शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2019

भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी

नई दिल्ली। दीपावली पर आतंकी हमले की आशंका और गोरखपुर के पास 5 संदिग्ध देखे जाने की सूचना के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर और उससे सटे यूपी के 7 जिलों में पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। 16 सितंबर को इन पांचों को नकहा जंगल रेलवे स्टेशन के पास देखा गया था। इसे लेकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने पहले 5 और फिर 14 अक्टूबर को नेपाल से सटे यूपी, बिहार के जिलों के लिए अलर्ट जारी किया था।


जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ को सूचना मिली थी कि 16 सितंबर को नकहा रेलवे स्टेशन के पास अंकित सर्विस सेंटर पर 5 संदिग्ध लोग एकत्र हुए हैं। सूचना के मुताबिक, इन पांचों की उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच थी। उनमें से 4 ने कुर्ता-पायजामा और एक ने जींस व कुर्ता पहना हुआ था। 3 ने दाढ़ी रखी हुई थी और 2 क्लीन शेव थे। एक व्यक्ति के दाहिने गाल पर कटे का निशान था।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि बिहार के समस्तीपुर के आरपीएफ के डिविजनल सिक्यॉरिटी कमिश्नर द्वारा इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया था। एटीएस और एसटीएफ से अलर्ट में दी गई जानकारियां सत्यापित करने को कहा गया है। नेपाल सीमा से सटे जिलों में खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।


'धमाकेदार होगी दिवाली'
आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, ये लोग आपस में बात कर रहे थे कि इस बार दिवाली काफी धमाकेदार होगी। पूरा हिंदुस्तान देखेगा और याद रखेगा। ये लोग नेपाल जाने और फिर 17 अक्टूबर को दिल्ली में मीटिंग करने की भी बात कर रहे थे। बातचीत के मुताबिक, दिल्ली की मीटिंग में कुछ लोगों को कश्मीर से भी आना था। ये लोग सफेद रंग की कार से यहां आए थे।


अनियंत्रित बस पलटी, 22 बच्चे घायल

होशंगाबाद। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में एक स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। छात्रों से भरी यह स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलट गई। यह घटना शुक्रवार सुबह बाबई के सांगाखेड़ा तिराहे के पास हुई। बताया जा रहा है कि होशंगाबाद कैंपियन स्कूल की यह बस बच्चों को लाने गई थी। इस बस में तकरीबन 35 बच्चे सवार थे।
बस में सवार 22 स्कूली बच्चों को इस दुर्घटना में चोट लगी है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस पहले पेड़ से टकराई फिर अनियंत्रित होकर पलट गई। प्रथम दृष्टया यह बताया जा रहा है कि कैंपियन स्कूल की बस में सुरक्षा साधनों का अभाव था। तेज गति के कारण बस अनियंत्रित होकर पलट गई।
 


सैनिक पर छोड़ा हाथ, दरोगा की मरम्मत

मऊ। पुलिस का गैर व्यवहारिक रवैया उस पर ही कभी कभी भारी पड़ जाता है। कुछ ऐसा ही एक मामला गुरुवार को मऊ जिले में सामने आया जब दारोगा ने सेना के सिपाही पर हाथ छोड़ा तो आर्मी मैन ने चौकी  में ही चैकी प्रभारी की जमकर पिटाई कर दी। पूरा मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो महकमे में हड़कंप मच गया। पूरे मामले में चौकी  में दारोगा दल प्रताप सिंह की पिटाई होते देखकर मौके पर लोगों ने हस्तक्षेप कर दारोगा को और पिटने से बचाया।


दरअसल किसी वाहन को पुलिस द्वारा उठाने के मामले में आर्मी मैन पुलिस चौकी  में शिकायत करने गया था तो चैकी प्रभारी दल प्रताप सिंह ने अभद्रता करते हुए लड़ाई झगड़ा शुरू कर दिया और विवाद शुरू होने के बाद पहला थप्पड़ आर्मी मैन को जड़ दिया। इसके बाद आर्मी मैन का भी गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा और थप्पड़ के बदले दारोगा को चौकी  में ही जमकर पीट दिया। पिटाई में आर्मीमैन के भारी पड़ने के बाद दारोगा पीछे हटते गए और भारी साबित हो रहे आर्मी मैन ने जमकर चौकी  प्रभारी की पिटाई कर दी। वहीं मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महकमे में चौकी  इंचार्ज के पहले थप्पड़ की गूंज और पुलिस कर्मी की पिटाई चर्चा का केंद्र बनी हुई है। मामले की पंचायत इसके बाद कोतवाली में शुरू हुई तो देर शाम तक आपसी विवाद का नतीजा नहीं निकल सका।
पूरा मामला मऊ में नगर कोतवाली के सारहू चौकी  का है जहां पर किसी वाहन को उठा ले जाने की बात पर विवाद बढ़ गया और चौकी  इंचार्ज ने आर्मी मैन से अभद्रता करते हुए हाथ छोड़ दिया। वहीं दारोगा के हाथ छोड़ने के बाद मिलिट्रीमैन ने भी ताबड़तोड तरीके से दारोगा पर घूंसों और थप्प्ड़ों की बौछार कर दी। इस अप्रत्याशित पलटवार की उम्मीद दारोगा को भी नहीं रही होगी। देखते ही देखते आर्मी मैन ने दारोगा को पीटकर बेदम कर दिया। इस दौरान एक मोबाइल कैमरे में पूरी वारदात कैद हो गई। जिसमें साफ दिख रहा है कि पहला वार दारोगा ने आर्मी मैन पर किया इसके बाद सामने से दारोगा पर पलटवार किया गया।


सर सैयद डे:कश्मीरी छात्रों ने किया बहिष्कार

अलीगढ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हर साल की तरह इस बार भी सर सैयद डे का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विश्वविद्यालय के कश्मीरी छात्रों ने बहिष्कार किया है। आयोजन का विरोध करते हुए अमुवि छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष व कश्मीरी छात्र सज्जान सुभान राथर बाबे सैयद गेट पर भूख हड़ताल पर बैठ गए। उनका कहना है कि पिछले चार महिनों से कश्मीर की हालत बेहद खराब है, इसलिए वो विश्वविद्यालय के इस आयोजन का बहिष्कार कर रहे हैं और उसके खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं ।


दरअसल विश्वविद्यालय में आज एएमयू के संस्थापक सैयद अहमद खान की याद में सर सैयद डे मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में तमाम छात्र-प्रोफेसर इत्यादि शामिल होते हैं। लेकिन कुछ कश्मीरी छात्रों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए विश्वविद्यालय के बॉबे सैयद गेट पर जाकर धरने पर बैठ गए। छात्रों ने गेट को भी बंद कर दिया।


इसके बाद हरकत में आए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने जबरदस्ती उन कश्मीरी छात्रों को वहां से हटाकर गाड़ी में बिठाकर कहीं और भेज दिया। हिरासत में लिए गए छात्रों में पूर्व छात्रसंघ नेता सज्जाद शुभान राथर भी हैं। उन्हें प्रॉक्टर कार्यालय में रखा गया है। कश्मीरी छात्र लगातार कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


चंदौली अब से पंडित दीनदयाल नगर

लखनऊ। योगी सरकार एक और जिले का नाम बदलने जा रही है। जल्द ही जिले का नाम चंदौली की जगह पंडित दीनदयाल नगर होगा। नाम बदलने के लिए शासन से रिपोर्ट मांगी गई, जिसे जिला प्रशासन ने भेज दिया है। शासन की अंतिम मुहर लगने की औपचारिकता भर रह गई है। उम्मीद की जा रही है कि राजकीय मेडिकल कालेज के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा कर सकते हैं।कुछ दिनों पहले शासन स्तर से जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई थी कि जिले का नाम दीनदयाल नगर में परिवर्तित करने में कोई दिक्कत तो नहीं है। जिला प्रशासन ने भी रिपोर्ट भेजकर स्थानीय स्तर से मुहर लगा दी है। साथ ही अपनी ओर से किसी प्रकार की दिक्कत या परेशानी का उल्लेख नहीं किया है।


चंदौली के डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि जिले का नाम परिवर्तित करने के लिए शासन की ओर से भेजे गए पत्र के क्रम में स्थानीय स्तर से रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है। नाम परिवर्तन करने की घोषणा शासन स्तर से होनी है। वहां से जो भी निर्देश होगा उसका पालन कराया जाएगा।


कब क्या गलत हुआ, याद रखें:निर्मला

वाशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ, इसे याद करना बेहद जरूरी है। सीतारमण ने यह टिप्पणी सिंह के उस आरोप के जवाब में की है जिसमें उन्होंने कहा था कि राजग सरकार हमेशा अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दोष मढ़ने की कोशिश करती है। सिंह ने अपने शासन में कुछ ''कमजोरियां होने'' की बात स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी सरकार को प्रत्येक आर्थिक संकट के लिए संप्रग सरकार को दोष देना बंद करना चाहिए क्योंकि समाधान निकालने के लिए पांच साल का समय पर्याप्त होता है।


सीतारमण ने बृहस्पतिवार को यहां भारतीय संवाददाताओं से कहा, “मैं आरोप-प्रत्यारोप में नहीं उलझने की बात कहने के लिए डॉ मनमोहन सिंह का सम्मान करती हूं, लेकिन किसी बाद का संदर्भ समझाने के लिए किसी खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ, यह याद करना अत्यावश्यक है क्योंकि अब आरोप मुझ पर लग रहे हैं कि अर्थव्यवस्था को लेकर कोई विमर्श है ही नहीं।” सीतारमण, सिंह के उन आरोपों का जवाब दे रहीं थीं जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार समाधान ढूंढने की बजाए हमेशा अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दोष मढ़ने की कोशिश करती है।


मुंबई में हुए संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी सीतारमण के एक बयान के बाद आई थी। सीतारमण ने न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनके सबसे “बुरे दौर” में पहुंचाने के लिए मनमोहन सिंह-रघुराम राजन की जोड़ी जिम्मेदार है। सीतरामण ने कहा कि सरकार सुनती है और फिर प्रतिक्रिया देती है। अगर यह बताना है कि किसी क्षेत्र में क्यों परेशानी है, तो आज की सरकार को याद करना होगा कि पहले क्या गलत हुआ है। वित्त मंत्री ने क्या गलत हुआ था, यह याद करते हुए कहा किनिश्चित तौर पर इसका कारण वह दौर है जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और रघुराम राजन आरबीआई के गवर्नर थे।


इतिहास के पुन॔लेखन की आवश्यकता

वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भारत अध्ययन केंद्र द्वारा 'गुप्तवंश के वीर : स्कंदगुप्त विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुन: स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनीतिक भविष्य' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे।


उन्होने इस अवसर पर कहा कि “कब तक हम वामपंथियों को गाली देंगे और अंग्रेज इतिहासकारों को दोष देंगे? हमें अंग्रेज, वामपंथी और मुगलकालीन इतिहासकारों को दोष देना बंद कर इतिहास लेखन में अपनी मेहनत करने की दिशा को केंद्रित करना होगा। अब जरूरत है कि देश के गौरवशाली उस इतिहास को सत्य के आधार पर लिखें, जिनके साथ अन्याय हुआ, उन्हें न्याय दिलाएं।”


उन्होंने कहा, “इतिहास के पुनर्लेखन की जिम्मेदारी देश के विद्वानों और जनता की है। क्या हमारे देश के इतिहासकार 200 व्यक्तित्व और 25 साम्राज्यों को इतिहास का हिस्सा नहीं बना सकते? हम कब तक दूसरों को कोसते रहेंगे?” शाह ने कहा, “1857 की क्रांति को वीर सावरकर ने पहला स्वतंत्रता संग्राम का नाम न दिया होता, तो आज हम उसे विप्लव के नाम से जानते। सावरकर के कारण ही यह क्रांति इतिहास का हिस्सा बन पाई। नहीं तो हम अंग्रेजों द्वारा लिखे गए इतिहास को ही सत्य मानते।


उन्होंने कहा कि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को इतिहास में बहुत प्रसिद्धि मिली है, लेकिन सम्राट स्कंदगुप्त के साथ इतिहास में अन्याय हुआ है। उनके पराक्रम की जितनी प्रशंसा होनी चाहिए थी, उतनी शायद नहीं हुई है। इसी कालखंड में देश में शाकुंतलम्, पंचतंत्र जैसे अनेक उत्कृष्ट साहित्यों की रचना हुई थी।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...