बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

नीति का दमन, नियति का दिखावा

अनिल अनूप


दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बीते दो माह से दिया जा रहा जो धरना लाखों लोगों की नाक में दम किए हुए है, उसके यदि खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं तो इसकी एक वजह न्यायपालिका का अति उदार रवैया भी है। यह घोर निराशाजनक है कि पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने धरना दे रहे लोगों को सड़क खाली करने के स्पष्ट निर्देश देने से इनकार किया, फिर मामला जब उच्चतम न्यायालय गया तो उसने धरना दे रहे लोगों को समझाने-बुझाने के लिए वार्ताकार नियुक्त कर दिए। ऐसा करके सड़क पर काबिज होकर की जा रही अराजकता को एक तरह से प्रोत्साहित ही किया गया।


क्या अब जहां भी लोग अपनी मांगों को लेकर सड़क या फिर रेल मार्ग पर कब्जा करके बैठ जाएंगे, वहां सुप्रीम कोर्ट अपने वार्ताकार भेजेगा? यदि नहीं तो फिर शाहीन बाग के मामले में नई नजीर क्यों? समझना कठिन है कि जब उच्चतम न्यायालय ने यह माना भी और कहा भी कि इस तरह रास्ता रोककर धरना देना अनुचित है, तब फिर उसने शाहीन बाग इलाके की नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली उस सड़क को खाली कराने के आदेश देने की जरूरत क्यों नहीं महसूस की, जिसका इस्तेमाल प्रतिदिन लाखों लोग करते हैं?


जो लोग अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और नागरिकता कानून में संशोधन के फैसलों का विरोध करने में लगे हुए हैं, वे यह समझें तो बेहतर कि कोई भी सरकार अपने निर्णय से इस तरह पीछे नहीं हटती. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जो लोग भी यह समझ रहे हैं कि धरना-प्रदर्शन, आंदोलन आदि से सरकार किसी भी तरह के दबाव में आ जाएगी, वे भूल ही कर रहे हैं. इसका प्रमाण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने और अधिक अडिग इरादों का प्रदर्शन किया है. अनुच्छेद 370 हटाना भले ही एक मुश्किल कार्य रहा हो, लेकिन यह इसलिए आवश्यक हो गया था, क्योंकि एक तो यह अलगाव को जन्म दे रहा था और दूसरे कश्मीर के लोगों में भेदभाव कर रहा था. चूंकि अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता कानून में संशोधन करने के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और शीर्ष अदालत ने संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू भी कर दी है, इसलिए बेहतर यही होगा कि उसके फैसले का इंतजार किया जाए. यह आश्चर्यजनक है कि जो लोग खुद को संविधान और लोकतंत्र का हितैषी बता रहे हैं, वे इन दोनों मसलों पर संविधानसम्मत आचरण करने से भी इनकार कर रहे हैं. यह किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है कि वह संसद द्वारा पारित और अधिसूचित कानून को वापस ले ले.


लोगों को यह समझना चाहिए कि हर अधिकार की अपनी सीमाएं होती हैं. कोई अधिकार असीमित नहीं हो सकता.  विरोध, हड़ताल अथवा आंदोलन के अधिकार के नाम पर लोग सड़क अथवा रेल मार्ग बाधित नहीं कर सकते, लेकिन दुर्भाग्य से अपने देश में ऐसा ही अधिक होता है.  यह और कुछ नहीं, आम लोगों को बंधक बनाने वाला कृत्य है. कई बार तो ऐसे कृत्यों के कारण लाखों लोगों की दिनचर्या प्रभावित होती है. शाहीन बाग धरना भी यही कर रहा है. इससे खराब बात और कोई नहीं कि सड़क पर कब्जा करके दिए जा रहे जिस धरने के कारण बीते दो महीने से दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वह अभी भी समाप्त होता नहीं दिखता. सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग धरने को लेकर अपनी चिंता अवश्य जताई, लेकिन यह कोई नहीं जानता कि उसने उसे समाप्त करने की जरूरत क्यों नहीं महसूस की?


इससे दुखद-दयनीय और कुछ नहीं कि मुट्ठी भर लोग सड़क पर कब्जा करके लाखों नागरिकों के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं और फिर भी सुप्रीम कोर्ट तत्काल किसी फैसले पर पहुंचने के बजाय तारीख पर तारीख देना पंसद कर रहा है.


नि:संदेह ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट इस तथ्य से परिचित न हो कि शाहीन बाग की सड़क बंद होने से हर दिन लाखों लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. क्या आधे-पौने की घंटे की दूरी तीन-चार घंटे में तय करने को मजबूर लाखों लोगों के समय और श्रम का कोई मूल्य नहीं? क्या ये लाखों लोग कमतर श्रेणी के नागरिक हैं, जो उनकी सुध लेने से इनकार किया जा रहा है और वह भी दो माह से अधिक समय से? आखिर जब सुप्रीम कोर्ट अनुचित तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों के पास अपने वार्ताकार नहीं भेजता, तब फिर उसने शाहीन बाग में लाखों लोगों को तंग कर रहे प्रदर्शनकारियों के पास अपने वार्ताकार क्यों भेजे?


विरोध के नाम पर मनमानी का प्रदर्शन करने वाले धरने के प्रति नरमी दिखाना कानून के शासन के साथ-साथ शांतिप्रिय लोगों के अधिकारों की अनदेखी ही है. यह ठीक नहीं कि विरोध अथवा असहमति जताने के नाम पर मनमानी बढ़ती ही जा रही है. अब तो विरोध प्रदर्शनों के दौरान आगजनी, पत्थरबाजी और तोड़फोड़ आम है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के विभिन्न् हिस्सों में जिस तरह बड़े पैमाने पर आगजनी और तोड़फोड़ हुई, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है.


इस तरह की हरकतों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, लेकिन यह देखने में आ रहा है कि इस तरह के मामलों में कई बार अदालतें भी नरम रवैया अपना लेती हैं.  इससे कुल मिलाकर विरोध के बहाने अराजकता फैलाने वालों को ही बल मिलता है. इसमें संदेह है कि शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोग अपना अड़ियल रवैया आसानी से छोड़ेंगे. पहले वे नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने पर अड़े थे, फिर यह मांग करने लगे कि सरकार को उनसे बात करने धरना स्थल आना चाहिए. इसके बाद उन्होंने हजारों की संख्या में एकत्रित होकर गृहमंत्री से कथित तौर पर वार्ता करने की ठानी. आखिर यह कब समझा जाएगा कि यह धरना आम जनता के सब्र का इम्तिहान ले रहा है?


हैरत नहीं कि ये वार्ताकार नाकाम हैं. इस नाकामी की वजह यही है कि धरने पर बैठे लोग एक तो काल्पनिक भय से ग्रस्त हैं और दूसरे, वे तुक एवं तर्क की बात सुनने को तैयार नहीं. इतना ही नहीं, उन्होंने यह जिद भी पकड़ी है कि पहले उनकी मांग मानी जाए और नागरिकता संशोधन कानून रद्द किया जाए. क्या यह घोर अराजक व्यवहार नहीं?


मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

अवैध विदेशी माल डंप करने का अड्डा

अभिमन्यु चौरसिया की रिपोर्ट..


महाराजगंज। इन दिनों विदेशी मार्लों की तस्करी करने में अवैध कारोबारी सुर्खियों में है बॉर्डर क्रास के बाद दो थाने की पुलिस को भनक तक नहीं लगती तथा कोठीभार पुलिस बिल्कुल अनभिज्ञ है। जहां सबया में अवैध रूप से तस्करी के विदेशी मालों को डंप किया जाता है। बताते चलें कि महाराजगंज जनपद नेपाल के रास्ते विदेशी सामग्रियों की तस्करी रोकने में बिल्कुल नाकाम है जिसका जीता जागता उदाहरण सिसवा से निचलौल रोड पर देखा जा सकता है जहां अवैध विदेशी मालों की तस्करी पिकअप के द्वारा धड़ल्ले से की जा रही है ध्यानार्थ हेतु बता दें कि तेज गति से चलाई जा रही अवैध विदेशी मालों की लोडेड पिकअप खतरों से खाली नहीं है क्योंकि यह पिकअप बेखौफ बगैर रोक-टोक अनियंत्रित रूप से फर्राटे भरते हैं सामने कोई आ जाए बचना तो मुश्किल है क्योंकि साहब यह तस्कर है इंसान नहीं।


आइए जानते हैं कहां से होती है इनकी तस्करी…..


आपको बता दें की नेपाल बॉर्डर के द्वारा अवैध तस्करी जोरों पर हैं जिसे भारतीय क्षेत्रों में अत्यधिक दामों में बेचकर तस्कर खूब मालामाल हो रहे हैं विदेशी माल जैसे पाकिस्तानी छुहारा ,कनाडियन मटर ,काली मिर्च, इलायची जैसे कई सामान सम्मिलित है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कनाडिया मटर की तस्करी ठूठीबारी बॉर्डर व सीतलापुर बी.ओ.पी तस्करों के लिए सुरक्षित दिख रही है जहां से आसानी से माल को क्रास कराया जाता है जिसका एक मुख्य अड्डा जमुई गडौरा में है जहां से कनाडिया मटर व अवैध मालो की तस्करी भारतीय क्षेत्रों में जोर-शोर पर पिकअप के द्वारा की जाती है।


किस रोड पर तेजी से होती है तस्करों की सप्लाई….


प्राप्त जानकारी के मुताबिक उपरोक्त जमुई गडौरा में स्थित चर्चित गल्ले की दुकान से तस्कर अपने पिकअप को लोड करते हैं और निचलौल बलहीखोर कटहरी के रास्ते होते हुए कोठीभार थाना क्षेत्र का सबया तस्करों का सेफ जोन पड़ता है जहां माल को डंप किया जाता है आपको बता दें कि उक्त सबया ग्राम सभा अंतर्जनपदीय सीमा कुशीनगर से जुड़ा हुआ है जहां से तस्कर पुनः दूसरी गाड़ी पर माल को लोड कर कुशीनगर पड़ने वाला खड्डा थाना क्षेत्र से होते हुए मिश्रौलिया, पडरौना ,टेकुआटार, फाजिलनगर इत्यादि जगह सप्लाई करते हैं।


तस्करी रोकने में बॉर्डर पुलिस के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस भी नाकाम…


अनेकों बार अवैध मालों की तस्करी करते हुए पकड़े गए तस्करों पर कार्यवाही तो की जाती है किंतु तस्कर अपनी रवैया बदलने को नाम नहीं ले रहे हैं । प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा होता है कि तस्कर के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि बॉर्डर क्रॉस कराने के बाद थाना ठूठीबारी ,निचलौल ,कोठीभार, खड्डा थाना क्राश कराते हुए अवैध मालों को सही ठिकानों पर पहुंचाने में सफल रहते हैं । प्रत्येक रास्ते पर पुलिस पिकेट व पुलिस रात्रि गश्त भी करती है जिसके बावजूद भी वह पिक अप को नहीं रोकती जो हाई स्पीड व अनियंत्रित रूप व तेजी से चलाते हैं और हां भला रोके भी तो कैसे सूत्रों की मानें तो संबंधित अधिकारियों को तय समयानुसार नजराना भेज दिया जाता है नहीं तो बॉर्डर पुलिस, कस्टम विभाग, एसओजी टीम, उत्तर प्रदेश पुलिस, इतने बड़े पैमाने पर हो रहे हो तस्करी को रोकने में नाकाम क्यों ?जो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है। वैसे तो पुलिस समय-समय पर सूचना के मुताबिक छापेमारी व अवैध कारोबार को रोकने का प्रयास करती है किंतु विदेशी माल की तस्करी रोकने में बिल्कुल नदारद दिखती है। हम तो यही मानकर चलेंगे कि तस्कर प्रशासन पर हाबी हैं।


कोठीभार थाना क्षेत्र का सबया बना विदेशी माल डंप करने का अड्डा


निचलौल ‘जमुई ‘ गडौरा व चंदा गूलरभार से पिकअप के द्वारा लोड कर अवैध विदेशी माल (कनाडियन मटर काली मिर्च इलायची पाकिस्तानी छुहारा आदि) को कोठीभार थाना क्षेत्र के सबया में दो चर्चित स्थान पर डंप किया जाता है जिसमें अवैध कामों को बड़े पैमाने पर अंजाम देने वाले दो-चार नामित कारोबारी सम्मिलित हैं जहां से उक्त माल को कुशीनगर जनपद के खड्डा थाना क्षेत्र होते हुए पडरौना ,टेकुआटार , फाजिलनगर इत्यादि जगहों पर पहुंचाया जाता है। उक्त तस्करी के अंजाम को स्थानीय पुलिस जान कर भी अंजान बनी हुई है। सवाल खड़ा होता है कि कनाडिया मटर व अन्य खाद्य सामग्री बहाने तस्कर किसी बड़ी तस्करी को भी आसानी से अंजाम दे लेते होंगे आखिर जिम्मेदार कौन ?


तेज रफ्तार गति से चला रहे पिकअप को पुलिस क्यो नही रोकती ?


बॉर्डर पुलिस ‘ कस्टम विभाग ‘ क्राइम ब्रांच ‘ उत्तर प्रदेश पुलिस होने के बावजूद भी तस्करी कैसे ?


रात दिन धड़ल्ले से हो रही पिकअप व बोलेरो द्वारा विदेशी मालो की तस्करी कोठीभार का सबया ‘ दुर्गवलिया गुरली खलील नगर ‘ सिसवा बना माल डंपिंग का सेफ अड्डा आखिर कैसे और कब रुकेगी तस्करी ?


योगीः भ्रष्टाचार में किसी को छूट नही

प्रदीप पाठक


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी को भी छूट देने वाले नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर चल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खनन कार्य में भ्रष्टाचार के आरोपी पांच अधिकारियों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए हैं।


इनमें शामली और कौशांबी में तैनात रहे दो सहायक भूवैज्ञानिक, हमीरपुर में तैनात रहे एक भूवैज्ञानिक तथा देवरिया में तैनात रहे खान निरीक्षक के साथ सहायक भूवैज्ञानिक शामिल हैं। यह सभी शासकीय नियमों को ताक पर रख कर अवैध खनन कराने, निजी लोगों को लाभ पहुंचाने, राजकोष को नुकसान पहुंचाने तथा पट्टा नवीनीकरण कराने के प्रकरण में आरोपित हैं। इस मामले की जांच सुधीर दुबे, वरिष्ठ वेधन अभियंता, भूतत्त्व एवं खनिकर्म निदेशालय करेंगे।


सीबीआई ने भी दर्ज किया है मुकदमा, यह हैं अधिकारी


1- डॉ सदल प्रसाद-सहायक भूवैज्ञानिक शामली, सम्प्रति मुजफ्फरनगर।


2-अरविंद कुमार, सहायक भूवैज्ञानिक, कौशाम्बी, सम्प्रति चंदौली।


3-मुईनुद्दीन, भूवैज्ञानिक/खान अधिकारी हमीरपुर, सम्प्रति मुख्यालय लखनऊ।


4- पंकज सिंह, खान निरीक्षक देवरिया, संप्रति मिर्जापुर खान अधिकारी।


5-विजय कुमार मौर्य, सहायक भूवैज्ञानिक/खान अधिकारी देवरिया, सम्प्रति भूवैज्ञानिक, प्रभारी, सोनभद्र।


सनसनीः पुजारी की बर्बरता पूर्वक हत्या

पीलीभीत। बीसलपुर पीलीभीत मार्ग पर स्थित बालाजी ट्रस्ट मंदिर पर 6 माह से बाबा रह रहे थे बीते मंगलवार को समय करीब 4:00 बजे से 5:00 बजे तक बीच में बाबा की बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी गई। हत्या की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मंदिर पर पहुंच गई जहां पर पुलिस ने घटनास्थल का मौका माना किया। वही बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसके बाद एसपी रोहित मिश्रा व डॉग स्क्वायड टीम ने भी निरीक्षण किया बाबा के शव को पुलिस ने शील कर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है।
राजस्थान के अजमेर के थाना जेठाना निवासी बाबा विष्णु सहाय ब्रह्मचारी पिछले काफी समय से बालाजी ट्रस्ट मंदिर पर पुजारी का कार्य करते चले आ रहे हैं। मंगलवार को सुबह लगभग 4:00 से 5:00 के बीच किसी अज्ञात लोगों ने पहले लाठी-डंडों से बाबा के ऊपर प्रहार किया इतने पर भी दिल नहीं भरा तो हमलावरों ने उसकी धारदार हथियार से गर्दन रेत दी। जिससे बाबा की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई सुबह जब लोग पूजा अर्चना करने मंदिर पहुंचे तो बाबा का कपड़ा देखकर लोगों में हड़कंप मच गया। हत्या की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए मामले की सूचना मिलते ही सीओ धर्म सिंह मार्छल कोतवाल के के तिवारी पुलिस टीम के साथ पहुंच गए जहां पर पुलिस ने घटनास्थल का मौका माना किया। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ भी की, लेकिन बाबा की अभी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। उधर लोगों का कहना है कि मंदिर में चरखोला के बाबा रमेश भी रह रहे थे जो बाबा की हत्या के बाद से फरार है। कहीं ऐसा तो नहीं कि हत्या में उनका भी हाथ शामिल हो इस तरह की चर्चाएं शहर में जोरों पर चल रही है। घटना की सूचना पर एसपी रोहित मिश्रा व डॉग स्क्वायड की टीम भी मौके पर पहुंची जहां पर डाग स्क्वायड ने कई सबूत खंगाले, लेकिन कुछ हाथ नहीं लग सका फिलहाल एसपी ने कोतवाल को शीघ्र घटना का खुलासा किए जाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने किसी प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं किया।


विशेष पैकेज की सीएम से की अपील

मथुरा। यातायात एवं पर्यावरण जनजागरूकता समिति उत्तर प्रदेश रजिस्टर्ड के संरक्षक अंतरराष्ट्रीय भागवत आचार्य डॉक्टर मनोज मोहन शास्त्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अयोध्या में पहुंचकर मुलाकात की l मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए डॉक्टर मनोज मोहन शास्त्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मथुरा वृंदावन में आए दिन लगने वाले जाम के कारण लोग घंटो घंटो फंस जाते हैं किस कारण लोगों को परेशानी से गुजर ना पड़ता है साथ ही मथुरा और वृंदावन धार्मिक आस्था होने के कारण पूरे विश्व से मथुरा वृंदावन में हर साल लोग तीर्थ के लिए आते हैं मथुरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज मांग करते हुए पर्यटन स्थल के लिए मथुरा वृंदावन में बहुत अधिक संभावना है पूरे बृज में धार्मिक आस्था के साथ पर्यटन स्थल के रूप में डेवलप करने का प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को दिया सुझाव प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही पर अमल में लाने के लिए प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया l प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने अवगत कराया के अयोध्या में बनने वाले मंदिर का निर्माण शीघ्र शुरू किया जाएगा l


उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल का सम्मेलन

 उमेश गुप्ता
महराजगंज। कोल्हुई थाना क्षेत्र के अन्तर्गत रविवार को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल  का महासम्मेलन ओम मैरेज हाल कोल्हुई में  संपन्न हुआ ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के सयुंक्त महामंत्री सीताराम अग्रहरी रहे ।कार्यक्रम की अध्यक्षता मनोज सिंह व संचालन कोल्हुई व्यापार मण्डल  अध्यक्ष श्रीराम जायसवाल ने किया ।कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष से लेकर जिले के तमाम व्यापारी नेता उपस्थित रहे ।वार्षिक सम्मेलन में सभी ने अपनी बातो को रखा जो संगठन हित में जरुरी था ।मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है ।सबसे ज्यादा काम व्यापारी ही करता है ।व्यापारी उत्पीड़न रोकने व व्यापारी वर्ग को मजबूत व सशक्त बनाने के लिए संगठन की आवश्यकता होती है इसी के चलते आज हम लोग कोल्हुई में एकत्रित हुए है हमारा संगठन वर्षो पुराना है और व्यापारियो के हित में कार्य भी हो रहे है लेकिन अब हमें और मजबूत होने की आवश्यकता है ।संगठन मजबूत होने से हमारी आवाज को सरकारे गम्भीरता से लेंगी ।  जिलाध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल ने भी अपने सम्बोधन में संगठन मजबूती पर जोर दिया और अमीर गरीब सभी तबके के व्यापारियो को संगठन के साथ जुड़कर अपने समस्याओं से अवगत कराने को कहा कार्यक्रम के अन्त में क्षेत्राधिकारी फरेन्दा  अशोक कुमार मिश्र,कोल्हुई थाना प्रभारी एसओ धनंजय सिंह व एसआई इस्माइल खान को शान्ति व्यवस्था बनाने में महती भूमिका निभाने के लिए जिलाध्यक्ष ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर फूलचंद अग्रवाल,विजय जायसवाल,अनिल गुप्ता,महेंद्र नाथ जायसवाल,अजय कसौधन,विवेक गुप्ता,रवि गोयनका,शैलेश अग्रवाल एवं बहुत से गणमान्य लोग मौजूद रहे ।


टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या घटी

रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधानसभा में बाघों को लेकर सत्ता पक्ष के विधायक अरूण वोरा के लिखित प्रश्रों के उत्तर में जानकारी दी है कि वर्ष 2014 में प्रदेश के टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या 46 थी जो वर्ष 2018 में घटकर 19 जा पहुंची।


वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि प्रदेश में कुल 3 टाइगर रिजर्व हैं। इन टाइगर रिजर्व के लिए वर्ष 2019-20 में 1193.29 लाख बजट स्वीकृत है एवं स्वीकृत बजट के विरूद्ध 954.6320 लाख रूपये की राशि जारी की गई है।


मंत्री ने बाघों की गणना के संबंध में बताया कि वर्ष 2006 और वर्ष 2010 में बाघों की संख्या 26 थी, वहीं वर्ष 2014 में बाघों की संख्या बढक़र 46 जा पहुंची, लेकिन वर्ष 2019 में बाघों की संख्या घटकर 19 जा पहुंची। वन मंत्री ने कहा कि बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली की मदद से पड़ोसी राज्यों से छत्तीसगढ़ में बाघो की संख्या बढ़ाने हेतु रिकवरी कार्य प्रारंभ करने, बाघों की रेडियो कालरिंग करने, अचानकमार टायर रिजर्व के 03 ग्रामों के ग्रामीणों की पूर्व सहमति से नियमानुसार विस्थापन करने एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून जैसे विषय विशेषज्ञ संस्थान की मदद से बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन की कार्यवाही की जा रही है।


'गो एयर' से सस्ता हवाई सफर

नई दिल्ली। बजट एयरलाइन्स गो एयर का नया ऑफर आपको जरूर अट्रैक्ट कर सकता है। काफी सस्ते में आपको हवाी सफर का मौका दे रही है एयरलाइन। कंपनी कई रूट्स पर काफी सस्ते टिकट्स बेच रही है। GO Air Fly Sale के तहत कंपनी की टिकट सेल 24 फरवरी को शुरू हो गई है। तीन दिन की यह सेल 26 फरवरी तक चलेगी। इस सेल के तहत कंपनी इंटरनैशनल फ्लाइट्स भी सस्ते दामों पर बेच रही है।


सस्ते में हवाई सफर
डमेस्टिक रूट्स पर गो एयर की टिकट के लिए आपको कम से कम 957 रुपये खर्च करने होंगे। वहीं, इंटरनैशनल फ्लाइट्स के लिए आपको 5295 रुपये की शुरुआती कीमत अदा करनी होगी। इस सेल में जो टिकटें जारी की जाएंगी, वे 11 मार्च से 15 अप्रैल 2020 के बीच के ट्रैवल प्लान्स के लिए होंगी।


सबसे सस्ता टिकट कहां का?
गो एयर की सस्ती उड़ान कई रूट्स के लिए होगी, जिसमें सबसे कम पैसे आपको अहमदाबाद से इंदौर के रूट के लिए चुकाने होंगे। इस रूट का टिकट 957 रुपये में मिलेगा। इसके अलावा, कोच्चि से बेंगलुरु के लिए आपको 1059 रुपये, कोलकाता से भुवनेश्वर के लिए 1529 रुपये, पुणे से बेंगलुरु के लिए 1590 रुपये, मुंबई से बेगलुरु के लिए 1654 रुपये, इंदौर से नई दिल्ली के लिए 1543 रुपये और हैदराबाद से गोवा के लिए 1659 रुपये खर्च करने होंगे।


इंटरनैशनल रूट्स पर कितना खर्च?
इंटरनैशनल उड़ान की बात करें तो बेंगलुरु से कोलंबो के लिए आपको सिर्फ 5295 रुपये में टिकट मिल जाएगा। अबुधाबी से कन्नूर के लिए सफर के लिए आपको 5626 रुपये खर्च करने होंगे, दिल्ली से बैंकॉक के लिए 6232 रुपये में टिकिट मिलेगा, मुंबई से बैंकॉक आप 6258 रुपये के टिकट मे ंपहुंच जाएँगे और अबुधाबी से मुंबई पहुंचने के लिए आपको 6286 रुपये खर्च करने होंगे।


फरवरी में दूसरी सेल
कंपनी एक ही महीने में दूसरी बार सस्ती टिकट्स का ऑफर दे रही है। इससे पहले एयरलाइन ने वैलंटाइन्स ऑफर पेश किया था। हालांकि, वैलंटाइन्स ऑफर देने वाली एयरलाइन्स में इंडिगो और एयर इंडिया भी थे।


ध्यान रखें ये बातें
कंपनी के इस ऑफर पर ग्रुप डिस्काउंट नहीं लिया जा सकेगा। एयरलाइन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, इन्फैन्ट बुकिंग पर यह ऑफर लागू नहीं होगा। इसके अलावा, पहले खरीदे गए टिकटों पर यह ऑफर वैलिड नहीं होगा।


बदलते मौसम में फैली बीमारी

संजीव प्रताप सिंह


 मौसम में हो रहे बदलाव की वजह जिले भर में वायरल बुखार फैलने लगा है। जिला अस्पताल में रोजाना 400 से 500 मरीज़ उपचार के लिये के लिये पहुँच रहे हैं। सबसे अधिक मरीज़ सर्दीजुखामखांसी और वायरल बुखार से पीड़ित होकर आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मौसम में वायरल फीवर तेजी से फैलने का अधिक खतरा रहता है।


दोपहर गर्मसुबह शाम लग रही सर्दी : दिन के समय मौसम में कई बार बदलाव हो रहा है। सुबह – शाम सर्दी रहती है। दोपहर के समय धूप निकलने के कारण मौसम गर्म हो जाता है। इस बदलाव के कारण लोगों में इम्युनिटी कम हो जाती है। इस वजह से लोग वायरल फीवर से बीमार हो रहे हैं।


अस्पताल में मरीज़ों की बढ़ रही तादाद : इन दिनों जिला अस्पताल की ओपीडी में सुबह से मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों से आने वाले मरीज़ों की लाईन देखी जा रही है। उपचार के लिये ओपीडी में पर्ची बनवाने के लिये मरीज़ों को आधा से एक घण्टा लाइन में लगकर परेशान होना पड़ रहा है। निज़ि पैथॉलॉजी में भी सुबह से ही लोगों के द्वारा अपनी – अपनी जाँच करवाने के लिये लंबी – लंबी लाईन लगायी जा रही है।


मौसम की मार का बच्चों पर भी खासा असर पड़ रहा है। हर दिन लगभग 70 से 90 बच्चे सर्दी जुखाम की बीमारी से ग्रसित होकरउपचार के लिये अस्पतालों में पहुँच रहे हैं। ओपीडी में लंबी लाइन के कारण बच्चों के साथ उनके परिजनों को भी परेशान होना पड़ रहा है।


 


दिल्ली सीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के कुछ हिस्सों में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में दिल्ली सरकार गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, चीफ सेक्रेटरी, कई प्रमुख सचिव, भाजपा और आम आदमी पार्टी के विधायक शामिल होंगे। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार सुबह 10.30 बजे शुरू होगी। बैठक का मुख्य एजेंडा उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा ग्रस्त इलाकों में शांति बहाली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इससे पहले स्थानीय लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील कर चुके हैं।


सोमवार दोपहर से ही उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर, बाबरपुर, गोकुलपुरी, करावल नगर, कर्दमपुरी आदि इलाकों में हिंसा व आगजनी की वारदातें हो रही हैं। हिंसा की इन वारदातों में एक पुलिस हेड कांस्टेबल समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली फायर सर्विस के मुताबिक, इन इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर आग लगने की पैंतालीस सूचनाएं प्राप्त हुई है। हिंसा की ये वारदातें नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों व इस कानून का समर्थन कर रहे लोगों के बीच हुए टकराव के बाद शुरू हुई। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे सैकड़ों लोग यहां मौजपुर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नजदीक मुख्य सड़क मार्ग पर धरना दे रहे थे। नए कानून का समर्थन कर रहे लोगों ने इस धरने व सड़क बंद किए जाने का विरोध किया और जल्द ही दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गई।


उत्तर पूर्वी दिल्ली में रुक-रुक कर हो रही हिंसा व आगजनी को लेकर केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली के कुछ हिस्सों की स्थिति को लेकर मैं काफी चिंतित हूं। हम सबको मिलकर शांति बनाए रखने के लिए सभी सामूहिक प्रयास करने चाहिए। मैं एक बार फिर सभी से किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल ना होने की अपील करता हूं।” वहीं, अपने आवास पर बुलाई गई आपातकालीन बैठक को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हिंसा ग्रस्त इलाकों के सभी विधायकों के साथ आज हम एक बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले सभी पार्टियों के विधायक और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।”


बुखार में ड्यूटी कर रहा था रतनलाल

नई दिल्ली। रतनलाल हेड कॉन्स्टेबल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। वह दिल्ली पुलिस में साल 1998 में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती गोकुलपुरी सब डिवीजन के एसीपी अनुज के ऑफिस में थी। रतनलाल के बारे में जानकारी मिली है कि वह साेमवार काे बुखार होने के बावजूद ड्यूटी पर थे। उनके परिवार में बारह साल की बेटी सिद्धी, दस साल की बेटी कनक और सात साल का बेटा राम है। रतनलाल की पत्नी पूनम ने कहा पहले उन्हें टीवी देखकर पता चला था। इस बीच पुलिस की ओर से बताया गया कि वह जख्मी हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद रतनलाल के भाई और परिवार के अन्य लोग दिल्ली आ गए।


रिटायर्ड पुलिस अधिकारी बोले- घटना दिल्ली पुलिस की नाकामी


दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि हिंसा की यह घटना पुलिस की बड़ी नाकामी है। इस पूरे मामले को लेकर शुरू ही पुलिस का रवैया ढुलमुल रहा। एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने कहा कि शाहीनबाग में जिस दिन लोगों ने सड़क ब्लॉक की थी, तभी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी। रिटायर्ड अधिकारी ने कहा पुलिस सिर्फ इस बात को लेकर डरती रही कि कहीं माहौल खराब न हो जाए। ऊपर से चुनाव के नजदीक होने और सड़क के इस मुद्दे का सियासी रंग लेने की वजह से पुलिस अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन नहीं किया।


केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर पुलिस कमिश्नर तक अलर्ट
हिंसक घटना को गृह मंत्रालय ने बेहद गंभीरता से लिया है। दिनभर हुए बवाल को लेकर पुलिस से लगातार जानकारी ली जाती रही। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। सीनियर पुलिस अफसर मौके पर तैनात हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक कंट्रोल रुम से हालात का जायजा लेते रहे। मंत्री गोपाल राय देर रात एलजी से मिलने उनके घर गए।


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