रविवार, 17 नवंबर 2019

72 घंटे में 'धान' के भुगतान के आदेश

किसानों को 72 घंटे के अंदर हर हाल मे करें भुगतान:डीएम


तारकेशवर मिश्रा


अमेठी। जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में धान खरीद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम ने सभी केंद्र प्रभारियों को सुबह 9:00 बजे केंद्र खोलने तथा उपस्थित रहने के निर्देश दिए। 


जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों का भुगतान 72 घंटे के अंदर आरटीजीएस के माध्यम से हर हाल में हो जाना चाहिए, यदि किसी कारणवश किसानों का भुगतान 72 घंटों के अन्दर नहीं हो पाता है तो जिला खाद्य विपणन अधिकारी, जिला प्रबंधक पीसीएफ और संबंधित केंद्र प्रभारी बैंक से समन्वय कर समय से भुगतान कराना सुनिश्चित करेंगे।जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी किसान को धान क्रय केंद्र से वापस न करें, पंजीकृत किसानों का ही धान क्रय करें। जिलाधिकारी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसान भाई अपना पंजीकरण करवाकर सरकारी क्रय केंद्र पर ही धान बेचे। उन्होंने सभी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा, छन्ना, नमी माप करने वाली मशीन, किसानों के बैठने के लिए जगह, बोरे और पर्याप्त मात्रा में धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश डिप्टी आरएमओ  और जिला प्रबंधक पीसीएफ को दिया। बैठक में सूचना के बावजूद भी अनुपस्थित रहने पर  जिला प्रबंधक पीसीएफ मीनाक्षी यादव को  कठोर चेतावनी देते हुए  स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए। 


जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी वीसी गौतम ने बताया कि जनपद में कुल 51 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं, इस वर्ष शासन द्वारा जनपद का लक्ष्य 94300 एमटी निर्धारित किया गया है, जिसके सापेक्ष अभी तक 350 एमटी की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि किसान भाई अपनी किसी भी प्रकार की समस्या या सुझाव हेतु कंट्रोल रूम नंबर 9415885533 पर सम्पर्क कर सकते हैं।


सूचना कर्मचारी संघ, कार्यकारिणी का चुनाव

देहरादून। आज सूचना भवन, स्थित सभागार में उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ के प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। अधिवेशन का शुभारंभ मुख्य अतिथि अपर निदेशक सूचना डाॅ. अनिल चन्दोला, संयुक्त निदेशक आशिष त्रिपाठी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए अपर निदेशक डाॅ. अनिल चन्दोला ने कहा कि विभाग द्वारा संघ को पूरा सहयोग प्रदान किया जायेगा। डाॅ. चन्दोला ने कहा कि संघ द्वारा रचनात्मक कार्यों में भी योगदान दिया जाय। विभागीय कार्मिकों की सहायता के लिए कर्मचारी कल्याण कोष की स्थापना की जाय, जिसमें प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी द्वारा प्रतिमाह अंशदान जमा किया जाय। डाॅ. चन्दोला ने अपने वेतन से रुपये 1100/- का अंशदान प्रतिमाह जमा कराने की घोषणा की। डाॅ. चन्दोला ने कहा कि संघ मजबूत होगा, तो विभाग भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि आज के समय मेें विभाग के सामने काफी चुनौतियां है, जिनका सामना करने के लिए नई तकनीक और दक्ष मानव संसाधन की आवश्यकता होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तराखण्ड कर्मचारी संघ द्वारा विभाग हित में जो भी प्रस्ताव रखा जायेगा, उस पर सकारात्मक कार्यवाही की जायेगी।


संयुक्त निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि सूचना विभाग की मजबूती के लिए जरूरी है कि संघ भी मजबूत रहे। उन्होंने सभी कर्मचारियों से अपेक्षा की कि संघ के माध्यम से विभागीय हित में कार्य करेंगे। संयुक्त निदेशक, श्री आशिष त्रिपाठी ने कहा कि संघ में ही शक्ति है, लेकिन शक्ति का सही उपयोग कैसे करना है, इसके लिए भी संघ को ही सोचना होगा। उन्होंने कहा कि संघ के माध्यम से सकारात्मक रूप से कार्मिकों के हितो को रखा जाय। विभाग कार्मिकों के हितों के प्रति सदैव सजग है।
अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए श्री भुवन चन्द्र जोशी ने कहा कि संघ का उद्देश्य कार्मिकों के हितों को विभाग तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विभाग में कार्मिकों की अत्याधिक कमी है, जिसके लिए संघ के माध्यम से उच्च स्तर पर वार्ता की जायेगी। अधिवेशन को श्री एल.पी.भट्ट, श्री यमुना प्रसाद व्यास, श्री शेखर चन्द्र जोशी, श्री कीर्ति पंवार, श्री चन्द्र सिंह तोमर, श्री अंकित चैहान सहित अन्य कर्मचारियों द्वारा भी सम्बोधित किया गया।
अधिवेशन के द्वितीय सत्र में नई कार्यकारिणी का चुनाव निर्विरोध किया गया। चुनाव अधिकारी  गोपाल सिंह राणा द्वारा चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न कराया गया। सर्वसम्मत्ति से निर्विरोध रूप से नई कार्यकारिणी चुनी है, जो इस प्रकार है:-
1 अध्यक्ष श्री भुवन चन्द्र जोशी,
2 उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा
3 महामंत्री श्री सुरेश चन्द्र भट्ट
4 संयुक्त मंत्री श्री प्रशांत रावत
5 संगठन मंत्री श्री चेतन पाण्डेय and श्री अंकित चैहान
6 कोषाध्यक्ष श्री राकेश कुमार धीमान
7 संयोजक/आॅडिटर श्री प्रमोद तिवारी
8 प्रचार मंत्री श्री बहादुर सिंह कन्याल
9 कार्यकारिणी सदस्य श्री रामपाल सिंह रावत
10 कार्यकारिणी सदस्य श्री गिरीजाशंकर जोशी
11 कार्यकारिणी सदस्य श्री रणजीत सिंह बुदियाल
12 कार्यकारिणी सदस्य श्री दीपेन्द्र सिंह रावत
13 कार्यकारिणी सदस्य श्री मनोज कुमार सती
14 कार्यकारिणी सदस्य श्री सुनील तोमर
15 कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती पारूल
16 कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती संतोषी नेगी
17 कार्यकारिणी सदस्य श्री विपिन चंद्र
18 कार्यकारिणी सदस्य श्री रामसिंह परजोली
       संघ के नवनिर्वाचित महामंत्री सुरेश चन्द्र भट्ट ने बताया कि नई कार्यकारिणी द्वारा एक स्वर में संकल्प लिया गया कि विभागीय कार्मिकों से संबंधित मुद्दों पर कार्यवाही किये जाने हेतु उच्च स्तर पर वार्ता की जायेगी। जल्द ही एक मांग पत्र तैयार कर उच्चाधिकारियों को दिया जायेगा। विभाग से यह भी मांग की जायेगी कि जल्द से जल्द विभाग का पुनर्गठन किया जाय। साथ ही वर्षोे से एक ही पद पर कार्यरत कार्मिकों को पदोन्नति के अवसर प्रदान किये जाय। जनपदीय कार्यालयों में ढांचा बढ़ाया जाय। इसके लिए विकासखण्ड स्तर तक सूचना केन्द्र की स्थापना की जाय। इस अवसर पर विभाग के समस्त अधिकारीगण/कार्मिक उपस्थित थे।


आतंकियों का सफाया करेगी 'रोबो आर्मी'

श्रीनगर। भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में आतंक के समूल नाश के लिए अपनी रोबो आर्मी को उतारने की तैयारी कर ली है। यह रोबोट आतंकियों के गुप्त ठिकाने में घुसकर न केवल उनकी सही स्थिति बताएंगे बल्कि उसे तबाह भी करने में भी सक्षम होंगे। खास बात यह है कि यह रोबो आर्मी इसी माह के अंत तक यहां उतार दी जाएगी। यह रोबोट आतंक प्रभावित क्षेत्रों में सेना की आतंकरोधी यूनिट और सुरक्षाबलों के लिए सहायक सिद्ध होंगे। इसके साथ ही सेना को पूरी तरह से हाईटेक बनाने के कार्य में भी गति आ जाएगी। इतना ही नहीं दुश्मन की घुसपैठ को विफल बनाने और पाकिस्तानी सेना के हमलों को नाकाम बनाने के लिए यह रोबोट काफी कारगर सिद्ध होंगे।
रोबोट आतंकरोधी अभियान में भी रहेंगे सहायक  संबधित अधिकारियों ने बताया की सेना को बदलते परिवेश की आवश्यक्ताओं के अनुरूप अत्याधुनिक बनाने का प्रयास चल रहा है। इसी के तहत रक्षा मंत्रालय पहले चरण में 550 रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट खरीद रहा है और इन्हें जल्द सेना को सौंपने की तैयारी है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि यह रोबोट किसी भी आतंकरोधी अभियान के दौरान आतंकियों पर हमला भी करने में सहायक होंगे।
आतंकियों की सही लोकेशन पता करने में करेगा मदद  सुरक्षा बलों के लिए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सबसे बड़ी चुनौती उनकी सही संख्या और उन के पास उपलब्ध हथियारों की पूरी जानकारी लेने की होती है। यह रोबोट ऑपरेशन के दौरान किसी भी मकान या अन्य आतंकी ठिकाने में आसानी से घुसकर वहां की गतिविधियों का पूरा ब्योरा लेने में सक्षम होगा। इसके अलावा वीडियोग्राफी के माध्यम से आतंकियों की सही लोकेशन पता करने में मदद करेगा। प्रत्येक यूनिट में एक लांचिंग सिंस्टम, एक ट्रांसमिशन सिस्टम और दिन-रात तस्वीरें लेने में समर्थ एचडी कैमरा भी होगा। यह किसी भी मकान या इमारत से करीब 200 मीटर की दूरी तक स्पष्ट वीडियो फुटेज भी भेज सकते हैं।
जवानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण  यह रिमोट नियंत्रण रेखा पर निगरानी और फिर उसके आसपास ऐसी किसी जगह पर छानबीन कर सकते हैं जहां घुसपैठियों या पाकिस्तान के बैट दस्ते के छिपे होने की आशंका हो। ऐसे में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की हर चाल से निपटने में सेना की अग्रिम पंक्ति के लड़ाके साबित हो सकते हैं। रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट को संचालित करने के लिए सैन्याधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना है। सेना की प्रत्येक बटालियन में सात से आठ अधिकारियों व जवानों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेना अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में सेना दुश्मन के घर में घुसकर मार करने में सक्षम रोबोटिक युद्धक वाहन (आरसीवी) खरीदने पर भी विचार कर रही है। रिमोट से संचालित होने वाले युद्धक वाहन भारतीय सेना की ताकत को और आधार देंगे। लक्ष्य है कि 2030 तक भारतीय सेना को दुनिया की सबसे घातक व समर्थ सेना बनाया जाए।
360 डिग्री घूमकर निशाना बनाने में सक्षम यह रोबोट करीब 25 साल तक सेवा में उपलब्ध रहेंगे। सबसे पहले इन्हें जम्मू कश्मीर के आतंक प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। ये आतंकरोधी अभियानों में सुरक्षाबलों को होने वाले नुकसान से भी बचाएंगे। यह इतने चपल होंगे कि जवाबी कार्रवाई के लिए 360 डिग्री घूमकर भी निशाना बना सकते हैं।
सीढ़ी चढ़ने और ग्रेनेड फेंकने में भी होगा सक्षम सेना का यह नया लड़ाका तमाम अवरोधकों को पार कर लक्ष्य को हर हाल में निशाना बनाने में सक्षम होगा। इसके अलावा किसी जगह विशेष की वीडियोग्राफी करके वहां के हालात के बारे में तुरंत अपडेट करने की दक्षता इसमें है। यह रोबोट सीढ़ी चढ़ने, बम धमाकों व गोलाबारी के दौरान लगने वाले झटकों को सहने में समर्थ है।
पानी में भी रह सकता है ये लड़ाकू रोबोट पानी के नीचे 20 मीटर की गहराई तक भी काम कर सकते हैं। पानी के भीतर से ही यह ग्रेनेड को निर्धारित लक्ष्य पर दाग कर वहां से तुरंत लौट सकते हैं।


सरकार के खिलाफ आदिवासियों का नंगे पांव मार्च

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज भले ही आप रविवार को वीकेंड के तौर पर मनाने में डूबे हों, लेकिन छत्तीसगढ़ के आदिवासी सैकड़ों की तादाद में इस दोपहर भरी धूप के बाद भी नंगे पांव घूम-घूम कर अपनी मांगों को लेकर पद यात्रा निकालने में लगे हैं। दरअसल सरकार द्वारा आदिवासियों और जंगल वासियों के अधिकारों पर नीतिगत हमले के विरोध में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों ने 11 से 18 नवंबर तक मानपुर राजनांदगांव से रायपुर तक की पदयात्रा का ऐलान किया था और आज आदिवासियों की पदयात्रा रायपुर प्रवेश कर चुकी है।
इस वन स्वराज पदयात्रा में युवाओं, महिलाओं के साथ ही काफी तादाद में बुजुर्ग आदिवासी भी सम्मिलित हुए हैं। वन स्वराज पदयात्रा में शामिल होने वाले आदिवासी एक सुर में सरकार के नीतिगत फैसलों का विरोध कर रहे हैं वहीं सरकार के कई आदिवासी मंत्रियों पर दलाली का भी आरोप लगा रहे हैं। नंगे पांव सरकार के पास पहुंच करी आदिवासी अपनी मांगों को लेकर आवाज मुखर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उनकी आवाज को सुनना पड़ेगा, वे इस दमन को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राज्यपाल से मुलाकात की तैयार: वन स्वराज पदयात्रा में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनकी मुलाकात प्रदेश के राज्यपाल से कल होने वाली है। इस दौरान वो प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख को अपनी मांगों और अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे, वहीं आदिवासियों के मामलों को लेकर राज्यपाल से गुहार लगाई जाएगी।


वन अधिकार संघर्ष समिति राजनांदगांव के बैनर तले यह पूरी पदयात्रा और रैली निकाली जा रही है। जिसमें काफी तादाद में 'आरपार को हैं तैयार, लेकर रहेंगे वन अधिकार' के नारे के साथ सैकड़ों की तादाद में आदिवासी रायपुर कूच कर चुके हैं। साथ ही वनाधिकार संघर्ष समिति राजनांदगांव और सभी जन संगठनों ने इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए प्रदेशभर के आदिवासियों से अपील की है।


ओवैसी और बगदादी में अंतर नहीं: वसीम

नई दिल्ली। शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी ने शनिवार को एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तुलना आतंकी संगठन आईएस के सरगना रहे अबु बकर-अल बगदादी से की। उन्होंने कहा कि आज ओवैसी और बगदादी में कोई अंतर नहीं रहा। ओवैसी ने कहा था कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वे संतुष्ट नहीं हैं। इसी पर रिजवी ने प्रतिक्रिया दी। बगदादी इसी साल 26 अक्टूबर को अमेरिकी सेना की कार्रवाई में मारा गया था।
रिजवी ने कहा, ''आज ओवैसी और बगदादी में कोई अंतर नहीं रहा। बगदादी आतंक फैलाने के लिए सेना, हथियार और गोला-बारूद इस्तेमाल करता था, जबकि ओवैसी अपनी जुबान के जरिए आतंक फैलाने का काम करते हैं। वह मुस्लिमों को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाते हैं। ऐसे गंभीर माहौल में ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।''
'ओवैसी दूसरे जाकिर नाइक बन रहे'
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, ''असदुद्दीन ओवैसी दूसरे जाकिर नाइक बन रहे हैं। अगर वह जरूरत से ज्यादा बोलेंगे, तो देश में कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।'' नफरत फैलाने वाला भाषण देने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी जाकिर को सरकार मलेशिया से भारत लाने की कोशिश कर रही है।
ओवैसी के खिलाफ शिकायत दर्ज
अयोध्या मामले में फैसले के बाद ओवैसी ने कहा था, ''सुप्रीम कोर्ट सबसे ऊपर है, लेकिन वह अचूक नहीं है। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। हमें संविधान पर पूरा विश्वास है। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। हमें दान में दी गई पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए।'' इस बयान के बाद 11 नवंबर को ओवैसी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।


शीतकालीन-सत्र: सर्वदलीय बैठक में 'मोदी'

मोदी सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए, शीतकालीन सत्र से शिवसेना विपक्ष में बैठेगी
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा। महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए एनडीए से अलग हुई शिवसेना अब विपक्ष में बैठेगी। शनिवार को सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के सांसद संजय राउत और अनिल देसाई के लिए इसी सत्र से राज्यसभा में बैठक व्यवस्था बदली जाएगी। राउत ने कहा है कि शिवसेना सत्र से पहले एनडीए की किसी बैठक में शामिल नहीं होगी। इसबीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल हुए।
केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के उद्देश्य से नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत कई अहम बिल पेश करेगी। नागरिकता कानून में बदलाव के जरिए सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आकर बसे गैर-मुस्लिमों जैसे- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को स्थाई नागरिकता देना चाहती है।
विपक्षी नागरिकता विधेयक के विरोध में है 
मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी नागरिकता विधेयक को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। विपक्षी दलों ने धार्मिक आधार पर भेदभाव के रूप में बिल की आलोचना की थी। यह बिल जनवरी में लोकसभा से पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा से पारित नहीं हो पाया था। बिल को लेकर असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों ने आपत्ति जताई थी और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
6 साल भारत में गुजारने वालों को भी नागरिकता मिलेगी
नागरिकता बिल के जरिए 1955 के कानून को संशोधित किया जाएगा। इसमें नागरिकों को 12 साल की बजाय सिर्फ छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध है कि यदि यह बिल पास होता है तो इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत खत्म हो जाएगी। इस बिल के माध्यम से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि असम समझौते के अनुसार 1971 से पहले आए लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान था।


डींगे बड़ी-बड़ी,असल काम में सब चौपट

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने प्रति व्यक्ति द्वारा खर्च की औसत राशि में गिरावट से जुड़ी खबर पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के लोगों को डाटा नहीं, बल्कि गरीबी को किनारे लगाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ''शेखचिल्ली के लतीफ़ों के बारे में खास बात ये थी कि डींगें बड़ी-बड़ी होती थीं, लेकिन असल काम में सब चौपट। भाजपा सरकार भी डींगें हांकने के लिए डाटा छिपाने में लगी है।'' 
प्रियंका ने दावा किया, '' तो बहनों-भाइयों नया डाटा कहता है कि लोग गरीब हो रहे हैं। लोगों की खर्च करने की क्षमता घट रही है। गांवों में लोगों के पास खाने पर खर्च करने के पैसे भी कम हो रहे हैं।'' उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ''भाजपा वालों, डाटा को किनारे मत लगाओ, गरीबी को किनारे करो।'' कांग्रेस महासचिव ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया है उसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारत में 2011-12 में एक व्यक्ति द्वारा खर्च की गई औसत राशि 1501 रुपये थी, जो 2017-18 में 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 1446 रुपये हो गई।


'जिला-जज' के बंगले से चुराये चार पेड़

रीवा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश के बंगले पर तैनात सुरक्षाकर्मी को गुरुवार की रात में पिस्तौल का भय दिखाकर चोर वहां से चन्दन के चार पेड़ (sandalwood tress)  काटकर ले गए। नगर पुलिस अधीक्षक शिवेन्द्र सिंह ने शनिवार को बताया कि 15 नवंबर की रात को चोर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह के बंगले में लगे चंदन के चार पेड़ों को काट कर ले गए।


बंगले में सो रहे थे न्यायाधीश और परिवार के सदस्य 


एसपी ने बंगले पर तैनात पुलिसकर्मी बुद्धिलाल की शिकायत के आधार पर बताया कि सिविल लाइंस स्थित बंगला नंबर चार में रात साढ़े तीन से चार के बीच एक व्यक्ति अंदर घुसा और उसे पिस्तौल का भय दिखाया। इसके बाद उसके चार और साथी भी अंदर आ गए। चोरों ने बुद्धिलाल को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद चोरों ने 10 मिनट के अंदर चंदन के चार पेड़ काट लिए और वहां से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि बंगले में सुरक्षा के लिए रात में चार पुलिसकर्मी तैनात थे जबकि घटना के वक्त न्यायाधीश सिंह और उनके परिवार के लोग घर में सो रहे थे। एसपी शिवेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश में जुटी है। उन्होंने बताया कि एक किलोग्राम चंदन की लकड़ी की कीमत 500 रुपये होती है। इस प्रकार से चंदन के एक पेड़ की कीमत तीन से पांच लाख रुपये की होती है।


'दोस्त' की लाश के टुकड़े 'कुकर' में पकाएं

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने दोस्त को पहले अगवा कर लिया। मकसद था 50 लाख की फिरौती। फिरौती मांगते इससे पहले ही पीड़ित की दम घुटने से मौत हो गई। फिर शव के टुकड़े करके अंगों को प्रेशर कुकर में पका दिया।


पुलिस ने बताया कि आगरा के किरावली निवासी धर्मेंद्र तिवारी कंप्यूटर ऑपरेटर था। 18 अक्टूबर को रहस्यमयी स्थिति में वह लापता हो गया। काफी खोजबीन के बाद जब पता नहीं चला तब धर्मेंद्र के पिता ने अछनेरा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।पुलिस की खोजबीन में पता चली कि धर्मेंद्र को आखिरी बार ललित नाम के युवक के साथ देखा गया था। यह वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फिर ललित की पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस ने बिचपुरी मार्ग पर मंगोलिया कॉलोनी में ललित बोदला के घर पहुंची। ललित अपनी मां शालिनी और भाई रोहित के साथ रहता है। पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया।


पुलिस ने दोनों से जब कड़ाई से पूछताछ की तो ऐसा खुलासा हुआ कि हर सुनने वाले की रूह कांप गई। ललित ने अपना कर्ज उतारने के लिए 50 लाख फिरौती वसूलने के लिए धर्मेंद्र का अपहरण कर लिया था। ललित ने धर्मेंद्र को किसी बहाने से अपने घर बुलाया. कॉफी में कुछ मिलाकर पिला दिया। इसके बाद इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया। बाद में हाथ-पैर और मुंह टेप से बांधकर कमरे में बंद कर दिया। मुंह बंधा होने के कारण धर्मेंद्र की दम घुटने से मौत हो गई। ललित को जब यह पता चला तो उसे लगा कि उसकी फिरौती वसूलने की साजिश नाकाम हो गई है। इसके बाद उसे चिंता थी लाश को ठिकाने लगाने की।


फिर ललित ने धर्मेंद्र की लाश के छोटे-छोटे टुकड़े कर घर में ही रख दिए। आरोपी ने फिर टुकड़ों को कुकर में पकाया। शरीर के कई बड़े हिस्से को नाली में फेंक दिया। यहां तक की कंकाल को बैग में भरकर रख दिया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने मंगोलिया कॉलोनी में ललित के घर की तलाशी ली। फोरेंसिक टीम से भी जांच कराई। पुलिस को यहां से कई अहम सुराग मिले।


घर के बाहर जमा पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि हर दिन घर से मीट पकाने की महक आती थी। लेकिन इस बात का अंदाजा नहीं था कि यहां किसी की लाश पकाई जा रही है। इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मां-बेटे ने इंसानी गोश्त खाया है या नहीं। ललित ने 27 वर्षीय धर्मेंद्र की बाइक को मलपुरा क्षेत्र में लावारिस तौर पर छोड़ दिया था। 29 अक्टूबर को धर्मेंद्र की बाइक पुलिस को मिली थी। पुलिस छानबीन में पता चला था कि धर्मेंद्र और ललित आपस में अच्छे दोस्त थे। धर्मेंद्र और ललित दोनों पहले किराए के घर में एकसाथ रहते थे। इस दौरान ललित को यह पता चल गया था कि धर्मेंद्र पैसे से संपन्न परिवार से है। उसका अपहरण करेंगे तो अच्छी फिरौती मिलेगी। इसलिए अपहरण और फिरौती वसूलने की योजना तैयार की थी।


झटका:संसद में झूठ बोलने का मामला सिद्ध

लॉस एंजलिस। महाभियोग के आरोपों से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा जब एक कोर्ट ने उनके सबसे लंबे समय तक सलाहकार रहे रोजर स्टोन को संसद की इंटेलीजेंस कमेटी के सामने झूठ बोलने, जांच में बाधा डालने और सुबूतों से छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार दिया है। स्टोन को अगले साल छह फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें कई साल कैद की सजा हो सकती है। सात महिला और तीन पुरुष जजों की पीठ ने अमेरिका के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच करने वाले विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर की जांच बाद लंबित मामले में यह फैसला दिया है। यह सिर्फ 67 वर्षीय स्टोन के लिए झटका भर नहीं है, बल्कि एक प्रत्याशी के रूप में ट्रंप की भूमिका को भी दोबारा जांच के दायरे में ला दिया है। ट्रंप ने फैसले की निंदा की है। फ‍िलहाल, स्‍टोन सात आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें उन्‍हें 50 साल तक की कैद हो सकती है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से जुड़े मामलों की जांच से जुड़े इस मामले में स्टोन को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के चुनाव प्रचार सहयोगी रहे स्टोन को साल 2016 की गर्मियों में ही पता चल गया था कि ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान से ई-मेल चुराए गए थे। यही नहीं स्टोन पर अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति के सामने कथित गलतबयानी के आरोप भी थे। उधर, अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के महाभियोग की प्रक्रिया शुक्रवार को भी जारी रही। प्रतिनिधि सभा में दूसरी बार कैमरे के सामने हुई सुनवाई में यूक्रेन में अमेरिका की पूर्व राजदूत मैरी योवानोविच पेश हुईं। उन्हें ट्रंप के वकील रूडी गुलियानी के साथ मतभेदों के चलते मई में हटा दिया गया था। गुलियानी यूक्रेन में पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू कराने में सहयोग न करने के चलते मैरी से नाराज हो गए थे। यह जांच राष्ट्रपति ट्रंप को फायदा पहुंचा सकती थी।


भारी बर्फबारी से सेब-बादाम के पेड़ टूटे

श्रीनगर। कश्मीर में शनिवार को भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पिछले कई दिनों से स्थिति में कोई सुधार नहीं है, जिसके कारण यहां सेब के पेड़ों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पुलवामा और शोपियां जिले की ऊंची पहाड़ियों में सेब के पेड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है, क्योंकि जब बर्फबारी हुई, उस वक्त पेड़ों पर फल लदे हुए थे।हाल ही में हुई बर्फबारी ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जिलों में सेब के अधिकांश बागों को नुकसान पहुंचाया है। कश्मीर के प्रमुख सेब उत्पादक क्षेत्रों में से एक पुलवामा और शोपियां जिलों में उत्पादकों ने कहा कि भारी बर्फबारी ने सेब के पेड़ों को नुकसान पहुंचाया और उनकी डालियों को तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि नवंबर के महीने में बेमौसम बर्फबारी सामान्य बर्फबारी की तुलना में भारी थी और पेड़ की डालियों पर जमा होने के कारण वे ढह गईं। अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि पिछले दो दिनों में हुई बर्फबारी से घाटी में स्थित अधिकतर सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है। उनके अनुसार, बागवानी विशेषज्ञों की एक टीम को कुल नुकसान का आकलन करने का काम सौंपा गया है। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि मैदानी इलाकों से 30 से 35 प्रतिशत नुकसान हुआ है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में अभी भी पहुंचा नहीं जा सकता है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कश्मीर घाटी में हुई बर्फबारी ने घाटी के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। इस बेमौसम बर्फबारी से सैकड़ों सेब, बादाम और बेर के पेड़ नष्ट हो गए हैं।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...