रविवार, 5 अप्रैल 2020

ब्रिटेन में भी जारी किया 'लॉक डाउन'

लंदन। चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस की दहशत पूरी दुनिया में दिख रही है और करोड़ों लोगों को अपने घरों में रहने को मजबूर कर दिया है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूरे ब्रिटेन में देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) के आदेश दिए हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया समेत कई इलाकों को लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि ब्रिटेन में लॉकडाउन के पीछे एक ब्रिटिश शोध रिपोर्ट है, जिसने चौंकाने वाला अनुमान लगाया है।


कोरोना वायरस पर लंदन के इंपीरियल कॉलेज की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है कि कोरोना वायरस पर अगर काबू नहीं पाया गया तो यह ऐसे ही तीव्र गति से फैलता रहा तो ब्रिटेन में करीब 5 लाख 10 लोगों की मौत हो सकती है। वहीं, अमेरिका के लिए भी इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में कोरोना वायरस के फैलने से 2.2 मिलिनय यानी 22 लाख लोगों की मौत हो सकती है। दरअसल, इस रिपोर्ट में एक तरह से चेतावनी दी गई है कि अगर समय रहते इस वायरस पर काबू नहीं पाया गया तो दोनों देशों में स्थित भयावह हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना से निपटने के लिए कठोर कदम उठाए हैं और पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। इस रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है कि अगर कुछ कदम नहीं उठाए गए तो अगले तीन महीनों में मरने वालों की संख्या चरम पर होगी और इससे करीब 81 फीसदी आबादी प्रभावित होगी। इंपीरियल कॉलेज ब्रिटेन की सरकार को पिछले महामारियों को लेकर भी सलाह दे चुकी है, जिनमें सार्स, एवियन फ्लू और स्वाइन फ्लू शामिल हैं। इंपीरियल की इस रिपोर्ट का नेतृत्व प्रोफेसर नील फर्गुसन ने किया है, जिनके साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और 50 वैज्ञानिकों की एक टीम है। प्रोफेसर फर्गुसन के मुताबिक, यह रिपोर्ट इटली में कोरोना वायरस से जुड़े ताजा आंकड़ों की तुलना के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंची है। बता दें कि इटली में चीन से भी भयावह स्थिति है और कोरोना से मौत के मामले अब चीन से ज्यादा इटली में हो गए हैं। इटली में करीब 3500 लोगों की मौत हो चुकी है।प्रोफेसर फर्गुसन ने रिपोर्ट जारी होने के बाद कहा कि कोरोना वायरस से कैसे निपटा जाए और इसके प्रकोप को कैसे रोका जाए, इसे सोच कर ब्रिटेन पिछले कुछ सप्ताह से संघर्ष कर रही है। हमारे और टीम के अनुमान के मुताबिक, लॉकडाउन के अलावा सच में कोई विकल्प नहीं है। मगर चीन के नक्शेकदम पर चलकर इससे निपट सकते हैं। बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से अब तक करीब 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 2 लाख 65 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। ब्रिटेन में लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। ठीक उसी तरह अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य ने भी बड़ा कदम उठाते हुए लोगों से किसी भी हाल में अपने घर में ही रहने को कहा है। अमेरिका ने आर्थिक मोर्चे की दिक्कतों को दूर करने के लिए एक हजार अरब के आपातकालीन राहत पैकेज का वादा किया है।


जमीन पर हमले, संप्रभुता का हनन

तेहरान। अमेरिका ने ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के बाद कहा था कि अगर ईरान ने प्रतिक्रिया दी तो उसके 52 ठिकानों पर हमले किए जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने खुद ट्वीट कर ईरान को यह चेतावनी दी थी। अब जब ईरान बदले की कार्रवाई में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दाग चुका है तो उसे अमेरिकी प्रतिक्रिया की आशंका सताने लगी है। इसलिए वह ईरान के 52 ठिकानों को ध्वस्त करने की अमेरिकी चेतावनी के जवाब में 140 अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दे रहा है। उधर, इराक ने कहा कि ईरान ने मिसाइल हमलों की जानकारी पहले ही दे दी थी।


ट्रंप के 52 के जवाब में ईरान का 140ः याद रहे कि ट्रंप ने शनिवार को चेतावनी दी थी कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या सम्पत्ति पर हमला करता है तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा और उन पर ‘बहुत तेजी से और जोरदार हमला’ करेगा। अब कुद्स फोर्स का कहना है कि उसने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के 140 ठिकानों की निशानदेही कर ली है। उसका कहना है कि अगर अमेरिका ने मिसाइल हमलों की प्रतिक्रिया में ईरान को कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो वह इन सभी ठिकानों को निशाना बनाएगा। ईरानी टेलिविजन के मुतााबिक, सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के दफ्तर के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को जवाब देने के कई तरीकों में अभी मिसाइल हमले का सबसे ‘कमजोर’ तरीका चुना गया। ईरान इससे भी कड़ा और बड़ा कदम उठाने की क्षमता रखता है।
ईरान की धमकी पर इजरायल लालः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की ओर से हमले की कोशिशों पर कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘हम पर जो भी हमला करेगा, उसे मुहंतोड़ जवाब मिलेगा।’ दरअसल, ईरानी इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने मिसाइल हमलों की प्रतिक्रिया में ईरानी धरती पर हमले के जवाब में अमेरिका के सहयोगी देशों को निशाना बनाने की धमकी दी थी। इसने कहा था कि अमेरिका ने भविष्य में ईरान की धरती पर बम बरसाया तो जवाब में संयुक्त अरब अमिरात (यूएई) के दुबई और इजरायल के हाफिया जैसे शहरों को निशाना बनाया जाएगा। इजरायली पीएम ने ईरान की इसी धमकी पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है।
अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा: खामेनई
ईरान का कहना है कि उसने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर 51 से मिले ‘आत्मरक्षा के अधिकार’ के तहत इराक स्थित अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, उसका इरादा अमेरिका के साथ युद्ध लड़ने का नहीं है। ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि उनका देश किसी भी आक्रमण का मुकाबला करने को तैयार है। उधर, ईरान के रक्षा मंत्री आमिर हातमी ने सरकारी न्यूज चैनल से कहा, ‘हमने छोटी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया… उम्मीद है कि यह अमेरिका के लिए यादगार सबक साबित होगा।’ ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने भी कहा कि ईरान ने इराक के अल-असद और इरबिल सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों के जरिए अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा लगाया है।
‘इराक से अमेरिका पर हमले का वक्त आ गया’
इधर, इराक ने कहा कि ईरान ने उसे पहले ही बता दिया था कि वह अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने जा रहा है। ईराक में अर्धसैनिक बल के प्रमुख कैस अल-खजाली ने कहा कि अब अमेरिका पर इराक को ईरान से भी जोरदार हमला होगा। ईराक के हसद अल-शाबी पार्ल्यामेंट्री नेटवर्क के टॉप कमांडर ने कहा कि बगदाद में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए किए गए अमेरिका ड्रोन हमले का जवाब देने का वक्त आ गया है। अमेरिकी हमले में हसद के डेप्युटी चीफ अबू मेहदी अल-मुहांदिस भी मारे गए थे।
युद्ध का इरादा नहीं: ईरानी विदेश मंत्री
हालांकि, इराक के प्रधानमंत्री ने व्यापक युद्ध छिड़ने के भयावह परिणाम का जिक्र करते हुए ईरान और अमेरिका, दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय समझौतों और इराक का सम्मान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इराक अपनी संप्रभुता के हनन और अपनी जमीन पर हमलों का विरोध करता है।


 


तालिबान से कई ऐतिहासिक समझौते

तालिबान से ऐतिहासिक समझौता


दोहा/कतर। अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहाासिक शांति समझौते पर 29 फरवरी शनिवार को मुहर लग गई। इसके तहत तय हुआ है कि अमेरिका का लक्ष्य 14 महीने के अंदर अफगानिस्तान से सभी बलों को वापस बुला लेना है। यह समझौता कतर के दोहा में हुआ। इस कार्यक्रम का साक्षी बनने के लिए दुनियाभर के 30 देशों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया, इनमें भारत भी शामिल है। कतर में भारत के दूत पी कुमारन भारत की तरफ से दोहा में यूएसए-तालिबान शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। यह पहला मौका होगा, जब भारत, तालिबान से जुड़े किसी मामले में आधिकारिक तौर पर शामिल हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ समझौते पर हस्ताक्षर करने के गवाह बने।


श्रृंगला ने अशरफ गनी को पीएम मोदी का पत्र सौंपाः अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर से एक दिन पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला शुक्रवार को काबुल पहुंचे और शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान के लिए भारत का खुला समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी से भेंट की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र सौंपा. श्रृंगला ने अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला, निर्वाचित उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब और कार्यकारी विदेश मंत्री हारून चखानसूरी से मुलाकात की तथा उन्हें अफगानिस्तान के सर्वांगीण विकास के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता से अवगत कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा कि अफगानिस्तान की राष्ट्रीय एकता, क्षेत्रीय अखंडता, लोकतंत्र, बहुलवाद और उसकी समृद्धि एवं बाहरी प्रायोजित आतंकवाद के खात्मे में भारत उसके साथ खड़ा है। गनी के साथ श्रृंगला की बैठक के बारे में कुमार ने कहा कि अफगान राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में लोकतंत्र एवं संवैधानिक व्यवस्था के प्रति भारत के निरंतर सहयोग की सराहना की।कुमार ने कहा कि विदेश सचिव ने अफगानिस्तान के नेतृत्व के साथ वहां के विकास एवं शांति प्रयासों पर सार्थक चर्चा की. दोहा में शनिवार को अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं जिससे इस देश में तैनाती के करीब 18 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ होगाा। सम्मेलन का आयोजन रूस द्वारा किया गया था, जिसमें तालिबान का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, अफगानिस्तान, अमेरिका, पाकिस्तान और चीन समेत समेत कई अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। शांति समझौते से पहले भारत ने अमेरिका को यह बता दिया है कि वह पाकिस्तान पर उसकी जमीन से चल रहे आतंकी नेटवर्कों को बंद करने के लिये दबाव डालता रहे यद्यपि अफगानिस्तान में शांति के लिये उसका सहयोग महत्वपूर्ण है। ऐतिहासिक समझौते से पहले नाटो प्रमुख पहुंचे अफगानिस्तान अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहासिक समझौते से पहले अधिकारियों से मिलने के लिए नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग शनिवार को अफगानिस्तान पहुंचे. नाटो ने एक बयान में बताया कि स्टोल्टनबर्ग अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ शनिवार शाम काबुल मीडिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी मौजूद होंगे। स्टोल्टनबर्ग देश में अमेरिका और नाटो बलों के प्रमुख जनरल स्कॉट मिलर से भी मुलाकात करेंगे। शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी की संभावनाः इस समझौते के तहत दोनों शत्रुओं के बीच चरमपंथ खत्म करने के बदले अफगानिस्तान से हजारों अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने पर सहमति बनी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान लोगों से नया भविष्य बुनने के मौके का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने हस्ताक्षर कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर कहा कि अगर तालिबान और अफगान सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर पाते हैं तो हम अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकेंगे और अपने सैनिकों को घर वापस ला पाएंगे। ट्रंप ने कहा कि वह संधि पर हस्ताक्षर के लिए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को भेज रहे हैं और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर काबुल सरकार के साथ अलग से घोषणा-पत्र जारी करेंगे। उम्मीद है कि इस समझौते से काबुल सरकार और तालिबान के बीच संवाद होगा और अगर यह बातचीत सार्थक रहती है तो अफगान युद्ध अंतत: समाप्त हो जाएगा।


खाई- 30 एमकेआई में तैनात किया

भारत ने रूस के साथ हवा से हवा में मार करने वाली R-27 मिसाइलों की खरीद के लिए 1,500 करोड़ रुपये का करार किया है। इन मिसाइलों को लड़ाकू विमान


मास्को। खाई-30 एमकेआई में तैनात किया जाएगा। एक सरकारी सूत्र ने बताया, ‘भारतीय वायुसेना में तैनात लड़ाकू विमान सुखोई-30MKI के लिए हवा से हवा में मार करने वाली R-27 मिसाइलों के लिए रूस से करार किया गया है।’आपको बता दें कि रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर अमेरिकी की आपत्तियों के बीच यह सौदा किया गया है। इससे सरकार ने साफ किया है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए किसी तरह के दबाव में आने वाला नहीं है। इन मिसाइलों के जरिए भारतीय वायुसेना के पास हवा में लंबी दूरी तक मार करने की ताकत आ जाएगी। गौरतलब है कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने करगिल विजय दिवस के मौके पर कहा था कि हम राष्ट्र की सुरक्षा के मसले पर किसी तरह के अभाव, प्रभाव और दबाव की स्थिति में आने वाले नहीं हैं।इन मिसाइलों को सरकार ने 10-I प्रॉजेक्ट के तहत लेने का फैसला लिया है। इसके तहत यह तय किया गया है कि तीनों सेनाओं के पास जरूरी साजोसामान उपलब्ध रहे। रूस ने इन मिसाइलों को अपने मिग और सुखोई सीरीज के लड़ाकू विमानों में तैनात करने के लिए तैयार किया है। इससे भारत के पास मध्यम से लंबी दूरी तक की रेंज में मार करने की क्षमता होगी।रक्षा मंत्रालय की ओर से आपातकालीन जरूरतों के लिए मंजूरी दिए जाने के बाद बीते 50 दिनों में भारतीय वायुसेना ने अब तक अपने साजोसामान के लिए 7,600 करोड़ रुपये तक की डील्स की हैं। इसी साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद से सरकार ने तीनों बलों को किसी भी साजोसामान की खरीद के लिए आपातकालीन शक्तियां दी हैं।


लॉक डाउन में गोली मारकर हत्या

प्रयागराज। लॉक डाउन के दौरान शहर के करेली इलाके के बक्शी मोढ़ा में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि बख्शी मोढ़ा में चाय की दुकान पर हुए विवाद में गोली मारी गई है। लॉक डाउन उनमें रोक के बावजूद खुली चाय की दुकान पर हत्याकांड से खलबली मच गई है। जानकारी के अनुसार दुकान पर मौजूद लोटन निषाद और मोहम्मद सोना के बीच कोरोनावायरस व तबलीगी जमात को लेकर हो रही बातचीत के बीच कहासुनी होने लगी। बात इस कदर बढ़ी कि मोहम्मद सोना ने लोटन निषाद को गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।


हत्या की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपीः मोहम्मद सोना को गिरफ्तार कर जांच में जुटी हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार आसपास के लोगों ने मोहम्मद सोना को घेर कर पकड़ लिया फिर पुलिस को सौंपा दिया गया। पुलिस के अनुसार चाय की दुकान पर कुछ लोग खड़े होकर आपस में बातचीत कर रहे थे। इस दौरान लोटन निषाद ने जमात के लोगो के पकड़े जाने पर सवाल उठाये जिस पर मोहम्मद सोना ने जमात के समर्थन में गोली चला दी। जिससे लोटन निषाद की मौके पर मौत हो गई। पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस इस बात की भी तफ्तीश कर रही है कि लाक़ डाउन के दौरान मनाही के बावजूद भी चाय की दुकान कैसे खोली गई। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सख्त है। उन्होंने मृतक परिवार को चार का मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही आरोपियों पर रासुका के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए है। लॉक डाउन के दौरान चाय की दुकान क्यों खोली गई और पुलिसकर्मियों ने कोई कार्यवाही नहीं की इसको लेकर कप्तान ने पुलिसकर्मियों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।


बृजेश केसरवानी


3 महिने स्कूल के बच्चों की फीस माफ

बृजेश केसरवानी 


प्रयागराज। पिछले कई दिनों से ये चर्चा फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर तमाम तरह की साइडों पर ये चर्चा हो रही थी कि कोरान वाइरस को देखते हुए स्कूल के बच्चों की फ़ीस माफ़ हो। आज प्रयागराज के जसरा स्थित स्कूल के निदेशक ने आगे बढ़कर इस महामारी को देखते हुए अपने स्कूल के 3 महीनों की यानि अप्रैल, मई और जून की फीस को माफ़ कर दिया है और स्कूल के बच्चों की स्वस्थ होने की कामना की पेश है।


स्पेनः 24 घंटे में 738 लोगों की मौत

मैड्रिड। कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के मामले में स्पेन ने चीन को पीछे छोड़ दिया है और यहां अब तक कुल 3,434 लोगों की मौत हो गई है। स्पेन ने रातभर में 700 से अधिक लोगों के मौत की पुष्टि की है। बता दें कि चीन में कोरोना वायरस से अब तक करीब (चीन के द्वारा) 3,281 लोगों की मौत हो चुकी है।


स्पेन की सरकार के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 738 लोगों की मौत हुई है और यह आंकड़ा 3434 पहुंच गया है। स्पेन में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 47,610 है। स्पेन की राजधानी में ही अब तक 1,535 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अब तक 5,400 स्वास्थ्यकर्मी इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। स्पेन में अस्पतालों को संक्रमण मुक्त करने लिए गए सैनिकों ने लोगों को गंदगी और उन संक्रमित शवों के बीच रहते पाया जिनके बारे में संदेह है कि उनकी मौत कोरोनो वायरस से हुई है। इस संबंध में न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। रक्षा मंत्री मार्गरिटा रोबल्स ने बताया कि बुजुर्ग लोगों को ‘पूरी तरह सेखुद के हवाले छोड़ दिया गया या कुछ को अपने बिस्तरों पर मृत छोड़ दिया गया।’ उन्होंने कहा कि कई नर्सिंग होम मिले हैं और कई शव मिले हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में जानकारी नहीं दी कि ये अस्पताल कहां हैं और कितने शव मिले हैं।गौरतलब है कि चीन में विदेशों से आए, कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के 47 नए मामले सामने आए हैं और इसी बीच इस घातक वैश्विक महामारी के केंद्र वुहान में नौ सप्ताह के लॉकडाउन (बंद) के बाद पहली बार बुधवार को शहर के भीतर बस सेवा शुरू की गई। चीन ने मध्य हुबेई प्रांत में पांच करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों पर तीन महीने से लागू बंद को हटाने का मंगलवार को फैसला किया। हालांकि हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में लंबे समय से जारी बंद आठ अप्रैल को समाप्त होगा।राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि हुबेई और वुहान में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया लेकिन शहर में चार लोगों की मौत होने से चीन में मृतक संख्या बढ़कर 3,281 हो गई। उसने बताया कि मंगलवार को विदेशों से आए लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने के 47 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही चीन में इस प्रकार के मामलों की संख्या बढ़कर 474 हो गई। चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि इन मामलों मे अधिकतर लोग विदेशों से लौटे चीनी नागरिक हैं।


कोरोनाः इटली में 51 डॉक्टरों की ली जान

रोम। कोरोना वायरस महामारी का गढ़ बन चुके इटली में 51 डॉक्‍टरों की इस किलर वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि ये सभी डॉक्‍टर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे थे और इसी दौरान संक्रमित हो गए। इस बीच इटली में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्‍या 9,134 पहुंच गई है जो दुनिया में सबसे ज्‍यादा है।


सीएनएन की रिपोर्ट मुताबिक ये सभी 51 डॉक्‍टर कोरोना वायरस पॉ‍जिटिव पाए गए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इटली के डॉक्‍टर के संघ के अध्‍यक्ष फिलिपो अनेल्‍ली ने हाल ही में इसी खतरे को देखते हुए डॉक्‍टरों के लिए और ज्‍यादा सुरक्षा उपकरण मांगे थे। अनेल्‍ली ने कहा, सबसे पहला काम डॉक्‍टरों और हेल्‍थ केयर वर्कर की सुरक्षा करना है ताकि वे कोरोना की चपेट में न आएं। इस बीच इटली को कोरोना वायरस की त्रासदी से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। पिछले हफ्ते एक-दो दिन मरने वालों की संख्या में कमी आने से माना जा रहा था कि शायद जल्द ही यह देश इस महामारी से उबर जाएगा।हालांकि, शुक्रवार को एक बार फिर भयानक रेकॉर्ड दर्ज करते हुए कोरोना ने इटली में 970 से ज्यादा लोगों की जान ले ली।


भारतीय युवा इंजीनियरों का गेम चेंज

वाशिंगटन। कोरोना वायरस महामारी दुनिया के 200 से भी ज्यादा देशों में 50 हजार से भी ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है। यह वायरस दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर कहर बन कर टूटा है। ऐसे में वैज्ञानिक, डॉक्टर और इंजीनियरों की टीमें दिन-रात लोगों को वायरस से बचाने के लिए मेहनत कर रही हैं।


इस संकट के बीच भारतीय इंजीनियरों के बनाए गए वेंटिलेटर का अब अमेरिका भी कायल हो गया है। दरअसल, अमेरिका इस समय कोरोना वायरस का गढ़ बन गया है। यहां दो लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। अमेरिकी सरकार से लेकर विशेषज्ञों तक ने एक लाख मौतों का अंदेशा जताया है। संकट की इस घड़ी में अमेरिका कम से कम सात लाख वेंटिलेटर्स की कमी का सामना कर रहा है। इन हालातों में मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के साथ भारतीय इंजीनियरों ने सस्ती कीमत वाला वेंटिलेटर का निर्माण किया है। इस वेंटिलेटर की कीमत 500 अमेरिकी डॉलर है जो कि भारतीय करेंसी के मुताबिक करीब 37,500 रुपये है। बता दें कि मौजूदा समय में अमेरिका में जो वेंटिलेटर्स इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनकी कीमत 22.50 लाख रुपये है। यानी जो नया वेंटिलेटर बनाया गया है वो मौजूदा वेंटिलेटर्स के मुकाबले 60 गुना सस्ता है। अमेरिका ने इस वेंटिलेटर को अंतिम परीक्षण के बाद अगले कुछ हफ्तों में कॉमर्शियल प्रोडक्शन के लिए कार और विमान बनाने वाली 11 अलग कंपनियों को बनाकर देने का आदेश दिया है। इस पूरे मामले पर अमेरिका के कार्यकारी सहायक सचिव एलिस जी वेल्स ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के युवा इंजीनियरों की यह कोशिश गेमचेंजर साबित होगी। हमें विश्वास है कि यह प्रयोग सफल होगा और हम जल्द ही बड़े पैमाने पर इसका प्रोडक्शन शुरू कर देंगे।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सावधानी बरतें, सतर्क रहें।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 06, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-238 (साल-01)
2. सोमवार, अप्रैल 06, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:15,सूर्यास्त 06:40।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...