रविवार, 31 मई 2020

कोरोना-लॉकडाउन से भारत को नुकसान

नई दिल्ली। कोरोना संकट और लंबे लॉकडाउन से भारत को भारी नुकसान होने जा रहा है। हाल के अनुमान इसी ओर संकेत करते हैं। अभी तक इस बात को लेकर बहस जारी थी। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन-1 में ‘जान है तो जहान है’ का नारा दिया और फिर उसे बदलकर ‘जान भी, जहान भी’ के मंत्र से इस कठिन चुनौती के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश की।


लॉकडाउन-1 तो जरूरी था, लेकिन…
नए आंकड़े बताते हैं कि भले ही हमने लॉकडाउन के जरिए बहुत-सी जानें बचा ली हों, जहान के तौर पर हम भारी कुर्बानी देने जा रहे हैं। इस कुर्बानी की कीमत का सही-सही पता हमें आगे चलकर ही लगेगा। मुमकिन है कि वह कीमत आर्थिक तंगी ही नहीं, बहुत सारी जानों के रूप में भी हो, जिन्हें शायद हम कभी गिन नहीं पाएंगे। बहुत मुमकिन है कि आगे चलकर हम इसी नतीजे पर पहुंचें कि संक्रमण से रोक के लिए लॉकडाउन-1 तो जरूरी था, लेकिन फिर इसका बार-बार विस्तार हमें दूसरी खाई में धकेलता गया।


नेगेटिव होगी GDP
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक हम मंदी में जा रहे हैं, यानी इस साल जीडीपी नेगेटिव में चली जाएगी। आजाद भारत में ऐसा सिर्फ 1957-58, 1965-66, 1972-73 और 1979-80 में हुआ था। इस बार यह सबसे गंभीर होगा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का अंदाजा है कि यह गिरावट -6.8 फीसदी होगी। यानी पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी जितना था, उससे यह इस वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत कम रह सकता है।


बेरोजगारी दर 24% से ऊपर
इस वक्त भारत बेरोजगारी की अभूतपूर्व मिसाल पेश कर रहा है। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर 24 फीसदी से ऊपर है। करीब 10 करोड़ लोग बेरोजगार हैं। अगर आप एक परिवार में कम से कम 5 सदस्य भी मानें, तो करीब आधी आबादी रोजगार और कमाई के नुकसान की तकलीफ झेल रही है। आर्थिक, सामाजिक और मानसिक तौर पर इसके असर को पूरा-पूरा दर्ज कर पाना नामुमकिन है, लेकिन वह काफी गहरा और डरावना होगा।


बच सकती थीं नौकरियां
नौकरियों को बचाने के लिए सरकार ने नियोक्ताओं से अपील की, लेकिन यह कोई उपाय नहीं था। सरकार ने कोई ऐसी योजना पेश नहीं की, जो मुसीबत में पड़े नियोक्ताओं को नौकरियां बचाने के लिए समर्थन देती। यूरोप के तमाम देशों और अमेरिका में सरकारों ने खतरे में पड़े कर्मचारियों को बचाए रखने के लिए उनका बोझ उठाया है। ऐसे कर्मचारियों की सैलरी का 70 से 80 पर्सेंट खर्च (एक लिमिट तक) सरकारें उठा रही हैं। जर्मनी की कुहरशरबाइट योजना की खासी तारीफ हुई है, जिसने 2008 में भी रोजगारों को बचाया था और जर्मनी बेहतर तरीके से मंदी से बाहर निकल सका था। सैलरीड क्लास संख्या में कम दिखता है, लेकिन आज की इकॉनमी में उसकी जगह काफी बड़ी है।


10 अंक की जगह 11 का मोबाइल नबंर

नई दिल्ली। बहुत जल्द ही आप का मोबाइल नंबर 10 अंक के बजाय 11 अंक का होने वाला है। और इस की तैयारी भी शुरू हो गयी है। दूर संचार नियामक ट्राई ने देश में मोबाइल फ़ोन नंबर को 10 अंक के बजाय 11 अंक करने का सिफारिश जारी किया है। देश में मोबाइल की संख्या में बेतहासा वृद्धि प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए उक्त निर्णय लिया जा रहा है, ताकि भविष्य में मोबाइल नंबर आबंटन पर किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
बढ़ती आबादी के साथ दूरसंचार कनेक्शन की मांग से निपटने की जरूरतों को देखते हुए यह विकल्प अपनाये जाने का सुझाव है। भारतीय दूरसंचार विनियामक (ट्राई ) ने इस बारे में एक परिचर्चा पत्र जारी किया है। इसका शीर्षक है एकीकृत अंक योजना का विकास। 
ट्राई TRAI का मानना है कि 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर को 11 डिजिट वाले मोबाइल नंबर से बदलने पर देश में ज्यादा नंबर उपलब्ध कराये जा सकते है। इस लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया TRAI देश में फ़ोन,मोबाइल नम्बरिंग स्किम को बदलने का निर्णय ले रही है। और बीते दिनों 11 डिजिट के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव जारी कर दिया है। 
2050 तक 3. 28 अरब पहुँच जाएगी मोबाइल संख्या - यह योजना मोबाइल एवं स्थिर दोनों प्रकार के लाइनों के लिए है। परिचर्चा पत्र में कहा गया है की यदि यह मानकर चले की भारत में 2020 तक वायरलेस फ़ोन गहनता प्रतिशत 200 रहती है ,यानी हर व्यक्ति के पास दो मोबाइल कनेक्शन हो तो इस देश में सक्रीय मोबाइल संख्या 3.28 अरब तक पहुँच जाएगी।
 4. 68 अरब मोबाइल नंबर की जरुरत होगी -  इस समय देश में 1. 2 अरब फ़ोन कनेक्शन है। विनियामक का अनुमान है की यदि अंकों का 70 फीसदी उपयोग मानकर चले तो उस समय तक देश में मोबाइल फ़ोन के लिए 4. 68 अरब मोबाइल नंबर की जरुरत होगी। सरकार ने मशीनों के बीच पारस्परिक इंटरनेट संपर्क / इंटरनेट ऑफ द थिंग्स के लिए 13 अंकों का नंबर सीरीज पहले ही शुरू कर चुकी है। 
वर्तमान में मौजूद नंबर कैसे बदलेंगे- रेगुलेटर ने एक बयान में कहा है की ये सिफारिशें विभिन्न स्टेक होल्डर्स से मिले इनपुट और ओपन हाउस डिस्कशन (OHD) के दौरान हुयी चर्चा पर आधारित है। सिफारिशों से आये प्रमुख बिंदु में से प्रमुख बात यह रही की नियमित मोबाइल नंबर के मामलों में 10 अंको के मोबाइल नंबर को 11 अंको में स्विच किया जाये। इसका मतलब मौजूदा मोबाइल नंबर के सामने शून्य (0) को जोड़ा जायेगा। हालाँकि नए फ़ोन नंबर अलग-अलग अंको के साथ शुरू हो सकती है। 

ट्राई TRAI द्वारा जारी किये गए प्रमुख सिफारिशें जो फिक्सड लाइन और मोबाइल सर्विस दोनों के लिए मौजूदा नम्बरिंग सिस्टम को बदल सकती है। 

1. एक फिक्सड लाइन कनेक्शन से मोबाइल नम्बरों काल करने के लिए शून्य (0) लगाना अनिवार्य होगा। यहाँ बता दे की फिक्सड लाइन फ़ोन से मोबाइल नंबर पर काल करने के लिए शून्य लगाना अनिवार्य नहीं होता। लेकिन नए सिफारिशों के अनुसार इस प्रकार के काल हेतु अब शून्य लगाना अनिवार्य हो जायेगा। 
2. मोबाइल नम्बरो के मामले में 10 डिजिट से 11 डिजिट नम्बरिंग स्किम में सिफ्टिंग। ट्राई द्वारा जारी प्रमुख सिफारिशों में से एक है। ट्राई द्वारा जारी दूसरी प्रमुख सिफारिश मोबाइल नंबर को 10 अंक से 11 अंको में स्विच करना जिसमे पहला अंक 9 होगा। रेगुलेटर का कहना है की इससे हमें कुल 10 अरब नंबरों की क्षमता होगी। 
3. हमारे मोबाइल फ़ोन नम्बरो की तरह डोंगल एवं डेटा कार्ड जैसे विभिन्न उपकरणों में वर्तमान में 10 अंकीय नम्बरिंग सिस्टम है। अब नई सिफारिश में कहा गया है की ऐसी डिवाइस के अंको को 10 डिजिट से बदलकर 13 डिजिट कर देना चाहिए। इस पर कार्य प्रारम्भ भी हो गया है। अर्थात डोंगल के लिए वितरित मोबाइल नंबर 13 अंको का होगा। 
4. फिक्सड लाइन नम्बरो को 2 या 4 के सब लेवल पर ले जाना। कुछ आपरेटरों ने कुछ समय पहले 3 , 5 और  6 से शुरू होने वाले लैंडलाइन कनेक्शन जारी किये थे जो अब सेवा में नहीं है। बंद हुए नम्बरो को 2 या 4 के सब लेवल पर ले जाने हेतु सिफारिश कर दी है। 
5. सभी फिक्सड लाइन कनेक्शन 0 शून्य डायलिंग सुविधा  के साथ आनी चाहिए। वर्तमान में फिक्सड लाइन यूजर्स जिन्होंने सब्सक्राइबर ट्रंक डायलिंग (एसटीडी) का विकल्प चुना है। उन्हें केवल 0 जीरो डायलिंग सुविधा दी जाती है। हालाँकि ट्राई ने सभी फिक्सड लाइन ग्राहकों को शून्य का उपयोग करने की शिफारिश दी है। और यह आवश्यक भी है क्योंकि लैंडलाइन नंबरों से मोबाइल नम्बरों को डायल करने के लिए 0 प्रीफिक्स की आवश्यकता होगी।


अश्वेत की मौत के बाद उबला 'अमेरिका'

वाशिंगटन (अमरीका)। मिनियापोलिस पुलिस के हाथों एक अश्वेत जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद अमेरिका में उबाल मचा हुआ है। शनिवार न केवल मिनियापोलिस बल्कि अटलांटा, न्यूयार्क, डलास, ओकलैंड और अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प होने लगी। राज्यों को केंद्रीय बल मंगाना पड़ा। हिंसक झ़ड़प में दो लोगों की मौत और अनेक लोग घायल हो गए।


अश्वेत की श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों मौत से लोगों के गुस्सा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शनकारी व्हाइटाहाउस तक पहुंच गए, जहां जमकर गुप्तचर सेवा और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अधिकारी व्हाइटहाउस में फंसे रहे। पूरे देश में स्थिति को देखते सेना को सतर्क रहने के लिए कह दिया गया है। शनिवार सुबह मिनिसोटा के गवर्नर टिम वेल्ज ने मिनिसोटा नेशनल गार्ड को सक्रिय करने के साथ पड़ोसी राज्यों से नेशनल गार्ड की यूनिट से मिलने वाले सहयोग को स्वीकार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पेंटागन से भी बात हुई है, जिसमें सेना की टुकड़ी को भेजने पर चर्चा हुई है। वेल्ज ने शुक्रवार की रात को हुई शहर में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को संगठित बाहरी लोगों के साथ चर्मपंथी विचारधारा और शहरी युद्ध के विशेषज्ञों का कारनामा बताया।


मिनिसोटा की ही तरह अटलांटा में प्रदर्शनकारियों ने हिंसा और आगजनी की अनेक घटनाओं के साथ न्यूज चैनल सीएनएन की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हुए आग लगी दी। अटलांटा के महापौर किस लेंस बॉटम्स ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए कहा कि तुम जब इस शहर के साथ हमारे समुदाय को जला रहे हो। तुम इस शहर के लिए शर्मिंदगी हो, तुम जॉर्ज फ्लायट के लिए शर्मिंदगी हो।


वहीं अटलांटा की पुलिस प्रमुख एरिका शील्ड ने प्रदर्शनकारियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि लोग वाकई में नाराज हैं। अश्वेत लोग निरंतर मारे जा रहे हैं, चाहे वह पुलिस के द्वारा हो, या फिर लोगों के द्वारा। वास्तविकता यह है कि हम उनके जीवन के मूल्य को खत्म करते जा रहे हैं। इसे भी आप सोचिए।


मुंबई से लौटी मां, घर में नहीं घुसने दिया

करीमनगर। कोरोना वायरस के खौफ में एक बेटे ने अपनी 80 वर्षीय मां को घर में नहीं दाखिल होने दिया। मामला तेलंगाना के करीमनगर का है। रिपोर्ट के मुताबिक, 80 वर्षीय महिला महाराष्ट्र के शोलापुर में अपने रिश्तेदार के यहां गई थीं और लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गईं। हालांकि, जब लॉकडाउन में ढील मिली तो वह वापस तेलंगाना लौट आईं। लेकिन कथिततौर पर उनके बेटे और बहू ने ‘कोविड 19’ के डर से उन्हें घर में घुसने नहीं दिया। बता दें, महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक कोरोना के 50,546 मामले सामने आ चुके हैं।


फंस गई थीं महाराष्ट्र में


करीमनगर म्युनिसिपल कारपोरेशन के संभागीय सदस्य इडला अशोक ने बताया, ‘लॉकडाउन में ढील के बाद महाराष्ट्र के शोलापुर में अपने एक रिश्तेदार के घर में रह रही बुजुर्ग महिला शुक्रवार को वापस आई थीं, लेकिन उनके बड़े बेटे और बहू ने उन्हें घर में प्रवेश नहीं करने दिया।’


मां ने की समझाने की कोशिश


उन्होंने आगे बताया कि बुजुर्ग महिला ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की कि वह कोरोना वायरस संक्रमित नहीं है और पूरी तरह स्वस्थ हैं। लेकिन बेटे उनकी एक नहीं मानी। अशोक ने कहा कि महिला के छोटे बेटे ने तो अपने घर में ताला लगाया और कहीं चला गया।


पड़ोसियों ने दिया महिला का साथ
हालांकि, जब पड़ोसियों ने मामले में हस्तेक्षप किया तो बड़े बेटे ने मां को घर में दाखिल होने दिया। अधिकारी ने कहा कि महिला का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। अगर उनमें कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो उन्हें क्वारंटाइन वार्ड में रखा जाएगा। वैसे बात सोचने की है कि कोरोना वायरस का डर किस तरह से हमारे रिश्तों में भी फैल रहा है।


2 हफ्ते का 'लॉक डाउन' बढ़ना तय है

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के इस बीच संक्रमण की गति को देखते हुए हुए देश में एक बार फिर दो सप्ताह का लॉकडाउन तय माना जा रहा है। जिन शहरों में इसका असर काफी व्यापक है, वहां को छोड़कर अन्य जगहों पर पाबंदियों में भी ढील मिलने की बात भी तय है।उत्तर प्रदेश में आगरा के साथ ही मेरठ, लखनऊ,कानपुर,मुरादाबाद, सहारनपुर,गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद,वाराणसी जौनपुर व अलीगढ़ में इसका असर कम नहीं हो रहा है। तमाम जतन के बाद भी बीते हफ्ते संक्रमितों तथा मौत की संख्या में रिकार्ड बढ़ोतरी होने से मामला काफी गंभीर होता जा रहा है। बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह की मुख्यमंत्रियों के साथ रायशुमारी के बाद भी लॉकडाउन के बढऩे के संकेत मिलने लगे थे।लॉकडाउन 4.0 की अवधि 31 मई तक है। इसके बाद इसका बढ़ता तय है। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बीच आज बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन की समीक्षा की गई। माना जा रहा है कि इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय से प्रधानमंंत्री को अवगत कराया। इसके बाद से ही चर्चा ने गति पकड़ ली कि लॉकडाउन को दो सप्ताह तक और बढ़ाया जा सकता है।उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के हालात की समीक्षा की है। उन्हेंं बता दिया गया कि उत्तरप्रदेश में व्यवस्थाएं बेहतर और स्थिति नियंत्रण में है। लॉकडाउन-5 के संबंध में जो भी दिशा-निर्देश केंद्र से जारी होंगे, उसके आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश की गाइडलाइन तैयार की जाएगी।


श्रद्धालुओं की संख्या में कटौती की तैयारी

श्रीनगर। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार श्री अमरनाथ की वार्षिक यात्रा की समयवधि और श्रद्धालुओं की संख्या में कटौती करने की तैयारी है।सूत्रों के अनुसार इसे 15 दिन के लिए सीमित किया जा सकता है। अलबत्ता अंतिम फैसला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की अगले सप्ताह प्रस्तावित बैठक में लिया जाएगा। गौरतलब है कि बाबा बर्फानी की वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू होनी प्रस्तावित थी और 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होनी थी।


जल्दी और मुफ्त में बनेगा 'पैन कार्ड'

नई दिल्ली। अगर आपके पास आधार है और UIDAI के डाटाबेस में आपका मोबाइल नंबर रजिस्‍टर्ड है तो आपका पैन कार्ड झटपट बन जाएगा। पैन कार्ड के तत्‍काल आवंटन के लिए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को औपचारिक तौर पर इस सुविधा की शुरुआत की है। पैन कार्ड बनवाने की इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें वक्‍त नहीं लगता और यह सुविधा मुफ्त में मिल रही है। इस प्रक्रिया ये प्राप्‍त पैन कार्ड को e-PAN नाम दिया गया है।यद्यपि तत्‍काल पैन जारी करने के लिए आधार आधारित e-KYC को गुरुवार को औपचारिक तौर पर लॉन्‍च किया है,लेकिन इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर इसके बीटा वर्जन का ट्रायल फरवरी से ही चल रहा था।


प्रवासियों को किराया-भोजन देगी सरकार

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के दुर्दशा पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों से कोई बस या ट्रेन का किराया नहीं लिया जाएगा। उन्हें राज्य द्वारा भोजन प्रदान किया जाना चाहिए। ट्रेनों में रेलवे द्वारा भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।कोर्ट ने यह भी कहा कि पैदल घर जा रहे प्रवासी श्रमिकों को तुरंत आश्रय स्थलों पर ले जाया जाए और भोजन और सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं। कोर्ट ने कहा कि वह अपने मूल स्थान पर पहुंचने के लिए प्रवासियों की कठिनाइयों से चिंतित हैं। उसने पंजीकरण, परिवहन और भोजन और पानी के प्रावधान की प्रक्रिया में कई खामियां पाई हैं।  कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को दी जा रही मदद पर सभी राज्यों को शुक्रवार (5 जून) तक जवाब दाखिल कर ब्योरा देने को कहा। शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी।


जून में आएगा यूपी बोर्ड का रिजल्ट

लखनऊ। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम तैयार होने लगा है। 90 फ़ीसदी से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन पूरा होने के साथ ही बच्चों को मिले अंक विषय वार अंकपत्र पर चढ़ाए जाने लगे हैं। जिस तेजी से मूल्यांकन हुआ है,अब परिणाम जून तक आने की पूरी संभावना बन गई है। इसी के साथ परीक्षा में सम्मिलित 50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का इंतजार भी पूरा हो जाएगा।मूल्यांकन और परिणाम तैयार करने की शासन स्तर पर लगातार समीक्षा भी हो रही है। 23 मई तक कुल 3.10 उत्तर पुस्तिकाओं में से सवा दो करोड़ से अधिक का मूल्यांकन हो चुका था।अब तक 90% से अधिक कॉपियां जांची जा चुकी हैं और इस हफ्ते सभी 281 केंद्रों पर मूल्यांकन पूरा हो जाएगा।


भारत में जुलाई माह की शुरुआत में कोविड-19 के मामले चरम पर पहुंचने की आशंका है और इस वैश्विक महामारी के कारण भारत में 18,000 लोग जान गंवा सकते हैं। यह दावा एक महामारी एवं लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने किया है। सेंटर फॉर कंट्रोल ऑफ क्रॉनिक कंडिशन्स (सीसीसीसी) के निदेशक प्रोफेसर डी. प्रभाकरण ने कहा कि देश में यह महामारी बढ़ने की दिशा में है। प्रभाकरण ब्रिटेन में लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन ऐंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में महामारी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर भी हैं।महामारी विशेषज्ञ ने कहा कि भारत में कोरोना के सर्वाधिक मामले जुलाई में सामने आ सकते हैं। उन्होंने बुधवार को बताया कि यह विभिन्न शोधों के आधार पर और अन्य देशों में इस महामारी के बढ़ने और घटने के आकलन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां चार से छह लाख मामले संक्रमण के हो सकते हैं और औसत मृत्यु दर तीन फीसदी रह सकती है, जो (भारत में कोविड-19 के कारण मौत) करीब 12,000-18,000 होगी।


जोगी का निधन, कांग्रेस में विलय की चर्चा

रामकुमार भाट


रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन के साथ ही पार्टी के कांग्रेस में विलय की खबरें जोर पकड़ने लगी हैं। ऐसे में जेसीसी के कांग्रेस के विलय के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए कहा कि फिलहाल, यह सवाल हाइपोथेटिकल है। चर्चा है कि विलय करने का मैसेज सोनिया गांधी की ओर से आया है। जिसके बाद पिछले दिनों मंत्रियों की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था। हालांकि, सभी मंत्रियों ने इसका विरोध किया था, यदि जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय हुआ तो सभी विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे।


हालांकि, पीएल पुनिया ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में इन अटकलों को खारिज किया है। राजधानी पहुंचने के बाद पुनिया दो दिन रायपुर में ही रहेंगे। वे निगम मंडल की नियुक्तियों पर चर्चा और संगठन के कामकाज की समीक्षा करेंगे।


चीन पर नकेल कस रहा है खफा अमेरिका

नई दिल्ली। अमेरिका इन दिनों चीन की कोरोना वायरस को पूरी दुनिया में फैलाने की हरकत से बेहद खफा है। इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ एक के बाद एक कड़े फैसले ले रहे हैं।









दरअसल, चीन से फैले कोरोनावायरस से पूरी दुनिया परेशान है। इसका सबसे बुरा असर दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका पर पड़ा है। अमेरिका लगातार दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलने के लिए चीन को जिम्मेदार मानता आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे खुले मंच पर चीनी वायरस कहते आ रहे हैं और कोरोना वायरस के प्रसार पीछे चीन की भूमिका पर सवाल उठाते आए हैं। इसको लेकर अमेरिका और चीन के रिश्तों में कड़वाहट लगातार बढ़ती जा रही है।








पहले अमेरिका ने चीन पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए फिर अब कोरोना को लेकर हर तरफ से अमेरिका चीन पर नकेल कसने में जुटा है। कोरोना को लेकर दोनों देश आमने सामने आ चुके हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब चीन के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। जिसके तहत उन्होंने अब अमेरिकी यूनिवर्सिटी में चीनी छात्रों के एडमिशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे अमेरिका में पढ़ाई कर क्वालिटी एजूकेशन लेने के चीनी छात्रों के सपने पर ग्रहण लग जाएगा।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...