शुक्रवार, 15 नवंबर 2019

भाजपा की योजनाएं-अभियानों का कड़वा सच

हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में मां गंगा के संरक्षण को 'जल बचाओ जंगल बचाओ' व जीवन बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत जल संरक्षण को लेकर कई योजनाएं भारत सरकार द्वारा बनाई जा रही हैं। वही धर्मनगरी हरिद्वार में चंडीगढ़ चैराहे से हरिद्वार रेलवे रोड को जाने वाले मार्ग पर जल निगम जल संस्थान की लापरवाही की वजह से पाइप लाइन लीक होने के कारण बड़े-बड़े गड्ढे ओपन हो गए हैं और पानी गंदा होकर सीधा गंगा में जा रहा है। स्थानी निवासियों ने शासन प्रशासन से शीघ्र ही गड्ढे भरे जाने मैं गंदा पानी गंगा में रोके जाने की मांग को दोहराया। इस अवसर पर पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने कहा जल संस्थान नमामि गंगे योजनाओं को क्रियान्वित करने वाले अधिकारियों की लापरवाही के चलते आए दिन गंगा जी में गंदा पानी जा रहा है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने चेतावनी दी यदि विभागीय अधिकारियों ने इसका संज्ञान ना लिया तो अधिकारियों के कार्यालय का घेराव किया जाएगा।


क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी संभव

मुंबई! महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति शासन लागू होने और मौजूदा राजनीतिक हालात पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी-कभी लगता है कि हम मैच हार गए हैं, लेकिन अंतिम नतीजे विरोधियों के उलट आ जाते हैं। उनका इशारा शिवसेना के भाजपा से गठबंधन तोड़ने और सरकार बनाने के लिए राकांपा-कांग्रेस से संपर्क साधने की ओर था।
भाजपा (105 सीट) के सरकार बनाने से इनकार करने पर शिवसेना (56 सीट) ने बहुमत के लिए जरूरी 145 विधायकों का समर्थन जुटाने की काफी कोशिश की, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तीसरे सबसे बड़े दल राकांपा (54 सीट) को संख्याबल बताने के लिए न्योता दिया था। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने अपने-अपने नेताओं के साथ कई बैठक कीं। इस बीच, राज्यपाल की सिफारिश पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था।
किसी की भी सरकार बने, परियोजनाओं पर असर नहीं: गडकरी
कार्यक्रम में गडकरी से पूछा गया कि अगर महाराष्ट्र में गैर-भाजपा सरकार बनी तो मुंबई समेत अन्य शहरों में विकास परियोजनाओं का क्या भविष्य होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारें बदलेंगी, लेकिन प्रोजेक्ट चलते रहेंगे। इसमें कोई परेशानी नहीं है। भाजपा, कांग्रेस या राकांपा किसी की भी सरकार बने, केंद्र सकारात्मक रहेगा।


समाज विरोधी पोस्ट पर वैधानिक कार्रवाई

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली, कैराना! सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के माध्यम से सामाजिक सौहार्द ख़राब करने का समाज-विरोधी इरादा रखने वाले 1 युवक और इस नापाक साज़िश में शामिल उसके 2 साथियों को हिरासत में ले लिया गया है। भारतीय दंड विधान की गंभीर धाराओं में मुकद्मा लिखकर उन पर कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।


दु:ख यह है कि कुछ लोगों के द्वारा ऐसे समाज-विरोधी व्यक्तियों की पैरवी में भी पुलिस अधीक्षक को फ़ोन किया गया। जिस पर, फ़ोन करने वाले सभी लोगों को कड़ी फटकार के साथ भविष्य में ऐसा कृत्य कदापि न करने की नसीहत दी गई है।


बहुत स्पष्ट तरीक़े से कहना है कि अगर किसी को कठोर वैधानिक कार्यवाही से बचाना है तो इस तरह के गुमराह युवकों को पहले ही समझा लिया जाए, सचेत किया जाए। साथ ही, यह सदैव याद रखें कि सोशल मीडिया आप और आपके पूरे परिवार के मौजूदा सुख-चैन और भविष्य का सर्वनाश भी करा सकता है! अत: इसे अतिशय सावधानी से प्रयोग में लाने की नसीहत दी जाती है।


एक बात और भी स्पष्ट कर देना ज़रूरी है! कि शामली जनपद के सौहार्दपूर्ण सामाजिक ताने-बाने, आपसी भाई-चारे, मुहब्बत और मेल-मिलाप के माहौल को ज़रा-सा भी नुक़सान पहुँचाने के नापाक इरादे से भड़काऊ कमेण्ट, पोस्ट या बयानबाज़ी करने वाले व्यक्ति एवं इस प्रकार की साज़िश में शामिल उसके सभी साथियों को किसी भी सूरत में क़तई भी बख़्शा नहीं जाएगा।


शामली पुलिस का यह दृढ़-संकल्प है! कि ऐसे गुमराह व बदनीयत लोगों को क़ानून के कटघरे में ज़रूर खड़ा किया जाएगा। किसी की भी पैरवी नहीं मानी जाएगी; अलबत्ता, पैरवी करने वाले व्यक्तियों को समाज-विरोधी साज़िश में शामिल मान लेने पर भी विचार किया जाएगा।


'वायु सेना'के लिए विमान 'राफेल' जरूरी

नई दिल्ली! सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की जांच की मांग वाली पुनर्विचार याचिका खारिज करके यह रास्ता सरकार के लिए और आसान कर दिया है। राफेल डील का मामला विपक्ष के लिए अहम रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहलु गांधी ने इसकी संसदीय समिति द्वारा जांच कराए जाने की मांग की है। आरोप-प्रत्यारो के बीच यह बात भी विचार करने योग्य है! कि भारतीय वायुसेना को राफेल जैसे विमानों की सख्त जरूरत है। मिग-21 जैसे विमान अब काफी पुराने हो गए हैं! और अकसर क्रैश हो जाते हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं को रोकने और सेना की ताकत बढ़ाने की दृष्टि से राफेल विमान आवश्यक हैं। राफेल डील के तरत पहला जेट भारत को अक्टूबर में मिल गया है।
 मिग-21 और मिग-27 आउटडेटेड
इस साल के आखिरी तक मिग-21 और मिग-27 विमान आउटडेटेड हो जाएंगे। ऐसे में वायुसेना को नए विमानों की जरूरत है। अभी भारतीय वायुसेना की शक्ति 31स्क्वॉड्रन की है जिसे और बढ़ाने की जरूरत है। भारत को पर्याप्त वायुबल हासिल करने के लिए कम से कम 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है। एक स्क्वॉड्रन में एक से दो दर्जन विमान होते हैं।
 अडवॉन्स तकनीक की जरूरत
पुराने विमानों में तकनीक भी सीमित है! और इसे ज्यादा संशोधित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अब देश को फिफ्थ जेनरेशन के विमानों की जरूरत है। पाकिस्तान ने भी अमेरिका से एफ-16 विमान हासिल कर लिए हैं! जो कि आधुनिक तकनीक से लैस हैं। दोनों देशों में लगातार तनाव के लिहाज से भी भारत को राफेल की जरूरत है।
2007 से चल रही प्रक्रिया
राफेल विमान के सौदे का मामला यूपीए सरकार के दौर से ही चल रहा है। यानी कहा जा सकता है कि 12 साल से वायुसेना ऐसे विमान का इंतजार कर रही है! लेकन राजनीतिक गलियारों में यह विवाद का विषय बनकर रह गया। साल 2007 में यूपीए सरकार ने ऐसे विमानों के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया था। छह कंपनियों ने इसके टेंडर भरे थे। डील को लेकर पहली बार बात दसॉल्ट एविएशन के साथ शुरू हुई। 2014 में देश की सत्ता एनडीए सरकार के पास आ गई। 2016 में पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के कार्यकला में इंटर गवर्नमेंटल अग्रीमेंट हुआ। 2015 में मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के 126 विमान वाले कॉन्ट्रैक्ट को वापस ले लिया और 36 विमानों की डील की।
राफेल की खासियत
राफेल मल्टीरोल फाइटर विमान हैं! जो कि हवा से जमीन पर परमाणु हमला करने में सक्षम हैं। राफेल की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर है। यह 2230 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। साथ ही यह अत्याधुनिक हथियारों से भी लैस रहेगा। ये फाइटर जेट 24,500 किलोग्राम तक वजन के साथ उड़ान भर सकते है! और परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हैं।
हाल ही में भारतीय वायुसेना में अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर को भी शामिल किया गया है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, मिग-29, मिग 27, मिग-21 और जगुआर फाइटर प्लेन है जबकि हेलिकॉप्टर श्रेणी में एमआई-25/35, एमआई-26, एमआई-17, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर हैं! वहीं ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में सी-130 जे, सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल-76, एए-32 और बोइंग 737 जैसे प्लेन शामिल हैं।


'योगी'सरकार में नहीं रुक रहा है भ्रष्टाचार

 कौशांबी! उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में नहीं रुक रहा है! भ्रष्टाचार एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिकास कार्य को चाहे वह शौंचालय हो, या फिर आवास गरीब जनता तक पहुंचाने का संकल्प लिया है! वही उनके संकल्प को तोड़कर लोगों तक पहुंचाने के लिए कोई कोर कसर नही छोंड़ रहे हैं! लेकिन यहाँ मौजूद एक से बढ़कर एक धुरन्धर अधिकारी बैठे है! उनके ही बिकास में आये धन को गरीब जनता तक नहीं पहुंचने की कसमें खाने में पीछे नहीं हैं! 


यहाँ पर बताना जरूरी होगा कि नेवादा ब्लॉक के लोधउर गाँव में शौंचालय में बड़ी धांधली देखने को मिल रही है! बल्कि यह कहें कि ग्राम प्रधान व ग्राम बिकास अधिकारी व उच्च अधिकारियों की सांठ गांठ के चलते यहाँ पर महज 10% गरीब जनता को देकर 90% रकम खुद की जेब में भर लिया गया है! अब सवाल इस बात का उठ रहा है कि ग्रामीणों के शिकायत करने के बावजूद भी इस लोधउर गाँव की आज तक कोई भ्रष्टाचार की जांच नहीं हुई! यह उच्च अधिकारियों के लिए एक सवाल है!


अब लोगों के जेहन में बात कोंध रही है कि क्या इतना बड़ा घोटाला होने के बावजूद भी उच्च अधिकारी जांच करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं और अगर इसकी निष्पक्ष जाँच हुई तो ये तय है! इसमें संलिप्त लोगों के ऊपर कार्यवाही होना तय है अब देखना यह है कि इस भ्रष्टाचार की जांच होती है या फिर संलिप्त लोग अपनी ही तिजोरी भरते रहेंगे!


संत लाल मौर्या


मानधन योजना का अधिक से अधिक हो प्रचार

मानधन योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कराये


जिलाधिकारी ने कैम्प लगाकर एवं अभियान चलाकर अधिक से अधिक व्यापारियों का पंजीकरण कराये जाने का दिया निर्देश  
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करते हुए तथा पात्र व्यापारियों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराये जाने के लिए कहा है। उन्होने श्रम विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि वे कैम्प लगाकर तथा अभियान चलाकर अधिक से अधिक पात्र व्यापारियों का पंजीकरण करायें जिससे उनको इस येजना का लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने बैठक में आये हुए व्यापारियों से कहा कि वे लोग स्वयं इस योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करायें तथा दूसरे व्यापारियों को भी रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जागरूक एवं प्रेरित करें।   
बैठक में श्रम अधिकारी श्रीमती शक्ति राय ने विस्तार से बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मानधन योजना एक स्वैच्छिक एवं अंशदाया पेंशन स्कीम है। इस योजना के अन्तर्गत 18 से 40 वर्ष तक के असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत व्यापारियोंए स्वनियोजित व्यापारी और दुकान मालिकए खुदरा व्यापारीए राइस मिल मालिकए तेल मिल मालिकए कारखाना मालिकए कमीशन एजेण्टए रियल इस्टेट ब्रोकरए छोटे होटलोंध्रेस्टोरेण्टों के मालिकों तथा गांव एवं छोटे कस्बों सहित अन्य व्यापारीगण जिनका वार्षिक आय व्यय 1ण्5 करोड़ रूपये तक है वे अपना पंजीकरण करा सकते है। 
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना में प्रात्र व्यापारियों को आयु के आधार पर रूपये 55 से रूपये 200 प्रतिमाह नियमित अंशदान किया जायेगा तथा केन्द्र सरकार भी उतनी ही धनराशि उनके पेंशन खाते में जमा करेगी। योजना का क्रियान्वयन भारतीय जीवन बीमा निगम और जनसुविधा केन्द्र के माध्यम से किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी इन्द्रसेन सिंहए श्रम प्रवर्तन अधिकारी चायलए भरवारीए सिराथूए व्यापार मण्डल के महामंत्री रमेश अग्रहरिए परवेश केसरवानीए प्रमोद  साहूए विपिन केसरवानी सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।


'स्वच्छ भारत मिशन' में की जा रही है लूट

रायबरेली! भारत सरकार की मनचाहा स्वच्छ भारत योजना के नाम पर तो जमकर लूट मची पड़ी है! ग्रामीण क्षेत्र को  स्वच्छ रखने के लिए घर घर कूड़ेदान तो लगाए गए परन्तु कूड़ेदान के नाम पर भी ऐसी लूट मची की संबंधित अधिकारी व ग्राम प्रधान दोनों हाथों से रुपयों को बटोरने में लग गए, वही अधिकारी है कि तथ्यों की जांच करने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ने में देरी नही लगा रहे हैं, और तो और डस्टबिन की सप्लाई ईट भट्ठे ने भी दिया है! अब सवाल यह उठता है कि क्या अब ईंट भठ्ठे भी अब डस्टबिन की सप्लाई देने लगे या फिर भाई सब गोलमाल है। 


     अब आपको ले चलते सिसवा विकासखंड के ग्राम होरीलापुर में ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिसमें स्वच्छता अभियान के तहत गांव को स्वच्छ रखने के लिए डस्टबिन क्रय किया गया, पूरे गांव में मुश्किल से 20 से 25 डस्टबिन ही लगाए गए  और वेबसाइट पर दर्ज आकड़ो के अनुसार 147288/- रुपया खर्च कर डाला गया, वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार 21-08-18 को 97740/-रुपये का सिंह ईट उद्योग से डस्टबिन क्रय का भुगतान किया गया, 30-08-18 को 19548/-रुपये का व 20-12-19 को 3000/- रुपये का भी डस्टबिन क्रय भुगतान किया गया, यह किसे किया गया वेवसाईट पर दर्ज नही है, यानी दर्ज आकड़ो के अनुसार कुल 147288/- रुपये डस्टबिन क्रय का भुगतान किया गया, जब कि गांव के लोगों के मुताबिक 20 से 25 डस्टबिन ही गांव में लगाए गए, अगर गांव के लोगों की बात माने तो बाकी रुपया कहां चला गया, वही दूसरी तरफ देखे तो 21-08-18 को 97740/- रुपये डस्टबिन क्रय का भुगतान सिंह ईंट उधोग को वेवेसाइड में किया गया दर्शाया गया है, अब सवाल ये उठता है कि क्या ईंट भट्टे भी अब कूड़ेदान की सप्लाई करने लगे हैं, वैसे यह तो गले से नीचे उतरने वाला नहीं है, कही न कही पूरा गोलमाल जरुर लग रहा है।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...