सोमवार, 6 अप्रैल 2020

सब बंद, दूध और दवाई मिलेगी

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 40 हो गई है। रविवार को आठ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें तीन डॉक्टर भी हैं। सभी को एम्स में भर्ती कराया गया है। यह पहली बार है जब एकसाथ 8 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं, प्रशासन ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। कलेक्टर तरुण पिथौडे ने कहा है कि अब केवल दूध और दवाई की दुकानों को छोड़कर बाकी दुकाने अगले आदेश तक बंद रहेंगी।


इंदौर में कोरोना पॉजिटिव एक और महिला ने रविवार दोपहर दम तोड़ दिया। महिला का एमआरटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा था। स्नेहलता गंज निवासी 53 साल की महिला को 10 दिन पहले सर्दी-खांसी और सांस लेने में तकलीफ हुई थी। उसे तीन दिन से तेज बुखार था। महिला की किसी प्रकार की ट्रैवल और कॉन्टेक्ट हिस्ट्री नहीं है।


इंदौर में अब तक 131 कोरोना पॉजिटिव है, इनमें से 9 मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में अब मरने वालों का आंकड़ा 13 हो गया है। मध्य प्रदेश में 194 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें इंदौर 128, मुरैना 12, भोपाल 26, जबलपुर 8, उज्जैन 7, खरगोन 4, बड़वानी 3, ग्वालियर, शिवपुरी और छिंदवाड़ा में 2-2 संक्रमित मिले। इंदौर 9, उज्जैन 2, खरगोन और छिंदवाड़ा में एक-एक पीड़ित की मौत हो चुकी है। इसमें भोपाल के 2 और शिवपुरी के एक मरीज स्वस्थ्य होने पर घर भेज दिया गया।    


9 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई
इंदौर संभागायुक्त ने बताया है कि रविवार को 9 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन 9 मरीजों में से 8 अरविंदो हॉस्पिटल में और एक एमआरटीबी हॉस्पिटल में भर्ती है। संभागायुक्त ने बताया है कि पहली रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अब प्रोटोकाल के तहत


इनको रहेगी छूट
मेडिकल, दूध की दुकानें और आॅनलाइन सप्लाई चालू रहेगी। शासकीय कार्य के लिए अतिआवश्यक सेवा में लगे अधिकारी और कर्मचारी के वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। मीडिया उनके प्रतिनिधियों को पहले की तरह छूट रहेगी। आपातकालीन सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सभी तरह के पास सस्पेंड कर दिए गए हैं। वहीं निजी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। किसी भी क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। कैंटोनटमेंट क्षेत्र से बाहर जाना और जोन के बाहर पाए जाने पर उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित की गिरफ्तारी की जाएगी।


भूकंपः 11 दिनों में 8 बार कांंपी धरती

हिमाचल में भुकंप, 11 दिनों में 8वीं बार कांपी धरती

चंबा। सोमवार सुबह हिमाचल के चंबा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जानमाल के नुक़सान की कोई जानकारी नहीं है।


चंबा जिले में सुबह 7-30 बजे अचानक धरती कांप उठी,  स्थानिय लोग घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3•1 मापी गई है। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र चंबा जिले से पांच किमी दूर पूर्वोत्तर में ज़मीन के भीतर पांच किमी अंदर रहा। बीते 27 से 30 मार्च के बीच इसी जिले में सात बार 3 से 4•5 तीव्रता के झटके आ चुके हैं सोमवार को 8वीं बार भूकंप आया। भूकंप के कारण किसी भी तरह के जान-माल के नुक़सान की कोई जानकारी नहीं है।



पुलिस पर हमला, 17 लोगों पर रासुका

बरेली में पुलिस पर हमला, रासुका के तहत होगी कार्रवाई
प्रेमशंकर 
बरेली। झुंड लगाकर ताश खेल रहे लोगों को रोकने पर भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस ने 17 लोगों को हिरासत में लिया है जिनके खिलाफ रासुका लगाने की तैयारी है।


लाॅकडाउन का उलंघन करने से रोकने पर इज्जतनगर थानें के कर्मपुरा गांव में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया।‌‌‌‌‌ बताया जा रहा है गांव में बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलकर घूम रहे थे, झुंड के रूप में ताश खेल रहे लोगों को जब गश्त कर रही पुलिस ने रोका तो भीड़ जमा हो गई और पुलिस से बदसलूकी करने लगी। देखते ही देखते भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया और पुलिस चौकी को घेरने की कोशिश की। इसके बाद और पुलिस बुलाई गई और भीड़ पर हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को रोका गया। पुलिस ने 17 लोगों की पहचान कर हिरासत में लिया है, अभी घटना में शामिल रहे और लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है।


कब खुलेंगे स्कूल-कॉलेज ?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की स्थिति फिलहाल पूरे देश में 14 अप्रैल 2020 तक रहेगी। ये सवाल सभी के मन के उठ रहा है कि क्या लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ेगी.. स्कूल-कॉलेज कब शुरू होंगे। इस सवाल को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट की है। HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संकट परिस्थिति की 14 अप्रैल 2020 को समीक्षा की जाएगी और इसके बाद ही स्कूल-कॉलेज दोबारा खोलने को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है, जो 14 अप्रैल 2020 तक चलेगा। आगे की स्थिति के लिए 14 अप्रैल को समीक्षा होगी। HRD मंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं और अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हमारा मंत्रालय ये सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि यदि स्कूल-कॉलेज को 14 अप्रैल के बाद भी बंद रखने की जरूरत पड़ी तो छात्रों को पढ़ाई लिखाई का कोई नुकसान नहीं हो। पर कोई भी फैसला लेने से पहले सभी बातों का ध्यान रखा जाएगा।
गौरतलब है कि देश में 21 दिन के लिए लागू लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त होने पर HRD मंत्रालय बैठक करेगा। 14 अप्रैल के बाद की स्थिति के लिए मंत्रालय की योजना को लेकर मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि इस समय कोई भी फैसला करना मुश्किल है। पहले स्थिति की विस्तृत समीक्षा की जाएगी और फिर कोई फैसला किया जाएगा कि स्कूल-कॉलेज खोले जा सकते हैं या उन्हें कुछ और समय के लिए बंद रखना जरूरी है।
बता दें कि देश में डेढ़ लाख स्कूलों के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों में 40 हजार से ज्यादा कॉलेज और 12 हजार उच्च शिक्षण संस्थान हैं। मंत्री ने बताया कि फिलहाल दीक्षा और स्वयं जैसे विभिन्न सरकारी प्लेटफार्म के जरिए बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की जा रही है।


भाजपा स्थापना दिवस पर की जनसेवा

मेरठ । भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर महानगर मंत्री ममता मित्तल द्वारा माधवपुरम पुलिस चौकी के पास आम जनता को भोजन वितरण किया गया। इसके साथ ही पूरे जिले की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को ब्रह्मपुरी थाने में 100 पेकेट भोजन उपलब्ध कराया गया। अपने निवास पर भी आम जनता को भोजन वितरित कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। लगभग 800 लोगो को  भोजन का वितरण किया गया जिसमें जिला महामंत्री अरविंद मारवाड़ी, पार्षद राजकुमार मांगलिक, पूर्व मंडल अध्यक्ष राजीव गोयल, अमित अत्रि, विनोद, दीपक ,मोना, प्रमोद सिंघल, विकास जाटव, सुल्तान, आदि उपस्थित रहे।



 


कोरोना की लड़ाई लंबी, हारना मत

राकेश रोशन


नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के 40 वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि "कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई लंबी है, इसलिए थकना नहीं है, हारना नहीं है ,और सिर्फ जीतना ही है" अब सवाल है कि जिस कोरोना संकट से देश गुजर रहा है और पीएम के निर्देश पर पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू है तो क्या प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत दे दिया है कि लॉकडाउन अभी नहीं टूटेगा?या फिर कुछ और?


लड़ाई लम्बी है ,थकना नहीं है,इसका मतलब क्या है?
40 वें स्थापना दिवस समारोह पर नरेंद्र मोदी के द्वारा संबोधन के दौरान कही गई यह बात कि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई लंबी है।इसके कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक प्रकार से देश के तमाम बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों के बीच एक सवाल छोड़ दिया है ,जिसके बाद से लगातार अपने -अपने हिसाब से कयासों का दौर जारी है, कुछ लोग सवाल यह भी पूछ रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री एक लंबे लॉक डाउन के लिए देश को तैयार करना चाहते हैं या फिर या 15 अप्रैल को यह खत्म हो जाएगा.....


ख्याल रखियेगा पीएम ने देशवासियों से कुछ हफ्ते मांगे थे...
कोरोना वायरस के संकट  के बीच देश में चल रहे 21 दिनों का लॉक डाउन ,फिर ताली और थाली बजाकर कोरोना वायरस से लड़ रहे योद्धाओं का समर्थन और एक बार फिर 5 अप्रैल को रात्री 9 बजे 9 मिनट तक दीप प्रज्वलन का संकल्प।इसके बाद  भारतीय जनता पार्टी के 40 वें स्थापना दिवस समारोह पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह कहना कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लंबी है... लेकिन अब जरा इससे पहले प्रधानमंत्री के कथनों पर गौर कीजिए।याद कीजिए जब प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था। उन्होंने यह कहा था की वह देशवासियों से उनके कुछ हफ्ते चाहते हैं। परिणाम हुआ 2 दिनों बाद पूरे देश में 21 दिनों के लॉक डाउन का ऐलान कर दिया गया। 


दुनिया के  इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब 130 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में लोगों को 21 दिनों के लिए घरों में रहने के लिए कह दिया गया। एक तरफ 14 मार्च को लॉक डाउन समाप्त हो रहा है तो दूसरी तरफ कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है । कोरोना की वजह से मरने वाले लोगों के आंकड़े भी धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।21 दिनों का लॉक डाउन देश को प्रतिदिन आर्थिक तौर पर तोड़ रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर 21 दिन घरों में रहिएगा तो 21 साल पीछे जाने से बच जाइएगा यानी जो ठहरेगा वही जीतेगा तो आज के संबोधन के बाद कयासों का दौर जारी है ।लोग जानना चाह रहे हैं कि प्रधानमंत्री के द्वारा यह कहा जाना कि अभी लड़ाई लंबी है इसका मतलब क्या लॉक डाउन अभी नहीं टूटेगा?


पटना में 7000 से अधिक क्वॉरेंटाइन

पटना। पटना में करीब 7 हजार से अधिक लोगों को कोरेंटाइन सेंटर में रखा गया है। ये सभी ऐसे लोग हैं जो 25 मार्च के बाद भी विदेश या अन्य प्रदेशों से आए हैं। उन्हें अलग-अलग जगहों पर रखा गया है। इनमें से कई लोगों का 14 दिन का क्वॉरेंटाइन पूरा हो गया है लेकिन प्रशासन ने 14 अप्रैल के बाद ही उन्हें  निकलने की इजाजत दी है.
 निकलने से पहले एक बार फिर से उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसके बाद उन्हें फिर घर से निकलने का आदेश दिया जाएगा। दूसरे चरण की स्क्रीनिंग 12 अप्रैल से शुरू होगी। इस बाबत डीएम कुमार रवि ने बताया कि 7 हजार से अधिक लोग क्वारंटाइन सेंटर में  रखे गए हैं उन पर विशेष नजर रखी जा रही है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो तबलीगी जमात में शामिल हुए थे उनकी खोजबीन की जा रही है।



इसमें से कुछ लोगों की पहचान की गई है उनकी जांच भी कराई गई है। बाहर से आए ज्यादातर लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा गया है। जहां ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसी भी व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया है। शहरी इलाके में जिन क्षेत्रों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है उन इलाकों को विशेष तौर पर निगरानी की जा रही है। पटना शहर में जो क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं वहां रह रहे लोगों को नियमित चिकित्सा जांच कर रही है। वहीं कोराना को लेकर ग्रामीण भी सजग है। कई इलाकों में ग्रामीणों ने ही बाहर से आए लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भिजवा दिया है। अनामिका


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...