सोमवार, 2 मार्च 2020

टेस्ट सीरीज हारने के बाद बोले कोहली

नई दिल्ली। बल्लेबाजी क्रम के एक बार फिर विफल रहने के कारण सोमवार को यहां न्यूजीलैड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में भारत की 0-2 की हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि इस प्रदर्शन के लिए कोई बहाना नहीं है। कोहली ने स्वीकार किया कि दूसरे दिन गेंदबाजों ने टीम को वापसी दिलाई थी लेकिन बल्लेबाजों ने एक बार फिर निराश किया। 
कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘हम इसे स्वीकार करते हैं और अगर हमें विदेशों में जीतना है तो ऐसा करना होगा। कोई बहाना नहीं, बस आगे बढ़ते हुए सीख रहे हैं। टेस्ट मैचों में हम वैसा क्रिकेट नहीं खेल पाए जैसा खेलना चाहते थे।’ करो या मरो के दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम पहली पारी में 242 रन ही बना सकी थी लेकिन टीम ने न्यूजीलैंड को 235 रन पर रोक दिया। दूसरी पारी में हालांकि भारतीय बल्लेबाजी क्रम सिर्फ 124 रन पर ढेर हो गया जिससे न्यूजीलैंड को 132 रन का लक्ष्य मिला जो उसने तीन विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। कोहली ने कहा, ‘बल्लेबाजों ने इतने रन नहीं बनाए कि गेंदबाज प्रयास और आक्रमण करते। गेंदबाजी अच्छी थी, मुझे लगता है कि वेलिंगटन में भी हमने अच्छी गेंदबाजी की।’ पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कोहली ने कहा कि उनकी टीम को अपनी रणनीति पर विचार करना होगा। 
कोहली ने आगे कहा, ‘पहले मैच में हम पर्याप्त जज्बा नहीं दिखा पाए जबकि यहां हम मैच को खत्म नहीं कर पाए। हम लंबे समय तक सही लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी नहीं कर पाए। उन्होंने काफी दबाव बनाया। यह इस बात का संयोजन रहा कि हम अपनी योजना को अमलीजामा नहीं पहना पाए और उन्होंने अपनी योजना को लागू किया।’ उन्होंने कहा, ‘निराशाजनक, बैठकर विचार करना होगा और चीजों को सही करना होगा।’


चुनाव में प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत

कानपुर। बार एसोसिएशन के चुनाव में सभी प्रत्याशी बेतहाशा मेहनत कर रहे हैं,बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर रोज कोई ना कोई प्रत्याशी जनसभा को संबोधित कर रहा है, इसी कड़ी में आज बार के पूर्व महामंत्री नरेश चंद्र त्रिपाठी ने अपनी जनसभा कल्याणपुर  आवास विकास स्थित रवैल  पैलेस में रखी। इस सभा का संयोजन प्रिंस राज श्रीवास्तव ने किया। सभा में सैकड़ों अधिवक्ता भाई मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष पद प्रत्याशी नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा की अगर इस बार मैं बार एसोसिएशन का अध्यक्ष का चुनाव जीता तो वकीलों के लिए हर वह संभव चीज करूंगा जो अभी तक कचहरी में नहीं की गई और साथ ही साथ वकीलों की सुरक्षा व्यवस्था का भी संपूर्ण रूप से ध्यान रखूंगा और आगे से आगे बढ़ चढ़कर सभी वकील भाइयों की कार्यक्षेत्र में आ रही अड़चनों का पूर्णता निवारण करने का प्रयत्न करता रहूंगा। 
 
बार एसोसिएशन के लिए जहां सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी तरह से वोटरों का मन लुभाने में लगे हैं वही कानपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी नरेश चंद्र त्रिपाठी का कहना है अगर इस बार उनको कानपुर बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने का मौका मिलता है तो वह सभी अधिवक्ता भाइयों के लिए आगे से आगे आकर हर संभव मदद करने का प्रयत्न सदैव करते रहेंगे और सभी अधिवक्ताओं के हितों के लिए कई और बाते कही । सभी से वोट देने की अपील की जिसमें सभा में आए सभी अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष पद प्रत्याशी नरेश चंद्र त्रिपाठी का फूल मालाओं से स्वागत किया और उन्हें आश्वासन भी दिया कि आने वाले चुनाव के परिणाम में उन्हीं को सभी अधिवक्ता भाई अधिक से अधिक वोट देंगे और इस बार बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाएंगे ।
इस सभा में सौरभ ठाकुर एडवोकेट,सुमित गुप्ता एडवोकेट के साथ सैकड़ों अधिवक्ता भाई मौजूद रहे।


पवन जल्लाद पहुंचा तिहाड़, करेगा प्रैक्टिस

 मेरठ का पवन जल्लाद पंहुचा तिहाड़ जेल, आज करेगा प्रैक्टिस
 
कविता गर्ग


नई दिल्ली। पवन जल्लाद तिहाड़ जेल दिल्ली पहुंच गया। वह तिहाड़ के गेस्ट हाउस में ठहरा है। पवन सोमवार को मानवरूपी पुतलों को फांसी पर लटकाने का अभ्यास करेगा। तिहाड़ में अब फांसी देने की तैयारी लगभग पूरी है। रविवार दोपहर करीब 12 बजे तिहाड़ जेल के सहायक अधीक्षक नवीन दहिया और अन्य दो जेलकर्मी मेरठ जेल पहुंचे। यहां उन्होंने मेरठ जेल के अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय से औपचारिक मुलाकात की। अपने आने के बारे में बताया। करीब 20 मिनट रुककर वह पवन जल्लाद को साथ ले गए।शाम करीब चार बजे पवन तिहाड़ जेल पहुंच गया। इससे पहले पवन जल्लाद को 20 जनवरी को तिहाड़ जेल में बुलाया गया था। उसने एक दिन तिहाड़ में रुककर मानवरूपी पुतलों को फांसी पर लटकाने का अभ्यास भी किया था। लेकिन ऐन वक्त पर फांसी टलने से पवन को मेरठ लौटना पड़ा। अब पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट के अनुसार निर्भया के चारों दोषियों को तीन मार्च की अलसुबह फांसी दी जानी है।


आसपास नहीं हैं जल्लाद


दिल्ली सहित हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि में कोई अधिकृत जल्लाद नहीं है। उत्तर प्रदेश की मेरठ जेल में पवन और लखनऊ जेल में इलियास जल्लाद हैं।


पूर्व-नियोजित दंगा 'विचार'

राष्ट्र-चिंतन
कत्लेआम से डरे हिन्दू संपत्ति बेच कर भागेंगे / संपत्ति कब्जाने और हिन्दुओं से भगाने के लिए पूर्व नियोजित था कत्लेआम


हिन्दुओं के कत्लेआम क्यों देखते रहे 'भाजपा-मोदी'
              दिल्ली देश की राजधानी है, जहां पर प्रधानमंत्री बैठते हैं, गृह मंत्री बैठते हैं, नरेन्द्र मोदी सरकार को हिन्दुओं की सरकार कही जाती है, कभी नरेन्द्र मोदी भी हिन्दुओ की अस्मिता के बल पर राजनीति के सिरमौर बने थे, प्रधानमंत्री भी नरेन्द्र मोदी हिन्दुओं की एकता के कारण बने थे। दिल्ली के हिन्दुओं ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को समर्थन दिया था, इतना ही नहीं बल्कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में डाली थी। दिल्ली के हिन्दुओं को यह कभी आशंका नहीं थी कि उन्हें संकट के समय में नरेन्द्र मोदी,अमित शाह और भाजपा मदद के लिए आगे नहीं आयेंगे, जब उनका सुनियोजित कत्लेआम किया जायेंगा तब नरेन्द्र मोदी की सरकार तमाशबीन बनी रहेगी, कत्लेआम करने वाले दंगाइयों को पूरी छूट दे देगी, नरेन्द्र मोदी की सरकार की पुलिस तमाशबीन रहेगी, नरेन्द्र मोदी सरकार की गुप्तचर एजेंसियां नाकाम रहेगी, उन्हें सुनियोजित कत्लेआम की पूर्व सूचना ही नहीं होगी?
                                   अब दिल्ली के हिन्दू दो तरह की सोच का उत्तर खोजने की कोशिश करने में लगे हैं। पहली सोच उनकी यह है कि अगर उनका कत्लेआम पूर्व नियोजित था तो फिर दिल्ली पुलिस और अन्य गुप्तचर एजेसियों को पूर्व सूचना क्यों नहीं मिल पायी थी? दूसरी सोच यह है कि अगर दिल्ली पुलिस और अन्य गुप्तचर एजेसियों को उनके कत्लेआम की पूर्व सूचना थी तो फिर उनके कत्लेआम को रोकने की जिम्मेदारी नरेन्द्र मोदी सरकार क्यों नहीं उठायी? तटस्थ हिन्दू भी डरे हुए हैं, जो तटस्थ हिन्दू भाजपा के समर्थक नहीं थे और कांग्रेस, कम्युनिस्ट और अरविन्द केजरीवाल के समर्थक थे उनकी भाषा बदल गयी है, वे भी अब अपने आप को असुरक्षित समझ रहे हैं। उनकी भी सोच यही है कि तथाकथित धर्मनिरपेक्षता क्या हिन्दुत्व को समाप्त करने के लिए है, हिन्दुओं के कत्लेआम कराने के लिए है।
                        स्वतंत्र समीक्षा यही है कि यह दंगा नहीं था बल्कि हिन्दुओं का कत्लेआम था। बन्दूकें किन लोगों ने चलायी, छोटे हथियार कौन लोग चलाये, देशी राॅकेट लांचर किन लोगों ने चलाये, आईबी के नौजवान के शरीर को चाकुओं से गोद कर छलनी करने वाले कौन लोग थे , दिल्ली की पुलिस के हवलदार रतन लाल की मौत किन लोगों की गोली से हुई, आईपीएस अधिकारी किन लोगों की पत्करबाजी में घायल हुए हैं? अब यह तो लाइव भी देखा गया है। किनके घरों में और किनके छतों पर देशी राॅकेट लांचर पाये गये है, किनके घरों और छतों पर गुलेल मिली हैं, किनके घरों के छतों पर पत्थर मिले हैं, कितने घरों और छतों पर पेट्रोल बमें मिले हैं, किनके घरों और किनके छतों पर ऐसिड मिली है? टयूशन गयी पांच हिन्दू लड़कियों को किन लोगों ने अपहरण करने की कोशिश की थी, यह भी स्पष्ट हो गया है। दंगे वाले क्षेत्र में एक वर्ग के बच्चे दंगों के दिन स्कूल क्यों नहीं गये थे, यह सब भी स्पष्ट हो गया है। सड़को पर इतने पत्थर पडे हैं जिन्हें उठाने में दिल्ली नगर निगम को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी का कहना है कि सिर्फ कुछ ही सड़कों पर 50 टन से ज्यादा पत्थर और अन्य मलवा उठाया जा चुका है। कुछ ही सड़कों पर कोई एक नहीं बल्कि 50 टन पत्थर और अन्य मलवा मिलना क्या संकेत देता हैं? संकेत तो यही देता है कि यह दंगा, यह कत्लेआम कितना भयानक था, कितना पूर्व नियोजित था, ऐसे कत्लेआम करने वाले समूह के लोग क्या शांति के कभी पक्षधर हो सकते हैं?
                                              दंगे के दिन की परिस्थितियां सिर्फ कारण नहीं रही हैं? दंगे के दिन की परिस्थितियां को कारण मानने वाले लोगों को एक नहीं बल्कि कई परिस्थितियों और कई प्रश्नों का उत्तर देना होगा? सबसे बडी बात यह है कि कोई भी हथियार रातो-रात या फिर मिनटों-मिनटों में तैयार नहीं होते हैं, कई टन पत्थर कोई मिनटों-मिनट में जमा नहीं हो सकते हैं, गुलेंले कोई मिनटों-मिनट में तैयार नहीं होती हैं, देशी राॅकेट लाचरें कोई मिनटों में तैयार नहीं होते हैं, दीवारों में राॅकेट लांचरों को फिक्स करने का कार्य मिनटों में नहीं होते हैं, पेट्रोम बम मिनटों में तैयार नहीं होते हैं? सबसे बडी बात यह है कि कोई शांति प्रिय व्यक्ति इस तरह का खतरनाक विनाशक हथियार निर्माण नहीं कर सकता है और न ही इस तरह के विनाशक हथियारों का सग्रह कर सकता है। कोई आतंकवादी संगठन, कोई अपराधी समूह और कोई हिंसक समूह ही देशी राकेट लांचर, देशी गुलेंले, पेट्रोल बमें बना सकते हैं, ऐसे समूह ही ऐसिड जमा कर सकते हैं, ऐसे समूह ही ऐसिड अटैक कर सकते हैं। सबसे बडी बात यह है कि ये सभी खतरनाक और विनाशक हथियार जिससे हिन्दुओं का कत्लेआम हुआ है कोई सभी घरों में तो नहीं बनें होंगे, कहीं एक-दो जगहों पर ही बनें होंगे? फिर ऐसे खतरनाक और विनाशक हथियार कहां बनेंगे होगे, बनाने वाले कौन लोग होंगे और फिर ऐसे खतरनाक और विनाशक हथियार को घर-घर कैसे पहुंचाया गया होगा, घर-घर पहुंचाने वाले कौन लोग होंगे?
                                      अब जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके घरों में ये सभी हथियार मिले हैं और जिन पर हिन्दुओं के कत्लेआम के आरोप लगे हैं वे तर्क कैसे दे रहे हैं, यह भी देख लीजिये। उनका कहना है कि उनके घर में तबाही के जो खतरनाक और विनाशक हथियार मिले हैं वे कहां से आये , यह उन्हें नहीं मालूम है, उनके घरों के छतो से कौन लोग पत्थरबाजी कर रहे थे, कौन लोग राॅकेट लांचर फेक रहे थे, कौन लोग ऐसिड फेक रहे थे, यह भी नहीं मालूम है। ये कह रहे हैं कि बाहरी लोग थे, पर बाहरी लोग कैसे उनके घरों में जमा किये गये थे, ये यह बताने के लिए तैयार ही नहीं है। अब जो मीडिया में लाइव तस्वीरें आयी हैं और जो वीडीओ वायरल हुए हैं, उससे स्पष्ट है कि कोई एक दिन-दो दिन की यह कारस्तानी नहीं थी बल्कि यह महीनों से इसकी तैयारी थी। सिर्फ आम आदमी पार्टी का मुस्लिम नेता पार्षद ही नहीं बल्कि कांग्रेस के पूर्व पार्षद की दंगाई भूमिका के सारे प्रमाण हैं।


अभी दिल्ली पुलिस दंगे में मारे गये लोगों के नामों का खुलासा नहीं कर रही है। पर जब खुलासा दिल्ली पुलिस करेगी तब लोग न केवल अंचभित होगे बल्कि उनके अंदर में डर भी कायम हो जायेगा। यह सबकों मालूम है कि 95 प्रतिशत हिन्दू ही कत्लेआम के शिकार है। मुस्लिम समूदाय से सिर्फ दो-चार लोग ही मृत्यु के शिकार होगे। जिस तरह का खेल पहले होता था उसी प्रकार का खेल अब भी हो रहा है। हिन्दुओं के कत्लेआम के गुनहगारों को बचाने की कोशिश हो रही है। कपिल मिश्रा को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। जिस तरह के बयान कपिल मिश्रा ने दिया था उससे भी खतरनाक बयान तो रोज मुस्लिम नेता दे रहे थे, उस तरह के बयान तो शाहीन बाग में बैठे मुस्लिमों के नेता दे रहे थे। कपिल मिश्रा ने सिर्फ चेतावनी दी थी , दिन दिनों में रास्ते खुलवाने का अल्टिमेटम दिया था। कपिल मिश्रा के प्रदर्शन समूह पर पत्थरबाजी और दंगा तो मुस्लिम समूदाय के लोगों ने शुरू किया था। 
दिल्ली के हिन्दू बेहद डरे हुए हैं। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से अपनी संपत्ति बेच कर भागने लगेंगे। कत्लेआम का शिकार कौन होना चाहेगा? मुश्किल बहुल क्षेत्रों में रहने का अब अर्थ कभी भी कत्लेआम शिकार होना हो गया है। मुस्लिम अपराधियों ने जिस तरह कैरान में हिन्दुओं के साथ सूलक किया था और कैराना से हिन्दुओं को खाली कराने की सफल भी हुए उसी तरह की स्थिति अब दिल्ली में बनी है।
हिन्दुओं के सामने अब विकल्प क्या है? पहले भाजपा और मोदी पर उन्हें विश्वास था। पर अब भाजपा और मोदी भी दिल्ली में हिन्दुओं के कत्लेआम पर तमाशबीन बनी रही। विपक्षी पार्टियां पहले से ही हिन्दू विरोधी और मुस्लिम पक्षी थी। अगर हिन्दुओं में डर का समाधान नहीं किया गया तो फिर हिन्दू भी कट्टरवाद के रास्ते पर चल सकते हैं। भाजपा और मोदी के लिए भी आत्मपंथन का समय है।


सनातनी संदीप गुप्ता


एडीएम ला पर बैट से हमला, हालत स्थिर

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रविवार को एक शख्स ने अपर जिलाधिकारी (ADM) पर क्रिकेट बैट से जानलेवा हमला कर दिया। अपर जिलाधिकारी थाना कवि नगर के सेक्टर 14 में एक पार्क में टहल रहे थे, तभी जगवीर सिंह नाम के एक शख्स ने उनपर बैट से हमला कर दिया। हमले में एडीएम गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।


पुलिस ने कहा कि गाजियाबाद के कवि नगर थाना क्षेत्र में ADM LA (अपर जिलाधिकारी भूमि अधिग्रहण) मदन सिंह गबरियाल पार्क में टहल रहे थे। इसी दौरान अचानक जगवीर सिंह नाम के शख्स ने क्रिकेट बैट से उनपर हमला कर दिया। जगवीर सिंह हरियाणा के जींद का रहना वाला है।


हमले में घायल एडीएम को तत्काल यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उनके सिर का सीटी स्कैन किया है। चिकित्सकों ने उनकी हालत स्थिर बताई है और कहा कि वे खतरे से बाहर हैं। हालांकि एहतियात के तौर पर उन्हें आईसीयू में रखा गया है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त अपर जिलाधिकारी पर हमला हुआ उस वक्त उनके साथ गनर भी मौजूद नहीं थे।


होली स्पेशल रसमलाई ठंडाई रेसिपी

होली आने में गिनती के दिन बचे हुए हैं। ऐसे में इस दिन को खास बनाने के लिए ठंडाई भी पी जाती है। आज हम आपको बता रहे हैं, होली स्पेशल रेसिपी ठंडाई रसमलाई की रेसिपी- 


सामग्री : 
2 कप दूध
3 कप चीनी
1 चम्मच इलायची
2 चम्मच पिस्ता
2 चम्मच काली मिर्च
3 लीटर पानी
1 चम्मच सौंफ
2 चम्मच बदाम
2 चम्मच तरबूज के बीज
1 चम्मच गुलाबजल
आधा कप रोज पेटल
मेन डिश के लिए
1 चम्मच मैदा
7 चम्मच सिरका
3 लीटर पानी
4 कप चीनी
विधि : 
एक कटोरे में कुछ बादाम, पिस्ता और तरबूज के बीज तीन-चार घंटे के लिए भिगो दें। इसके बाद इन्हें मिक्सर में डालकर एक पेस्ट बना लें।
एक पैन में इलायची, सौंफ और काली मिर्च को भून लें। इसके बाद इन्हें पीस कर इनका पाउडर बना लें।
एक बर्तन में दूध उबालें और उसमें केसर और चीनी डाल दें। उसे ठंडा होने दें।
सभी ड्राई फ्रूट्स और पिसे हुए मसाले उसमें मिला दें। इसके बाद उसमें गुलाब की पंखुड़ियां डाल दें। ठंडाई तैयार है।
अब रसमलाई बनाने की विधि
4-5 कप पानी में सिरका डालें।
इस सिरके को दूध में डालकर तब तक गर्म करें जब तक दूध का सॉलिड नहीं हो जाता है।
छेना को एक कपड़े में रखकर इसमें से पानी निचोड़ दें। उसे अलग बर्तन में रखें लें।
छेना में थोड़ा सा मैदा मिलाएं और उसे गूंथ लें। इसके बाद इसको रसगुल्ले की तरह गोल बना लें। इसके बाद पानी में चीनी डालकर उबालें और सीरा बना लें।
रसमलाई को सीरे में डालकर 5-10 मिनट के लिए उबाल लें। इसे निचोड़कर एक्स्ट्रा सीरा निकाल लें और उपर ठंडई डालकर इसे सर्व करें।


होलाष्टक प्रारंभ, मांगलिक कार्यों पर रोक

आज से मांगलिक कार्यों पर आठ दिन के लिए रोक लग जाएगी। ऐसे में अब होली के बाद ही शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी। आज सोमवार दोपहर 12:52 बजे से होलाष्टक प्रारंभ हो रहे हैं, जिसके चलते 16 संस्कार सहित मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा। 
भारतीय मुहूर्त विज्ञान व ज्योतिष शास्त्र प्रत्येक कार्य के लिए शुभ मुहूर्तों का शोधन कर उसे करने की अनुमति देता है। इस प्रकार प्रत्येक कार्य की दृष्टि से उसके शुभ समय का निर्धारण किया गया है। जैसे गर्भाधान, विवाह, पुंसवन, नामकरण, चूड़ाकरन विद्यारम्भ, गृह प्रवेश व निर्माण, गृह शांति, हवन यज्ञ कर्म, स्नान, तेल मर्दन आदि कार्यों का सही और उपयुक्त समय निश्चित किया गया है। 
इस प्रकार होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि से एक होलाष्टक दोष माना जाता है, जिसमें विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण, आदि शुभ कार्य वर्जित हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि होलाष्टक आज 2 मार्च से प्रारंभ हो रहे हैं, जो 9 मार्च होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाएंगे। इसका मतलब आठ दिनों का यह होलाष्टक दोष रहेगा। जिसमें सभी शुभ कार्य वर्जित हैं। इस दौरान हिन्दू धर्मों के 16 संस्कारों को न करने की सलाह दी जाती है।
क्या करते हैं होलाष्टक में :
ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि माघ पूर्णिमा से होली की तैयारियां शुरू हो जाती है। होलाष्टक आरंभ होते ही दो डंडों को स्थापित किया जाता है, इसमें एक होलिका का प्रतीक है और दूसरा प्रहलाद से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि होलिका से पूर्व 8 दिन दाह-कर्म की तैयारी की जाती है। यह मृत्यु का सूचक है। इस दु:ख के कारण होली के पूर्व 8 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होता। जब प्रहलाद बच जाता है, उसी खुशी में होली का त्योहार मनाते हैं। 
होलाष्टक में शुभ कार्य करना अशुभ माना गया है। यदि होलाष्टक में शुभ कार्य किए जाते हैं तो उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विवाह यदि किया जाए तो जीवनभर पति-पत्नी के बीच संबंधों में टकराव आएगा। होलाष्टक में हिंदू धर्मों के 16 संस्कारों को न करने की सलाह दी जाती है।
-आचार्य लवकुश शास्त्री, ज्योतिषाचार्य।


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...