शनिवार, 21 सितंबर 2019

सीएम अशोक पर भारी पड़ रहे पायलट

तो क्या राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट अब सीएम अशोक गहलोत पर हावी हो रहे हैं? इधर मंत्रिमंडल का विस्तार टला, उधर क्रिकेट की राजनीति में रामेश्वर डूडी ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को खुली चुनौती दी। आसान नहीं है कांग्रेस की सरकार चलाना। 

राजनीति में वाकई शह मात का खेला होता है। 16 सितम्बर की रात को जब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवा दी तो माना गया कि कांग्रेस की आतंरिक राजनीति में गहलोत ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। स्वभाविक था कि बसपा के विधायकों को मंत्री संसदीय  सचिव के पद से नवाजा जाएगा, इसलिए मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा भी होने लगी, लेकिन सीएम गहलोत की इस सफलता को 19 सितम्बर को ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मात दे दी। पायलट ने साफ कह दिया कि बसपा विधायक मंत्री बनने के लिए कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं। उन्हें अपने क्षेत्र का विकास करवाना है, इसलिए सरकार को मजबूती दी है। इसके साथ ही पायलट ने साफ कह दिया कि पहले उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियोंं का लाभ दिया जाएगा, जिन्हें पांच वर्ष खून पसीना बहाकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाई है। पायलट के इस कथन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रिमंडल विस्तार को टालना पड़ा और अब पहले 15 अक्टूबर तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ दिया जाएगा। यानि बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करते वक्त गहलोत ने जो रणनीति बनाई थी उस पर पानी फिर गया है। 
रामेश्वर डूडी की खुली चुनौती:
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस के प्रमुख नेता रामेश्वर डूडी ने तो क्रिकेट की राजनीति की आड़ में सीएम गहलोत को सीधे चुनौती दे दी है। प्रदेश में 27 सितम्बर  को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव होने है। मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी चाहते हैं कि सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाया जाए। इसके लिए राजसमंद जिले से वैभव का प्रवेश भी करवा दिया गया हे। लेकिन नागौर क्रिकेट जिल संघ की हैसियत से रामेश्वर डूडी ने खुली चुनौती दे दी है। डूडी खुद अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। वैभव गहलोत को अध्यक्ष बनाने में लगे सीपी जोशी के लिए डूडी ने कड़े शब्दों का इस्तेामल करते हुए कहा कि जोशी ने दादागिरी कर रखी है। जिसे अब नहीं चलने दिया जाएगा। मैं अध्यक्ष का दावेदार हंू भले ही सामने कोई भी हो। यह बात डूडी ने तब कही, जब सीपी जोशी राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी हैं। जोशी के प्रयासों से ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर से प्रतिबंध हटा है। गंभीर बात यह है कि रामेश्वर डूडी की उम्मीदवारी को ललित मोदी गुट समर्थन कर रहा है। यानि अशोक गहलोत को मात देने के लिए डूडी और उनके समर्थकों को भगोड़े ललित मोदी का समर्थन लेने से भी गुरेज नहीं है। क्रिकेट में अभी सीपी जोशी और ललित मोदी गुट की सक्रिय है। ललित मोदी की हरकतों की वजह से बीसीसीआई ने राजस्थान पर प्रतिबंध लगाया था। सब जानते हैं कि भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से ललित मोदी के कारोबारी रिश्ते रहे हैं। यदि सीपी जोशी अपनी ओर से सीएम के पुत्र वैभव का नाम आगे नहीं बढ़ाते तो रामेश्वर डूडी के तेवर इतने तीखे नहीं होते। अब देखना होगा कि मौजूदा हालातों का जवाब अशोक गहलोत कैसे देते हैं। आमतौर पर कांग्रेस की सरकारों को भाजपा से चुनौती मिलती है, लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत को अपनों से ही चुनौती मिल रही है। बसपा सभी 6 विधायकों कांग्रेस में शामिल कर लिया, लेकिन अब सरकार की इस मजबूती पर कांग्रेस के नेता ही पानी फेर रहे हैं। 
एस.पी.मित्तल


अमेरिकी राजनीति में भी मोदी का दखल

तो अब नरेन्द्र मोदी अमरीका की राजनीति भी प्रभावित करने लगे। 
हाउडी मोदी के कार्यक्रम पर राहुल गांधी का ट्वीट कितना मायने रखता है। 
भारतीय समय के अनुसार 22 सितम्बर की रात साढ़े आठ बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमरीका के ह्यूस्टन के फुटबॉल मैदान पर भारतीय मूल के अमरीकी नागरिकों को संबोधित करेंगे। संबोधन से पहले कोई 90 मिनट तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस कार्यक्रम का नाम अमरीका में प्रचलित प्रोग्रामों के अनुरूप हाउडी मोदी रखा गया है। मोदी के इस कार्यक्रम का महत्त्व तब और बढ़ गया है, जब अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी सहमति दे दी। ट्रंप हाउडी मोदी कार्यक्रम में भाग लेंगे, यह कोई अचानक तय नहीं हुआ। असल में यह भारत और अमरीका की कूटनीति रही। अमरीका में अगले वर्ष राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं। चूंकि हाउडी मोदी कार्यक्रम में 50 हजार से भी ज्यादा भारतीय यानि अमरीकी मतदाता उपस्थित रहेंगे, इसलिए ऐसी सोची समझी रणनीति के तहत ट्रंप की उपस्थिति करवाई गई है। कार्यक्रम में मोदी की ओर से यह दर्शाया जाएगा कि मौजूद समय में भारत के लिए डोनाल्उ ट्रंप एक मददगार राष्ट्रपति साबित हो रहे हैं। सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान को नियंत्रित करने में ट्रंप की विशेष भूमिका रही है। ट्रंप का रुख पूरी तरह भारत के साथ रहा है। हो सकता है कि ट्रंप अपने संबोधन में आर्थिक मोर्चे पर भारत को कुछ राहत भी दें। यानि अब नरेन्द्र मोदी अमरीका की राजनीति को भी प्रभावित करने लगे हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो हाउडी मोदी कार्यक्रम में ट्रंप भाग नहीं लेते। ट्रंप को भी पता है कि मोदी की लोकप्रियता सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में खास कर अमरीका में रहने वाले भारतियों के बीच भी है। ऐसे में यदि मोदी अपने संबोधन में ट्रंप को भारत का मददगार बताएंगे तो अमरीका के चुनाव में ट्रंप को फायदा होगा ही। 
राहुल का ट्वीट:
हाउडी मोदी कार्यक्रम की कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि ऐसे कार्यक्रमों से देश में चल रही आर्थिक मंदी की ओर से ध्यान नहीं हटाया जा सकता। राहुल का मानना है कि 1.4 लाख करोड़ की टैक्स में राहत देकर भी लोगों को खुश नहीं किया जा सकता है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं इसलिए उन्हें अपनी राय प्रकट करने का अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि ह्यूस्टन में जो कार्यक्रम हो रहा है उस पर भारत सरकार का पैसा खर्च नहीं हो रहा। ह्यूस्टन में रहने वाले भारतीयों ने इंडिया फोरम नामक संस्था बना रखी है। नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक कद और अंतर्राष्ट्रीय छवि को ध्यान में रखते हुए इस फोरम ने फुटबाल मैदान बुक करवाया है। पचास हजार की क्षमता वाला यह मैदान पूरा बुक हो चुका है और दस हजार लोग अभी बुकिंग के इंतजार में हैं। क्या यह भारत के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए सम्मान की बात नहीं है? राहुल गांधी माने या नहीं लेकिन आज हर देशभक्त भारतीय स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रहा है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370  को हटाकर नरेन्द्र मोदी ने इस प्रदेश के 80 प्रतिशत क्षेत्र में शांति कायम कर दी है। मोदी सरकार की कूटनीति ही है कि पाकिस्तान को अब कश्मीर के मुद्दे पर मुस्लिम देशों का भी समर्थन नहीं मिल रहा है। क्या राहुल गांधी नहीं चाहते थे कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहे और भारत की धाक अमरीका सहित विश्व भर में हो? यदि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा से अमरीका का राष्ट्रपति बनने के लिए नरेन्द्र मोदी की मदद ले रहे हैं तो भारत के लिए इससे ज्यादा सम्मान की बात और क्या हो सकती है?
एस.पी.मित्तल


दिल्ली मेट्रो में आतंकी का केमिकल अटैक

दिल्ली मेट्रो में आतंकी का केमिकल अटैक, हरकत में आई सुरक्षा एजेंसियां

नई दिल्‍ली। जम्मू- कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से खुफिया एजेंसियां बार-बार देश में आतंकी हमले की संभावना पहले ही जता रही थी। खुफिया एजेंसियों ने अपने अलर्ट में सुरक्षाबलों को सतर्क करते हुए बताया है कि कई बड़े आतंकी संगठन अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए केमिकल अटैक भी कर सकते हैं। सूचना के बाद से ही खुफिया एजेंसियों के इस अलर्ट हो गई है। इन्‍हीं तैयारियों के तहत बीच देश की राजधानी दिल्ली की मेट्रो में आज मेगा मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षाबलों तैयारियों का जायजा लिया गया। मॉक ड्रिल से व्‍यस्‍ततम कश्‍मीरी गेट मेट्रो स्‍टेशन पर पहले आईडी ब्‍लास्‍ट किया गया, जिसके वहां एक केमिकल अटैक भी हुआ।


दिल्‍ली मेट्रो से जुड़े सुरक्षा अधिकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो में आतंकी हमले के अलर्ट को देखते हुए जांच की जा रही है। जब मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही बंद हो गई, उसके बाद देर रात तक़रीबन 12 बजकर 50 मिनट पर कॉल हुई कि कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन में आतंकी हमला हो गया है। जहां एक के बाद एक तीन अटैक भी हुए हैं। इस  कॉल मिलते ही हड़कंप मच गया। कुछ ही मिनटों के अंतराल में सीआईएसएफ के स्पेशल कमांडों ने मोर्चा संभाल लिया।


एनडीआरएफ और डीडीएमए और फायर की गाड़ियां सहित दिल्ली की टीम मौके पर पहुंच गई। मॉक ड्रिल में सीआईएसएफ की स्पेशल बम निरोधक दस्ते ने डॉग स्क्वॉयड के साथ स्टेशन पर लगाए गए तीन जिंदा बमों को भी खोज निकाला और समय रहते उन बमों को डिफ्यूज भी कर दिया गया। तक़रीबन तीन घंटे चली यह मॉक ड्रिल आईबी और एनएसजी के सीनियर ऑफिसर्स की मौजूदगी में हुई।


सपा विधायक नाहिद की मुश्किलें बढ़ी

शामली। उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक नाहिद हसन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उनके घर पर दबिश दी है। हालांकि पुलिस को नाहिद हसन घर पर नहीं मिले इसलिए उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। नाहिद हसन पर एसडीएम और सीओ के साथ गाड़ी चेकिंग के दौरान अभद्रता करने का आरोप है।


नाहिद हसन के घर पुलिस 4 वारंट ले कर पहुंची है। नाहिद हसन के घर पर पुलिस की एक घंटे तक छापेमारी चली। इस दौरान हसन नहीं मिले। उनके घर पर रसोइया और गार्ड मौजूद थे। प्रशासन ने नाहिद हसन को तीन बार मौका दिया है लेकिन वे अब तक गाड़ी के कागज जमा नहीं करा पाए हैं। यूपी पुलिस ने हसन के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराए हैं।


नाहिद हसन की गिरफ्तारी के लिए कैराना में पुलिस और भारी अर्धसैनिक बलों की तैनाती है। पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। स्थानीय सीओ प्रदीप कुमार के नेतृत्व में नाहिद हसन के घर पुलिस दल-बल के साथ पहुंची है। शामली के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह और एसपी अजय कुमार भारी फोर्स के साथ मौके पर मौजूद हैं। नाहिद हसन को शुक्रवार तक गाड़ी के कागजात जमा कराने थे लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। इसके बाद पुलिस कार्रवाई के लिए कैराना पहुंच गई।


कईयो को जाल में फंसा वसूले करोड़ों

अफरोज ख़्वाजा 


भोपाल। नेताओं-अफसरों को ब्लैकमेल कर करोड़ों वसूलने वाली महिलाओं के बारे में कई चौकाने वाली जानकारियां खुल कर सामने आईं। सूत्रों के मुताबिक पुलिस और एटीएस को पता चला है कि इन महिलाओं ने अनुमानित 20 लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके आपत्तिजनक वीडियो वाले फोटो बनाए और इन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनसे करीब 15 करोड़ रुपए की वसूली की है। किसी से 50 लाख तो किसी से तीन करोड़ रुपए तक की वसूली की गई। इनसे जब्त मोबाइल और 8 सिम की जांच में करीब 90 वीडियो भी मिले हैं। इनमें से 30 वीडियो आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के हैं। पुलिस ने फिलहाल इन्हें रिकॉर्ड में नहीं लिया है। फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है!


यह भी चर्चा है कि ज्यादातर वीडियो श्वेता जैन पति विजय और श्वेता जैन पति स्वप्निल के हैं। इनसे जुड़ी 5-6 लड़कियां और हैं, जो इन्हें के साथ रैकेट में काम करती हैं। इन्हीं में से कुछ ने व्यक्तिगत तौर पर भी नौकरशाही और नेताओं के बीच दखल बढ़ाना शुरू किया। वीडियो में राज्य सेवा से जुड़े कई अधिकारी, प्रमोटी आईएएस और उद्योगपतियों के भी होने का अंदेशा है, जिसकी पड़ताल की जा रही है। कोर्ट ने श्वेता पति विजय जैन, श्वेता पति स्वप्निल जैन और बरखा अमित सोनी को निगम इंजीनियर से 3 करोड़ की डिमांड करने के मामले में जेल भेज दिया। जबकि अन्य आरोपी आरती दयाल, छात्रा मोनिका यादव और ड्राइवर ओमप्रकाश 22 सितंबर तक इंदौर पुलिस की रिमांड पर हैं।


ज्यादातर अफसर भोपाल और इंदौर से 
ज्यादातर राज्य सेवा के अधिकारी इंदौर और भोपाल में पदस्थ रहे हैं। एडीजी स्तर के एक पुलिस अधिकारी पूर्व में इंदौर पोस्टिंग के दौरान इन महिलाओं के ज्यादा संपर्क में रहे। महिलाओं की इन अफसरों से मुलाकात भोपाल के एक नामी पुराने होटल के साथ इंदौर-भोपाल के फार्म हाउस में हुई। श्वेता जैन और पति स्वप्निल का भोपाल में एक नामी क्लब में खासा आना जाना रहा। यहां भी ये दोनों अफसरों को जाल में फांसने का काम करते थे। जिस रात पुलिस ने ब्लैकमेलर महिलाओं को हिरासत में लिया, उसके दूसरे ही दिन स्वप्निल को सुबह के समय इसी क्लब में देखा गया। एक पूर्व मंत्री के साथ एक महिला भारत के बाहर भी घूमने जा चुकी है।


त्योहारों पर अतिरिक्त ट्रेन चलाएगा रेलवे

नई दिल्‍ली। नवरात्र,दशहरा और दीवाली के त्योहार पर ट्रेनों में होने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन पूजा स्पेशल ट्रेन चला रहा है। रेलवे ने हटिया और लोकमान्य तिलक टर्मिनस के मध्य से 5 फेरों के लिए पूजा स्पेशल ट्रेन की सुविधा दी है। गाड़ी संख्या 08609 हटिया-लोकमान्य तिलक टर्मिनस पूजा स्पेशल ट्रेन दिनांक 02 से 30 अक्टूबर तक हर बुधवार को चलेगी। इसी तरह गाड़ी संख्या 08610 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-हटिया पूजा स्पेशल ट्रेन दिनांक 04  अक्टूबर से 01 नवम्बर तक हर शुक्रवार को चलेगी। इस पूजा स्पेशल ट्रेन में 02 पावर कार, 04 एसी-III, 02  एसी-II, 04 स्लीपर, 03 एसएलआर  कोच सहित कुल 15 एलएचबी कोच रहेगी।


शव को सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। योगी सरकार में शव ढोने के लिए सरकारी एंबुलेंस की उपलब्धता नहीं है और शव वाहन देने में हजार बहानेबाजी, इस सिस्टम में फंसे एक किसान की सिसकियां द्रवित करने वाली थीं। उसने गुहार लगाई, घंटों भटका, लेकिन मदद नहीं मिली। मायूस होकर उसने बच्चों को किसी तरह बस से घर भेजा। फिर गरीबी और लाचारी में एसआएन अस्पताल से रिक्शा ट्राली में पत्नी का शव रखकर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर शंकरगढ़ तक ले गया।क्या यही है योगी सरकार की उपलब्धीया।एसआरएन अस्पताल में पांच दिन पहले शंकरगढ़ से आए कल्लू ने पत्नी सोना देवी को सिर में लगी चोट का इलाज कराने को भर्ती कराया था। बृहस्पतिवार को उपचार के दौरान सोना की सांस उखड़ गई। पत्नी की मौत पर कल्लू बच्चों के साथ दहाडे़ं मारकर रोया। संयत हुआ तो घर तक शव ले जाने को साधन खोजने लगा।


एंबुलेंस मांगी नहीं मिली, बताया गया कि शव वाहन भी उपलब्ध नहीं है। निजी एंबुलेंस चालक तीन हजार रुपये मांगने लगे तो वह भटकने लगा। मजबूरी में उसने रिक्शा ट्राली पत्नी का शव रखकर घर की ओर निकल पड़ा। रास्ते में उसकी हालत देखने वालों ने अफसोस जताया लेकिन मदद को कोई आगे नहीं आया। यह घटना जिम्मेदारों के लिए सबक बन सकती है, बशर्ते वे संवेदनशील बनें। सवाल है कि सौ से अधिक एंबुलेंस का बेड़ा शहर में है, लेकिन जरूरतमंद गरीबों के लिए शव वाहन की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में एसआएन अस्पताल के एसआईसी डॉ. एके श्रीवास्तव ने अनभिज्ञता जताते हुए कहाकि उनके पास कोई आया ही नहीं। कल्लू आते तो वह शव ले जाने की व्यवस्था जरूर कराते।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...