गुरुवार, 7 मई 2020

राजस्थान ने अपना बॉर्डर सील किया

राजस्थान ने सील किया अपना बॉर्डरशर्तों के साथ राज्य में मिलेगी एंट्रीकोरोना वायरस की वजह से फैसला


जयपुर। कोरोना वायरस का संकट देश के कई राज्यों में बढ़ता जा रहा है। राजस्थान में भी बीते दिनों कई मामले सामने आए हैं, इस बीच अब जब लॉकडाउन 3.0 के तहत राहत मिलनी शुरू हुई है तो राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की सभी सीमाओं को सील करने का आदेश दिया है, ताकि प्रदेश में कोई बाहरी व्यक्ति ना आ पाए।


आदेश के मुताबिक अंतरराज्यीय आवागमन की अनुमति भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों एवं शर्तों की कड़ाई से पालन करते हुए ही दी जाएगी।


एगदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमाओं से अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से राज्य की सभी अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर रेगुलेट किया जाएगा, जिससे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर अधिकृत व्यक्ति ही राज्य में प्रवेश कर सकें।


मुख्यमंत्री बोले कि विगत दिनों में देश के कई राज्यों में कोरोना पॉजिटिव कैसेज की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि देश में पिछले तीन दिनों में 10,000 पॉजिटिव कोरोना केस रिपोर्ट हुए हैं और यह कि देश के अन्य हिस्सों से भारी संख्या में अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रदेश में प्रवेश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सीमाओं को सील करने का फैसला लिया गया है।


अंकुश लगाने का सीएम ने किया प्रयास

लखनऊ। वैश्विक महामारी के रूप में भयानक कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस ने तीन मार्च से उत्तर प्रदेश को भी अपनी चपेट में लिया था। इसके बाद से इस पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो प्रयास किया, वह सभी जगह पर सराहा गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसर तथा मंत्रियों की टीम-11 का गठन करने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कमर कसी है। 


देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण इतना भयावाह रूप नहीं ले सका। यहां पर लॉकडाउन का काफी सख्ती से पालन कराया गया और सीएम योगी आदित्यनाथ ने लगातार अपनी टीम-11 के अफसरों तथा जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और समय-समय पर बेहतर से बेहतर योजना को क्रियान्वित भी कराया गया।


कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्तर प्रदेश में पॉजिटिव तथा मृतकों की संख्या के अनुपात में स्वस्थ होने वाले अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में इसके कहर से उबरने वालों के आंकड़े का प्रतिशत देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव होने वालों का प्रतिशत 37 फीसद से अधिक है। यह देश में सर्वाधिक है। इनके बीच में भी 75 जिलों वाले राज्य में चित्रकूट में मरीज पाए जाने के बाद अब कुल 62 जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं। 


अमेरिका ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई की

वॉशिंगटन/ तेहरान। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की अपनी क्षमता को बाधित करने के उद्देश्य से पारित किया गया प्रस्ताव वीटो (अधिकृत रूप से मना कर देना) किया है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस को इसे पारित नहीं करना चाहिए। बुधवार को जारी एक बयान में, ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ईरान युद्ध शक्तियों के प्रस्ताव को वीटो कर दिया है  ईरान के खिलाफ शत्रुता में संयुक्त राज्य सशस्त्र बलों के उपयोग को समाप्त करने के लिए मुझे निर्देशित करने का निर्देश दिया गया है।


ट्रंप ने कहा कि यह एक बहुत अपमानजनक संकल्प था, जिसे डेमोक्रेट्स द्वारा रिपब्लिकन पार्टी को विभाजित करके 3 नवंबर को चुनाव जीतने की रणनीति के हिस्से के रूप में पेश किया गया था।  हिल ने बताया कि कांग्रेस के पास ट्रम्प के वीटो को ओवरराइड करने के लिए आवश्यक दो तिहाई बहुमत नहीं है।


सातवीं बार इस कदम के निशान हैं, ट्रंप ने अपने वीटो पेन का इस्तेमाल किया है, जिसमें यमन के गृह युद्ध में सऊदी अरब को अमेरिकी सेना की सहायता से संबंधित एक पूर्व युद्ध शक्ति संकल्प शामिल है। सदन ने 227-186 मतों के साथ मार्च में प्रस्ताव को मंजूरी दी। उपाय को पारित करने में छह रिपब्लिकन डेमोक्रेट के साथ शामिल हुए। सीनेट ने फरवरी में उस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जब आठ रिपब्लिकन डेमोक्रेट्स के साथ प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए मतदान किया था।


निर्धारित ग्रीष्मकालीन अवकाश हुआ रद्द

नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने इस साल देश भर में अपनी सभी पीठों के लिये निर्धारित ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द कर दिया है। एनसीएलटी ने पांच मई को रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा कि उसने इस साल के लिए गर्मी की छुट्टियां रद्द कर दी है और एनसीएलटी की सभी पीठें उक्त अवधि के दौरान काम करेंगी। दिल्ली स्थित प्रधान पीठ जून के महीने में गर्मियों की छुट्टी पर जाने वाली थी। उसने कहा, "राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के अध्यक्ष यह आदेश देते हैं कि कैलेंडर के हिसाब से मई/ जून / जुलाई 2020 के महीनों में पड़ने वाली गर्मी की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं और एनसीएलटी की सभी पीठें उक्त अवधि के दौरान काम करेंगी।’’ न्यायिक निकायों और अर्ध-न्यायिक निकायों ने भी अपनी गर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है क्योंकि वे लॉकडाउन के दौरान बंद थे और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केवल जरूरी मामलों का निपटारा कर रहे थे। हाल ही में, एनसीएलटी ने अपने आठ सदस्यों को "तत्काल प्रभाव" से देश की विभिन्न पीठों में स्थानांतरित कर दिया था। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिये सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के बाद देश भर की सभी एनसीएलटी पीठों में सुनवाई बंद है।


श्रद्धालुओं ने नाराज हो दिया इस्तीफा

लेह। केंद्र शासित लद्दाख के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शीरिंग दोरजे ने रविवार को अपने पद के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। दोरजे ने लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लद्दाख के लोगों, मरीजों, श्रद्धालुओं और विद्यार्थियों को वापिस लाने में प्रशासन की नाकामी से नाराज होकर इस्तीफा दिया है।


दोरजे ने प्रेस बयान जारी कर लद्दाख के लोगों को वापिस लाने के मामले में प्रशासन पर उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया है। इसके अलावा प्रशासन को लेह व कारगिल स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद को सक्षम तरीके से काम न करने देने की बात भी कही है।


उन्होंने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने प्रदेश के लोगों की समस्या रखी लेकिन मसले का हल नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि मार्च 2020 में ही लद्दाख में शीरिंग दोरजे को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी। वहीं शिरिंग दोरजे से जब उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ था।


श्रीलंकाः अपने कर्मचारियों से किया आग्रह

कोलंबो। श्रीलंका सरकार ने अपने कर्मचारियों से आग्रह किया है कि वे मई महीने का अपना पूरा वेतन या उसके एक हिस्से का योगदान कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए करें। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सचिव पी बी जयसुंदरा ने सरकारी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को पांच मई को लिखे एक पत्र में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निर्यात और पर्यटन से प्राप्त होने वाला राजस्व बाधित हुआ है। पत्र में कर्मचारियों से मई का पूरा वेतन या उसके एक हिस्से का योगदान कोविड-19 महामारी के खिलाफ सरकार की लड़ाई में मदद के लिए करने का आग्रह करते हुए कहा गया है, ‘‘हालांकि यह अर्थव्यवस्था पर एक अस्थायी दबाव हो सकता है, सरकार ऋण की अदायगी के लिए बाध्य है। यदि हम कोई तरीका निकाल कर स्थानीय रिण के भुगतान से बच भी लें, हमें उपलब्ध सीमित सरकारी राजस्व का इस्तेमाल करते हुए विदेशी ऋण की अदायगी करनी ही होगी।


योगी सरकार के सख्त आदेश हुए खोखले

योगी सरकार में हो रहा पत्रकारों के साथ उत्पीड़न, नही हो रही कार्यवाही


योगी सरकार के आदेश साबित हो रहे खोखले


चौथे स्तंभ का हो रहा हनन


क्षेत्र में अवैध कारोबार की खबर प्रकाशित करने पर चौकी इंचार्ज ने पत्रकार के साथ की बर्बरता


लखनऊ/ प्रयागराज। थाना कौंधियारा के अन्तर्गत चौकी प्रभारी जारी शिखर उपाध्याय ने पत्रकार पर फर्जी मुकदमा कायम कर पत्रकार उत्पीड़न किया है।
गौरतलब है कि थाना कौंधियारा के अंर्तगत चौकी प्रभारी जारी पत्रकारों पर अवैध तरीके से दवाब बनाकर बेज्जत करते रहते है। जारी क्षेत्र के पत्रकारों को समाचार संकलन में अवरोध उत्पन्न करते चले आ रहे है । विगत दिनांक 4 मई को ग्राम गढ़ैया केवटान बस्ती में साधारण तरीके से शादी का प्रोग्राम था। जिसमे पांच पांच व्यक्ति वर व कन्या पक्ष से होना निश्चित हुआ था। जिसकी जानकारी चौकी प्रभारी जारी को हो गयी। चौकी प्रभारी जारी लड़की पक्ष के चार  व्यकित को व लड़का पक्ष से दो व्यक्ति को मौके से उठा ले गए। और चौकी में सौदेबाजी करने लगे पैसो की मांग शुरू कर दिया।चौकी प्रभारी जारी का कहना था कि पैसा खर्च करो नही तो जेल जाने को तैयार हो जाइए। इस बात की सूचना उनके एक रिश्ते को मिली तो वे जारी चौकी पहुच गए और चौकी प्रभारी से कहा कि विगत 3 मई को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक शासनादेश जारी किया है कि पांच व्यकित जाकर शादी कर सकते हैं। प्रभारी ने पूछा आप की क्या तारीफ है।आप कौन है जैसे ही उस व्यक्ति ने अपने को पत्रकार बताया कि चौकी प्रभारी पत्रकार से मारपीट करने लगे कि किसी पत्रकार की हिम्मत नही है मेरे चौकी पर आने की तुम कैसे आ गए तुम्हारी हिम्मत कैसे पड़ गयी यह कहकर वे टूट पड़े।पत्रकार के खिलाफ भी मुकदमा कायम कर दिया।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हर रोज कह कह कर थक गए कि डॉक्टर व पत्रकारों व एम्बुलेंस कर्मी सफाई कर्मी का उत्पीड़न न हो अन्यथा कानूनी कार्यवाही होगी।प्रयागराज के चौकी प्रभारी जारी को यह शासनादेश की जानकारी नही थी या पत्रकार नाम से ईर्ष्या है ये समझ से परे है।


आश्चर्य की बात है कि पत्रकार के नाम से समाज मे क्या संदेश देना चाहते है पुलिस के चौकी प्रभारी! एक तरफ पत्रकारों  का कोरोना महामारी में प्रदेश के मुखिया द्वारा सुरक्षा की बात की जाती है एक तरफ सुरक्षा का जिम्मेदारी संभाल रहे चौकी प्रभारी ने स्वम पत्रकार से मारपीट किया।जिससे तहसील बारा के पत्रकारों में आक्रोश है।पत्रकारों ने उच्चाधिकारियों से आग्रह किया है कि दो दिन के अंदर जाच कर चौकी प्रभारी जारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग किया है।


बृजेश केसरवानी


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