गुरुवार, 25 जुलाई 2019

मन करता है आंखों में आंखें डाले रहूँ:आजम

लोकसभा में महिला स्पीकर पर आजम खान की टिप्पणी से हंगामा


लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर चल रही बहस के दौरान सपा सांसद के महिला स्पीकर रामा देवी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से सदन में हंगामा खड़ा हो गया। केंद्रीय कानून मंंत्री रविशंकर प्रसाद समेत तमाम नेताओं ने आजम खान से माफी की मांग की।


आजम खान ने चेयर पर बैठी रमा देवी से कहा, 'आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं कि मेरा मन करता है कि आपकी आंखों में आंखें डाले रहूं।' उनकी इस बात पर आपत्ति जताते हुए कहा रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आजम को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए। इस पर आजम खान ने कहा कि वह (रमा देवी) मेरी बहन जैसी हैं, माफी किस बात की मांगनी चाहिए?


इस पर भाजपा सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। आजम की टिप्पणी से चेयर पर मौजूद रमा देवी भी असहज हो गईं और इसके बाद खुद लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने खुद चेयर संभाल ली। रविशंकर प्रसाद ने आजम खान का विरोध करते हुए कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है! लोकसभा स्पीकर के लिए आज तक किसी ने इस तरह की टिप्पणी नहीं की होगी। वह भी महिला स्पीकर के लिए। उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।


पाकिस्तानी मुद्रा तीस प्रतिशत खिसकी

कराची ! पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता में आने के करीब एक साल बाद लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है! पिछले साल जुलाई में सत्ता में आने के बाद से खान को भुगतान संतुलन और खस्ताहाल आर्थिक स्थितियों से जूझना पड़ रहा है! वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में चीजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं! डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 30 प्रतिशत तक टूट गया है और मुद्रास्फीति की दर करीब 9 प्रतिशत पर है. इसके अभी और बढ़ने की आशंका है! कराची की रहने वाली 30 शमा परवीन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया , ” टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं!


इमरान खान ने कबूला- पाकिस्तान में आज भी हैं 40 हजार आतंकी


वहीं , 60 वर्षीय मोहम्मद अशरफ ने कहा , ” मुझे अपनी खर्चों को पूरा करने के लिए रोजाना कम से कम 1,000 रुपये कमाने की जरूरत है! इन दिनों मैं मुश्किल से पांच – छह सौ रुपये बचा पा रहा हूं! मैं कभी-कभी सोचता हूं कि अगर मैं बीमार पड़ गया तो कैसे दवा और इलाज का खर्चा उठा पाऊंगा ? मुझे लगता है कि मुझे मरना होगा!” विश्लेषकों ने चेताया कि पाकिस्तान की तेजी से बढ़ती जनसंख्या आर्थिक वृद्धि से कही आगे हैं!


अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से 6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी मिलने के बावजूद देश को समस्याओं से फौरी तौर पर कोई राहत नहीं मिलेगी! इस महीने की शुरुआत में कारोबारियों ने एक दिन की हड़ताल की है और शुक्रवार को करीब 8,000 लोगों ने बढ़ती कीमतों के खिलाफ मार्च किया! 32 वर्षीय स्नातक ने एएफपी को बताया,यह सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है!यह देश को दिन पर दिन गरीब बना रही है!


एक हाथ में माला एक में भाला : साध्वी

 भड़काऊ भाषण


साध्वी प्राची का विवादित बयान, मुसलमानों से कांवड़ न खरीदने की अपील


बागपत ! अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाली विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने भड़काऊ बयान दिया है! इस बार साध्वी प्राची के निशाने पर कैराना के समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन थे! जिन्होंने पिछले दिनों मुसलमानों से बीजेपी से जुड़े दुकानदारों के बहिष्कार की अपील की थी! अब साध्वी प्राची ने उसी अंदाज में मुस्लिम कारीगरों के हाथों बनी कांवड़ ना खरीदने की अपील की है!


दरअसल साध्वी प्राची कांवर शिविर का उद्घाटन करने बागपत आई थीं! साध्वी प्राची ने बिना किसी का नाम लिए अपने भाषण में कहा कि आजादी के बाद जो लोग हिंदुस्तान में रह गए, वो इंसानियत से रहें! अगर गुर्राए तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा! भगवान शिव का हवाला देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि एक हाथ में माला और दूसरे में भाला उठा लो, क्योंकि अगर किसी ने आंख दिखाई तो उसके साथ भाला से काम लेना पड़ेगा!


साध्वी प्राची ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी के सबके साथ सबका विकास और सबका विश्वास नारे को फ्लॉप करने की साजिशें चल रही हैं! फर्जी वीडियो बनाकर जय श्रीराम नारे को लेकर सरकार को बदनाम किया जा रहा है! साध्वी प्राची ने कहा कि लोग वीडियो बनाकर जबरदस्ती झूठ बोल रहे हैं! हिन्दुस्तान छवि खराब करने के लिए ये प्रोग्राम बना रहे हैं! साध्वी प्राची ने कहा कि हरिद्वार में जो लोग कांवड़ बना रहे है वो मुस्लिम हैं! कांवड़ियों को उनका बहिष्कार कर देना चाहिए!


बता दें साध्वी पहले भी ऐसे विवादित बयान दे चुकी हैं! साध्वी ने कहा था कि मुस्लिम महिलाएं हिन्दू धर्म को अपना लें! ऐसा करने से वे तीन तलाक और हलाला जैसी बुराइयों से बच पाएंगी!


राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी जेल से बाहर

राजिव गांधी की हत्या की दोषी जेल से बाहर आई 


चेन्नई ! पूर्व प्रधानमंत्री राजिव गांधी की हत्या दोषी नलिनी आज गुरूवार को 30 दिन की पैरोल पर बाहर आई है।नलिनी के वकील ने मद्रास हाईकोर्ट से नलिनी के बेटी की शादी में 6 महीने पैरोल की मांग की थी। इस पर मद्रास हाईकोर्ट ने नलिनी की बेटी की शादी पर 30 दिन की पैरोल पर रिहा करने के आदेश जारी कीए थे। नलिनी पूर्व प्रधानमंत्री राजिव गांधी की हत्या करने पर जेल में उम्र कैद की सजा काट रही है। नलिनी की बेटी अभी लंदन में रह रही है।


मार गिराया 25000 का इनामी शातिर

खेकड़ा थानाप्रभारी अजय कुमार शर्मा व उनकी पुलिस टीम को मिली बड़ी सफ़लता ! खेकड़ा थानाप्रभारी अजय शर्मा ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया 25 हजारी शातिर बदमाश बावरिया गैंग का सरगना संदीप!


तस्लीम बेनकाब


बागपत। एसपी बागपत शैलेश पांडे के कुशल एवं मार्ग निर्देशन में एक ओर शानदार सफ़लता खेकड़ा थानाप्रभारी अजय कुमार शर्मा व उनकी टीम को मिली 25 हजारी बदमाश को खेकड़ा थाना पुलिस टीम ने बनाया काल का ग्रास ! लगातार सफलताओं से खेकड़ा पुलिस टीम में उच्चाधिकारियों की नेत्रत्वो से  बढ़ाया हुआ हैं मनोबल!अपराधियों के द्वारा अपराध को अंजाम देने के बाद कम समय मे ही घटनाओ को खोलकर खेकड़ा थानाप्रभारी अजय कुमार व उनकी तेजतर्रार पुलिस टीम आम जन में पुलिस का बड़ा रहें विश्वास!


बावरिया गैंग के सरगना को पहुंचाया मुठभेड़ के दौरान उसके अंजाम तक,पुलिस मुठभेड़ में मारा गया 25 हजारी शातिर बदमाश ! खेकड़ा पुलिस टीम ने मुठभेड़ में 25 हजार का इनामी बदमाश किया ढेर!पुलिस ने बदमाश संदीप को मार गिराया!


विदित हो कि कल मुठभेड़ में फरार हुआ था बदमाश,इस गिरोह के शातिर बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान लँगड़ा कर किया था खेकड़ा थानां पुलिस टीम ने गिरफ्तार! खेकड़ा के मुबारिकपुर रोड पर हुई मुठभेड़, मुठभेड़ में मारा गया शातिर इनामी बदमा ! मारे गए बदमाश संदीप के खिलाफ पूर्व में बताये जा रहें काफ़ी अलग अलग संगीन धाराओं में मुक़दमे, इलाके में मचा रखा था बदमाश संदीप ने खोफ़ ! एस पी बागपत शैलेश पांडे ने मुठभेड़ घटना स्थल पहुंचकर बारीकी के साथ की मुठभेड़ घटना स्थल जांच ! यो वही इस बेहतरीन गुड वर्क को अंजाम देने वाली थानां खेकड़ा पुलिस टीम की हौसला अफ़जाई!


मध्य-प्रदेश की कांग्रेस सरकार हासिये पर


अब मध्यप्रदेश में सिद्धारमैया की तलाश। 
अशोक गहलोत की वजह से राजस्थान में फिलहाल ऑपरेशन नहीं। 



सरकार गिराने का जो फार्मूला कर्नाटक में अपनाया गया वहीं फार्मूला अब मध्यप्रदेश में अपनाया जा सकता है। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार को गिराने में भाजपा ने सीधा दखल नहीं दिया। सरकार से जुड़े किसी भी विधायक को भाजपा में शामिल नहीं किया। कर्नाटक में भाजपा ने पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से नाराज चल रहे सिद्धारमैया पर डोरे डाले। इशारा मिलते ही कांग्रेस के 13 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। तीन जेडीएस के विधायको को मिलाकर इस्तीफा देने वालों की संख्या 16 तक पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि इस्तीफा देने वाले 16 विधायक मतदान के समय विधानसभा में उपस्थित रहने और न रहने के लिए स्वतंत्र हैं। यही वजह रही कि 23 जुलाई को विधानसभा में मतदान हुआ, तो कुमार स्वामी की सरकार के समर्थन में 99 वोट तथा विपक्ष में 105 वोट पड़े । यानि कांग्रेस जेडीएस को बहुमत होते हुए भी हार मिली, जबकि बहुमत न होने पर भी भाजपा की जीत हुई। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार का बहुत किनारे पर है। 230 सदस्यों में से 114 कांग्रेस के हैं, जबकि 109 भाजपा के हैं। चार निर्दलीय एक एसपी तथा दो बसपा के हैं। निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रखा है, इसलिए  कांग्रेस की सरकार टिकी हुई है। कर्नाटक में तो कांग्रेस के 13 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दिया था। लेकिन यदि मध्यप्रदेश में पांच छह विधायक भी इस्तीफा दे दें तो विधानसभा में भाजपा की जीत हो जाएगी। बसपा के विधायकों का समर्थन कोई मायने नहीं रखता है क्योंकि मायावती के दबाव के बाद भी कर्नाटक में बसपा के तीन विधायक सदन में अनुपस्थित रहे। बसपा के विधायक तो सभी जगह लुढ़कने लोटे की तरह हैं। यह बात मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी पता है। कर्नाटक के ऑपरेशन के बाद मधयप्रदेश में भी ऑपरेशन की तैयारियां हो सकती है इस बात का आभास कमलनाथ को भी है। इसलिए कमलनाथ ने कहा कि उन्हें कुमार स्वामी न समझा जाए। कमल नाथ कुछ भी कहें लेकिन भाजपा को तो मध्यप्रदेश में सिद्धारमैया की तलाश है। यदि सिद्धरमैया मिल जाए तो मध्यप्रदेश के कई कांग्रेसी विधायक मुम्बई के किसी पांच सितारा होटल में मौज मस्ती करते नजर आएंगे। जैसे सुसाइड बम का कोई तोड़ नहीं है उसी प्रकार राजनीति में विधायकों के इस्तीफे का कोई तोड़ नहीं है। कमलनाथ यह भी समझ लें कि राजनीति में कर्नाटक के बीएस येड्डियूरप्पा से भी मजबूत स्थिति शिवराज सिंह चौहान की है। 
राजस्थान में फिलहाल ऑपरेशन नहीं:
जानकार सूत्रोंके अनुसार राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गिराने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। मध्यप्रदेश में तो मुश्किल से पांच सात विधायकों से ही सरकार को खतरा हो जाएगा, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा विधायकों की संख्या में अंतर काफी है। 200 सदस्यों वाली विधानसभा में 100 विधायक कांग्रेस के हैं, जबकि भाजपा विधायकों की संख्या 72 है। गहलोत सरकार के 12 निर्दलीय और 5 बसपा के विधायकों का भी खुला समर्थन है। वैसे ये 18 विधायक किधर भी आ जा सकते हैं। फिलहाल कांग्रेस की सरकार है तो कांग्रेस के साथ हैं। चूंकि अशोक गहलोत पुराने राजनेता है और तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। गहलोत को अल्पमत की सरकार चलाने का भी अनुभव हैं। गहलोत की वजह से ही राजस्थान में फिलहाल कोई ऑपरेशन शुरू नहीं किया जाएगा। यदि गहलोत की जगह और कोई मुख्यमंत्री होता तो राजस्थान में सिद्धरमैया को तैयार कर लिया जाता। जब कर्नाटक में बोटिंग के समय सरकार से जुड़े 20 विधयक अनुपस्थित रह सकते हैं तो फिर राजस्थान में क्यों नहीं? हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 185 विधानसभा क्षेत्रों में जीत मिली है। कांग्रेस सभी 25 सीटों पर हारी है। 
एस.पी.मित्तल


कश्मीर पर कोई बात ही नहीं हुई:राजनाथ

नई दिल्ली ! अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कश्मीर मध्यस्थता बयान पर संसद में संग्राम जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़े विपक्षी दलों ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। विदेश मंत्री जयशंकर के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मामले पर सफाई देने के लिए सामने आए। राजनाथ ने सरकार की तरफ से एक बार फिर दोहराया कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात जरूर हुई थी, लेकिन कश्मीर पर दोनों में कोई बात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। सरकार राष्ट्र के स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि हम कश्मीर पर ही नहीं, बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर पर भी बात करेंगे। राजनाथ के दौरान कांग्रेस ने वॉकआउट कर विरोध जताया।


33 साल अटेंडेंस,122 के वेतन रोके:रांची

कॉलेजों पर सरकार सख्त:शिक्षकों व कर्मचारियों का 33 साल का अटेंडेंस मांगा, 122 शिक्षकों के वेतन पर रोक



रांची । राज्य सरकार ने एक बार फिर सभी छह विश्वविद्यालयों के अंतर्गत 12 नवांगीभूत कॉलेजों के मामले में सख्ती बरती है। सरकार ने सभी कुलपति और रजिस्ट्रार को पत्र भेज कर 1986 से अब तक सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के अटेंडेंस (वास्तविक कार्य दिवस में उपस्थिति) की जानकारी मांगी है। इसके लिए एक फॉर्मेट भी भेजा गया है। इसके अलावा सरकार ने संबंधित विवि प्रशासन से इन कॉलेजों के 122 शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान की भी जानकारी मांगी है।


सरकार ने जो जानकारी मांगी है
खास बात यह है कि सरकार ने जानना चाहा है कि नवांगीभूत कॉलेज में शिक्षकों व कर्मचारियों का सेवा समंजन से पूर्व सबको वेतन भुगतान कहां और किस मद से किया गया है। अगर इन शिक्षकों व कर्मचारियों को नियम  विरुद्ध वेतन दिया गया है, तो क्यों नहीं इस राशि की वसूली की जाये। या फिर सरकार द्वारा दी गयी राशि से भुगतान हुआ, तो इस स्थिति में इसकी वसूली कैसे होगी। अगर वसूली नहीं हो सकती है, तो विवि प्रशासन इसका भी कारण लिखित रूप से बताये।


सभी विवि में हड़कंप
फिलहाल सरकार के इस पत्र से सभी विवि में हड़कंप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार ने पूर्व में ही सभी विवि को पत्र भेज कर नवांगीभूत कॉलेजों के 122 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी है। उच्च शिक्षा निदेशक दिनेश प्रसाद ने सभी विवि को पत्र भेज कर कहा है कि वेतन भुगतान अगर वास्तविक कार्यदिवस के आधार पर भी हुआ है, तो विवि सबकी विस्तृत जानकारी के साथ अटेंडेंस शीट को अभिप्रमाणित कर उपलब्ध करायें।
अभिषेक सिंह धानुक


पत्रकारिता के नए मान्यता नियम लागू

पत्रकारों के लिए नये मान्यता नियम लागू
रायपुर। प्रदेश में कार्यरत पत्रकारों के लिये बनाये गये नये अधिमान्यता नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन के साथ ही प्रभावशील हो गये हैं। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की मंशानुरूप अधिमान्यता नियमों को व्यापक किया गया है तथा अब विकासखण्ड स्तर के समाचार मीडिया प्रतिनिधियों को भी जनसंपर्क संचालनालय द्वारा अधिमान्यता प्रदान की जायेगी। इसी प्रकार राज्य के सेवानिवृत्त वरिष्ठ पत्रकारों को भी मानद अधिमान्यता प्रदान करने का प्रावधान नये अधिमान्यता नियमों में किया गया है!


इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त जनसंपर्क तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि अभी तक प्रचलित अधिमान्यता नियम, छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2001 में बनाये गये थे। गत अठ्ठारह वर्षों के दौरान मीडिया परिदृश्य में अमूलचूल परिवर्तन आया है। इस दौरान टीवी न्यूज चैनल्स, समाचार वेबपोर्टल आदि प्रारंभ हुये है और कार्य परिस्थितियां भी बदली। अधिमान्यता नियमों को समय के अनुसार प्रासंगिक बनाने और नये समाचार मीडिया को स्थान प्रदान करने के लिए अधिमान्यता नियमों में व्यापक परिवर्तन किया गया है। नये अधिमान्यता नियमों में प्रिन्ट मीडिया के अलावा टीवी न्यूज चैनल्स, न्यूज पोर्टल, समाचार पत्रिकाओं आदि के संवाददाताओं, फोटोग्राफर और कैमरामैन को अधिमान्यता दिये जाने का प्रावधान किया गया है। समाचार मीडिया के प्रचार संख्या, प्रसारण क्षेत्र, वेब पोर्टल की दशा में व्यूवर्स की संख्या आदि के आधार न केवल अधिमान्यता कोटा निर्धारित किया गया है वरन पहले प्रचलित अधिमान्यता नियमों की तुलना में संख्या की व्यापक बढ़ोत्तरी की गयी है। आयुक्त श्री सिन्हा ने यह भी बताया कि समाचार मीडिया प्रतिनिधियों को अधिमान्यता प्रदान करने का कार्य पूर्व की भांति राज्य एवं संभाग स्तरीय अधिमान्यता समितियों द्वारा ही किया जायेगा किन्तु समितियों में इलेक्ट्रिॉनिक मीडिया के समाचार प्रतिनिधियों को शामिल किये जाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। श्री सिन्हा ने आशा व्यक्त की है कि नये अधिमान्यता नियमों के प्रभावशील होने के बाद समाचार मीडिया प्रतिनिधियों की अधिमान्यता न मिलने संबंधी दीर्घ अवधि से चली आ रही शिकायत का निराकरण हो सकेगा।


हर जिले में बनेगा विशेष पॉक्‍सो कोर्ट:एससी

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,


नई दिल्ली ! देश में नाबालिक बच्चे-बच्चियों,छोटे बच्चों के साथ यौन अपराध से जुड़े हुए मामलों को देखते हुए! आज सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला लिया है! सर्वोच्च न्यायालय देश में  बाल यौन संबंधित अपराध को तुरंत प्रभावी रूप से कम करने का प्रयास किया है!  यह अपराध मानव प्रवृत्ति के पूरी तरह विरुद्ध है! जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने पूरी तरह उचित निर्णय लिया है! यह बाल यौन अपराध को रोकने में  प्रभावी साबित होगा!


सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला लिया है! कोर्ट ने फैसला किया है! कि केंद्र सरकार देश के प्रत्येक राज्य के, प्रत्येक जिले में विशेष फॉक्‍सो कोर्ट बनाएगी! जहां भी 100 से ज्यादा बाल यौन-शोषण संबंधित मामले लंबित है! ऐसे स्थानों पर 60 दिन के भीतर ही केंद्र सरकार को फंड जारी करके, कोर्ट का निर्माण कराना होगा!


भारतवंशी प्रीति बनी ब्रिटेन की गृहमंत्री

ब्रिटेन की गृहमंत्री बनीं भारतवंशी प्रीति पटेल, पीएम मोदी की है प्रशंसक



लंदन ! प्रीति पटेल भारतीय मूल की पहली महिला हैं, जिनको ब्रिटेन का गृहमंत्री बनाया गया है। इससे पहले एक विवाद के चलते प्रीति पटेल को टेरीजा मे कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।प्रीति पटेल पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गोपनीय मुलाकात करने का आरोप था। इसे राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना गया था। इसके बाद ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने प्रीति पटेल को तलब किया था। इसके बाद प्रीति पटेल ने अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।अब ब्रिटेन की गृहमंत्री बनना प्रीति पटेल के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इसको उनकी राजनीतिक में शानदार वापसी के रूप में भी देखा जा रहा है। ब्रिटेन की गृहमंत्री बनने के बाद प्रीति पटेल ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है।उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा गृहमंत्री नियुक्त किए जाने पर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। अब ब्रिटेन के गृह विभाग कार्यालय के साथ काम करने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, ताकि नेशनल सिक्युरिटी, पब्लिक सेफ्टी और सीमाओं को सुरक्षित करने के मामले में अपने देश को यूरोपीय संघ से अलग करने के लिए तैयार कर सकूं।'


प्रीति पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसक मानी जाती हैं। वे कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुकी है। 47 वर्षीय प्रीति पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात से ताल्लुक रखती हैं। हालांकि प्रीति पटेल का जन्म लंदन में ही हुआ था। उनके माता-पिता मूल रूप से गुजरात से हैं, लेकिन बाद में युगांडा चले गए थे।


प्रीति पटेल कंजरवेटिव पार्टी के लिए 'बैक बोरिस' अभियान की अहम सदस्य थीं। लिहाजा पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि उनको नई कैबिनेट में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।


मूल-सुविधाओं से भी वंछित नागरिक

गाजियाबाद,मुरादनगर ! कांग्रेस जिला महासचिव महताब पठान और जिन प्रत्याशीयो के लिए वोट और सपोर्ट किया लगता है । आज वे लुप्त हो गए कोई सुध लेने को तैयार नही है! ऐसे मे क्या करे कालोनी निवासी ! आज दूषित पानी पीने को मजबूर है! क्योंकि वर्षो से बन रही पानी की टंकी निर्माण रुका हुआ है ! चुनाव के समय मे वोट लेने वाले और बड़े बड़े वादे करने वाले आज कहा है नाली खडंजे टूटे पड़े  लगभग  25  गांव  से जोड़ने वाला ईदगाह रोड आज बद हाल है! जगह जगह गड्ढे ही गड्ढे है गारा कीचड़ होने की वजह से मुरादनगर से सटे हुए ग्रामीण बाजार मे खरीदारी करने से कर रहे है! परहेज बाजार मे भी पड़ रहा है असर बार-बार सिकायत करने के बावजूद अभी कोई सुध लेने वाला नही है! इन गरीब कालोनी निवासीयो की तरह तरह की बीमारीयो से पीड़ित हो रहे है और गरीब परिवार सरकारी लाभ से भी वंचित है! अगर गरीब परिवार  सरकारी  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाते है तो वहा भी  बहार से लिख देते है दवाई ! मेरी हाथ जोड़कर गुजारिश है हमारे जिले के सम्बन्धित अधिकारी एक बार ईदगाह कालोनी का दौरा करने की मेहरबानी करे!


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...