शनिवार, 30 नवंबर 2019

राजनीति के अखाड़े मे असली दांव बाकी

सचिन विशौरिया


गाजियाबाद! उत्तर-प्रदेश की राजनीति में जिला गाजियाबाद एक बार फिर सुर्खियों में है! जहां जिला गाजियाबाद पहले ही अति संवेदनशील स्थान के रूप में अपनी पहचान बना चुका है! जिस पर एक फिल्म "जिला गाजियाबाद" प्रदर्शित हो चुकी है! वहीं राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चहल-कदमी देखने को मिल रही है! किस प्रकार से लोग पद के लालच में आदमी को खिलौना समझ, उसका लाभ उठाने का काम कर रहे हैं! किस प्रकार से जिला अध्यक्ष पद के लिए गाजियाबाद की सीट को होल्ड पर डालकर नंदकिशोर गुर्जर के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया! क्योंकि नंदकिशोर गुर्जर ही वह कड़ी है, जो पिछली बार बसंत त्यागी के राह का रोड़ा साबित हुई थी! क्योंकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान सबसे ज्यादा वोट नंदकिशोर गुर्जर को मिली थी! लेकिन फिर भी अपने संबंधों के चलते बड़े अधिकारियों से सांठगांठ कर सीट को पिछली बार भी होल्ड पर डलवा कर, यही खेल खेला गया था जो इस बार भी होना तय हैं! वर्तमान में जनपद की राजनीति में उत्पन्न विक्षोभ से राजनीति के अखाड़े में अभी भी आखरी दांव लगना बाकी है!


जिला अध्यक्ष पद होल्ड पर होना और विधायक पर मुकदमा दर्ज होना कहीं एक ही षड्यंत्र तो नहीं


जिला गाजियाबाद में जिला अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बाद क्षेत्रीय राजनीति अपने अपने राजनीतिक आकाओं के सामने सर झुकाने व हर तरह से सांठगांठ के चलते पद को पाने की चाह लिए सभी नेता लखनऊ के चक्कर काट चुके हैं वही इस खेमे में गुर्जर समाज के कई नेता ऐसे हैं जिन्हें विधायक नंदकिशोर गुर्जर का संरक्षण माना जाता है वहीं विधायक प्रतिनिधि का नामांकन करना भी इस बार सुर्खियों में रहा है!


क्यों विधायक नंदकिशोर गुर्जर जाना चाहते हैं जबरन जेल


मुकदमा पंजीकृत होने के बाद विधायक नंदकिशोर गुर्जर क्यों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जेल भेज देने की बात कह रहे हैं! जबकि प्रशासन जांच कर कार्रवाई की बात को बार-बार कह रहा है! लेकिन नंदकिशोर गुर्जर क्यों जेल जाना चाहते हैं? यह बात अभी क्षेत्रीय जनता की समझ से बाहर है! लेकिन राजनीतिज्ञों की अगर मानें तो नंदकिशोर गुर्जर की जान को बाहर खतरा बताया जा रहा है! जिस कारण वह अपने आप को जेल में ही सुरक्षित मान रहे हैं! क्योंकि शतरंज की बिसात पर पहली बाजी संगठन की ओर से नेता चल चुके हैं! ऐसे में "जिला अध्यक्ष" की कुर्सी को लेकर नंदकिशोर गुर्जर अपनी जान को खतरा बता रहे हैं! यह खतरा किससे है, यह बात तो वही जाने! लेकिन इतना तय है कि अगर क्षेत्रीय विधायक इतना बड़ा बयान दे रहे हैं, तो इसमें कहीं ना कहीं, कोई न कोई सच्चाई होगी! क्योंकि यह पहला वाक्य नहीं है,जब नन्द किशोर गुर्जर पर किसी भी प्रकार का खतरा मंडरा रहा हो, पहले भी उन पर राजनीतिक जानलेवा हमले हो चुके हैं!


विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने किस से बताया अपनी जान का खतरा


वैसे तो विधायक नंदकिशोर गुर्जर पर पहले भी जानलेवा हमले हो चुके हैं! लेकिन उन्होंने कभी इन बातों को इतनी गंभीरता नहीं लिया और ना ही इस प्रकार से बयान बाजी की! जाने क्यों इस बार विधायक अपनी जान को ज्यादा ही खतरा महसूस कर रहे हैं? वह भी अपनी पार्टी के नेताओं से! अगर नंदकिशोर गुर्जर की बातों को सच माना जाए, तो बसंत त्यागी व संगठन का एक नेता समेत जाट नेता से अपनी जान को खतरा बता रहे हैं! इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा!


क्यों पार्टी के जिलाध्यक्ष रच रहे हैं नंदकिशोर गुर्जर के खिलाफ षड्यंत्र


लगातार कई सालों तक जिला गाजियाबाद में एक मुस्त राज करने के बाद जिला अध्यक्ष "बसंत त्यागी" को जब अपनी कुर्सी जाती हुई दिखी, तो उन्हें अपनी राह का सबसे बड़ा रोड़ा नंदकिशोर के खिलाफ षड्यंत्र रच, उनको जेल भिजवाने व नामांकन कर चुके है! प्रतिनिधि ललित शर्मा को भी इस षड्यंत्र में लेकर उनकी छवि को खराब करने में जेल भिजवाने के षड्यंत्र को जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी रच रहे हैं! ऐसा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का मानना है, क्योंकि पिछले चुनाव में भी षड्यंत्र के तहत बसंत त्यागी जिलाध्यक्ष पद के लिए सांठगांठ कर चुके हैं!


क्या जिलाध्यक्ष बनते ही बसंत त्यागी लेंगे नंदकिशोर से बदला?


संगठन लगभग 1 या 2 दिन में जिला अध्यक्ष पद कि, जिलों में अध्यक्षों की घोषणा करने ही वाला है! ऐसे में जिला गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र मे चल रहा विवाद आगे क्या रंग लाएगा? यह तो समय ही बताएगा! लेकिन जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी पर लगे, यह आरोप क्या संगठन में तूल पकड़ पाएंगे? यह तो राजनीतिक लोग ही जाने! परंतु यह एक बड़ा सवाल है कि क्या बसंत त्यागी जिला अध्यक्ष बनते ही नंदकिशोर से बदला लेंगे!


किस संगठन के बड़े नेता से है नंदकिशोर को खतरा?


राजनीतिक लोग यूं ही अपनी 'छवि को दागदार' नहीं करना चाहते! जब तक कोई बड़ा कारण सामने ना हो! विधायक नंदकिशोर गुर्जर के द्वारा संगठन के बड़े नेता सुनील बंसल का नाम बीच में लाकर, क्यों इस मामले को तूल देकर, अपनी राजनीति को खतरे में लाना चाहेंगे! जबकि कहीं ना कहीं अगर विधायक इस नाम का उपयोग कर रहे हैं, तो इसमें सच्चाई होगी कि सुनील बंसल ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसी और से लोनी के टिकट के लिए नजराना ले लिया था! जिसको वापस करने के बाद वह लगातार नंदकिशोर गुर्जर से राजनीतिक द्वेष रखते हैं! इसलिए नंदकिशोर गुर्जर लगातार उनसे अपनी जान को खतरा बता रहे हैं! बताया जा रहा है कि इस मुकदमे को दर्ज कराने में भी सुनिल बंसल का ही नाम सामने आ रहा था!


वकीलों, व्यापारियों, सभासदों व किसान यूनियन क्यों है विधायक के समर्थन में


खाद्य अधिकारी आशुतोष सिंह द्वारा विधायक नंदकिशोर गुर्जर केे विरुद्ध पंजीकृत मुकदमा के बाद 'लोनी बार एसोसिएशन', लोनी व्यापार मंडल, भारतीय किसान यूनियन और नगर पालिका सभासद संगठन समेत ऐसे कई प्रतिनिधि मंडल विधायक नंदकिशोर गुर्जर के पक्ष में आए हैं! जिनका मानना यह है कि विधायक इस प्रकार का कोई कार्य नहीं करा सकते! लोनी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रतन भाटी ने बताया कि आशुतोष सिंह खुद "भ्रष्ट अधिकारी" हैं! भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित रहे हैं, ऐसे अधिकारी की बात को महत्व नहीं दिया जा सकता! क्योंकि वह लोनी के व्यापारियों को लगातार परेशान करने का कार्य कर रहे है, जिसकी शिकायत कई बार विधायक नंदकिशोर गुर्जर से की गई! इसलिए उनको बुला कर समझाया था, लेकिन एक अधिकारी अपनी ताकत का इस तरह से दुरुपयोग करेगा इस बात का अंदाजा उन्हें नहीं था!


इस पूरे वाक्य पर क्या कहते हैं नंदकिशोर गुर्जर


क्षेत्रीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर से इस पूरे प्रकरण में चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि वह जब विधायक बने भी नहीं थे! तभी से जनता की सेवा व भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की उनकी आदत ने, आज इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है कि उनके पार्टी के नेता ही उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं! क्षेत्रीय जनता इस बात से बेहद खुश है कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए एक नेता उनके हक की लड़ाई लड़ रहा है! विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा तत्पर जनता के लिए खड़े रहेंगे, "चाहे इसके लिए उनको जेल क्यों ना जाना पड़े"! वह मुकदमे में जेल जाने से डरते नहीं है, जनता की आवाज उठाने का हक उन्हें जनता ने दिया है! जो वह पूरा करने के लिए कटिबद्ध है, अधिकारी उन्हें जेल भेज दें! लेकिन वह लोनी की जनता को लूटने नहीं देंगे!


जानिए क्यों  उठा है जिला अध्यक्ष पद के लिए इतना बडा कदम


जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि जिलाध्यक्ष पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं! जिसमें कई खुलासे भी हुए हैं! लेकिन भाजपा कार्यकर्ता भगवती तोमर ने जो उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया है! वह मामला जांच में अभी तक खोला नहीं गया है! क्योंकि बसंत त्यागी सत्ताधारी पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं! जैसे ही बसंत त्यागी इस पद पर से हटते हैं, तो उनके ऊपर जेल जाने की तलवार लटक जाएगी! सत्ता के दबाव में पुलिस सही कार्रवाई नहीं कर पा रही है! जिस कारण बसंत त्यागी हर दांव खेलकर अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं! शायद भगवती तोमर मामले में जेल जाने का डर उन्हें सता रहा है!


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