बुधवार, 15 सितंबर 2021

पुलिस विवेचना में खामियों को देख फैसला सुनाया

हरिओम उपाध्याय     
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट, रेप और अपहरण के एक आरोपी को जमानत पर छोड़ दिया। इस मामले में पीड़िता के पिता ने जमानत का विरोध किया था, मगर हाईकोर्ट ने पुलिस विवेचना में खामियों को देखते हुए अपना फैसला सुनाया।
यह मामला कोरबा जिले के बालको नगर इलाके से जुड़ा हुआ है, जहां रहने वाले युवक का इस युवती के साथ प्रेम संबंध है। 27 जनवरी 2021 को लड़की के पिता ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और अपनी बेटी को नाबालिग बताया। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध अपहरण, पॉक्सो एक्ट व रेप का मुकदमा दर्ज किया। आरोपी को एक माह बाद गिरफ्तार कर लिया गया और लड़की को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया।
इस मामले में आरोपी युवक ने निचली अदालत में जमानत की अर्जी लगाई, जो खारिज हो गई। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट में अभियुक्त के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि पुलिस ने जिसे पीड़िता बताया है वह बालिग है और अपनी मर्जी से युवक के साथ गई थी। दोनों एक माह तक दिल्ली व पटना में साथ रहे हैं। एक दूसरे से दोनों प्रेम करते हैं और शादी करना चाहते हैं।
पीड़िता बालिग है और वह नहीं चाहती इस मामले में कोई कार्रवाई हो। जस्टिस आरसीएस सामंत की कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए युवती का पक्ष सुना गया। पीड़िता ने यह बात दोहराई और कहा कि वह आरोपी युवक के साथ शादी करना चाहती है। इधर युवती के पिता ने जमानत का विरोध यह कहते हुए किया कि उसकी बेटी अभी नाबालिग है। कोर्ट के संज्ञान में यह बात लाई गई कि पुलिस ने लड़की के उम्र के निर्धारण के लिये केवल सरपंच द्वारा एक जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है जिसकी वैधानिकता नहीं है। विवेचना में पीड़िता की उम्र को लेकर चूक बरती गई है।
गौरतलब है कि नाबालिगों के मामले में पीड़िता की उम्र की पुष्टि के लिए वैध दस्तावेजों की जरुरत पड़ती है। अमूमन स्कूल की अंकसूची को आधार बनाया जाता है, अन्यथा अनपढ़ होने की स्थिति में डॉक्टर के द्वारा बोन टेस्ट के आधार पर जारी प्रमाण पत्र की जरुरत होती है। मगर इस मामले में सरपंच द्वारा पीड़िता को नाबालिग बताते हुए उसकी उम्र का प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया, जबकि वह बालिग थी।

शुल्क के लिए राशि तय करने का प्रस्ताव बनाया

दुष्यंत टीकम    
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकारी स्कूलों में प्रवेश शुल्क के लिए राशि तय करने का प्रस्ताव बनाया गया है। जिसके मुताबिक हाई स्कूल के बच्चों से 380 रुपए और उच्चतर माध्यमिक स्कूल के बच्चों से 415 रुपए शुल्क लिया जाएगा। लोक शिक्षण आयुक्त ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को यह प्रस्ताव भेजा है। बता दें कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रवेश शुल्क लेने पर रोक लगा दी गई थी। अब रोक हटाते हुए प्रवेश शुल्क लेने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है।
लोक शिक्षण संचालनालय से जारी पत्र के मुताबिक़ शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए थे। जिसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने पत्र जारी कर शिक्षण संस्थान बंद रहते तक किसी भी छात्र से कोई शुल्क नहीं लिए जाने के लिए आदेश जारी किया गया था। लेकिन स्कूल 26-7-2021 प्रदेश से सभी विद्यालयों को खोल दिया गया है। इसलिए अब शुल्क लेने के लिए निर्धारित कर प्रस्तावित कर दिया गया है।
पत्र के मुताबिक़ हाई स्कूल के विद्यार्थियों से निर्धारण छात्र सहायता निधि, विज्ञान क्लब निधि, बाल निधि, रेडक्रॉस निधि, क्रीडा शुल्क, विज्ञान क्लब, विज्ञान प्रयोग शुल्क और परीक्षा शुल्क को मिलाकर 380 रुपए लिया जाएगा। वही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों से 415 रुपया शुल्क प्रस्तावित किया गया है।

पटरियों के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला

हरिओम उपाध्याय    
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में आटामांडा रेलवे स्टेशन के पास पटरियों के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है। घंटों शव के पड़े रहने के बाद भी न तो जीआरपी को इसकी सूचना थी न ही सिविल पुलिस को। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब उन्होंने सुबह शव को पड़ा हुआ देखा तो उन्होंने स्टेशन मास्टर को सूचना दी थी। मगर जीआरपी का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की कोई सूचना ही नहीं मिली।
खजुआ जागीर का रहने वाला बताया जा रहा 
स्थानीय लोगों को भी उस युवक की पहचान नहीं हो पा रही है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि वह आटामांडा के ही पास के गांव खजुआ जागीर का रहने वाला है। तो कुछ लोग किसी दूसरे गांव का बता रहे है। मगर असल में युवक का नाम पता क्या है अभी तक किसी को सटीक जानकारी नहीं हो सकी है। फिलहाल पुलिस और जीआरपी दोनों मौके पर पहुंच रही है। बताया जा रहा है कि आटामांडा रेलवे स्टेशन के आस-पास का क्षेत्र सिविल पुलिस के अंडर आता है। इसलिए सभी कार्रवाई सिविल पुलिस ही करेगी।

सार्वजनिक मेलों और प्रदर्शनियों के लिए अनुमति दी

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विभाग (डीडीएमए) ने एक आदेश जारी कर, बृहस्पतिवार से दिल्ली में सार्वजनिक मेलों और प्रदर्शनियों के लिए अनुमति दे दी है। कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के कारण दिल्ली में सार्वजनिक मेलों और प्रदर्शनियों पर रोक लगा दी गई थी। प्राधिकरण ने बुधवार को जारी किए गए एक आदेश में कहा कि शहर में 16 सितंबर से व्यापार से लेकर उपभोक्ता प्रदर्शनियों को अनुमति दी जाएगी।
‘बैंक्वेट हॉल’ में ऐसी प्रदर्शनियों और मेलों को आयोजित करने की अनुमति होगी। आदेश में कहा गया है कि आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए दिल्ली के स्कूल अभी बंद रहेंगे। प्राधिकरण ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का सभी हितधारकों द्वारा सख्ती से पालन करने पर ही प्रदर्शनियों और मेलों की अनुमति दी जाएगी। प्राधिकरण द्वारा पहले जिन अन्य गतिविधियों पर रोक लगाई या जिनकी अनुमति दी गई, वे आदेश 30 सितंबर और एक अक्टूबर की मध्यरात्रि तक जारी रहेंगे।

नाकामियों से उबरकर इतिहास रचने में मदद मिली

बेंगलुरू। भारतीय महिला हॉकी टीम की डिफेंडर उदिता का मानना है कि वर्तमान पर फोकस करने से उनकी टीम को टोक्यो ओलंपिक में शुरूआती नाकामियों से उबरकर इतिहास रचने में मदद मिली। भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही जिसने क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया को हराया ।उदिता ने हॉकी इंडिया की एक विज्ञप्ति में कहा ,” मुझे लगता है कि पहले तीन मैचों में मिली हार के बाद वर्तमान पर फोकस करने से ही हम वापसी कर सके । इससे हमें आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराने में भी मदद मिली और हमने टोक्यो में इतिहास रच डाला । ”
अपने ओलंपिक अनुभव के बारे में उन्होंने कहा ,” एक युवा खिलाड़ी के तौर पर हमने इस ऐतिहासिक अभियान से बहुत कुछ सीखा । हमने जाना कि दबाव का सामना कैसे किया जाता है और कैसे वर्तमान पर फोकस करने से मदद मिलती है ।” हिसार में जन्मी यह खिलाड़ी इस समय बेंगलुरू के भारतीय प्राधिकरण केंद्र में सीनियर महिला टीम की 25 संभावित खिलाड़ियों के शिविर में है।

एनटीए ने जेईई मेन 2021 के नतीजे जारी किए

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। नेशनल टेस्ट एजेंसी (एनटीए) ने जेईई मेन 2021 के नतीजे जारी कर दिए। जिसमें कुल 44 उम्मीदवारों को 100 फीसदी अंक मिले हैं।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से मंगलवार देर रात यह जानकारी दी गई है। कुल 44 उम्मीदवारों को सौ फीसदी अंक मिले हैं जबकि 18 उम्मीदवारों को टॉप रैंक मिला है। 
उन्होंने कहा कि टॉप करने वाले 18 उम्मीदवारों में आंध्र प्रदेश से चार, राजस्थान से तीन, दिल्ली से दो, उत्तर प्रदेश से दो, तेलंगाना से दो, महाराष्ट्र से एक, पंजाब से एक, चंडीगढ़ से एक, बिहार से एक और कर्नाटक से एक छात्र शामिल है।

पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे भूपेंद्र के नए मंत्री

अहमदाबाद। गुजरात में भूपेंद्र पटेल सरकार के नए मंत्री आज यानी बुधवार को दोपहर बाद पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। भाजपा की राज्य इकाई के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता यमल व्यास ने बताया कि नए मंत्रियों के नाम अभी घोषित नहीं हुए हैं, ये मंत्री राजधानी गांधीनगर में दोपहर दो बजे के बाद शपथ लेंगे।
मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के गत शनिवार को अचानक इस्तीफा देने के बाद सोमवार को केवल भूपेंद्र पटेल (59) ने शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई के प्रमुख भूपेंद्र यादव नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले लोगों के नाम तय करने के लिए पिछले दो दिनों से गांधीनगर में लगातार बैठकें कर रहे हैं।
ऐसी अटकलें हैं कि पटेल अपने मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल करेंगे और कई पुराने नेताओं को युवा नेताओं के लिए जगह खाली करनी पड़ सकती है। पटेल को रविवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था और सोमवार को गांधीनगर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी। पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है।
उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने के पीछे यह भी एक कारण माना जा रहा है। ऐसे में जब दिसंबर 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, भाजपा ने चुनाव में जीत के लिए पटेल पर भरोसा जताया है, जो कि एक पाटीदार हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य विधानसभा की 182 सीटों में से 99 सीटें जीतीं थी, जबकि कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं।

138 देशों में 9,657 जानकारियों को शामिल किया

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारत में उच्च इंटरनेट पहुंच दर, सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल और उपयोगकर्ताओं में इंटरनेट साक्षरता की कमी के कारण कोविड-19 के संबंध में सोशल मीडिया पर सबसे अधक गलत जानकारी दी गई। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन का शीर्षक ‘प्रिवलेंस एंड सोर्स एनलाइसिस ऑफ कोविड-19 मिसइंर्फोमेशन इन 138 कंट्रीज’ था, जो ‘सेज इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ लाइब्रेरी एसोसिएशंस एंड इंस्टीट्यूशंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
अध्ययन में 138 देशों में प्रकाशित 9,657 गलत जानकारियों को शामिल किया गया। विभिन्न देशों में गलत सूचना के प्रसार और स्रोतों को समझने के लिए 94 संगठनों ने इनके तथ्यों की जांच की। अध्ययन में कहा गया, ”सभी देशों में से, भारत में सोशल मीडिया पर सबसे अधिक 18.07 प्रतिशत गलत जानकारी दी गई, जिसका कारण शायद देश की उच्च इंटरनेट पहुंच दर, सोशल मीडिया के इस्तेमाल में वृद्धि और उपयोगकर्ताओं में इंटरनेट साक्षरता की कमी है।”
परिणामों के आधार पर, अध्ययन में कहा गया है, ऐसा माना जाता है कि कोविड-19 संबंधी गलत सूचना के प्रसार का वैश्विक महामारी की स्थिति के साथ संबंध हो सकता है। अध्ययन में कहा गया, ”सोशल मीडिया सबसे अधिक 84.94 प्रतिशत गलत जानकारी फैलाता है और इंटरनेट कोविड-19 संबंधी गलत जानकारी देने के लिए 90.5 प्रतिशत जिम्मेदार है।
इनके अलावा, सोशल मीडिया मंचों में केवल फेसबुक के जरिए ही 66.87 प्रतिशत गलत जानकारी दी गई ।” इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेतावनी दी थी कि कोविड-19 के संबंध में गलत जानकारी फैल रही है और यह लोगों को खतरे में डाल रही है। डब्ल्यूएचओ ने लोगों से आग्रह किया था कि वे जो कुछ भी सुनते हैं, उसकी विश्वसनीय स्रोतों से दोबारा जांच करें।

24 से शुरू होगा आईफोन 13 प्रो मैक्स का ऑर्डर

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारत में प्रीमियम मोबाइल फोन एप्पल के दीवाने 24 सितंबर से आईफोन 13, आईफोन 13 मिनी, आईफोन 13 प्रो और आईफोन 13 प्रो मैक्स हासिल कर सकेंगे, जिनकी शुरुआती कीमत 69,900 रुपये से शुरू है। एप्पल ने एक बयान में कहा, ”ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, जर्मनी, भारत, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और 30 से अधिक अन्य देशों तथा क्षेत्रों के ग्राहक आईफोन 13 प्रो और आईफोन 13 प्रो मैक्स का प्री-ऑर्डर दे सकते हैं, जिसकी आपूर्ति 24 सितंबर शुक्रवार से शुरू होगी।”
एप्पल ने कहा कि ग्राहक आईफोन 13 प्रो को 1,19,900 रुपये (से लेकर) में और आईफोन 13 प्रो मैक्स को 1,29,900 रुपये (से लेकर) में ऐपल के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। आईफोन 13 की कीमत 79,900 रुपये और आईफोन 13 मिनी की कीमत 69,900 रुपये है।
एप्पल ने हाल में बताया था कि भारत और लैटिन अमेरिकी जैसे बाजारों में उसने दो अंकों की मजबूत वृद्धि हासिल की है। इसके साथ ही जून तिमाही में कंपनी की आय बढ़कर 81.4 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई, जो एक रिकॉर्ड है।
एप्पल ने जून 2021 तिमाही में 21.7 अरब डॉलर की शुद्ध आय हासिल की, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 11.2 अरब डॉलर था। इस दौरान कंपनी की कुल बिक्री 59.6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 81.4 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई। ये वैश्विक आंकड़े हैं और अलग-अलग देशों के आधार पर वित्तीय आंकड़े पेश नहीं किए।

1 सैकड़ा से भी अधिक इंस्पेक्टरों के तबादले किए

हरिओम उपाध्याय     
मेरठ। मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने तबादला एक्सप्रेस चलाते हुए एक सैकड़ा से भी अधिक इंस्पेक्टरों के तबादले कर दिए हैं। थोक के भाव किए गए इंस्पेक्टरों के इन तबादलों से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
बुधवार को मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार की ओर से पिछले काफी समय से एक ही जनपद में जमा सौ से भी अधिक इंस्पेक्टरों के तबादले किए गए हैं। बड़े पैमाने पर किए गए इंस्पेक्टरों के तबादलों से विभाग में अफरा-तफरी की फैल गई है। पुलिस महानिरीक्षक ने जनपद मेरठ में तैनात इंस्पेक्टर अंजु सिंह को बागपत, अवधेश कुमार माहोर को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश मिश्र को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर बृजेश कुमार को मेरठ से हापुड, इंस्पेक्टर अशोक कुमार को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर बृजेश कुमार सिंह को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर बृजेश कुमार कुशवाहा को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर भरत लाल शाह को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर धनुष कुमारी को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर देवेश कुमार शर्मा को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह राठौर को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर इंद्रपाल सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर जनक सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर किरण पाल सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर मुकेश कुमार को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर नरेंद्र प्रसाद को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर नजीर अली खां को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर प्रहलाद सिंह यादव को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर प्रेमचंद शर्मा को मेरठ से बुलंदशहर, प्रदीप ढोडीयाल को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर ऋषि पाल शर्मा को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर रघुराज सिंह गुर्जर को मेरठ से हापुड़, इंस्पेक्टर राम संजीवन को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार त्यागी को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार यादव को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर संध्या वर्मा को मेरठ से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर सत्यवीर सिंह को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर को मेरठ से बागपत, इंस्पेक्टर योगेंद्र पाल को मेरठ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर संदीप कुमार सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर संजीव कुमार शर्मा को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर उमेश पंवार को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजेश चतुर्वेदी को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह को गाजियाबाद से हापुड, इंस्पेक्टर लक्ष्मण वर्मा को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर अनिल कुमार शाही को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर विष्णु कुमार कौशिक को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर नीरज कुमार सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर अशोक पाल सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर दलीप सिंह को गाजियाबाद से हापुड़, इंस्पेक्टर बबीता तोमर को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजीव कुमार को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर रण सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर ओमप्रकाश सिंह को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर मदन पाल को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर संजय कुमार पांडे को गाजियाबाद से हापुड़ इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह बेचारे को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को गाजियाबाद से हापुड़, इंस्पेक्टर सुनीता राणा को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर मोहम्मद असलम को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह बिष्ट को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर हरिओम सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर ओम प्रकाश आर्य को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर प्रतिभा सिंह को गाजियाबाद से मेरठ, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार को गाजियाबाद से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर शैलेंद्र मुरारी दीक्षित को गाजियाबाद से बागपत, इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार उपाध्याय को गाजियाबाद से हापुड़, इंस्पेक्टर अल्ताफ अंसारी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर आनंद कुमार गौतम को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार शर्मा को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर योगेंद्र सिंह को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर नरेश कुमार शर्मा को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर राजेश कुमार रोहिल्ला को बुलंदशहर से गाजियाबाद, जितेंद्र कुमार तिवारी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार गौड़ को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर महेश राठौर को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर ब्रजकिशोर को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर जयवीर सिंह को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र शर्मा को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार शर्मा को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर अवधेश कुमार त्रिपाठी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर राज किशोर को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर योगेंद्र कुमार को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर विवेक शर्मा को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर बच्चन सिंह को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर वेद राम को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर कटार सिंह को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर रमाकांत यादव को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर रामवीर सिंह को बुलंदशहर से मेरठ, इंस्पेक्टर योगेंद्र मलिक को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर दीक्षित कुमार त्यागी को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर धनेंद्र कुमार यादव को बुलंदशहर से हापुड़, इंस्पेक्टर ध्रुव भूषण दुबे को बुलंदशहर से हापुड, इंस्पेक्टर राजेश कुमार यादव को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर सचिन कुमार को बुलंदशहर से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर शिव प्रकाश सिंह को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर चमन प्रकाश शर्मा को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर संजीव कुमार को बागपत से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर मुनेंद्र पाल सिंह को बागपत से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर अवधेश कुमार को बागपत से मेरठ, इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा को बागपत से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर संतोष कुमार को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर कौशलेंद्र यादव को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह को हापुड़ से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह यादव को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर आदेश गौड को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सक्सेना को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर उत्तम सिंह राठौर को हापुड़ से मेरठ, इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को हापुड से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार को हापुड से बुलंदशहर, इंस्पेक्टर योगेश बालियान को हापुड से गाजियाबाद, इंस्पेक्टर अजय कुमार को हापुड़ से गाजियाबाद तथा इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह को हापुड से तबादला करते हंए बुलंदशहर भेजा गया है।

कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ा

रांची। महिला सशक्तीकरण के दौर में महिलाओं में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। वे स्वावलंबी हो रही हैं और इससे पारिवारिक आर्थिक ढांचे में सुधार भी हो रहा है। मगर इसका खमियाजा महिलाओं की सेहत को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत देश के सात बड़े शहरों में किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 'द इंडियन विमिन हेल्थ'  की वर्ष 2021 की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में कामकाजी महिलाओं की सेहत ठीक नहीं है। करीब 67 प्रतिशत महिलाएं अपनी सेहत से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करने से भी हिचकती हैं। नि:संदेह वे घुट-घुटकर अपनी व्याधियों और रोगों से मुकाबला कर रही होंगी।
 59% महिलाएं सेहत संबंधी समस्याओं से छोड़ देती हैं नौकरी
रिपोर्ट के अनुसार 22 से 55 वर्ष की उम्र की 59 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं अपनी सेहत संबंधी परेशानियों के कारण नौकरी छोड़ देती हैं। दूसरा कारण बॉस का अच्छा व्यवहार नहीं होना। 90% महिलाओं को पारिवारिक दायित्व के कारण परेशानी होती है। 52% प्रतिशत महिलाओं के पास नौकरी और फैमिली रिस्पांसिबिलिटी के साथ खुद को स्वस्थ रखने का समय नहीं मिलता।
रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाएं वर्कप्लेस पर सेहत से जुड़ी समस्याओं - पीरियड्स ब्रेस्ट कैंसर गर्भाशय समेत कई समस्याओं पर बात करने से हिचकी जाती है। महिलाओं का कहना है कि जब हमारी सेहत की बात आती है, तो 80 फ़ीसदी पुरुष सहयोगी संवेदनशील नहीं होते हैं।
दोहरा बोझ झेल रही हैं कामकाजी महिलाएं।
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ भाग्यश्री कर का कहना है कि सिर्फ लाइफस्टायल डिसॉर्डर ही नहीं बल्कि कामकाजी महिलाएं अन्य बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाती हैं। सेहत के प्रति लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है। लापरवाही की बात को नकारते हुए कविता दास नौकरी और घर के बीच सामंजस्य को मुश्किल मानती हैं। उनके अनुसार, "खुद के सेहत के लिए समय निकाल पाना मुश्किल है। खासतौर पर जब सास ससुर भी साथ रहते हैं।
 डॉ भाग्यश्री के अनुसार देश में महिलाओं में पॉलीसिस्टिस ओवेरिन सिंड्रोम यानी पीसीओएस की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. यह समस्या कामकाजी महिलाओं में ज्यादा पायी जाती है. वे कहती हैं कि पीसीओएस से ग्रस्त हो जाने पर मरीज बार-बार बीमार पड़ता है। इससे महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। दोहरी जिम्मेदारियों की बोझ के चलते तनाव एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से घिर चुकी महिलाओं को अब अपने लिए समय निकालने की जरूरत है।
महिला सशक्तीकरण के दौर में महिलाओं में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। वे स्वावलंबी हो रही हैं और इससे पारिवारिक आर्थिक ढांचे में सुधार भी हो रहा है। मगर इसका खमियाजा महिलाओं की सेहत को भुगतना पड़ रहा है। इस सीजन में दूसरी बार खोला गया कांके डैम का फाटक, खतरे के निशान पर पहुंचा पानी।
इस मानसून सीजन में कांके (गोंदा) डैम का फाटक दूसरी बार खोला गया। इसके पहले 29 जुलाई को डैम का लेबल 27 फीट क्रॉस करने पर खोला गया था। बुधवार को अहले सुबह डैम का लेबल 27.8 फीट हो जाने पर तीनों फाटक खोल दिया गया। फिलहाल डैम का लेबल 27.2 फीट पर स्थिर बना हुआ है।  डैम की क्षमता 28 फीट है, मगर साढ़े 27 क्रॉस करने पर इसे सुरक्षा के लिहाज से खोल दिया जाता है।

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया  पंकज कपूर  रामनगर। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल...