शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

विद्युत संयंत्र के लिए देश में बनेंगे 'रोटर'

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों के लिए जल्द ही स्वदेशी ‘सुपर अलॉय स्टीम टर्बाइन रोटर’ का निर्माण शुरू हो सकेगा जो 700 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान से अधिक तापमान पर भी पूरी दक्षता के साथ काम कर सकते हैं। अति उच्च ताप विद्युत संयंत्रों में उत्पादन के दौरान तापमान 700 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक चला जाता है। उन्हें एंडवांस अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल संयंत्र कहते हैं। ऐसे भारतीय संयंत्रों के संगठन एंडवांस अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल (एयूएससी) कंसोर्टियम ने इन संयंत्रों के रोटर बनाने में इस्तेमाल के लिए निकेल आधारित मिश्रधातु 617एम का चयन किया है जो देश में आसानी से उपलब्ध भी हो सकेगा, लेकिन इन रोटर के परीक्षण की सुविधा नहीं होने के कारण इनके प्रमाणन में बाधा आ रही थी।


भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की मदद से इन रोटरों के परीक्षण की सुविधा तैयार करने की जिम्मेदारी ली है। भेल के पास कई ताप विद्युत संयंत्रों के सफल निर्माण का अनुभव है। यह ‘हाई टेम्परेचर स्पिन टेस्ट रिग’ हैदराबाद में बनाया जायेगा। यहां अति उच्च तापमान और दबाव के कारण 617एम मिश्रधातु से बने रोटर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जायेगा। यह देखा जायेगा कि रोटर कितने समय तक यह दबाव सहन कर सकता है।


डीएसटी ने बताया कि इस परीक्षण केंद्र में नौ हजार किलोग्राम वजन तक के रोटर का प्रदर्शन 800 डिग्री सेल्सियस तापमान और प्रति मिनट 3,600 घूर्णन पर आंका जायेगा। साथ ही लंबे समय तक लगातार काम करते रहने की इनकी दक्षता का भी आकलन किया जायेगा।                  


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