रविवार, 5 अप्रैल 2020

जमीन पर हमले, संप्रभुता का हनन

तेहरान। अमेरिका ने ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के बाद कहा था कि अगर ईरान ने प्रतिक्रिया दी तो उसके 52 ठिकानों पर हमले किए जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने खुद ट्वीट कर ईरान को यह चेतावनी दी थी। अब जब ईरान बदले की कार्रवाई में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दाग चुका है तो उसे अमेरिकी प्रतिक्रिया की आशंका सताने लगी है। इसलिए वह ईरान के 52 ठिकानों को ध्वस्त करने की अमेरिकी चेतावनी के जवाब में 140 अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दे रहा है। उधर, इराक ने कहा कि ईरान ने मिसाइल हमलों की जानकारी पहले ही दे दी थी।


ट्रंप के 52 के जवाब में ईरान का 140ः याद रहे कि ट्रंप ने शनिवार को चेतावनी दी थी कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या सम्पत्ति पर हमला करता है तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा और उन पर ‘बहुत तेजी से और जोरदार हमला’ करेगा। अब कुद्स फोर्स का कहना है कि उसने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के 140 ठिकानों की निशानदेही कर ली है। उसका कहना है कि अगर अमेरिका ने मिसाइल हमलों की प्रतिक्रिया में ईरान को कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो वह इन सभी ठिकानों को निशाना बनाएगा। ईरानी टेलिविजन के मुतााबिक, सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के दफ्तर के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को जवाब देने के कई तरीकों में अभी मिसाइल हमले का सबसे ‘कमजोर’ तरीका चुना गया। ईरान इससे भी कड़ा और बड़ा कदम उठाने की क्षमता रखता है।
ईरान की धमकी पर इजरायल लालः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की ओर से हमले की कोशिशों पर कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘हम पर जो भी हमला करेगा, उसे मुहंतोड़ जवाब मिलेगा।’ दरअसल, ईरानी इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने मिसाइल हमलों की प्रतिक्रिया में ईरानी धरती पर हमले के जवाब में अमेरिका के सहयोगी देशों को निशाना बनाने की धमकी दी थी। इसने कहा था कि अमेरिका ने भविष्य में ईरान की धरती पर बम बरसाया तो जवाब में संयुक्त अरब अमिरात (यूएई) के दुबई और इजरायल के हाफिया जैसे शहरों को निशाना बनाया जाएगा। इजरायली पीएम ने ईरान की इसी धमकी पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है।
अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा: खामेनई
ईरान का कहना है कि उसने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर 51 से मिले ‘आत्मरक्षा के अधिकार’ के तहत इराक स्थित अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, उसका इरादा अमेरिका के साथ युद्ध लड़ने का नहीं है। ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि उनका देश किसी भी आक्रमण का मुकाबला करने को तैयार है। उधर, ईरान के रक्षा मंत्री आमिर हातमी ने सरकारी न्यूज चैनल से कहा, ‘हमने छोटी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया… उम्मीद है कि यह अमेरिका के लिए यादगार सबक साबित होगा।’ ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने भी कहा कि ईरान ने इराक के अल-असद और इरबिल सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों के जरिए अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा लगाया है।
‘इराक से अमेरिका पर हमले का वक्त आ गया’
इधर, इराक ने कहा कि ईरान ने उसे पहले ही बता दिया था कि वह अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने जा रहा है। ईराक में अर्धसैनिक बल के प्रमुख कैस अल-खजाली ने कहा कि अब अमेरिका पर इराक को ईरान से भी जोरदार हमला होगा। ईराक के हसद अल-शाबी पार्ल्यामेंट्री नेटवर्क के टॉप कमांडर ने कहा कि बगदाद में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए किए गए अमेरिका ड्रोन हमले का जवाब देने का वक्त आ गया है। अमेरिकी हमले में हसद के डेप्युटी चीफ अबू मेहदी अल-मुहांदिस भी मारे गए थे।
युद्ध का इरादा नहीं: ईरानी विदेश मंत्री
हालांकि, इराक के प्रधानमंत्री ने व्यापक युद्ध छिड़ने के भयावह परिणाम का जिक्र करते हुए ईरान और अमेरिका, दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय समझौतों और इराक का सम्मान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इराक अपनी संप्रभुता के हनन और अपनी जमीन पर हमलों का विरोध करता है।


 


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