सोमवार, 27 जनवरी 2020

'मन की बात' का विषय हिंसा-अहिंसा

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाम छह बजे 'मन की बात' की। गणतंत्र दिवस समारोह की वजह से इस रविवार प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम के समय में यह बदलाव किया गया। कार्यक्रम का समय सुबह 11 बजे की बजाय शाम छह बजे का तय किया गया था।  नए साल की शुरुआत के बाद  'मन की बात' कार्यक्रम का यह पहला आयोजन था।


पीएम मोदी ने कहा कि - हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है और शांति हर सवाल के जवाब का आधार होना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि एकजुटता से हर समस्या के समाधान का प्रयास हो और भाईचारे के जरिए हर विभाजन और बंटवारे की कोशिश को नाकाम करें। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है। क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो ?
 
प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात':-
देश और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की भावना, हर दिन, पहले से अधिक मजबूत होती जाती है।
दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन, भारत के लोगों का उत्साह और हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे  ‘कर सकते हैं’...ये ‘कर सकते हैं’ का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है।
इस बार ‘गणतंत्र दिवस’ समारोह की वजह से आपसे ‘मन की बात’, उसके समय में परिवर्तन करना, उचित लगा। और इसीलिए, एक अलग समय तय करके आज आपसे ‘मन की बात’ कर रहा हूं।
हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है। क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो? हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती।
वर्ष 2022 में हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं और उस मौके पर हमें गगनयान मिशन के साथ एक भारतवासी को अंतरिक्ष में ले जाने के अपने संकल्प को सिद्ध करना है।
स्वच्छता के बाद जन भागीदारी की भावना एक और क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है और वह है जल संरक्षण। इसके लिए कई व्यापक और नवोन्मेषी प्रयास देश भर में चल रहे हैं। समाज के हर क्षेत्र के लोग इसमें भागीदारी कर रहे हैं।
जब हर भारतवासी एक कदम चलता है तो हमारा भारतवर्ष 130 करोड़ कदम आगे बढ़ता है।
दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन भारत के लोगों का उत्साह कायम है कि , हम कुछ करके रहेंगे। हम कुछ कर के रहेंगे का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है।
देशवासियों को यह जानकर बहुत प्रसन्ता होगी कि पूर्वोत्तर में अलगाववाद बहुत कम हुआ है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र से जुड़े हर एक मुद्दे को शांति के साथ, ईमानदारी से चर्चा करके सुलझाया जा रहा है।
विश्व, भारत से जो अपेक्षा करता है, उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने का सामर्थ्य, भारत प्राप्त करके रहेगा , इस विश्वास के साथ आइये- नए दशक की शुरुआत करते हैं और नए संकल्पों के साथ मां भारती के लिए जुट जाते हैं।
मोदी ने कहा कि हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती। दुनिया की किसी भी समस्या का हल, कोई दूसरी समस्या पैदा करने से नहीं बल्कि अधिक-से-अधिक उसका समाधान ढूंढकर ही हो सकता है।
आइये, हम सब मिल कर,एक ऐसे नए भारत के निर्माण में जुट जाएं, जहां शांति हर सवाल के जवाब का आधार हो। एकजुटता से हर समस्या के समाधान के प्रयास हो और, भाईचारा, हर विभाजन और बंटवारे की कोशिश को नाकाम करे।
पिछले वर्ष, त्रिपुरा में भी 80 से अधिक लोग, हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्य-धारा में लौट आए हैं जिन्होंने यह सोचकर हथियार उठा लिए थे कि हिंसा से समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है, उनका यह विश्वास दृढ़ हुआ है कि शांति और एकजुटता ही, किसी भी विवाद को सुलझाने का एक-मात्र रास्ता है।
देश के किसी भी कोने में अब भी हिंसा और हथियार के बल पर समस्याओं का समाधान खोज रहे लोगों से आज, इस गणतंत्र-दिवस के पवित्र अवसर पर अपील करता हूं कि वे वापस लौट आएं। मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में, अपनी और इस देश की क्षमताओं पर भरोसा रखें। 
ब्रू-रियांग शरणार्थियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि दिल्ली में एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किये गए | इसके साथ ही, लगभग 25 वर्ष पुरानी ब्रू-रियांग शरणार्थी समस्या के एक दर्दनाक अध्याय का अंत हुआ। यह समस्या 90 के दशक की है | 1997 में जातीय तनाव के कारण ब्रू रियांग जनजाति के लोगों को मिजोरम से निकल करके त्रिपुरा में शरण लेनी पड़ी थी | इन शरणार्थियों को उत्तर त्रिपुरा के कंचनपुर स्थित अस्थाई कैम्पों में रखा गया था। यह बहुत पीड़ादायक है कि ब्रू रियांग समुदाय के लोगों ने शरणार्थी के रूप में अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खो दिया था। 23 साल तक - न घर, न जमीन, न परिवार के लिए , बीमारी के लिए इलाज का प्रबंध और ना बच्चों के शिक्षा की सुविधा।
 सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन इनकी पीड़ा का हल नहीं निकल पाया। लेकिन इतने कष्ट के बावजूद भारतीय संविधान और संस्कृति के प्रति उनका विश्वास अडिग बना रहा।
इसी विश्वास का नतीजा है कि उनके जीवन में आज एक नया सवेरा आया है। समझौते के तहत, करीब 34000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा। इतना ही नहीं, उनके पुनर्वास और सर्वांगीण-विकास के लिए केंद्र सरकार लगभग 600 करोड़ रुपये की मदद भी करेगी। प्रत्येक विस्थापित परिवार को घर बनाने में उनकी मदद की जाएगी। इसके साथ ही, उनके राशन का प्रबंध भी किया जाएगा। ये समझौता कई वजहों से बहुत खास है। ये सहकारी संघवाद की भावना को दर्शाता है।


तमाम बड़े वादों की हकीकत खोकली

चंद्र वती वर्मा


नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने घटती नौकरियों के एक आंकड़े के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा कि नौकरियां देने के तमाम बड़े वादों की हकीकत यही है। देश के सात बड़े क्षेत्रों में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। बड़े-बड़े नामों और विज्ञापनों का नतीजा है 3 करोड़ 64 लाख बेरोजगार लोग। तभी तो सरकार नौकरी पर बात करने से कतराती है।


दोषी की याचिका सुनने को एससी तैयार

नई दिल्ली। कोर्ट निर्भया मामले में मौत की सजा पाने वाले चारों दोषियों में से एक दोषी मुकेश की आखिरी याचिका सुनने को सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश के वकील से कहा कि वह शीर्ष अदालत के सक्षम अधिकारी के समक्ष आज ही याचिका का उल्लेख करें। दोषी मुकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी को फांसी दी जाने वाली है तो सुनवाई से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं हो सकता। बता दें कि मुकेश कुमार सिंह ने शनिवार को राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि बीते हफ्ते निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में एक दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते हुए दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखने की सिफारिश की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय 16 जनवरी 2020 की रात दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी थी। दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी।


गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास 16 जनवरी की रात को भेजी थी। मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश दोहराई थी। दिल्ली के उप राज्यपाल ने गुरुवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसके एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी।


दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। दिल्ली पटियाला कोर्ट ने चारों दोषियों।। मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल का आदेश ‘डेथ वॉरंट’ सात जनवरी को जारी किया था। हालांकि, दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के कारण गुरुवार को दिल्ली कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है।


चूहों बचा रहे जान, बारूदी सुरंग खोजी

कंबोडिया। चूहों से अक्सर हमें किसी न किसी तरह की दिक्कत होती है। कभी वे कुछ काट देते हैं। कभी कोई सामान चोरी कर लेते हैं। कभी खाने-पीने की चीजें बर्बाद कर देते हैं लेकिन कंबोडिया में चूहे हीरो (Hero Rats) होते हैं। क्योंकि यहां चूहे हजारों लोगों की जान बचा रहे हैं।


अभी हाल ही में कंबोडिया के सियेम रीप प्रांत के त्रापियांग क्रासांग गांव में इन चूहों ने 788,257 वर्ग मीटर की जमीन से बारूदी सुरंगें (Landmines) खोजकर उन्हें नष्ट करने में मदद की है। इसके बाद ये जमीन 19 कंबोडियाई परिवारों को वापस दी गई। इन चूहों ने 170 बारूदी सुरंगों को खोजा। ये सुरंगे कई सालों से दबी हुई थीं और फटी भी नहीं थी। इनके फटने से लोगों और जानवरों के मरने का डर बना रहता था। इन सुरंगों को खोजकर नष्ट करने में चूहों को मात्र तीन महीने लगे।


इन चूहों को बारूदी सुरंगें खोजने की ट्रेनिंग देती है एंटी पर्सनल लैंडमाइंस डिटेक्शन प्रो़डक्ट डेवलपमेंट (APOPO)। इस संस्था की शुरुआत 1997 में हुई थी। लेकिन बतौर अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संस्था के तौर पर इसका पंजीकरण 2017 में किया गया। इस संस्था की शुरुआत की थी बार्ट वीटजेंस ने। इन्होंने देखा कि अफ्रीका के पाउच्ड रैट किसी भी तरह के बारूदी सुरंगों को खोजने में सक्षम हैं तो इन्होंने चूहों से बारूदी सुरंगें खोजने का प्रस्ताव रखा।


APOPO ने अपने चूहों की मदद से कंबोडिया, अंगोला, जिम्बाब्वे और कोलंबिया में बारूदी सुंरगों को खोजकर लोगों की जान बचाई है। अब तक इन चूहों ने इन देशों में करीब 1.38 लाख से ज्यादा बारूदी सुरंगें खोजी हैं। जनवरी 2019 में जारी किए गए APOPO के आंकड़ों को देखें तो इनके पास अभी 151 चूहे हैं। इनमें से 26 सिर्फ प्रजनन का काम करते हैं। 53 चूहे बारूदी सुरंगों को खोजने के लिए प्रशिक्षित हैं। 39 चूहे रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए हैं। 10 रिटायर हो चुके हैं।10 चूहों को अमेरिका के चिड़ियाघरों में शांतिदूत बनाकर भेजा जा रहा है।


हर चूहे को हफ्तें में पांच दिन बारूदी सुरंगें खोजने की ट्रेनिंग जी जाती है। एक दिन में ये सिर्फ आधे से डेढ़ घंटे की ट्रेनिंग करते हैं। आखिरी के दो दिन ये सिर्फ पार्टी करते हैं। एक चूहे की ट्रेनिंग पर हर महीने करीब 400 रुपए का खर्च आता है। इन चूहों की उम्र 8 से 10 साल होती है। ये अपने जीवन में से 6 से 7 साल काम कर सकते हैं इन चूहों के जरिए आप एक टेनिस कोर्ट के बराबर की जगह में बारूदी सुरंगें सिर्फ 20 मिनट में खोज सकते हैं। जबकि, मेटल डिटेक्टर से खोजने में करीब एक से चार दिन लग सकते हैं। चूहे बारूदी सुरंगे खोजने में 100 फीसदी सफल होते हैं।


हेलीकॉप्टर क्रैश में बेटी सहित ब्रायंट की मौत

मनोज सिंह ठाकुर 


लॉस एंजिल्स। बास्केटबॉल की दुनिया में बड़ा शून्य, कोबी ब्रायंट नहीं रहे। हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद हुई मौत, अन्य 4 की भी मौत।
बास्केटबॉल के जादूगर कोबी ब्रायंट की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है। हादसे के वक्त उस हेलिकॉप्टर में कुल 5 लोग सवार थे। किसी को भी नहीं बचाया जा सका है।


दिग्गज बास्केटबॉल खिलाड़ी रहे कोबी ब्रायंट की एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई है। कोबी ब्रायंट की गिनती बास्केटबॉल की दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में होती थी। उनके निधन से प्रशसंकों में भारी शोक की लहर है। कोबी ब्रायंट जिस हेलिकॉप्टर में सवार थे, वह क्रैश हो गया। 41 वर्षीय कोबी ब्रायंट के साथ इस हेलिकॉप्टर में अन्य 4 लोग भी सवार थे। दावा किया जा रहा है कि इस हेलिकॉप्टर में उनकी 13 वर्षीय बेटी भी सवार थी।


स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10 बजे यह हादसा हुआ है। लॉस एंजेलिस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जब यह हादसा हुआ तब घना कोहरा छाया हुआ था। कोहरे की वजह से उनके रेस्क्यू ऑपरेशन में भी बचाव दल को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस हादसे में विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई है। कोबी ब्रायंट ने अपने 20 साल के करियर में कई रेकॉर्ड्स अपने नाम किए. कोबी ब्रायंट नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन की ओर से खेलते रहे और 5 चैम्पियनशिप अपने नाम की। 18 बार उन्हें ऑल स्टार नामित किया गया। साल 2016 में एनबीए के तीसरे सबसे बड़े ऑल टाइम स्कोरर के तौर वे रिटायर हुए। कोबी ब्रायंट ने 208 और 2012 ओलंपिक में यूएसए टीम के लिए दो स्वर्ण पदक भी जीता था।


गार्जियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रिटायर होने के बाद उन्होंने मीडिया में कदम रखा। साल 2018 में उन्हें डियर बास्केटबॉल नाम सी शॉर्ट फिल्म के लिए ऑस्कर पुरस्कार भी मिला। जब उन्होंने रिटायरमेंट की राह चुनी थी, तब उन्होंने एक कविता लिखी थी। यह फिल्म उसी बारे में है।


डोनाल्ड ट्रंप ने जताया शोकः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोबी ब्रायंट के निधन पर शोक व्यक्त किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दुनिया के महानतम बास्केटबॉल खिलाड़ी होने के बाद भी वे अपने जीवन की शुरुआत कर रहे थे। वे अपने परिवार से बेहद प्यार करते थे। वह भविष्य के लिए आशावान थे। उनकी बेटी गियाना की मौत इस घटना को और ज्यादा दुखद बना देती है।


ओबामा ने कहा दिल तोड़ने वाली घटनाः अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। ओबामा ने कहा कि कोबी ब्रेयांट महान थे। वे अपनी ज़िंदगी की दूसरी पारी की शुरुआत कर रहे थे। एक अभिभावक के तौर पर गियाना की भी मौत हमारे लिए भी दिल तोड़ने वाली है। इस दुख की घड़ी में मैं अपनी संवेदनाएं उनकी पत्नी के प्रति ज्ञापित करता हूं। इस दिन की किसी ने परिकल्पना नहीं की होगी।


राफेल नडाल ने भी जताया दुखः वर्ल्ड नंबर-1 स्पेन के टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल ने कहा कि इस सुबह मेरे दिन की शुरूआत दर्दनाक खबर पढ़कर हुई। कोबी दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में से एक थे। कोबी ब्रायंट की बेटी गियाना और अन्य यात्रियों की भी मौत हो गई है। मेरी सद्भावना उनकी पत्नी और परिवार के साथ है। मैं शॉक्ड हूं।


मुंबई-जयपुर के बाद छपरा में वायरस

मनोज सिंह ठाकुर


पटना। चीन के वुहान में फैले करॉना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। इस बीच भारत में भी करॉना वायरस के संदिग्धों के मामले सामने आ रहे हैं। मुंबई और जयपुर के बाद बिहार के छपरा में करॉना वायरस की संदिग्ध मरीज मिली है। संदिग्ध महिला मरीज को पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) ले जाया जा रहा है। इससे पहले वह छपरा के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थी। महिला में करॉना वायरस जैसे लक्षण मिले हैं।


संदिग्ध महिला मरीज कुछ दिन पहले ही चीन से लौटकर आई है। इससे पहले जयपुर में चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर लौटे एक डॉक्टर को करॉना वायरस से संक्रमित होने की आशंका में जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराए गए इस डॉक्टर को एक अलग वॉर्ड में रखा गया है।


जयपुर में मिला संदिग्ध मरीज
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने अस्पताल प्रशासन को डॉक्टर के परिवार के पूरे सदस्यों की जांच करने का आदेश दिया है। बता दें कि अबतक इस खतरनाक वायरस से चीन में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में फैले जानलेवा करॉना वायरस से अब और ज्यादा खतरनाक रूप लेता जा रहा है और इसका फैलना लगातार जारी है।


चीन में लोग घरों में कैद
चीन के स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे बेहद खतरनाक श्रेणी में रख रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस बीमारी में लक्षण नहीं दिखते हैं और यह लोगों को अपनी जकड़ में ले ले रहा है। चीन में खौफ का आलम यह है कि वुहान में लोगों को उनके घरों में ‘कैद’ कर दिया गया है और इस शहर से किसी के निकलने की अनुमति तक नहीं है।


बेंगलुरु में यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग
पिछले दिनों मुंबई में दो संदिग्ध मरीजों को बीएमसी द्वारा संचालित चिंचपोकली के कस्तूरबा अस्पताल में अलग वॉर्ड में रखा गया था। दोनों मरीज हाल ही में चीन से लौटे थे। उधर, बेंगलुरु इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर रविवार सुबह 8 बजे से बाहर से आए यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग जारी है। एयरपोर्ट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने बताया, ‘पिछले 14 दिनों से चीन के वुहान से लौटे यात्रियों में से किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। अब तक 392 यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग हो चुकी है।’


करॉना का अब तक एक भी केस पॉजिटिव नहीं
देश के 7 हवाईअड्डों पर करॉना वायरस पर एहतियातन 137 उड़ानों से आए 29,000 से अधिक यात्रियों की जांच की गई है लेकिन अब तक एक भी केस पॉजिटिव नहीं पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, ‘137 उड़ानों के 29,707 यात्रियों की जांच की गई। रविवार को 22 उड़ानों के 4,359 यात्रियों की जांच की गई। करॉना वायरस संक्रमण का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया।’


40 दिन तक भयानक 'युद्ध अभ्यास'

मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्ली। करीब 13 लाख जवानों की ताकत वाली भारतीय सेना धीरे-धीरे अपनी एक और ताकत बढ़ा रही है। सेना रॉकेट्स और मिसाइल्स से लेकर हाई-कैलिबर वाले टैंक और आर्टिलरी शेल्स का जखीरा भी खड़ा कर रही है। ये सारी तैयारियां इस तरह से की जा रही हैं ताकि 10 दिन तक चलने वाले किसी भयानक युद्ध के लिए सप्लाई पूरी रहे। आगे चलकर इस लक्ष्य को 40 दिन किया जाएगा। हालांकि, ऐसा किसी आने वाले खतरे के चलते नहीं बल्कि 2022-23 तक सेना को और मजबूत बनाने के लिहाज से किया जा रहा है।


चीन-पाक को ध्यान में रखकर तैयार हो रहा स्टॉक
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सेना के लिए अलग-अलग हथियार ’10 (I) स्तर’ तक पहुंचाए जाएंगे जिसका मतलब है कि 10 दिन तक चलने वाले घनघोर युद्ध के लिए जरूरी स्टॉक का होना। सूत्रों के मुताबिक, ‘यह खासकर पश्चिमी सीमा के लिए है। लेकिन हथियारों का रिजर्व पाकिस्तान और चीन, दोनों को ध्यान में रखकर खड़ा करना होगा।’ गौरतलब है कि पहले जो जरूरी सामान कम पड़ते थे, उन्हें पूरा कर लिया गया है और करीब 12,890 करोड़ रुपये के 24 और कॉन्ट्रैक्ट अभी पाइपलाइन में हैं। इनमें से 19 विदेशी कंपनियों के साथ किए गए समझौते हैं।


फिर बढ़ाई जाएगी ताकत
अगला टार्गेट 40(I) स्तर होगा। हालांकि, इसे लेकर काफी सोच-विचार किया जाएगा क्योंकि हर तरह के हथियारों की भारी संख्या में जरूरत नहीं होती और इतने बड़े रिजर्व को बनाए रखना लागत या सहूलियत के लिहाज से भी ठीक नहीं होता है। मंत्रालय का यह भी विचार है कि 2022-23 के बाद 10 साल तक घरेलू प्राइवेट सेक्टर को विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर 8 अलग-अलग तरह के टैंक, आर्टिलरी और इन्फैन्ट्री हथियार बनाने में सक्षम बनाया जाए जिनकी कीमत 1,700 करोड़ रुपये सालाना आंकी गई है।


उरी हमले के बाद जागी सरकार
पिछले कई सालों से सेना में टैंक से लेकर एयर डिफेंस यूनिट तक हथियारों की कमी को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। कई संसदीय और सीएजी रिपोर्ट्स में भी इसे बताया गया, लेकिन 2016 में हुए उरी हमले के बाद सरकार ऐक्शन मोड में आ गई और जल, थल और वायु, तीनों सेनाओं को वित्तीय अधिकार दे दिए गए। जब यह बात सामने आई कि सेनाओं के पास युद्ध के लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं, तो 10(I) स्तर के कॉन्ट्रैक्ट्स किए गए। इसके बाद हथियारों से लेकर इंजिन तक के लिए 24 हजार करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट किए गए। सेना के लिए स्मर्च रॉकेट, कोंकुर ऐंटी-टैंक गाइेडेड मिसाइल, 125 एमएम APFSDS और दूसरे हथियारों के लिए कुल 19 कॉन्ट्रैक्ट रूस और दूसरे देशों की कंपनियों के साथ किए गए।


ऑर्डिनेंस बोर्ड को फटकार
रक्षा मंत्रालय सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के अंतर्गत आनेवाली 41 फैक्ट्रियों के संचालन और क्वॉलिटी कंट्रोल को बेहतर के लिए भी काम कर रहा है। यहां से सेना को 163 में से 90 हथियार सप्लाई होते हैं। यह कदम सरकार ने तब उठाया जब खराब मशीनरी के कारण बड़ी संख्या में हादसे होने लगे। पिछले महीने सीएजी ने सेना के स्तर की क्वॉलिटी न देने और खराब सामान सप्लाई करते हुए मिलिट्री की तत्परता के साथ समझौता करने के लिए बोर्ड को फटकार लगाई थी। सेना भी ऐसे लोगों की जवाबदेही तय करना चाहती है जो क्वॉलिटी चेक के लिए जिम्मेदार हैं और जिनकी लापरवाही के कारण 105 एमएम इंडियन फील्ड गन, 105 एमएम लाइट फील्ड गन, 130 एमएम MA1 मीडियम गन, 40 एमएम L-70 एयर डिफेंस और टी-72, टी-90 और अर्जुन मेन बैटल टैंक हादसे का शिकार होते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-171 (साल-01)
2. मंगलवार, जनवरी 28, 2020
3. शक-1941, माघ - शुक्ल पक्ष, तिथि- चतुर्थी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:04,सूर्यास्त 05:52
5. न्‍यूनतम तापमान 5+ डी.सै.,अधिकतम-19+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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रविवार, 26 जनवरी 2020

हनुमान मंदिर पर जटिल-रोगों से निजात

हरिया कॉल जंगल में 40 वे' वर्ष में ऑपरेशन की भरमार
विदेशों से आए डॉक्टर निशुल्क ऑपरेशन के लिए
पूज्य संत अजय याग्निक द्वारा किया गया सुंदरकांड का पाठ



बाराबंकी। जिले के हरिया कॉल जंगल में स्थापित "रोग-हरण" हनुमान जी का मंदिर जहां पर पिछले 40 वर्षों से लगभग 5000 ऑपरेशन हर वर्ष निशुल्क आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए किए करता हैं। जिसमें देश-विदेश से बड़े-बड़े डॉक्टर आते हैं और निशुल्क ऑपरेशन करके जाते हैं। समस्त लाभार्थियों को रहना-खाना, पीने की व्यवस्था, रोग हरण हनुमान जी की तरफ से निशुल्क की जाती है। एक तस्वीर में डॉक्टर जी के छापरवाल हैं जो उदयपुर राजस्थान  से पिछले 38 वर्षों से लगातार अपनी निशुल्क सेवाएं देते हैं दो वोल्वो बसों के साथ में पूरी टीम के साथ में आते हैं और 15 दिन रुक कर निशुल्क इलाज में मदद करते हैं इस बार चीन और कैलिफोर्निया से भी डॉक्टर आए थे निशुल्क इलाज के लिए राम वन कुटीर हरिया कोई जंगल लोग हरण हनुमान जी मंदिर में पूरी व्यवस्था प्रभु हनुमान लगता है स्वर्ण संभालते हैं हजारों लोगों की भीड़ और कंट्रोल करने वाला कोई नहीं सब एक अनुशासन के तरीके से बैठे रहते हैं अपनी बारी का इंतजार करते हैं इन सबके लिए मेरे मित्र मनीष मल्होत्रा और निगम साहब पूरी सेवाएं देते हैं।


मदन चौहान


'हम इस राष्ट्र को बिखरने नहीं देंगे'

आकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। नगर-पालिका परिषद, विधानसभा-क्षेत्र, विकासखंड एवं तहसील लोनी स्थित विकास-कुंज में जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन द्वारा आयोजित "जनसंख्या कानून सभा" में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि करोड़ों भारतीयों ने मिलकर इस महान देश का निर्माण किया है। इसके निर्माण के प्रति हम संकल्पबध्द है। अपने नैतिक, मौलिक और संवैधानिक अधिकारों के प्रति आम आदमी पूरी तरह समर्पित है, हम इसे बिखरने नहीं देंगे।
राष्ट्र निर्माण में हो रहे सभी कार्यों का समर्थन भी करेंगे और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाने हेतु राष्ट्रवादियों को एकजुट करेंगे।


फिर 'चुरा के दिल मेरा... शिल्पा चली

मुंबई। बॉलिवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी भले ही 13 साल से फिल्मी दुनिया से दूर हों। लेकिन वह अपना कमबैक फिर धमाकेदार अंदाज में चाहती हैं। यही वजह है कि फिल्मी पर्दे पर लौटने के लिए शिल्पा ने अपने करियर का सबसे धमाकेदार गाना "चुरा के दिल मेरा…." को चुना है। निर्देशक प्रियदर्शन की अपकमिंग फिल्म हंगामा-2 में इस गाने पर अपनी अदाओं से एक बार फिर हंगामा बरपाती नजर आएंगी। वैसे भी इस फिल्म के 25 साल पूरे हो जाने के बावजूद, इस गाने के जरिए आज भी सबका दिल चुरा लेती हैं। 


1994 में आई फिल्म मैं खिलाड़ी, तू अनाड़ी का यह गाना उस साल के सुपरहिट गानों में शुमार था। यह गाना ऐसा है कि सुनते ही हर शख्स झूम उठे। शिल्पा के डांस ने इस गाने को चार चांद लगा दिया था। अब शिल्पा एक बार फिर तैयार हैं। हालांकि इस बार गाने में तंग करने के लिए उनके पास अक्षय कुमार नहीं होंगे। बता दें कि मैं खिलाड़ी, तू अनाड़ी में शिल्पा के साथ अक्षय कुमार और सैफ अली खान थे।
अब हंगामा-2 फिल्म में इस गाने को रीक्रिएट किया जाएगा। प्रियदर्शन के निर्देशन में बन रही इस फिल्म में रीक्रिएट हो रहे इस गाने को भी शिल्पा शेट्टी पर ही फिल्माया जाएगा। शिल्पा इस फिल्म में मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म में उनके साथ मिजान जाफरी और परेश रावल हैं। 
बता दें कि हाल ही में एक कार्यक्रम में कुमार सानू ने जब शिल्पा से पूछा कि 90 के दशक में उनकी फिल्मों के वे कौन से गाने हैं, जिसे वह दोबारा बनाना चाहेंगी, शिल्पा का जवाब था- कुछ ना कहो और चुरा के दिल मेरा…। अब उनकी यह ख्वाहिश पूरी होने जा रही है।


 केपी खोकरान


स्पोर्ट्स कोटे की पांच हजार कांस्टेबल भर्ती

जयपुर। राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल के 5 हजार पदों पर भर्ती होनी है। ये भर्ती स्पोर्ट्स कोटे के तहत की जाएगी। इन पदों पर आवेदन की प्रक्रिया अगले महीने की शुरुआत में शुरू होगी। आवेदन की प्रक्रिया 30 दिनों तक चलेगी। स्पोर्ट्स कोटे के लिए योग्य अभ्यर्थियों को ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरकर सबमिट करना होगा। अगर आप इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं। तो नीचे दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ने के बाद ही अप्लाई करें। पद का नाम
कॉन्स्टेबल (स्पोर्ट्स कोटा) कुल पदों की संख्या
5 हजार  योग्यता
-अभ्यर्थी राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए.
-अभ्यर्थी को देवनागरी लिपि में हिंदी लेखन का व्यावहारिक ज्ञान और राजस्थान की संस्कृति का
ज्ञान आवश्यक होना है।
-जिला पुलिस के लिए सिर्फ वही लोग आवेदन कर सकते हैं जो 10वीं पास हैं। वहीं,
आर.ए.सी/एमबीसी बटालियन के लिए 8वीं पास आवेदन कर सकते हैं। आयु सीमा न्यूनतम आयु सीमा
01.01.2003 के बाद जन्म न हुआ हो। अधिकतम आयु सीमा
पुरुष- 02.01.1997 के पूर्व का जन्म नहीं हो
महिला- 02.01.1992 के पूर्व का जन्म नहीं भर्ती हेतु चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया के 100 अंक होंगे जो तीन चरणों में आयोजित होगी- खेल प्रमाण पत्रों का मूल्यांकन,
शारीरिक मापतौल एंव ट्रायल. खेल प्रमाण पत्र के 70 अंक और ट्रायल के 30 अंक होंगे। सैलरी
दो साल तक ट्रेनी के दौरान 14600 रुपये प्रति माह मिलेंगे।इसके बाद 7वें वेतन आयोग के मुताबिक नियमित वेतन एल-5 वेतन व नियमानुसार अन्य भत्ते मिलेंग। आवेदन फीस
सामान्य/आर्थिक पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग/एमबीसी वर्ग – 400 रुपये एससी, एसटी, सहसिया (केवल राजस्थान के मूल निवासी)- 350 रुपये सामान्य, आर्थिक पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग/एमबीसी वर्ग के ऐसे आवेदक जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख से कम है – 350 रुपये।


'शर्मनाक' गणतंत्र दिवस पर नेताओं में मारपीट

राणा ओबराय

गणतंत्र दिवस के अवसर पर दो नेताओं में चले थप्पड़-घूंसे,शर्म की बात


नई दिल्ली। आपको पता ही होगा कि मध्य प्रदेश में इन दिनों कांग्रेस पार्टी की सरकार है। जहां, आज 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इंदौर स्थित पार्टी ऑफिस में झंडारोहण कार्यक्रम का अयोजन किया गया। वहीँ झंडारोहण के इस कार्यक्रम में पार्टी को शर्मसार होना पड़ गया। दरअसल, झंडारोहण का कार्यक्रम चल ही रहा था कि अचानक से दो कोंग्रेसी नेता आपस में भिड़ गए। लोगों के हुजूम के सामने दोनों कांग्रेसी नेताओं में जमकर मारपीट हुई|दोनों के बीच जमकर थप्पड़-घूंसे चले। मौजूद पुलिस ने दोनों को किया अलग-अलग….. कार्यक्रम में मौजूद पुलिस ने झगड़े को सुलझाया। पुलिसकर्मियों ने कांग्रेस के दोनों नेताओं को अलग-अलग किया और स्थिति को नियंत्रण में लेकर आए। तिरंगा फहराने को लेकर भिड़े कांग्रेसी नेता……. हालांकि कारण साफ़ तरीके से अभी सामने नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है, कि तिरंगा फहराने को लेकर दोनों कांग्रेसी नेता आपस में भिड़ बैठे। कांग्रेस नेताओं देवेंद्र सिंह यादव और चंदु कुंजीर के बीच जमकर थप्पड़ और घूंसे चलने लगे। दोनों की लड़ाई के वक्त बड़ी संख्या में स्थीनाय लोग मौजूद थे जो कि इनकी हाथापाई देख दंग रह गए।


बलराज कुंडू को भेजा 'कानूनी नोटिस'

राणा ओबराय

पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने महम विधायक बलराज कुंडू को भेजा कानूनी नोटिस, कुंडु मांगे माफी!

रोहतक। हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने महम के निर्दलीय विधायक को माफी मांगने के लिए 15 दिन का समय दिया है। अधिवक्ता के माध्यम से भेजे गए लीगल नोटिस में कहा गया है कि निर्दलीय विधायक माफी मांगे और झूठे और आधारहीन आरोप लगाने का खंडन भी करें। वरना कुंडु के खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी! हरियाणा की राजनीति में पिछले कई दिनों से चल रहे इस घटनाक्रम में आज नया मोड़ आया है! पूरे प्रकरण के दौरान सभी की निगाहें लगी हुई थी कि हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री चुप क्यों है औऱ वह क्या कदम उठाते है!


11वीं की छात्रा से कार में किया गैंगरेप

हवस की शिकार बनी 11वीं कक्षा की छात्रा, कार में लड़कों ने किया गैंगरेप


चंडीगढ़। शर्मनाक मामला हरियाणा प्रदेश के पानीपत का है। यहां, दो लड़कों ने कार में 11वीं कक्षा की एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घिनौनी घटना को अंजाम दिया। लड़कों ने पहले छात्रा को नशीला पदार्थ खिलाया और फिर उसके साथ गैंगरेप किया|हालांकि, दोनों लड़कों को पुलिस ने पकड़ लिया है। पहले पार्क में बुलाया, फिर कार में ले जाकर किया गैंगरेप…पीड़ित छात्रा के मुताबिक वह पानीपत के पॉश इलाके में रहती है। और 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। वह शाम को रोजाना पांच बजे ट्यूशन के लिए जाती है, और सात बजे वापस घर लौटती है, लेकिन शुक्रवार को जैसे ही वह घर से ट्यूशन के लिए निकली तो उसके एक जानकार ने उसे फोन करके पार्क में बुला लिया।उसने भी समझा कुछ काम होगा इसलिए वह पार्क चली गई। जब वह स्कूटी लेकर पार्क में पहुंची तो आशीष और उसके दोस्त एक कार में सवार होकर पार्क में आये। कार में उसके जानकर समेत चार लड़के सवार थे।पार्क में स्कूटी खड़ी करवा वह उसे भी अपनी कार में ले गए। जहां कार में उन्होंने उसे नशीला पदार्थ खिला दिया और उसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया। पीड़ित छात्रा ने बताया कि, थोड़ी दूर जाकर कार में से दो लड़के उतर गए। और दो लड़कों ने उसके साथ बारी बारी से गैंगरेप किया। उसके जानकर और उसके दोस्त ने गैंगरेप किया। गैंगरेप कर वापस पार्क में छोड़ने आये थे। तभी पकड़े गए पुलिस ने बताया कि, आरोपी पीड़िता बेहोशी की हालत में पार्क में वापस छोड़ने आये थे। वह जब बेहोशी की हालत में छात्रा को कार से उतारने लगे तो वहां मौजूद लोगों को शक हो गया और उनोने आरोपियों पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने बताया कि, कार में कुल चार लड़के थे जिनमे से दो अभी गिरफ्त में है। दो और की तलाश जारी है।


आज सविधान 'संपादकीय'

आज संविधान    'संपादकीय'


आज फिर देश के प्रधानमंत्री के द्वारा पूर्व की भांति लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज का रोहण किया गया। परंपरागत निर्धारित कार्यक्रमों का समापन किया गया। देश के विकास, निर्माण और योजनाओं का व्याख्यान भी किया गया। सरकार की उपलब्धियां एवं आगामी योजनाओं पर खूब वाहवाही के साथ तालियों की गड़गड़ाहट ने कुछ समय के लिए, समय को भी बांध लिया। गणतंत्र-दिवस के आयोजन की गूंज संपूर्ण विश्व में गूंजी है। दुनिया की सबसे बड़ी दूसरी लोकतांत्रिक व्यवस्था भारत गणराज्य में गणतंत्र-दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण और विशेष है। गणराज्य की परिभाषा के प्रतिकूल होने वाले विकारों पर शायद किसी का ध्यान नहीं है। सरकार अपनी उपलब्धियों के गुणगान में मूलभूत कर्तव्य से पिछड़ गई है। इसके पीछे भाजपा ही है, भाजपा में कुछ नेताओं की नीति स्पष्ट नहीं होती है। जनता की कुछ अपेक्षाओं को पूर्ण करना और अपने दायित्व से मुंह मोड़ लेना, इसे छद्दम कार्य ही कहा जाएगा। जहां जनता का राज्य है। वहां जनता का भीषण शोषण और उत्पीड़न होना, कितना शर्मनाक है ? इसका अनुमान लगाया जा सकता है। आज संविधान के अनुरूप देश में बहुत कुछ नहीं हो रहा है। देश में बेरोजगारी का बढ़ता ग्राफ इतना गंभीर बन चुका है कि इस को व्यवस्थित करने में अभी कई सालों का समय लग सकता है। जनता सरकार से यह आशा तो कर ही सकती है कि जनता को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। दैनिक भरण-पोषण में आने वाली समस्याओं का संबंध आर्थिक समस्या से न जुड़ा हो। लेकिन वर्तमान सरकार में इस नीति पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। मजदूर व्यक्ति का इतना शोषण शायद पहले कभी नहीं हुआ है। मजदूरों की हड्डियों का जूस निकालने पर व्यवस्थाएं अमादा है। इसके विपरीत अधिकारी इतने भ्रष्ट हैं कि चश्मा पहन कर रखते हैं कि कहीं किसी से नजर मिलानी पड़ी तो काम आएगा। केसरिया बंधेज बांधकर ट्टपूजिंया नेता जनता के धन पर डाका डाल रहे है। आखिरकार यह कैसा अद्भुत विकास है? क्या गणराज्य में सब के विकास के प्रति कोई नियम निर्धारित नहीं है? आज संविधान और संविधान के शुभचिंतकों को शायद विचारने के लिए विवश होना पडे। जनता को प्रधानमंत्री से जो उम्मीद थी, वह शायद ही पूर्ण हो सके। हालांकि यह बात भी पूरी तरह सत्य है कि सभी को संतुष्ट करना बड़ा कठिन है। लेकिन यह बात भी सही है कि सबकी अपनी क्षमताएं होती है। देश में फैला खुला भ्रष्टाचार और संविधान के विरुद्ध होने वाले अनैतिक कार्य अभी भी एक चुनौती है। इसे स्वीकार करना या इससे भाग जाना, यह स्वविवेक पर निर्भर करता है।


कुर्बानियों का दौर, आज भी नया है।
जज्बात है जिंदा, कतरा-कतरा खून जवां है।
राधेश्याम 'निर्भय-पुत्र'


गणतंत्र दिवस पर जम्मू-कश्मीर को 108 पदक

नई दिल्ली। भारत के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 108 पदकों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस को सबसे अधिक वीरता पदक प्रदान किए गए हैं। सीआरपीएफ दूसरे स्थान पर रहा, उसे 76 वीरता पदक मिले हैं।


केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि केंद्रशासित पुलिस कश्मीर घाटी में आतंकवाद रोधी अभियानों में निरंतर शामिल रही है, जिसे तीन शीर्ष राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिले हैं, जबकि सीआरपीएफ को एक राष्ट्रपति पुलिस पदक (मरणोपरांत) मिला है।
जम्मू कश्मीर पुलिस को वीरता के लिए 105 पुलिस पदक (पीएमजी) और तीन पीपीएमजी दिए गए हैं। इसके बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को 75 पीएमजी मिले हैं। इसे एक पीपीएमजी (मरणोपरांत) मिला है। केंद्रशासित क्षेत्र में आतंकवाद रोधी ड्यूटी में सीआरपीएफ भी तैनात है। झारखंड पुलिस को 33 पीएमजी दिए गए हैं।
इन पदकों की घोषणा साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है।


जगदलपुर में बनेगा 'नर्सरी स्कूल'

जगदलपुर। मुख्यमंत्री ने आज जगदलपुर के लालबाग़ परेड मैदान ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने आज कई बड़ी घोषणाएं भी की। मुख्यमंत्री भूपेश ने  दो हजार आंगनबाड़ी भवन निर्माण करने की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृ शक्ति को समुचित अधिकार व आदर देने के साथ माताओं तथा शिशुओं की देखरेख में सहायक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानदेय 700 रूपए से 1500 रूपए तक बढ़ाया गया है। सीएम भूपेश ने कहा, ‘’10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को नर्सरी स्कूल के रूप में विकसित करने 2 हजार आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत् सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए की गई हैै।”


ओकलैंड में फिर से जीता भारत

ऑकलैंड। कसी हुई गेंदबाजी के बाद ओपनर लोकेश राहुल (57) के अर्धशतक की मदद से भारत ने न्यू जीलैंड को दूसरे टी20 में 7 विकेट से हरा दिया। रविवार को ऑकलैंड के ईडन पार्क में खेले गए इस मुकाबले में मिली शानदार जीत से भारतीय टीम ने 5 मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली।


न्यू जीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 132 रन बनाए। भारतीय टीम ने 17.3 ओवर में 3 विकेट पर 135 रन बनाकर 15 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया। शिवम दुबे (8) ने विजयी छक्का लगाया। राहुल-अय्यर ने जोड़े 86 रन
भारत के लिए लोकेश राहुल ने 57 और श्रेयस अय्यर ने 44 रन का योगदान दिया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 86 रन जोड़े। राहुल ने 50 गेंदों पर 3 चौके और 2 छक्के लगाए। वहीं, अय्यर ने 44 रन के लिए 33 गेंदों का सामना किया, 1 चौका और शानदार 3 छक्के लगाए। राहुल की 11वीं टी20 इंटरनैशनल फिफ्टी
लोकेश राहुल ने करियर का 11वां टी इंटरनैशनल अर्धशतक जड़ा। उन्होंने चौके से 43 गेंदों पर फिफ्टी पूरी की। राहुल ने हाशिम बेनेट के ओवर (पारी का 15वां) की तीसरी गेंद पर सिक्स लगाया, फिर अगली ही गेंद पर चौका लगाकर अर्धशतक पूरा किया। सस्ते में लौटे रोहित और विराट
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और रोहित शर्मा को पहले ही ओवर की अंतिम गेंद पर टिम साउदी ने पविलियन की राह दिखा दी। उन्हें रॉस टेलर ने लपका। रोहित ने 6 गेंदों पर 2 चौके भी लगाए। छठे ओवर की दूसरी गेंद पर कप्तान विराट कोहली (11) को साउदी ने विकेट के पीछे सिफर्ट ने लपका। विराट ने 12 गेंदों का सामना किया और 1 चौका लगाया। भारत के 2 विकेट 39 रन तक गिर गए। भारत को मिला 133 रन का टारगेट
रविंद्र जडेजा की अगुआई में बेहद कसी हुई गेंदबाजी के दम पर भारत ने न्यू जीलैंड को 5 विकेट पर 132 रन पर रोक दिया। न्यू जीलैंड को मार्टिन गप्टिल (20 गेंदों पर 33 रन) ने तेजतर्रार शुरुआत दिलाई लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी वापसी की और 33 रन के अंदर चार विकेट लेकर कीवी टीम को इसका फायदा नहीं उठाने दिया। गप्टिल और मुनरो ने पहले विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारतीय गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन
विकेटकीपर बल्लेबाज टिम सिफर्ट ने 26 गेंदों पर नाबाद 33 रन बनाकर न्यू जीलैंड को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। जडेजा ने 4 ओवर में 18 रन देकर 2 विकेट जबकि जसप्रीत बुमराह ने 21 रन देकर एक विकेट लिया। मोहम्मद शमी ने चार ओवर में केवल 22 रन दिए, भले ही उन्हें विकेट नहीं मिला। शार्दुल ठाकुर (दो ओवर, 21 रन, एक विकेट) और शिवम दुबे (दो ओवर, 16 रन एक विकेट) ने भी सफलताएं हासिल कीं। शार्दुल को मिले केवल 2 ओवर, लुटाए 21 रन
गप्टिल ने ठाकुर के पारी के पहले ओवर में ही दो छक्के जड़कर अपने इरादे जताए। ठाकुर जब पावरप्ले के आखिरी ओवर में छोर बदलकर गेंदबाजी के लिए आए, तब भी गप्टिल ने उन पर लगातार दो चौके लगाए। वह पावरप्ले की अंतिम गेंद का पूरा उपयोग करके उसे छह रन के लिए भेजना चाहते थे लेकिन गेंद हवा में लहरा गई और विराट कोहली ने मिडऑफ पर उसे कैच में बदल दिया और मुट्ठी भींचकर अपने खास अंदाज में जश्न मनाया। 81 रन तक गिरे 4 विकेट
न्यू जीलैंड का पहला विकेट 48 रन पर गिरा लेकिन इसके बाद जल्द ही उसका स्कोर चार विकेट पर 81 रन हो गया। कोहली ने एक्स्ट्रा कवर पर दुबे की गेंद पर दूसरे सलामी बल्लेबाज कोलिन मुनरो (25 गेंदों पर 26) का कैच लपका। जडेजा ने 11वें ओवर में गेंद संभाली और अपने लगातार ओवरों में कोलिन डि ग्रैंडहोम (3) और कप्तान केन विलियमसन (14) को पविलियन भेजकर कीवी टीम को बैकफुट पर भेज दिया। अंतिम 4 ओवर में बने केवल 23 रन
सिफर्ट ने युजवेंद्र चहल (चार ओवर में 33 रन) पर चौका और छक्का लगाया लेकिन जडेजा, बुमराह और शमी ने रनों पर अंकुश लगा दिया। न्यू जीलैंड अंतिम चार ओवरों में केवल 23 रन बना पाया जिसमें केवल एक छक्का शामिल है जो सिफर्ट ने बुमराह पर लगाया। इस बीच कोहली ने रोस टेलर (18) का कैच भी छोड़ा लेकिन बुमराह ने उन्हें अपने अगले ओवर में पविलियन भेज दिया। टेलर ने 24 गेंदें खेलीं लेकिन इनमें एक भी बाउंड्री शामिल नहीं रही।


जिला पूर्ति अधिकारी की लापरवाही का दंड

पंकज राघव


संभल। जिला पूर्ति अधिकारी को जिले एवं बैठक में अनुपस्थित होने के कारण वेतन रोकने के लिए निर्देश।


जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने गंगा यात्रा की तैयारियों को लेकर सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की उसमें उन्होंने कहा कि 38 गांव को पूर्ण रूप से विकसित किया जाए। और  38 गांव को खुले में शौच मुक्त कराया जाए। गांव में शौचालय का प्रयोग सत प्रतिशत होना चाहिए । अगर गंगा किनारे के गांव में कोई भी खुले में शौच जाता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्होंने कहा कि जो शौचालय खराब है या अपूर्ण हैं उन्हें पूर्ण करा कर शौचालय का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाए। गंगा किनारे की गांव में खुले में शौच नहीं होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा सभी प्रधानों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने अपने गांव में साफ सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर करना सुनिश्चित करें गंगा किनारे के गांव में कोई भी कूड़ा करकट नहीं होना चाहिए। और उन्होंने कहा की जिस गांव से होकर गंगा यात्रा अभियान समिति गुजरेगी हर गांव में स्वागत द्वार होना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में गंगा यात्रा रथ द्वारा गंगा यात्रा अभियान समिति भ्रमण करेगी। उन्होंने बताया कि जनपद गंगा यात्रा रथ गंगा यात्रा अभियान समिति का विशेषकर स्वागत करेगा जिलाधिकारी ने कहा कि  गंगा यात्रा रथ के द्वारा गंगा किनारे 38 गांव में जागरूक किया जाएगा। जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि गंगा किनारे 38 गांव में पर डे प्रभात फेरी की जाए। गंगा मां के संबंध में नारेबाजी करते हुए जिससे ग्रामवासी जागरूक हों। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि किनारे 38 गांव में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जाए। और उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि छुट्टा गोवंश किसी भी दशा में नहीं दिखना चाहिए। नहीं तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिला पूर्ति विभाग को निर्देश दिए कि अपनी कार्य को पूर्ण करें इसमें किसी प्रकार की लापरवाही ना करें जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा किनारे प्रत्येक गांव में गंगा किनारे चबूतरा बनाना सुनिश्चित करें। सभी ई ओ को निर्देश दिए कि अपनी अपनी नगरों में प्रभात फेरी एवं वॉल पेंटिंग फोल्डिंग इत्यादि में लगवा कर जागरूक करें इसमें किसी प्रकार की लापरवाही ना की जाए। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए की जनसभा स्थल की वेरी वेकेटिंग की जाए इसमें किसी प्रकार की लापरवाही ना की जाए जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्रामों में गंगा नर्सरी एवं गंगा पौधशाला का निर्माण किया जाए जिसमें फलदायक पौधे एवं छायादार पौधे होने चाहिए। जिलाधिकारी ने बैठक एवं जिले में अनुपस्थित होने के कारण जिला पूर्ति अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी उमेश कुमार त्यागी, अपर जिलाधिकारी कमलेश कुमार अवस्थी, उप जिलाधिकारी गुन्नौर दीपेंद्र यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अमिता सिंह, पशु मुख्य चिकित्सा अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला पंचायत राज अधिकारी/जिला सूचना अधिकारी जाहिद हुसैन सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी एवं संबंधित ग्राम विकास अधिकारी अथवा संबंधित ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।


बेटियों के हक की आवाज को बुलंद किया

पंकज राघव 


बेटियों के हक की आवाज को बुलंद किया
धूमधाम से मनाया गया राष्ट्रीय बालिका दिवस, छात्राओं ने पेश किए कार्यक्रम, रैली निकाली


बहजोई-सम्भल। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय बालिका दिवस धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बेटियों की हिफाजत का संदेश दिया गया। छात्राओं ने रैली निकालकर बेटियों के हक की आवाज को बुलंद किया।
बहजोई डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर छात्राओं ने लघु नाटिका पेश की और जागरूकता रैली निकाली। सीएमओ डॉ. अमिता सिंह और बहजोई डिग्री कॉलेज की प्राचार्या डॉ. गीता वार्ष्णेय ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। छात्राओं ने नारों के जरिए बेटियों के अधिकारों की आवाज को बुलंद किया। सीएमओ डॉ. अमिता सिंह ने कहा कि बेटियां भी समाज का प्रमुख अंग हैं। उन्हें भी समानता की नजर से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियों के जन्म का गिरता अनुपात चिंता का विषय है। गर्भस्थ शिशु के लिंग की जांच करना या कराना कानूनी अपराध है। इसमें लिप्त पाए जाने पर सजा का प्रावधान है। सीएमओ ने तमाम सफलतम महिलाओं के नाम गिनाते हुए कहा उनसे प्रेरणा लेने का आहवान किया।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक संजीव राठौर ने छात्राओं से कहा कि लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव खत्म को करने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 24 जनवरी 2008 से की गई। इसका मुख्य उद्देश्य बेटियों के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण समेत कई अहम विषयों पर जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बेटियों की पढ़ाई और सुरक्षा पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। हमें भी सरकार की इसमें सहयोग सहयोग करना चाहिए। यहां डॉॅ. बीएल विराटिया, महेश गौतम, भीकम सिंह, केपी सिंह, मनु तेवतिया, देवराज श्रीवास्तव, राहुल वार्ष्णेय समेत सभी शिक्षक मौजूद रहे।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...