बुधवार, 8 अप्रैल 2020

पूर्ण बंदी में जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता

नई दिल्ली। आज जब देश का नेतृत्व कोरोना के कारण हुई तीन सप्ताह की देश व्यापी बंदी के बाद, अर्थव्यव्स्था को पुन: पटरी पर लाने के रास्तों पर विचार कर रहा है, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आग्रह किया कि बंदी के बाद भी जन स्वास्थ्य को आर्थिक स्थिरता की तुलना में प्राथमिकता दी जाएगी।


आज पूर्ण बंदी के दो सप्ताह बाद अपने विश्लेषण में नायडू ने विचार व्यक्त किया कि आने वाला तीसरा सप्ताह पूर्ण बंदी के बारे में सरकार द्वारा निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण के प्रसार के आंकड़े और इसके प्रसार की गति, पूर्ण बंदी से निकालने के किसी भी निर्णय को प्रभावित करेंगे। पूर्ण बंदी को खोलने के विषय में प्रधान मंत्री तथा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुए विचार विमर्श का जि़क्र करते हुए नायडू ने लोगों से आग्रह किया कि वे यदि 14 अप्रैल के बाद भी सरकार जो भी निर्णय ले जिससे कुछ कठिनाई हो, तो भी वे सरकार के निर्णयों को अपना समर्थन देते रहें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकारें वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी तथा दुर्बल वर्गों को पर्याप्त राहत और सहायता पहुंचाई जाएगी।


22 मार्च को जनता कर्फ्यू या 25 मार्च से जारी बंदी या फिर 5 अप्रैल को दीप प्रज्वलन को प्राप्त व्यापक जन समर्थन की चर्चा करते हुए, नायडू ने कहा कि यह भारतीय परम्परा में निहित अध्यात्मिकता के गुणों को प्रतिलक्षित करता है। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिकता का अर्थ ही वृहत्तर समाज के हित के लिए स्वार्थ का शमन करना है और इस कठिन घड़ी में देशवासियों ने अपने इस संस्कारगत आध्यात्मिक चरित्र को दिखाया है जिससे इस संकट से उबरने में सहायता मिलेगी। राजधानी में हुए तबलीगी जमात तथा देश व्यापी अभियान की सफलता पर उसके प्रभाव के बारे में नायडू ने कहा कि यह घटना एक अपवाद थी जिससे दूसरों को भी सबक लेना चाहिए।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा से पहले इस अनुभव से सही सीख ले और संस्थागत, इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी, सूचनाओं के आदान प्रदान संबंधी,  अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निजी स्तर पर प्रयास संबंधी, सभी कमियों को दूर करे।


अनुमति मिलने पर बटेंंगी राहत सामग्री

नैनीताल। जनपद में समाज सेवियों एवं संगठनों को खाद्यान्न एवं पका-पकाया भोजन वितरित करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा। इसके बाद ही उन्हें नगर मजिस्टेªट या संबंधित एसडीएम से ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी। उसके उपरान्त ही कोई समाज सेवी संगठन या गैर सरकारी संगठन खाद्य समाग्री का वितरण कर पायेंगे।
डीएम सविन बंसल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान असंगठित श्रमिकों को विभिन्न समाज सेवी संगठनों द्वारा खाद्यान एवं भोजन वितरण में अत्यधिक जन समूह के एकत्रित होने एवं इस कारण सोशल डिस्टेसिंग यानी जरूरी सामाजिक दूरी का अनुपालन नहीं होने की शिकायतें आ रही हैं। इससे संक्रमण का खतरा भी उत्पन्न हो रहा है। इसलिए नयी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही डीएम बंसल ने कहा कि जिस समाज सेवी संगठन अथवा गैर सरकारी संगठनों को प्रशासन द्वारा पास जारी किये गये है वे निर्धारित तिथि एवं चिन्हित स्थल में ही पुलिस बल की मौजूदगी में ही घर पर जाकर खाद्यान एवं भोजन वितरित करेंगे। इसकी मॉनिटरिंग नगर मजिस्टेªट, उपजिलाधिकरी, अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा की जाएगी। सामाजिक दूरी के मानकों का उल्लघन करने पर उनकी वितरण की अनुमति तत्काल निरस्त करते हुयें उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।


दरोगा पॉजिटिव, पुलिस कॉलोनी सील

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। रिपोर्ट आते ही दिल्ली पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। मामले के सामने आते ही उस कालकाजी पुलिस कालोनी को सील कर दिया गया है, जहां एएसआई रहता है।दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिला के एक आला पुलिस अफसर ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव एसएसआई की उम्र 49-50 साल के आसपास है। पीड़ित को फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोंटाइन किया गया है। जबकि पत्नी और बच्चों को घर में ही एहतियातन क्वारेंटीन कर दिया गया है। जिला पुलिस सूत्रों और कालकाजी पुलिस कालोनी में ही रहने वाले एक पुलिसकर्मी के मुताबिक, सहायक सब इंस्पेक्टर कई दिन से अवकाश पर था। उसे बुखार खांसी की शिकायत हुई थी। जब संदेह होने पर जांचें कराई गई तो दो दिन पहले ही रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव की निकली।


इस बारे में दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों को भी बता दिया गया है। साथ ही एहतियातन कालकाजी पुलिस कालोनी को भी सील कर दिया गया है। जिला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि, इस परेशानी की घड़ी में पूरा महकमा पीड़ित के साथ खड़ा है। हम लोग पीड़ित परिवार का पूरा ख्याल रख रहे हैं। कालकाजी थाना पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कालोनी में आने जाने वालों पर फिलहाल पूर्ण पाबंदी रहेगी। कालोनी को स्वास्थ्य विभाग की टीमों की निगरानी में निरंतर सेनेटाइज भी कराया जा रहा है। सहायक सब इंस्पेक्टर फिलहाल दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक यूनिट में तैनात बताया जाता है।


उद्धव की कुर्सी पर कोरोना का ग्रहण

मुंबई। कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और भारत में महाराष्ट्र इस संक्रमण की सबसे ज्यादा चपेट में है। ऐसे में महाराष्ट्र में एक तरफ लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं, तो दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट के बादल गहरा गए हैं। उद्धव महाराष्ट्र के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं यानी न तो विधानसभा (एमएलए) और न ही विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य हैं। अब कोरोना के खतरों की वजह से महाराष्ट्र में एमलसी का होना वाला चुनाव टाल दिया गया है, जिसके चलते उद्धव के सामने सीएम पद को बचाए रखने की मुश्किल खड़ी हो गई है। दरअसल उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उद्धव ठाकरे को 6 माह में राज्य के किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है।


उद्धव ठाकरे विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उनकी पार्टी के किसी विधायक को अपने पद से त्यागपत्र देना होगा। इसके बाद फिर चुनाव आयोग को 29 मई से 45 दिन पहले उपचुनाव की घोषणा करनी होगी। महाराष्ट्र में शिवसेना के विधायकों की संख्या का जो आंकड़ा है, ऐसे में वो अपने किसी विधायक का इस्तीफा नहीं दिलाना चाहेंगे। दूसरा जरिया विधान परिषद की सदस्यता प्राप्त करने का है। इसके लिए चुनाव आयोग को सिर्फ 15 दिन पहले अधिसूचना जारी करनी होगी।


उत्तराखंड में लॉक डाउन बढ़ाने पर मुहर

देहरादून। जहाँ अभी कोरोना सक्रमण लगातार उत्तराखंड में बढ़ता ही जा रहा हैं ,वही कोरोना संकट के बीच आज उत्तराखंड कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में 6 बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान प्रदेश में कोरोना की ताजा स्थितियों पर चर्चा की गई। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।


राज्य सरकार केंद्र सरकार से लॉकडाउन को लेकर करेगी वार्ता। राज्य सरकार ने सारे निर्णय के सरकार पर छोड़ा। जमातियों के चलते राज्य में बढ़ने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वह भारत सरकार से लॉकडाउन को आगे बढ़ाने को लेकर वार्ता करेंगे।चर्चा के बाद यह तय किया गया है कि केंद्र सरकार को लाॅकडाउन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।


सबसे कम उम्र के संक्रमित की मौत

जामनगर। जहां एक तरफ पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना संक्रमण को  झेल रही है। वही  इस महामारी से भारत भी इस संक्रमण बीमारी से दूर नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, डॉक्टर और विशेषज्ञ इस वायरस से बचने के लिए कई अलग-अलग सलाह दे रहे हैं और लोग उनका पालन भी कर रहे हैं।


इसी बीच एक खबर आई कि मंगलवार को गुजरात के जामनगर जिले में एक 14 महीने के नवजात की कोरोना सक्रमण से मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को बेहद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद बच्चे के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। हालांकि बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में असफल रहें। गुजरात में कोरोना वायरस से संक्रमित यह शिशु सबसे कम उम्र का मरीज था।


सोशल डिस्टेंसिंग पर सख्त डीएम शामली

साजिद खान / फरमान अली 


शामली। जिलाधिकारी शामली जसजीत ने बैंकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग वह अन्य प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के संबंध में लीड बैंक मैनेजर को निर्देशित करते हुए कहा कि कोरोनावायरस के दृष्टिगत सरकार द्वारा लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि अन्तरित किए जाने के उपरांत खाताधारकों द्वारा अपने खाते से धनराशि आहरित किए जाने हेतु बैंकों से संपर्क किया जा रहा है।


जिसके चलते बैंक शाखाओं के सामने ग्राहकों की लंबी कतारें लग जाती है, जिस कारण बैंकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिग का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। जबकि वर्तमान परिदृश्य में यह अनिवार्य है।जिलाधिकारी ने लीड बैंक मैनेजर को यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक बैंक शाखा के बहार दो ग्राहकों के मध्य समुचित दूरी रखते हुए पेंट के माध्यम से गोल निशान(सर्किल) प्रदर्शित किया जाये।तथा बैंक के सुरक्षा गार्ड द्वारा ग्राहकों की लाइन सुव्यवस्थित रखा जाये।साथ ही बैंक कर्मचारियों को मास्क भी उपलब्ध कराये जाये। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बैंक ग्राहकों के लिए हाथ धोने के साबुन व सैनिटाइजर की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए। इसके अलावा बैंक शाखाओं की मांग/ आवश्यकतानुसार श्री शैलेन व्यास उपायुक्त स्वत:रोजगार शामली से संपर्क करके एन0जी0ओ0 समूहों द्वारा बनाए जा रहे हैं मास्क बैंकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।


पुलिसकर्मियों का 50 लाख का बीमा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर राज्य में पुलिस कर्मियों के लिए 50 लाख रुपए के बीमा कवर का एलान किया है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह और सूचना) अवनीश अवस्थी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिसकर्मियों को 50 लाख का इंश्योरेंस दिए जाने के आदेश दिए हैं। कोरोना से जंग लड़ रहे उत्तर प्रदेश के पुलिस कर्मियों के लिए योगी सरकार ने 50 लाख का इंश्योरेंस करने का फैसला लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पुलिसकर्मियों का 50 लाख रुपए का बीमा कराया जाए। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। इससे पहले, पंजाब सरकार ने पुलिसकर्मियों और स्वच्छता कर्मचारियों को 50 लाख का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा की थी।


लॉक डाउन पर विपक्ष से बातचीत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये देश के विपक्षी नेताओं के साथ मीटिंग की। इसमें देश में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के मद्देनजर इस महामारी से बचाव के उपायों और लॉकडाउन (Lockdown)के मुद्दे पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित लोगों की संख्‍या बढ़कर पांच हजार के पार पहुंच गई है। वीडियो लिंक के जरिये पिछले कुछ दिनों की गई मीटिंग के सिलसिले को बढ़ाते हुए पीएम ने बुधवार को विपक्षी नेताओं से बातचीत की।


वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग में जो नेता शामिल हुए, उसमें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपाध्‍याय, शिवसेना के संजय राउल, समाजवादी पार्टी के राममोपाल यादव, बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा, लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान, एनसीपी नेता शरद पवार और डीएमके नेता टीआर बालू शामिल थे, इसमें लोक जनशक्ति पार्टी  एनडीए का हिस्‍सा है।  


गौरतलब है कि देश में कोरोना से बचाव के लिए इस समय 14 अप्रैल तक का लॉकडाउन जारी है। ऐसे समय जब देश में कोरोना के केसों की संख्‍या में इजाफा हुआ है, लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने पर विचार हो रहा है। यूपी, तेलंगाना जैसे कुछ राज्‍यों में भी लॉकडाउन को बढ़ाने का अनुरोध किया है। पिछले सप्‍ताह पीएम ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनजी सहित कुछ अन्‍य नेताओं से चर्चा की थी और देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को करने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में सुझाव मांगे थे। उन्‍होंने पूर्व राष्‍ट्रपति प्रतिभा पाटील, प्रणब मुखर्ज और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह और एचडी देवेगोड़ा के साथ भी वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की थी। कोरोना वायरस की महामारी के कारण देश में अब तक 149 लोगों की मौत हुई है, इसमें से 35 मौतें पिछले 24 घंटों में हुई हैं। एक दिन में कोरोना वायरस के चलते देश में हुई मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में 21 दिनों का लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्‍म होगा। पीएम की शनिवार को राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के साथ होने वाली दूसरी बैठक में लॉकडाउन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।


सरकारी विज्ञापनों पर रोक का आग्रह

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग लड़ने के लिए देश भर में कई कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने कई फैसले लिए हैं, और अब सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को सलाह दी है। इस पर फराह खान का रिएक्शन आया है |



कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए देश भर में कई कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने कई फैसले लिए हैं, और अब सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को सलाह दी है। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है कि वह सरकार और पीएसयू द्वारा मीडिया कंपनियों (टीवी, प्रिंट और ऑनलाइन) को विज्ञापन दिए जाने पर दो साल तक के लिए रोक लगा दें। सोनिया गांधी का यह सुझाव सोशल मीडिया पर खूब पढ़ा जा रहा है, और इस पर बॉलीवुड के मशहूर एक्टर संजय खान की बेटी और जूलरी डिजाइनर फराह खान अली का भी ट्वीट आया है जो खूब सुर्खियां बटोर रहा है।



कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पीएम नरेंद्र मोदी को दिए गए इस सुझाव पर फराह खान अली ने ट्वीट किया है और लिखा है, ‘बहुत ही सही आइडिया। फराह खान अकसर सोशल मीडिया पर बहुत ही बेबाकी के साथ अपनी राय रखती हैं, और इस वजह से उन्हें कई बार ट्रोल भी किया जाता है, लेकिन वह अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटती हैं। इस तरह इस बार भी उन्होंने सोनिया गांधी के इस विचार को एकदम सही ठहराया है। 


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को  सरकारी विज्ञापन बंद करने, दिल्ली में 20,000 करोड़ रुपये के “सौंदर्यीकरण अभियान” को टालने तथा अधिकारियो-मंत्रियों का विदेश दौरा रद्द करने और पीएम केयर्स फंड की राशि को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है। यह चिट्ठी ऐसे समय लिखी गई जब हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों के नेताओं से फोन पर बात करके कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के संबंध में सुझाव मांगे थे।


मुफ्त में होनी चाहिए कोरोना जांचः एससी

केंद्र सरकार को कहा कि निजी लैब को ज्यादा पैसा वसूलने से भी रोका जाए
नई दिल्ली। देश में कोरोना के 5,000 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इस जानलेवा वायरस से 149 लोगों की मौत हो चुकी है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार से कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में कराने की व्यवस्था कराने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि निजी लैब भी इस जानलेवा वायरस की जांच में ज्यादा पैसे न वसूले। कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने डॉक्टरों को योद्धा बताते हुए उनके सुरक्षा के इतंजाम करने को भी कहा। कोर्ट ने कहा, ‘कोरोना के बीच डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा अहम है। ये योद्धा हैं और उनकी तथा उनके परिवार की सुरक्षा बेहद जरूरी है। बता दें कि अस्पताल में भर्ती तबलीगी जमात के लोगों द्वारा डॉक्टरों और नर्सों के साथ बदसलूकी की लगातार खबरें आ रही हैं। सरकार की तरफ से पश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए अहम कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि PPE किट का तेजी से इंतजाम किया जा रहा है। इसके अलावा पॉजिटिव लोग किसी को प्रभावित न करें, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।
सरकार बोली, कोरोना से निपटने को हर कोशिश
मेहता ने डॉक्टरों के वेतन से पैसे काटने की बात को गलत बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों एवं प्राइवेट डॉक्टर्स के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती न करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि कोरोना टेस्ट के रिम्बर्समेंट के लिए सरकार एक तंत्र बनाए। इसपर सरकार की तरफ से पेश मेहता ने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे और इसकी कोशिश करेंगे। सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया वह कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।


ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ का फंड रोका

बताया चीन का हिमायती, कहा- रोक रहे हैं फंडिंग



वॉशिंगटन। कोरोना वायरस का खतरा दुनियाभर के देशों में बढ़ता जा रहा है। अमेरिका में कोरोना वायरस से हर दिन मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। यह संख्या 12 हजार पार कर गई है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 महामारी से निपटने के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन को आड़े हाथों लिया है। ट्रंप ने WHO को चीन का बड़ा हिमायती बताते हुए उसकी फंडिंग रोकने की धमकी दी है.डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़े पैमाने पर धन मिलता है। मैंने चीन के लिए यात्रा पर बैन लगाया तो वो मुझसे असहमत थे और उन्होंने (डब्ल्यूएचओ) ने मेरी आलोचना की। वे बहुत सारी चीजों के बारे में गलत थे। ऐसा लग रहा है कि उनका चीन पर ज्यादा ध्यान है। हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली धनराशि पर रोक लगाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, हम उन्हें 5.8 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि देते हैं। इतने वर्षों में उन्हें जो पैसा दिया गया है उसके मुकाबले 5.8 करोड़ डॉलर छोटा-सा हिस्सा हैं। कई बार उन्हें इससे कहीं ज्यादा मिलता है। ट्रंप ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन से आने वाले विमानों पर रोक लगाने का जिक्र भी किया। उन्होंने पूछा कि WHO ने इस तरह की दोषपूर्ण सिफारिश क्यों की है? उन्होंने कहा कि सौभाग्य से मैंने चीन से अपनी सीमाएं जल्द खोलने की उनकी सलाह को खारिज कर दिया।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...