शनिवार, 30 नवंबर 2019

महिला जज को धमकी,12 वकीलों पर मामला

तिरुवंतपुरम! एक आरोपी की जमानत खारिज करने वाली एक महिला जज को यहां एक अदालत में कथित तौर पर धमकाने और उनका रास्ता बाधित करने के आरोपी 12 वकीलों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। राज्य न्यायिक अधिकारी संघ इस मामले को केरल उच्च न्यायालय ले गया था, जहां उसने अदालत से तुरंत दखल देने और अधिकारियों के लिए निडर होकर काम करने का माहौल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।


पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मजिस्ट्रेट की शिकायत पर त्रिवेंद्रम बार संघ के अध्यक्ष और सचिव समेत 12 वकीलों के खिलाफ लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल प्रयोग समेत कई आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। प्रथम श्रेणी की न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपा मोहन ने कुछ वकीलों के 'उपद्रवी' बर्ताव के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को लिखित में शिकायत दी।


इस शिकायत को पुलिस के पास भेजा गया। इस बीच, न्यायिक अधिकारी संघ ने घटना के बारे में केरल उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को शिकायत भेजी। इसमें कहा गया कि तिरुवनंतपुरम बार संघ के कुछ सदस्यों ने मजिस्ट्रेट को अपमानित किया जो गैरकानूनी तरीके से कैद में रखने, आपराधिक धमकी देने तथा सरकारी ड्यूटी निभाने में बाधा डालने के बराबर है। तिरुवनंतपुरम बार संघ अपने सदस्यों के खिलाफ शिकायत के विरोध में शुक्रवार को जिला अदालतों का बहिष्कार कर रहा है।


'मातोश्री' से ही प्रदेश की सत्ता चलाएंगे

मुंबई! महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने घर 'मातोश्री' से ही प्रदेश की सत्ता चलाएंगे। ठाकरे परिवार का पांच दशक से ज्यादा पुराना घर सत्ता का केंद्र रहेगा। उद्धव अपने परिवार और सामान के साथ मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास मालाबार हिल्स स्थित 'वर्षा' नहीं शिफ्ट होंगे। हालांकि वह प्रमुख मीटिंग्स के लिए वहां आते-जाते रहेंगे।


60 के दशक में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे अपने परिवार के साथ बांद्रा ईस्ट के कालानगर स्थित एक प्लॉट में शिफ्ट हुए थे। शिवसेना का जन्म 1966 में ठाकरे के दादर स्थित घर पर हुआ था, मगर बाद में बांद्रा स्थित यही प्लॉट आने वाले सालों में ताकत का केंद्र साबित हुआ।


बता दें कि 60 के दशक में कांग्रेस के मुख्यमंत्री वीपी नाईक ने अपने कार्यकाल के दौरान मीठी नदी के किनारे बांद्रा ईस्ट में कलाकारों और लेखकों की एक कॉलोनी बसाई थी। बाल ठाकरे को भी इस कॉलोनी में मार्मिक वीकली के संपादक के तौर पर एक प्लॉट मिला था। बाद में यहां तैयार हुए बंगले को बाल ठाकरे ने मातोश्री नाम दिया। शुरुआत में यह बंगला सिर्फ एक मंजिला था, बाद में इसमें दो मंजिलें और बनीं।


उद्धव ने औपचारिक तौर पर संभाला मुख्यमंत्री का कार्यभार
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से अपना कार्यभार संभाल लिया है। शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने गुरुवार की शाम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने रात में पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। ठाकरे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन 'महा विकास आघाड़ी' की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। ठाकरे के अलावा छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के दो-दो नेता शामिल हैं।


राजनीति के अखाड़े मे असली दांव बाकी

सचिन विशौरिया


गाजियाबाद! उत्तर-प्रदेश की राजनीति में जिला गाजियाबाद एक बार फिर सुर्खियों में है! जहां जिला गाजियाबाद पहले ही अति संवेदनशील स्थान के रूप में अपनी पहचान बना चुका है! जिस पर एक फिल्म "जिला गाजियाबाद" प्रदर्शित हो चुकी है! वहीं राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चहल-कदमी देखने को मिल रही है! किस प्रकार से लोग पद के लालच में आदमी को खिलौना समझ, उसका लाभ उठाने का काम कर रहे हैं! किस प्रकार से जिला अध्यक्ष पद के लिए गाजियाबाद की सीट को होल्ड पर डालकर नंदकिशोर गुर्जर के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया! क्योंकि नंदकिशोर गुर्जर ही वह कड़ी है, जो पिछली बार बसंत त्यागी के राह का रोड़ा साबित हुई थी! क्योंकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान सबसे ज्यादा वोट नंदकिशोर गुर्जर को मिली थी! लेकिन फिर भी अपने संबंधों के चलते बड़े अधिकारियों से सांठगांठ कर सीट को पिछली बार भी होल्ड पर डलवा कर, यही खेल खेला गया था जो इस बार भी होना तय हैं! वर्तमान में जनपद की राजनीति में उत्पन्न विक्षोभ से राजनीति के अखाड़े में अभी भी आखरी दांव लगना बाकी है!


जिला अध्यक्ष पद होल्ड पर होना और विधायक पर मुकदमा दर्ज होना कहीं एक ही षड्यंत्र तो नहीं


जिला गाजियाबाद में जिला अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बाद क्षेत्रीय राजनीति अपने अपने राजनीतिक आकाओं के सामने सर झुकाने व हर तरह से सांठगांठ के चलते पद को पाने की चाह लिए सभी नेता लखनऊ के चक्कर काट चुके हैं वही इस खेमे में गुर्जर समाज के कई नेता ऐसे हैं जिन्हें विधायक नंदकिशोर गुर्जर का संरक्षण माना जाता है वहीं विधायक प्रतिनिधि का नामांकन करना भी इस बार सुर्खियों में रहा है!


क्यों विधायक नंदकिशोर गुर्जर जाना चाहते हैं जबरन जेल


मुकदमा पंजीकृत होने के बाद विधायक नंदकिशोर गुर्जर क्यों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जेल भेज देने की बात कह रहे हैं! जबकि प्रशासन जांच कर कार्रवाई की बात को बार-बार कह रहा है! लेकिन नंदकिशोर गुर्जर क्यों जेल जाना चाहते हैं? यह बात अभी क्षेत्रीय जनता की समझ से बाहर है! लेकिन राजनीतिज्ञों की अगर मानें तो नंदकिशोर गुर्जर की जान को बाहर खतरा बताया जा रहा है! जिस कारण वह अपने आप को जेल में ही सुरक्षित मान रहे हैं! क्योंकि शतरंज की बिसात पर पहली बाजी संगठन की ओर से नेता चल चुके हैं! ऐसे में "जिला अध्यक्ष" की कुर्सी को लेकर नंदकिशोर गुर्जर अपनी जान को खतरा बता रहे हैं! यह खतरा किससे है, यह बात तो वही जाने! लेकिन इतना तय है कि अगर क्षेत्रीय विधायक इतना बड़ा बयान दे रहे हैं, तो इसमें कहीं ना कहीं, कोई न कोई सच्चाई होगी! क्योंकि यह पहला वाक्य नहीं है,जब नन्द किशोर गुर्जर पर किसी भी प्रकार का खतरा मंडरा रहा हो, पहले भी उन पर राजनीतिक जानलेवा हमले हो चुके हैं!


विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने किस से बताया अपनी जान का खतरा


वैसे तो विधायक नंदकिशोर गुर्जर पर पहले भी जानलेवा हमले हो चुके हैं! लेकिन उन्होंने कभी इन बातों को इतनी गंभीरता नहीं लिया और ना ही इस प्रकार से बयान बाजी की! जाने क्यों इस बार विधायक अपनी जान को ज्यादा ही खतरा महसूस कर रहे हैं? वह भी अपनी पार्टी के नेताओं से! अगर नंदकिशोर गुर्जर की बातों को सच माना जाए, तो बसंत त्यागी व संगठन का एक नेता समेत जाट नेता से अपनी जान को खतरा बता रहे हैं! इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा!


क्यों पार्टी के जिलाध्यक्ष रच रहे हैं नंदकिशोर गुर्जर के खिलाफ षड्यंत्र


लगातार कई सालों तक जिला गाजियाबाद में एक मुस्त राज करने के बाद जिला अध्यक्ष "बसंत त्यागी" को जब अपनी कुर्सी जाती हुई दिखी, तो उन्हें अपनी राह का सबसे बड़ा रोड़ा नंदकिशोर के खिलाफ षड्यंत्र रच, उनको जेल भिजवाने व नामांकन कर चुके है! प्रतिनिधि ललित शर्मा को भी इस षड्यंत्र में लेकर उनकी छवि को खराब करने में जेल भिजवाने के षड्यंत्र को जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी रच रहे हैं! ऐसा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का मानना है, क्योंकि पिछले चुनाव में भी षड्यंत्र के तहत बसंत त्यागी जिलाध्यक्ष पद के लिए सांठगांठ कर चुके हैं!


क्या जिलाध्यक्ष बनते ही बसंत त्यागी लेंगे नंदकिशोर से बदला?


संगठन लगभग 1 या 2 दिन में जिला अध्यक्ष पद कि, जिलों में अध्यक्षों की घोषणा करने ही वाला है! ऐसे में जिला गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र मे चल रहा विवाद आगे क्या रंग लाएगा? यह तो समय ही बताएगा! लेकिन जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी पर लगे, यह आरोप क्या संगठन में तूल पकड़ पाएंगे? यह तो राजनीतिक लोग ही जाने! परंतु यह एक बड़ा सवाल है कि क्या बसंत त्यागी जिला अध्यक्ष बनते ही नंदकिशोर से बदला लेंगे!


किस संगठन के बड़े नेता से है नंदकिशोर को खतरा?


राजनीतिक लोग यूं ही अपनी 'छवि को दागदार' नहीं करना चाहते! जब तक कोई बड़ा कारण सामने ना हो! विधायक नंदकिशोर गुर्जर के द्वारा संगठन के बड़े नेता सुनील बंसल का नाम बीच में लाकर, क्यों इस मामले को तूल देकर, अपनी राजनीति को खतरे में लाना चाहेंगे! जबकि कहीं ना कहीं अगर विधायक इस नाम का उपयोग कर रहे हैं, तो इसमें सच्चाई होगी कि सुनील बंसल ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसी और से लोनी के टिकट के लिए नजराना ले लिया था! जिसको वापस करने के बाद वह लगातार नंदकिशोर गुर्जर से राजनीतिक द्वेष रखते हैं! इसलिए नंदकिशोर गुर्जर लगातार उनसे अपनी जान को खतरा बता रहे हैं! बताया जा रहा है कि इस मुकदमे को दर्ज कराने में भी सुनिल बंसल का ही नाम सामने आ रहा था!


वकीलों, व्यापारियों, सभासदों व किसान यूनियन क्यों है विधायक के समर्थन में


खाद्य अधिकारी आशुतोष सिंह द्वारा विधायक नंदकिशोर गुर्जर केे विरुद्ध पंजीकृत मुकदमा के बाद 'लोनी बार एसोसिएशन', लोनी व्यापार मंडल, भारतीय किसान यूनियन और नगर पालिका सभासद संगठन समेत ऐसे कई प्रतिनिधि मंडल विधायक नंदकिशोर गुर्जर के पक्ष में आए हैं! जिनका मानना यह है कि विधायक इस प्रकार का कोई कार्य नहीं करा सकते! लोनी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रतन भाटी ने बताया कि आशुतोष सिंह खुद "भ्रष्ट अधिकारी" हैं! भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित रहे हैं, ऐसे अधिकारी की बात को महत्व नहीं दिया जा सकता! क्योंकि वह लोनी के व्यापारियों को लगातार परेशान करने का कार्य कर रहे है, जिसकी शिकायत कई बार विधायक नंदकिशोर गुर्जर से की गई! इसलिए उनको बुला कर समझाया था, लेकिन एक अधिकारी अपनी ताकत का इस तरह से दुरुपयोग करेगा इस बात का अंदाजा उन्हें नहीं था!


इस पूरे वाक्य पर क्या कहते हैं नंदकिशोर गुर्जर


क्षेत्रीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर से इस पूरे प्रकरण में चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि वह जब विधायक बने भी नहीं थे! तभी से जनता की सेवा व भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की उनकी आदत ने, आज इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है कि उनके पार्टी के नेता ही उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं! क्षेत्रीय जनता इस बात से बेहद खुश है कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए एक नेता उनके हक की लड़ाई लड़ रहा है! विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा तत्पर जनता के लिए खड़े रहेंगे, "चाहे इसके लिए उनको जेल क्यों ना जाना पड़े"! वह मुकदमे में जेल जाने से डरते नहीं है, जनता की आवाज उठाने का हक उन्हें जनता ने दिया है! जो वह पूरा करने के लिए कटिबद्ध है, अधिकारी उन्हें जेल भेज दें! लेकिन वह लोनी की जनता को लूटने नहीं देंगे!


जानिए क्यों  उठा है जिला अध्यक्ष पद के लिए इतना बडा कदम


जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि जिलाध्यक्ष पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं! जिसमें कई खुलासे भी हुए हैं! लेकिन भाजपा कार्यकर्ता भगवती तोमर ने जो उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया है! वह मामला जांच में अभी तक खोला नहीं गया है! क्योंकि बसंत त्यागी सत्ताधारी पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं! जैसे ही बसंत त्यागी इस पद पर से हटते हैं, तो उनके ऊपर जेल जाने की तलवार लटक जाएगी! सत्ता के दबाव में पुलिस सही कार्रवाई नहीं कर पा रही है! जिस कारण बसंत त्यागी हर दांव खेलकर अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं! शायद भगवती तोमर मामले में जेल जाने का डर उन्हें सता रहा है!


पुलिस उपायुक्त-कप्तान तैयार करेगे,डेली-डायरी

राणा ओबराय
हरियाणा सरकार का नया आदेश, उपायुक्त एवं पुलिस कप्तान को तैयार रखनी होगी डेली डायरी
चण्डीगढ़! भाजपा की मंथन बैठकों में आए फीडबैक के बाद सरकार ने राज्य के सभी डीसी और एसपी को डेली डायरी लिखने के निर्देश दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल अपने राज में अधिकारियों से डेली डायरी लिखवाया करते थे। बता दें कि कुछ समय के लिए पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने भी यह काम कराया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रहें भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी अपनी सरकार के पहले कार्यकाल में दो से तीन साल तक अफसरों से डायरी लिखवाई, लेकिन तब यह काम डीसी या एसपी नहीं बल्कि जिला सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी करते थे। बंसीलाल की सरकार में डीपीआइआरओ काफी पावरफुल थे। उन्हें एक कालम में डीसी की एसीआर तक लिखने की पावर थी। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने डीसी व एसपी को डेली डायरी लिखने को कहा है। डेली डायरी में अधिकारियों को यह दर्ज करना होगा कि उन्होंने दिन में कुल कितनी बैठकें की। बैठकों का ब्योरा भी इस डायरी में देना होगा।
उन्हें बताना होगा कि किस विभाग की बैठक ली गई, उसमें कौन आया और कौन नहीं आया। किन मुद्दों पर चर्चा होगी। कितने जनप्रतिनिधियों से हर रोज मिले। कितने लोग शिकायतें लेकर आए। कितने विकास कार्यों का अवलोन किया। डेली डायरी में विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भी दर्ज करनी होगी।
इस डायरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल या डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला किसी भी समय देख सकते हैं। फील्ड में दौरे के दौरान अधिकारियों को यह डायरी अपने पास रखनी होगी।


बर्थ कंट्रोल के लिए छोटा डिवाइस विकसित

सिडनी! ज्यादातर महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं! अनचाहे गर्भ से बचने के लिए ये गोलियां लेना सबसे आसान उपाय है! पर एक तरफ जहां इन गोलियों के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं वहीं इन्हें खाना याद रखना भी एक बड़ा काम बन जाता है! अगर आपको गलती से दवा खाना नहीं याद रहा तो इससे अनचाहा गर्भ हो सकता है, जिससे आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं! पर महिलाओं को अब इन समस्याओं से जल्द ही निजात मिल सकेगी! वैज्ञानिकों ने गर्भनिरोधक गोलियों का एक अच्छा विकल्प निकाला है!


वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कॉन्ट्रासेप्टिव पैच निकाला है जो ठीक कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की तरह ही काम करता है! ये पैच त्वचा से चिपक जाता है और धीरे-धीरे 30 दिनों तक महिलाओं के खून में एक कॉन्ट्रासेप्टिव ड्रग छोड़ता है! छोटे से आकार के इस डिवाइस में छोटी-छोटी कुछ सुइयां लगी हैं जो स्किन पर लगते ही कॉन्ट्रासेप्टिव निकालना शुरु कर देती हैं! जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इसका प्रयोग सबसे पहले चूहों पर किया था जिसे पूरी तरह से सुरक्षित पाया गया! इसके बाद ये परीक्षण महिलाओं पर किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले! जिन 10 महिलाओं पर इसका प्रयोग किया गया था, उनमें से किसी ने ये शिकायत नहीं की कि पैच लगाने से उनको किसी तरह का कोई नुकसान पहुंचा है!


केमिकल और बायोमॉलेक्युलर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर मार्क प्रुस्निट्ज सहित दूसरे शोधकर्ताओं का भी यही कहना था कि ये कॉन्ट्रासेप्टिव पैच उन महिलाओं के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है, जो रोज दवा ले-लेकर थक चुकी हैं!ज्यादातर महिलाएं तो सही समय पर गर्भनिरोधक गोलियां ही नहीं लेती हैं, जिससे इन गोलियों का असर वैसे भी कम हो जाता है! इन्ही वजहों से लंबे समय तक चलने वाले गर्भनिरोधक पैच को गाइनैकॉलजिस्ट ने भी मंजूरी दे दी है! स्किन की बनावट पतली होती है जिसमें सूइयां आसानी से चली जाती हैं, जिसकी वजह से ही कॉन्ट्रासेप्टिव पैच के नीचे सूइयां लगाई गईं हैं!


सिडनी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और पीडियाट्रिक्स रेचल स्किनर का कहना है कि 'माइक्रोनीडल पैच से लोगों तक आम और एक जरूरी दवा पहुंच सकेगी'! ये विशेष रूप से युवा महिलाओं और कम आय वाले देशों की महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जहां महिलाओं को आसानी से गर्भनिरोधक नहीं मिल पाता!



100 दिन तक 9 घंटे सोने पर 1 लाख रूपये

100 दिन तक सोने की नौकरी, भारतीय स्टार्टअप ने ऑफर की 1 लाख रुपये सैलरी


बेंगलुरु! अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा स्पेस स्टडी के तहत दो महीने सोने के लिए 14 लाख रुपये देती है! अब कुछ ऐसा ही भारत  में शुरू होने को है! कर्नाटक स्थित बेंगलुरु की एक ऑनलाइन फर्म वेकफिट ने कहा है कि वह 100 दिनों तक हर रोज रात में 9 घंटे सोने वाले शख्स को 1 लाख रुपये देगी! ऑनलाइन स्लीप सॉल्यूशन फर्म ने अपने इस प्रोग्राम को वेकफिट स्लीप इंटर्नशिप का नाम दिया है! जहां सेलेक्ट किए गए कैंडिडेट्स को 100 दिन तक रात को 9 घंटे सोना होगा!


सेलेक्टेड कैंडिडेट्स कंपनी के गद्दे पर सोएंगेे! इसके साथ ही वे स्लीप ट्रैकर और विशेषज्ञों के साथ काउंसलिंग सेशन में भाग भी लेंगे! हालांकि जो लोग इस इंटर्नशिप प्रोग्राम में शॉर्टलिस्ट होंगे उन्हें कंपनी को वीडियो भेजना होगा जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि नींद उन्हें कितनी अच्छी लगती है!


स्लीप ट्रैकर का भी होगा इस्तेमाल


इस प्रक्रिया में एक स्लीप ट्रैकर का भी इस्तेमाल होगा जो इंटर्नशिप के लिए दिए गए गद्दे पर सोने जाने से पहले और सोने के बाद का पैटर्न रिकॉर्ड करेगा! विजेताओं को यह स्लीप ट्रैकर भी दिया जाएगा! bestmediainfo.com के अनुसार कंपनी के निदेशक और को-फाउंडर चैतन्य रामलिंगगौड़ा ने इस बारे में कहा है कि एक स्लीप सॉल्यूशन कंपनी के तौर पर हमारी पहली कोशिश है कि हम लोगों को सोने के लिए प्रेरित कर सकें! एक ओर हमारी जिन्दगी फास्ट लेन पर चल रही है तो दूसरी ओर कम नींद हमारे स्वास्थ्य पर असर डाल रही है! साथ ही इससे हमारे लाइफ की क्वालिटी भी कम हो रही है!


एक रात के लिए ₹66 मे होटल का कमरा

एक होटल ऐसा भी जिसकी कीमत केवल 66 रूपए,


फूकोका! जापान में एक होटल सिर्फ 100 येन यानी 66 रुपये की कीमत पर एक रात के लिए कमरा उपलब्ध करा रहा है! हालांकि कमरे को इतनी कम कीमत पर देने के पीछे एक दिलचस्प पहलू भी है! दरअसल इस रूम में रुकने वाले को सस्ते रूम की कीमत अपनी प्राइवेसी से चुकानी पड़ती है! फूकोका की रहने वालीं असाई र्योकन मेहमानों को रूम नंबर 8 एक रात के लिए सिर्फ 100 येन यानी 66 रुपये की कीमत पर देती हैं! हालांकि इसके बदले रूम में रुकने वाले को कमरे में रहने के दौरान सबकुछ लाइवस्ट्रीम करवाना पड़ता है!


दरअसल, ये डील मेहमानों के आगे साल भर रहती है! इस रूम में रुकने वाले को फोल्ड होने वाली चटाई, टीवी और एक छोटा सा कॉफी टेबल दिया जाता है! कमरे के बीचोंबीच एक टैबलेट रखा रहता है, जिसमें लगा कैमरा हर जगह नजर रखता है! इस कैमरे में जो कुछ दिखता है वह सीधे तौर पर होटल के यूट्यूब चैनल 'वन डॉलर होटल' पर लाइवस्ट्रीम हो जाता है! खाश बात ये है कि कमरे में रुकने वाले को लाइट बंद करने की इजाजत रहती है! साथ ही केवल वीडियो लाइव किया जाता है, ऑडियो नहीं! यानी फोन कॉल और बातचीत प्राइवेट ही रहती है! इसके अलावा बाथरूम भी कैमरे की सीमा से बाहर है!


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लाइवस्ट्रीम करने का आइडिया 27 वर्षीय तेतसुआ इनोउ को आया था, जिनकी दादी का यह होटल है! इस आइडिया के पीछे की कहनी भी दिलचस्प है. तेतसुआ को यह आइडिया तब आया जब एक ब्रिटिश यूट्यूबर इस होटल में रुका था और उसने इस दौरान सबकुछ लाइवस्ट्रीम किया था! तेतसुआआ का कहना है कि यह एक बहुत ही पुराना होटल है और मुझे इसके लिए एक नए बिजनेस मॉडल की तलाश थी! हम एक सस्ता होटल तो चाहते थे, लेकिन एक ऐसा होटल भी चाहते थे जिसकी हर जगह चर्चा हो!


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...