गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

व्रत: 18 फरवरी को मनाई जाएगी 'महाशिवरात्रि'

व्रत: 18 फरवरी को मनाई जाएगी 'महाशिवरात्रि'

सरस्वती उपाध्याय 

इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी, शनिवार को है। इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, देवी सती का पार्वती के रूप में पुनर्जन्म हुआ था। मां पार्वती ने आरम्भ में अपने सौंदर्य से भगवान शिव को रिझाना चाहा, लेकिन वे सफल नहीं हो सकीं। इसके बाद त्रियुगी नारायण से पांच किलोमीटर दूर गौरीकुंड में कठिन ध्यान और साधना से उन्होंने शिवजी का मन जीत लिया। इसी दिन भगवान शिव और आदिशक्ति मां पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। भगवान शिव का तांडव और माता भगवती के लास्यनृत्य के समन्वय से ही सृष्टि में संतुलन बना हुआ है। शिवजी को प्रसन्न करने और व्रत रखने कई महत्वपूर्ण नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। इन नियमों का पालन करने से महाशिवरात्रि व्रत का पूरा फल मिलता है और भगवान शिव की कृपा भी बनी रहती है।

व्रत की महिमा
महाशिवरात्रि व्रत परम मंगलमय और दिव्यतापूर्ण है ,यह व्रत चारों पुरुषार्थों धर्म, अर्थ,काम और मोक्ष को देने वाला माना गया है। इस दिन जो प्राणी परमसिद्धिदायक भगवान शिव का व्रत,अभिषेक और पूजन करते हैं वह परम भाग्यशाली होता है। भगवान श्री राम ने स्वयं कहा है कि-‘ शिव द्रोही मम दास कहावा ! सो नर मोहि सपनेहुँ नहिं  भावा !!’अर्थात जो शिव का द्रोह करके मुझे प्राप्त करना चाहता है वह सपने में भी मुझे प्राप्त नहीं कर सकता। यही वजह है कि इस दिन शिव आराधना के साथ ही श्री रामचरितमानस के पाठ का भी बहुत महत्त्व होता है । एक अन्य कथा के अनुसार माता पार्वती ने एक बार भगवान शिव से पूछा कि कौनसा व्रत उनको सर्वोत्तम भक्ति व पुण्य प्रदान  कर सकता है ,तब भोलेशंकर ने स्वयं इस दिन का महत्व बताया था कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी की रात्रि  को जो उपवास करता है ,वह मुझे प्रसन्न कर लेता है ।में अभिषेक,वस्त्र,धूप,अर्घ्य तथा पुष्प आदि से उतना प्रसन्न नहीं होता जितना कि  व्रत-उपवास से।

व्रत और पूजन विधि
भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु  प्रातः स्नानादि करके शिवमंदिर जाएं ।पूजा में चन्दन  ,मोली ,पान, सुपारी,अक्षत, पंचामृत,बिल्वपत्र,धतूरा,फल-फूल,नारियल,इत्यादि शिवजी को अर्पित करें। भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बेल को धोकर चिकने भाग की ओर से चंदन लगाकर चढ़ाएं । ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का उच्चारण जितनी बार हो सके करें एवं शिवमूर्ति और भगवान शिव की लीलाओं का चिंतन करें। रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की  पूजा अर्चना करनी चाहिए ।अभिषेक के जल में पहले प्रहर में दूध, दूसरे में दही ,तीसरे में घी, और चौथे में शहद को शामिल करना चाहिए। दिन में केवल फलाहार करें, रात्रि में उपवास करें। हांलाकि रोगी, अशक्त और वृद्धजन रात्रि में भी फलहार कर सकते है । इस दिन शिव की पूजा करने से जीव को अभीष्ट फल की प्राप्ति अवश्य होती है।

महाशिवरात्रि पर प्रदोष व्रत का संयोग
हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही शुभ संयोग बनने जा रहा है। 18 फरवरी,शनिवार को त्रयोदशी तिथि है और इस तिथि पर प्रदोष का व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा-उपासना के लिए खास होता है। इस दिन त्रयोदशी तिथि की समाप्ति के बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी।

वजन और रक्त शर्करा में सुधार हो सकता है: बादाम

वजन और रक्त शर्करा में सुधार हो सकता है: बादाम

सरस्वती उपाध्याय 
नियमित रूप से बादाम खाने से अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों में शरीर के वजन और रक्त शर्करा दोनों में सुधार हो सकता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रीशन जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि 12 सप्ताह तक रोजाना बादाम खाने से इंसुलिन प्रतिरोध कम हो गया, अग्नाशय के कार्य में सुधार हुआ और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिली। 

शोधकर्ताओं ने कहा कि जिस समूह के लोगों को बादाम दिए गए थे उनके शरीर के वजन, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और कमर की परिधि में महत्वपूर्ण कमी आई और उनका कुल कोलेस्ट्रॉल भी कम हुआ। चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रमुख विश्वनाथन मोहन ने कहा, बादाम खाने वाले उपभोक्ताओं के शरीर के वजन और रक्त शर्करा, दोनों में सुधार हुआ। मोहन ने एक बयान में कहा, मोटापा दुनिया भर में देखी जाने वाली एक स्वास्थ्य समस्या है और हम जानते हैं कि मोटापा टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।

हम यह भी जानते हैं कि यह एक जटिल समस्या है, जो मधुमेह से जुड़ी हुई है और हमें लगता है कि हमने एक सरल समाधान की पहचान की है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि बादाम खाने वाले लोगों में कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बेहतर था। दोनों मोटापे और मधुमेह का प्रबंधन करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह अध्ययन 25-65 वर्ष की आयु के 400 प्रतिभागियों पर किया गया था, जिनका बॉडी मास इंडेक्स 23 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर (किलोग्राम/एम 2) से अधिक था। शोधकर्ताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के बीएमआई दिशानिर्देशों का उपयोग किया, जिसमें कहा गया है कि 23 किलोग्राम/एम 2 से अधिक को। अधिक वजन और 25 किलोग्राम/ एम 2 से अधिक वजन मोटापा है। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-127, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, फरवरी 17, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 14 डी.सै., अधिकतम- 22+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023

'सीबीडीटी' ने तीन नए चुनावी न्यासों को मंजूरी दी 

'सीबीडीटी' ने तीन नए चुनावी न्यासों को मंजूरी दी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने तीन नए चुनावी न्यासों को मंजूरी दी है और 15 अन्य की मंजूरी का नवीनीकरण किया गया है। सीबीडीटी ने 12 दिसंबर, 2022 तक स्वीकृत चुनावी ट्रस्ट की एक अद्यतन सूची जारी की है, जिसमें ऐसी 18 संस्थाओं के नाम हैं। स्मॉल डोनेशन इलेक्टोरल ट्रस्ट, इंडिपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट और भारतीय भूमि इलेक्टोरल ट्रस्ट नामक नए चुनावी न्यासों को मंजूरी दी गई है, जबकि प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट और प्रोग्रेस इलेक्टोरल ट्रस्ट जैसे न्यासों की मंजूरी का नवीनीकरण किया गया है।

निर्वाचन आयोग के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब ऐसे निकाय मानदंडों को पूरा करते हैं, तो सीबीडीटी उन्हें चुनावी ट्रस्ट के रूप में कार्य करने की मंजूरी देता है।अद्यतन सूची मंगलवार को निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई। कोई चुनावी ट्रस्ट भारत के किसी नागरिक, भारत में पंजीकृत किसी कंपनी और फर्म या हिंदू अविभाजित परिवार या भारत निवासी व्यक्तियों के किसी संघ या व्यक्तियों के किसी निकाय से स्वैच्छिक चंदा प्राप्त कर सकता है। चुनावी ट्रस्ट केवल चुनाव कानून के तहत पंजीकृत योग्य राजनीतिक दलों को ही धन वितरित कर सकता है। ऐसे न्यासों से मिलने वाला दान प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए चंदा का एक प्रमुख स्रोत है।

भाजपा पर चौथे 'स्तंभ' को धमकाने का आरोप: आप

भाजपा पर चौथे 'स्तंभ' को धमकाने का आरोप: आप

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चौथे स्तंभ को धमकाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि पूरी दुनिया में केंद्र सरकार हिंदुस्तान की शर्मनाक तस्वीर बना रही है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि खबरें आ रही हैं कि बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तर पर आयकर विभाग की छापेमारी हो रही है। इन दफ्तरों में विभाग के 50 से अधिक अधिकारी घुसे हुए हैं। दफ्तर के बाहर पुलिस का पहरा है। वहां न कोई अंदर जा सकता है और न कोई बाहर आ सकता। वहां के पत्रकारों के मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जब्त कर लिए गए हैं। उनकी कोई खबर बाहर नहीं आ पा रही है।

भाजपा फिर वही पुराना बहाना बना रही है कि यह एजेंसी स्वत: ही कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा भाजपा अक्सर देश की जनता से कहती थी कि भारत में भले ही हमारी थोड़ी बहुत बुराई हो, मगर विदेशों में प्रधानमंत्री की बहुत प्रशंसा होती है। विदेश में प्रधानमंत्री मोदी का डंका बजता है। मगर पिछले एक महीने में विदेश की दो ऐसी बड़ी खबरें देश के सामने आई है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। बचपन से लेकर अब तक भारत में बीबीसी को इंटरनेशनल न्यूज का पर्याय कहा जाता था।

आज उसी बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र सरकार इतनी नाराज हुई कि उसने ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब आदि सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से गैरकानूनी तरीके से उस डॉक्यूमेंट्री का शेयर लिंक हटावा दिया। वहीं दूसरी इंटरनेशनल एजेंसी हिंडनबर्ग ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट ने हिंदुस्तान के लगभग हर उस व्यक्ति को प्रभावित किया है जो शेयर मार्केट से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों को जेल में डाला गया है, उनकी हत्याएं हुई हैं। जजों की हत्याओं के ऊपर भी सवाल उठे हैं। भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के ऊपर ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के छापे मारना बहुत आम बात हो गई है।

केंद्र सरकार अपने बारे में कोई भी आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है। यह तानाशाही के संकेत दे रही है। अगर विपक्ष आलोचना करता है तो यह उनके ऊपर छापे मारते हैं। कोई अखबार आलोचना करता है तो उसको ठीक कर दिया जाता है। अब अगर विदेशी संस्थान बीबीसी एजेंसी अगर कुछ दिखा रही है, तो उनके साथ भी यही हथकंडा अपनाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि बीबीसी पर छापे मरवाकर मोदी सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को धमका रही है कि अगर सरकार के खिलाफ कुछ लिखा-दिखाया तो वो नहीं बचेंगे। दुनिया के प्रसिद्ध‌ मीडिया हाउस बीबीसी पर आयकर विभाग के छापे पूरे भारत के लोकतंत्र पर हमला है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात-दिल्ली दंगों में भूमिका को लेकर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को भाजपा ने बैन करवा दिया, ताकि भारत में कोई डॉक्यूमेंट्री को देख ना पाए। ग्लोबल इंडेक्स ऑफ प्रेस फ्रीडम में 180 देशों में से भारत 150वें नंबर पर है। पूरी दुनिया आज भारत के लोकतांत्रिक होने पर सवाल उठा रही है। भाजपा बताये कि वह भारत की क्या छवि पूरी दुनिया के सामने पेश कर रही है ?

प्रगति मैदान के निकट झुग्गियों को तोड़े जाने पर रोक 

प्रगति मैदान के निकट झुग्गियों को तोड़े जाने पर रोक 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा प्रगति मैदान के आस-पास की झुग्गियों को तोड़े जाने पर मंगलवार को रोक लगा दी और इस मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि प्रगति मैदान के गेट नंबर-एक के पास जनता कैंप नामक झुग्गी-झोपड़ी (जेजे) क्लस्टर को लेकर पीडब्ल्यूडी, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) और रेलवे "अलग-अलग स्वर में बोल रहे थे।"

अदालत ने इस मामले में आम सहमति पर पहुंचने के लिए संबंधित अधिकारियों को एक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि जमीन किसकी है और क्या यह स्लम क्लस्टर राज्य सरकार की 2015 की पुनर्वास नीति के तहत कवर किया गया था।न्यायमूर्ति सिंह ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यह निर्देश दिया जाता है कि मुख्य सचिव के कार्यालय में एक बैठक आयोजित की जाए, जिसमें सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित हों। (इस मामले में) फैसला लिया जाए और रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लाया जाए। तब तक कोई तोड़फोड़ नहीं होगी। मुख्य सचिव के कार्यालय में 16 फरवरी को बैठक आयोजित की जाए।’’ जेजे क्लस्टर के निवासियों ने यह याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह अधिसूचित क्लस्टर था और इसलिए किसी भी तोड़फोड़ से पहले निवासियों का संबंधित नीति के अनुसार पुनर्वास किया जाना चाहिए था। अदालत को सूचित किया गया कि पीडब्ल्यूडी ने 28 जनवरी को झुग्गियों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया था। डीयूएसआईबी ने कहा कि संबंधित भूमि रेलवे की है और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार झुग्गीवासियों को रैन बसेरों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया था।

दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि संबंधित मंत्री पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि जब तक पुनर्वास पर उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। रेलवे ने कहा कि इसने किसी भी तोड़फोड़ का आदेश नहीं दिया है और भूमि के स्वामित्व के लिए भौतिक सत्यापन आवश्यक है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 फरवरी की तारीख मुकर्रर की।

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