शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

बरसात से गिरी बाउंड्री,दो लोगों की मौत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग से मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया। मौसम विभाग ने कुछ इलाकों के रेड और अधिकांश इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश भर में रुक रुककर तेज़ गरज और चमक के साथ बारिश होगी। राजधानी रायपुर में बारिश का बड़ा असर देखा जा रहा है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश होने से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। नदी-नाले उफान पर हैं, जिसकी वजह से पानी सड़कों तक पहुंच गया है। रायपुर के अलावा बस्तर और दुर्ग संभाग के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। बस्तर में मूसलाधार बारिश हो रही है जिससे वहां नदी-नाले पूरे उफान पर हैं। एक बार फिर जिले में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई है। नदियों और नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे सड़कों पर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है जिसकी वजह से छोटी गाड़ियों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो चुका है। जगदलपुर से आंध्रप्रदेश को जोड़ने वाली NH 30 सड़क पंडरी पर पानी तीन फीट से ऊपर से बह रहा है। लगातार जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। जिसकी वजह से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा हो सकता है। वही महादेव घाट में कलेक्ट्रेट बंगला से सटे झोपड़पट्टी के ऊपर बाउंड्री वाल गिर जाने से 2 लोगों की मौत हो गई। यह घटना रात को 12:30 बजे की है ,उस वक्त बहुत तेज बारिश के साथ बिजली कड़क रही थी। बारिश से दीवाल गिर जाने की वजह से झोपड़पट्टी के ऊपर सो रहे मां और 15 साल का बेटा दोनों की मौत मौके पर हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक निचले दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। मुंबई के तटीय इलाके में दवाब के क्षेत्र का असर ही छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है । आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ का मैदानी इलाका अल्प बारिश से जूझ रहा है। किसानी में भी इसका बड़ा असर दिख रहा है।


सेवा-मिल्कियत अलग-अलग है:धवन

हर्मेश भाटिया


नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 20 वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बहस की शुरुआत की। राजीव धवन ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा 1734 से अस्तित्व का दावा कर रहा है। मैं कह सकता हूं कि निर्मोही अखाड़ा 1885 में बाहरी आंगन में था और वह वहां रहा है। धवन ने कहा कि राम चबूतरा बाहरी आंगन में है, जिसे राम जन्म स्थल के रूप में जाना जाता है और मस्जिद को विवादित स्थल माना जाता है।


धवन ने निर्मोही अखाड़े के गवाहों के दर्ज बयानों पर जिरह करते हुए महंत भास्कर दास के बयान का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने माना कि मूर्तियों को विवादित ढांचे में रखा गया था। राजीव धवन ने केके नायर, गुरु दत्त सिंह, डीएम और सिटी मजिस्ट्रेट की 1949 की तस्वीरें कोर्ट को दिखाईं। राजीव धवन ने राजाराम पांडे और सत्यनारायण त्रिपाठी के बयानों में विरोधाभास के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया।धवन ने कहा कि ऐसा लगता है कि कई गवाहों के बयानों को प्रभावित किया गया। एक गवाह के बारे में धवन ने कहा कि उसने 14 साल की उम्र में आरएसएस ज्वाइन किया था, बाद में आरएसएस और व्हीएचपी ने उसको सम्मानित भी किया। धवन ने एक गवाह के बारे में कहा कि गवाह ने 200 से अधिक मामलों में गवाही दी है और विश्वास करता है कि एक झूठ बोलने में कोई नुकसान नही है। राजीव धवन ने अपनी दलील में कहा कि मंदिर की जमीन जबरदस्ती छीनी गई है।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इन विरोधाभासों के बावजूद आप यह मान रहे हैं कि निर्मोही अखाड़ा अपनी शेवियत के अधिकार स्थापित कर लिया है। राजीव धवन ने कहा कि मैं उनको झूठा नहीं कह रहा हूं लेकिन मैं यह समझना चाह रहा हूं कि वह खुद को शेवियत तो बता रहे हैं लेकिन उनको नहीं मालूम की कब से शेबेट हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर आप निर्मोही अखाड़े के अस्तित्व को मान रहे हैं तो उनके संपूर्ण साक्ष्य को स्वीकार किया जाएगा। राजीव धवन ने कहा कि कुछ कहते हैं कि 700 साल पहले कुछ उससे भी पहले का मानते हैं। मैं निर्मोही अखाड़े की उपस्थिति सन 1855 से मानता हूं। 1885 में महंत रघुबर दास ने मुकदमा दायर किया। हम 22-23 दिसंबर 1949 के बयान पर बात कर रहे हैं।


धवन बोले रामलला के अंतरंग सखा को सिर्फ पूजा का अधिकार। जमीन पर हक के दावे का अधिकार नहीं। जस्टिस नज़ीर ने धवन से पूछा कि कल तो आपने सह अस्तित्व की बात की थी आज आप कुछ और बोल रहे हैं। धवन ने कहा मैं बदलाव नहीं भूमि पर मिल्कियत की बात कर रहा हूं। सेवा उपासना और मिल्कियत अलग-अलग हैं। निर्मोही अखाड़े के मिल्कियत के दावे को खारिज करते हुए धवन बोले कि इन्होंने इस सम्पदा के लिए 'बिलांग' शब्द कहा। लेकिन इस बिलांग शब्द का मतलब मालिकाना हक कतई नहीं है। यह तो टर्म ऑफ आर्ट है। यानी वाक कला और शब्दों का कलात्मक प्रयोग है।


सुप्रीम कोर्ट ने दिया दो हफ्ते का वक्त

नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस में रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को और दो हफ्ते का वक्त दिया है। इन मामलों की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के जज ने पीड़ित लड़की का बयान दर्ज कराने के लिए एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वो जज की इस मांग पर जल्द फैसला लें। तीस हजारी कोर्ट के जज ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा कि आगे भी समयसीमा बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।पिछले दो सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपित शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।


पीड़िता बोली- हादसे के पीछे सेंगर का हाथ
उन्नाव रेप पीड़िता ने पत्रकारो से बात करते हुए बताया है कि कार-ट्रक दुर्घटना के पीछे कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ है। उसी ने मुझे मारने की साजिश रची है। पीड़िता ने एम्स अस्पताल के बेड से फोन पर ये बात-चीत की। 28 जुलाई को रायबरेली हाईवे पर कार और ट्रक आपस में भिड़ गए थे। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी एवं पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।


कटा चालान तो बाइक में लगाई आग

नई दिल्ली। एक चौंकाने वाला ताजा मामला राजधानी दिल्ली के शेख सराय फेज 1 इलाके से सामने आया है। जहाँ ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटे जाने से गुस्साए युवक ने अपनी ही बाइक को आग लगा दी। जिससे वहा हडकंप मच गया। जानकारी के मुताबिक फेज 1 इलाके में ट्रैफिक पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान राकेश नाम का शख़्स पहुंचा। आरोप है कि वह शराब के नशे में धुत था। जिसका विडियो भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।


 दिल्ली के शेख सराय इलाके में एक बाइक सवार ने ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटने के बाद नाराज़ होकर अपनी बाइक में आग लगाई,पुलिस के मुताबिक बाइक सवार नशे की हालत में लग रहा है,मेडिकल जांच कराई जा रही है
जानकारी के मुताबिक बताते चले चालान करने के बाद पुलिस ने उसकी बाइक को भी जब्त कर लिया। तभी राकेश को इतना गुस्सा आया कि उसने अपनी बाइक को आग के हवाले कर दिया। बाइक सवार की इस हरकत से ट्रैफिक पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद फायर की गाड़ियों ने पहुंचकर आग बुझाई। पुलिस ने बाइक सवार को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी शराब के नशे में लग रहा था, इसलिए उसका मेडिकल करवाया जा रहा है। इस मामले में केस भी दर्ज हो गया है। आपको बता दें कि नया मोटर व्हीकल एक्ट पास होने के बाद यातायात नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही हैै।


मंदिर के साथ मस्जिद भी आबाद रखी

नालंदा। हिन्दूओं का गांव है। यहां कोई मुस्लिम नहीं रहता है। यहां 100 साल पुरानी मस्जिद है। मस्जिद से 5 वक़्त की अज़ान होती है। मस्जिद को रोज़ाना धोया जाता है। वीरान पड़ी इस मस्जिद को आबाद गांव करनेवाला हिन्दू समुदाय है। हर रोज़ पांचों वक़्त की अज़ान होती है। गांव के हिन्दूओं को अज़ान नहीं आता तो वह टेप रिकार्डर से, पेन ड्राइव से या फिर मोबाइल पर अज़ान की रिकार्डिंग चलाते हैं।


ये मस्जिद बिहार के नालंदा ज़िले के मारी गांव में स्‍थित है, मस्जिद की ऊंची-ऊंची मीनारें हैं। यहां रहने वाले मुसलमानों ने 100 साल पहले मस्जिद बनवाई थी। कुछ 1947 के बंटवारे में पाकिस्तान चले गए तो कुछ रोजी रोज़गार के चक्कर में शहरों को पलायन कर गए। मस्जिद वीरान थी। लेकिन हिन्दूओं ने मंदिर के साथ-साथ मस्जिद को आबाद रखा है।गांव में जब किसी हिन्दू की शादी होती है तो वह मस्जिद जाकर इबादत करता है। समाज में ऐसी खबरों को फैलाया जाना चाहिए। ये ख़बर ना सिर्फ़ मन को अंदर तक सुकून देती हैं। बल्कि इस बात का हौसला देती हैं समाज में बाप-दादा की गंगा-जमुनी तहज़ीब की विरासत ज़िदा है। मेरा उस गांव के हर हिन्दू को लाख-लाख सलाम। सलाम इसलिए नहीं की उन्होंने मस्जिद को आबाद रखा है। बल्कि सलाम इसलिए इस मुल्क़ की आत्मा को ज़िदा रखा है। भारत की एकता में अनेकता और अखंडता का समप्रभुत्व स्थापित किया है।


अप्रिय खबर मिल सकती है:वृश्चिक

राशिफल


वृष-कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है। घर-बाहर सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। प्रमाद न करें।


मिथुन-पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी संत-महात्मा का आशीर्वाद मिल सकता है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।


कर्क-चोट व दुर्घटना से बचें। शारीरिक हानि हो सकती है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कारोबार ठीक चलेगा। नौकरी में कलह हो सकती है। निवेश इत्यादि में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी।


सिंह-विवाह के उम्मीदवारों को विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर अवसर हाथ आएंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


कन्या-भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। शत्रुओं का पराभव होगा। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। नए काम मिल सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। चिंता तथा तनाव में कमी होगी। प्रमाद न करें।


तुला-किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। परिवार के सदस्यों तथा मित्रों के साथ समय सुखद व्यतीत होगा। संगीत‍ व चि‍त्रकारी आदि के कार्य सफल तथा पूर्ण होंगे। एकाग्रता बनी रहेगी। अध्ययन में मन लगेगा। धनार्जन होगा।


वृश्चिक-बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के इस्तेमाल से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। लाभ का प्रतिशत कम रहेगा। दूसरों की अपेक्षा बढ़ेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। स्वास्थ्‍य का पाया कमजोर रहेगा।


धनु-मेहनत का फल पूरा-पूरा प्राप्त होगा। रिश्तेदारों तथा मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।


मकर-माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। खर्च होगा। शरीर के ऊपरी हिस्से में कष्ट संभव है। अच्छी खबर प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।


कुंभ-भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होकर सहयोग मिलेगा। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड लाभ देंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कष्ट संभव है।


मीन-अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था में मुश्किल होगी। कानूनी अड़चन आ सकती है। लापरवाही न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। धैर्य रखें।


नीला और हरे रंग का मोर (विविध)

मोर को कार्तिकेय (मुरुगन) का वाहन माना जाता है। प्रख्यात खग मोर अथवा मयूर एक पक्षी है। जिसका मूलस्थान दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी एशिया में है। ये ज़्यादातर खुले वनों में वन्यपक्षी की तरह रहते हैं। नीला मोर भारत और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है। नर की एक ख़ूबसूरत और रंग-बिरंगी फरों से बनी पूँछ होती है, जिसे वो खोलकर प्रणय निवेदन के लिए नाचता है! विशेष रूप से बसन्त और बारिश के मौसम में। मोर की मादा मोरनी कहलाती है। जावाई मोर हरे रंग का होता है।


बरसात के मौसम में काली घटा छाने पर जब यह पक्षी पंख फैला कर नाचता है तो ऐसा लगता मानो इसने हीरों से जरी शाही पोशाक पहनी हुई हो; इसीलिए मोर को पक्षियों का राजा कहा जाता है। पक्षियों का राजा होने के कारण ही प्रकृति ने इसके सिर पर ताज जैसी कलंगी लगायी है। मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी,1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। हमारे पड़ोसी देश म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी भी मोर ही है। 'फैसियानिडाई' परिवार के सदस्य मोर का वैज्ञानिक नाम 'पावो क्रिस्टेटस' है। अंग्रेजी भाषा में इसे 'ब्ल्यू पीफॉउल' अथवा 'पीकॉक' कहते हैं। संस्कृत भाषा में यह मयूर के नाम से जाना जाता है। मोर भारत तथा श्रीलंका में बहुतायत में पाया जाता है। मोर मूलतः वन्य पक्षी है, लेकिन भोजन की तलाश इसे कई बार मानव आबादी तक ले आती है।


मोर प्रारम्भ से ही मनुष्य के आकर्षण का केन्द्र रहा है। अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को उच्च कोटी का दर्जा दिया गया है। हिन्दू धर्म में मोर को मार कर खाना महापाप समझा जाता है। भगवान् श्रीकृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इस पक्षी के महत्त्व को दर्शाता है। महाकवि कालिदास ने महाकाव्य 'मेघदूत' में मोर को राष्ट्रीय पक्षी से भी अधिक ऊँचा स्थान दिया है। राजा-महाराजाओं को भी मोर बहुत पसंद रहा है। प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में जो सिक्के चलते थे, उनके एक तरफ मोर बना होता था। मुगल बादशाह शाहजहाँ जिस तख्त पर बैठते थे, उसकी संरचना मोर जैसी थी। दो मोरों के मध्य बादशाह की गद्दी थी तथा पीछे पंख फैलाये मोर। हीरों-पन्नों से जरे इस तख्त का नाम तख्त-ए-ताऊस' रखा गया। अरबी भाषा में मोर को 'ताऊस' कहते हैं।


नर मोर की लम्बाई लगभग 215 सेंटीमीटर तथा ऊँचाई लगभग 50 सेंटीमीटर होती है। मादा मोर की लम्बाई लगभग 95 सेंटीमीटर ही होती है। नर और मादा मोर की पहचान करना बहुत आसान है। नर के सिर पर बड़ी कलंगी तथा मादा के सिर पर छोटी कलंगी होती है। नर मोर की छोटी-सी पूँछ पर लम्बे व सजावटी पंखों का एक गुच्छा होता है। मोर के इन पंखों की संख्या 150 के लगभग होती है। मादा पक्षी के ये सजावटी पंख नहीं होते। वर्षा ऋतु में मोर जब पूरी मस्ती में नाचता है तो उसके कुछ पंख टूट जाते हैं। वैसे भी वर्ष में एक बार अगस्त के महीने में मोर के सभी पंख झड़ जाते हैं। ग्रीष्म-काल के आने से पहले ये पंख फिर से निकल आते हैं। मुख्यतः मोर नीले रंग में पाया जाता है, परन्तु यह सफेद, हरे, व जामुनी रंग का भी होता है। इसकी उम्र 25 से 30 वर्ष तक होती है। मोरनी घोंसला नहीं बनाती, यह जमीन पर ही सुरक्षित स्थान पर अंडे देती है।


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...