शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

कलेक्ट्रेट परिसर में सम्पन्न होगा 2021 का मतदान

हरिओम उपाध्याय            
देवरिया। जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत/जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग, उप्र लखनऊ की अधिसूचना में निर्धारित कार्यक्रमानुसार अध्यक्ष, जिला पंचायत सामान्य निर्वाचन, 2021 का मतदान तीन जुलाई को पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह तीन बजे के मध्य न्यायालय, जिला मजिस्ट्रेट कक्ष, कलेक्ट्रेट परिसर में सम्पन्न होना है। डीएम नेे बताया है कि उस दिन मतदान स्थल का 100 मीटर परिधि का क्षेत्र प्रतिबन्धित रहेगा तथा इस क्षेत्र में सिर्फ राज्य निर्वाचन आयोग, उप्र द्वारा अधिकृत व्यक्ति, निर्वाचन में लगे कर्मी, सुरक्षा कर्मी, उम्मीदवार, जिला पंचायत के सदस्यगण, ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट के अतिरिक्त वही व्यक्ति अन्दर आ सकेगें, जिन्हे अनुमति दी गई है।
उन्होंने बताया कि उप्र जिला पंचायत (अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का निर्वाचन और निर्वाचन विवादों का निपटारा) नियमावली, 1994 के बिन्दु-20 के अनुसार उम्मीदवार, सदस्य एवं अन्य ऐसे व्यक्ति जिन्हें निर्वाचन अधिकारी मतदान में अपनी सहायता के प्रयोजन के लिये लगाया गया है ही मतदान कक्ष में प्रवेश करेंगे। अन्य किसी व्यक्ति को मतदान स्थल में प्रवेश वर्जित होगा।मतदान व मतगणना परिसर में मतदाताओं (सदस्य, जिला पंचायत) का कोई भी मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस लेकर जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा। मतदान व मतगणना स्थल के प्रवेश द्वारा पर ही तलाशी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। जिससे कोई मतदाता (सदस्य, जिला पंचायत) मोबाइल लेकर प्रवेश न कर सके। ऐसी कोई सामग्री जिससे मतदान की गोपनीयता भंग होने की संभावना हो लेकर जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा।

अधिकारियों की मेहरबानी या सफेदपोशों की चापलूसी

हरिओम उपाध्याय          
हल्द्वानी। उच्च अधिकारियों की मेहरबानी कहो या फिर सफेदपोशों की चापलूसी। हल्द्वानी तहसील में एक अधिकारी का प्रमोशन होने के बाद भी वह अपनी पुराने पद की कुर्सी पर बना हुआ है। क्या तहसील में इनसे ज्यादा काबिल अधिकारी नही रहे। आपको बता दें हल्द्वानी तहसील परिसर में आरके साहब पदोउन्नति के बाद नायब तहसीलदार बन गए हैं। नायब तहसीलदार बनने के बाद भी आरके पद व ऑफिस का मोह नहीं छोड़ पा रहें हैं। 
न चार्ज छोड़ रहें हैं और न ही किसी अन्य को काम करने का मौका दे रहें है, आख़िर ऐसा क्यो। क्या है ऐसी वजह जिसके लिए वह गुणा-गणित में जुटे है।
उच्च अधिकारियों की नज़र आख़िर इन महाशय पर क्यों नहीं पड़ रही है। सूत्रों की माने तो इन महाशय की फ़ाइल खगाली जाएगी तो पता चलेगा कि अब तक इनके द्वारा आख़िर क्या क्या गुल खिलाएं गए हैं, कालाढूंगी तहसील से लेकर हल्द्वानी तहसील तक के सफर में इनकी की गई गलतियों की सजा कई कर्मचारियों को भुगतनी पड़ी थी।सूत्रों के अनुसार मीठी वाणी के धनी इन महाशय द्वारा तहसीलदार हल्द्वानी को तक गुमराह करने का काम किया जाता है।
तहसील परिसर में बने आरके ऑफिस में खतौनी की प्रतिलिपि लेने वाले लोग कम होते है और भू-माफियाओं जमात ज्यादा होती है। महाशय का व्यवहार इतना लचीला है कि प्रोपर्टी डीलर कुर्सी में बैठें होंगे और वह खुद स्टूल में बैठें मिलेंगे।
लाख शिकायतों के बाद भी इन महाशय पर अधिकारियों की अति कृपा दृष्टि आख़िर क्यों है, समझ से परे है। महाशय द्वारा कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी सांध कर रखा जाता है, ताकि अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए उनकी लेखनी को अपने हिसाब से दिशाहीन कर सकें।इन महाशय पर दो-दो भारी भरकम जिम्मेदारियां जिलाधिकारी के निर्देश पर आख़िर क्यों दी गई है। अधिकारियों की कमी है या फिर हल्द्वानी तहसील में कोई काबिल अधिकारी नहीं बचा है। वैसे तो सवालों की फेहरिस्त बहुत लंबी है।
इसी मामले पर जल्द दस्तावेजों के साथ होगी अगली ख़बर, जिसमे खुलेंगे कई चेहरो से ईमानदारी के नक़ाब, कौन-कौन है नेतानगरी में इन महाशय के आका, किस-किस अधिकारियों की चापलूसी ने इन्हें एक ही तहसील में सालों से रोका है।

जिला एसएसपी ने कांस्टेबलों के तबादले किएं: यूके

पंकज कपूर                 
हल्द्वानी। नैनीताल जिले की एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने लंबे समय से एक ही थाने और चौकी पर खूंटा गाड़ कर बैठे कांस्टेबलों के तबादले कर दिए हैं। जिले में 102 कांस्टेबलों के ट्रांसफर के आदेश जारी किए गए हैं। कई लंबे समय से तराई के थानों में किला जमा कर बैठे थे तो कई लंबे समय से पहाड़ में चढ़े हुए थे। आखिरकार लंबे समय कि वर्कआउट के बाद एसएसपी ने आज लंबे समय से थाने चौकी में तैनात इन कांस्टेबलों के तबादले के आदेश जारी कर दिए हैं।

जम्मू: 1 क्वाडकॉप्टर नजर आने के बाद गोलाबारी की

श्रीनगर। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने शुक्रवार को जम्मू के अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास पाकिस्तान से संबंधित एक क्वाडकॉप्टर (एक प्रकार का ड्रोन) नजर आने के बाद उस पर गोलाबारी की।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि जवानों ने आज सुबह करीब 04.25 बजे पाकिस्तान से संबंधित एक छोटे क्वाडकॉप्टर पर गोलाबारी की। गोलीबारी के तुरंत बाद क्वाडकॉप्टर वापस लौट गया।
उन्होंने कहा, “अरनिया सेक्टर में उड़ती हुई वस्तु आईबी को पार करने की कोशिश कर रही थी।” अधिकारी ने कहा, “गोलाबारी करने पर यह तुरंत वापस चली गई।” उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि क्वाडकॉप्टर क्षेत्र की निगरानी कर रहा था।

'टीकाकरण' के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा: राहुल

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को टीकाकरण के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें ”नफरत का मोतियाबिंद” हो गया है। वायनाड के सांसद राहुल पर तंज कसते हुए भाजपा ने यह भी सवाल किया कि एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को कब सदबुद्धि आएगी। पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि भारत में 21 जून के बाद पिछले 11 दिनों के अंदर लोगों को औसतन 62 लाख टीकों की खुराक प्रतिदिन दी गई हैं। 
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी या तो इस सच्चाई को देखना नहीं चाहते या फिर ”भ्रम फैलाना” ही कांग्रेस की अघोषित नीति बन गई है। ज्ञात हो कि केंद्र की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ” जुलाई आ गया है, वैक्सीन नहीं आयीं।
भाटिया ने दावा किया कि राहुल गांधी के इस ट्वीट को देखकर देशवासियों को बहुत दुख होगा क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार ने युद्धस्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया है। उन्होंने कहा, ”जुलाई आ गया लेकिन राहुल गांधी को यह सदबुद्धि कब आएगी कि विपक्ष की भूमिका रचनात्मक होती है? आपको सत्ता सुख भोगने की लालसा है और मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) से नफरत भी है। नफरत का मोतियाबिंद आपको सत्य से दूर क्यों कर देता है ?” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी या तो सच्चाई को देखना नहीं चाहते या फिर ”भ्रम फैलाना” ही कांग्रेस की ”अघोषित नीति” बन गई है।
विगत 21 जून को योग दिवस पर आरंभ हुए टीकाकरण अभियान के नए चरण में लोगों को दी गई टीकों की खुराक का आंकड़ा पेश करते हुए भाटिया ने कहा कि भारत ने अब तक अपने 34 करोड़ नागरिकों को टीकों का सुरक्षा कवच दिया है। उन्होंने कहा, ”पिछले 24 घंटे में टीकों की 41.60 लाख खुराक दी गई हैं जबकि 21 जून से लेकर अब तक 11 दिनों के भीतर 6.85 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। औसतन 62 लाख खुराक प्रतिदिन दी गई हैं।” उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि विश्व के कितने ऐसे देश हैं जहां प्रति दिन टीकों की इतनी खुराक दी गई है।
टीकों को लेकर सवाल उठाने और कोविड को ”मोविड” नाम देने के लिए भाटिया ने राहुल गांधी पर ”हल्की और ओछी राजनीति” करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस के नेताओं के ऐसे बयानों से महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर होती है। उन्होंने कहा, ”हल्की राजनीति करनी होती तो हम भी कह सकते थे कि ‘रोविड’ वायरस बहुत ही खतरनाक है और अंदर से भारत को खोखला करने का काम करता है। कोविड-19 रोधी टीकों के लिए भाजपा प्रवक्ता ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने बाद में टीका लगवा लिया।

पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार का पुतला फूंका

पंकज कपूर               
देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारीयों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण को यथावत रखने को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार 2 जुलाई को बुद्ध पार्क में भाजपा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्य की भाजपा सरकार का पुतला फूंका। तथा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान आप प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू ने कहा, आंदोलनकारियों की शहादत के बाद इस राज्य का गठन हुआ। हजारों लोग इस राज्य की मांग के लिए जेल तक गए। 
लेकिन आज उनको दिए अधिकार और आरक्षण पर मौजूदा सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, जिन आंदोलनकारियों को आरक्षण के तहत अलग अलग विभागों में नौकरी दी गई थी कोर्ट ने उस आरक्षण पर रोक लगाने का फैसला लिया और इस सरकार ने स्टे लेने की जगह या कानून बनाने की जगह सभी विभागों को आंदोलनकारियों को हटाने के फरमान जारी कर दिए। जो सीधे तौर पर उन शहीदों और आंदोलनकारी का अपमान है जिनकी बदौलत राज्य निर्माण का सपना साकार हुआ। समित टिक्कू ने कहा,आप किसी भी कीमत पर आंदोलनकारियों के हक को नहीं मरने देगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार में थोडी भी नैतिकता होती तो वो विधानसभा में एक विधेयक लाकर इस पर एक कानून बनाती और आंदोलनकारियों की इस समस्या का निवारण करती, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया बल्कि विभागों को इन आंदोलनकारियों को हटाने का फरमान जारी कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के 500 से 600 आंदोलनकारियों को सरकार द्वारा नोटिस भेजा जा रहा है कि हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण समाप्त कर दिया गया है तो आप लोग अब अपनी सेवाएं सरकार को नहीं दे सकते। 
जबकि 12 से ज्यादा वर्षों से ये लोग कई सरकारी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि क्या इस दिन को देखने के लिए इस राज्य की लडाई लडी गई थी कि आंदोलनकारियों के बलिदान को ही सरकार भूल जाएगी। उन्होंने कहा कि एक ओर बडे नेताओं के रिश्तेदारों को बैकडोर एंट्री से विधानसभा और अन्य विभागों में समायोजित किया जा रहा है, जबकि आंदोलनकारियों के लिए सरकार ने लडना भी मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि जिस सरकार को आंदोलनकारियों के संरक्षक की भूमिका में आगे आना चाहिए था उसी सरकार ने इनसे पीठ फेरने का काम किया है।
आप के दिग्गज नेता समित टिक्कू ने कहा कि आंदोलनकारीयों को सरकारी सेवाओं में दिये जा रहे। क्षैतिज आरक्षण का वाद वर्ष 2011 से उत्तराखंड उच्च न्यायालय में विचाराधीन था किन्तु सरकारों की असंवेदनशीलता, लापरवाही, लचर पैरवी व इच्छा शक्ति के अभाव में उच्च न्यायालय उत्तराखंड ने वर्ष 2018 मार्च में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को निरस्त कर दिया। उत्तराखंड सरकार को चाहिए था कि इस आदेश को निष्प्रभावी करने हेतु व विधानसभा में विधेयक पारित करवाकर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए कानून एक्ट बनाती या फिर उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देती पर सरकार ने ऐसा नहीं किया उल्टे वर्ष 2018 में ही उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शासनादेश जारी कर इसको समाप्त कर दिया।
आप प्रवक्ता ने कहा, आज आप पार्टी ने संकल्प लिया है कि जिन आंदोलनकारियों पर ये संकट आया है। आप पार्टी उनकी इस लडाई में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खडी है और ये संघर्ष तक तक जारी रहेगा जब तक इस लडाई का फैसला आंदोनकारियों के हक में नहीं आ जाता।
इस मौके पर श्रीकांत खण्डेलवाल, खीम सिंह बिष्ट, पुष्कर बिष्ट, दीप पांडे, रमेश कांडपाल, सचिन श्रीवास्तव, निर्मला आर्या, ममता, लक्ष्मी, राजवीर सिब्बल, उमेश, योगेश, शिवम ठाकुर, फ़ईम मिकरानी, शमी कुरेशी, नायाब, नाजिम, शानू, सचिन, रोहित, सुनील, पंकज, प्रणय आहूजा, राजकुमार, इरफ़ान, गोपाल बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

सांध्यकालीन अतिथि शिक्षकों का अनुबंध समाप्त हुआ

पंकज कपूर               
देहरादून। के विभिन्न डिग्री कालेजों में इन दिनों 177 गेस्ट टीचर अनुबंध समाप्त होने के चलते बेरोजगार हो चुके हैं। लिहाजा कोरोना काल में यह शिक्षक घर बैठने को मजबूर हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार एमबीपीजी कॉलेज सहित राज्य के 105 डिग्री कॉलेजों में तैनात 177 प्रात: और सांध्यकालीन अतिथि शिक्षकों का अनुबंध समाप्त हो चुका है। बुधवार को इन सभी शिक्षकों को कार्यमुक्त किया गया है। इनमें एमबी पीजी कॉलेज हल्द्वानी के 15 गेस्ट शिक्षक भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि विगत कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सुबह—शाम की कक्षाओं का संचालन शुरू हुआ था।इसके लिए तब 11 माह हेतु गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति की गई। शीघ्र ही सुबह—शाम वाली कक्षाओं में दिक्कतें आने लगीं तब इन शिक्षकों को भी अन्य प्राध्यापकों के साथ ड्यूटी कराई जाने लगी थी। 
हर साल 30 जून को गेस्ट शिक्षकों का अनुबंध समाप्त हो जाता है।इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर अनुसार उच्च शिक्षा निदेशालय से इन शिक्षकों का अनुबंध बढ़ाने को लेकर शासन को पत्र भेजा जाता है। अनुमति मिलने के बाद दोबारा 11 माह तक इनकी सेवाएं ली जाती हैं। इस बार 30 जून को 177 गेस्ट शिक्षकों का 11 माह का अनुबंध समाप्त हो गया है। लिहाजा राज्य के डिग्री कॉलेजों में सेवाएं दे रहे इन गेस्ट शिक्षकों का अनुबंध बढ़ाने को लेकर शासन को पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि शासन से अनुमति मिलने के बाद इनकी सेवाएं पुन: विस्तारित कर दी जायें।

विवाह बंधन: पति-पत्नी ने की फांसी लगाकर खुदखुशी

हरिओम उपाध्याय               
कन्नौज। शादी के बंधन में बंधने के 15 दिन बाद ही पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम भूड़िया निवासी संजय की शादी 18 जून को शिवांगी के साथ हुई थी। गुरूवार शाम पति-पत्नी अपने कमरे में सोने चले गए। शुक्रवार सुबह जल्दी न उठने पर परिजनों ने दरवाजा खटखटाया। इसके बाद भी दरवाजा नहीं खुला। परिजनों ने देखा तो दोनों के शव फांसी के फंदे पर लटके थे। देखते ही घर में कोहराम मच गया।परिजनों ने इसकी सूचना सदर कोतवाली पुलिस को दी। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने दोनों शवों को फांसी के फंदे से नीचे उतारा और आगे की कार्रवाई शुरूर कर दी। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल सकेगा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

मुंबई: 'कदर न जानी' का पहला पोस्टर रिलीज किया

कविता गर्ग                         
मुंबई। बॉलीवुड गायिका सोनू कक्कड़ के नये अलबम कदर न जानी का पहला पोस्टर रिलीज कर दिया गया है। सोनू कक्कड़ अल्बम क़दर न जानी को जल्द ही संगीत प्रेमियों के बीच लेकर आ रही है। इसकी जानकारी डीआरजे रिकॉर्ड्स के संचालक एवं निर्माता राज जायसवाल ने दी। राज जायसवाल ने कहा कि यह गाना बेहद शानदार और स्टाईल में बना है। जिसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है। आज इसका पहला पोस्टर सोशल मीडिया पर रिलीज कर दिया गया है।
पोस्टर पर टिक टॉक फेम अभिनेता मंजुल खट्टर हैंडसम लुक में नज़र आ रहे है। वही पंजाबी गाने से प्रसिद्धि पा चुकी अभिनेत्री रूमान अहमद का भोलाभाला अंदाज़ नज़र आ रहा है। क़दर न जानीके गीतकार और संगीतकार संजीव चतुर्वेदी है, जबकि वीडियो निर्देशक विकास के चन्डेल है।

जम्मू: मुठभेड़ के दौरान 1 जवान शहीद, 3 आतंकी मरें

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शुक्रवार को मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया और तीन आतंकवादी मारे गए। आधिकारिक सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार पुलवामा के हंजिन राजपोरा गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने गुरुवार देर रात घेराबंदी एवं तलाश अभियान शुरू किया। सुरक्षा बल के जवान जब सभी निकास बिंदुओं को सील करने के बाद एक लक्षित क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे तब आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। 
इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई।सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों की गोलीबारी में 44आरआर के दो जवान घायल हो गये जिसके बाद उनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई। मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादी भी मारे गए। मुठभेड़ जारी रहने के कारण आतंकवादी का शव बरामद नहीं किया जा सका है। सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में तीन से चार आतंकवादियों के मौजूद होने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, एहतियात के तौर पर पुलवामा में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। कानून-व्यवस्था को बिगड़ने से रोकने के लिये नजदीक के क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

जनरल वी के सिंह के खिलाफ याचिका से इनकार

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) संबंधी विवादित बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता एवं पेशे से वकील चंद्रशेखरन रमासामी की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यदि याचिकाकर्ता को मंत्री का बयान पसंद नहीं है तो वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखें और उन्हें हटाने की मांग करें। यदि मंत्री सही नहीं हैं तो प्रधानमंत्री खुद ही उन्हें हटा देंगे।
जनरल सिंह ने तमिलनाडु की यात्रा के दौरान कहा था, "आपमें से कोई नहीं जानता कि हमने कितनी बार एलएसी को पार किया है। हम घोषणा नहीं करते। चीनी मीडिया उसे कवर नहीं करती।
उन्होंने आगे कहा था कि चीन यदि 10 बार नियंत्रण रेखा पार करता है तो भारत कम से कम 50 बार ऐसा करता है।याचिकाकर्ता की दलील थी कि जनरल सिंह ने राष्ट्र के खिलाफ नफरत, अवमानना और असंतोष फैलाने वाला बयान दिया है।

योगी सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी सपा

हरिओम उपाध्याय                 
मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों पर हमले व पुलिस द्वारा उनके ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यदि सरकार जल्द ही किसानों के ऊपर दर्ज के मुकदमों को वापस नहीं लेती है तो समाजवादी पार्टी प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी। 
शुक्रवार को सपा जिला अध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पूंजीपतियों से सांठगांठ के चलते किसानों को बर्बाद करने के लिए काले कृषि कानून बनाये है। नये कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर सर्दी, गर्मी और बरसात झेलकर 7 माह से धरना दे रहे कई सौ किसान शहीद हो चुके है। लेकिन किसान विरोधी भाजपा सरकार ने राजधानी के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बार्डर पर किसानों द्वारा चलाये जा रहे धरने की समाप्ति के लिये उनसे वार्ता के बजाए उन पर हमलों का सहारा लिया है।
सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने भाजपा नेता अमित वाल्मीकि व सैकड़ाों भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भाकियू कार्यकर्ताओं व किसानों पर किये गये हमले को आंदोलन को बदनाम करने की साजिश बताते हुए किसानों पर दर्ज किए गए फर्जी मुकदमें की कड़ी भर्त्सना की है।
सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमाें को तत्काल वापस लेने और हमलावर भाजपा नेता व भाजपा कार्यकर्ताओं को जेल भेजने की मांग करते हुए कहा कि मांगे न मानने पर भाजपा सरकार के विरुद्ध सपा बड़ा आंदोलन करेगी।

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...