संसद में सांसद रवि किशन ने उठाया गौ-संरक्षण का मुद्दा
नईदिल्ली ।गोरखपुर से बीजेपी के सांसद रविंद्र श्यामा नारायण शुक्ला उर्फ रवि किशन ने मंगलवार को संसद में गौ-संरक्षण का मुद्दा उठाया।अपने तारांकित प्रश्न संख्या 46 में सांसद ने पूछा कि गांयो के संरक्षण के संबंध में सरकार की नीति का ब्यौरा क्या है,क्या सरकार प्रत्येक जिले में गऊशाला(एँ)खोलने का विचार कर रही है,यदि हां तो इन गऊशालाआओं की स्थापना कबतक किये जाने की संभावना है?सांसद ने उत्तर-प्रदेश सहित राज्य-वार ब्यौरा कि भी मांग की है।
सांसद ने कहा की गौ-संरक्षण से पशुपालन को बढा़वा मिलेगा और किसानो के आय में वृद्धि होगी।इसके पूर्व सांसद ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री को मै धन्यवाद देता हूं जिनके कारण आज मै यहां (लोकसभा)उपस्थित हूं।
सांसद के पूरक प्रश्नों के जवाब में भारत सरकार के मात्स्यिकी,पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि माननीय सांसद ने जो विषय उठाया है वो एक महत्वपूर्ण विषय है।देश में गाय और गौ-वंश और पशुओं का संरक्षण कैसे करे यह एक बढ़ी समस्या है।उनका कहना था कि पिछली सरकार ने इसके लिये गोकुल मिशन लाया।इसमे पशुओं के नस्ल, स्वास्थ्य को,उनके संरक्षण की व्यवस्था हुयी। नई-नई टेक्नोलॉजी लायी।फिर भी संरक्षण कैसे करे।यह एक बढी़ समस्या है।गिरीराज सिंह ने कहा कि पशुओं की रक्षा और संरक्षण के लिये प्रधानमंत्री ने 13 हजार 500 करोड़ रूपये दिये है।ताकि पशुधन में इजाफा हो और किसानों की भी आय में बढ़ोतरी हो सके।उनका कहना था कि सरकार देश में 20 से 30 जगहों का चयन की है।जहां पशुओं का संरक्षण किया जायेगा।बैठक।मंत्री ने संसद को भरोसा दिलाया कि सरकार हर हाल में गाय और गौ -वंश की रक्षा करेगी।इस बीच सांसद रवि किशन ने मंत्री जी से पूछा कि हमारे देश में बाहर के प्रजातियों को अधिक प्रोत्साहन दिया जाता है।जबकि देश के प्रजातियों को उपेक्षित रखा जा रहा है।सरकार आवारा पशुओं के संबंध में क्या कर रही है।क्या सरकार इनके विकास और संरक्षण के लिये गौ-संरक्षण अनुसंधान केंद्र की स्थापना करेगी।इसके जवाब में पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि पशु आवारा नही होते अपितु बेसहारा होते है।उनका कहना था कि इन पशुओं के संरक्षण का काम राज्य सरकार करती है।यह काम राज्य सरकारें करती है।यूपी के संबंध में उनका कहना था कि यूपी सरकार ने 4000 (चार हजार) आश्रय खोला।जिसमें लगभग 20 लाख,तीन हजार,सात सौ तीन पशुओं को आश्रय दिया।उन्होंने इसके लिये योगी सरकार की प्रशंसा भी की।उनका कहना था की सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि अगले पांच सालों में देशी नस्लों के गायों अथवा पशुओं भी विदेशी नस्ल के समान सी हो जायेगी।वे किसी भी मामले में विदेशी नस्ल के पशुओं से कम नही होगी।वही नियम 377 के अधीन सांंसद ने कहा है कि संसदीय निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का सबसे बड़ा महानगर है। जिसपर आस-पास के बीस जिले अपनी अन्नयान्न ज़रूरतों के लिए निर्भर हैं जिसमें शिक्षा और विशेषकर स्त्री शिक्षा महत्वपूर्ण है ।
गोरखपुर में एक भी महिला महाविद्यालय नहीं है इससे यहांं कि छात्राओं को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में देश की सत्ता सम्भालते ही बालिकाओं को संरक्षण प्रदान करते हुए उनकी शिक्षा और उन्हें आगे बढ़ाने के महत्व को समझते हुए “बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ” का नारा दिया था ।और उनकी उन्नति और प्रगति के लिए अनेक योजनाएंं आरम्भ की थी । गोरखपुर में महिला महाविद्यालय की स्थापना श्रद्धेय प्रधानमंत्री जी के इस महान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है ।
अतः सांसद ने केंद्र सरकार से गोरखपुर में केन्द्रीय सहायता से एक महिला महाविद्यालय की स्थापना की भी मांग की।
पवन दुबे,मीडिया प्रभारी सांसद गोरखपुर