शनिवार, 18 सितंबर 2021

दोनों देशों से अपने राजदूतों को वापस बुलाया

वाशिंगटन डीसी/ पेरिस। अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी फ्रांस ने परमाणु पनडुब्बी सौदा रद्द करने पर अप्रत्याशित रूप से गुस्सा दिखाते हुए अमेरिका और आस्ट्रेलिया दोनों ही देशों से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। 18 वीं सदी के दौरान फ्रांस और अमेरिका के बीच बने संबंधों में अब दरार आती दिखाई दे रही है।

इन देशों के बीच संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के एक नए त्रिपक्षीय गठबंधन की घोषणा के बाद बिगड़े हैं। गठबंधन के बाद आस्ट्रेलिया ने फ्रांस से 40 बिलियन डालर का पनडुब्बी का सौदा रद कर दिया है। अब वह पनडुब्बी अमेरिका से लेगा।

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ले ड्रियान ने लिखित बयान में कहा है कि अमेरिका और आस्ट्रेलिया की घोषणा बहुत ही गंभीर और असाधारण है। इसीलिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कहने पर यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा है कि सौदे को रद करना सहयोगी और पार्टनरों के बीच अस्वीकार्य व्यवहार है। राजदूत फिलिप एटियेन ने ट्वीट किया है कि डील रद करने की घोषणा यूरोप के लिए हिंद-प्रशांत के महत्व के हमारे दृष्टिकोण को सीधे प्रभावित कर रही है।

एमपी: पूर्व सीएम उमा ने शराबबंदी की मांग उठाईं

मनोज सिंह ठाकुर          

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज फिर शराबबंदी की मांग उठाते हुए कहा कि इस संबंध में वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को 15 जनवरी तक समय दे रही हैं। सुश्री भारती ने यहां अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि वे पहले से ही शराबबंदी की बात उठाती आ रही हैं। अब वे 15 जनवरी तक का समय चौहान और शर्मा को दे रही हैं और उन्हें इस समय में कुछ करना चाहिए, अन्यथा इसके बाद वे स्वयं सड़कों पर उतरेंगी।

सुश्री भारती ने यह भी कहा कि इसके पहले राज्य में शराबबंदी के पक्ष में जनजागरुकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने चौहान और शर्मा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ही यह कार्य होना चाहिए। शराबबंदी होने की स्थिति में राज्य को लगभग दस हजार करोड़ रुपए के राजस्व हानि संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका विकल्प भी उनके पास है, लेकिन वह यह मीडिया के समक्ष नहीं बता सकती हैं। इस संबंध में वे चौहान और शर्मा को ही बताएंगी। सुश्री भारती ने साथ ही यह भी कहा कि बुंदेलखंड अंचल के बड़ा मलहरा क्षेत्र में हीरा खदानें जंगल को नुकसान पहुंचाए बगैर वहां के युवाओं को ही दी जाना चाहिए।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सुश्री भारती के बयान के बाद ट्वीट के जरिए कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि सुश्री भारती ने इसके पहले इस वर्ष दो फरवरी को भी घोषणा की थी कि आठ मार्च को महिला दिवस से वे नशामुक्ति अभियान प्रारंभ करेंगी। लेकिन अभियान चला ही नहीं और घोषणा गायब हो गयी।

सलूजा ने कहा कि सुश्री भारती को शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरना चाहिए और कांग्रेस उनके साथ रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। प्रदेश में जहरीली शराब से 70 से अधिक मौत हो चुकी हैं। सुश्री भारती को शराबबंदी को लेकर अपनी घोषणा पर कायम रहना चाहिए और उन्हें सड़कों पर आना चाहिए। यह घोषणा भी पहले की तरह नहीं होना चाहिए।

यहां यह रोचक है कि अपनी ही दल की सरकार से इस तरह की मांग सुश्री भारती ने भोपाल में पत्रकारों के समक्ष की, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह जबलपुर की यात्रा पर हैं और चौहान तथा श्री शर्मा समेत सभी नेता भी जबलपुर में हैं।

आतंकवाद के काले दिनों में धकेल रहीं हैं कांग्रेस

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब में कांग्रेस की आंतरिक कलह और किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस राज्य को 1980 के आतंकवाद के काले दिनों में वापस धकेल रही है।

भाजपा प्रवक्ता सरदार आर पी सिंह ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि इससे पहले भी पंजाब के कांग्रेस शासन में पूर्व मुख्यमंत्रियों दरबारा सिंह और ज्ञानी जैल सिंह के बीच कलह चला था। अब यह कलह कैप्टन अमरिंदर सिंह और बनाम नवजोत सिंह सिद्धू के बीच में है। उन्होंने कहा कि 1984 में स्वर्ण मंदिर में टैंक भेजे गए थे, पंजाब में 25 हजार से अधिक युवाओं का दमन किया गया था। दिल्ली दंगों में तीन हजार से अधिक लोगों की हत्या की गयी थी।

उल्लेखनीय है कि कैप्टन सिंह ने आज कांग्रेस आलाकमान के निर्देश के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन सिंह के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहा है।

पंजाब के सीएम अमरिंदर ने पद से इस्तीफा दिया

राणा ओबरॉय       

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले उन्होंने अपने करीबी विधायकों के साथ बैठक भी की और इसके बाद राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ठीक 4:30 बजे राजभवन पहुंचे और इस्तीफा दिया। इस वक्त उनके साथ पत्नी परनीत कौर भी मौजूद थीं।

कांग्रेस पार्टी में यह भूचाल ऐसे समय पर आया है जब कुछ ही महीनों बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से सत्ता छीनने की पूरी कोशिश में जुटी हैं। राज्य में विधानसभा चुनावों के ऐन पहले पार्टी में मचा यह घमासान उसे भारी पड़ सकता है। राज्य सरकार के नेतृत्व में परिवर्तन का जनता के बीच गलत संकेत भी जा सकता है। 

गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर की कार्यशैली से नाराज होकर 40 विधायकों ने और मंत्रियों ने पार्टी हाईकमान से शिकायत की थी। विधायकों और मंत्रियों ने कहा कि जरूरी काम के लिए भी मुख्यमंत्री से मिलना बेहद मुश्किल है। इससे पहले हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा था कि प्रदेश के पार्टी विधायकों ने पार्टी हाईकमान को पत्र लिख कर विधायक दल की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है जिसे देखते हुए 18 सितंबर को शाम 5 बजे यह बैठक बुलाने का फैसला लिया गया है। 

कैप्टन अमरिंदर ने प्रताप सिंह बाजवा, गुरप्रीत औजला समेत अनेक सांसदों और समर्थक विधायकों से बातचीत की। उन्होंने सोनिया गांधी समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं से भी बातचीत की और अपनी नाराजगी जाहिर की। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने को कह दिया गया था। कैप्टन ने सोनिया गांधी से कह दिया था कि उन्हें पद हटाया जाना अपमान होगा जिसे वह बदार्श्त नहीं करेंगे। वह पार्टी तक छोड़ सकते हैं। 

5वीं कक्षा के विद्यालय खोले जाने पर गाइडलाइन

पंकज कपूर      

देहरादून। उत्तराखंड में एक से पांचवीं कक्षा तक के विद्यालय खोले जाने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इसके साथ ही अब आगामी 21 सितंबर से पांचवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खुल जाएंगे। इससे पूर्व मार्च 2020 से कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों को बंद कर दिया गया था। तब से बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। सचिव राधिका झा द्वारा जारी एसओपी के अनुसार कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य में संचालित समस्त प्राथमिक स्तर के शिक्षण संस्थानों (शासकीय/अशासकीय (सहायता प्राप्त)/निजी शिक्षण संस्थान) में भौतिक रूप से पठन-पाठन प्रारंभ किया जा रहा है।

प्रदेश में संचालित समस्त प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक से पांचवीं तक की कक्षाओं का भौतिक रूप से पठन-पाठन मंगलवार 21 सितंबर 2021 से कई प्रतिबंधों के साथ प्रारंभ किए जाने की अनुमति दी गई है।

एमपी: परिजन ने मिट्टी का तेल डालकर लगाईं आग

मनोज सिंह ठाकुर      
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक गांव में 25 वर्षीय युवक पर कथित तौर पर प्रेम प्रसंग के चलते युवती के परिजन ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। सागर जिले के पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने शनिवार को बताया कि यह घटना बृहस्पतिवार देर रात सागर के नरयावली थाना क्षेत्र अंतर्गत सेमरा लहरिया गांव में हुई और इस संबंध में महिला के परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस घटना में युवती (23) भी झुलस गई है। सिंह ने बताया कि इस युवती ने दावा किया कि युवक उस पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जलाने का प्रयास कर रहा था, लेकिन आग युवक को ही आग लग गई। युवती का दावा है कि उसके परिवार के सदस्यों ने उन दोनों को बचाने का प्रयास किया।
सिंह ने बताया कि शुक्रवार को सागर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि युवक ने अपने मृत्यु पूर्व बयान में कहा कि बृहस्पतिवार रात को युवती ने उसे फोन कर बुलाया था। फिर युवती के चार परिजन ने उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालकर उसे आग लगा दी। उन्होंने कहा कि बाद में जब युवक के परिवार के सदस्यों को घटना की जानकारी मिली तो वे उसे अस्पताल लेकर पहुंचे।
सिंह ने कहा कि चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। मृतक के परिजन ने युवती के परिवार के मकान को गिराने की मांग को लेकर शुक्रवार शाम सागर-बीना मार्ग पर चक्काजाम किया। बाद में मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के समझाने-बुझाने के बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
 

काबुल की सड़कों पर अपने घरों का सामान बेचा

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद यहां के नागरिक पैंसा नहीं हाेने पर भुखमरी के कगार पहुंच गए हैं और दो वक्त का खाना जुटाने के लिए लोग काबुल की सड़कों पर अपने घरों का सामान बेच रहे हैं। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार काबुल के एक पार्क चमन-ए-होजोरी की ओर जाने वाली सड़क पर कालीन, फ्रीज, टेलीविजन, सोफा और अन्य सामान रखेे हुए दिखाई दे रहे हैं।
लोग अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी पाने हेतु घरों से सामान लेकर उसे बेचने के लिए सड़कों पर बैठे हैं। रिपोर्ट के अनुसार कई लोग जीवन यापन और अफगानिस्तान से बाहर जाने के लिए धन की जरूरतों के मद्देनजर अपना घरेलू सामान बेच रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लोग अपना महंगा सामान बहुत दामों पर बेच रहे हैं। एक दुकानदार लाल गुल ने टोलो न्यूज को बताया कि एक लाख का घरेलू सामान सिर्फ 20 हजार में बिक रहा हैं। उसने बताया कि “मैंने भी अपना सामना आधे से भी कम दाम पर बेचा है। मैंने 25 हजार में खरीदे गये फ्रीज को केवल 5,000 में बेच दिया।
इसके अलावा मेरे पार ओर कोई रास्ता नहीं है, इसे बेच कर कम से कम मेरे बच्च रात का खाना खा पाएंगे।” पूर्व पुलिस अधिकारी मोहम्मद आगा ने बताया कि उन्हें वेतन नहीं मिलने से वह पिछले दस दिनों से बाजार में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब मेरे पास नौकरी नहीं है और मैं क्या करूं। एक अन्य काबुल निवासी ने बताया कि मैं इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं। मेरा बेटा भूविज्ञान संकाय से स्नातक है। हम दोनों बेरोजगार हैं। हमारे पास खाने के पैसे नहीं हैं और हम अपने घर का सामान बेचने आए है। हमें परिवार को खाना खिलाने के लिए पैसे की जरूरत है।

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...