सोमवार, 21 सितंबर 2020

22 को प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगी माकपा

रायपुर। मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के देशव्यापी अभियान के तहत प्रदेश माकपा द्वारा कल 22 सितम्बर को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे। कोरोना संकट से निपटने के लिए आम जनता को मुफ्त खाद्यान्न और नगद धनराशि से मदद करने, गांवों में मनरेगा का दायरा बढ़ाने और शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने, बेरोजगारों को भत्ता देने और आम जनता के मौलिक अधिकारों की गारंटी करने की मांग की जाएगी।









माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि स्वास्थ्य क्षेत्र के बड़े पैमाने पर निजीकरण के चलते मोदी सरकार कोरोना महामारी पर काबू पाने में विफल रही है। इसके ऊपर से देश पर जो अनियोजित और अविचारपूर्ण लॉक डाउन थोपा गया, उसके कारण करोड़ों लोगों की आजीविका नष्ट हो गई है और देश एक बड़ी मंदी के दलदल में फंस गया है। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने का एक ही रास्ता है कि हमारे देश के जरूरतमंद लोगों को हर माह 10 किलो अनाज मुफ्त दिया जाये, आयकर दायरे के बाहर के सभी परिवारों को हर माह 7500 रुपयों की नगद मदद दी जाए और मनरेगा का विस्तार कर सभी ग्रामीण परिवारों के लिए 200 दिन काम और 600 रुपये मजदूरी सुनिश्चित किया जाए।








माकपा नेता ने कहा कि उपरोक्त कदम आम जनता की क्रय शक्ति बढ़ाएंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और औद्यौगिक उत्पादन को गति मिलेगी। यही रास्ता देश को मंदी से बाहर निकाल सकता है। लेकिन इसके बजाय, मोदी सरकार देश की संपत्ति को ही कॉरपोरेटों को बेच रही है और इसके खिलाफ उठ रही हर आवाज का दमन कर रही है। वह संविधान के बुनियादी मूल्यों और नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन पर तुली हुई है। लोगों में फूट डालने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की तिकड़मबाजी में जुटी है और देशभक्त नागरिकों, राजनेताओं, बुद्धिजीवियों के खिलाफ यूएपीए जैसे दमनकारी कानूनों का उपयोग कर रही है।




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