो सकती है। सबसे पहले 10वीं व 12वीं की कक्षाएं संचालित की जा सकती हैं।


प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने गुरुवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग में बताया कि छह जुलाई से बोर्ड परीक्षार्थियों की कक्षाएं शुरू करने के दो सप्ताह बाद कक्षा 9वीं व 11वीं की कक्षाएं शुरू होंगी। उसके दो और सप्ताह के बाद कक्षा छह, सात और आठ की पढ़ाई शुरू होगी। अंत में और दो सप्ताह के बाद यानी अगस्त में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की पढ़ाई स्कूल में शुरू करने की तैयारी की जा रही है। स्थिति को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बच्चों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक करते हुए स्वच्छता और सफाई से रहने को प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही स्कूलों में एक महिला व एक पुरुष शिक्षक को करियर काउंसलर के तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। राजकीय पुस्तकालय के साथ ही स्कूलों के पुस्तकालयों में भी प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें रखी जाएं।


समय और प्रकृति 'विश्लेषण'

आसिया फारूकी


हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है और पूरी दुनिया में संदेश दिया जाता है कि हमें हर हाल में पर्यावरण की रक्षा करना है। दुनिया में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1972 को मनाया गया था। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से हुई थी तब 119 देशों ने इसमें हिस्सा लिया था। उसके बाद से यह सिलसिला चला आ रहा है। हर वर्ष World Environment Day की थीम तय की जाती है और पूरी दुनिया में उसी आधार पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार की थीम है ‘समय और प्रकृति’।


पिछले छह महीने का समय मानव जीवन एवं प्रकृति के सह-सम्बंधों की पुनव्र्याख्या का काल कहा जा सकता है। कोरोना के विषाक्त संजाल में उलझी दुनिया अपनी करनी का फल भुगतने का विवश है। प्रकृति को जीत लेने का दावा और दम्भ पालने वाला विज्ञानमय आधुनिक मानव घुटनों पर बैठा इस संकट से मुक्ति की केवल प्रार्थना ही कर पा रहा है। प्रकृति पर नियंत्रण करने के उसके मंसूबे पर प्रकृति ने ही पानी फेर दिया है। इस कोरोना संकट ने सम्पूर्ण विश्व के सम्मुख कुछ सवाल भी प्रस्तुत किये हैं कि क्या मानव प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व के पावन भाव के साथ आगे बढ़ते हुए़ आगामी पीढ़ी के हाथों में मानव जाति के जीने लायक खूबसूरत धरती सौंपना चाहता है या अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों एवं ज्ञान के अकड़ में ऐंठा विनाश की राह पर बढ़ना चाहता है। हालांकि, एक अति सूक्ष्म अदृश्य वायरस ने मानव को पराजित तो कर ही दिया है। यह सुखद है कि आज विश्व एक स्वर से सहमत होकर प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए योजनाबद्ध प्रयासरत है। प्रकृति का संरक्षण करना अल्प समय का काम नहीं हैं। यह भावना का विषय है, प्रेम के वितान पर लिखी आत्मीयता की नवल गाथा है। और यह सम्भव होता है व्यक्ति के बचपन से, जहां वह अपने परिवेश में खेलते-कूदते प्रकृति को जीने लगता है, उसमें एकाकार हो घुलमिल जाता है।
पर्यावरण हमारे आस-पास पाये जाने वाली परिस्थितियां परिवेश है जो जीवन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। ये दो घटकों से मिलकर बना है। जैविक घटक जैसे पेड़-पौधे, जानवर और अजैविक घटक जैसे पहाड़, नदियां, सभी निर्जीव वस्तुएं। आज मनुष्य की स्वार्थी गतिवधियों के करण हमारा परिवेश प्रभावित हो रहा है। मनुष्य ने अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रकृति का अंधाधुंध शोषण किया है। जंगल काट डाले, पहाड़ों को धरती का सीना चीर कर सैकड़ों फीट नीचे तक खोद डाला। पृथ्वी के संतुलन को साधने वाले जैवमंडल को तहस नहस किया। जीव-जंतुओं की तमाम प्रजातियां नष्ट कर दी। हम भूल गये कि यह धरती केवल मानव के लिए नहीं अपितु सभी चराचर के जीवन यापन लिए है। इसे सुंदर स्वस्थ बनाये रखने में सभी की अपनी एक निश्चित भूमिका होती है जो बिना कुछ कहे, बिना अपने श्रम का मूल्य लिए धरती को सुदर बनाये रखने के अपने काम में दिनरात जुटे रहते हैं। एक चींटी, तितली, मेंढक, केंचुवा, चिड़िया, मधुमक्खी का उतना ही महत्व है जितना कि एक हाथी, सिंह, मकर, गिद्ध और सियार का। वसुंधरा के उत्तम स्वास्थ्य के लिए पेड़, नदी, ताल, घाटी, मरुथल, पहाड़, सागर आदि सबका स्वस्थ रहना आवश्यक है।
यदि हम पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को जारी रखना चाहते हैं तो प्रकृति का संतुलन सुनिश्चित करना होगा। आज हमारा संतुलन बिगड़ रहा है। हवा जो हम सांस लेते है, पानी जो हम इस्तेमाल करते हैं। पौधे जानवर और अन्य जीवित चीजें सब पर्यावरण के तहत आती हैं। आज हमारा पर्यावरण क्यों बिगड़ रहा है ? हमने अपने जीवन के साथ-साथ ही ग्रहों पर भी भविष्य में जीवन के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। आज पर्यावरण विनाश एवं विश्व्यापी समस्या बन चुकी है। मनुष्य विज्ञान और विकास के नाम पर प्रकृति का लगातार विनाश करता जा रहा है। वनों की कटाई, उधोग धंधो की भरमार, व्यापार आदि। बिना पर्यावरण शिक्षा के पर्यावरण संरक्षण की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पर्यावरण साफ सुथरा रहेगा तो लोगों का जीवन भी स्वस्थ रहेगा। हमें सुंदर एवं स्वस्थ जीवन जीने के लिये पृथ्वी को नष्ट होने से बचाना बहुत आवश्यक है। जब तक लोगों में इसके प्रति स्वभाविक लगाव पैदा नहीं होता पर्यावरण संरक्षण एक सपना ही रहेगा। और यह तभी संभव है जब स्कूली शिक्षा में ही हम बच्चों को पर्यावरण शिक्षा के प्रति गंभीरता से जोड़ें। पाठ्यक्रम बना भर देने से काम न चलेगा, उन पाठों को हमें जीवन में उतारकर बच्चों के सम्मुख उदाहरण रखना होगा।
अगर हम पर्यावरण के लिये ज्यादा कुछ करने की सोचते हैं मगर कर नहीं पाते। तो बस कुछ बातें हैं यदि वहीं करें तो बहुत होगा। जैसे अनावश्यक विद्युत उपकरण बन्द करें, कूड़े का उचित निपटान करने के लिए छंटाई के बाद ही गड्ढों में भर निस्तारण किया जाये। कारखानों से निकलने वाले दूषित जल का शोधन करके ही नदी नालों में छोड़ा जाये। फ्रिज का दरवाजा देर तक न खुला छोड़ें, आवश्यकतानुसार ही पानी का प्रयोग करें’र्, इंधन बचाने के लिये अपने वाहनों के टायरों में हवा का दबाव उचित रखे, बाजार जाने पर घर से कपड़े का बैग लेकर चलें, पूरे घर के बल्ब हटाकर सीएफएल लगायें, वर्षा का जल संरक्षित कर प्रयोग करें, कचरा ठीक नियत जगह पर फेंकें, घर-पड़ोस में गमलों में पौधे लगाये एवं खाली जगहों पर वृक्षारोपण कर धरती की हरीतिमा बढ़ाने में योगदान दें। पुरानी टूटी चीजों को कूड़े के रूप में घर से बाहर फेंकने से बेहतर उनकी मरमत करा कर पुनः प्रयोग करना मुनासिब होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात इन सभी बातों का अपने जीवन में दैनंदिन कार्य-व्यवहार में पालन करते हुए अन्य लोगों को भी जागरूक करें। अपने परितंत्र को रखें सुरक्षित, सबको ये समझना है। तभी तो कहते हैं कि ‘‘पर्यावरण साफ हो अपना स्वच्छ बने सारे पुर ग्राम। हरे-भरे परिवेश में होते, सभी सुख सुविधा आराम’’। कोराना संकट ऐसी सभी बातों के लिए एक अवसर के रूप में भी है। आईए, सब मिलकर बढ़ें और प्रकृति को सहेज-संभाल कर हरीभरी सुंदर धरती नई पीढ़ी को सौंपें ताकि वे हम पर गर्व कर प्रकृति संरक्षण की साधना-आराधना कर सकें।


बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण और संकेत

डिप्रेशन सिर्फ वयस्कों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी प्रभावित करता है। बच्चे के दुखी रहने का ये मतलब नहीं है कि वो डिप्रेशन में लेकिन अगर बच्चा लगातार या बार-बार उदास रहता है या उसे लोगों से बात करने, स्कूल को काम करने या परिवार के लोगों से बात करने में हिचक महसूस हो रही है तो ये डिप्रेशन हो सकता है।
डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है लेकिन साथ ही इलाज भी उपलब्ध है। अगर आपको भी अभी तक लगता था कि बच्चों में डिप्रेशन नहीं हो सकता है जरा यहां बताई गई बातों पर गौर जरूर करें।
बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण एवं संकेत
*चिड़चिड़ापन या गुस्सा आना, लगातार दुखी या निराशा महसूस होना
*लोगों से बात करना बंद कर देना
*रिजेक्ट होने का डर रहना, भूख कम या ज्यादा लगना
*ज्यादा या कम नींद आना
*रोने का मन करना, ध्यान लगाने में दिक्कत होना
*थकान और एनर्जी कम महसूस होना
*पेट दर्द या सिरदर्द रहना
*कुछ भी काम करने का मन न करना
*मन में एक अपराधबोध महसूस होना
*सुसाइड करने या मरने के विचार आना
बच्चों में डिप्रेशन क्यों होता है
कई बच्चों को स्कूल में दूसरे बच्चों द्वारा बहुत ज्यादा तंग किए जाने पर डिप्रेशन हो सकता है। स्कूल में बच्चे को बुली किए जाने पर उसके आत्म-सम्मान में कमी आती है और लगातार स्ट्रेस में रहने की वजह से वो डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच जाता है। वहीं बार-बार पड़ रहे किसी दबाव के कारण भी बच्चा इस स्थिति में पहुंच सकता है। अब ये प्रेशर पढ़ाई का भी हो सकता है और किसी अन्य चीज का भी।
परिवार में डिप्रेशन की हिस्ट्री
जिन बच्चों के परिवार में किसी सदस्य को डिप्रेशन हुआ हो, उनमें बाकी बच्चों की तुलना में डिप्रेशन में जाने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं ऐसा जरूरी नहीं है कि जिन बच्चों की अवसाद की फैमिली हिस्ट्री न हो, उन्हें कभी डिप्रेशन हो ही नहीं सकता है। अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चे में अवसाद का खतरा है तो जरा करीब से उसके काम, भावनाओं और व्यवहार पर ध्यान दें।
जीवनशैली में बदलाव
वयस्कों की तरह बच्चे इतनी जल्दी बदलावों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। नए घर या स्कूल में जाना, पैरेंट्स का तलाक देखना या भाई-बहन या दादा-दादी का बिछडऩा, ये सभी चीजें बच्चे के दिमाग पर नकारात्मक असर डालती हैं। अगर आपको लग रहा है कि इन चीजों की वजह से आपका बच्चा प्रभावित हो रहा है तो जितना जल्दी हो सके, उससे इस बारे में बात करें। यदि किसी हादसे के बाद बच्चे के व्यवहार में बदलाव दिख रहा है तो आपको तुरंत डिप्रेशन की पहचान कर उसका इलाज शुरू करवा देना चाहिए।
केमिकल असंतुलन
कुछ बच्चों में शरीर के अंदर रसायनों के असंतुलन के कारण अवसाद हो जाता है। हार्मोनल बदलाव और विकास होने के कारण ये असंतुलन हो सकता है लेकिन ऐसा अपर्याप्त पोषण या शारीरक गतिविधियां कम करने की वजह से भी हो सकता है। बच्चे का विकास ठीक तरह से हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए नियमित चेकअप करवाते रहें।


अब एक्शन आइकन बनेगी 'जैकलिन'

मुंबई। बॉलीवुड में जैकलीन फर्नांडीज को 11 साल हो गए हैं। अभिनेत्री ने 2009 में अलादीन के साथ बॉलीवुड में कदम रखा था। वो कहती हैं कि अब तक निभाई हर भूमिका से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है और उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वो एक्शन आइकन बनेंगी। इन वर्षों में जैकलीन ने किक, मर्डर 2, ढिशुम, जुड़वा 2 और रेस 3 जैसी फिल्मों में अभिनय किया है। वह खुद को खुशकिस्मत मानती हैं कि उन्हें फिल्म उद्योग में कुछ बेहतरीन काम करने का मौका मिला।


जैकलीन ने बताया, मेरे अब तक के करियर में मुझे इंडस्ट्री के जाने-माने लोगों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है – चाहे वह निर्देशक हों या अभिनेता। इसके अलावा मुझे कुछ अलग, रोमांचक और चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं करने का अवसर भी मिल चुका है। मैंने अब तक की हर भूमिका और फिल्म के साथ बहुत कुछ सीखा है, जिसने मुझे एक कलाकार और एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद की है।


उन्होंने आगे कहा, मुझे अच्छा काम करने की उम्मीद है और हर प्रोजेक्ट के साथ मैं अलग-अलग चीजें सीखना और अनुभव लेना चाहती हूं। पिछले कुछ सालों में जैकलीन ने थ्रिलर, एक्शन, ड्रामा और कॉमेडी जैसी अलग-अलग शैलियों की फिल्मों में अभिनय किया है, लेकिन वह एक एक्शन स्टार बनने की ख्वाहिश रखती हैं।
जैकलीन ने कहा, मुझे खुशी है कि मैंने कई शैलियों के साथ प्रयोग किया और उतने ही उत्साह से आगे भी कई और शैलियों की फिल्मों में अपने हाथ आजमाने के लिए तैयार हूं। निश्चित रूप से मैं एक्शन का भरपूर आनंद लेती हूं और एक दिन एक्शन आइकन बनने की उम्मीद करती हूं।
जैकलिन ने हाल ही में वेब श्रृंखला मिसेज सीरियल किलर में अपना डिजिटल डेब्यू किया और डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर एक ऑनलाइन नृत्य प्रतियोगिता – होम डांसर का शुभारंभ किया है।


हथिनी ने 14 दिन से नहीं खाया था अन्न

हथिनी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा, 14 दिन से नहीं खाया था अन्न का एक भी दाना

केरल। मानवीय क्रूरता का शिकार हुई एक गर्भवती हथिनी के मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। पटाखे से भरा अनानास खाने के बाद हथिनी के निचले जबड़े में विस्फोट हो गया जिसके बाद उसकी तड़प तड़प कर मौत हो गई। 15 वर्ष की हथिनी की अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। 

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार हथिनी ने 14 दिनों भोजन और पानी नहीं लिया था। खाने की तलाश में ही उसने गांव के कई चक्कर लगाए थे। हथिनी कुछ खा पाने में असमर्थ थी क्योंकि उसने अनानास में भरे पटाखे चबा लिए थे और पटाखे उसके मुंह में ही फट गया था। डूबने के कारण उसके शरीर के अंदर काफी पानी चला गया था, जिसके कारण फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था।  वह अपना मुंह पानी में डाले खड़ी थी। उसके अंदर यह भावना आ गई थी कि वह अब मरने वाली है और वह खड़े होकर जलसमाधि में चली गई थी।

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