सोमवार, 16 दिसंबर 2019

विधायक सेंगर दुष्कर्म-अपहरण का दोषी

नई दिल्ली! उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म केस में दिल्ली कोर्ट ने सोमवार को विधायक कुलदीप सेंगर को दुष्कर्म और अपहरण का दोषी ठहराया। तीस हजारी कोर्ट ने 10 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रखाथा। भाजपा से निष्कासित सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिकदुष्कर्म किया था। करीब ढाई साल के घटनाक्रमों के चलते पीड़ित एम्स में भर्तीहै। उसके पिता-चाची-मौसी की मौत हो चुकी है, जबकि चाचा जेल में हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोज सुनवाईहो रही थी
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस लखनऊ से दिल्ली कोर्ट ट्रांसफर हुआ था। इसके बाद 5 अगस्त से रोजाना बंद कमरे मेंसुनवाई हो रही थी। इस दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के 9 गवाहों से जिरह हुई। पीड़ित का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में स्पेशल कोर्ट बनाया गया था।


अमर्यादित भाषा (आलोचना)

पूजा सिंह 


लगता है राहुल गांधी ने ठान लिया है कि वह रह-रह कर बेतुके बयान देते ही रहेंगे। चंद दिनों पहले जब उन्होंने भारत को दुष्कर्म की राजधानी कहा था तब भी उनकी आलोचना हुई थी, लेकिन उनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा। अब उन्होंने मेक इन इंडिया का हवाला देते हुए यह कह दिया कि आज जहां देखो वहीं रेप इन इंडिया नजर आता है। यह एक अभद्र टिप्पणी है। उनके जैसे नेता को ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती, लेकिन शायद वह यह मान बैठे हैैं कि अमर्यादित भाषा ही उनकी राजनीति को धार देती है। हैरानी नहीं कि उनके सलाहकार भी ऐसा ही सोचते हों, क्योंकि यह पहली बार नहीं जब राहुल गांधी ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया हो।
उनकी भाषा किस तरह बिगड़ती चली जा रही है, यह सर्जिकल स्ट्राइक के समय खून की दलाली वाले बयान से भी साबित हुआ था और फिर आम चुनाव के वक्त उनकी ओर से उछाले गए चौकीदार चोर है नारे से भी। इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि वह प्रधानमंत्री के लिए बोलता है, देखता है जैसी शब्दावली इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करते। वैसे तो अपने देश में ऐसे नेताओं की कमी नहीं जो राजनीतिक शिष्टाचार का परिचय देने से इन्कार करते हैैं, लेकिन इसकी उम्मीद नहीं की जाती कि यही काम राहुल गांधी भी करें और वह भी बिना किसी शर्म-संकोच। आखिर वह अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्या संदेश दे रहे हैैं?
यदि राहुल गांधी अपनी राजनीति से कोई उम्मीद नहीं जगा पा रहे तो उसका एक बड़ा कारण उनके छिछले बयान भी हैैं। उन्होंने रेप इन इंडिया वाले अपने बयान के लिए माफी मांगने से इस तरह इन्कार किया, मानो कोई बहादुरी का काम कर दिखाया हो। उन्होंने माफी मांगने से इन्कार करते हुए यह आड़ ली कि एक समय नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली के बारे में ऐसा ही कुछ कहा था। क्या राहुल गांधी यह कहना चाह रहे हैैं कि वह मोदी का अनुसरण करना पसंद कर रहे हैैं?
सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस शासित राज्य और खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान उनकी ओर से परिभाषित किए गए रेप इन इंडिया का हिस्सा नहीं रह गए हैैं? नि:संदेह दुष्कर्म के मामले गहन चिंता का विषय हैैं, लेकिन यह कहना सस्ती राजनीति के अलावा और कुछ नहीं कि दल विशेष के कारण ऐसा हो रहा है। एक गंभीर सामाजिक समस्या पर ऐसी सतही सोच हैरान करती है। आखिर राहुल गांधी यह कैसे भूल सकते हैैं कि निर्भया कांड किसके शासनकाल में हुआ था? उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि दुष्कर्म की घटनाएं किसी राज्य विशेष तक सीमित नहीं हैैं।


हिंसक विरोध में 3 की मौत 27 घायल

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर असम में हिंसक प्रदर्शन जारी है। प्रदेशभर में लोग इस एक्ट के खिलाफ सड़क पर हैं और इस एक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं। अभी तक इस प्रदर्शन में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 27 लोग इस प्रदर्शन में घायल हुए हैं। प्रदेश में हिंसा में मृतक व घायलों की यह जानकारी सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की ओर से दी गई है, जहां इन लोगों का इलाज चल रहा था।


बता दें कि पूर्वोत्तर राज्यों व असम में नागरिकता संशोधन एक्ट के पास होने के बाद प्रदर्शन काफी उग्र हो गया है। इस बिल को संसद में पास करने के बाद राष्ट्रपति ने 12 दिसंबर को इसे अपनी मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद से यह कानून बन गया था।


गौरतलब है कि इस एक्ट में हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म के उन लोगों को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है जोकि अफगानिस्तान, पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक हैं और इनका इनके देश में धर्म के आधार पर उत्पीड़न हुआ है। बता दें कि हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए असम की राजधानी गुवाहाटी और अन्य स्थानों पर सेना और असम राइफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात की गई हैं। रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने बताया कि बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रण में लाने के लिए गुवाहाटी के अलावा मोरीगांव, सोनितपुर और डिब्रूगढ़ जिलों के नागरिक प्रशासन ने सेना और असम राइफल्स की मांग की है।


इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के हिंसा पर उतर जाने के बाद बुधवार को सेना बुलाई गई थी, हालात काबू से बाहर होता देख नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने रविवार को होने वाली संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट की परीक्षा को स्थगित कर दिया है।। असम सहित उत्तरपूर्वी राज्यों में प्रदर्शन से कई सैलानी वहां फंसे हुए हैं, ट्रेने रद्द हैं और फ्लाइट भी स्थगित कर दी गई हैं जिस वजह से ना ही कई वहां से आ सकता है, असम में स्कूलों और कालेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है, राज्य में चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देते हुए असम सरकार के कर्मचारियों ने 18 दिसंबर तक हड़ताल का ऐलान किया है।


जीभ जल जाए तो करें यह उपाय

कभी-कभी आप अनजाने में या फिर जल्दबाजी में गर्मागर्म चीजों को खा लेते हैं, जिसका असर बाद में जीभ पर महसूस होता है। ऐसे में आप स्वाद से वंचित हो जाते हैं, और तकलीफ होती है सो अलग। लेकिन उपाय करना तो जरूरी है, इसलिए जानिए ये 4 उपाय –
1 जीभ जल जाने पर सबसे पहला और आसान उपाय है देसी घी, जिसे जले हुए हिस्से पर लगाएं या फिर कोई ऐसी मीठी चीज बनाकर खाएं जिसमें खूब सारा घी हो, जैसे हलवा। ये दवा का काम करेगा।
2 दूसरा उपाय है शहद। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो जीभ की चोट को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं और दर्द को कम करते हैं। इससे आराम मिलेगा।
3 तीसरा उपाय है ठंडा दही। जी हां, गर्म चीज से जले हैं, तो दही की ठंडक मलहम का काम करेगी। ठंडे दही को कुछ देर मुंह में रखें, यह आराम देगा।
4 चौथा इलाज है पेपरमिंट। यह जीभ में ठंडक का एहसास तो देगा ही आपकी तकलीफ को भी कम करेगा। चाहें तो मिंट च्युइंगम से भी काम चला सकते हैं।
5 पांचवा इलाज भी सीधा सा है। इसके लिए फ्रीजर से बर्फ लेकर जले पर लगाएं, ताकि आपको दर्द और तकलीफ ये राहत मिल सके।


गुणकारी गाजर के कई लाभ

सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में गाजर मिलना शुरू हो जाती है। गाजर का कई तरह से सेवन किया जाता है। कभी यह मीठे में पसंद किया जाता है तो कभी सलाद के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है।


खाने का चाहे कोई भी तरीका क्यों न हो, लेकिन गाजर सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसके चमत्कारी फायदे कई तरह की बीमारियों से निजात दिलाने के लिए जाने जाते हैं।
गाजर सेहत के लिए वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत आवश्यक हैं। तो आइए जानते हैं गाजर से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
आंखों के लिए जरूरी गाजर
गाजर में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है, जो हमारी आंखों के लिए बहुत आवश्यक है। नियमित गाजर के सेवन से आंखों से संबंधित परेशानियों को कम किया जा सकता है।
त्वचा को बनाए खूबसूरत
अगर आप भी अपनी त्वचा बेदाग पाना चाहती हैं, तो गाजर का सेवन आपकी इस चाहत को पूरा करने में काफी हद तक मदद करेगा। गाजर के सेवन से त्वचा में निखार आता है, साथ ही गाजर से पेट भी साफ रहता जिससे कील-मुंहासे जैसी समस्या नहीं होती।
खून की कमी को करे दूर
अगर किसी व्यक्ति को खून की कमी है तो उसे गाजर के सेवन के लिए कहा जाता है जिससे कि इस समस्या से निजात मिल सके। गाजर के सेवन से खून की कमी दूर होती है, साथ ही यह शरीर में स्फूर्ति भी बनाए रखती है इसलिए गाजर का नियमित सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
कई रोगों की एक दवा गाजर
यह कई रोगों का रामबाण इलाज है। माना जाता है कि इसके सेवन से गठिया, पीलिया व इंडाइजेशन से छुटकारा पाया जा सकता है।
गाजर के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। गाजर खाने से पेट में गड़बड़ी और गैस की शिकायत भी दूर होती है, साथ ही यह पेट की सफाई करने का काम भी करती है।


1 साल में 9 शेरों का शिकार हुआ

नई दिल्ली। केंद्रीय वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो में लगाई गई एक आरटीआई से कुछ महत्वपूर्ण खुलासे से पता चला है कि दिश में इस साल नौ शेरों का शिकार किया गया है।
समाजसेवी रंजन तोमर की आरटीआई के जवाब में यह तथ्य सामने आए हैं। तोमर लगातार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूचियों में विलुप्तप्राय होने की कगार पर खड़े जानवरों के लिए मांगी गई जानकारी में ब्यूरो ने बताया कि पिछले 11 सालों में करीब 439 शेरो को इस दौरान मार दिए जाने की जानकारी है।


वहीं राष्ट्रीय हरित न्यायालय द्वारा कड़े रुख के कारण भी सरकारों ने यथोचित कदम उठाये हैं। शायद यह ही कारण है के पिछले दस सालों में जहाँ औसतन 430 शेरों का शिकार किया अर्थात 11 वर्षों में तकरीबन 439 शेर खो दिए गए, जिनमें इस साल शिकार में मारे गये 9 शेर भी शामिल हैं। इस साल यह आंकड़ा बेहद कम हुआ है, क्योंकि इससे पहले पिछले साल तक दस साल में 430 शेरो के शिकार होने से हर साल 43 शेरों के मारे जा रहे थे। आरटीआई के जवाब में ब्यूरो द्वारा जवाब दिया गया है के इस वर्ष (अक्टूबर तक ) कुल 9 शेरो का शिकार हुआ है , हालाँकि यह कोई खुशी की बात नहीं है लेकिन पहले से कम शिकार होना जरूर एक अच्छी बात है। पर्यावरण प्रेमी जानते हैं के इस दुनिया में शेर की कितनी अहमियत है। 
असम व मध्य प्रदेश में मारे गए ज्यादा शेर 
आरटीआई के जवाब में कुछ बातें जो खुलकर सामने आई हैं उनमें पहली यह के आसाम राज्य में सबसे ज्यादा 4 शेरों का शिकार हुआ है मई से जुलाई के महीनों में घटित हुआ इस दौरान ब्यूरो एवं पुलिस द्वारा 12 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है, जहाँ 3 शेरो को जनवरी से मार्च के बीच मार दिया गया, यहाँ भी 2 शेरों के शिकार में 8 शिकारियों को पकड़ा गया, जबकि एक शिकार में किसी को भी नहीं पकड़ा जा सका, इसके आलावा तेलंगाना में एक शेर का शिकार हुआ जबकि 6 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया एवं अंत में पश्चिम बंगाल में एक शेर को मारने के लिए 2 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया।


नए विषय पर फिल्म चाहती है कियारा

मुंबई! करण जौहर के प्रॉडक्शन की फिल्म कलंक में कियारा आडवाणी ने स्पेशल अपीयरेंस दी थी और एक गाने में दिखाई दी थीं। अब कियारा धर्मा प्रॉडक्शन की फिल्म गुड न्यूज में दिखाई देंगी। कियारा का कहना है कि वह करण जौहर को अपना मेंटॉर मानती हैं और खुद को खुशनसीब मानती हैं कि वह करण के प्रॉडक्शन में बनने वाली एक और फिल्म शेरशाह में भी काम कर रही हैं। यह फिल्म करगिल वॉर के हीरो शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा पर बन रही है और इसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा लीड रोल में नजर आएंगे।
करण के साथ काम करने के बारे में कियारा ने कहा, मैं खुशनसीब हूं कि मैं धर्मा प्रॉडक्शन के साथ काम कर रहा हूं। मैं इन सभी फिल्मों में काम करने को लेकर काफी उत्साहित हूं। इनमें से हर फिल्म अपने आप में खास है और मेरे दिल के काफी करीब है। मैं खुशनसीब हूं कि करण मुझ पर इतना भरोसा जताते हैं।


कियारा का मानना है कि करण कॉमिडी में काफी अच्छे हैं। उन्होंने कहा, वह कॉमिडी में काफी अच्छे हैं और मैं उनसे कहती रहती हूं कि तख्त को पूरा करने के बाद प्लीज एक कॉमिडी फिल्म बनाइये। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह कॉमिडी फिल्म बनाएंगे और उसमें मुझे कास्ट करेंगे।
वैसे कियारा की आने वाली फिल्म गुड न्यूज का ट्रेलर रिलीज किया जा चुका है जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इस फिल्म में कियारा के अलावा अक्षय कुमार, करीना कपूर और दिलजीत दोसांझ लीड रोल में नजर आएंगे। यह फिल्म 27 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...