गुरुवार, 7 नवंबर 2019

डिजिटल मार्केट का बढ़ता दायरा

डिजिटल मार्केटिंग मुख्य रूप से इंटरनेट पर डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके उत्पादों या सेवाओं का विपणन है, लेकिन मोबाइल फोन, प्रदर्शन विज्ञापन और किसी अन्य डिजिटल माध्यम को भी शामिल करता है। डिजिटल मार्केटिंग चैनल इंटरनेट पर आधारित सिस्टम हैं जो डिजिटल नेटवर्क द्वारा निर्माता से टर्मिनल उपभोक्ता तक उत्पाद मूल्य को बना सकते हैं, बढ़ा सकते हैं और प्रसारित कर सकते हैं।


1990 और 2000 के दशक के बाद से डिजिटल मार्केटिंग के विकास ने ब्रांड और व्यवसायों के विपणन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के तरीके को बदल दिया है। जैसा कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तेजी से विपणन योजनाओं और रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो जाता है, और जैसे लोग भौतिक दुकानों पर जाने के बजाय डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते हैं, [ platforms ] डिजिटल मार्केटिंग अभियान अधिक प्रचलित और कुशल होते जा रहे हैं।


सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO), सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM), कंटेंट मार्केटिंग , इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग , कंटेंट ऑटोमेशन, कैंपेन मार्केटिंग, डेटा- डिराइविंग मार्केटिंग, ई-कॉमर्स मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग , सोशल मीडिया जैसे डिजिटल मार्केटिंग के तरीके अनुकूलन , ई-मेल प्रत्यक्ष विपणन , प्रदर्शन विज्ञापन , ई-पुस्तकें , और ऑप्टिकल डिस्क और गेम हमारी अग्रिम प्रौद्योगिकी में अधिक आम हो रहे हैं। वास्तव में, डिजिटल मार्केटिंग अब गैर-इंटरनेट चैनलों तक फैली हुई है जो डिजिटल मीडिया, जैसे मोबाइल फोन ( एसएमएस और एमएमएस ), कॉलबैक और ऑन-होल्ड मोबाइल रिंग टोन प्रदान करते हैं। संक्षेप में, गैर- इन्टरनेट चैनलों के लिए यह विस्तार ऑनलाइन मार्केटिंग से डिजिटल मार्केटिंग को अलग करने में मदद करता है, ऊपर उल्लिखित विपणन विधियों के लिए एक और कैच-ऑल टर्म, जो ऑनलाइन सख्ती से होता है।


मक्का की पैदावार के नए मानक

भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर २७०० मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का सफलतापूर्वक उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है। मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता तो है परंतु इसकी पैदावार पिछले दशक में भारत में एक महत्त्वपूर्ण फसल के रूप में मोड़ ले चुकी है क्योंकि यह फसल सभी मोटे व प्रमुख खाद्दानो की बढ़ोत्तरी दर में सबसे अग्रणी है। आज जब गेहूँ और धान मे उपज बढ़ाना कठिन होता जा रहा है, मक्का पैदावार के नये मानक प्रस्तुत कर रही है जो इस समय बढ्कर 5.98 तक पहुँच चुका है।


यह फसल भारत की भूमि पर १६०० ई० के अन्त में ही पैदा करना शुरू की गई और आज भारत संसार के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है। जितनी प्रकार की मक्का भारत में उत्पन्न की जाती है, शायद ही किसी अन्य देश में उतनी प्रकार की मक्का उत्पादित की जा रही है। हाँ यह बात और है कि भारत मक्का के उपयोगो मे काफी पिछडा हुआ है। जबकि अमरीका में यह एक पूर्णतया औद्याोगिक फसल के रूप में उत्पादित की जाती है और इससे विविध औद्याोगिक पदार्थ बनाऐ जाते है। भारत में मक्का का महत्त्व एक केवल खाद्यान्न की फसल के रूप मे जाना जाता है। सयुक्त राज्य अमरीका मे मक्का का अधिकतम उपयोग स्टार्च बनाने के लिये किया जाता है।


भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है वे हैं - आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि। इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आन्ध्रा में सर्वाधिक उत्पादन होता है। परन्तु मक्का का महत्व जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, गुजरात व झारखण्ड में भी काफी अधिक है।


औषधीय पौधा 'गुल् अब्बास'

यह फूल साधारण रूप से चार बजे के लगभग में खिलता है, जिस से इसे "चार बजे की फूल" की संज्ञा भी दी जाती है। फूलों का उपयोग फूड कलरिंग में किया जाता है। पत्तियों को पका हुआ भी खाया जा सकता है, लेकिन केवल एक आपातकालीन भोजन के रूप में। फूलों से केक और जेली के लिए एक खाद्य क्रिमसन डाई प्राप्त की जाती है। हर्बल चिकित्सा में, पौधे के कुछ हिस्सों को मूत्रवर्धक, शुद्धिकारक और कमजोर (घाव भरने वाले) उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह माना जाता है कि मूत्रवर्धक और मूत्रवर्धक गुणों के साथ ही यह कामोत्तेजक भी है। इसका उपयोग ड्रॉप्सी के उपचार में भी किया जाता है। पत्तियों का उपयोग सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। फोड़े का इलाज करने के लिए उनमें से एक काढ़े (मैशिंग और उबलते द्वारा) का उपयोग किया जाता है। पत्तों का रस घावों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। फूल की बल्बनुमा जड़ों में एक रेचक प्रभाव होता है। पाउडर, कुछ किस्मों के बीज को कॉस्मेटिक और डाई के रूप में उपयोग किया जाता है। बीज को जहरीला माना जाता है। संयंत्र में कैडमियम जैसे भारी धातुओं के मध्यम सांद्रता के साथ प्रदूषित मिट्टी के बायोरेमेडिएशन की क्षमता है। ब्राजील में, भारतीय कायापो सूखे हुए फूलों के पाउडर को सूंघने और सिर के घाव को धोने के लिए जड़ के काढ़े का उपयोग करते हैं और कुष्ठ रोग जैसे त्वचा की स्थिति का इलाज करते हैं। पेरू में, फूलों से निकाले गए रस का उपयोग दाद और घावों के लिए किया जाता है। जड़ से निकाला गया रस कान का दर्द, दस्त, पेचिश, उपदंश और यकृत संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। मेक्सिको में, पूरे पौधे के काढ़े का उपयोग पेचिश, संक्रमित घाव और मधुमक्खी और बिच्छू के डंक के लिए किया जाता है।


कीवी में असामान्य रोग क्षमता

कीवी (वैज्ञानिक नाम- एक्टीनीडिया डेलीसिओसा) देखने में हल्का भूरा, रोएदार व आयताकार, रूप में चीकू फल की तरह का फल होता है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। किवी एक विशेष प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। किवी अपने सुंदर रंग के लिए लोगो में अधिक पसंद किया जा रहा है। किवी में विटामिन सी, विटामिन इ, विटामिन के और प्रचुर मात्रा में पोटैशियम, फोलेट होते है। किवी फल में अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यानि शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है! जिस ब्यक्ति को डेंगू मलेरिया या फिर इंफेक्सम की बीमारी हो यह फल बहुत लाभदायक होता है।


किवी के पोषक तत्व:-कीवी में उच्च मात्रा में विटामिन सी एव अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन ई, पोटेशियम पॉलिटेक्निक, कॉपर, सोडियम, रोगो से बचाने वाले एंटीऑक्सीडेंट होते है। शरीर के इलेक्ट्रॉन बनाने के लिए फायदेमंद रहती है।


किवी के स्वास्थ्य लाभ 
नींद के लिए :- किवी प्राकृतिक एंजाइमों से भरपूर भरा हुआ रहता है। यह नींद को अच्छा रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाये रखने में और नींद नहीं आने की समस्या को दूर करने में सहायता करता है। किवी फल में उच्च मात्रा में सेरोटोनिन होते है। यदि आपको अनिद्रा की समस्या है तो किवी फल का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है।
वजन घटाने के लिए :- किवी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होते है। जो शरीर में वसा की मात्रा को बढ़ने नहीं देते है। इसके कारण शरीर का वजन नहीं बढ़ता है। जिन व्यक्तियों को अपना वजन कम करना है तो उनको किवी का सेवन रोजाना करना चाहिए।
रक्त चाप कम करने के लिए :- किवी में कई तरह के विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट तत्व के गुण होते है। जो शरीर के रक्त चाप को नियंत्रण करने में सहायता करते है। रक्त चाप के मरीजों को आहार में किवी फल का सेवन करना चाहिए।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए :- किवी के एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत रखने में सहायता करता है। जिसके कारण शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिले यानि वह व्यक्ति जल्दी बीमार नहीं होता है।
आंखो के लिए :- किवी फल बहुत गुणों से भरा हुआ रहता है। रोजाना किवी का सेवन करने आंखो की रौशनीशक्ति बढ़ती है। आंखो से जुडी समस्या को ठीक करने में सहायता करता है। यह मूल रूप से चीन का पैदावार हैं। चीन में आज भी विश्व का ५६% कीवी फल का पैदावार चीन में होता है।


असुविधा में यज्ञ कैसे करें?

गतांक से...
 मैंने बहुत पुरातन काल में अपने पूज्यपाद गुरुदेव से प्रकट करते हुए कहा था! हे पूज्यपाद, यह समाज जाने कहां जा रहा है, मैं इसको नहीं जान पा रहा हूं? प्रहा धन-धन्म ब्रहे, पूज्यपाद गुरुदेव ने मुझे शिक्षा दी और विचार दिए कि यदि राष्ट्र को उन्नत बनाना है! अग्नि से दूरी कर देना है, नम्रता में लाना है तो राजा को चाहिए कि वह ब्रह्म ज्ञान का अध्ययन करें! तपस्वी बने! जैसे मेरे पूज्य पाद गुरुदेव कई समय से राष्ट्रवाद और राम की चर्चा कर रहे थे! पूज्य पाद,ॠषिवर विद्यमान है! परंतु चर्चा कर रहे हैं, महान बनने की और वही चर्चा जब क्रियावान बन जाती है तो वहीं चर्चा महान बन करके राष्ट्र में एक माधुरीता को जन्म दे देती है! विचार आता रहता है मैं गुरुदेव को निर्णय करा रहा हूं! आधुनिक काल का जो काल चल रहा है! यहां राष्ट्र का तो अभाव है, मैं दृष्टिपात करता रहता हूं! ब्रह्म ज्ञानी, ज्ञानी परंतु वह ज्ञानी भी नहीं है! आसन की लोलुपता में वह समाज रत हो रहा है! वह धर्म में और अन्य में रत हो रहा है! विचार आता रहता है कि मेरा जीवन कैसे ऊंचा बने? परंतु मैं यह कहा करता हूं कि राजा से कहो, हे राजा तेरे रास्ते में रूढि नहीं रहनी चाहिए! तुम ब्रह्मावेता बन करके उसका निराकरण करो और अपनी राष्ट्रीय प्रणाली को पवित्र बनाओ! इस प्रकार मेरे पूज्य पाद गुरुदेव मुझे उपदेश दे रहे हैं! कई समय हो गए हैं राम की चर्चा करते हुए! राम जैसे महान शाखा की चर्चा, जिसका जीवन सदैव आभा में निहित रहा है और वह अपने में अपनेपन की वृत्तियो में रत रहने के लिए तत्पर रहे हैं! विचार आता रहता है मैं यह गीत गाता रहता हू! मेरे पूज्य पाद गुरुदेव यह जो वर्तमान का काल चल रहा है यह सुरा-सुंदरी और वाम-मार्ग का काल चल रहा है! इसलिए मैं अपने यज्ञमान को कहता हूं कि तुम्हारे जीवन का सौभाग्य अखंड बना रहे! तुम्हारे गृह में धर्म का सदैव सदुपयोग होता है! देवताओं की पूजा करना ही तुम्हारा कर्तव्य है! यदि समाज को ऊंचा बनाना चाहते हो, अग्नि विभाजन करती है, अग्नि भेदन करके तुम्हारी प्रवृत्तियों को महान बना सकती है! परंतु इसी प्रकार,वेदाम भू वेदाम ब्रथम, पूज्य पाद ने मुझे वर्णन कराया की प्रथम यह सर्वत्र एक आभा में निहित होने वाला, यह जगत है! मैं अपने पूज्यपाद गुरुदेव से यह गीत गाने के लिए आया हूं! हे प्रभु, आज राष्ट्रवाद न होने से मानव, मानव रक्त का भक्षक बनने के लिए तत्पर हो रहा है! यहां धर्म के नाम पर नाना प्रकार की मान्यताएं हैं और ये मान्यताएं ऐसी बन गई है! जो राष्ट्र का विनाश कर सकती है! इसीलिए मैं कहता हूं,हे राजन ब्रह्मज्ञानी बन और तेरे अंग-संग विधमान होने वाले रूढ़ियों के आचार्यों का शास्त्रार्थ हो, राजा स्वयं निर्णय देने वाला हो,जब वह निर्णायक बन जाता है! तो समाज में पवित्रता जाती है और यह निर्णय नायक को प्राप्त करता हुआ सागर से पार होने का प्रयास करता है!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 08, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-94 (साल-01)
2. शुक्रवार, नवंबर 08, 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- द्वादशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:31,सूर्यास्त 05:38
5. न्‍यूनतम तापमान -16 डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., छिटपुट बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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बुधवार, 6 नवंबर 2019

बदलते मौसम में सर्दी जुखाम से बचाव

मौसम बदलने रहा है, अल सुबह और रात के वक्त गुलाबी ठंड का अहसास यह संदेश देने लगा है कि रजाईवाले दिन जल्दी आने वाले हैं। इस बदलते मौसम में घूमने-फिरने का जितना मजा होता है, उतना ही डर रहता है सर्दी जुकाम का। अगर आप इस बदलते मौसम और आनेवाली सर्दियों में खांसी-जुकाम से बचे रहना चाहते हैं तो ऑरेंज पील टी आपके लिए बहुत काम की हो सकती है। यहां जानें, घर पर आप किस तरह तैयार कर सकते हैं संतरे के छिलकों की चाय…
-ऑरेंज पील टी बनाने के लिए आपको सबसे पहले मु_ी भर संतरे के छिलकों की जरूरत होगी। इसके लिए आप ताजे संतरों को छीलकर उनका छिलका निकाल सकते हैं।


-अब करीब एक लीटर पानी को एक पैन भरकर गर्म होने के लिए मध्यम आंच पर गैस पर रख दें। जब पानी अच्छी तरह गर्म हो जाए तो इसमें छीले गए संतरे के छिलकों को डाल दें। स्वाद और सेहत में बढ़ोतरी करने के लिए अब आप इस गर्म पानी में एक छोटा टुकड़ा दालचीनी डालें। एक बार अच्छी तरह उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें और इस तैयार गर्मागर्म मिश्रण को करीब 15 मिनट तक ढककर रख दें। करीब 15 मिनट बाद इस तैयार टी में स्वाद के अनुसार शहद मिलाएं और पूरे परिवार को सर्व करें।


दीपिका ने रणबीर को बैडमिंटन में हराया

मुंबई! दीपिका पादुकोण कई बार बता चुकी हैं कि कैसे वह बैडमिंटन कोर्ट में रणवीर सिंह को मात दे देती हैं। हाल ही में रणवीर ने एक लाइव चैट विडियो में बताया कि सुबह-सुबह वह दीपिका से बैडमिंटन में हार गए हैं। उनके इस अंदाज पर फैन्स का दिल आ गया।
रणवीर सिंह जल्द ही करण जौहर की फिल्म तख्त की शूटिंग शुरू करेंगे। इस विडियो में उन्होंने बताया कि वह तख्त में अपने रोल की तैयारी कर रहे हैं। रणवीर ने कहा कि उनके दिन की शुरुआत अच्छी हुई। सुबह ही वह अपनी पत्नी से बैडमिंटन में हार गए। इसके बाद वह कहते हैं कि उन्होंने आज अच्छा वर्कआउट भी किया है। बता दें कि रणवीर सिंह बीते कई दिनों से अपनी फिल्म 83 की शूटिंग कर रहे थे। यह फिल्म 1983 में भारत के क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने पर बेस्ड है। फिल्म में रणवीर सिंह कपिल देव की भूमिका में नजर आएंगे। वहीं, कपिल देव की पत्नी का रोल दीपिका पादुकोण निभा रही हैं।


वॉचमैन ने जहर देकर 10 की जान ली

गोदावरी ! चौकीदारी का काम करने वाले 38 साल के एक शख्स ने पोटेशि‍यम साइनाइड जहर देकर दस लोगों को मौत के घाट उतार द‍िया! सीर‍ियल क‍िलर की तरह बर्ताव करने वाले इस शात‍िर शख्स ने इस काम को स‍िर्फ दो सालों में अंजाम द‍िया! रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी ज‍िले की है! वेस्ट गोदावरी पुल‍िस ने मंगलवार को एक वाचमैन को ग‍िरफ्तार क‍िया ज‍िसने पोटैश‍ियम साइनाइड जहर देकर 10 लोगों की हत्या की! वॉचमैन का नाम वेलांकी स‍िम्हाद्री उर्फ श‍िवा है! साथ में उसके 60 साल के साथी शेख अमीनुल्ला बाबू उर्फ शंकर को भी ग‍िरफ्तार क‍िया गया जो वेलांकी को साइनाइड की सप्लाई करता था!


पुल‍िस के अनुसार, श‍िवा 'राइज पुलिंग स‍िक्के' का झांसा देकर लोगों से ठगी करता था! वह इस स‍िक्के को खरीदने के ल‍िए स‍िक्योर‍िटी मनी की मांग करता! फ‍िर अपने श‍िकार को एकांत में ले जाकर प्रसाद में म‍िलाकर साइनाइड ख‍िला देता ज‍िससे श‍िकार की तुरंत मौत हो जाती थी! उसके बाद श‍िकार के पास से सोना, चांदी और नकदी लेकर श‍िवा फरार हो जाता था! श‍िवा ने इस तरीके से मर्डर क‍िए क‍ि पुल‍िस को कभी शक ही नहीं हुआ! यहां तक क‍ि मरने वालों के र‍िश्तेदार भी कोई शक नहीं कर पाते थे क्योंक‍ि शरीर पर क‍िसी तरह की खरोंच या घाव के न‍िशान नहीं होते थे! इस वजह से श‍िवा पुल‍िस की नजर से बचता रहा!


चौंका देने वाले इस सीर‍ियल मर्डर केस का तब खुलासा हुआ जब 49 साल के कात‍ि नागार्जु की संद‍िग्ध पर‍िस्थ‍ितियों में मौत हुई! वह अपने घर से दो लाख कैश और सोने की ज्वैलरी लेकर न‍िकले थे! कात‍ि की मौत की जांच के दौरान और सीसीटीवी वेर‍िफ‍िकेशन के बाद पता चला क‍ि वहां श‍िवा घूम रहा था! जब पुल‍िस ने श‍िवा से पूछताछ की तो उसने माना क‍ि लोगों को साइनाइड जहर देकर 10 लोगों को मौत के घाट उतारा है! इनसे म‍िले कैश और सोने का इस्तेमाल श‍िवा ने महंगे खर्च और अय्याशी के ल‍िए क‍िया!


विभाग सूर्य के प्रकाश से कर रहा मुकाबला

राजू सिंह


कौशांबी। जिस विद्युत बिल के उपयोग के लिए भारी भरकम बिल देने वाला विद्युत विभाग या स्थानीय निकाय द्वारा सरकार को क्षति पहुंचा रही है। जबकि यही लोग से किसान और दबे कुचले लोगो को भारी भरकम बिल देने की शिकायत आम है। और अब सराय अकिल क्षेत्र के कटरा चौराहा से दिन में विद्युत हाई लाईट चालू रखने की खबर आ रही है। इसी मद में अंधा हो चुका उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग पूरी दुनिया को ऊंजाला देने वाले सूर्य को दिन में रोशनी देने की हिमाकत कर रहा है। अब इससे जनता को कितना फायदा मिलता है यह तो विद्युत विभाग या फिर जनता जानती है लेकिन इतना तय है कि बेवजह बिजली फूंकने पर बिल जरूर बढ़ेगा। गौरतलब है कि सराय अकिल क्षेत्र के कटरा चौराहा में हाई लाइट लगवाई गई है। जिससे रात के अंधेरे में राहगीरों को रौशनी मिल सके। लेकिन जब दिन में सूर्य रौशनी बिखेर रहा हो तो ऐसे में हाई लाइट जलाने का औचित्य क्या है। वैसे भी बिजली की मार झेल रहे प्रदेश में किसानो से बिजली बिल की उगाही जमकर की जाती है लेकिन सरकार से मुफ्त में मिल रही बिजली का ऐसा दुरूपयोग सहज ही देखा जा सकता है।
कौन है जिम्मेदार
चौराहो में लगी हाई लाइट को दिन जलते देखना आमबात है।  लाइट की देखरेख स्थानीय निकाय करती है।  सराय अकिल क्षेत्र  कटरा चौराहा की हाई लाइट  जिम्मेदारी किस निकाय को सौंपी गई है। इस संबंध  जानकारी नहीं मिल सकी है। लिहाजा जेई शंकरलाल से फोन पर बात करने से पता चला कि इस प्रकार की बिजली व्यवस्था स्थानीय निकाय को दिया जाता है। जिसका विद्युत बिल नही लगता। लेकिन इस प्रकार विद्युत का दुरुपयोग सरकार के राजस्व को क्षति पहुंचाती है।


अयोध्या में कार्तिक मेला और आतंकी खतरा

राम नगरी में कार्तिक मेले को लेकर चहल पहल के बीच आतंकी खतरे ने सुरक्षा तंत्र की उड़ाई नींद


सौरभ दूबे 


अयोध्या! राम नगरी अयोध्या में कार्तिक मेले को लेकर चहल-पहल के बीच आतंकी खतरे ने सुरक्षातंत्र की उड़ाई नीद। 
बता दें कि भारत में नेपाल के  रास्ते संदिग्धों की घुसपैठ के मिले  इनपुट के बाद अयोध्या में निगरानी बढ़ा दी गई है।
अयोध्या में चिह्नित स्थानों पर पैरामिलिट्री फोर्स के साथ एटीएस कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। आतंकी इनपुट की सूचना मिलने के बाद एटीएस के उच्च अधिकारियों के लगातर संपर्क में हैं अयोध्या पुलिस।
आतंक से निपटने के लिये
ड्रोन कैमरे के साथ सीसीटीवी कैमरे निगरानी के लिये लगाए गए हैं। जिले में लगभग 18 हजार स्थानों पर पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर पहले ही लिखवाए जा चुके हैं। पुलिस सोशल मीडिया का सहारा लेकर आम लोगों से सूचना संकलन कर रही है। अयोध्या में 80 से अधिक स्थानों पर मोर्चा लेने के लिए सैंडबैग बनाए गए हैं। आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए विशेष स्कीम के तहत पुलिस कार्य कर रही है।
अयोध्या विवाद में फैसला आने वाला है। इसको लेकर अयोध्या में पहले से ही सरगर्मी बढी हुई है। बड़ी संख्या में फोर्स अयोध्या पहुंच चुकी है और भी फोर्स के आने की संभावना है। मंगलवार से 14कोसी परिक्रमा के साथ कार्तिक मेले का उल्लास भी शुरू हो चुका है। ऐसे में सुरक्षा तंत्र बेहद सतर्क है। राज्य के साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी अयोध्या में डेरा डाल रखा है। नेपाल के रास्ते भारत में सात आतंकियों के घुसने का इनपुट जारी हुआ है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक 7 में से 5 आतंकी अयोध्या ,फैजाबाद,गोरखपुर में छिप सकते हैं। सात में से पाँच आतंकियों की पहचान मौहम्मद याकूब,अबू हमजा,मोहम्मद शाहबाज,मोहम्मद क्वामी चौधरी और निसार अहमद के रुप में की गई है।
बता दें कि  रामनगरी पहले से ही आतंकियों के निशाने पर रही है। 5 जुलाई 2005 को अधिगृहीत परिसर पर आतंकी हमला हो चुका है। इससे पहले अयोध्या में कई बार आतंकी साजिश हो चुकी है बेनकाब।
बता दें कि एडीजी ने कहा पुराने इनपुट पर हैं हम सतर्क।एडीजी और गोरखपुर के नोडल अधिकारी डीके ठाकुर ने 7आतंकियो की घुसने की खबरों पर बोले कि यह इनपुट दो महीने पुरानी सूचना पर आधारित है।अभी कोई ताजा इनपुट नहीं मिला है।उन्होने कहा कि पुलिस पूरी तरह सतर्क है और हर मामले से निपटने में सक्षम है।


रुद्रप्रयाग के तीनों विकास खंडों में चुनाव

रिपोर्ट- शम्भू प्रसाद
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग में तीनो विकासखंडो के मुख्यालय में प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख, कनिष्ठ प्रमुख के लिए आज सुबह 10 बजे से शुरू हुए मतदान के बाद शाम तक चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए। जिले के प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख, कनिष्ठ प्रमुख के 9 पदों में 8 पर निर्दलीयों का कब्जा रहा।


बता दे कि, रुद्रप्रयाग जिले के तीनों विकास खंड जखोली, उखीमठ, अगस्तमुनि में प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख, कनिष्ठ प्रमुख के परिणाम घोषित हो गए हैं, जिसमें विजयी हुए प्रत्याशियों के नाम निम्न है:-


विजया देवी प्रमुख- 7 वोट से विजयी,सुभाष सिंह ज्येष्ठ प्रमुख- 6 वोटों से विजयी,शशि सिंह कनिष्ठ प्रमुख- 2 वोटों से विजयी,नागेंद्र सिंह ज्येष्ठ प्रमुख- 12 वोटो से विजयी,कवीन्द्र कनिष्ठ प्रमुख- 12 वोटों से विजयी!


उखीमठ विकासखंड में निर्दलीय श्वेता पांडे प्रमुख का चुनाव जीती हैं। जखोली विकासखंड में कांग्रेस के प्रदीप थपलियाल 16 वोटों से विजयी होकर प्रमुख बने। बाकी दोनो पद पर पहले ही निर्दलीय प्रत्याशी निर्विरोध घोषित हो चुके हैं।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...